बचत एवं साख सहकारी समितियों की जांच पड़ताल के बाद ही करें निवेश/ निवेशक विज्ञापनों एवं आकर्षक योजनाओं के प्रलोभन में न आएं
जैसलमेर, 9 मई/निवेशकों को सावचेत किया गया है कि वे सुरक्षित निवेश ही करें और जहाँ कहीं निवेश करें, उससे पहले बचत एवं साख सहकारी संस्थाओं की पर्याप्त जाँच-पड़ताल जरूर कर लेें ताकि बाद में पछताना न पड़े।
सहायक रजिस्ट्रार (सहकारी समितियाँ) शुद्धोधन उज्ज्वल ने बताया कि इस बारे में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय) सहकारी समितियां राजस्थान जयपुर ने एक परिपत्रा जारी किया है। इसमें बताया गया है कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 के अन्तर्गत पंजीकृत कतिपय बचत एवं साख सहकारी समितियों द्वारा विगत कुछ समय से विभिन्न संचार माध्यमों से उनके द्वारा संचालित की जा रही जमा योजनाओं के संबंध में विज्ञापन जारी किए गए हैं, जिनमें निर्धारित समयावधि में जमा रकम पर आकर्षक ब्याज दिया जाना, विभिन्न बैंकों से तुलना करते हुए कम समय में जमा राशि को दुगना किया जाना एवं राशि जमा कराने पर आकर्षक ब्याज दिया जाना आदि के प्रलोभनों का हवाला दिया हुआ है। इसे देखते हुए उन्होंने निवेशकों से कहा है कि वे किसी भी सोसयटी में राशि का निवेश किए जाने से पूर्व संपूर्ण जानकारी एवं जोखिम का आकलन अपने स्तर पर आवश्यक रूप से कर लें।
परिपत्रा में बताया गया है कि ऐसी बचत एवं साख सहकारी समितियाँ सोसायटी अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत हेैं, किन्तु यह समितियां भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त बैंकों की श्रेणी में नहीं आती हैं। ऐसी सोसायटियों द्वारा अपने सदस्यों से भिन्न व्यक्तियों से लेन-देन किया जाना नियमानुकूल नहीं हैं। समितियों द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं में न तो राज्य सरकार की कोई भागीदारी है तथा न ही ऐसी योजनाएं प्रायः राज्य सरकार अथवा सहकारी विभाग से अनुमोदित ही होती हैं।
इसके साथ ही पंजीकृत बचत एवं साख समितियों द्वारा जारी विज्ञापन सहकारिता विभाग से अनुमोदित नहीं हैं। यदि किसी सोसायटी द्वारा किसी निवेशक को भ्रामक जानकारी दी जाकर प्रवंचित किया जाता है तो ऐसी सोसायटी के विरुद्ध संबंधित जिले के उप/सहायक रजिस्ट्रार को शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। साथ ही परिवेदित व्यक्ति आवश्यकतानुसार संबंधित सोसायटी के विरुद्ध अपराधिक कार्यवाही भी संस्थित करवा सकता है।
परिपत्रा में यह भी बताया कि इस प्रकार की सोसायटियों में राशि का निवेश किए जाने से पूर्व निवेशक ऐसी सोसायटियों की योजनाओं के बारे में संपूर्ण जानकारी एवं जोखिम का आकलन स्वयं अपने स्तर पर आवश्यक रूप से कर लें।
सहायक रजिस्ट्रार (सहकारी समितियाँ) शुद्धोधन उज्ज्वल ने बताया कि इस बारे में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय) सहकारी समितियां राजस्थान जयपुर ने एक परिपत्रा जारी किया है। इसमें बताया गया है कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 के अन्तर्गत पंजीकृत कतिपय बचत एवं साख सहकारी समितियों द्वारा विगत कुछ समय से विभिन्न संचार माध्यमों से उनके द्वारा संचालित की जा रही जमा योजनाओं के संबंध में विज्ञापन जारी किए गए हैं, जिनमें निर्धारित समयावधि में जमा रकम पर आकर्षक ब्याज दिया जाना, विभिन्न बैंकों से तुलना करते हुए कम समय में जमा राशि को दुगना किया जाना एवं राशि जमा कराने पर आकर्षक ब्याज दिया जाना आदि के प्रलोभनों का हवाला दिया हुआ है। इसे देखते हुए उन्होंने निवेशकों से कहा है कि वे किसी भी सोसयटी में राशि का निवेश किए जाने से पूर्व संपूर्ण जानकारी एवं जोखिम का आकलन अपने स्तर पर आवश्यक रूप से कर लें।
परिपत्रा में बताया गया है कि ऐसी बचत एवं साख सहकारी समितियाँ सोसायटी अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत हेैं, किन्तु यह समितियां भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त बैंकों की श्रेणी में नहीं आती हैं। ऐसी सोसायटियों द्वारा अपने सदस्यों से भिन्न व्यक्तियों से लेन-देन किया जाना नियमानुकूल नहीं हैं। समितियों द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं में न तो राज्य सरकार की कोई भागीदारी है तथा न ही ऐसी योजनाएं प्रायः राज्य सरकार अथवा सहकारी विभाग से अनुमोदित ही होती हैं।
इसके साथ ही पंजीकृत बचत एवं साख समितियों द्वारा जारी विज्ञापन सहकारिता विभाग से अनुमोदित नहीं हैं। यदि किसी सोसायटी द्वारा किसी निवेशक को भ्रामक जानकारी दी जाकर प्रवंचित किया जाता है तो ऐसी सोसायटी के विरुद्ध संबंधित जिले के उप/सहायक रजिस्ट्रार को शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। साथ ही परिवेदित व्यक्ति आवश्यकतानुसार संबंधित सोसायटी के विरुद्ध अपराधिक कार्यवाही भी संस्थित करवा सकता है।
परिपत्रा में यह भी बताया कि इस प्रकार की सोसायटियों में राशि का निवेश किए जाने से पूर्व निवेशक ऐसी सोसायटियों की योजनाओं के बारे में संपूर्ण जानकारी एवं जोखिम का आकलन स्वयं अपने स्तर पर आवश्यक रूप से कर लें।
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