नई दिल्ली.एनएचआरएम घोटाले उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक जांच अधिकारियों ने बाबू सिंह कुशवाहा को बता दिया है कि उन्हें कानूनी तौर पर हिरासत में ले लिया गया है। अब बाबू सिंह कुशवाहा को गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में पेश किया गया। बसपा विधायक रामप्रसाद जायसवाल को भी सीबीआई ने कुशवाहा के साथ गिरफ्तार किया है।
अदालत में कुशवाहा ने कहा कि एनएचआरएम घोटाले से संबंधित फंड इस्तेमाल करने का फैसला स्वास्थ्य कमेटी ने लिया था। यूपी की मुख्यमंत्री मायावती उस कमेटी की अध्यक्ष थी जबकि मैं उपाध्यक्ष था। कुशवाहा ने अपनी सफाई में कहा कि मेरे कार्यकाल से पहले ही विभाग में घोटाले जारी थे लेकिन सारा दोष मेरे मत्थे मढ़ दिया गया है, मैं पूरी तरह निर्दोष हूं।
उत्तर प्रदेश में हुए एनएचआरएम घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने आज कुशवाहा पूछताछ के लिए बुलाया था। कुशवाहा सुबह से ही सीबीआई के दफ्तर में मौजूद हैं। सीबीआई एक निजी कंपनी को ठेका दिए जाने के मामले में पूछताछ कर रही है, सूत्रों के मुताबिक बाबू सिंह कुशवाहा सीबीआई के सवाबों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे थे।
गौरतलब है कि कुशवाहा उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार में परिवार कल्याण मंत्री थे। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद मायावती ने उन्हें मंत्रीपद से हटाकर पार्टी से निकाल दिया था। इसके बाद कुशवाहा भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन राजनीतिक दवाब के चलते कुशवाहा की बीजेपी सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी।
भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कुशवाहा की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सवाल यह है कि कुशवाहा को इतनी देर से क्यों गिरफ्तार किया गया। कुशवाहा ने खुद कहा था कि बीजेपी को परेशानी न हो इसलिए मेरी सदस्यता रद्द कर दी जाए। वो सिर्फ पिछड़ों के हक के लिए हमारे साथ थे। हम स्वीकार करते हैं कि पिछड़े और अति पिछड़े वोट मुस्लिम आरक्षण के विरोध के मुद्दे पर हमारे साथ जुड़े। कुशवाहा के कारण निश्चित तौर पर बीजेपी को चुनावों में फायदा हुआ है।
ठीक चुनाव समाप्त होते ही कुशवाहा की गिरफ्तारी बताती है कि सीबीआई का किस तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है। कुशवाहा अगर गुनाहगार हैं तो फिर उन्हें सजा दी जाए लेकिन सिर्फ उन्हें ही निशाना बनाया जाए यह गलत है।