सोमवार, 5 दिसंबर 2011

सुदर्शन चक्र युद्ध अभ्यास लाइव विडिओ देखिये सबे पहले बारमेर न्यूज़ ट्रेक पर



सुदर्शन चक्र युद्ध अभ्यास लाइव विडिओ देखिये सबे पहले बारमेर न्यूज़ ट्रेक पर 

राष्ट्रपति पाटिल ने रचा इतिहास, टी-90 जंगी टैंक पर हुईं सवारबाड़मेर में सेना के सुदर्शन चक्र युद्ध अभ्यास का देखिये विडिओ तथा सेना का अभ्यास कैसे दुश्मनों को धरासायी कर की विजय हासिल भारती सेना ने ...क्या कहा राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सेनिक सम्मलेन में देखिये सबसे पहले लाइव रिपोर्ट 

प्रेमी के साथ रंगरलिया मनाने के लिए मां को कम पड़े 5 घंटे और...

सूरत। लगभग डेढ़ महीने यहां के महेतानगर इलाके में रहने वाली एक महिला ने अपने 8 वर्षीय पुत्र और 10 वर्षीया पुत्री को जहरयुक्त पदार्थ खिला दिया था। जिससे पुत्र की मौत हो गई थी, जबकि 18 दिन के लंबे उपचार के बाद पुत्री की जान बच गई थी।

इस मामले की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि बच्चों को जहर उनकी ही मां ने दिया था। दरसअल बच्चों के घर पर रहने की वजह से मां अपने प्रेमी के साथ रंगरलियां नहीं मना पाती थी, जिसके चलते उसने अपने ही जिगर के टुकड़ों को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया था।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 अक्टूबर को महेतानगर इलाके में रहने वाली अस्मिता कलथिया ने अपने बेटे वंशील (8) और बेटी निमिषा को मिठाई में जहर मिलाकर खिला दिया था। वंशील पर जहर का असर जल्दी हो गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। जबकि निमिष के शरीर पर जहर का कम असर हुआ और 18 दिनों के उपचार के बाद उसकी जान बचा ली गई थी।

पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि अस्मिता के मुकेश माथुकिया नामक एक व्यक्ति से अवैध संबंध थे। इसके बाद अस्मिता के पति ने भी उस पर शक करते हुए उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी थी।

दूसरी तरफ घटना के 18 दिनों बाद बेटी निमिषा ने खुद पुलिस के सामने यह बयान दे दिया कि उन्हें मिठाई मां ने ही खाने को दी थी और इसके बाद उनकी तबियत खराब हो गई थी। पुलिस ने बच्ची के बयान के आधार पर अस्मिता को गिरफ्तार कर लिया और यह बात सामने आई कि पति के सुबह घर से निकल जाने के बाद बच्चे भी स्कूल से 5 घंटों बाद घर वापस आ जाया करते थे। अस्मिता को प्रेमी के साथ बिताने के लिए ये 5 घंटे कम पड़ते थे, इसलिए उसने बच्चों को रास्ते से ही हटाने का मन बना लिया और उन्हें मिठाई में जहर मिलाकर दे दिया था।

केंद्रीय मंत्री को भी थी भंवरी-मदेरणा के रिश्‍तों की जानकारी!

जोधपुर. भंवरी अपहरण मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा से सोमवार को सीबीआई पूछताछ करेगी। यह पूछताछ दिल्‍ली में होगी। रविवार दोपहर को सीबीआई उन्‍हें दिल्ली ले गई थी, जबकि लूणी विधायक मलखान सिंह के भाई परसराम को मंडोर (जोधपुर) स्थित आरएसी गेस्ट हाउस ले जाया गया। गेस्ट हाउस में पूरे दिन उनका इंटेरोगेशन चलता रहा। एसीजेएम (सीबीआई कोर्ट) ने शनिवार को मदेरणा व परसराम को 9 दिसंबर तक रिमांड पर भेजा था।

कोर्ट ने उनके वकीलों को जब चाहे मिलने की इजाजत भी दी थी। घर वाले भी दिन में दो-तीन बार उनसे मिलने आ जाते थे। सीबीआई ऐसा नहीं चाहती थी, इसलिए रविवार को उन्हें दिल्ली ले जाने की तैयारी कर ली गई। दोपहर करीब तीन बजे एयर इंडिया की फ्लाइट से मदेरणा को दिल्ली ले जाया गया।
माना जा रहा है कि उन्हें अब 8 दिसंबर को ही जोधपुर लाया जाएगा और 9 दिसंबर को कोर्ट में पेश कर 7 दिन का रिमांड और मांगा जाएगा।

राजनीतिक षड्यंत्र में फंसाया : मदेरणा
एयरपोर्ट पहुंचने पर मदेरणा ने मीडिया से कहा कि उन्हें राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। वे इस प्रकरण में संघर्ष कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे, हार नहीं मानेंगे।

सहीराम की तलाश में छापे
भंवरी देवी अपहरण कांड में मोस्ट वांटेड सहीराम विश्नोई की तलाश में रविवार को पुलिस की 15 टीमों ने फलौदी क्षेत्र में दबिश दी। इन दलों ने सुबह 3 से 11 बजे तक दयाकौर, कुशलावा, जालोड़ा, लोर्डिया, देचू आदि क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर दबिश दी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

दिल्ली क्यों ले गए?
सूत्रों के मुताबिक मदेरणा अपनी पहुंच और स्थानीय प्रभाव का इस्तेमाल करके सुरागों और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। मदेरणा से वकील और घरवाले मिलने आते थे। सीबीआई अधिकारियों को मदेरणा कैंप की ओर से धमकियां भी दी जा रही थीं।

दिल्ली ले जाने का मकसद यह भी है कि उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने में आसानी रहेगी। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री का बयान भी दर्ज कर सकती है। इन्हें भी भंवरी ने अपने और मदेरणा के रिश्तों के बारे में बताया था।

टैंक पर सवार होकर "रणभूमि"पहुंची राष्ट्रपति



राष्ट्रपति डॉ. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने एक और इतिहास रच दिया है

टैंक पर सवार होकर "रणभूमि"पहुंची राष्ट्रपति

बाड़मेर। देश के इतिहास में पहली बार महिला सुप्रीम कमांडर के रूप में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील सैन्य वेशभूषा में टैंक पर सवार होकर रणबांकुरों से सजी उस रणभूमि में पहुंच गई जहां इस सदी का सेना का सबसे बडा सैन्य अभ्यास सुदर्शन शक्ति चल रहा है। आकाश से हमलावर हेलीकॉप्टरों की गोलाबारी और टैंकों तथा तोपों की गर्जनाओं के बीच राष्ट्रपति ने सेना के रणबांकुरों द्वारा दुश्मन के ठिकानों पर भारत का परचम लहराते हुए देखा। इस अभ्यास में सेना की 21 कोर के 60हजार सैनिक, सैंकडों टैंक,बख्तरबंद वाहन और तोपों की हिस्सेदारी है।

राष्ट्रपति मी-17 हेलीकाप्टर से थार रेगिस्तान में उतरीं और उन्हें वहां से टी 90 टैंक के जरिए उन्हें मौके पर ले जाया गया जहां "दुश्मन की एक कंपनी" ने करीब 50 बंकरों के साथ कब्जा जमाया हुआ था। टैंक सैनिकों की काली वर्दी पहने पाटील ग्रैंड स्टैंड पहुंची जहां उन्हें सामने करीब 200 किलोमीटर में फैले युद्वाभ्यास के मोर्चे की जानकारी दी गई। इसके बाद उन्होंने मैकेनाइज्ड प्रभुत्व वाले हमले का नजारा देखा जिसमें हेलीकाप्टर से विशेष बलों को दुश्मन के ठीक सामने उतार दिया गया जिन्होंने घातक हमला करते हुए बंकरों पर चढाई कर दी।

इसके बाद बोफोर्स तोपों, स्मिर्च रोकेट लांचरों और पिनाका गनबैटल सिस्टम से आग उगलनी शुरू कर दी। थार का यह इलाका इसके बाद भयंकर गोलाबारी से गूंज उठा। यह संयोग की बात है कि भारत 1971 के युद्ध की 40वीं वर्षगांठ आज से दस दिन बाद ही पूरी करने वाला है और दुश्मन की उस समय हुई पराजय का खुमार भी साफ महसूस हो रहा था। भारतीय सेना ने वायु सेना की हवाई शक्ति के तालमेल से सुदर्शन शक्ति अभ्यास डिजिटल युद्ध के वातावरण में किया है।

इसमें सेना ने दुश्मन की भूमि में गहराई तक धंसकर वार करने की क्षमता को जांचा परखा और अपने नई उपकरणों की भी परख की है। विजयी भव अभ्यास के बाद यह हाल के समय में ऎसा दूसरा बड़ा अभ्यास है जिसमें भारत की सेना अपने त्वरित कार्रवाई युद्ध की कडी जांच परख कर रही है।यह भी विडम्बना ही है कि इस पूरे अभ्यास में भी कोई महिला हमलावर भूमिका में नहीं थी जिसकी प्रत्यक्षदर्शी सुप्रीम कमांडर थीं। पिछले नवंबर में ही सैन्य बलों ने महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के बारे में जो नीतिगत प्रारूप सरकार को सौंपा है उसमें भी महिलाओं को लड़ाकू भूमिका में उतारने का कोई उल्लेख नहीं है।


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CHANDAN SINGH BHATI

रविवार, 4 दिसंबर 2011

वफ़ा करते रहे हम इबादत की तरह !

(१) वफ़ा करते रहे हम इबादत की तरह !
फिर इबादत खुद एक गुनाह हो गई !!
कितना सुहाना था सफर जब साथ थी तुम !
फिर क्या हुवा की मंजिल जुदा हो गई !!

(२) दिल के सारे अरमान ले जाते हैं !
हम से हमारी पहचान ले जाते हैं !!
बेपनाह न चाहना किसी को एय दोस्त !
क्योकि जान कहने वाले ही जान ले जाते हैं !!

(३) जीने के लिए जान जरुरी हैं !
हमारे लिए तो आप जरुरी हैं !!
मेरे चेहरे पे चाहे गम हो.....!
आपके चेहरे पे मुश्कान जरुरी हैं !!

(४) ये दोस्ती चिराग हैं जलाए रखना !
दोस्ती खुशबू हैं महकाए रखना....!!
हम रहे आपके दिल में हमेशा के लिए !
इतनी जगह दिल में हमारे लिए बनाए रखना !!

(५) सभ कुछ मिला सकून की दौलत नहीं मिली !
तुझसे मुलाक़ात की मोहलत नहीं मिली....!!
करने को और भी काम थे मगर !
हमको तेरी याद से फुरसत नहीं मिली !!

जानिए, क्यों निकाले जाते हैं ताजिए

मुहर्रम मुस्लिम कैलेण्डर का पहला महीना है। यह पर्व मूलत: इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है। सऊदी अरब में मक्का में कर्बला की घटना की याद में यह पर्व मनाया जाता है जिसमें अल्लाह के देवदूत मोहम्मद साहब की पुत्री फातिमा के दूसरे बेटे इमाम हुसैन का निर्दयतापूर्वक कत्ल कर दिया गया था।
यजीद की सेना के विरुद्ध जंग लड़ते हुए इमाम हुसैन के पिता हजरत अली का संपूर्ण परिवार मौत के घाट उतार दिया गया था और मुहर्रम के दसवे दिन इमाम हुसैन भी इस युद्ध में शहीद हो गए थे। मुहर्रम के दसवें दिन ही मुस्लिम संप्रदाय द्वारा ताजिए निकाले जाते हैं। लकड़ी, बांस व रंग-बिरंगे कागज से सुसज्जित ये ताजिए हजरत इमाम हुसैन के मकबरे के प्रतीक के रूप में माने जाते हैं।

इसी जुलूस में इमाम हुसैन के सैन्य बल के प्रतीकस्वरूप अनेक शस्त्रों के साथ युद्ध की कलाबाजियां दिखाते हुए चलते हैं। मुहर्रम के जुलूस में लोग इमाम हुसैन के प्रति अपनी संवेदना दर्शाने के लिए बाजों पर शोक-धुन बजाते हैं और शोक गीत(मर्शिया) गाते हैं। मुस्लिम संप्रदाय के लोग शोकाकुल होकर विलाप करते हैं और अपनी छाती पीटते हैं। इस प्रकार इमाम हुसैन की शहादत की याद में यह पर्व मनाया जाता है।

चिदार्पिता की दिल झकझोर देने वाली कहानी, उन्हीं की जुबानी!



लखनऊ।पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ शाहजहांपुर में दुष्कर्म एवं हत्या के प्रयास के आरोप की प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद साध्वी चिदार्पिता ने न्याय के लिए शंखनाद कर दिया है।

उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लिखा है कि, ''मैंने अपने अधिकार की लड़ाई छेड़ दी है। ईश्वर पर पूरा भरोसा है। अगर उनकी इच्छा मुझे न्याय दिलवाने की और एक अन्यायी को सज़ा दिलावने की नहीं होती तो यह घटनाएं इस क्रम में न घटतीं जिस क्रम में घटीं। आज मेरे चारों ओर केवल स्तब्ध चेहरे और सवालों के झुण्ड हैं। सवालों की जड़ में आश्चर्य है कि आखिर एक लड़की इतनी हिम्मती कैसे हो गयी? मैं केवल एक लड़की नहीं बल्कि वह निमित्त हूँ जिससे पापी के पाप का अंत होगा।



जो मेरे चरित्र पर ऊँगली उठा रहे हैं वे केवल एक बात पर ध्यान दें कि इससे किसी का सबसे अधिक नुक्सान हुआ है तो वह मैं हूँ। एक तरह से मैं अपनी बलि देकर ही यह युद्ध लड़ रही हूं। इस लड़ाई के बाद मेरे पास क्या बचेगा क्या नहीं मुझे नहीं पता पर स्वाभिमान अवश्य बचेगा यह विश्वास है। वही मेरी पूंजी होगी।'' साध्वी चिदार्पिता ने आगे लिखा है कि, ''बचपन से ही ईश्वर में अटूट आस्था थी। मां के साथ लगभग हर शाम मंदिर जाती थी। इसी बीच मां की सहेली ने हरिद्वार में भागवत कथा का आयोजन किया और मुझे वहां मां के साथ जाने का अवसर मिला।



उसी समय स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती से परिचय हुआ। वे उस समय जौनपुर से सांसद थे। मेरी उम्र लगभग बीस वर्ष थी। वे मुझे सन्यास के लिए मानसिक रूप से तैयार करने लगे। एक समय आया, जब लगा कि अब मैं सन्यास के लिए मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार हूं। तब मैंने स्वामी जी से सन्यास के लिए कहा। उन्होंने कहा, पहले दीक्षा होगी, उसके कुछ समय बाद सन्यास। 2002 में मेरी दीक्षा हुई और मुझे नाम दिया गया- साध्वी चिदर्पिता। स्वामी जी ने आदेश दिया कि तुम शाहजहांपुर स्थित मुमुक्ष आश्रम में रहो।



इस बीच कई बार मैंने स्वामी जी से सन्यास की चर्चा की। उन्होंने हर बार उसे अगले साल पर टाल दिया। इसी दौरान मैं गौतम के संपर्क में आई। उस समय उन्होंने प्रकट नहीं किया पर उनके हृदय में मेरे प्रति प्रेम था। उन्होंने बिना किसी संकोच के कहा, आप चुनाव लडि़ए। मैंने जब यह बात स्वामीजी से कही तो वह मेरा उत्साह बढ़ाने के बजाए मुझ पर बरस पड़े। उनके उस रूप को देखकर मैं स्तब्ध थी।



उस समय हमारी जो बात हुई, उसका निचोड़ यह निकला कि उन्होंने कभी मेरे लिए कुछ सोचा ही नहीं। उनकी यही अपेक्षा थी कि मैं गृहिणी न होकर भी गृहिणी की तरह आश्रम की देखभाल करूं। फिर मैं आश्रम छोड़कर आ गई। शून्य से जीवन शुरू करना था पर कोई चिंता नहीं थी। एक मजबूत कंधा मेरे साथ था। श्राद्ध पक्ष खत्म होने तक मैं गौतम जी के परिवार के साथ रही। वहां मुझे भरपूर स्नेह मिला। नवरात्र शुरू होते ही हमने विवाह कर लिया। मैने इस विवाह को ईश्वरीय आदेश माना है।''



वहीं, स्वामी चिन्मयानंद ने आरोपों को निराधार बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया है। चिदार्पिता ने पिछले दिनों आश्रम छोड़कर एक पत्रकार से विवाह कर लिया। यह आरोप उसके बाद लगाए गए हैं। विवाह करने के पहले वह स्वामी के मुमुक्षक आश्रम से जुड़े स्कूल की प्रिंसिपल थीं।

बाली उम्र में झांसा दे, नर्क बना दिया इस लड़की की जिन्दगी!



कानपुर। रमाबाई नगर के कहिंजरी कस्बे में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना का खुलासा हुआ है। यहां 15 साल की एक किशोरी को शादी का झांसा देकर एक लड़का सालों तक रेप करता रहा। इस दौरान उसने ब्लू फिल्म की सीडी बना ली।



इस सीडी को वह अपने दोस्तों को बेच कर पैसे लेता था। अपने प्रेमी की इस हैवानियत का पता जब लड़की को लगा तो उसने यह बात पिता को बताई। पिता ने सूलाबाद थाना क्षेत्र इसकी शिकायत दर्ज कराई है।



जानकारी के मुताबिक, नसीम शादी का झांसा देकर पड़ोस में रहने वाली किशोरी से दुष्कर्म करता रहा। इस दौरान उसने अपने दोस्त की मदद से उसकी ब्लू फिल्म भी बनाई। इसके बाद ब्लू फिल्म की सीडी दोस्तों को भी दी। फिल्म की सीडी होने की जानकारी पर पिता ने रसूलाबाद थाने में कार्रवाई की गुहार लगायी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू की।



पुलिस के मुताबिक, आरोपी की तलाश में अहमदाबाद में छापेमारी की गई। बीती रात नाटकीय ढंग से आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। इसके बाद कार्रवाई की जायेगी।

ऐतिहासिक महत्व को छिपाए हुए है जनेर की धरती

मोगा. जिला मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर बसा गांव जनेर पुरातत्व में रुचि रखने वालों के लिए शोध का विषय बन सकता है। इतिहास को अपने गर्भ में छिपाए जनेर की धरती से पुरातात्विक महत्व के सिक्के और मूर्तियां प्राप्त हुई हैं। लेकिन पुरातत्व विभाग की अनदेखी के कारण यह धरोहरें खुर्दबुर्द हो रही हैं।
टीलों पर बसे इस गांव के बुजुर्ग मेहर सिंह और बलविंदर सिंह का कहना है कि आज भी टीले की खुदाई करते समय यहां से ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएं यदा कदा मिलती रहती हैं, लेकिन लोगों को इसका महत्व का पता न होने के कारण नष्ट हो जाता हैं।

मेहर सिंह ने बताया कि सन् 1968 में एक किसान गुरमेल सिंह अपने घर के पास खुदाई करवा रहा था इस दौरान वहां से धरती में दबी काले रंग की भगवान विष्णु की मूर्ति मिली। इस मूर्ति को ग्रामीणों ने मंदिर बनवाकर उसमें स्थापित कर दिया। उन्होंने बताया कि एक बार चोरों ने इसे चुरा भी लिया था।

गांव के पूर्व सरपंच मेजर सिंह ने बताया कि गांव में सन् 1984 में खुदाई के दौरान एक स्थान से सिक्के मिले थे, जिसे पुलिस ने जब्त कर पुरातत्व विभाग को सौंप दिया था। उन्होंने बताया कि इसके बाद केंद्रीय पुरातत्व विभाग की टीम ने गांव का दौरा किया था और ग्रामीणों इस स्थान पर खुदाई करने से मना कर दिया था।

हालांकि गांववासी टीलों की खुदाई के पक्ष में नहीं है। उनका कहना है जब भी यहां खुदाई की कोशिश हुई है। तब तब उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। गांववासी जनेर का संबंध राजा जनक की नगरी से जोड़ते हैं। पुरातत्व विभाग के हुसन लाल गांव जनेर की धरती में छिपी सभ्यता को लेकर पिछले पांच साल से काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस बाबत उन्होंने दिल्ली कार्यालय को सूचित किया था, जिसपर केंद्रीय पुरातत्व विभाग की टीम ने वहां का दौरा भी किया था।

श्रद्धा शर्मा बिग बास-5 से बेदखल

श्रद्धा शर्मा बिग बास-5 से बेदखल
मुंबई। मॉडल और अभिनेत्री श्रद्धा शर्मा बिग बास सीजन-5 के घर से आउट हो गई है। श्रद्धा नौवीं प्रतिभागी हैं जो बिगबॉस के घर से बाहर हो गई हैं। अभिनेता राजा चौधरी की एक्स गर्लफ्रेंड श्रद्धा करीब नौ सप्ताह तक शो में रही। घर के अंदर अपने प्रवास के दौरान वह किसी बड़ी बहस में शामिल नहीं थी। हालांकि इस सप्ताह उनका एक साथी प्रतिभागी स्काई उर्फ आकाशदीप सहगल के साथ बहस हुई थी।
श्रद्धा का कहना है कि मै एक अलग अंदाज की हुं और बहस से दूर रहना चाहती हुं। लेकिन मुझे आकाश ने उकसाया था कि मैं उस व्यक्ति के खिलाफ हूं जो लड़कियों को बुरी तरह से गाली देता है और उस पर मेरा क्रोध उचित था। श्रद्धा का कहना है कि मैने सिर्फ भावनात्मक रूप से रियलिटी शो में भाग लिया।

एक्शन प्लान में चयनित 03 लपको के विरूद्ध कार्यवाही कर गिरफतार किया


एक्शन प्लान में चयनित 03 लपको के विरूद्ध कार्यवाही कर गिरफतार किया 


पर्यटक सुरक्षा दल बूथ के उद्घाटन के बाद पर्यटको ने ली राहत सांस वापिस जाते वक्त बूथ पर लगे पुलिस कर्मियों को देते है धन्यवाद 


जैसलमेर जिला पुलिस अधीक्षक ममता विनोई ने बताया कि जैसलमेर शहर में चलाये जा रहे ॔॔अतिथि देवो भव॔॔ अभियान एवं एक्शन प्लान में चयनित अनिल शर्मा पुत्र चैनसुख नि0 फलोदी, अस्करखॉ पुत्र अमीनखॉ मुसलमान नि0 छत्रैल एवं लूणेखॉ पुत्र अलीखॉ मुसलमान निवासी छत्रैल को रेल्वे स्टेशन एवं रेल्वे स्टेशन रोड एनएच 15 पर देशी पर्यटको को अपनी होटलो में ले जाने के लिए परेशान करते हुवे पाये जाने पर अलगअलग जगहो से श्री शैतानसिंह सउनि प्रभारी पर्यटक सुरक्षा दल मय श्री नरेश कुमार हैड कानि0 श्री कमालखॉ कानि0 एवं महेन्द्र कुमार कानि0 द्वारा धारा 13 (2) राजस्थान पर्यटक अधिनियम 2010 तहत गिरफतार किया गया। 
धारा 13 (2) राजस्थान पर्यटक अधिनियम 2010 के तहत आज दिन तक 07 इस्तगासे 09 लपको के विरूद्ध कार्यवाही की गई हैं। एक्शन प्लान में तीनों लपके चयनित होने के कारण उनके विरूद्ध कि गई कार्यवाही पर्यटक सुरक्षा दल की आज दिन तक बडी कार्यवाही है। 
पर्यटक बूथ लगने से पर्यटको में भय दूर हुआ है व लपका तत्वों में सिरदर्द बन चुका हैं। इससे 75 प्रतिशत लपकागिरी की वारदातो में कमी आई है। अब पर्यटक अपनी पसंद की होटल/रेस्टोरेन्ट में जाकर खुशी जाहीर करते है व पुलिस प्रशासन के इस कदम की सराहना करते नहीं थकते तथा वापसी के दौरान बूथ पर लगे पुलिस कर्मियों को धन्यवाद देकर जाते है। जिससे जिला पुलिस की छवि उच्चस्तर की बनी हुई है। 


’ अतिथि देवो भव॔॔के तहत पर्यटको को परेशान एवं उनके साथ छिनाछपटी करने वाले लपको के विरूद्ध चलाये रहे अभियान के तहत शहर के स्वर्णनगरी चौराहे पर पर्यटक सुरक्षा दल के बूथ का उद्घाटन मन पुलिस अधीक्षक द्वारा किया गया जिससे बाडमेर एवं जैसलमेर रोडों पर काफी हद तक लपको की लपकागिरी पर रोक लगाने में काम्याबी हासील हुई है। लेकिन लपको द्वारा स्वर्णनगरी चौराहे के बाद वही लपकागिरी करने पर प्रभारी पर्यटक सुरक्षा को शहर में गस्त करने के निर्देश दिये गये थे, जिस पर आज दिनांक 1911-2011 को पर्यटक सुरक्षा दल द्वारा दौराने गस्त एक लपके को गडीसर चौराहे पर पर्यटको को परेशान कर उनके साथ जबदस्ती कर अपनी होटल में ले जाने का प्रयास करते हुऐ पाये जाने पर पर्यटक सुरक्षा दल के प्रभारी श्री शैतानसिंह सउनि मय जाब्ता कमालखॉ कानि, महेन्द्र कुमार कानि एवं जसवंतसिंह कानि. ड्रा0 के द्वारा अपनी गाडी से उक्त लपके का पिछा कर उसे एसबीआई बैंक के पास जाकर पकड लिया। जिसने अपना नाम माणकाराम पुत्र जेताराम जाति राणाराजपुत निवासी पिथला बताया को धारा 13 (2) पर्यटक अधिनियम 2010 के तहत गिरफतार कर न्यायालय में पेश किया गया तथा उसके कब्जा से मोटरसाईकिल संख्या आरजे 15 एसए 7976 को जब्त कर एमवी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई । 
पुलिस द्वारा पर्यटको की सुरक्षा के लिए उठाये जा रहे कदमो से पर्यटक व्यवसाय से जुडे लोग काफी खुश हैं तथा वह भी पुलिस की होसला अफजाई के लिए बचड कर सहयोग दे रहे। 

राष्ट्रपति सोमवार सेना के युद्ध अभ्यास देखने बाड़मेर आएँगी


राष्ट्रपति सोमवार  सेना के युद्ध अभ्यास देखने बाड़मेर आएँगी 




बाड़मेर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल सोमवार को बाड़मेर के किसी स्थान पर आएँगी जहा वो सेना के युद्ध अभ्यास को देखेगी.राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल रविवार रात करीब आठ बजे जोधपुर पहुंचेंगी और सर्किट हाउस की बजाय अजीत भवन में ठहरेंगी। पहले उनका सर्किट हाउस में रुकने का कार्यक्रम था इसलिए पुलिस ने उसे सुरक्षा घेरे में ले लिया था। अब सर्किट हाउस को सेफ हाउस के तौर पर रखा गया है।

राष्ट्रपति रविवार रात आठ बजे विशेष विमान से जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचेगी और सीधे अजीत भवन पहुंचेंगी। सोमवार सुबह जोधपुर एयरबेस से हेलिकॉप्टर में बैठ कर बाड़मेर-जैसलमेर के ऑपरेशन एरिया में सेना का सुदर्शन शक्ति अभ्यास देखने जाएंगी। उसी दिन दोपहर दिल्ली लौट जाएंगी।

इधर सर्किट हाउस में उनके आने की तैयारियां तीन दिन से की जा रही है। पहले उनके सर्किट हाउस रुकने का कार्यक्रम होने के कारण सर्किट हाउस खाली करवा कर उसे सुरक्षा घेरे में ले लिया था, अब उनके साथ आने वाले अफसर सर्किट हाउस ठहरेंगे। वहीं एक वीवीआईपी सुइट सेफ हाउस के रूप में तैयार कर रखा है।

सैनेट्री पैड में छुपाकर ले जा रही थी हेरोइन

ड्रग्स तस्करी के एक अजीबो-गरीब मामले में गिरफ्तार किया गया है। महिला को सिंगापुर के वुडलैंड्स चैकप्वाइंट पर अपने अंडरवियर में दो सैनेट्री पैड्स के बीच हेरोइन छुपाकर ले जाने के मामले में गिरफ्तार किया है।


सेंट्रल नार्कोटिक्स ब्यूरो की महिला अधिकारियों ने शक होने पर जब इस महिला की जांच की तो उन्होंने इसके अंतरवस्त्रों में सैनेट्री पैड में 960 ग्राम हेरोइन बरामद की है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभह 144,000 डॉलर है।



इतनी बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए महिला को मौत की सजा भी दी जा सकती है।

18 नए ग्रहों का पता लगा

18 नए ग्रहों का पता लगा

वाशिंगटन। खगोलविदों ने ब्र±मांड में 18 नए ग्रहों का पता लगाने का दावा करते हुए कहा है यह सूर्य से विशाल तारों के इर्दगिर्द पाए जाने वाले सबसे बड़े ग्रह हैं। केलीफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिकों के नेतृत्व वाले एक दल ने द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल सप्लीमेंट सीरीज में इनका उल्लेख किया है।

दल के अगुआ जॉन जानसन ने कहा, केपलर मिशन की खोज के बाद यह सूर्य से विशाल तारों केे इर्दगिर्द कक्षा में पाए जाने वाले ग्रहों के बारे में सबसे बड़ी घोष्ाणा है। हवाई में केक बेधशाला, टेक्सॉस में मैक्डोनाल्ड वेधशाला और एरीजोना में फेअरबार्न वेधशाला के इस्तेमाल से खगोलविदों ने करीब 300 तारों का निरीक्षण कर यह पता लगाया।

उन्होंने अपना ध्यान सूर्य से डेढ़ गुना से भी विशाल तारों पर केन्द्रित किया जिन्हें रिटायर्ड ए-टाइप नाम दिया गया। इन तारों ने अभी अभी अपने जीवन का मुख्य चरण पूरा किया है लिहाजा, उन्हें रिटायर्ड संज्ञा दी गई। दल का दावा है कि जो 18 ग्रह नजर आए हैं उनका द्रव्यमान बृहस्पति के बराबर है। जानसन के अनुसार इस खोज से विशाल तारों की परिक्रमा करने वाले ज्ञात ग्रहों की संख्या में 50 प्रतिशत इजाफा हुआ है।

लंदन में होगा देवानंद का अंतिम संस्कार

लंदन में होगा देवानंद का अंतिम संस्कार

लंदन। जिसने काम को ही जिंदगी का फलसफा माना और 88 साल की उम्र में उसी जोश से काम करता रहा वह इस दुनिया को अलविदा कह गया। जिंदगी से रोमांस करने वाले और अपनी ही धुन में जीने वाले सदाबहार फिल्म अभिनेता देवानंद का रविवार को दिल का दौरा पड़ने से लंदन में निधन हो गया । 88 वर्षीय देवानंद काफी समय से बीमार चल रहे थे।

जिस समय देवानंद ने अंतिम सांस ली उस वक्त उनके पुत्र सुनील साथ में थे।
देवानंद का अंतिम संस्कार लंदन में होगा। देवानंद के परिजनों ने यह जानकारी दी है। परिजनों के लंदन पहुंचने पर देवानंद का अंतिम संस्कार होगा। कहा जा रहा है कि मंगलवार या बुधवार को उनका अंतिम संस्कार होगा। पहले उनका अंतिम संस्कार मुंबई में होने की खबर थी लेकिन बाद में फैसला बदल दिया गया।

देव आनंद के प्रबंधक मोहन चूड़ीवाला ने बताया, ""देवानंद के पुत्र सुनील जब स्नानागार से बाहर निकले, तो उन्होंने देखा कि देव साहब के शरीर में कोई हरकत नहीं है। सुनील ने चिकित्सक को बुलाया। चिकित्सक ने कहा कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। इसके बाद रात दस बजे देवानंद का निधन हो गया। हरदिल अजीज देव आनंद अपने पीछे पत्नी (पूर्व अभिनेत्री कल्पना कार्तिक), एक पुत्र एवं एक पुत्री छोड़ गए हैं।

देवानंद के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। देवानंद के पुत्र सुनील आनंद ने बताया कि वह मां और बहन के आने का इंतजार कर रहे हैं। अगर स्वास्थ्य ने इजाजत दी तो देवानंद की पत्नी कल्पना कार्तिक अपनी बेटी और पोती के साथ लंदन पहुंचेगी। लंदन की पार्थिव देह लंदन के अस्पताल में रखी गई है। देवानंद के परिजन मुंबई आएंगे। जुहू स्थित आवास पर एक प्रार्थना सभा रखी जाएगी जहां उनके शुभचिंतक अंतिम श्रद्धांजलि देंगे। देवानंद का कहना था कि मुंबई ने उनको उम्मीद से ज्यादा दिया है।

देवानंद जब तक जिए, काम करते रहे। सफलता और असफलता का उनकी फिल्मी और निजी जिंदगी पर कोई फर्क नहीं पड़ा। देवानंद के भाई विजय आनंद और चेतन आनंद भी कुछ वर्षो पहले दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। फिल्म जगत में देवानंद का अतुलनीय योगदान रहा हैं।



अपने अभिनय, शैली,रूमानियत और जिंदादिली के लिए अलग पहचान बनाने वाले देवानंद ने 1946 में "हम एक हैं"फिल्म से अभिनय के करियर की शुरूआत की थी। 1947 में जिद्दी फिल्म ने उन्हें बड़ी सफलता दिलाई। इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा। देवानंद ने 110 फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा बिखेरा और 1950 में स्थापित अपने नवकेतन बैनर के तहत 35 फिल्मों का निर्देशन किया।

देवानंद ने जिस वक्त फिल्मी दुनिया में कदम रखा उस समय उन्हें 160 रूपए मेहनताना के रूप में मिलते थे। देवानंद ने कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया और अपने अभिनय का लोहा मनवाया। देवानंद "बाजी", "गाइड", "ज्यूल थीफ", "जॉनी मेरा नाम", "हरे रामा हरे कृष्णा", "सीआईडी" और "तेरे मेरे सपने" जैसी अपनी सुपर हिट फिल्मों के लिए भी जाने जाते हैं।


अभिनेता और निर्देशक के रूप में उनकी अंतिम फिल्म "चार्जशीट" थी, जो बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो पाई थी। कई फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित देवानंद को 2001 में पkभूषण और 2002 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1958,1966 में उन्हें फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।