गुरुवार, 10 मई 2012

रिश्वत लेते सीजेएम कोर्ट का रीडर गिरफ्तार


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सिरोही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में सीजेएम कोर्ट के रीडर को १० हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रीडर ने उसे धोखाधड़ी के केस से बरी करवाने के एवज में २० हजार रुपए मांगे थे। सिरोही एसीबी के एएसपी चैनसिंह राजपुरोहित ने बताया कि वलदरा निवासी मंगलसिंह चारण पुत्र धर्मदान चारण ने ८ मई को सीएजेएम कोर्ट के रीडर हेमराज प्रजापत के खिलाफ २० हजार रुपए रिश्वत मांगने की शिकायत की। उसने परिवाद में बताया कि उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला कोर्ट में चल रहा है। न्यायालय के रीडर हेमराज प्रजापत ने इस मामले में उसे बरी करवाने के एवज में २० हजार रुपए रिश्वत की मांग की। इसमें से १० हजार रुपए वह ७ मई को ही दे चुका है। इस मामले के सत्यापन के लिए ८ मई को एसीबी के एएसपी चैनसिंह राजपुरोहित ने परिवादी के माध्यम से १००० रुपए रीडर हेमराज प्रजापत को दिलवाए। बुधवार को हेमराज ने उसे १० हजार रुपए लेकर कलेक्ट्रेट परिसर आने को कहा। कलेक्ट्रेट परिसर से मंगलसिंह ने उसे फोन किया तो हेमराज ने उसे चाय की कैंटीन में बुलाया। कैंटीन में एसीबी ने छापा मारकर १० हजार रुपए की रिश्वत लेते हेमराज को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई में एसीबी के डिप्टी जोगाराम, निरीक्षक नरेंद्र कुमार और अन्य कर्मचारी शामिल थे। आरोपी को गुरुवार को जोधपुर न्यायालय में पेश किया जाएगा।

यह था मामला

परिवादी मंगलसिंह चारण ने बताया कि वर्ष २००३ में कालंद्री थाने में उसके खिलाफ सिरोही डाक अधीक्षक जे.एस. गुर्जर ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। डाक अधीक्षक ने वलदरा डाकघर में कार्यरत मंगलसिंह चारण पर लोगों के पैसे पासबुक में जमा नहीं करने की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।

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