भुवनेश्वर. ओडिशा में एक रिटायर्ड जज, उनकी पत्नी और वकील बेटे समेत चार लोगों को अपनी 23 वर्षीय गर्भवती नौकरानी की हत्या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं पीड़ित नौकरानी ने जज के वकील बेटे की बहू होने का दावा किया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीडि़त महिला कालाहांडी में न्यायधीश रह चुके समीर कुमार रे के घर में बतौर घरेलू नौकरानी का काम करती थी। मंगलवार सुबह महानदी पर बने जोब्रा एनीकट पुल पर उसे कुछ लोगों ने जख्मी हालत में पुल की रेलिंग में फंस कर तड़पते हुए देखा। वे तुरंत उसे एससीबी मेडिकल कालेज ले गए जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
इस महिला ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उसके पेट में जस्टिस रे के 26 वर्षीय बेटे सत्यब्रत का बच्चा पल रहा है। उन लोगों ने सत्यव्रत की शादी कहीं और तय कर दी और उस पर बच्चा गिरवाने का दबाव डाला लेकिन जब उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो उसे ठिकाने लगाने की साजिश रची गई।
कटक के डीसीपी एस प्रवीण कुमार के अनुसार इस बात के प्रारंभिक सुबूत मिल गये हैं कि जस्टिस रे और उनके परिवार ने भाड़े के हत्यारों को इस काम का जिम्मा सौंपा और नौकरानी की जुबान हमेशा बंद करने करने के लिए उन्हें तीन लाख रूपये दिये। दैनिक भास्कर डॉट कॉम से बातचीत में प्रवीण कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि पीड़ित महिला पिछले चार साल से परिवार के साथ काम कर रही थी। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जज के बेटे ने उसके साथ मंदिर में सिंदूर लगाकर शादी की। पीड़िता परिवार की बहू है या नौकरानी यह अभी जांच का विषय है। पीड़िता अभी इस हालत में नहीं है कि वो अपनी शादी के सबूत पेश करे। पुलिस की पहली प्राथमिकता पीड़िता का स्वास्थ्य और फिर उसे न्याय दिलाना है।
सोमवार की रात चार बदमाशों ने उसे जज के घर से अगवा कर लिया और उसकी बहुत देर तक बुरी तरह पिटाई की। बाद में वे उसे कार में डाल कर पुल पर ले आये और उसके हाथ पैर बांध कर नदी की तरफ फेंक कर चले गये लेकिन उसकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। वह नदी में गिरने के बजाए पुल पर लगे लोहे की रेलिंग में फंस गयी और रात भर जिंदगी और मौत के बीच झूलती रही।
जस्टिस रे परिवार ने अपनी सफाई में कहा है कि यह महिला उन्हें ब्लैकमेल कर रही थी। एक व्यक्ति जो उसके पति होने का दावा कर रहा था वह उसे सोमवार को अपने साथ ले गया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीडि़त महिला कालाहांडी में न्यायधीश रह चुके समीर कुमार रे के घर में बतौर घरेलू नौकरानी का काम करती थी। मंगलवार सुबह महानदी पर बने जोब्रा एनीकट पुल पर उसे कुछ लोगों ने जख्मी हालत में पुल की रेलिंग में फंस कर तड़पते हुए देखा। वे तुरंत उसे एससीबी मेडिकल कालेज ले गए जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
इस महिला ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उसके पेट में जस्टिस रे के 26 वर्षीय बेटे सत्यब्रत का बच्चा पल रहा है। उन लोगों ने सत्यव्रत की शादी कहीं और तय कर दी और उस पर बच्चा गिरवाने का दबाव डाला लेकिन जब उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो उसे ठिकाने लगाने की साजिश रची गई।
कटक के डीसीपी एस प्रवीण कुमार के अनुसार इस बात के प्रारंभिक सुबूत मिल गये हैं कि जस्टिस रे और उनके परिवार ने भाड़े के हत्यारों को इस काम का जिम्मा सौंपा और नौकरानी की जुबान हमेशा बंद करने करने के लिए उन्हें तीन लाख रूपये दिये। दैनिक भास्कर डॉट कॉम से बातचीत में प्रवीण कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि पीड़ित महिला पिछले चार साल से परिवार के साथ काम कर रही थी। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जज के बेटे ने उसके साथ मंदिर में सिंदूर लगाकर शादी की। पीड़िता परिवार की बहू है या नौकरानी यह अभी जांच का विषय है। पीड़िता अभी इस हालत में नहीं है कि वो अपनी शादी के सबूत पेश करे। पुलिस की पहली प्राथमिकता पीड़िता का स्वास्थ्य और फिर उसे न्याय दिलाना है।
सोमवार की रात चार बदमाशों ने उसे जज के घर से अगवा कर लिया और उसकी बहुत देर तक बुरी तरह पिटाई की। बाद में वे उसे कार में डाल कर पुल पर ले आये और उसके हाथ पैर बांध कर नदी की तरफ फेंक कर चले गये लेकिन उसकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। वह नदी में गिरने के बजाए पुल पर लगे लोहे की रेलिंग में फंस गयी और रात भर जिंदगी और मौत के बीच झूलती रही।
जस्टिस रे परिवार ने अपनी सफाई में कहा है कि यह महिला उन्हें ब्लैकमेल कर रही थी। एक व्यक्ति जो उसके पति होने का दावा कर रहा था वह उसे सोमवार को अपने साथ ले गया था।