शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

साहित्य के महाकुंभ का भक्ति से आगाज

साहित्य के महाकुंभ का भक्ति से आगाज
जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन उदघाटन सत्र के बाद पहले सत्र में भक्ति रस छाया रहा। कवि एवं आलोचक पुरूषोत्तम अग्रवाल और अरविंद कृष्ण महरोत्रा ने भक्तिकाल पर व्याख्यान से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अग्रवाल ने भक्ति में उपासना और समर्पण को अलग रूप में परिभाषित करते हुए कहा कि महाभक्ति केवल उपासना ही नहीं है। समर्पण भी भक्ति में ठीक उसी तरह समाहित होता है जैसा प्रेमी-प्रेमिका के बीच का रिश्ता। भक्ति को भागीदारी और बराबरी के रूप में लेना चाहिए। उन्होंने भक्त कवि कबीर का दोहा पढ़ा कि "पाछे लागा हरि फिरे कहत कबीर कबीर...।" अग्रवाल ने कहा कि भक्ति तो मनुष्य में मनुष्य के रूप में सम्मान करने की विरासत सरीखी है।

क्विन मदर ऑफ भूटान ने किया उदघाटन
इससे पहले दुनियाभर में मशहूर जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) का आगाज गुरूवाणी, भक्ति व सूफी संगीत से हुआ। क्विन मदर ऑफ भूटान आशी सांगे वांगचुक ने उदघाटन किया। इस मौके पर मशहूर गीतकार गुलजार, फिल्म निर्देशक विशाल भार्द्वाज, लेखक अरविंद कृष्ण महरोत्रा, भूटान की राजमाता, लेखक पवन वर्मा समेत कई लोग मौजूद थे। इस मौके पर पुष्कर के विख्यात वाद्ययंत्र वादक नत्थूलाल सोलंकी ग्रुप ने प्रस्तुति दी।

सरकार और नुमाइंदों ने बनाई दूरी

विवादास्पद लेखक सलमान रूश्दी को लेखक उपजे विवाद की छाया का असर उत्सव के शुरूआती दिन ही झलकने लगा। आलम यह था कि इतने बड़े आयोजन में सरकारी की तरफ से कोई नुमाइंदा नजर नहीं आया। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी तरफ से किसी ने भी उदघाटन कार्यक्रम में शिरकत नहीं की। माना जा रहा है कि रूश्दी को बुलाए जाने को लेकर उठे विरोध तथा दबाव और उसके बाद सरकारी स्तर पर उन्हें रोके जाने की कवायद में सरकार की बड़ी भूमिका रही है। इसके चलते सरकार ने दूरी बनाए रखना ही मुनासिब समझा।

आयोजन स्थल पड़ा छोटा

डिग्गी पैलेस होटल में 24 जनवरी तक चलने वाले साहित्य महाकुंभ के लिए शुक्रवार सुबह तक देश-दुनिया के साहित्यकार जुट गए। पहले ही उत्सव में लोगों की गहमागहमी इतनी अधिक रही कि आयोजन स्थल छोटा पड़ गया। उत्सव स्थल को भी साहित्यिक लुक दिया गया है। फ्रंट लॉन, मुगल लॉन, बैठक सहित अलग-अलग पंडाल सजाए गए हैं।

"दिल्ली के आगे मुजरा नहीं करेगा गुजरात"

"दिल्ली के आगे मुजरा नहीं करेगा गुजरात"

वलसाड। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले को लेकर एक बार फिर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। मोदी ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार गुजरात के सार्वजनिक जीवन को नष्ट करने के लिए राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद का दुरूपयोग कर रही है। मोदी ने कहा कि गुजरात दिल्ली सल्तनत के आगे नहीं झुकेगा।

दिल्ली की सल्तनत को सावधानीपूर्वक यह बात सुननी चाहिए कि गुजरात दिल्ली दरबार के आगे कभी मुजरा नहीं करेगा। हम कोई दिवालिया राज्य नहीं हैं। सद्भावना मिशन के तहत रखे उपवास के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हमारे खिलाफ सभी संवैधानिक संस्थाओं और संवैधानिक पदों का इस्तेमाल कर लीजिए और ध्यान रखें कि उनके इस्तेमाल में देर नहीं हो।

मोदी ने कहा कि समस्या यह है कि गुजरात के लोगों ने पिछले कई साल से कांग्रेस को कुछ भी नहीं दिया है और यही वजह है कि वे कांग्रेस नेता मुझे निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों से मेरा कहना है कि वे कांग्रेस को कुछ नहीं देना जारी रखें। हमारे साथ गुजरात के छह करोड़ लोगों की दुआएं हैं। कोई भी हमें पराजित नहीं कर सकता।

अभियंता ने की लेखा सहायक की ठुकाई

अभियंता ने की लेखा सहायक की ठुकाई

बालोतरा। पंचायत समिति के महानरेगा कार्यालय परिसर में गुरूवार दोपहर एक कनिष्ठ तकनीकी सहायक ने लेखा सहायक की पिटाई कर दी। लातों घंूसों से पिटाई के कारण लहुलुहान लेखा सहायक कैलाशपुरी गोस्वामी को उपचार के लिए राजकीय नाहटा अस्पताल में पहुंचाया गया। इस घटना को लेकर लेखा सहायक ने कनिष्ठ तकनीकी सहायक वगताराम के खिलाफ मारपीट व राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज करवाया है।

गुरूवार दोपहर पंचायत समिति के महानरेगा कार्यालय परिसर में खड़े लेखा सहायक कैलाशपुरी गोस्वामी के साथ कनिष्ठ तकनीकी सहायक वगताराम ने अभद्रता की। इस बदतमीजी को लेकर टोकने पर वगताराम आग बबूला हो गया और उसने लेखा सहायक पर हमला कर दिया। लातों घूंसों से मारपीट शुरू कर दी। इस घटना में लेखा सहायक की नाक व मुंह पर चोटें आई। अचानक हुई इस घटना से पंचायत समिति परिसर में हंगामा मच गया। बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लग गई। लहुलुहान हालत में लेखा सहायक को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।

इसको लेकर कैलाशपुरी पुत्र आनंदपुरी निवासी थान माता हिंगलाज हाल लेखा सहायक महानरेगा बालोतरा ने कनिष्ठ तकनीकी सहायक वगताराम के खिलाफ मारपीट व राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मामला बालोतरा थाने में दर्ज करवाया है। रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि उक्त कार्मिक द्वारा पूर्व में भी उनके साथ बदतमीजी की जा चुकी है। इसके बारे में उन्होंने पहले भी पंचायत समिति की प्रधान को शिकायत की थी। लेकिन उसके व्यवहार में सुधार नहीं हुआ। उन्होंने उसे सनकी बताते हुए कार्यवाही की मांग की। पुलिस ने भादंसं की धारा 341, 323 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच एएसआई भंवरसिंह को सुपुर्द की।


उच्चाधिकारियों को शिकायत
कनिष्ठ तकनीकी सहायक वगताराम के खिलाफ पहले भी शिकायत मिली थी। लेखा सहायक के साथ मारपीट के मामले में उसके खिलाफ कार्यवाही को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है।
रंजन कुमार कंसारा विकास अधिकारी

गुरु व माता-पिता के सम्मान की दी सीख

गुरु व माता-पिता के सम्मान की दी सीख



बालोतरा  जिले सहित आस-पास के क्षेत्रों से आए साधु-संतों का समागम, देश भर से आए श्रद्धालुओं का सैलाब, कुछ ऐसा दृश्य गुरुवार को खेतारामजी महाराज के समाधि स्थल व ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा में गादीपति तुलसारामजी महाराज के सानिध्य में आयोजित प्रेम सभा के दौरान नजर आया।

प्रेम सभा को संबोधित करते हुए गादीपति तुलसारामजी महाराज ने कहा कि माता-पिता व गुरु की सेवा से बढ़कर कुछ नहीं है। इनके आशीर्वाद से ही आत्मिक सुख के अलावा हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है। हर व्यक्ति को संतों का संग करना चाहिए क्योंकि सत्संग से ही ईश्वर प्राप्ति के साथ पुण्य का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर तो भक्तों के प्रेम के प्यासे होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रेम सभा में आए सभी श्रद्धालु माला के मणियों की तरह उनके हृदय में है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मर्षि खेतारामजी महाराज ने ब्रह्माजी को ब्रह्मलोक से पृथ्वी लोक पर लाकर प्रतिष्ठापित कर मंदिर का निर्माण कराया। गादीपति ने कहा कि गुरु महाराज के 100वे जन्म शताब्दी महोत्सव व शतकुंडीय श्री ब्रह्मत्मक महायज्ञ अनुष्ठान की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। महामंडलेश्वर निर्मलदास महाराज ने कहा कि अनीति से कमाया हुआ धन कष्ट का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि धन की तीन गति होती है दान, भोग और नाश, इसलिए सदैव शुद्ध कमाई से ही अपने परिवार का पालन-पोषण करें। उन्होंने कहा कि गाय व कन्यादान करने से व्यक्ति का लोक व परलोक में जीवन सफल हो जाएगा। बडग़ांव के महंत लहर भारती ने कहा कि जिस घर में पुण्य का वास होता है, वहां साधु-संतों का निवास होता है।

शिकारपुरा के गादीपति दयाराम महाराज ने कहा कि शिक्षा रूपी धन ही सच्चा धन है क्योंकि यह सोने-चांदी व रुपयों की तरह चोरी नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि शिक्षा व संस्कारों से ही व्यक्ति की सही पहचान होती है। कार्यक्रम को तुलसारामजी महाराज के शिष्य धन्नाराम महाराज व जगदीशपुरी महाराज ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान महामंत्री भंवरसिंह कनाना ने श्री खेतेश्वर जन्म शताब्दी महोत्सव व शतकुंडीय महायज्ञ आयोजन के बारे में जानकारी दी। प्रेम सभा के दौरान उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रुप में मेथी के लड्डू वितरित किए गए। इस अवसर पर कृषि उपज मंडी समिति के उपाध्यक्ष पारसमल भंडारी, करनाराम माली, मेहराराम चौधरी, समाजसेवी मोहम्मद यूसुफ भांतगर सहित आस-पास के क्षेत्रों से आए कई श्रद्धालु उपस्थित थे।

अतिथियों का किया सम्मान :ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा में आयोजित प्रेम सभा के दौरान मंचासीन अतिथियों का ट्रस्ट मंडल की ओर से स्वागत किया गया। गादीपति महाराज के सानिध्य में महामंडलेश्वर निर्मलदास महाराज, राघवदास महाराज, परेऊ मठ महंत ओंकार भारती, तारामठ के प्रतापपुरी महाराज, लेटा महंत रणछोड़ भारती, शिकारपुरा के दयाराम महाराज, रामेश्वरगिरी कनाना, जगदीशपुरी चौहटन, अणदाराम महाराज सहित पूर्व गृह राज्य मंत्री अमराराम चौधरी, सांचौर विधायक जीवाराम चौधरी,पचपदरा विधायक मदन प्रजापत, रावल किशनसिंह, पूर्व जिला प्रमुख वालाराम चौधरी, पूर्व विधायक जोगेश्वर गर्ग, उम्मेदसिंह अराबा, राजेंद्रसिंह थोब, हमीरसिंह सिवाना, उपखंड अधिकारी ओपी विश्रोई, पुलिस उप अधीक्षक रामेश्वरलाल मेघवाल व डिस्कॉम पचपदरा के सहायक अभियंता भूपेंद्रसिंह राजपुरोहित का भी सम्मान किया गया।

नेत्र जांच शिविर का समापन: ब्रह्मधाम गादीपति तुलसारामजी महाराज के सानिध्य में चल रहे तीन दिवसीय नेत्र जांच एवं चिकित्सा शिविर का गुरुवार को समापन हुआ। ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार शिविर के दौरान डॉ. महेंद्र पालीवाल, डॉ. विकास पालीवाल व उनकी टीम की ओर से 710 मरीजों की जांच, 70 ऑपरेशन व 431 मरीजों को चश्मे वितरित किए गए। शिविर के समापन अवसर पर डॉक्टरों व उनकी टीम तथा ऑपरेशन किए गए मरीजों का ट्रस्ट मंडल की ओर से सम्मान किया गया।

बाड़मेर 20 जनवरी पुलिस...आज की ताजा खबर.

469 पव्वे देशी शराब बरामद


आबकारी पुलिस ने स्कॉर्पियो गाड़ी जब्त कर चालक को किया गिरफ्तार

आबकारी पुलिस दल ने गुरुवार को क्षेत्र के नेवरी-चारलाई सरहद पर एक स्कॉर्पियो गाड़ी से 469 पव्वे देशी शराब बरामद किए। दल ने गाड़ी जब्त करने के साथ आरोपी चालक को गिरफ्तार किया। शराब के पव्वे जिस पर सरकारी शराब का लेबल चस्पा था।

आबकारी वृत्त निरीक्षक गजेन्द्रसिंह पुरोहित के नेतृत्व में गठित दल में जमादार ओमाराम, सिपाही रामरोशन यादव, तेजप्रतापसिंह, शिवलाल शामिल थे। मुखबीर की सूचना पर इस दल ने नेवरी-चारलाई सरहद पर स्कार्पियो गाड़ी न. आरजे 19 यूए 5366 को रोककर तलाशी ली। इस दौरान 10 कार्टन में 469 पव्वे देशी शराब मिली। इस पर पुलिस ने शराब बरामद करने के साथ गाड़ी को जब्त किया। इस दौरान गाड़ी चालक भोपालसिंह पुत्र बींजराजसिंह निवासी झंवर को गिरफ्तार किया गया। यह शराब जोधपुर के झंवर थाना क्षेत्र के आस पास से लाई जाने की बात कही जा रही है।

झूठे मामले दर्ज करवाने वालों से मुआवजा वसूलें : कलेक्टर

बाड़मेर अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों पर हो रहे अत्याचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाए ताकि पीडि़त पक्ष को जल्द न्याय मिल सके। यह बात गुरुवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित अत्याचार संबंधी मामलों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर वीणा प्रधान ने कही। उन्होंने हिदायत दी कि छह माह से बकाया चल रहे अनुसूचित जाति-जनजाति प्रकरणों पर जल्द कार्रवाई हो। साथ ही उन्होंने अनुसूचित जाति अत्याचार के मामलों में आरोपियों के अदालत में बरी होने के प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने झूठे मामले दर्ज करवाने पर मुआवजा राशि ब्याज सहित वसूलने की हिदायत दी। कलेक्टर ने समिति के समक्ष रखे गए 20 प्रकरणों की समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई करने के साथ ही मुआवजा देने को कहा। बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक रामसिंह मीणा सहित समिति सदस्य मौजूद थे।

धोखाधड़ी के मामले दर्ज

बालोतरा पुलिस थानांतर्गत धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज हुए हैं। पुलिस के अनुसार मीठूखां पुत्र अब्दुल रहीम खां ने मामला दर्ज करवाया कि निसार मोहम्मद पुत्र बरकत खां निवासी जसोल वगैरह 6 जनों ने षड्यंत्रपूर्वक उसकी जमीन का फर्जी इकरारनामा तैयार कर अपने नाम कराली। इसी तरह रामेश्वरी पत्नी स्वर्गीय बाबूलाल सोनी निवासी लक्ष्मी नगर बाड़मेर ने मामला दर्ज कराया कि मदनलाल पुत्र बाबूलाल सोनी निवासी पनघट रोड़ मोचीवाड़ा बालोतरा व हेमंत सांखला वरिष्ठ लिपिक नगरपालिका बालोतरा ने उसके पट्टाशुदा मकान को हड़पने की नीयत से षड्यंत्रपूर्वक उसके मकानों के फर्जी दस्तावेज बना फर्जी हस्ताक्षर कर प्लॉट का बेचान बताकर अपने नाम कर लिया।

हमले के चार आरोपी गिरफ्तार

बाड़मेर चौहटन थाने के मते का तला गांव में बुधवार को हुए जानलेवा हमले के चार आरोपियों को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार नारायणसिंह व रेमतसिंह दोनों पुत्र गगसिंह एवं पदमसिंह व पाबू सिंह दोनों पुत्र गुमानसिंह निवासी मते का तला को गिरफ्तार किया। चारों को शुक्रवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।

एसपी को दिया ज्ञापन: इधर जिला मुख्यालय पर जांगिड़ ब्राह्मण जिला महासभा बाड़मेर के अध्यक्ष हेमंत कुमार जांगिड़ ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस जानलेवा हमले से समाज में रोष व्याप्त है, इसमें न्याय दिलाया जाए।
हत्या का आरोपी रिमांड पर

बाड़मेर बुधवार को खडीयाली नाडी बांड में युवक की हत्या के आरोपी भाई को गुरुवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन के पुलिस रिमांड पर दिया। पुलिस के अनुसार मोटरसाइकिल सवार रुकमणा राम (38) पुत्र धीमा राम जाट निवासी खडीयाली नाडी बांड की जीप में सवार होकर आए जगमाल राम पुत्र कालू राम, केहराराम पुत्र पूनमाराम, घमंडाराम पुत्र खुमाराम, खुमाराम पुत्र धीमा राम, अचला राम पुत्र जगमाल, खंगाराराम पुत्र कानाराम जाट निवासी बांड व भैराराम दूदवाल गोलिया जैतमाल व तीन अन्य ने लाठियों व सरियों के वार से उसकी हत्या कर दी। इस मामले में एक आरोपी मृतक के भाई खुमाराम पुत्र धीमा राम को पुलिस ने बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

हत्या की आरोपी भाभी को जेल भेजा

बाड़मेर चौहटन थाना क्षेत्र के पोकरासर गांव में अपने 12 वर्षीय देवर को टांके में धक्का देकर मारने की आरोपी महिला को पुलिस रिमांड के बाद गुरुवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेजने के आदेश दिए। पुलिस के अनुसार हत्या की आरोपी महिला वरजूदेवी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से उसे जेल भेजने के आदेश दिए गए।

हत्या का आरोपी रिमांड पर

बाड़मेर बुधवार को खडीयाली नाडी बांड में युवक की हत्या के आरोपी भाई को गुरुवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन के पुलिस रिमांड पर दिया। पुलिस के अनुसार मोटरसाइकिल सवार रुकमणा राम (38) पुत्र धीमा राम जाट निवासी खडीयाली नाडी बांड की जीप में सवार होकर आए जगमाल राम पुत्र कालू राम, केहराराम पुत्र पूनमाराम, घमंडाराम पुत्र खुमाराम, खुमाराम पुत्र धीमा राम, अचला राम पुत्र जगमाल, खंगाराराम पुत्र कानाराम जाट निवासी बांड व भैराराम दूदवाल गोलिया जैतमाल व तीन अन्य ने लाठियों व सरियों के वार से उसकी हत्या कर दी। इस मामले में एक आरोपी मृतक के भाई खुमाराम पुत्र धीमा राम को पुलिस ने बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।


जालोर रानीवाड़ा सांचौर आहोर सायला जसवंतपुरा ....न्यूज इनबॉक्स.... 20 जनवरी 2012


हाइवे पर हादसा, पौन घंटे तक तड़पते रहे घायल

मोटरसाइकिल सवार दो युवक घायल, मौके पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने से तड़पते रहे

सांचौर क्षेत्र के धमाणा का गोलिया सरहद में नेशनल हाइवे पर अज्ञात वाहन की टक्कर मोटरसाइकिल सवार दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए । पुलिस के अनुसार लुखु धोरिमन्ना निवासी प्रकाश पुत्र तगाराम मेघवाल और गमनाराम पुत्र भानाराम मेघवाल मोटरसाइकिल लेकर सांचौर से गांधव की ओर जा रहे थे। इसी दौरान एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। जिसके कारण दोनों जने बुरी तरह घायल हो कर सड़क पर गिर पड़े। घटना स्थल पर दोनों के शरीर से काफी खून बहकर फैल गया। इस बीच हाइवे के दोनों ओर जाम भी लग गया। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस और एंबुलेंस को दी, लेकिन दोनों ही काफी देरी से पहुंचे। वहां से गुजर रहे एक युवक ने एक घायल को अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाया जबकि दूसरे को पुलिस ने पहुंचाया। दोनों को शहर के भंसाली अस्पताल में भर्ती किया गया।

तस्करी का आरोपी रिमांड पर

मुड़ी गांव के पास नाकेबंदी में गिरफ्तार हुआ था अफीम तस्करी का आरोपी, जालोर के आस पास के क्षेत्रों में होना था सप्लाई,

जालोर अफीम के आरोप में गिरफ्तार आरोपी को पुलिस ने चार दिन के रिमांड पर लिया है। इस आरोपी को पुलिस ने बुधवार को 670 ग्राम अफीम के दूध के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार बुधवार को मुखबिर की सूचना पर मुड़ी गांव में नाकेबंदी की गई। जिसके बाद युवक के कब्जे से 670 ग्राम अफीम का दूध बरामद कर उसे गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार मुखबिर की सूचना पर सीआई दलपतसिंह भाटी के निर्देशन में मुडी गांव में नाकेबंदी की गई। जिस पर जागो की ढाणी रोहिया (लूणी) निवासी भोमाराम पुत्र गोकुलराम विश्नोई आता हुआ दिखाई दिया। पुलिस को देखकर वह भाग गया। पुलिस ने उसका पीछा किया और तलाशी ली। जिस पर आरोपी से 670 ग्राम अफीम का दूध बरामद किया गया। कार्रवाई में एएसआई कुयाराम, कांस्टेबल हरीराम, योगेंद्र, करनाराम मौजूद थे।

श्मशान भूमि को लेकर हुआ विवाद

 भीनमाल नगर के करड़ा मार्ग पर स्थित बालसंमद बाध की पाल पर घांची समाज की श्मशान भूमि को लेकर घांची समाज के दो गुटों में विवाद हो गया। दोनों ही गुटों की तरफ से गुरुवार को भीनमाल पहुंचे कलेक्टर व उपखंड अधिकारी को अलग-अलग ज्ञापन सांैपे। भाजपा पार्षद दिनेश चौहान व पारस घांची के नेतृत्व में करीब चार दर्जन से अधिक लोगों ने सौंपे ज्ञापन में बताया कि बालसमंद बांध की पाल के पास भील समाज व मेघवाल समाज की श्मशान भूमि के बीच घंाची समाज की बाल श्मशान भूमि आई हुई है।

जहां कई सालों से घांची समाज के बालकों की मौत होने पर दफनाया जाता था। इस भूमि पर अतिक्रमण की नियत से दो दिन पूर्व समाज के कुछ लोगों ने पत्थर की छींणे हटाकर कब्जा करने का प्रयास किया। जिसको लेकर समाज में काफी आक्रोश व्याप्त है। दूसरी तरफ जयंतीलाल व रेवाराम घांची के नेतृत्व में करीब दर्जनभर लोगों ने ज्ञापन सौंपकर बताया कि इस भूमि को बाल श्मशान भूमि के आड में हड़पने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि समाज की श्मशान भूमि नीलकंठ महादेव मंदिर के सामने आई हुई है।

अस्पताल परिसर में एक की मौत

जालोर शहर के राजकीय अस्पताल परिसर में गुरुवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार दोपहर करीब ढाई बजे सूरजपोल निवासी चंपाराम पुत्र मगाराम मीणा राजकीय अस्पातल परिसर में स्थित चाय की होटल के पास एक बेंच पर लेटा हुआ था। काफी देर तक कोई आहट होती न देख होटल व्यवसायी ने उसे जगाया तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी थी। जिस पर उसने पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के परिजनों को इसकी सूचना दी, लेकिन उन्होंने शव ले जाने से इन्कार कर दिया। पुलिस ने बताया कि मृतक टी.बी. की बीमारी से ग्रसित था और उसके परिवार में अन्य कोई नहीं था। ऐसे में शव को नगरपालिका को सुपुर्द किया गया। इसके बाद देर शाम एएसआई इंदाराम, कांस्टेबल गिरधारीसिंह व पालिकाकर्मियों की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया।


युवती के साथ ज्यादती का मामला दर्ज

आहोर पुलिस थाने में पादरली गांव की एक महिला ने उसकी अविवाहित पुत्री के साथ दो युवकों द्वारा बंधक बनाकर ज्यादती करने का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस के अनुसार पादरली गांव निवासी महिला ने मामला दर्ज करवाया कि उसकी अविवाहित पुत्री को बहला फुसलाकर पाली के हरीजन बस्ती निवासी मोहित पुत्र रतनलाल व विजय पुत्र श्रवण कुमार पाली ले गए। जहां पर बंद कमरे में दोनो युवकों ने उसकी पुत्री के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।





देशी कट्टा दिखाकर की थी डकैती

देशी कट्टा दिखाकर की थी डकैती

आरोपियों को रखा बापर्दा, अन्य की तलाश में पुलिस

सायला थाना क्षेत्र के जीवाणा गांव के एक पेट्रोल पंप पर गत दिनों हुई लूट की वारदात का सायला पुलिस ने गुरुवार को खुलासा कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही उनके कब्जे से डकैती में प्रयुक्त वाहन भी जब्त किया है, वहीं शेष आरोपियों की तलाश जारी है। फिलहाल, सभी आरोपियों को बापर्दा रखा गया है। थाना प्रभारी सुमेरसिंह राठौड़ के अनुसार जालमपुरा निवासी पदमाराम पुत्र मेहराराम चौधरी ने रिपोर्ट पेश कर बताया था कि ९ जनवरी रात करीब तीन बजे उसके भाई धनरूपाराम चौधरी के जीवाणा स्थित मैसर्स चौधरी फिलिंग स्टेशन पेट्रोल पंप पर बोलेरो में सवार ७-८ जनों ने सेल्समैन कांतिलाल व बदाराम को डरा धमकाकर करीब दस हजार रुपए, एक टीवी और मोबाइल लूट लिया था।
घटना के बाद पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ और पुलिस उप अधीक्षक देवकिशन शर्मा के निर्देश पर एएसआई अनिल चौधरी, कांस्टेबल हीरालाल राजपुरोहित व गोकाराम चौधरी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने लोहावट, भोजासर व मथानिया व ओसिया में जगह-जगह आरोपियों की तलाश की। मोबाइल के टॉवर लोकेशन के आधार पर पुलिस ने चौहानों का बेरा रिडमलसर निवासी पुखराज पुत्र गंगाराम मेघवाल को दस्तयाब कर पूछताछ की। कड़ी पूछताछ करने पर उसने पलिंदा पुलिस थाना लोहावट निवासी खेराजराम पुत्र माणकराम जाट, अरटियावास दसोड़ी पुलिस थाना जाम्बा निवासी पवन कुमार उर्फ पपिया पुत्र किशनराम जाट, चौहानों का बेरा रिड़मलसर पुलिस थाना भोजासर निवासी किशनाराम पुत्र हड़मानाराम जाट, राणेसर पुलिस थाना भोजासर निवासी ओमप्रकाश पुत्र पाबूराम, मेरिया पुलिस थाना लोहावट निवासी पपूराम पुत्र चौथाराम मेघवाल, जाखन पुलिस थाना ओसिया निवासी आनंदसिंह पुत्र संग्रामसिंह राजपूत और सिराणा निवासी लूणसिंह पुत्र नारायणसिंह राजपूत के साथ मिलकर डकैती करना कबूल किया। जिसके बाद पुलिस ने लूट के अन्य आरोपी खेराजराम, पवन कुमार, किशनाराम, ओमप्रकाश व पपूराम को विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया। साथ ही डकैती में प्रयुक्त वाहन को भी जब्त किया गया। सभी आरोपियों को बापर्दा रखा गया है। पुलिस ने शेष आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। इस वारदात के खुलासे में लोहावट थाना प्रभारी देरावरसिंह भाटी, भोजासर थाना प्रभारी बंशीलाल व मथानिया थाना प्रभारी का भी सहयोग रहा।

पेट्रोल पंप लूट मामले में छह आरोपी गिरफ्तार






तनसिंह जयंती पोस्टर का विमोचन

तनसिंह जयंती पोस्टर का विमोचन





तनसिंह जयंती पोस्टर का विमोचन

जैसलमेर  तनाश्रम में गुरुवार को तनसिंह जयंती समारोह के पोस्टर का विमोचन किया गया। पंचायत समिति सम की प्रधान लक्ष्मीकंवर ने तनाश्रम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पोस्टर का विमोचन किया। मिडिया प्रभारी कंवराजसिंह चौहान ने बताया कि इस अवसर पर कार्यकर्ताओं की बैठक भी रखी गई। जिसमें समारोह के आयोजन के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। संयोजक सवाईसिंह ने बताया कि शुक्रवार को सभी कार्यकर्ताओं द्वारा वाहन रैली निकाली जाएगी। जो राजपूत छात्रावास प्रांगण में संपन्न होगी। इस अवसर पर पार्षद खीमसिंह, मेघराजसिंह, आमसिंह, गिरवरसिंह, भंवरसिंह, सवाईसिंह, रेवंतसिंह, आमसिंह, कंवराजसिंह, तारेन्द्रसिंह, मालमसिंह, भगवानसिंह, गिरधरसिंह, केशरसिंह, रणवीरसिंह, पृथ्वीराजसिंह, राजूसिंह, गिरधरसिंह आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।

जानिए वास्तु में रंगों का महत्व---

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पंडित दयानन्द शास्त्री-
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किसी भवन की ऊर्जा को संतुलित करना वास्तुं का मूल ध्येय है। ऊर्जा विज्ञान की एक उप शाखा है कम्पन विज्ञान। यदि कम्पन विज्ञान पर नजर डालें तो ज्ञात होता है कि ब्रहमाण्‍ड तो कम्पन का अथाह महासागर है। वस्तुओं की प्रकृतियां उनके कम्पनों के मुताबिक होती हैं। इस सत्य को अगरचे हम वास्तु के संदर्भ में अध्ययन करें और गंभीरता से देखें तो विदित होता है कि हम अपने चतुर्दिक व्यातप्त कम्पनों से प्रभावित हो रहे हैं। विभिन्न‍ प्रकार के ये कम्पन विद्युत चुम्‍बकीय क्वां टम अथवा एस्ट्रषल स्तर पर हो सकते हैं। रंग और ध्‍वनि के स्तर से ये हमको प्रभावित करते हैं। कहने की जरूरत नहीं है कि रंग और ध्वनि इस प्रकार की ऊर्जाएं हैं जिन्होंने प्रकृति एवं वातावरण के माध्यम से हमें अपने वर्तुल में घेर रखा है। यही कारण है कि वास्तु् विज्ञान में ध्वनियों तथा रंगों का स्‍थान अत्यंधिक महत्वपूर्ण है।


शुभ रंग भाग्योदय कारक होते हैं और अशुभ रंग भाग्य में कमी करते हैं। विभिन्न रंगों को वास्तु के विभिन्न तत्वों का प्रतीक माना जाता है। नीला रंग जल का, भूरा पृथ्वी का और लाल अग्नि का प्रतीक है। वास्तु और फेंगशुई में भी रंगों को पांच तत्वों जल, अग्नि, धातु, पृथ्वी और काष्ठ से जोड़ा गया है। इन पांचों तत्वों को अलग-अलग शाखाओं के रूप में जाना जाता है। इन शाखाओं को मुख्यतः दो प्रकारों में में बाँटा जाता है, ‘दिशा आधारित शाखाएं’ और ‘प्रवेश आधारित शाखाएं’।
दिशा आधारित शाखाओं में उत्तर दिशा हेतु जल तत्व का प्रतिनिधित्व करने वाले रंग नीले और काले माने गए हैं। दक्षिण दिशा हेतु अग्नि तत्व का प्रतिनिधि काष्ठ तत्व है जिसका रंग हरा और बैंगनी है। प्रवेश आधारित शाखा में प्रवेश सदा उत्तर से ही माना जाता है, भले ही वास्तविक प्रवेश कहीं से भी हो। इसलिए लोग दुविधा में पड़ जाते हैं कि रंगों का चयन वास्तु के आधार पर करें या वास्तु और फेंगशुई के अनुसार। यदि फेंगशुई का पालन करना हो, तो दुविधा पैदा होती है कि रंग का दिशा के अनुसार चयन करें या प्रवेश द्वार के आधार पर। दुविधा से बचने के लिए वास्तु और रंग-चिकित्सा की विधि के आधार पर रंगों का चयन करना चाहिए। रंग चिकित्सा पद्दति का उपयोग किसी कक्ष के विशेष उद्देश्य और कक्ष की दिशा पर निर्भर करती है। रंग चिकित्सा पद्दति का आधार सूर्य के प्रकाश के सात रंग हैं। इन रंगों में बहुत सी बीमारियों को दूर करने की शक्ति होती है। इस दृष्टिकोण से उत्तर पूर्वी कक्ष, जिसे घर का सबसे पवित्र कक्ष माना जाता है, में सफेद या बैंगनी रंग का प्रयोग करना चाहिए। इसमें अन्य गाढे़ रंगों का प्रयोग कतई नहीं करना चाहिए। दक्षिण-पूर्वी कक्ष में पीले या नारंगी रंग का प्रयोग करना चाहिए, जबकि दक्षिण-पश्चिम कक्ष में भूरे, ऑफ व्हाइट या भूरा या पीला मिश्रित रंग प्रयोग करना चाहिए। यदि बिस्तर दक्षिण-पूर्वी दिशा में हो, तो कमरे में हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए। उत्तर पश्चिम कक्ष के लिए सफेद रंग को छोड़कर कोई भी रंग चुन सकते हैं।
रंगों का महत्व हमारे जीवन पर बहुत गहरा होता है। रंग हमारे विचारों को प्रभावित करते हैं तथा हमारी सफलता व असफलता के कारक भी बनते हैं। आइए जानते हैं कि रंगों का वास्तु में क्या महत्व है----


—–पीला रंग:- यह रंग हमें गर्माहट का अहसास देता है। इस रंग से कमरे का आकार पहले से थोड़ा बड़ा लगता है तथा कमरे में रोशनी की भी जरूरत कम पड़ती है। अत: जिस कमरे में सूर्य की रोशनी कम आती हो, वहाँ दीवारों पर हमें पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। पीला रंग सुकून व रोशनी देने वाला रंग होता है। घर के ड्राइंग रूम, ऑफिस आदि की दीवारों पर यदि आप पीला रंग करवाते हैं तो वास्तु के अनुसार यह शुभ होता है।
——गुलाबी रंग:- यह रंग हमें सुकून देता है तथा परिवारजनों में आत्मीयता बढ़ाता है। बेडरूम के लिए यह रंग बहुत ही अच्छा है।
—-नीला रंग:- यह रंग शांति और सुकून का परिचायक है। यह रंग घर में आरामदायक माहौल पैदा करता है। यह रंग डिप्रेशन को दूर करने में भी मदद करता है।
—- जामुनी रंग:- यह रंग धर्म और अध्यात्म का प्रतीक है। इसका हल्का शेड मन में ताजगी और अद्‍भुत अहसास जगाता है। बेहतर होगा यदि हम इसके हल्के शेड का ही दीवारों पर प्रयोग करें।
—- नारंगी रंग:- यह रंग लाल और पीले रंग के समन्वय से बनता है। यह रंग हमारे मन में भावनाओं और ऊर्जा का संचार करता है। इस रंग के प्रभाव से जगह थोड़ी सँकरी लगती है परंतु यह रंग हमारे घर को एक पांरपरिक लुक देता है।
—अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए आपको अपने कमरे की उत्तरी दीवार पर हरा रंग करना चाहिए।
—– आसमानी रंग जल तत्व को इंगित करता है। घर की उत्तरी दीवार को इस रंग से रंगवाना चाहिए।
—–. घर के खिड़की दरवाजे हमेशा गहरे रंगों से रंगवाएँ। बेहतर होगा कि आप इन्हें डार्क ब्राउन रंग से रंगवाएँ।
—-जहाँ तक संभव हो सके घर को रंगवाने हेतु हमेशा हल्के रंगों का प्रयोग करें।

वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी भवन में गृहस्वामी का शयनकक्ष तथा तमाम कारखानों, कार्यालयों या अन्य भवनों में दक्षिणी-पश्चिम भाग में जी भी कक्ष हो, वहां की दीवारों व फर्नीचर आदि का रंग हल्का गुलाबों अथवा नींबू जैसा पीला हो, तो श्रेयस्कर रहता है। गुलाबी रंग को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह आपसी सामंजस्य तथा सौहार्द में वृद्धि करता है। इस रंग के क्षेत्र में वास करने वाले जातकों की मनोभावनाओं पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि होली जैसे, पवित्र त्यौहार पर गुलाबी रंग का प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। इस भाग में गहरे लाल तथा गहरे हरे रंगों का प्रयोग करने से जातक की मनोवृत्तियों पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
इसी प्रकार उत्तर-पश्चिम के भवन में हल्के स्लेटी रंग का प्रयोग करना उचित रहता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह भाग घर की अविवाहित कन्याओं के रहने या अतिथियों के ठहरने हेतु उचित माना जाता हैं।
इस स्थान का प्रयोग मनोरंजन कक्ष, के रूप में भी किया जा सकता है। किसी कार्यालय के उत्तर-पश्चिम भाग में भी स्लेटी रंग का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इस स्थान का उपयोग कर्मचारियों के मनोरंजन कक्ष के रूप में किया जा सकता है। वास्तु या भवन के दक्षिण में बना हुआ कक्ष छोटे बच्चों के लिए उपयुक्त माना जाता है। चूंकि चंचलता बच्चों का स्वभाव है, इसलिए इस भाग में नारंगी रंग का प्रयोग करना उचित माना जाता है। इस रंग के प्रयोग से बच्चों के मन में स्फूर्ति एवं उत्साह का संचार होता है। इसके ठीक विपरीत इस भाग में यदि हल्के रंगों का प्रयोग किया जाता है, तो बच्चों में सुस्ती एवं आलस्य की वृद्धि होती है। वास्तु या भवन में पूरब की ओर बने हुए कक्ष का उपयोग यदि अध्ययन कक्ष के रूप में किया जाए, तो उत्तम परिणाम पाया जा सकता है।

पंचतत्व के रंग- हमारे शरीर का निर्माण पंच तत्वों से हुआ है। प्रत्येक तत्व के सूक्ष्म, अति सूक्ष्म अवयव हमारे शरीर में विदयमान हैं। इन अवयवों का अपना-अपना रंग होता है। मानव शरीर के प्रत्‍येक हिस्से का अपना आभामंडल होता है। शास्त्रों के अनुसार पंच तत्वों के रंगों का विभाजन कुछ इस प्रकार किया गया है। जल का रंग हरा, पृथ्वी का रंग नारंगी एवं बैगनी, अग्नि का रंग लाल तथा पीला, वायु का बैगनी तथा आकाश का रंग नीला माना गया है। रंगों का वैज्ञानिक महत्व वैज्ञानिक शोधों एवं अन्तरराष्ट्रीय स्‍तर पर किये गये अध्ययन के अनुसार रंगों की प्रकृति तथा प्रभाव का ज्ञान होता है। शोधों से जो निष्कर्ष निकलता है वह काफी महत्वपूर्ण है। चिकित्सा्, मनोविज्ञान, भवनों के अंदरूनी हिस्सों में रंगों का उचित रूप से प्रयोग करके कार्य क्षमता में वृद्धि तथा स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति रंगों की भूमिका और प्रभाव को प्रभावित किया जा सकता है। शोधों से यह निष्कर्ष भी प्राप्त हुआ है कि व्‍यक्तिगत स्तर पर रंगों का चयन तब्दील हो जाता है। इससे पता चलता है कि भिन्न -भिन्न रंग अलग-अलग व्‍यक्तियों पर विभिन्‍न -विभिन्‍न प्रभाव डालते हैं। वैज्ञानिक शोधों में अधिकांश अलग-अलग समूहों पर समान प्रभाव पडने वाले कारणों व प्रभावों का अध्ययन किया गया है। शंका यह उठती है कि क्या वास्तव मे रंग मानव के लिए बहुत प्रभावशाली है। इस शंका का निवारण करने के लिए मनुष्य स्वयं प्रयोग करके अपने नतीजे निकाल सकते हैं। - नीले रंग के स्विमिंगपूल में तैरने से हाइपरटेंशन के मरीज का उच्च रक्तंचाप कम हो सकता है। - यदि आप पूरे दिन लाल अथवा काले रंग के मोजे पहनते हैं तो रात में जब आप मोजे उतारते हैं तो काले की अपेक्षा लाल रंग के मोजे में पैर ज्‍यादा गर्म रहते हैं।



-गुलाबी रंग के पैक मे रंग में रखी गयी पेस्ट्रीम ज्यादा स्वादिष्ट होती हैं। - लाल प्रजाति की काली मिर्च दिखाने पर मुर्गी के अंडों की जर्दी (पाक) लाल रंग की हो जाती है। - रंग ऊर्जा का ही रूप हैं, ये स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक प्रभाव रखते हैं। सामान्यत: एक ही रंग के भोज्‍य पदार्थों में समान प्रकार के विटामिन प्राप्त होते हैं। उदाहरण के तौर पर पीले व हरे प्राकृतिक भोज्य पदार्थ जैसे नीबू, मौसमी आदि विटामिन सी के स्रोत होते हैं। - रंग हमें सशक्त रूप से प्रभावित करते हैं, हमारे शरीर व मन पर विभन्न कारण से रंगों का प्रभाव पड़ता है। ये कारण भौगोलिक, सामाजिक, शिक्षागत अथवा अनुवांशिक हो सकते हैं। यहां एक ध्यान देने वाली बात यह भी है कि हमारे शरीर की ग्रंथियों (इंडोसेराइनल सिस्टम) का तानाबाना सीधे तौर पर रंगों से प्रभावित होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि हमको अनुवांशिक रूप से मिले न्यूरो ट्रांसमीटर पिटसवर्ब पेंट कम्पनी ने रंगों पर एक प्रयोग के दौरान एक कम्पनी को चुना। कुछ कर्मचारियों के कमरे में रात्रि के दौरान दीवारों पर लाल रंग कर दिया गया। शुरुआत के कुछ घंटों में इन कर्मचारियों ने अन्य कर्मचारियों की तुलना में दोगुना कार्य किया मगर शाम होते-होते इनमें आपस में झगड़ा शुरू हो गया। इस प्रयोग का अध्ययन मनोवैज्ञानिक कर रहे थे। उन्होंने निष्क र्ष निकाला कि लाल रंग के अत्यधिक प्रयोग की वजह से रक्तो में एडरेनलिन का स्तर बढ़ गया था, फलस्वंरूप इस प्रकार की घटना हुई। इसके विपरीत पीले, हरे एवं नीले रंगों का प्रयोग दवा के तौर पर शांति और दर्द निवारक के रूप में किया जाता है। नारंगी रंग ऊर्जावान माना जाता है। नारंगी तथा पीले रंगों का प्रयोग कब्जो दूर करता है, इसके प्रयोग से गुर्दे आदि शुदध होने आरम्भ हो जाते हैं। वस्तु्त: विद्युत चुम्बाकीय इंद्रघनुषी (स्पेथक्ट्ररम) का हिस्सा होते हैं ये रंग। इस आक्टेदव शेष हिस्सा कास्मिक किरणें, गामा किरणें, क्ष किरणें (एक्स( रे) परा बैगनी किरणें (अल्‍ट्रा वायलेट), इन्फ्राहरेड किरणें, रेडियो किरणें तथा हर्टज किरणें होती हैं। ये समस्त किरणें विद्युत चुम्ब्कीय ऊर्जा का ही रूप हैं। इनसे जो ऊर्जा उत्‍सर्जित होती हैं उसका विशेष हिस्सा जिसकी तरंग लम्बाई 380 से 760 मिली माइक्रान के बीच होती है उसे हम अपने नेत्रों से देख सकते हैं। सामान्‍य रूप से सभी रंग उसी श्रेणी में आते हैं।



दिशा आधारित शाखाओं में उत्तर दिशा हेतु जल तत्व का प्रतिनिधित्व करने वाले रंग नीले और काले माने गए हैं। दक्षिण दिशा हेतु अग्नि तत्व का प्रतिनिधि काष्ठ तत्व है जिसका रंग हरा और बैंगनी है। प्रवेश आधारित शाखा में प्रवेश सदा उत्तर से ही माना जाता है, भले ही वास्तविक प्रवेश कहीं से भी हो। इसलिए लोग दुविधा में पड़ जाते हैं कि रंगों का चयन वास्तु के आधार पर करें या वास्तु और फेंगशुई के अनुसार। यदि फेंगशुई का पालन करना हो, तो दुविधा पैदा होती है कि रंग का दिशा के अनुसार चयन करें या प्रवेश द्वार के आधार पर। दुविधा से बचने के लिए वास्तु और रंग-चिकित्सा की विधि के आधार पर रंगों का चयन करना चाहिए। वास्तु और फेंगशुई दोनों में ही रंगों का महत्व है। शुभ रंग भाग्योदय कारक होते हैं और अशुभ रंग भाग्य में कमी करते हैं। विभिन्न रंगों को वास्तु के विभिन्न तत्वों का प्रतीक माना जाता है। नीला रंग जल का, भूरा पृथ्वी का और लाल अग्नि का प्रतीक है। वास्तु और फेंगशुई में भी रंगों को पांच तत्वों जल, अग्नि, धातु, पृथ्वी और काष्ठ से जोड़ा गया है। इन पांचों तत्वों को अलग-अलग शाखाओं के रूप में जाना जाता है। इन शाखाओं को मुख्यतः दो प्रकारों में में बाँटा जाता है, ‘दिशा आधारित शाखाएं’ और ‘प्रवेश आधारित शाखाएं’।
सामान्यतः सफेद रंग सुख समृद्धि तथा शांति का प्रतीक है यह मानसिक शांन्ति प्रदान करता है। लाल रंग उत्तेजना तथा शक्ति का प्रतीक होता है। यदि पति-पत्नि में परस्पर झगड़ा होता हो तथा झगडे की पहल पति की ओर से होती हो तब पति-पत्नि अपने शयनकक्ष में लाल, नारंगी, ताम्रवर्ण का अधिपत्य रखें इससे दोनों में सुलह तथा प्रेम रहेगा। काला, ग्रे, बादली, कोकाकोला, गहरा हरा आदि रंग नकारात्मक प्रभाव छोडते हैं। अतः भवन में दिवारों पर इनका प्रयोग यथा संभव कम करना चाहिये। गुलाबी रंग स्त्री सूचक होता है। अतः रसोईघर में, ड्राईंग रूम में, डायनिंग रूम तथा मेकअप रूम में गुलाबी रंग का अधिक प्रयोग करना चाहिये। शयन कक्ष में नीला रंग करवायें या नीले रंग का बल्व लगवायें नीला रंग अधिक शांतिमय निद्रा प्रदान करता है। विशेष कर अनिद्रा के रोगी के लिये तो यह वरदान स्वरूप है। अध्ययन कक्ष में सदा हरा या तोतिया रंग का उपयोग करें।
रंग चिकित्सा पद्दति का उपयोग किसी कक्ष के विशेष उद्देश्य और कक्ष की दिशा पर निर्भर करती है। रंग चिकित्सा पद्दति का आधार सूर्य के प्रकाश के सात रंग हैं। इन रंगों में बहुत सी बीमारियों को दूर करने की शक्ति होती है। इस दृष्टिकोण से उत्तर पूर्वी कक्ष, जिसे घर का सबसे पवित्र कक्ष माना जाता है, में सफेद या बैंगनी रंग का प्रयोग करना चाहिए। इसमें अन्य गाढे़ रंगों का प्रयोग कतई नहीं करना चाहिए। दक्षिण-पूर्वी कक्ष में पीले या नारंगी रंग का प्रयोग करना चाहिए, जबकि दक्षिण-पश्चिम कक्ष में भूरे, ऑफ व्हाइट या भूरा या पीला मिश्रित रंग प्रयोग करना चाहिए। यदि बिस्तर दक्षिण-पूर्वी दिशा में हो, तो कमरे में हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए। उत्तर पश्चिम कक्ष के लिए सफेद रंग को छोड़कर कोई भी रंग चुन सकते हैं। सभी रंगों के अपने सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव हैं।

इस प्रकार रंगों का हमारे जीवन व स्वास्थ्य पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। घर की दीवारों पर रंगों का उचित संयोजन करके अपने जीवन को
इसी प्रकार वास्तु या भवन में उत्तर का भाग जल तत्व का माना जाता है। इसे धन यानी लक्ष्मी का स्थान भी कहा जाता है। अतः इस स्थान को अत्यंत पवित्र व स्वच्छ रखना चाहिए और इसकी साज-सज्जा में हरे रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए। कहा जाता हे कि रंग नेत्रों के माध्यम से हमारे मानस में प्रविष्ट होते हैं एवं हमारे स्वास्थ्य, चिंतन, आचार-विचार आदि पर इनका गहरा प्रभाव पड़ता है। अतः उचित रंगों का प्रयोग कर हम वांछित लाभ पा सकते हैं।

बाड़मेर जिलै रै बायतू गाम मांय जनम्या सिद्धपुरुष खेमा बाबा

सिद्धपुरुष खेमा बाबा



बाड़मेर जिलै रै बायतू गाम मांय जनम्या खेमा बाबा जाटा हा। अै सदीव साधु-संन्यासी रै बेस मांय रैया करता हा, जिणरी वजै सूं लग इणां नै 'खेमा बाबा' रै नाम सूं बतलावता। अै आपरै जीवण मांय जैरीलै जीव-जंतुवां रै काटियौड़ै लोगां रा झाड़ा-झपटा करिया करता। इण भांत अै अणगिणत लोगां नै अभयदान दिया। आपरै जीवण रै छहलै बगत ताईं अै बायतूं मायं इज रैया। सुरगवास सूं पांच-सात घड़ी पैला अै आपरै सगै-संबंधियां, मित्रां अर गामवासियां सूं आग्रह करियौ हौ के अबै म्हारौ अंतिम बगत आयग्यौ है, थे लोग म्हनै अमुक जगै लिजाय'र बिना बालियां गाड दीजौ अर उण जगै अेक चबूतरौ बणवाय दीजौ। जे किणी नै कोई तकलीफ हुय जावै तौ चबूतरै माथै नालेर इत्याद चढा देवैला तौ उणनै किणी ई तरै री तकलीफ नीं हुवैला। खास तौर सूं जैरीलै जीव-जंतुवां रै काटियां तौ तत्काल इज आराम हुय जावैला।
सिद्धपुरुष जाट खेमाराम जाखड़ आपरौ नश्वर शरीर त्याग दियौ। उणां रै कैयां मुजब उणां नै अमुक स्थान माथै गाडण सारू लेयग्या, पण वा जमीन बायतू रै अेक ठाकर री ही, जिकां अपणी जमीन मांय गाडण नीं दिया। कीं बगत बाद अचाणचक ठाकर नै निपटण री शंका हुई। ठाकर निपटण सारू गाम रै बारै गया। सिद्धपुरुष खेमा बाबा रै नश्वर शरीर नै आपरी जमीन मांय नीं गाडण देवण री बजै सूं जैरीला जीवजन्तु ठाकर नै घेर लियौ। ठाकर जद अणूंती देर तांी बावड़िया नीं तौ परिवार रा सगला ई लोग उणां रै नीं बावड़ियां चिंतातुर हुवण लागग्या। उठीनै खेमा बाबा रै नश्वर शरीर नै उणी जगै गाडण री मंजूरी सारू हजारूं लोग उडीक रैया हा। जद ठाकर नै सोधण सारू नौकर भेजीजियौ तौ पतौ लागियौ के वै तौ जैरीलै जीव-जंतुवां रै जाल सूं मुगत हुया। ठाकर खेमा बाबा रै चमत्कार सूं प्रभावित हुय'र आपरी जमीन मांय उणां रै शरीरर नै गाडण री मंजूरी देय दी अर खुद आपरै खरजै सूं उण माथै चबूतरौ बणवाय'र पैलौ नालेर चढायौ।
आज वौ इज चबूतरौ अेक सुंदर मिंदर रै रूप मांय नागदेवता री बणियोड़ी प्रतिमावां अेक नीं, अनेकूं विराजमान है। मिंदर रै च्यारूंमेर पक्की दीवारां रौ परकोटौ अर उणरै बीच मांय जातरूवां रै ठैरण अर मिंदर रै कर्मचारियां अर पुजारियां रै रैवास सारू पक्का मकान बणियोड़ा है। मिंदर रे लारली कानी 150 फुट सूं ई ऊंचौ रेतीलौ धोरौ आयौ थकौ है। मेला स्थल माथै तीन टांकां रौ निरमाण ई हुयोड़ौ है।
मेलै मांय हिस्सौ लेवण सारू दूर-दूर सूं हजारूं जातरूं अेकठ हुवै। जैरीलै जीव-जंतुवां सांप-बिच्छु इत्यार रै काटियां उणी बगत इणां रै स्थल री जातरा करण, पूजा चढावण री जाचना करण अर मोरपांख नै काडियौडै़ स्थल माथै बांधियां सूं तत्काल आराम मिल जावै। अैड़ौ करियां अेक नीं, अनेकूं श्रद्धालू भगतां नै आराम अर राहत मिली है। नतीजन मैलै रै मौकै माथै हजारूं री तादाद में स्त्री, पुरुष, बच्चा, बूढ़ा सगला ी आवै, जिका आपरै साथै छोटौ-सोक सफेद कपड़ौ त्रिकोण आकार रौ लावै अर आपरी जाचना, चढावै चढायां रे बाद उणनै नजीक खड़ै पेड़ रै बांध देवै।
मेलै रै अेक दिन विसाल पैमानै माथै ठाकर री बणियोड़ी कोटी माथै भजन-कीरतन रौ आयोजन हुवै। उण मांय चमार जाति रै लोगां रै अलावा हर जाति रा लोग हिस्सौ लेवै। औ कार्यक्रम रात भर चालू रैवै। सूबै-सवाणी हजारूं लोग खेमा बाबा रै मिंदर दरसणां सारू जावै अर प्रसाद चढावै। प्रसाद सूं नीं जाणै कित्ती ई बोरियंा भर जावै। औ प्रसाद बाद में भजन करण वालां अर पिछड़ी जातियां रै लोगां मांय बांट दियौ जावै। सिंझ्या तांी मैलौ बिखरणौ सरू हुय जावै।
खेमा बाबा रै इम मेलै नै औरूं बेसी विसाल रूप देवण सारू पंचायत समिति, बायतु इणी स्थल माथै पशु मैलै रौ आयोजन करै जिकौ कोई सात दिन तांई रैवै। माघ सुदी 7 लेय'र माघ सुदी 13 तांई लगातार औ मेलौ चालै। इण मेलै मांय हजारूं री संख्या में उन्नत नस्ल रा थारपारकर अर कांकरेज नस्ल रै बलदां नै मारवाड़ी नस्ल रै ऊंटा रै अलावा दूजा केई पशु ई खरीदण-बेचण सारू लाया जावै। पशुवां री खरी सारू राजस्थान रै अलावा दूजै प्रदेशां रा केई वौपारी ई आवै। इण मेलै मांय पशुवां री अच्छी कीमत आंकीजै।

गुरुवार, 19 जनवरी 2012

चौधरी के घर बार-बार क्यों जाते थे मदेरणा, सच जानने में जुटी सीबीआई!

जोधपुर.सीबीआई बुधवार सुबह अजमेर के पूर्व जिला प्रमुख और पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के करीबी रामस्वरूप चौधरी के किशनगढ़ स्थित घर पहुंची। बताया जाता है कि सीबीआई ने उनसे करीब 4 घंटे तक पूछताछ की और बाद में उन्हें जयपुर ले गई। मदेरणा पहले अजमेर के प्रभारी मंत्री थे और रामस्वरूप चौधरी से उनके पुराने संबंध हैं। वे अक्सर किशनगढ़ में उनके यहां रुकते थे।  
भंवरी के अपहरण से मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने से पहले मदेरणा तीन बार चौधरी के पास आए थे और एक बार बाद में। भंवरी भी किशनगढ़ की रहने वाली थी, इसलिए वे उसे भी जानते थे। माना जा रहा है कि भंवरी और मदेरणा की मुलाकातों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है। चौधरी से पहले भी दो बार पूछताछ हो चुकी है। हालांकि, चौधरी ने किसी तरह की पूछताछ से इनकार किया है। उनका कहना है कि सीबीआई टीम के सदस्य निजी मिलने वाले थे, इसलिए घर आए थे।

अग्निपथ के कंचा से डर गए संजय

26 जनवरी को रिलीज होने वाली फिल्म अग्निपथ में अपनी सूजी हुई आंखों और डरावने चेहरे से लोगों की प्रशंसा पाने वाले संजय दत्त अपने इस खलनायक कंचा के रूप से खुद भी डर गए । करण जौहर की फिल्म "अग्निपथ" में संजय दत्त ने खलनायक कंचा का किरदार निभाया है। जिसमें वह गंजे, भारी भरकम शरीर, बाहों पर टैटू चिपकाए, बाएं कान पर चांदी का एक छल्ला पहने काले कपड़ों में नजर आएंगे। 
गौरतलब है कि ऋतिक रौशन ने इस फिल्म में विजय दीनानाथ का किरदार निभाया है। वहीं इस किरदार को मूल फिल्म "अग्निपथ" में अमिताभ बच्चन ने निभाया था।

संजय ने का कहना है कि समस्या यह है कि देश उससे प्यार करता है और ऎसा देखकर आश्चर्य होता है कि लोग उससे प्यार करते हैं। उन्होंने बताया कि जब वह नागपुर और इंदौर गए तो लोग कंचा कंचा चिल्ला रहे थे। ऎसे में संजय ने कहा कि कंचा में अपने बुरे पक्ष को देख कर वह खुद डर गया।

पवित्र रिश्ते के दामन पर कलयुगी बाप ने लगाया 'दाग'

 

ऊधमपुर. कलयुगी पिता ने कथित रूप से अपनी 11 वर्षीय बेटी के साथ दुराचार कर पवित्र रिश्ते को दागदार किया है। हालांकि खबर लिखे जाने तक मामला दर्ज नहीं किया गया था लेकिन पुलिस ने पूछताछ के लिए बाप को हिरासत में ले लिया है।

पुलिस के अनुसार किशोरी का मेडिकल करवा दिया गया है रिपोर्ट आने के बाद मामला दर्ज कर लिया जाएगा। पीडि़त युवती की मां ने भी बताया है कि उसकी बेटी ने उसे इस बारे में बताया।

घटना ऊधमपुर शहर के साथ लगते दंदयाल इलाके में सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार गांव के कामेश्वर सिंह ने अपनी ही 11 वर्षिय बेटी के साथ दो दिन पहले दुराचार किया था। उसकी मां को आज इस बात का पता चला। इस घिनौने कृत्य की जानकारी मिलने के बाद मां उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ऊधमपुर ले आई।

यहां डाक्टरों ने भी नाबालिग के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि की है। वहीं ऊधमपुर पुलिस ने इस घिनौनी हरकत को अंजाम देने वाले पिता को हिरासत में तो ले लिया था। इस बारे में जब थाना प्रभारी ज्ञान चंद शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि अभी मामले की छानबीन चल रही है छानबीन पूरी होने के बाद मामला भी दर्ज कर लिया जाएगा।

HIV पॉजिटिव लड़कियों की लुटती रही इज्जत, पर्दा उठा तो सब सन्न

गुड़गांव.भोंडसी के पास मारुति कुंज में एक एनजीओ संचालिका के एचआईवी पॉजिटिव पुत्र पर इसी बीमारी से जूझ रही दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म का आरोप है। इस सनसनीखेज वारदात से सभी सन्न हैं।  

केंद्रीय बाल अधिकारी संरक्षण आयोग और गुड़गांव पुलिस ने छापेमारी कर मामले का खुलासा किया है। छापा मंगलवार देर शाम मारा गया। एनजीओ के कब्जे से 14 एचआईवी पॉजिटिव बच्चों को मुक्त भी कराया गया है। इनमें से आठ लड़कियों को नाज फाउंडेशन को सौंप दिया गया है, जबकि छह लड़के गुड़गांव पुलिस को सुपुर्द किए गए हैं।



आरोपी युवक के साथ ही एनजीओ संचालिका उसकी मां और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। इनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार द्रोण फाउंडेशन एचआईवी पीड़ित बच्चों की देखभाल करती है। संचालिका सुनीता गुप्ता का पुत्र अंकुर भी एचआईवी पॉजिटिव है। यहां रह रही 12 और 13 साल की दो लड़कियों ने अंकुर गुप्ता पर कई महीनों तक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।

बताने पर जान से मारने की धमकी भी देता था। डर के कारण लड़कियां चुप थीं। एक महिला की शिकायत पर आयोग की सदस्य रत्ना सक्सेना, एससी शर्मा ने छापा मारकर लड़कियों से पूछताछ की तो हकीकत सामने आ गई। इस दौरान एनजीओ शक्ति वाहिनी चाइल्ड लाइन के संचालक निशिकांत, सोशल एक्टीविस्ट भारती शर्मा भी मौजूद थीं। पुलिस ने मौके से पीड़ित लड़कियों के कपड़े अपने कब्जे में ले लिए हैं।


और भी हो सकती हैं शिकार

द्रोण फाउंडेशन के बोर्ड सदस्य एचआईवी पॉजिटिव अंकुर गुप्ता द्वारा दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले में अब केंद्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने भी जांच शुरू कर दी है। आयोग की टीम का कहना है कि दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि तो हुई लेकिन अन्य लड़कियों के साथ भी इसकी आशंका है।

इसलिए मामले की पड़ताल गहनता से की जा रही है। टीम का कहना है कि आरोपी ने लड़कियों को काफी डराया है, जिससे वह सहमी हैं। छह लड़कियों का मेडिकल कराने के संबंध में टीम सदस्य रत्ना सक्सेना ने कहा कि अभी इस मामले में ज्यादा कुछ कहना जल्दबाजी होगी। जांच जारी है और उम्मीद है कि जांच रिपोर्ट गुरुवार शाम या शुक्रवार सुबह तक तैयार कर ली जाएगी।

ऐसे हुआ खुलासा

द्रोण फाउंडेशन बोर्ड के ही एक सदस्य ने एक व्यक्ति को इसकी जानकारी दी। उसने केंद्रीय बाल कल्याण समिति की पूर्व चेयरपर्सन भारती शर्मा इसकी सूचना दी।भारती शर्मा ने सोमवार को आयोग को विस्तार से जानकारी दी।आयोग ने चार सदस्यीय टीम का गठनआयोग सदस्यों ने मंगलवार देर शाम गुड़गांव के उपायुक्त पीसी मीणा को इसकी सूचना दी। मीणा ने तुरंत डीसीपी पुलिस साउथ हामिद अख्तर को मौके पर एक पुलिस टीम भेजने के लिए कहा।

पहले भी चर्चा में आई थी एनजीओ

दिसंबर 2010 में भी एचआईवी पॉजिटिव बच्चों को एक प्राइवेट स्कूल डीपीएस मारुति कुंज से निकाले जाने और राजकीय माध्यमिक विद्यालय भोंडसी में बच्चों के साथ र्दुव्‍यवहार के मामले में द्रोण फाउंडेशन चर्चा में आया था।उस समय एनजीओ की हेड सुनीता गुप्ता ने आरोप लगाया था कि स्कूल ने बच्चों के साथ भेदभाव किया। एचआईवी पॉजिटिव होने के कारण उन्हें अन्य छात्रों से दूर बैठाया जाता था।


बाद में स्कूल ने उन्हें निकाल दिया। उसके बाद बच्चों का एडमिशन राजकीय माध्यमिक विद्यालय भोंडसी में कराया गया। वहां भी उनके साथ र्दुव्‍यवहार हुआ। बच्चों से स्कूल में खुदाई, झाड़ू-पोछा और शौचालय साफ करने का कार्य कराया जाता था। इस मामले में सुनीता गुप्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की तो हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग की एक उच्चस्तरीय अधिकारियों की टीम और बाल अधिकार संरक्षण विभाग की एक टीम ने दोनों स्कूल संचालकों, एनजीओ संचालक और बच्चों से पूछताछ की थी।

संचालिका को थी जानकारी :संस्था में रह रही बच्चियों के साथ इस कृत्य की जानकारी संचालिका सुनीता को भी थी।लेकिन हर बार वह बच्चियों को समझाकर शांत कर देती थीं। यह बयान बच्चियों ने पुलिस को दिए। बच्चियों के मुताबिक उन्हें समझाया जाता था कि वह एड्स पीड़ित हैं और उनकी देखभाल करने वाला और कोई नहीं है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अंकुर की पहली पत्नी को पता लगा कि वह एचआइर्वी पीड़ित है तो छोड़कर चली गई। फिर उसने दूसरी शादी की।

दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। यह काफी समय से हो रहा था। पांच अन्य लड़कियों के साथ भी ऐसी वारदात होने से इंकार नहीं किया सकता है। बाकी लड़कियों की काउंसलिंग अभी चल रही है। ’’


- हामिद अख्तर, डीसीपी साउथ, गुड़गांव

मेरे लड़के ने यदि ऐसा घिनौना कृत्य किया है तो उसे सजा मिलनी चाहिए। लेकिन, पुलिस को चाहिए कि वह लड़कियों से शांत माहौल में सही तरह से पूछताछ करे। हो सकता है कि लड़कियां डर के मारे ऐसा आरोप लगा रही हों।’’ -सुनीता गुप्ता, हेड, द्रोण फाउंडेशन


गांधी की प्रतिमा का आस्ट्रेलिया में अनावरण

गांधी की प्रतिमा का आस्ट्रेलिया में अनावरण
 
मेलबर्न। आस्ट्रेलिया के दक्षिणी शहर एडिलेड में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कांस्य प्रतिमा का गुरूवार को अनावरण किया गया। दक्षिण आस्ट्रेलिया प्रांत के मुख्यमंत्री जे वेदरिल ने एडिलेड यूनिवर्सिटी में लगी 1.95 मीटर ऊंची इस प्रतिमा का अनावरण किया। जाने माने मूर्तिकार गौतम पाल द्वारा निर्मित यह प्रतिमा भारत सरकार ने एडिलेड यूनीवर्सिटी को तोहफे में दी है।

कोलकाता के इस कलाकार की बनाई हुई प्रतिमाएं दुनिया के कई देशों की कला गैलरियों की शोभा बढ़ा रही है। इस मौके पर सिडनी में भारत के महावाणिज्य दूत अमित दासगुप्ता भी मौजूद थे। वेदरिल ने कहा कि गांधीजी की यह प्रतिमा दक्षिण आस्ट्रेलिया और भारत के बीच मजबूत संबंधों की प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और वर्षो से हमारा महत्वपूर्ण साझीदार रहा है। दोनों देशों की सरकार, कारोबार और समुदायों में शिक्षा और अनुसंधान का काफी महत्वपूर्ण योगदान है।

बापू की प्रतिमा के नीचे उनका ही मशहूर वाक्य खुदा है "बदलाव की शुरूआत आप खुद से ही कीजिए" यूनिवर्सिटी के कुलपति जेम्स मैकव्हा ने कहा कि महात्मा गांधी भारत के आधुनिक इतिहास का जाना माना व्यक्तित्व रहे हैं। हम तोहफे के रूप में उनकी प्रतिमा पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। गांधीजी के निधन के दशकों बाद भी उनके द्वारा दिया गया अहिंसा का पैगाम, सत्य की खोज की महत्ता और सामाजिक सुधार की जरूरत आज के समाज में भी प्रासंगिक है। गौरतलब है कि एडिलेड यूनिवर्सिटी का भारत के साथ शिक्षा, अनुसंधान एवं विद्यार्थियों के आदान-प्रदान के क्षेत्र में गठजोड़ है।