सोमवार, 11 जून 2012
नगर निगम में लगी आग, सारे रिकार्ड जलकर राख
मारवाड़ में मानसून एक माह बाद
मारवाड़ में मानसून एक माह बाद
जोधपुर। मारवाड़ में मानसून की बरखा के लिए अभी एक महीने इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि इस दौरान बीच-बीच में पश्चिमी राजस्थान मानसून पूर्व की बरखा से भीगता रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, केरल में मानसून की दस्तक के साथ ही हवा में नमी की मात्रा बढ़ गई है। ऎसे में अब जोधपुर का पारा भी नियंत्रित रहेगा। मारवाड़ में 10 से 15 जुलाई के आसपास मानसून दस्तक देगा।
मौसमी परिस्थितियों को देखते हुए इस महीने प्री मानसून बारिश की प्रबल संभावना है। गौरतलब है कि बीसवीं सदी में केवल आठ साल ही ऎसे गुजरे, जिसमें जून में बादल नहीं बरसे। बाकी 92 सालों में मानसून पूर्व की बौछारें पड़ी हैं। वर्ष 1917 में तो प्री मानसून बारिश से रिकार्ड तोड़ 183.1 मिलीमीटर पानी बरसा। सूर्यनगरी में बीसवीं सदी में केवल आठ साल ही सूखे गुजरे हैं। वर्ष 1903, 1919, 1921, 1947, 1968, 1985, 1990 और 1992 के जून महीने में बूंदाबांदी तक नहीं हुई।गर्मी ज्यादा नहीं सताएगीमौसम वैज्ञानिकों की बात मानें तो अब मारवाड़ का अधिकतम तापमान 42-43 डिग्री से ज्यादा नहीं होगा। अब तक अधिकतम पारा 46 डिग्री के आसपास पहुंच गया था, लेकिन अब हवा में नमी इसको नियंत्रित रखेगी। गौरतलब है कि जोधपुर में पिछले साल 7 जून को 47.8 डिग्री के साथ रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी थी। तुलनात्मक रूप से इस बार थोड़ी राहत है। पिछले साल 9 जुलाई को पहली मानसूनी बारिश हुई थी।
औसत से ज्यादा बारिश की आस
वर्तमान मौसती तंत्र में यदि कोई गड़बड़ी नहीं होती है तो इस बार मारवाड़ में औसत से ज्यादा बारिश की उम्मीद की जा सकती है। मौसम वैज्ञानिकों के अलावा मारवाड़ में जमाना जानने की परम्परा "धणी" ने भी अच्छे जमाने के संकेत दिए थे।
अनुकूल मौसमी तंत्र
वर्तमान मौसमी परिस्थितियों के लिहाज से जोधपुर में 10 से 15 जुलाई के आसपास मानसून पहुंचने की संभावना है। केरल में दस्तक के बाद हवा में बढ़ी नमी के कारण पारा भी अब कंट्रोल में रहेगा। वहीं मानसून पूर्व की बारिश के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं।
- एस.सी. पुरोहित, मौसम वैज्ञानिक एवं प्रभारी, मौसम विभाग जोधपुर
जोधपुर। मारवाड़ में मानसून की बरखा के लिए अभी एक महीने इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि इस दौरान बीच-बीच में पश्चिमी राजस्थान मानसून पूर्व की बरखा से भीगता रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, केरल में मानसून की दस्तक के साथ ही हवा में नमी की मात्रा बढ़ गई है। ऎसे में अब जोधपुर का पारा भी नियंत्रित रहेगा। मारवाड़ में 10 से 15 जुलाई के आसपास मानसून दस्तक देगा।
मौसमी परिस्थितियों को देखते हुए इस महीने प्री मानसून बारिश की प्रबल संभावना है। गौरतलब है कि बीसवीं सदी में केवल आठ साल ही ऎसे गुजरे, जिसमें जून में बादल नहीं बरसे। बाकी 92 सालों में मानसून पूर्व की बौछारें पड़ी हैं। वर्ष 1917 में तो प्री मानसून बारिश से रिकार्ड तोड़ 183.1 मिलीमीटर पानी बरसा। सूर्यनगरी में बीसवीं सदी में केवल आठ साल ही सूखे गुजरे हैं। वर्ष 1903, 1919, 1921, 1947, 1968, 1985, 1990 और 1992 के जून महीने में बूंदाबांदी तक नहीं हुई।गर्मी ज्यादा नहीं सताएगीमौसम वैज्ञानिकों की बात मानें तो अब मारवाड़ का अधिकतम तापमान 42-43 डिग्री से ज्यादा नहीं होगा। अब तक अधिकतम पारा 46 डिग्री के आसपास पहुंच गया था, लेकिन अब हवा में नमी इसको नियंत्रित रखेगी। गौरतलब है कि जोधपुर में पिछले साल 7 जून को 47.8 डिग्री के साथ रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी थी। तुलनात्मक रूप से इस बार थोड़ी राहत है। पिछले साल 9 जुलाई को पहली मानसूनी बारिश हुई थी।
औसत से ज्यादा बारिश की आस
वर्तमान मौसती तंत्र में यदि कोई गड़बड़ी नहीं होती है तो इस बार मारवाड़ में औसत से ज्यादा बारिश की उम्मीद की जा सकती है। मौसम वैज्ञानिकों के अलावा मारवाड़ में जमाना जानने की परम्परा "धणी" ने भी अच्छे जमाने के संकेत दिए थे।
अनुकूल मौसमी तंत्र
वर्तमान मौसमी परिस्थितियों के लिहाज से जोधपुर में 10 से 15 जुलाई के आसपास मानसून पहुंचने की संभावना है। केरल में दस्तक के बाद हवा में बढ़ी नमी के कारण पारा भी अब कंट्रोल में रहेगा। वहीं मानसून पूर्व की बारिश के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं।
- एस.सी. पुरोहित, मौसम वैज्ञानिक एवं प्रभारी, मौसम विभाग जोधपुर
कार पेड़ से टकराई, दो की मौत
कार पेड़ से टकराई, दो की मौत
जोधपुर। पाली रोड पर मोगड़ा के पास तेज रफ्तार कार के अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराने के कारण उसमें सवार दो युवकों की मौत तथा मां व बेटी घायल हो गए। दुर्घटना थाना (पश्चिम) प्रभारी जितेन्द्र सिंह के अनुसार सोजत सिटी (पाली) में मालियों का बड़ा बास निवासी महेन्द्र (35) पुत्र मिश्रीलाल तंवर अपनी पत्नी पुष्पा (31) व पुत्री सुधा (12) तथा दूर के रिश्ते में भांजे राकेश (27) पुत्र देवीलाल तंवर के साथ पारिवारिक कार्य से जोधपुर आए थे। कार्य समाप्ति के बाद सभी कार से घर लौट रहे थे। मोगड़ा के पास निजी कॉलेज के सामने तेज रफ्तार होने के कारण कार अनियंत्रित होकर लहराने लगी और सड़क किनारे नीम के पेड़ से जा टकराई।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के आगे वाला हिस्सा बुरी तरह पिचक गया। उसमें सवार महेन्द्र की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। जबकि अन्य तीनों गम्भीर घायल हो गए। आस-पास के लोगों ने मशक्कत के बाद उन्हें बाहर निकाला और 108 एम्बुलेंस की मदद से तीनों को मथुरादास माथुर अस्पताल रवाना किया, लेकिन राकेश की बीच रास्ते में मृत्यु हो गई। वहीं, मृतक महेन्द्र की पत्नी पुष्पा व पुत्री सुधा को भर्ती किया गया है। उधर, सूचना मिलने पर पुलिस घटनास्थल पहुंची तथा क्रेन की सहायता से कार जब्त की। जानकारी मिलने पर परिजन अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने कार्यवाही के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किए।
जोधपुर। पाली रोड पर मोगड़ा के पास तेज रफ्तार कार के अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराने के कारण उसमें सवार दो युवकों की मौत तथा मां व बेटी घायल हो गए। दुर्घटना थाना (पश्चिम) प्रभारी जितेन्द्र सिंह के अनुसार सोजत सिटी (पाली) में मालियों का बड़ा बास निवासी महेन्द्र (35) पुत्र मिश्रीलाल तंवर अपनी पत्नी पुष्पा (31) व पुत्री सुधा (12) तथा दूर के रिश्ते में भांजे राकेश (27) पुत्र देवीलाल तंवर के साथ पारिवारिक कार्य से जोधपुर आए थे। कार्य समाप्ति के बाद सभी कार से घर लौट रहे थे। मोगड़ा के पास निजी कॉलेज के सामने तेज रफ्तार होने के कारण कार अनियंत्रित होकर लहराने लगी और सड़क किनारे नीम के पेड़ से जा टकराई।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के आगे वाला हिस्सा बुरी तरह पिचक गया। उसमें सवार महेन्द्र की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। जबकि अन्य तीनों गम्भीर घायल हो गए। आस-पास के लोगों ने मशक्कत के बाद उन्हें बाहर निकाला और 108 एम्बुलेंस की मदद से तीनों को मथुरादास माथुर अस्पताल रवाना किया, लेकिन राकेश की बीच रास्ते में मृत्यु हो गई। वहीं, मृतक महेन्द्र की पत्नी पुष्पा व पुत्री सुधा को भर्ती किया गया है। उधर, सूचना मिलने पर पुलिस घटनास्थल पहुंची तथा क्रेन की सहायता से कार जब्त की। जानकारी मिलने पर परिजन अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने कार्यवाही के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किए।
हाई कोर्ट ने पत्नी से अलग हुए पतियों को दिया बड़ा झटका
मुंबई.बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि किसी अन्य पुरुष से नाजायज संबंध रखने वाली विवाहित महिला अगर दूसरे आदमी के साथ रहना छोड़ देती है और अगर वह गरीब है और उसकी आमदनी का कोई जरिया नहीं है तो इन हालात में वह अपने पति से भरण पोषण के लिए भत्ते की मांग कर सकती है।
हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच में जस्टिस ए वी निर्गुणे ने 1993 के एक मामले में यह फैसला दिया है। उन्होंने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए पति द्वारा दायर अपील को खारिज कर दी। पति ने कहा था कि उसकी पत्नी एक दूसरे आदमी के साथ रह रही थी इसलिए उस पर भत्ता देने की जिम्मेदारी नहीं है।
मामले के अनुसार अहमदनगर के निवासी मयंक काम्बले (51) का विवाह 1987 में हुआ था। काम्बले की पत्नी ने 1991 में अपनी एकमात्र बेटी के साथ उसका घर छोड़ दिया और गुजारा भत्ते की मांग करने वाली याचिका पारिवारिक अदालत में दायर की। अदालत ने 1993 में उसके पक्ष में फैसला दिया।
काम्बले ने इस फैसले का पालन करते हुए 1997 तक भत्ता दिया, लेकिन एक दिन चुपके से तलाक की अर्जी दाखिल कर दी। एक साल बाद काम्बले को अदालत ने मामला एक्स पार्टी ( एक पक्षीय फैसला) घोषित कर दिया। इन सब बातों से अंजान उसकी पत्नी को यह पता नहीं चल पाया कि उसकी इच्छा के विपरीत उसका तलाक हो गया है। सितम्बर 2006 में यानी तलाक के नौ साल बाद उसने तलाक के फैसले को चुनौती दी और गुजारा भत्ते की मांग की। अदालत ने तलाक के निर्णय संबंधी याचिका देरी के आधार पर खारिज कर दी पर गुजारा भत्ता मिलने पर सहमति जताई।
साल 2007 में काम्बले ने परिवार अदालत में अर्जी दी कि भत्ता देने का आदेश रद्द किया जाए क्योंकि साल 1997-98 से उसकी पत्नी किसी दूसरे आदमी के साथ रह रही थी। यह व्यक्ति विधुर था और उसके दो बच्चे भी थे। हालांकि इस आदमी की बाद में मौत हो गई।काम्बले ने अदालत में तर्क दिया कि उसकी पूर्व पत्नी की दोबारा शादी हो गई इसलिए भत्ता देने का दायित्व उसका नहीं बनता। पर अदालत ने यह कह कर उसकी अपील खारिज कर दी कि वह यह साबित नहीं कर सका कि उसकी पत्नी का विवाह दोबारा हुआ था। किसी के साथ रहना विवाह का प्रमाण नहीं हो सकता, इसलिए उसे अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देना होगा। काम्बले ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। जस्टिस निगुर्णे ने मामले की सुनवाई के बाद निर्णय में कहा कि पत्नी जिसके साथ रह रही थी, उसकी मौत के बाद यह स्थिति खत्म हो गई । आशय यह कि व्यभिचार नहीं रहा और अगर वह निर्धन है एवं उसकी आमदनी का कोई जरिया नहीं है तो वह अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता पाने की अधिकार रखती है।
49 कार्टन शराब बरामद
49 कार्टन शराब बरामद
सांचौर। नेशनल हाइवे पन्द्रह पर गुजरात की ओर जा रहे एक मिनी ट्रक से पुलिस ने 49 कर्टन शराब बरामद कर दो जनों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने कमालपुरा सरहद में नेशनल हाइवे पन्द्रह पर नाकाबंदी की। नाकाबंदी के दौरान सिवाड़ा की ओर से आ रहे एक मिनी ट्रक को रूकवाकर तलाश ली। मिनी ट्रक के केबिन व बॉडी के बीच में बने बॉक्स में 49 कर्टन अवैध शराब मिली।
पुलिस ने अवैध शराब जब्त कर ट्रक चालक हेमागुड़ा निवासी पीराराम पुत्र भागीरथराम नाई व सावलोर निवासी पप्पुराम पुत्र बाबूलाल नाई को गिरफ्तार किया।
सांचौर। नेशनल हाइवे पन्द्रह पर गुजरात की ओर जा रहे एक मिनी ट्रक से पुलिस ने 49 कर्टन शराब बरामद कर दो जनों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने कमालपुरा सरहद में नेशनल हाइवे पन्द्रह पर नाकाबंदी की। नाकाबंदी के दौरान सिवाड़ा की ओर से आ रहे एक मिनी ट्रक को रूकवाकर तलाश ली। मिनी ट्रक के केबिन व बॉडी के बीच में बने बॉक्स में 49 कर्टन अवैध शराब मिली।
पुलिस ने अवैध शराब जब्त कर ट्रक चालक हेमागुड़ा निवासी पीराराम पुत्र भागीरथराम नाई व सावलोर निवासी पप्पुराम पुत्र बाबूलाल नाई को गिरफ्तार किया।
संदिग्धावस्था में मिला आबकारी एलडीसी का शव
संदिग्धावस्था में मिला आबकारी एलडीसी का शव
पोकरण। कस्बे के अंबेडकर सर्किल के पास पुराने उपकोषागार के पीछे एक पत्थर की पट्टी पर संदिग्धावस्था में एक व्यक्ति का शव पुलिस ने बरामद किया है। जिसकी पहचान स्थानीय आबकारी विभाग में कनिष्ठ लिपिक रामसिंह (45) के रूप में की गई है।
पुलिस के अनुसार रविवार की शाम पुराने उपकोषागार के पीछे एक अधेड़ का शव पड़े होने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस उपअधीक्षक विपिनकुमार शर्मा, थानाधिकारी रमेशकुमार शर्मा ने पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। पूछताछ करने पर जानकारी मिली कि मृत व्यक्ति आबकारी विभाग में कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत था। जिसका नाम रामसिंह है।
जिसकी सूचना स्थानीय आबकारी विभाग को दी गई। आबकारी निरीक्षक प्रदीपकुमार विश्Aोई ने मौके पर पहुंचकर मृत लिपिक की शिनाख्त की। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। पुलिस उसकी मौत के कारणों की जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार मृतक का शव कड़ी धूप में पड़ा मिला है। जिससे फिलहाल उसकी भीषण गर्मी के कारण मौत की आशंका जताई जा रही है।
पोकरण। कस्बे के अंबेडकर सर्किल के पास पुराने उपकोषागार के पीछे एक पत्थर की पट्टी पर संदिग्धावस्था में एक व्यक्ति का शव पुलिस ने बरामद किया है। जिसकी पहचान स्थानीय आबकारी विभाग में कनिष्ठ लिपिक रामसिंह (45) के रूप में की गई है।
पुलिस के अनुसार रविवार की शाम पुराने उपकोषागार के पीछे एक अधेड़ का शव पड़े होने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस उपअधीक्षक विपिनकुमार शर्मा, थानाधिकारी रमेशकुमार शर्मा ने पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। पूछताछ करने पर जानकारी मिली कि मृत व्यक्ति आबकारी विभाग में कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत था। जिसका नाम रामसिंह है।
जिसकी सूचना स्थानीय आबकारी विभाग को दी गई। आबकारी निरीक्षक प्रदीपकुमार विश्Aोई ने मौके पर पहुंचकर मृत लिपिक की शिनाख्त की। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। पुलिस उसकी मौत के कारणों की जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार मृतक का शव कड़ी धूप में पड़ा मिला है। जिससे फिलहाल उसकी भीषण गर्मी के कारण मौत की आशंका जताई जा रही है।
जीप की चपेट में आने से बालक की मौत
फलसूण्ड। जोधपुर सड़क मार्ग पर शनिवार दोपहर को जीप की चपेट में आने से एक बालक की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार जोधपुर की तरफ से आ रही एक जीप ने गांव चांदनी मेघासर के पास गांव के निवासी जेफूखां (15) पुत्र लदेखां को राह चलते टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस संबंध में अभी तक पुलिस में किसी प्रकार का मामला दर्ज नहीं करवाया गया है।
फलसूण्ड। जोधपुर सड़क मार्ग पर शनिवार दोपहर को जीप की चपेट में आने से एक बालक की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार जोधपुर की तरफ से आ रही एक जीप ने गांव चांदनी मेघासर के पास गांव के निवासी जेफूखां (15) पुत्र लदेखां को राह चलते टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस संबंध में अभी तक पुलिस में किसी प्रकार का मामला दर्ज नहीं करवाया गया है।
"जानवर" से बदत्तर जी रहा है "इंसान"
"जानवर" से बदत्तर जी रहा है "इंसान"
बाड़मेर। बालोतरा-सिवाना का मुख्य मार्ग। नाकोड़ा, आसोतरा, जसोल से जुड़ा होने से व्यस्ततम मार्ग। यहां आने जाने वाले हजारों लोगों को रोज एक इंसान नजर आता है। नंगे बदन भरी दुपहरी में तपता,तड़पता और तरसता। हजारों निगाहें इसे देखती है लेकिन "इनायत" किसी किसी की। मानसिक विक्षिप्तों को बेडियों से मुक्त करवाने, जरूरतमंदों की मदद करने और बेसहारों की हरसंभव सहायता करने के दावा करने वाले तमाम प्रशासनिक अधिकारी भी इस मार्ग से गुजरते है, लेकिन ध्यान कोई नहीं देता। लिहाजा यह जिंदगी पशुओं से बदत्तर जीवन जीने को मजबूर है।
ऎसा आज से नहीं है। पांच-छह साल से यह मानसिक विक्षिप्त इस जगह पर बैठा है। दिमागी संतुलन खो चुके इस व्यक्ति ने इस जगह को नहीं छोड़ा है। पांच साल में जोरदार बारिश, कड़ाके की सर्दी और कड़ी धूप, आंधी, लू तमाम मौसम बीते है, लेकिन इसने ठौर नहीं बदली है।
कुछ इतनी मदद
बताते है कि कुछ धार्मिक प्रवृत्ति व मानवीयता रखने वाले लोग इसको पानी पिलाने और खाना खिलाने का ध्यान रखत है। कपड़े पहनाने के जतन हुए लेकिन इसने विफल कर दिया। वहीं ऎसे मानसिक विक्षिप्त जो सालों से जंगलों में बंधे थे उनको छुड़वाया और उपचार के लिए भेजा। दर्जनों को उपचार मिला और वे ठीक हो गए। इससे काफी राहत मिली थी। इन दिनों फिर ऎसे लोग बड़ी संख्या में नजर आ रहे है। इनको उपचार की दरकार है।
यह ठीक नहीं
शहर के व्यस्त मार्ग पर एक व्यक्ति नंगे बदन पांच सालों से बैठा है और हर आने जाने वालों को नजर आता है तो यह ठीक नहीं है। यह इंसानियत की तौहीन है। इसको लेकर किसी भी स्तर पर प्रयास होना चाहिए। ऎसी संस्थाएं जहां इन लोगों की मदद होती है पता लगाकर इसको भिजवाया जाए।
- एडवोकेट पुरूषोत्तम सोलंकी,
समाजसेवी
नजर ही नहीं आया
हमें तो आज तक नजर नहीं आया। न नगरपालिका या किसी व्यक्ति ने शिकायत की है। जानकारी मिली तो व्यवस्था करेंगे।
- कमलेश अंबूसरिया,
उपखण्ड अधिकारी बालोतरा
बाड़मेर। बालोतरा-सिवाना का मुख्य मार्ग। नाकोड़ा, आसोतरा, जसोल से जुड़ा होने से व्यस्ततम मार्ग। यहां आने जाने वाले हजारों लोगों को रोज एक इंसान नजर आता है। नंगे बदन भरी दुपहरी में तपता,तड़पता और तरसता। हजारों निगाहें इसे देखती है लेकिन "इनायत" किसी किसी की। मानसिक विक्षिप्तों को बेडियों से मुक्त करवाने, जरूरतमंदों की मदद करने और बेसहारों की हरसंभव सहायता करने के दावा करने वाले तमाम प्रशासनिक अधिकारी भी इस मार्ग से गुजरते है, लेकिन ध्यान कोई नहीं देता। लिहाजा यह जिंदगी पशुओं से बदत्तर जीवन जीने को मजबूर है।
ऎसा आज से नहीं है। पांच-छह साल से यह मानसिक विक्षिप्त इस जगह पर बैठा है। दिमागी संतुलन खो चुके इस व्यक्ति ने इस जगह को नहीं छोड़ा है। पांच साल में जोरदार बारिश, कड़ाके की सर्दी और कड़ी धूप, आंधी, लू तमाम मौसम बीते है, लेकिन इसने ठौर नहीं बदली है।
कुछ इतनी मदद
बताते है कि कुछ धार्मिक प्रवृत्ति व मानवीयता रखने वाले लोग इसको पानी पिलाने और खाना खिलाने का ध्यान रखत है। कपड़े पहनाने के जतन हुए लेकिन इसने विफल कर दिया। वहीं ऎसे मानसिक विक्षिप्त जो सालों से जंगलों में बंधे थे उनको छुड़वाया और उपचार के लिए भेजा। दर्जनों को उपचार मिला और वे ठीक हो गए। इससे काफी राहत मिली थी। इन दिनों फिर ऎसे लोग बड़ी संख्या में नजर आ रहे है। इनको उपचार की दरकार है।
यह ठीक नहीं
शहर के व्यस्त मार्ग पर एक व्यक्ति नंगे बदन पांच सालों से बैठा है और हर आने जाने वालों को नजर आता है तो यह ठीक नहीं है। यह इंसानियत की तौहीन है। इसको लेकर किसी भी स्तर पर प्रयास होना चाहिए। ऎसी संस्थाएं जहां इन लोगों की मदद होती है पता लगाकर इसको भिजवाया जाए।
- एडवोकेट पुरूषोत्तम सोलंकी,
समाजसेवी
नजर ही नहीं आया
हमें तो आज तक नजर नहीं आया। न नगरपालिका या किसी व्यक्ति ने शिकायत की है। जानकारी मिली तो व्यवस्था करेंगे।
- कमलेश अंबूसरिया,
उपखण्ड अधिकारी बालोतरा
'साहब, वो मेरी पत्नी को बंधक बनाकर प्रताड़ित कर रहे हैं'
बाड़मेर.बाड़मेर निवासी लक्ष्मणाराम जाट ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप पत्नी को बंधक बनाकर उसे प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया।
ज्ञापन में बताया कि 23 मई को अहमदाबाद में उसने मेरिज एक्ट के तहत लीलसर निवासी झीमो बाई पुत्री भंवराराम जाट से विवाह किया। अगले दिन वे गाड़ी से अहमदाबाद आ रहे थे। इस बीच रास्ते में गांधव पुल के पास अज्ञात लोगों ने हमला कर पत्नी को बंधक बनाकर साथ ले गए। लक्ष्मणाराम जाट ने बताया कि उसे पता चला है कि उसकी पत्नी जेठाराम व अमरा राम के पास है तथा उसे प्रताड़ित किया जा रहा है।
उसने जिला प्रशासन से पत्नी का पता लगाने की मांग की है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने चौहटन एसएचओ को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
ज्ञापन में बताया कि 23 मई को अहमदाबाद में उसने मेरिज एक्ट के तहत लीलसर निवासी झीमो बाई पुत्री भंवराराम जाट से विवाह किया। अगले दिन वे गाड़ी से अहमदाबाद आ रहे थे। इस बीच रास्ते में गांधव पुल के पास अज्ञात लोगों ने हमला कर पत्नी को बंधक बनाकर साथ ले गए। लक्ष्मणाराम जाट ने बताया कि उसे पता चला है कि उसकी पत्नी जेठाराम व अमरा राम के पास है तथा उसे प्रताड़ित किया जा रहा है।
उसने जिला प्रशासन से पत्नी का पता लगाने की मांग की है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने चौहटन एसएचओ को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
सेना के पूर्व अफसर ने पहले दो बेटों और बीवी को मारा और फिर अपनी जान ले ली
कैलिफोर्निया. देश से भागकर अमेरिका में रह रहे एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने अपने परिवार को मौत के घाट उतारकर खुद की भी जान ले ली। यह सनसनीखेज वारदात कैलिफोर्निया में हुई है। कश्मीर में वकील की हत्या के मामले में 16 साल से वांछित पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर अवतार सिंह ने अपने दो बेटों और पत्नी की हत्या के बाद आत्महत्या कर ली। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, 47 साल के अवतार ने शनिवार सुबह छह बजे फोन कर बताया कि उन्होंने अपने परिवार की हत्या कर दी है और अब वह आत्महत्या करने जा रहे हैं। इसके बाद अधिकारियों फोन करके अवतार सिंह को समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
पुलिस के विशेष दस्ते ‘स्वाट’ ने अवतार सिंह के घर का रोबोट से मुआयना कराया और फिर खुद अंदर दाखिल हुई। पुलिस को अवतार सिंह, उनकी पत्नी और तीन व पंद्रह साल के दो लड़कों के शव मिले। मौके पर 17 वर्ष का एक अन्य लड़का भी घायल अवस्था में मिला, जिसे अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
1996 में भारत से भाग गया था अमेरिका
भारतीय सेना में मेजर रहे अवतार सिंह पर 1996 में मानवाधिकार मामलों के वकील जलील अंद्राबी की श्रीनगर में हत्या करने का आरोप था। जलील का शव झेलम नदी में पड़ा मिला था। जलील को राष्ट्रीय राइफल्स ने गिरफ्तार किया था और पकड़े जाने के एक दिन बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप के बाद अवतार सिंह अमेरिका भाग गए थे, जहां पर वह ट्रांसपोर्ट कंपनी चला रहे थे। अवतार सिंह ने फरवरी 2011 में भी पत्नी की हत्या का प्रयास किया था। उनकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि सिंह ने गला घोटकर उन्हें मारने की कोशिश की थी। इसके बाद कैलिफोर्निया पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इस घटना के कुछ दिन बाद भारतीय अधिकारियों ने अवतार सिंह को प्रत्यर्पित किए जाने की मांग की थी। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि प्रत्यर्पण की मांग के बावजूद अवतार सिंह पुलिस की गिरफ्त से बाहर कैसे रहे।
पुलिस के विशेष दस्ते ‘स्वाट’ ने अवतार सिंह के घर का रोबोट से मुआयना कराया और फिर खुद अंदर दाखिल हुई। पुलिस को अवतार सिंह, उनकी पत्नी और तीन व पंद्रह साल के दो लड़कों के शव मिले। मौके पर 17 वर्ष का एक अन्य लड़का भी घायल अवस्था में मिला, जिसे अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
1996 में भारत से भाग गया था अमेरिका
भारतीय सेना में मेजर रहे अवतार सिंह पर 1996 में मानवाधिकार मामलों के वकील जलील अंद्राबी की श्रीनगर में हत्या करने का आरोप था। जलील का शव झेलम नदी में पड़ा मिला था। जलील को राष्ट्रीय राइफल्स ने गिरफ्तार किया था और पकड़े जाने के एक दिन बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप के बाद अवतार सिंह अमेरिका भाग गए थे, जहां पर वह ट्रांसपोर्ट कंपनी चला रहे थे। अवतार सिंह ने फरवरी 2011 में भी पत्नी की हत्या का प्रयास किया था। उनकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि सिंह ने गला घोटकर उन्हें मारने की कोशिश की थी। इसके बाद कैलिफोर्निया पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इस घटना के कुछ दिन बाद भारतीय अधिकारियों ने अवतार सिंह को प्रत्यर्पित किए जाने की मांग की थी। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि प्रत्यर्पण की मांग के बावजूद अवतार सिंह पुलिस की गिरफ्त से बाहर कैसे रहे।
सात समन्दर पार से अर्जुनिंसंह कर रहे हैं मातृभूमि का कीर्तिगान
राम कुंड मंदिर - जैसलमेर
राम कुंड मंदिर - जैसलमेर
राम कुंड मंदिर में भगवान राम के अतिरिक्त गणेश, महिषासुर और भैरों की प्रतिमाएं भी हैजैसलमेर से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रामकुंड मंदिर यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। काक नदी के तट पर स्थित यह मंदिर रामगढ़ मार्ग पर स्थित है। यह मंदिर भगवान राम को समर्पित्ा है। प्रत्येक वर्ष काफी संख्या में श्रद्धालु यहां पर भगवान राम के दर्शन के लिए विशेष रूप से आते हैं।
निर्माण
राम कुंड मंदिर का निर्माण महरावल अमर सिंह की पत्नी मनसुखी देवी ने करवाया था। इस मंदिर का निर्माण सन् 1659-1701 ई. में करवाया गया था। अमर सिंह के समय एक संत यहां पर रहते थे। जिनका नाम अनंत राम था और वह महरावल के गुरू थे।
प्रतिमा
मंदिर की दीवारों पर कई लेख लिखे हुए है। इसके अलावा, मंदिर की बाहरी दीवारों पर गोवर्धन स्तम्भ स्थित है। इन स्तम्भों को अठाहरवीं शताब्दी में मंदिर के परिसर में जोड़ा गया था। राम कुंड मंदिर में भगवान राम के अतिरिक्त गणेश, महिषासुर और भैरों की प्रतिमाएं भी है। मंदिर में सन् 1988 ई. में भगवान राम और लक्ष्मण की नई मूर्तियां स्थापित की गई थी।
निर्माण
राम कुंड मंदिर का निर्माण महरावल अमर सिंह की पत्नी मनसुखी देवी ने करवाया था। इस मंदिर का निर्माण सन् 1659-1701 ई. में करवाया गया था। अमर सिंह के समय एक संत यहां पर रहते थे। जिनका नाम अनंत राम था और वह महरावल के गुरू थे।
प्रतिमा
मंदिर की दीवारों पर कई लेख लिखे हुए है। इसके अलावा, मंदिर की बाहरी दीवारों पर गोवर्धन स्तम्भ स्थित है। इन स्तम्भों को अठाहरवीं शताब्दी में मंदिर के परिसर में जोड़ा गया था। राम कुंड मंदिर में भगवान राम के अतिरिक्त गणेश, महिषासुर और भैरों की प्रतिमाएं भी है। मंदिर में सन् 1988 ई. में भगवान राम और लक्ष्मण की नई मूर्तियां स्थापित की गई थी।
रविवार, 10 जून 2012
पाकिस्तान में पांच लड़कियों से गैंगरेप
पाकिस्तान में पांच लड़कियों से गैंगरेप
लाहौर [एजेंसी] पाकिस्तान के पंजाब बोर्डर मिलिट्री पुलिस के कर्मियों द्वारा पांच लड़कियों से गैंगरेप करने का मामला सामने आया है ! ये मामला इतना गरमा चुका है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पंजाब सरकार को इस सिलसिले में फौरन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दे दिया है। इस घटना से जुड़े तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन हैरत की बात यह है कि सशस्त्र कबायली लोगों ने उन्हें फोर्ट मुनरो पुलिस थाने से छुड़ा लिया। प्राथमिक जांच के बाद बीएमपी ने तीनों को सस्पेंड कर दिया है।
जिन महिलाओं से बलात्कार किया गया है, उनकी उम्र 20 साल के आसपास है। फोर्ट मुनरो घूमने के लिए यह पांचों महिलाएं एक पुरुष रिश्तेदार के साथ लाहौर के इस इलाके में आई थी। उन्होंने बताया कि बीएमपी कर्मियों ने उन्हें चौकी पर रोक लिया और रिजॉर्ट के एक पुलिस थाने में उनसे बलात्कार किया।
अधिकारियों ने बताया कि लाहौर से करीब 250 किलोमीटर दूर सुलेमान रेंज कबायली इलाके में स्थित फोर्ट मुनरो पर्यटन रिजॉर्ट में बृहस्पतिवार को यह घटना हुई। इस कबायली क्षेत्र में तैनात बीएमपी एक विशेष बल है। यह इलाका डेरा गाजी खान जिले का हिस्सा है।
बीएमपी कमांडेंट को महिलाओं द्वारा शिकायत किए जाने के बाद अधिकारियों ने बीएमपी के तीन कर्मियों और दो लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया, जो कथित तौर पर इस घटना में शामिल हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, बीएमपी कमांडेंट ने इलाके का दौरा तो किया लेकिन उन्हें घटना की जांच करने की इजाजत नहीं दी गई थी।
राष्ट्रपति के संज्ञान लेने और निर्देश देने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने डेरा गाजी खान जिले के कमिश्नर को इस घटना की जांच करने का आदेश दिया गया है।
तेल की धार से आएगी रेगिस्तान में बहार!
राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित रेगिस्तानी इलाके की अब तकदीर बदल सकती है। यहां निकली तेल की धार से विकास को नई गति मिलने की संभावना बन रही है। लेकिन इसके लिए यहां तेल शोधन कारखानों को विकसित और आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार को अपने प्रयास तेज करने होंगे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल में दिल्ली यात्रा के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी से मुलाकात की। इससे लगने लगा है कि यहां रिफाइनरी स्थापना की दिशा में कुछ कदम बढ़ाए गए हैं। रेड्डी ने आश्वासन दिया है कि रिफाइनरी स्थापित करने के संबंध में जल्द फैसला लिया जाएगा। केंद्र की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति रिफाइनरी संबंधी प्रस्ताव का परीक्षण कर रही है और सरकारी क्षेत्र की तेल कंपनी ओएनजीसी एवं एचपीसीएल के साथ भी बातचीत हो रही है।
ओएनजीसी एवं ऑयल इंडिया के अलावा केयर्न एनर्जी, फोकस एनर्जी, ईएनआई, एचओसी, गेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी दिग्गज कंपनियां राज्य में तेल अन्वेषण का कार्य कर रही हैं। दिसंबर, 2008 से मार्च 2012 तक की अवधि में 134 कुओं की खुदाई के साथ अब तक 256 कुओं की खुदाई की जा चुकी है। अब 4 कुओं की खुदाई का कार्य प्रगति पर है। अब तक प्रदेश में 25 तेल एवं गैस क्षेत्र (फील्ड) की खुदाई की गई। इन खोजों के द्वारा राजस्थान में तकरीबन 48 करोड़ टन खनिज तेल के भंडार का अनुमान लगाया गया है। साथ ही 30 से 60 हजार लाख घन मीटर प्राकृतिक गैस के भंडार का अनुमान है। मंगला क्षेत्र की खोज पिछले 2 दशकों में सबसे बड़ी खोज मानी गई है। केयर्न एनर्जी के ताजा आकलन के अनुसार बाड़मेर सांचोर बेसिन के अंकन्वेंशनल एवं टाइट रिजर्वोयर के अन्वेषण में 90 करोड़ टन (6.5 अरब बैरल) तेल के भंडार का पता चला है।
बाड़मेर-सांचोर बेसिन के मंगला तेल क्षेत्र से खनिज तेल का उत्पादन 29 अगस्त, 2009 से आरंभ हो गया था और इस साल मार्च तक 8.697 करोड़ बैरल कच्चे तेल का उत्पादन किया जा चुका है। जैसलमेर बेसिन से प्राकृतिक गैस का उत्पादन वर्ष 1994 से जारी है तथा शाहगढ़ (जैसलमेर) क्षेत्र में एसजीएल फील्ड से प्राकृतिक गैस का उत्पादन शुरू हो गया है। केयर्न इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल धीर के अनुसार, राजस्थान में केयर्न और ओएनजीसी के संयुक्त उद्यम से रोजाना 1.75 लाख बैरल तेल का उत्पादन शुरू हो गया है। धीर के अनुसार राजस्थान का तेल उत्पादन देश को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गत वर्ष केयर्न की और से किये गए तेल उत्पादन के कारण 6 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत हुई तथा देश के राजकोष में 2.4 अरब डॉलर का योगदान हुआ है। तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने राज्य में बीकानेर कोल बेड मीथेन अनुसंधान केंद्र के लिए 3.72 करोड़ रुपये का अनुदान मंजूर किया है। जिसके अन्तर्गत लगभग 11 हजार वर्ग किमी क्षेत्र को कोल बेड मीथेन अनुसंधान हेतु चिह्नित किया जाएगा और इसके लिए 4 कोरहोल की खुदाई की जायेगी। बीकानेर क्षेत्र में लगभग 95 करोड़ घन मीटर कोल बेड मीथेन के भंडार की संभावना है। राजस्थान को मिला मजबूत आर्थिक आधार
राज्य सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि यहां रिफाइनरी स्थापना की दिशा में काम तेज हो गए हैं। केंद्र ने राजस्थान के हितों के संरक्षण का भी भरोसा दिलाया है। राज्य सरकार के आर्थिक विकास का आधार तेल क्षेत्र बनेगा इसकी बानगी यह है कि दिसंबर, 2008 से मार्च, 2012 तक इस क्षेत्र से 5 हजार 436 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ेगा इस आय में और बढ़ोतरी होगी। राज्य के इस मरुस्थली क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक बदलाव के साथ प्रदेश को मजबूत आर्थिक आधार देने में यह क्षेत्र विशेष योगदान दे रहा है।
ओएनजीसी एवं ऑयल इंडिया के अलावा केयर्न एनर्जी, फोकस एनर्जी, ईएनआई, एचओसी, गेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी दिग्गज कंपनियां राज्य में तेल अन्वेषण का कार्य कर रही हैं। दिसंबर, 2008 से मार्च 2012 तक की अवधि में 134 कुओं की खुदाई के साथ अब तक 256 कुओं की खुदाई की जा चुकी है। अब 4 कुओं की खुदाई का कार्य प्रगति पर है। अब तक प्रदेश में 25 तेल एवं गैस क्षेत्र (फील्ड) की खुदाई की गई। इन खोजों के द्वारा राजस्थान में तकरीबन 48 करोड़ टन खनिज तेल के भंडार का अनुमान लगाया गया है। साथ ही 30 से 60 हजार लाख घन मीटर प्राकृतिक गैस के भंडार का अनुमान है। मंगला क्षेत्र की खोज पिछले 2 दशकों में सबसे बड़ी खोज मानी गई है। केयर्न एनर्जी के ताजा आकलन के अनुसार बाड़मेर सांचोर बेसिन के अंकन्वेंशनल एवं टाइट रिजर्वोयर के अन्वेषण में 90 करोड़ टन (6.5 अरब बैरल) तेल के भंडार का पता चला है।
बाड़मेर-सांचोर बेसिन के मंगला तेल क्षेत्र से खनिज तेल का उत्पादन 29 अगस्त, 2009 से आरंभ हो गया था और इस साल मार्च तक 8.697 करोड़ बैरल कच्चे तेल का उत्पादन किया जा चुका है। जैसलमेर बेसिन से प्राकृतिक गैस का उत्पादन वर्ष 1994 से जारी है तथा शाहगढ़ (जैसलमेर) क्षेत्र में एसजीएल फील्ड से प्राकृतिक गैस का उत्पादन शुरू हो गया है। केयर्न इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल धीर के अनुसार, राजस्थान में केयर्न और ओएनजीसी के संयुक्त उद्यम से रोजाना 1.75 लाख बैरल तेल का उत्पादन शुरू हो गया है। धीर के अनुसार राजस्थान का तेल उत्पादन देश को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गत वर्ष केयर्न की और से किये गए तेल उत्पादन के कारण 6 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत हुई तथा देश के राजकोष में 2.4 अरब डॉलर का योगदान हुआ है। तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने राज्य में बीकानेर कोल बेड मीथेन अनुसंधान केंद्र के लिए 3.72 करोड़ रुपये का अनुदान मंजूर किया है। जिसके अन्तर्गत लगभग 11 हजार वर्ग किमी क्षेत्र को कोल बेड मीथेन अनुसंधान हेतु चिह्नित किया जाएगा और इसके लिए 4 कोरहोल की खुदाई की जायेगी। बीकानेर क्षेत्र में लगभग 95 करोड़ घन मीटर कोल बेड मीथेन के भंडार की संभावना है। राजस्थान को मिला मजबूत आर्थिक आधार
राज्य सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि यहां रिफाइनरी स्थापना की दिशा में काम तेज हो गए हैं। केंद्र ने राजस्थान के हितों के संरक्षण का भी भरोसा दिलाया है। राज्य सरकार के आर्थिक विकास का आधार तेल क्षेत्र बनेगा इसकी बानगी यह है कि दिसंबर, 2008 से मार्च, 2012 तक इस क्षेत्र से 5 हजार 436 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ेगा इस आय में और बढ़ोतरी होगी। राज्य के इस मरुस्थली क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक बदलाव के साथ प्रदेश को मजबूत आर्थिक आधार देने में यह क्षेत्र विशेष योगदान दे रहा है।
बंदरों को भी आकर्षित करती हैं महिलाएं
दो महिला पायलटों ने बचाई 48 यात्रियों की जान
गुवहाटी. दो महिला पायलटों की सूझबूझ से सिल्चर हवाई अड्डे से गुवाहाटी के लिए उड़े एयर इंडिया विमान में सवार 48 यात्रियों की जान बच गई।
दरअसल, रविवार को एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) ने लैंडिग के समय पाया कि विमान का अगला पहिया गायब था। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अधिकारियों ने कहा, 'लैडिंग से पहले जब विमान का निरीक्षण किया गया तो एटीसी ने पाया कि विमान के अगले दो पहिए में से एक गायब है। इसकी सूचना तुरंत पायलटों को दी गई और लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात स्थिति घोषित कर दी गई।'
इस विमान की पायलट उर्मिला यादव एवं याशु थीं। उन्होंने विमान का अत्यधिक ज्वलनशील ईंधन खत्म करने के लिए लैंडिग से पहले करीब दो घंटे तक हवाई अड्डे के इर्द गिर्द हवा में चक्कर काटे।
एक अधिकारी ने बताया, "ऐसी स्थिति में ईंधन खत्म करने से विमान हल्का हो जाता है। इससे भीषण दुर्घटना की गुंजाइश कम हो जाती है।"
एएआई के अधिकारी ने बताया कि खराबी के विषय में मालूम होने पर यात्रियों में खलबली मच गई। लेकिन विमान की लैडिग सुरक्षित ढंग से हो गई और यात्रियों एवं चालक दल के सदस्यों को सही सलामत निकाल लिया गया।
असम के मुख्यमंत्री तरुन गोगोई ने पायलटों को फोन कर उनके साहस की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार उड़ान भरने के समय ही विमान का पहिया गिर गया था।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)