रविवार, 3 जून 2012

माता राणी भटियाणी मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई धोक



मां के दरबार में उमड़े श्रद्धालु  

माता राणी भटियाणी मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई धोक

. जसोलज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर जसोल स्थित माता राणी भटियाणी मंदिर में दिन भर मेला रहा। मेले में आस-पास के गांवों के अलावा दूर-दराज के क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में पूजा-अर्चना की तथा माथा टेककर प्रदेश से खुशहाली की कामना की। शनिवार सवेरे से ही मंदिर में दर्शनार्थियों की रेलमपेल लगी रही। मेले में बालोतरा, समदड़ी, सिणधरी, मोकलसर, सराणा, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, शिव, गूंगा व जालोर के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी व एमपी से आए श्रद्धालु मां के दर्शनार्थ पहुंचे। मंदिर व्यवस्था समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरिकेड्स लगाने के साथ पेयजल की व्यवस्था की गई।

माकूल रही सुरक्षा व्यवस्था

मेले में भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर व्यवस्था समिति तथा पुलिस प्रशासन की ओर से मंदिर परिसर में सुरक्षा के माकूल बंदोबस्त किए गए। जसोल चौकी चेलाराम कटारिया, वीरसिंह, दीनाराम, टेम्पो यूनियन के अध्यक्ष कालू खां पठान, अनिल बारासा व मंदिर व्यवस्थापक जेठूसिंह के नेतृत्व में श्रद्धालुओं को कतारबद्ध व सुचारु रूप से दर्शन करवाने में सहयोग दिया। गर्मी के मौसम को देखते हुए ललित सोनी के पुण्य स्मृति में सोनी परिवार जसोल तथा अन्य दानदाताओं व स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शीतल पेयजल की व्यवस्था की गई।

मेले में सजी दुकानें

मेले के आयोजन को लेकर मंदिर परिसर तथा बस स्टैंड व आस-पास के क्षेत्र में खिलौने व चाट की दुकानें सजी हुई थी।

नाचते-गाते पहुंचे पैदल जत्थे

माता राणी भटियाणी के दरबार में दूर-दराज से आए पैदल यात्रियों के जत्थे हाथों में ध्वज पताकाएं लिए ढोल-ढमाकों की ताल पर नाचते हुए मंदिर परिसर पहुंचे। शनिवार सवेरे से ही जसोल आने वाले मार्ग पर पैदल यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई। यात्रियों ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर क्षेत्र में खुशहाली की कामना की।

छेड़बंदी कर जात लगाई

ज्येष्ठ त्रयोदशी के अवसर पर कई नव विवाहित जोड़ों ने छेड़ाबंदी कर सुखी दाम्पत्य जीवन की कामना के लिए मां के दरबार में जात लगाई। नव विवाहित जोड़ों ने अपने परिजनों के साथ मां के दरबार में शीश नवकार पूजा-अर्चना की। छेड़ाबंदी जात देने वालों के लिए सुरक्षा कर्मियों की ओर से अलग व्यवस्था की गई।

तबादलों ने बिगाड़ी अस्पतालों की सेहत



तबादलों ने बिगाड़ी अस्पतालों की सेहत



26 डॉक्टरों के तबादलों की सूची जारी, चार नौ डॉक्टर गए जिले से बाहर



बाड़मेर.  पहले से डॉक्टरों के रिक्त पदों से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों की सेहत तबादलों से ओर बिगड़ जाएगी। खाली पद भरने की जल्द कोई उम्मीद नजर नहीं आती।

ऐसा इसलिए कि सरकार मरीजों की संख्या के हिसाब से डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं करती और कम वेतन के कारण युवा डॉक्टर सरकारी सेवा में आना पसंद नहीं कर रहे। हाल में जारी डॉक्टरों की तबादला सूची में जिले भर के कुल 26 डॉक्टरों के तबादले किए गए हैं। जिसमें दस डॉक्टरों का तबादला जिले से बाहर कर दिया गया हैं। बदले में महज पांच डॉक्टर बाहरी जिले से बाड़मेर लगाए गए हैं।

जिले के सरकारी हॉस्पिटल में पचास फीसदी डॉक्टरों के पद लंबे अर्से से रिक्त चल रहे हैं। पिछले आठ-दस साल से इन पदों पर गिने-चुने डॉक्टरों ने ही ज्वाइन किया है। यहां तक कि जिले के सबसे बड़े अस्पताल (राजकीय अस्पताल )में रिक्त पड़े कई पदों पर नियुक्तियां ही नहीं हो पाई है। सीएचसी व पीएचसी तो भगवान भरोसे चल रहे हैं। जहां कहीं इक्का दुक्का डॉक्टर ही लगे थे,उन्होंने ने भी अपने तबादले गृह जिलो में करवा दिए।

पांच डॉक्टर आए ओर नौ गए

स्वास्थ्य विभाग की तबादला सूची के अनुसार जिले के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत दस डॉक्टरों के तबादले नागौर, दौसा, सीकर, बीकानेर, करौली व जोधपुर किए गए हैं। जबकि महज पांच अन्य जिलों के डॉक्टरों को बाड़मेर में लगाया गया है।

इनके हुए तबादले

ब्लॉक सीएमएचओ महेश गौतम बालोतरा, डॉ. सुरेन्द्र पटेल राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर से नाहटा अस्पताल बालोतरा, डॉ.संजीव मित्तल व सीमा मित्तल सीएचसी सिणधरी से राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर, डॉ. रविन्द्र सांखला क.वि. (स्त्री) का राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर व अरुण कुमार का स्थानातंरण किया गया है। ॥स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की तबादला सूची जारी कर दी है। इसमें बाड़मेर में पांच नए डॉक्टर आएंगे। दस का स्थानातंरण अन्य जिलों में किया गया है। अभी तक डॉक्टरों को रिलीव नहीं किया है।डॉ. अजमल हुसैन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाड़मेर

आचार्य महाश्रमण मरने की कला

आओ हम जीना सीखें  

मरने की कला

बालोतरा जीने की कला की भांति मरने की भी कला होती है। मृत्यु की कला को वही व्यक्ति जान सकता है जो जीवन की कला से अनभिज्ञ होता है। भगवान महावीर कला मर्मज्ञ थे। उन्होंने जैसे जीने की कला का दर्शन दिया, वैसे ही मृत्यु की कला को भी विश्लेषित किया। महावीर के दर्शन में जीने और मरने का महत्व नहीं है। महत्व संयम और समाधि का है। असंयम मय जीवन भी काम्य नहीं है, मृत्यु भी काम्य नहीं है। मृत्यु एक ऐसा शब्द है जिसके नाम से प्राणी भय खाता है। मृत्यु की अनिवार्य सच्चाई को जानते हुए भी व्यक्ति की चाह रहती है कि मृत्यु उसके पास न आए। भले वृद्धावस्था ने उसकी देह को जर्जरित कर दिया हो, भले बीमारी ने उसे क्षीणकाय कर दिय हो, भले ही वह जीवन की अंतिम सांसें ही क्यों न गिन रहा हो। जैसे-तैसे मौत को दूर धकेल सौ वर्ष जीने की चाह बनी रहती है। इस चाह से प्रेरित व्यक्ति अपनी उम्र को जानने के लिए कभी ज्योतिषियों की चरणरज जुहारता है, कभी देवी-देवताओं की मनौतियां करता है, कभी सिद्ध पुरुषों से वरदान की याचना करता है।




प्रकृति के नियम




प्रकृति मनुष्य की चाह के अनुसार नहीं, अपने नियम से चलती है। वह कब, किसे, कहां से उठाती है प्राय: खबर तक नहीं लगने देती। वह न बालक पर अनुकम्पा करती है न जवान पर। मृत्यु के आगे व्यक्ति के सारे प्रयत्न विफल हो जाते है। उसे मृत्यु की गोद में सोना ही पड़ता है। किसी कवि ने इस तथ्य को चार पंक्तियों में बहुत सुंदर प्रस्तुति दी है-




स्वर्ण-भस्म के खाने वाले इसी घाट पर आए,




दाने बीन चबाने वाले इसी घाट पर आए।




गगन-ध्वजा फहराने वाले इसी घाट पर आए,




बिना कफन मर जाने वाले इसी घाट पर आए।।




यह घाट और कोई नहीं, श्मशान घाट अथवा मृत्यु घाट ही है। जहां प्राणी ऐहिक शरीर से सदा के लिए सो जाता है। मृत्यु चूंकि एक अनिश्चितकालीन घटना है। भगवान महावीर ने एक सूत्र दिया- समयं गोयम! मा पमायए।




गौतम! तुम क्षण भर भी प्रसाद मत करो। गौतम के प्रतीक बनाकर महावीर ने प्राणी मात्र को जागरूकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह जीवन पके हुए वृक्ष की तरह कभी भी झड़ सकता है। ओस बिंदु की भांति हवा के हल्के से झोंके से कभी भी मिट्टी में मिल सकता है इसलिए इस जीवन को सफल बनाने के लिए हर क्षण जागरूक रहो।




वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विचार करें तो लगता है कि मनुष्य भौतिक सुख-सुविधाओं को जुटाने में जितना जागरूक है अध्यात्म के प्रति उतना ही अधिक लापरवाह है। वह पदार्थों की प्रचुरता में सुख और पदार्थों की अल्पता में दुख की कल्पना करता है। इस कल्पना के आधार पर वह येनकेन प्रकारेण अधिक से अधिक धन संग्रह करने में प्रयत्नशील रहता है। उसका यह प्रयत्न तब तक चालू रहता है जब तक उसके शरीर की शक्ति चूक न जाए। धार्मिक आचरण करने व अपने आपका जानने-समझने के लिए उसके पास समय नहीं होता है अथवा बहुत कम होता है। जब धर्माचरण के संबंध में संतजनों की ओर से व्यक्ति को प्रेरित किया जाता है तो कभी-कभी उसका उत्तर होता है कि धर्म अभी क्यों करें ? जिंदगी बहुत बाकी है। अभी तो पैसा कमाने के और ऐशो-आराम से जिंदगी बसर करने के दिन है। धर्म तो तब करेंगे जब रिटायर हो जाएंगे। इसी तथ्य को उजागर करने वाला एक सुंदर व्यंग्य है जो इस मानवीय दुर्बलता को चित्रित करता है।




आगम में कहा गया है- कल का भरोसा तीन व्यक्ति ही कर सकते है। एक वे, जो मौत के साथ अपनी दोस्ती मानते हैं। उन्हें भरोसा होता है कि दोस्ती के नाते मौत उन्हें नहीं ले जाएगी। दूसरे वे व्यक्ति होते है जो अपने आपको कुशल धावक मानते है। उन्हें विश्वास होता है कि मौत इस रास्ते से आएगी तो मैं उस रास्ते से पलायन कर जाऊंगा। तीसरे वे व्यक्ति होते है जो अपने आपको अमर मानते है। उनके मन में दृढ़ निश्चय होता है कि मौत उन्हें कभी आएगी ही नहीं। पर काल का अंतहीन प्रवास इस बात का साक्षी है कि मृत्यु ने आज तक न तो किसी के साथ दोस्ती की है, न कोई पलायन करने में सफल हुआ है और न कोई अमर बना है।




आचार्य महाश्रमण




मंत्री ने 3-3 लाख में किए तबादले : डूडी



जयपुर. बीडीओ और एईएन के तबादलों में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए 6 कांग्रेस विधायकों ने शनिवार दोपहर पंचायतीराज मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय के घर पर हंगामा किया। डीडवाना से कांग्रेस विधायक रूपाराम डूडी ने आरोप लगाया कि हर तबादले के लिए ढाई से तीन लाख रु. लिए गए। मंत्री ने पत्नी के जरिये यह रिश्वत ली।
 
डूडी ने कहा- मेरे क्षेत्र के अलावा प्रदेशभर के कांग्रेस विधायकों में पैसे लेकर किए गए तबादलों को लेकर रोष है। हम मंत्री को दो दिन से तलाश रहे हैं, शुक्रवार को भी मंत्री घर गए थे तो हमसे झूठ बोला गया। आज मंत्री घर पर होते हुए भी नहीं मिले और जब विधायक वहां गए तो चुपचाप निकल गए। डूडी ने कहा कि तबादलों में हुए इस भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत हैं। मैं इन्हें जल्द ही मुख्यमंत्री को सौंपूंगा।

रूपाराम के साथ कांग्रेस विधायक संतोष सहारण, मंगलाराम गोदारा, गंगा देवी, नगराज मीणा भी मंत्री के घर पहुंचे थे। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अजीतसिंह शेखावत, वेदप्रकाश सोलंकी और भाजपा से निलंबित विधायक हनुमान बेनीवाल भी मालवीय के आवास पर मौजूद थे। गलत ढंग से हुए तबादले : सहारण
विधायक अपने क्षेत्रों में हुए गलत तबादलों के कारण पंचायती राज मंत्री के घर पर नाराजगी जता रहे थे। मंत्री घर पर भी नहीं मिल रहे हैं। मेरे क्षेत्र में भी गलत ढंग से तबादले हुए हैं। पता नहीं यह सब किस आधार पर किया है? -संतोष सहारण, कांग्रेस विधायक

पंचायतीराज मंत्री के घर घटना जरूर हुई थी, लेकिन मैं कमरे के अंदर था, इसलिए वहां क्या हुआ मैंने अपनी आंखों से नहीं देखा। कांग्रेस के कई और विधायक भी वहां थे, जो नाराजगी जता रहे थे।

-हनुमान बेनीवाल, भाजपा से निलंबित विधायक

मंत्री ने न फोन उठाया, न एसएमएस का जवाब दिया

मालवीय से उनके मोबाइल नंबर 9414101002, 9983681002 और घर के नंबर 0141-2220780 पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन न उन्होंने फोन उठाया और न ही एसएमएस का जवाब दिया। उनकी पत्नी बांसवाड़ा की जिला प्रमुख रेशम मालवीय ने भी कोई जवाब नहीं दिया। मालवीय के स्टाफ के कुछ सदस्य कह रहे हैं कि मंत्री जयपुर में हैं तो कुछ कह रहे हैं कि जयपुर से बाहर हैं।

मालवीय के पीए से हाथापाई

कांग्रेस विधायक रूपाराम डूडी ने मालवीय के पीए भगवान चौधरी से हाथापाई की। इस घटना से मंत्री का स्टाफ सकपका गया। हालांकि, डूडी ने इस तरह की घटना से इनकार किया है।

शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर भी नाराजगी

शिक्षा विभाग में भी तबादला सूचियां जारी होने के बाद विरोध खुलकर सामने आ गया। शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ ने कहा कि वे मंत्री हैं, लेकिन शिक्षामंत्री बृजकिशोर शर्मा उन्हें भी नहीं मिल रहे। शनिवार को वे मिलने गई थीं तो मंत्री नहीं मिले। अब पूरी सूचियों का परीक्षण करने के बाद रविवार को वे फिर से उनसे मिलेंगी। उन्होंने कहा कि उनकी तबादलों में नहीं चली। उन्होंने तो बस लोगों को डिजायर बनाकर दी। इधर सत्ताधारी कांग्रेस के ही कई विधायकों ने साफ तौर पर कहा कि शिक्षा, चिकित्सा जैसे आमजन से सीधे जुड़े विभागों में उनके आधे काम भी नहीं हो सके। अख्तर ने परोक्ष रूप से तबादलों को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि तबादलों से दूर-दूर तक उनका कोई लेना-देना नहीं रहा। उन्हें पता तक नहीं कि ये कैसे, किस आधार पर हुए। बस वे अब ये देख रही हैं कि उनके कौन-कौनसे काम नहीं हुए। शिक्षामंत्री से वे जल्द से जल्द मुलाकात करने की कोशिश कर रही हैं। यदि वे मिल गए तो रविवार को शिक्षामंत्री से मुलाकात करेंगी।

विधायकों की नाराजगी, खुद की जुबानी

निंबाहेड़ा से विधायक उदयलाल आंजना ने कहा कि दो साल में तबादले हुए हैं। उम्मीद थी कि काम ठीक से हो जाएंगे, लेकिन निराशा हाथ लगी। आधे काम ही बमुश्किल हो सके। बार-बार इस बात को कहने से कुछ नहीं होने वाला, इसलिए अब बोलना ही बंद कर दिया। मेडिकल और शिक्षा विभाग में आधे लोगों को निराश होना पड़ा। ऐसे में आम जनता की नाराजगी पार्टी और जनप्रतिनिधियों के लिए ठीक नहीं।

केशोरायपाटन विधायक सीएल प्रेमी ने दिल्ली से फोन पर बताया कि उन्हें तो पता भी नहीं चल रहा कि शिक्षा विभाग में कोई तबादला सूची भी जारी हुई है। सबसे बड़ा महकमा है, यदि लोगों की उम्मीद पर तबादले नहीं हुए तो अगला चुनाव भी तो लड़ना है।

उदयपुर ग्रामीण से विधायक सज्जन कटारा ने कहा कि उन्हें तबादलों में कोई तवज्जो नहीं दी गई। शिक्षा, चिकित्सा में उनके नहीं के बराबर काम हुए। शिक्षा की लिस्ट मंत्रीजी को दी थी, अब लोगों को बताने लायक कुछ नहीं है। जनता नाराज है। मुख्यमंत्री को इसकी शिकायत करूंगा।

सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उन्होंने समय लिया है। बड़ी संख्या में खाली पोस्ट होने के बावजूद तबादले नहीं किए गए। यहां तक की म्यूचुअल तबादले भी नहीं हो सके। जैसे-तैसे समय निकल जाए, स्थिति नहीं सुधरी तो जनता सुधार देगी।

भंवर ने कहा, मैं तबादलों के लफड़े से दूर रहा

पूर्व शिक्षामंत्री भंवरलाल मेघवाल ने कहा कि वे तो तबादलों के लफड़े से ही दूर रहे हैं। कुछ काम थे, हुए तो भी ठीक, न हुए तो भी ठीक। शिक्षामंत्री जानें उनके लिए तबादलों का आधार क्या रहा। यह तो नए सत्र में पता चलेगा कि किस स्कूल में छात्र, शिक्षक का अनुपात कैसा रहा।

अनशन के लिए निकले रामदेव, पुलिस से टकराव के आसार

नई दिल्ली. अन्ना हजारे और बाबा रामदेव दिल्ली के जंतर-मंतर पर रविवार को अनशन कर रहे हैं। एक दिन का यह अनशन विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने और मजबूत लोकपाल की मांग के समर्थन में है। इस दौरान 2014 में होने वाले आम चुनाव को लेकर रामदेव रणनीतिक घोषणा भी कर सकते हैं।
 



हजारे और रामदेव ने अनशन शुरू करने से पहले राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय भी अनशन में शामिल हो सकते हैं। अनशन के दौरान पुलिस से टकराव के भी आसार हैं। रामदेव का कहना है कि उनके समर्थक बड़ी संख्‍या में आने वाले हैं, जबकि पुलिस के मुताबिक पांच हजार से ज्‍यादा लोगों के जमा होने की अनुमति नहीं है।

एक साल पहले भी रामदेव ने रामलीला मैदान में अनशन किया था। इस बार मुख्य मंच को संसद मार्ग पर बनाया गया है। भारी संख्या में समर्थकों के आने की संभावना को देखते हुए एक दिन पहले ही इस मार्ग पर पुलिस बैरिकेडिंग के साथ कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। मंच के अलावा यहां वीआईपी मेहमानों के आवागमन के लिए मार्ग, मीडियाकर्मियों के खड़े होने के स्थान सहित सभी तैयारियां कर ली गईं हैं। एक दिवसीय अनशन के दौरान सुरक्षा इंतजाम पुख्ता बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस के पांच हजार जवान तैनात किए जाएंगे। साथ ही अर्धसैनिक बलों की 20 कंपनियां यहां तैनात हैं। इसके लिए शनिवार को ही थाना संसद मार्ग में पुलिस बल मुस्तैद नजर आया। भीषण गर्मी को देखते हुए यहां पीने के पाउच और एम्बुलेंस का खास इंतजाम किया गया है। साथ ही आने वाले समर्थकों की सुविधा के लिए यहां छह बड़ी स्क्रीन लगाईं गईं हैं।

अनशन शाम छह बजे समाप्‍त होगा और इसके बाद रात आठ बजे तक जगह-जगह रैलियां, मशाल जुलूस निकाला जाएगा। यह पहला मौका होगा जब अन्ना और बाबा रामदेव एक साथ एक मंच पर अनशन करेंगे। हालांकि अप्रैल और अगस्त में हुए अनशन में अन्ना के मंच पर रामदेव समर्थन के लिए पहुंचे थे

राजस्थान का स्‍वर्ग माउंट आबू







माउंट आबू राजस्थान का स्‍वर्ग

समुद्र तल से 1220मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसे माउंट आबू की भौगोलिक स्थित और वातावरण राजस्थान के अन्य शहरों से भिन्न व मनोरम है। यह स्थान राज्य के अन्य हिस्सों की तरह गर्म नहीं है। माउंट आबू हिन्दु और जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां का ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर खींचती है।

माउंट आबू पहले चौहान साम्राज्य का हिस्सा था। बाद में सिरोही के महाराजा ने माउंट आबू को राजपूताना मुख्यालय के लिए अंग्रेजों को पट्टे पर दे दिया। ब्रिटिश शासन के दौरान माउंट आबू मैदानी इलाकों की गर्मियों से बचने के लिए अंग्रेजों का पसंदीदा स्थान था।

माउंट आबू प्राचीन काल से ही साधु संतों का निवास स्थान रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार हिन्दु धर्म के तैंतीस करोड़ देवी देवता इस पवित्र पर्वत पर भ्रमण करते हैं। कहा जाता है कि महान संत वशिष्ठ ने पृथ्वी से असुरों के विनाश के लिए यहां यज्ञ का आयोजन किया था। जैन धर्म के चौबीसवें र्तीथकर भगवान महावीर भी यहां आए थे। उसके बाद से माउंट आबू जैन अनुयायियों के लिए एक पवित्र और पूज्यनीय तीर्थस्थल बनाहुआ है।क्या देखें

दिलवाड़ा जैन मंदिर-इन मंदिरों का निर्माण ग्यारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच हुआ था। यह शानदार मंदिर जैन धर्म के र्तीथकरों को समर्पित हैं। दिलवाड़ा के मंदिरों में विमल वासाही मंदिर प्रथम र्तीथकर को समर्पित
सर्वाधिक प्राचीन है जो 1031 ई.में बना था। बाईसवें र्तीथकर नेमीनाथ को समर्पित लुन वासाही मंदिर भी काफी लोकप्रिय है। यह मंदिर 1231ई.में वास्तुपाल और तेजपाल नामक दो भाईयों द्वारा बनवाया गया था। दिलवाड़ा जैन मंदिर परिसर में पांच मंदिर संगमरमर का हैं। मंदिरों के लगभग 48स्तम्भों में नृत्यांगनाओं की आकृतियां बनी हुई हैं। दिलवाड़ा के मंदिर और मूर्तियां मंदिर निर्माण कला का उत्तम उदाहरण हैं।

नक्की झील-नक्की झील माउंट आबू का एक बेहतरीन पिकनीक स्थल है। कहा जाता है कि एक हिन्दु देवता ने अपने नाखूनों से खोदकर यह झील बनाई थी। इसीलिए इसे नक्की (नख या नाखून)नाम से जाना जाता है। झील से चारों ओर के पहाड़ियों का नजारा बेहद सुंदर दिखता है। इस झील में नौकायन का भी आनंद लिया जा सकता है।

गोमुख मंदिर-इस मंदिर परिसर में गाय की एक मूर्ति है जिसके सिर के ऊपर प्राकृतिक रूप से एक धारा बहती रहती है। इसी कारण इस मंदिर को गोमुख मंदिर कहा जाता है। संत वशिष्ठ ने इसी स्थान पर यज्ञ का आयोजन किया था। मंदिर में अरबुआदा सर्प की एक विशाल प्रतिमा है। संगमरमर से बनी नंदी की आकर्षक प्रतिमा को भी यहां देखा जा सकता है।

सनसेट प्वाइंट-नक्की झील के दक्षिण-पश्चिम में स्थित सनसेट प्वांइट से डूबते हुए सूरज की खूबसूरती को देखा जा सकता है। यहां से दूर तक फैले हरे भरे मैदानों के दृश्य आंखों को सुकून पहुंचाते हैं। सूर्यास्त के समय आसमान के बदलते रंगों की छटा देखने सैकड़ों पर्यटक यहां आते हैं।

माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण्य-यह अभ्यारण्य मांउट आबू का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। यहां मुख्य रूप से तेंदुए, स्लोथबियर,वाइल्ड बोर,सांभर,चिंकारा और लंगूर पाए जाते हैं। 288वर्ग किमी.में फैले इस अभ्यारण्य कीस्थापना 1960में की गई थी। यहां पक्षियों की लगभग 250और पौधों की 110से ज्यादा प्रजातियां देखी जा सकती हैं। पक्षियों में रुचि रखने वालों के लिए उपयुक्त जगह है।अचलगढ़ किला व मंदिर-दिलवाड़ा के मंदिरों से 8किमी.उत्तर पूर्व में यह किला और मंदिर स्थित हैं। अचलगढ़ किला मेवाड़ के राजा राणा कुंभ ने एक पहाड़ी के ऊपर बनवाया था। पहाड़ी के तल पर 15वीं शताब्दी में बना अचलेश्वर मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव के पैरों के निशान हैं। नजदीक ही 16वीं शताब्दी में बने काशीनाथ जैन मंदिर भी हैं।

गुरु शिखर-माउंट आबू से 15किमी.दूर गुरु शिखर अरावली पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी है। पर्वत की चोटी पर बने इस मंदिर की शांति दिल को छू लेती है। मंदिर की इमारत सफेद रंग की है। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार दत्तात्रेय को समर्पित है। मंदिर से कुछ ही दूरी पर पीतल की घंटी है जो माउंट आबू को देख रहे संतरी का आभास कराती है। गुरु शिखर से नीचे का दृश्य बहुत की सुंदर दिखाई पड़ता है।

कैसे जाएं
वायु मार्ग-निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर यहां से 185किमी.दूर है। उदयपुर से माउंट आबू पहुंचने के लिए बस या टैक्सी की सेवाएं ली जा सकती हैं।

रेल मार्ग-नजदीकी रेलवे स्टेशन आबू रोड 28किमी.की दूरी पर है जो अहमदाबाद,दिल्ली,जयपुर और जोधपुर से जुड़ा है।

सड़क मार्ग-माउंट आबू देश के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग के जरिए जुड़ा है। दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डे से माउंट आबू के लिए सीधी बस सेवा है। राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें दिल्ली के अलावा अनेक शहरों से माउंट आबू के लिए अपनी सेवाएं मुहैया कराती हैं।

शनिवार, 2 जून 2012

एक डंपर चोर अपने ही निकाह के रिसेप्शन में नहीं पहुंचा

दुल्हन अकेली, दूल्हा गायब

भोपाल । पुलिस से बचने के लिए एक डंपर चोर अपने ही निकाह के रिसेप्शन में नहीं पहुंचा। वहां दुल्हन अकेली बैठी रही और कार्यक्रम चलता रहा। राजधानी में लगातार तीन डंपर चोरी करने वाले बाप-बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी डंपर चोरी कर किराये के फार्म हाउस ले जाकर उसका सामान निकालते थे और फिर उसे कबाडियों को बेच देते थे। पुलिस को आरोपियों का सुराग उस दिन लगा जिस रात आरोपी बेटे के निकाह का रिसेप्शन था।


एसपी अभय सिंह ने शुक्रवार को बताया कि 11 मई को सतीश दुबे का डंपर लालघाटी के पास से चोरी चला गया था। उन्होंने डम्पर सुधरवाने के लिए सिटी लिंक गैरिज के सामने खड़ा किया था। कोहेफिजा पुलिस ने चोरी का प्रकरण दर्ज किया था। इसके बाद गौतम नगर थाना क्षेत्र से अमर सिंह और प्रकाश नाविक के भी डंपर चोरी हो गए। दोनों के डंपर सुधारने वाले नासिर खान के कारखाने मे रखे हुए थे। पुलिस पड़ताल में पता चला कि तीनों डंपर लालघाटी के पास स्थित एक फार्म हाउस ले जाए गए थे। पुलिस फार्म हाउस मालिक साहब के पास पहुंची। साहब ने बताया कि उन्होंने एक मई को अपना फार्म हाउस गौतम नगर निवासी जाकिर खान को 12 हजार रूपए महीने के किराये पर दिया है। इसके बाद पुलिस ने जाकिर के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। इसमें पता चला कि जाकिर के पिता नासिर गौतम नगर में ही डंपर सुधारने का काम करते हैं। उन्होंने साहब से उसका हुलिया पूछा तो वह नासिर के बेटे के समान ही निकला।
बिना दूल्हे के रिसेप्शन


डंपर चोरी करने वाले जाकिर के निकाह का रिसेप्शन उसकी मौजूदगी के बिना ही करना पड़ा। दरअसल, पुलिस को 21 मई को आरोपी के संबंध में जानकारी मिली। इसके तत्काल बाद पुलिस की टीम जाकिर को गिरफ्तार करने उसके घर पहुंची जहां वह नहीं मिला लेकिन पता चला कि उसी रात उसका लालघाटी के पास एक मैरिज गार्डन में निकाह का रिसेप्शन है। पुलिस उसे गिरफ्तार करने मैरिज गार्डन पहुंची पर जाकिर और उसके परिवार को पहले ही इसकी भनक लग गई थी और परिवार रिसेप्शन में ही नहीं आया। दुल्हन अकेली स्टेज पर बैठी रही और कार्यक्रम चलता रहा। हुलिया बदलने दाढ़ी कटवाई


पुलिस को पता चला कि जाकिर समेत पूरा परिवार शहर छोड़कर भाग गया है। जाकिर ने हुलिया बदलने के लिए दाढ़ी कटवा ली। 31 मई को जाकिर और नासिर भोपाल आए और पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पूछताछ में पहले तो दोनों ने चोरी की वारदात से इनकार किया लेकिन बाद में अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने जाकिर और उसके पिता नासिर को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है। दोनों की निशानदेही पर तीनों डंपर बरामद कर लिए गए हैं। हालांकि इनके इंजन, टायर और कुछ पाट्र्स आरोपियों ने बेच दिए थे। पुलिस को अभी कुछ और आरोपियों की तलाश है।

वाहन चोर पकड़ाए


गुरूवार को पिपलानी पुलिस ने वाहन चुराने के आरोपी युवकों को गिरफ्तार करके 15 दो पहिया वाहन बरामद किए हैं। एसपी अभय सिंह के मुताबिक पिपलानी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि इंद्रपुरी में कुछ युवक चोरी की बाइक पर घूम रहे हैं। पुलिस ने इनको हिरासत में लेकर पूछताछ की। उन्होंने अपना नाम रोहित ठाकुर पिता श्रीप्रकाश ठाकुर और लखन अहिरवार उर्फ रिंकू पिता लाल सिंह निवासी राजीव नगर बताया। इन्होंने बताया कि वे साथ में घूमकर हनुमानगंज, गौतम नगर, हबीबगंज, गोविंदपुरा, ऎशबाग और एमपी नगर से दो पहिया वाहन चुराते थे। रोहित की प्रेमिका को बाइक पर घूमने का शौक था, इसलिए भी रोहित बाइक चुराता था। दोनों कई बार चोरी की बाइके से शहर के बाहर भी घूमने गए थे। वहीं लखन को मौज -मस्ती का शौक था। इसके लिए दोनों चोरी की बाइक को बेचने का प्रयास करते थे। चोरी के बाद वे उसके नंबर प्लेट तोड़ देते थे।

इंदौर में तालाब किनारे मिले 9 मानव भ्रूण

इंदौर में तालाब किनारे मिले 9 मानव भ्रूण
इंदौर। इंदौर के एक तालाब के किनारे शनिवार को कचरा बीन रहे बच्चों को 9 मानव भ्रूण मिलने की खबर से शहरभर में सनसनी फैल गई। भ्रूण बैग में प्लास्टिक के डब्बों में बंद किए हुए थे। कुछ भ्रूणों को कुत्तों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। खबर पर मौके पर पहुंची पुलिस ने इन्हें एमवाय अस्पताल भिजवा दिया।

सूत्रों के अनुसार तालाब किनारे मिले इन 9 भ्रूणों में 4 अपरिपक्व बच्चे हैं, जिनमें 2 नर व 2 मादा हैं। यह भी कहा जा रहा है कि सभी भू्रण एक वष्ाü से ज्यादा पुराने हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार तालाब किनारे कई बच्चों के शव पड़े देखे थे, जब वे लोग वहां पहुंचे तो सभी भू्रण एक बैग में भरे थे। 13 स्पेसीमेन में से 4 फूटे हुए थे और उनमें रखे भ्रूण को कुत्ते मुंह में दबाकर इधर-उधर बैठे थे।

बाड़मेर पुलिस और प्रशासन को सेल्यूट ..बधाई

बाड़मेर पुलिस और प्रशासन को सेल्यूट ..बधाई



बधाई बाड़मेर पुलिस को महाकुम्भ को शांतिपूर्वक निपटाने पर बाड़मेर राजस्थान भर में सर्वाधिक अभ्यर्थियों का तृतीय श्रेणी अध्यापक भारती परीक्षा के दौरान बाड़मेर पुलिस ने जिस कर्त्व्यनिष्ठाता और मानवीय संवेदना का जो परिचय दिया ऐसा पुलिस महकमे में बहूत कम दिखाई देता हें सत्तर हज़ार से अधिक परीक्षार्थियों को सुरक्षा मुहेया कराना अपने आप में बाड़मेर पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि हें वो भी उस दशा में जब परीक्षा से दो रोज पूर्व शरारती तत्वों ने बाड़मेर को महाराष्ट्र की तर्ज पर बाहरी जिलो के परिक्षार्थियो के साथ मारपीट कर उन्हें परीक्षा से वंचित करने का प्रयास किया गया हो ,पुलिस की माकूल व्यवस्था ने बाड़मेर जिले के ही नहीं बाहरी जिलो से आये परीक्षार्थियों ने भी खुले दिल से प्रशंसा की हें बकौल राज कुमार परीक्षार्थी सीकर मैंने कई जगह परीक्षाओं में भाग लिया मगर बाड़मेर में पुलिस और प्रशासन ने जो व्यवस्थाये की और स्वयं कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने परीक्षार्थियों की देखभाल व्यक्तिगत रूप से की वो वाकई ताजुब करने वाली हें पुलिस की सहयोग की भावना पहली बार देखि सेल्यूट करता हूँ बाड़मेर पुलिस और प्रशासन को .बाहरी जिलो के अभ्यर्थियों के साथ स्थानीय शरारती तत्वों स्वारार्पित की आशंकाओ के मद्देनज़र पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी की बाहरी जिलो के अभ्यर्थियों के साथ दुर्व्यवहार किसी भी सूरत में पुलिस बर्दास्त नहीं करेगी .शरारती तत्व संभल जाए ,राहुल बारहट ने अपने महकमे के साथियो पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली खान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम सिंह मीना ,कोतवाल लूण सिंह सहित अन्य अधिकारियों विशेष कर जिला कलेक्टर डॉ वीणा प्रधान के साथ परीक्षार्थियों को सुरक्षा मुहेया कराने के साथ भरोसा दिलाने के निश्चय को अमल में ले आये .गत दो सालो में छोटी बड़ी सरकारी भरतीयों के दौरान कई बार क़ानून व्यवस्थाए बिगड़ी जिसके कारण लाठी चार्ज तक हुए ,मगर सत्तर हज़ार परीक्षार्थियों के बीच बाड़मेर पुलिस और जिला प्रशासन ने जो व्यवस्थाये चाहे सुरक्षा की हो या भोजन की या पानी या आवास की बेहतरीन कर दिखाया परीक्षा समाप्ति के बाद उन्हें रेल में सुरक्षित बिठाया इसे कहते हें गुड गवर्नेस ..जय हिंद

दो फर्जी परिक्षार्थियो सहित तीन गिरफ्तार

दो फर्जी परिक्षार्थियो सहित तीन गिरफ्तार
बाड़मेर जिले में शनिवार को दो पारियों में आयोजित तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों के प्रयोग करने वाले तीन जानो के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये गए जिसमे दो जाने किसी और की जगह परीक्षा दे रहे थे .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की आज विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर 2 पारियों में सपन्न हुई परीक्षा के दौरान पुलिस थाना कोतवाली व सदर बाड़मेर के क्षैत्र में परीक्षा केन्द्रों पर फर्जी
अभ्यार्थी द्वारा परीक्षा देते व अभ्यार्थी को नकल करवाते हुए को पकड़ने के सम्बंध में दर्ज
अपराधिक प्रकरणों को दर्ज कर अग्रीम कार्यवाही आरम्भ कर दी हे .उन्होंने बताया की
.प्रार्थी श्री रुगमल पुत्र श्री देवमल खत्री, केन्द्राधिक्षक रा0उ0प्रा0वि0 रेल्वे कुआ नं0 3 बाड़मेर
ने मुलजिम गोमाराम पुत्र. रामाराम जाति जाट निवासी अरणियाली के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
करवाया कि मुलजिम द्वारा परिक्षार्थी चेनाराम पुत्र मोडाराम रोल नम्बर 55110066 की जगह
पर फर्जी अभ्यार्थी बन कर परीक्षा देते हुए उड़न दस्ते द्वारा प्रवेश पत्र फोटों व आईडी पू्रफ
मिलान करने पर फर्जी पाये जाने पर मु0न0 243 दिनांक 02.06.2012 धारा 419, 420
भादस व 3/6 राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधन की रोकथाम अधिनियम 1992
के तहत पुलिस थाना कोतवाली बा़ड़मेर पर दर्ज करवाया गया।
इसी तरह प्रार्थी श्री रुघाराम पुत्र लालाराम गर्ग, केन्द्राधिक्षक गौरव विधा मन्दिर बाड़मेर ने मुलजिम
चुनाराम पुत्र चिमनाराम जाट निवासी उदासर व एक अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
करवाया कि मुलजिम द्वारा अनुचित साधन का प्रयोग कर प्रश्न पुस्तिका को अपने सार्थी
की मदद से परीक्षा केन्द्र से बाहर पहॅूचा कर गायब करने पर मु0न0 206 दिनांक 02.06.
2012 धारा 3, 4, 6, 6 अ भादस व 3/6 राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधन की
रोकथाम अधिनियम 1992 के तहत पुलिस थाना सदर बा़ड़मेर पर दर्ज करवाया गया।
इधर प्रार्थी श्री शेराराम पुत्र अमराम जांगिड़, केन्द्राधिक्षक केन्द्रिय विघालय जालिपा बाड़मेर ने
मुलजिम मनोहरलाल पुत्र पुनमचन्द विश्नोइ्रर नि0 करड़ा जिला जालोर के विरुद्ध मुकदमा
दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुलजिम द्वारा परिक्षार्थी मंगलाराम पुत्र राजूराम रोल नम्बर
55256657 की जगह पर फर्जी अभ्यार्थी बन कर परीक्षा देते हुए पाये जाने पर मु0न0 207
दिनांक 02.06.2012 धारा 419, 420 भादस व 3/6 राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अनुचित
साधन की रोकथाम अधिनियम 1992 के तहत पुलिस थाना सदर बा़ड़मेर पर दर्ज करवाया
गया। --

।पुलिस की बेहतरीन व्यवस्थाओ के चलते परिक्षे शांतिपूर्वक संपन देखिये तस्वीरे 








पुलिस की बेहतरीन व्यवस्थाओ के चलते परिक्षे शांतिपूर्वक संपन



बाड़मेर तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा आज विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर दो पारियों में सपन्न हुई
परीक्षा के दौरान कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट बाड़मेर एवं पुलिस अधीक्षक बाड़मेर मय जाब्ता
के बाड़मेर शहर के मुख्य परीक्षा केन्द्रों का भ्रमण कर निरीक्षण किया एवं बाद परीक्षा के
अभ्यार्थीयों द्वारा रेल में वापिस जाने के सम्बंध में रेल्वें स्टेशन पर उपस्थित रहकर शांती पूर्वक
ंग से रवाना किये.पुलिस की माकूल तथा कड़ी व्यवस्था के चलते परीक्षा शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हुई .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट तथा जिला कलेक्टर डॉ वीणा प्रधान दिन भर परीक्षा केन्द्रों का जायजा लेते रहे तथा व्यस्थाए दुरुस्त करने के निर्देश अधिकारियों को देते रहे ,पुलिस बेड़े की मुस्तेदी के कारण परीक्षा के दौरान शांति बनी रही तथा कोई उत्पात नहीं हुआ .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट स्वयम निगरानी पर थे उन्होंने रेल वे स्टेसन सहित परीक्षा केन्द्रों पर जाकर निरिक्षण किया .पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था के कारण माहौल शोहर्द्पूर्ण बना रहा .


पिछले 24 घण्टो में दर्ज प्रकरण


1. प्रार्थी श्री मांगुसिंह पुत्र हरजीवसिंह राजपूत निवासी आगोरिया ने मुलजिम रावतसिंह पुत्र
राणसिंह राजपूत निवासी आगोरिया वगैरा 5 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम
द्वारा मुस्त0 के खेत में प्रवेश कर मुस्त0 की भाभी व भाई के साथ मारपीट कर चोटे पहुचाना
वगैरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना शिव पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम
अनुसंधान किया जा रहा है।
2. प्रार्थी श्री पदमाराम पुत्र बांकाराम सुथार नि0 घोनिया ने मुलजिम लीलाराम पुत्र दिपाराम सुथार
निवासी ोक वगैरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्त0 की आरा
मशीन के बाडे में आग लगाकर नुकशान पहूचाना वगैरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना
चौहटन पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
3. प्रार्थी श्री चनणाराम पुत्र सिमरथाराम भील नि0 राणीसर ने मुलजिम शेराराम पुत्र भीमाराम भील
निवासी राणीसर वगैरा 4 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्त0 का रास्ता
रोककर जान से मारने की नियत से सिर में चोट मारने वगैरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस
थाना चौहटन पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
4. प्रार्थी श्री मिश्राराम पुत्र दोलाराम भील नि0 कल्याणपुर ने मुलजिम मंगलाराम पुत्र राणाराम
भील निवासी कल्याणपुर वगैरा के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमों द्वारा मुस्त0 के
खेत में प्रवेश कर मारपीट कर चोटे पहुचाना वगैरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना
कल्याणपुर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

असल 'बबली और बंटी'!



नागपुर. शहर के प्रताप नगर इलाके से निवेशकों के करोड़ों रुपए की हेराफेरी कर फरार हुए एक दंपति की तलाश कर रही अपराध पुलिस शाखा की आर्थिक विंग के हाथ शुक्रवार को बड़ी सफलता हाथ लगी। यह दंपति नागपुर से फरार होने के बाद से बंटी और बबली के नाम से मशहूर हो गए हैं। आर्थिक विंग के निरीक्षक पालव ने कथित बबली (वर्षा झामरे) को नासिक स्थित इंदिरा नगर इलाके से किसी बढिये नामक व्यक्ति के घर से गिरफ्तार किया। उसे वहां से नागपुर शनिवार को लाया जाएगा। दोनों दंपति पर 5 करोड़ 36 लाख से अधिक का गबन कर फरार होने का आरोप लगा है। गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई यह गिरफ्तारी पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर की। आरोपी वर्षा, नासिक निवासी बढिये के घर पर थी। वह वर्षा का करीबी रिश्तेदार बताया जा रहा है। उसकी गिरफ्तारी के समय वहां उसकी सास और देवर नीतिन भी मौजूद थे। पुलिस इन दोनों से भी पूछताछ कर सकती है। वर्षा के फरार पति जयंत झामरे (बंटी) की तलाश पुलिस कर रही है। पुलिस को पूरी उम्मीद है कि नागपुर से फरार हुई बबली जब उनके हाथ लग गई है तो बंटी खुद-बखुद उनके शिकंजे में खिंचा चला आएगा। झामरे दंपति के खिलाफ अब तक करीब 100 निवेशक शिकायत कर चुके हैं। गांव के लोग भी हैं निवेशक सूत्रों की मानें तो अकेले नागपुर में इन दोनों की जे. एस. फाइनेंशियल और जे. एस. कैपिटल कंपनी में लगभग 1700 लोगों ने निवेश किया है। निवेशकों में ब्लैक मनी वालों के अलावा, व्यवसायियों व नेताओं के भी निवेश करने की खबर है। इन दोनों ने अपनी कंपनी का नेटवर्क पूरे राज्य में फैला रखा था। सूत्रों की सच मानें तो बंटी और बबली की एक करीबी रिश्तेदार ने तो अपने गांव के कई लोगों का पैसा निवेश कराया था। इन दोनों ने लोगों को लूटने का अनोखा तरीका अपना रखा था। यह निवेश के नाम पर तीन साल तक का निवेश कराते थे। निवेशक को 4 से 6 प्रतिशत तक का ब्याज देने का वादा करते थे। वे उस वादे के मुताबिक उन्हें 7-8 माह तक बकायदा ब्याज की रकम भी देते थे, ताकि निवेशक को उन पर कोई शक न हो। भरोसे के लिए देता था चेक दोनों निवेशक को तीन वर्ष की अवधि पूरे होने के बाद वाली तारीख का चेक पहले ही दे देते थे, जिससे निवेशक को उन पर और भी कोई शक नहीं होता था। दोनों ने शहर की चार बैंकों में खाते खोल रखे थे। इन खातों में पैसे नहीं रहने के बाद तीन वर्ष वाले निवेशक को इन्हीं बैंकों में से एक बैंक का चेक देते थे, ताकि तीन वर्ष बाद निवेशक उस चेक को भुनाने जाए तो वह बाउंस हो जाए। इन दोनों के कारनामों का उस समय पर्दाफाश हुआ, जब कुछ निवेशक तीन वर्ष का समय पूरा होने के बाद बैंक में चेक भुनाने पहुंचे और इधर कई निवेशकों को कुछ महीने से ब्याज भी नहीं मिला था। उसके बाद निवेशकों में तब हड़कंप मच गया, जब बंटी और बबली बोरिया बिस्तर बांध कर परिवार के साथ फरार हो गए। बंटी और बबली के सभी खातों की जांच भी पुलिस कर रही है। इसके अलावा इन दोनों ने जमीन, शेयर और सोना खरीदी में भी निवेश किया है क्या? इसकी भी जांच पुलिस कर रही है। 5 करोड़ 36 लाख से अधिक का गबन इस दंपति पर आरोप है कि इन्होंने शहर से लगभग 5 करोड़ 36 लाख रुपए से अधिक की चपत लगा कर फरार हुए हैं। यह तो वह रकम है जो निवेशकों के खुल कर सामने आ जाने से उजागर हुई है। प्रकरण की जांच कर रहे पुलिस निरीक्षक पालव ने बताया कि हो सकता यह आंकड़ा जयंत के गिरफ्तार होने पर और बढ़ जाए। पुलिस जयंत के करीब तक पहुंच चुकी है। वह भी जल्द ही पुलिस गिरफ्त में होगा। दोनों दंपति नागपुर से 20 मई 2012 को फरार हुए थे। तीन साल पहले आए थे नागपुर करीब तीन वर्ष पहले पश्चिम महाराष्ट्र से इस दंपति का नागपुर आगमन हुआ। वर्षा और जयंत ने प्रतापनगर के त्रिमूर्ति नगर परिसर में किराए का मकान लिया। नागपुर आने से पहले जयंत की राज्य की एक राजनीतिक पार्टी में अच्छी पैठ थी। उसी के नाम का सहारा लेकर जयंत ने नागपुर में निवेश की दुनिया में पैर जमाना शुरू किया। पहले शुरू की फाइनेंस कंपनी जयंत ने पत्नी वर्षा के साथ मिल कर उक्त दो नामों से कंपनी शुरू की। पहले कंपनी ने फाइनेंस का कारोबार शुरू किया। उसके बाद निवेश कंपनी शुरू की। निवेश में लोगों को निवेश करने पर 4 से 6 प्रतिशत ब्याज मिलने की लालच में कई लोगों ने निवेश किया। वह जिन लोगों से निवेश करता था, उनसे यह कहकर दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराता था कि वह उनसे कर्ज ले रहा है, जो तीन वर्ष बाद ब्याज समेत लौटा देगा। लोग लालच में आकर निवेश करने लगे। प्रसिद्धि का अनोखा तरीका जयंत ने कंपनी की प्रसिद्धि के लिए ग्राहक टू ग्राहक और रिश्तेदार टू रिश्तेदार का फंडा अपना रखा था, जिससे उसका नेटवर्क पूरे राज्य में फैल गया। वह इतने शांत और चालक किस्म का इंसान है कि उसकी होशियारी के आगे किसी की नहीं चलती है। वह लोगों से निवेश कराने के बाद गारंटी के तौर पर तीन साल के बाद की तारीख का हस्ताक्षर किया हुआ चेक देता था। उसने कई लोगों को ऐसे चेक दे रखे थे। 6 करोड़ के शेयर! जयंत को शेयर खरीदने का शौक था। उसने लगभग 6 करोड़ के शेयर भी खरीद रखे हैं। शेयर में फायदा होने पर निवेशक को वह पैसा देता था। नागपुर में वह पत्नी वर्षा, मां, बेटे और भाई नीतीन के साथ रहता था। नितीन का भाई एमआईडीसी के महिन्द्रा एण्ड महिंद्रा में काम करता था। उसका एक बच्च भी उसके साथ नागपुर में रहता था। वह सातवीं कक्षा में वर्धा रोड पर एक विद्यालय में पढ़ता है। पुलिस ने वर्षा और जयंत के फरार होने के बाद उनका पता लगाने के लिए सभी स्थानों पर संपर्क कर उन्हें उनके बारे में सूचना मिलने पर जानकारी देने के लिए पत्र व्यवहार किया था। उसके बाद उसके चार बैंकों के खाते सील किए गए। जयंत का जिस राजनीतिक पार्टी से करीबी संबंध बताया जा रहा है, उसी के कारण अब तक उसका परिवार नासिक में सुरक्षित था। रिजर्व बैंक से भी लेगी पुलिस जानकारी पुलिस इस बात का भी पता लगाएगी कि इस दंपति ने रिजर्व बैंक से कोई अनुमति ली थी या बिना अनुमति के ही लाखों रुपए का रोजाना का कारोबार कर रहे थे। सूत्रों की मानें तो कुछ कालेधन वाले निवेशक भी संदेह के घेरे में हैं। उन पर पुलिस किसी भी क्षण शिकंजा कस सकती है। पहले इस दंपति के खिलाफ प्रतापनगर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। उसके बाद प्रकरण की जांच अपराध पुलिस शाखा के आर्थिक विंग को सौंप दी गई। इसकी जांच निरीक्षक पालव कर रहे हैं।

गे पार्टनर का मांस खाने वाले पॉर्न स्‍टार की तलाश में पूरे यूरोप में छापे

PHOTOS: गे पार्टनर का मांस खाने वाले पॉर्न स्‍टार की तलाश में पूरे यूरोप में छापे 

उत्तरी लंदन के वैम्बले में अपने साथी की नृशंस हत्या कर उसके अंगों को खाने वाले कैनेडियन पोर्न स्टार की पुलिस तलाश कर रही है। ल्युका मैग्नोटा नामक इस पोर्न स्टार पर आरोप है कि उसने अपने साथी जून लिन की हत्या के बाद उसका मांस खाया और इसके बाद बाकी अंगों को कैनेडियन राजनीतिक पाटियों के दफ्तर भी पार्सल कर दिया। उसकी तलाश में पूरे यूरोप में छापामारी हुई है।

पुलिस के अनुसार मैग्नोटा लगभग 6 महीने पहले वैम्बले, नॉर्थ लंदन में रह रहा था। बीते शनिवार को मैग्नोटा फ्लाइट से पेरिस के लिए रवाना हुआ था। बताया जा रहा है उसने पेरिस जाने के ठीक एक दिन पहले ही इस नृशंस कार्य को अंजाम दिया।

 मैग्नोटा ने अपने चीनी गे पार्टनर जून लिन की गला काटकर हत्या की और उसके हाथ व पैर कनाडाई पार्टियों के दफ्तर पार्सल कर दिए। पुलिस के अनुसार मौजूदा स्थिति बताती है कि हत्यारे ने कत्ल के बाद शव का कुछ मांस भी खाया था।

मृतक के हाथ व पैर ओटावा स्थित कंजरर्वेटिव और लिबरल पार्टी के हेडक्वार्टर पहुंचे, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। हालांकि पुलिस को अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है कि मैग्नोटा इस समय कहां है, लेकिन माना जा रहा है कि वह ब्रिटेन में ही कहीं छुपा हुआ है।

जहां मिट्टी से ठीक होता है गठिया रोग!


बांदा। बुंदेलखण्ड की धरती पर कई देवी-देवताओं के स्थान हैं और उनसे जुड़ी लोगों की आस्थाएं भी अलग-अलग हैं। इन्हीं में से एक है हमीरपुर जनपद के झलोखर गांव में भुवनेश्वरी देवी का अनूठा स्थान जहां न मंदिर है और न कोई मूर्ति। नीम के पेड़ के नीचे एक भारी-भरकम टीले पर विराजमान इस देवी स्थान के बारे में लोगों का मानना है कि यहां की मिट्टी लगाने मात्र से गठिया रोग ठीक हो जाता है। वैसे तो बुंदेलखण्ड की सूखी की धरती पर लोकी दाई, हरसोखरी दाई, चिथरी दाई, कथरी दाई, भुइयांरानी, काली दाई, पचनेरे बाबा, बरियार चौरा, कंडहा बाबा, मदना बाबा जैसे सैकड़ों देवी-देवताओं के देवस्थान हैं जिनसे ग्रामीणों की ही नहीं, शहरी लोगों की भी आस्था जुड़ी है। कई ऐसे देवस्थान हैं जिनके बारे में लोगों का मानना है कि यहां आने से विभिन्न गम्भीर बीमारियां ठीक होती हैं। झलोखर गांव के भुवनेश्वरी देवी के टीले पर चढ़ौना के रूप में कोई प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता, लेकिन यहां रविवार को भक्तों की भीड़ जमा होती है। ज्यादातर भक्त गठिया रोग से पीडि़त होते हैं। लोगों का मानना है कि एक नीम के पुराने पेड़ के नीचे विराजमान भुवनेश्वरी देवी स्थान के टीले की मिट्टी लगाने मात्र से गठिया बीमारी जड़ से दूर हो जाती है। देवी का पुजारी मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार बिरादरी से ही नियुक्त करने की परम्परा है। पुजारी कालीदीन प्रजापति ने बताया कि गठिया से पीडि़त दूर-दूर के लोग यहां रविवार को आते हैं। इसी गांव के निर्भयदास प्रजापति ने बताया, वर्षो पहले गांव के प्रेमदास प्रजापति को देवी मां ने स्वप्न में कहा था कि उनका स्थान मिट्टी का ही यानी कच्चा रहेगा, ताकि गठिया रोग से पीडि़त लोग अपने बदन में इसे लगा कर चंगा हो सकें। सन् 1875 के गजेटियर में कर्नल टाड ने लिखा है,इस देवी स्थान के पास के तालाब की मिट्टी में गंधक और पारा मौजूद है जो गठिया रोग को ठीक करने में सहायक होता है। बांदा के अतर्रा स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं चिकित्सालय के प्राचार्य डॉ. एस.एन. सिंह का कहना है कि मिट्टी में औषधीय तत्व हैं और नीम में तमाम आसाध्य बीमारियों को ठीक करने की क्षमता होती है, यही वजह है कि इस स्थान की मिट्टी लगाने से गठिया रोगियों को फायदा होता है। अतर्रा डिग्री कॉलेज के संस्कृत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्ण दत्त चतुर्वेदी बताते हैं कि संस्कृत साहित्य के हिंदी रूपांतरित ग्रंथ मां भुवनेश्वरी महात्म्य के अनुसार यह स्थान उत्तर वैदिककालीन माना गया है और तालाब सूरज कुंड के नाम से विख्यात था। गत रविवार को इस स्थान पर पहुंचे गठिया रोग से पीडि़त सुल्तानपुर की रामश्री, प्रतापगढ़ की रामप्यारी और शाहजहांपुर की भगवनिया ने बताया कि वे यहां तीसरी-चौथी बार आए हैं, उन्हें काफी आराम मिला है। झलोखर गांव के जागेश्वर ने बताया कि यहां लगातार पांच रविवार तक आकर टीले की मिट्टी लगाने से गठिया बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है।

महिला हमलावरों के स्तन में छुपा होगा विस्फोटक



लंदन। ब्रिटेन के एम16 खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि डॉक्टरों को अल कायदा द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे वह आत्मघाती महिला हमलावरों के स्तनों के अंदर विस्फोटक लगा सके। प्रमुखों का मानना है कि आतंकवादी हवाई अड्डों में अत्याधिक सुरक्षा होने की वजह से विस्फोटक साथ नही ले जा पाते। इसलिए अब वह महिला हमलावरों के स्तनों में और पुरुष आतंकवादियों के पेट में लगाए गए विस्फोटक के साथ विमानों को उड़ा सकते हैं। यह विस्फोटक एक इंजेक्शन द्वारा शरीर के अंदर डाला जाता है। सूत्रों के अनुसार हवाई अड्डो में लगे स्कैनर इंजेक्शन द्वारा विस्फोट करने वाले विस्फोटक का पता लगाने में सक्षम नही है।