रविवार, 10 जून 2012

तेल की धार से आएगी रेगिस्तान में बहार!

राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित रेगिस्तानी इलाके की अब तकदीर बदल सकती है। यहां निकली तेल की धार से विकास को नई गति मिलने की संभावना बन रही है। लेकिन इसके लिए यहां तेल शोधन कारखानों को विकसित और आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार को अपने प्रयास तेज करने होंगे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल में दिल्ली यात्रा के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी से मुलाकात की। इससे लगने लगा है कि यहां रिफाइनरी स्थापना की दिशा में कुछ कदम बढ़ाए गए हैं। रेड्डी ने आश्वासन दिया है कि रिफाइनरी स्थापित करने के संबंध में जल्द फैसला लिया जाएगा। केंद्र की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति रिफाइनरी संबंधी प्रस्ताव का परीक्षण कर रही है और सरकारी क्षेत्र की तेल कंपनी ओएनजीसी एवं एचपीसीएल के साथ भी बातचीत हो रही है।
ओएनजीसी एवं ऑयल इंडिया के अलावा केयर्न एनर्जी, फोकस एनर्जी, ईएनआई, एचओसी, गेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी दिग्गज कंपनियां राज्य में तेल अन्वेषण का कार्य कर रही हैं। दिसंबर, 2008 से मार्च 2012 तक की अवधि में 134 कुओं की खुदाई के साथ अब तक 256 कुओं की खुदाई की जा चुकी है। अब 4 कुओं की खुदाई का कार्य प्रगति पर है। अब तक प्रदेश में 25 तेल एवं गैस क्षेत्र (फील्ड) की खुदाई की गई। इन खोजों के द्वारा राजस्थान में तकरीबन 48 करोड़ टन खनिज तेल के भंडार का अनुमान लगाया गया है। साथ ही 30 से 60 हजार लाख घन मीटर प्राकृतिक गैस के भंडार का अनुमान है। मंगला क्षेत्र की खोज पिछले 2 दशकों में सबसे बड़ी खोज मानी गई है। केयर्न एनर्जी के ताजा आकलन के अनुसार बाड़मेर सांचोर बेसिन के अंकन्वेंशनल एवं टाइट रिजर्वोयर के अन्वेषण में 90 करोड़ टन (6.5 अरब बैरल) तेल के भंडार का पता चला है।
बाड़मेर-सांचोर बेसिन के मंगला तेल क्षेत्र से खनिज तेल का उत्पादन 29 अगस्त, 2009 से आरंभ हो गया था और इस साल मार्च तक 8.697 करोड़ बैरल कच्चे तेल का उत्पादन किया जा चुका है। जैसलमेर बेसिन से प्राकृतिक गैस का उत्पादन वर्ष 1994 से जारी है तथा शाहगढ़ (जैसलमेर) क्षेत्र में एसजीएल फील्ड से प्राकृतिक गैस का उत्पादन शुरू हो गया है। केयर्न इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल धीर के अनुसार, राजस्थान में केयर्न और ओएनजीसी के संयुक्त उद्यम से रोजाना 1.75 लाख बैरल तेल का उत्पादन शुरू हो गया है। धीर के अनुसार राजस्थान का तेल उत्पादन देश को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गत वर्ष केयर्न की और से किये गए तेल उत्पादन के कारण 6 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत हुई तथा देश के राजकोष में 2.4 अरब डॉलर का योगदान हुआ है। तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने राज्य में बीकानेर कोल बेड मीथेन अनुसंधान केंद्र के लिए 3.72 करोड़ रुपये का अनुदान मंजूर किया है। जिसके अन्तर्गत लगभग 11 हजार वर्ग किमी क्षेत्र को कोल बेड मीथेन अनुसंधान हेतु चिह्नित किया जाएगा और इसके लिए 4 कोरहोल की खुदाई की जायेगी। बीकानेर क्षेत्र में लगभग 95 करोड़ घन मीटर कोल बेड मीथेन के भंडार की संभावना है। राजस्थान को मिला मजबूत आर्थिक आधार
राज्य सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि यहां रिफाइनरी स्थापना की दिशा में काम तेज हो गए हैं। केंद्र ने राजस्थान के हितों के संरक्षण का भी भरोसा दिलाया है। राज्य सरकार के आर्थिक विकास का आधार तेल क्षेत्र बनेगा इसकी बानगी यह है कि दिसंबर, 2008 से मार्च, 2012 तक इस क्षेत्र से 5 हजार 436 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ेगा इस आय में और बढ़ोतरी होगी। राज्य के इस मरुस्थली क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक बदलाव के साथ प्रदेश को मजबूत आर्थिक आधार देने में यह क्षेत्र विशेष योगदान दे रहा है।

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