गुरुवार, 15 सितंबर 2011

केंद्रीय कर्मचारियों का डीए सात प्रतिशत बढ़ा

केंद्रीय कर्मचारियों का डीए सात प्रतिशत बढ़ा

नई दिल्ली। दीवाली से पहले केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को तोहफा देते हुए डीए में सात फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। केन्द्रीय कैबिनेट ने गुरूवार को डीएम में बढ़ोतरी को मंजूरी दी। केन्द्र के इस फैसले से 50 लाख कर्मचारियों और 38 लाख पेंशनरों को फायदा होगा। डीए में यह बढ़ोतरी एक जुलाई, 2011 से लागू मानी जाएगी। सरकार के इस फैसले कर्मचारियो में खुशी की लहर है। गौरतलब है कि कर्मचारियों के लिए साल में दो बार जनवरी और जुलाई में डीए की समीक्षा की जाती है।

सीडी के लिए भंवरीदेवी की हत्या: सच या झूठ, संशय बरकरार!


जोधपुर.कथित सीडी प्रकरण से जुड़ी एएनएम भंवरी देवी मामले की जांच सीबीआई से कराई जाएगी। बुधवार देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय बैठक में मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश का फैसला लिया गया।
बैठक के बाद गृह मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि इस मामले में हमारे सहयोगी कैबिनेट मंत्री का नाम आ रहा है, इसलिए अगर राजस्थान पुलिस इसमें जांच करेगी तो कई सवाल उठेंगे। महिपाल मदेरणा से मैंने बात की थी, इस पर मदेरणा ने कहा था कि सीबीआई से जांच को लेकर उन्हें कोई एतराज नहीं हैं और वे तैयार हैं।
भंवरी देवी मामले की पड़ताल के लिए जोधपुर पुलिस का एक दल झांसी गया हुआ है, लेकिन इस दल को भंवरी देवी के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली और न ही कोई शव मिला है।

उत्तरप्रदेश में तलाश, मौत पर असमंजस
भंवरी देवी का पता लगाने के लिए हाथ-पैर मार रही पुलिस अब तक नाकाम ही रही है। एक निजी चैनल पर उसका शव झांसी के पास औराई में मिलने की खबर से सनसनी फैल गई, मगर राजस्थान और उत्तरप्रदेश पुलिस ने इससे इनकार कर दिया।
इस मामले में सीकर, चूरू, तिलवासनी, तिंवरी और कापरड़ा के 6 जनों को पकड़ने और 15 जनों से पूछताछ करने के बाद भी पुलिस उप्र की गैंग और भंवरी तक नहीं पहुंच पाई।
बुधवार को रेंज आईजी उमेश मिश्रा और ग्रामीण एसपी नवज्योति गोगोई पूरे दिन एसपी ऑफिस के कंप्यूटर कक्ष में बंद रह कर झांसी, ओराई व शिवपुरी भेजी टीमों से अपडेट लेते रहे, मगर वहां भी कोई कामयाबी नहीं मिली।
औराई के एसपी एन चौधरी ने बताया कि राजस्थान पुलिस यहां आई थी। हमने कई जगह खुदाई करवाई, लेकिन किसी महिला का शव नहीं मिला।
एक माह पहले ही रामगढ़ आया था अशोक:
सीकर के रामगढ़ में पकड़ा गया अशोक मूलत: उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। ढाई माह पहले उसके पिता रामगढ़ आए थे और वह एक माह पहले यहां आया था।
इन दोनों ने यूपी की गैंग से बात करने में गोल गप्पे बेचने वाले का मोबाइल फोन इस्तेमाल किया था। अशोक से बिलाड़ा थाने में और उसके पिता, गोलगप्पे बेचने वाले तथा सिम कार्ड इश्यू कराने वाले अन्य युवक से सीकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
शकील हिरासत में, शहाबुद्दीन की तलाश:
पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर तिंवरी के शकील को हिरासत में ले रखा है। इसके अलावा कापरड़ा का अनिल, चूरू का परमानंद और यूपी का अशोक भी पुलिस की कस्टडी में है। जबकि पीपाड़ का शहाबुद्दीन पुलिस के हाथ नहीं लगा है। आईजी उमेश मिश्रा ने बताया कि हिरासत में लिए किसी भी युवक को औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया है।
यह तो बताए, जिंदा है या मार दिया:
एएनएम भंवरी का पति अमरचंद और तीनों बच्चे बोरुंदा में पुलिस की सुरक्षा में है। अमरचंद ने राज्य सरकार के एक कैबिनेट मंत्री पर आरोप लगाते हुए अपने परिवार की जान को खतरा बताया है।
इसलिए पुलिस ने उसके परिवार की सुरक्षा के लिए सिपाही तैनात कर रखे हैं। बुधवार को उसके घर नट व सांसी समाज के लोगों का जमावड़ा लगा रहा। परिवार जनों ने मीडिया से कहा कि पुलिस यह तो बता दे कि वह जिंदा है अथवा उसे मार दिया।
कोई प्रोग्रेस नहीं:
हम भंवरी की तलाश में जुटे हैं, मगर अब तक कोई कामयाबी नहीं मिली है। यूपी के ओराई में भंवरी का शव मिलने की खबर भी झूठी है। अभी तक भंवरी और अपहर्ता दोनों ही नहीं मिले हैं। ठेकेदार सोहनलाल के अलावा किसी और को भी गिरफ्तार नहीं किया है।
- उमेश मिश्रा, आईजी, जोधपुर रेंज।

तालिबान के हमले में आईएसआई के तीन अधिकारी मारे गए

इस्लामाबाद।। पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में आईएसआई के तीन अधिकारी उस समय मारे गए जब तालिबान ने उनकी गाड़ी को निशाना बनाकर हमला किया।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक आतंकवादियों ने गाड़ी पर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू में वाहन पर घात लगाकर हमला किया। असाल्ट राइफलों से लैस आतंकवादियों ने कार पर कई दिशाओं से गोलीबारी की।

इस हमले में तीन अधिकारियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि हमले में मारे गए अधिकारी आईएसआई के छोटे अधिकारी हैं। सेना की ओर से इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

भाभी से सीखे थे तेल चोरी के गुर

मुंबई यह पुराना मुहावरा है कि हर सफल इंसान के पीछे किसीऔरत का हाथ होता है। यह मुहावरा अब अपराध कीदुनिया में भी बिल्कुल फिट बैठ रहा है। मुंबई क्राइम ब्रांचने पिछले सप्ताह तेल चोरी करने के मामले में जिन पांचलोगों को गिरफ्तार किया है , उन्होंने पूछताछ में बतायाकि वे भाभी नाम से चर्चित एक महिला डॉन के अंडर मेंभी काम कर चुके हैं।

इस भाभी को कई बार गिरफ्तार कर चुके दहिसर पुलिसस्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर पीरजादे अंसार के अनुसार ,इस भाभी को लल्लन और बानो के नाम से भी जाना जाताहै। करीब 65 साल की यह भाभी बिल्कुल पुरुषों जैसे रहतीहै। वह साड़ी नहीं , बल्कि सफारी पहनती है। मुंबई क्राइमब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार , तेल माफिया डॉनमोहम्मद अली इस भाभी को अपनी बहन मानता है।

पिछले सप्ताह गिरफ्तार आरोपियों ने सीनियर इंस्पेक्टर अरुण चव्हाण , नंद कुमार गोपाले और दिनकर भोंसलेको पूछताछ में बताया कि वे वडाला में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी की पाइप लाइन से पिछले करीब छह महीनेसे पेटोल चुरा रहे थे। वे एक बार में 35 -35 लीटर के 50 ड्रम भर लेते थे। हर ड्रम को वे 1500 रुपये में बेचतेथे। जो शख्स इन्हें खरीदता था , वह बाद में 2500 रुपये प्रति ड्रम के हिसाब से इन्हें बेच देता था। चोरी कियातेल मूल रूप से बेस ऑयल होता था , जिससे बाद में इंजिन ऑयल , ब्रेक ऑयल , ग्रीस ऑयल वगैरह बनता था।मुंबई क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम की पाइप लाइन से 24 घंंटे तेल नहीं छोड़ा जाताथा और पाइप में तेल आने का टाइम भी फिक्स नहीं था। ऐसे में इस बात की छानबीन की जा रही है कि आखिरकौन गिरफ्तार आरोपियों को पाइप लाइन में तेल आने के संभावित समय की जानकारी देता था।

अमर सिंह को अंतरिम जमानत



नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2008 के वोट के बदले नोट मामले में राज्य सभा सदस्य अमर सिंह को स्वास्थ्य कारणों को लेकर गुरुवार को 19 सितंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी।

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह [55] को विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने अंतरिम जमानत दी। सिंह नौ दिनों के न्यायिक हिरासत में थे।

गौरतलब है कि इस मामले में कथित भूमिका को लेकर सिंह छह सितंबर को अदालत में पेश हुए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। सिंह अपने गुर्दे का प्रतिरोपण करा चुके हैं। उन्हें उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद 12 सितंबर को एम्स में भर्ती कराया गया था।

अदालत ने उन्हें दो लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी की ही जमानत राशि पर अंतरिम जमानत दी है। न्यायाधीश ने सिंह को अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करने और उसकी इजाजत के बिना दिल्ली नहीं छोड़ने का निर्देश देते हुए कहा कि अमर सिंह को 19 सितंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दी गई है।

पाकिस्तान के ख्याति प्राप्त राजस्थानी मांगणियार लोक कलाकार


ThumbnailThumbnailThumbnailThumbnailThumbnailThumbnailThumbnailThumbnailThumbnailThumbnail


पाकिस्तान के ख्याति प्राप्त राजस्थानी  मांगणियार लोक कलाकार
http://youtu.be/6qnWtbomMH4 

बाडमेर पाकिस्तान में मांगणियार जाति के लोक कलाकारों ने अपनी गायकी से अलग पहचान बना रखी हैं।पाक के सिन्ध प्रान्त के मिट,ठी,रोहड़ी,गढरा,थारपारकर,उमरकोट,खिंपरो,सांगड़ आदि जिलों में मांगणियार जाति के लोग निवास करते हैं।पाक में रह रहे मांगणियार मूलतःबाड़मेर-जैसलमेर जिलों के हैं,जो भारत-पाक युद्ध 1965 और 1971 में पलायन कर पाक चले गए।


थार संस्कृति और परम्परा को लोक गीतों के माध्यम से अपनी छटा बिखेरने वाले मांगणियार कलाकारों की पाक में सम्मान जनक स्थिति नहीं थी।पाक के मांगणियार भी राजपूत जाति के यॅहा यजमानी कर अपना पालन पोषण करते थे।सोढा राजपूतों का सिन्ध में बाहुल्य हैं।सोढा राजपूतों की सिन्ध में जागीरदारी होने के कारण कई मांगणियार परिवार भारत-पाक विभाजन के दौरान पाक में रह गए तो कई परिवार युद्ध के दौरान पाक चले गए।बाड़मेर से गये एक परिवार में सन1961 में संगीत के कोहिनूर ने जन्म लिया।इस कोहिनूर जिसे पाकिस्तान और विदेशों में उस्ताद सफी मोहम्मद फकीर के नाम से जाना जाता हैं,ने मोगणियार गायकी को पाक में अलग पहचान और ख्याति दिलाई।


उनके अलावा अनाब खान,शोकत खान,हयात खान,मोहम्मद रफीक,सच्चु खान,सगीर खान ढोली, ने मांगणियार संस्कृति को पाक में नई पहचान दी हैं।इसके अलावा बाड़मेर-जैसलमेर सीमा पर स्थित देवीकोट के मूल निवासी फिरोज गुल ने पाक में लुप्त हो चुके हारमोनियम कला को पुर्नजीवित कर काफी नाम कमाया,पाक में आज फिरोज गुल का हारमोनियम बजाने में कोई सानी नहीं हैं।पाक की मशहूर लोक गायिका आबदा परवीन के दल के साथ फिरोज देश-विदेशों में ख्याति अर्जित कर रहे हैं।पाक में मारवाड़ी लोक गीतों की जबरदस्त मांग को मांगणियार लोक कलाकार पूरा कर रहे हैं।


वहीं पाक में मांगणियार गायकी को नया आयाम प्रदान किया तथा मारवाड़ी लोक गीत संगीत को पाक में मान-सम्मान दिलाया।इसके अलावा पाक में कृष्ण भील,सुमार भीलमोहन भगत,जरीना,माई नूरी,माईडडोली,माई सोहनी,सबीरा सुल्तान,दिलबर खान,फरमान अली,आमिर अली असलम खान,लॉग खान सुमार खानमोहम्मद इकबाल जैसे मांगणियार लोक गीत संगीत के पहरुओं ने राजस्थान की लोक कला ,गीत संगीत,संस्कृति और परम्परा को पाक में जिन्दा रखा तथा मान सम्मान दिला रहे हैं।सिन्ध और थार की लोक संस्कृति ,परम्पराओं गीत संगीत ,कला में महज देश का फर्क हैं।


मांगणियार लोक गायकों ने लोक गीत संगीत के जरिए दोनों देशों की सीमाऐं तोड़ दी।इसके अलावा ख्यातनाम गायिका रेशमा राजस्थान के बीकानेर की पैदाईश हैं।रेशमा ने पाक की लोक गायिकी को नई पहचान दी।ंजेसलमेर के हाजी भुटिका पाक की जेल में सरहद पार के जुम्र में सजायाप्ता था।हाजी भुटिका की सुरीली आवाज सुन कर हाजी की सजा पाक प्रशासक ने माफ कर नया जीवन दिया था।दी।पाकिस्तान गए भारतीय मांगणियार परिवारों नें थार शैली के लोक गीत-संगीत कों पाकिस्तान में ना केवल जिन्दा रखा अपितु उसे देनिया भर में नई उॅचाईयॉ दी।पाकिस्तान में एक वक्त हारमेानियम समाप्त सा हो गया था।ऐसे में फिरोज मांगणियार नें हारमोनियम को नया जन्म देकर पाकिस्तान में हारमोनियम को लोकप्रियता के षिखर पर पहुॅचाया।फिरोज मांगणियार आज पाकिस्तान की मषहूर लोक गायिका आबिदा परवीन कें दल में ष्षामिल हो कर नयें आयाम छू रहे हैं।पाकिस्तान की मषहूर लोक गायिका रेषमा जिन्होंने देष विदेषों में अपनी अलग गायन ष्षैली सें अपना अलग मुकाम बनाया।रेषमा मूलतः राजस्थान के बीकानेर क्षैत्र की निवासी थी,रेषमा का परिवार विभाजन के दौरान पाकिस्तान चला गया।बिना लिखी पढी रेषमा नें विष्व भरमेंअपनी खास पहचान बनाई।दोनों देषों की सरहदें लोक गीत संगीत की सौंधी महक को बांट नहीं सकी।लोक गीत संगीत कें माध्यम सें दोनो देषों की अवाम अपने रिष्ते कायम रखे हुए हैं।   


ThumbnailThumbnailThumbnailThumbnailThumbnail

मेहरानगढ़ दुर्ग... कीर्कित्त और वीरता तथा मान-मर्यादा का प्रतीक जोधपुर दुर्ग

मारवाड़ के राठौड़ों की कीर्कित्त और वीरता तथा मान-मर्यादा का प्रतीक जोधपुर दुर्ग का निर्माण राव जोधा ने करवाया था। राज्यभिषेक के समय राठौड़ राव जोधा की राजधानी मंड़ोर में थी, परंतु सामरिक व सैनिक दृष्टि से मण्डोर के असुरक्षित होने के कारण जोधा ने नवीन दुर्ग एंव नगर की स्थापना का निश्चय कर लिया। दुर्ग की पहाड़ी के तीन ओर नगर विस्तार हेतु समतल स्थान है, वहां नगर बसा हुआ है। इसी दृष्टि से उन्होंने पहाड़ी श्रृंखला के इस छोर पर दुर्ग निर्माण का कार्य आरंभ करवाया।
यह कार्य वृक्ष लग्न, स्वाति नक्षत्र, ज्येष्ठ सुदि ११, शनिवार संवत् १५१५ दिनांक १२ मई, १४५९ को आरंभ हुआ।शहर के समतल भाग से ४०० फुट ऊँची पहाड़ी पर अवस्थित जोधपुर दुर्ग चारों ओर फैले विस्तृत मैदान को अधिकृत किए हुए है। पहाड़ी की ऊँचाई कम होने के कारण ऊँची-ऊँची विशाल प्राचीरों के बीच दीर्घकार बुजç बनवाई गई हैं तथा पहाड़ी को चारों ओर से काफी ऊँचाई तक तराशा गया है जिससे किले की सुरक्षा में वृद्धि हो। महलों के भाग में ऊँचाई १२० फुट ही रह गई है। किले का विशाल उन्नत प्राचीर २० फुट से १२० फुट तक ऊँची है जिसके मध्य गोल और चौकोर बुजç बनी हुई हैं। इनकी मोटाई १२ फुट से ७० फुट तक रखी गयी है। प्राचीर ने १५०० फुट लंबी तथा ७५० फुट चौड़ी भूमि को घेर रखा है। पहाड़ी की चोटी पर बनी मजबूत दीवारों के शीर्ष भाग पर तोपों के मोर्चे बने हैं। यहां कई विशाल सीधी उठी हुई बुजç खड़ी की गई हैं। प्राय: छ: किलोमीटर का भू-भाग इस व्यवस्था से सुरक्षित है।


नीचे के समतल मैदान से एक टेढ़ा-मेढ़ा रास्ता ऊपर की ओर जाता है। इस रास्ते द्वारा कुछ घुमाव पार करने पर किले का विशाल फाटकों वाला प्रथम सुदृढ़ दरवाजा आता है। आगे चलकर छ: दरवाजे और हैं। १७०७ ई० में महाराजा अजीतसिंह ने मुगलों पर अपनी विजय के स्मारक के रुप में फतेहपोल का निर्माण करवाया था। अमृतपोल का निर्माण राव मालदेव ने करवाया, और महाराजा मानसिंह ने १८०६ ई० में जयपोल का निर्माण करवाया था। "राव जोधा का फलसा' किले का अंतिम द्वार है। लोहापोल पर कुछ वीर रमणियों के छाप लगे हुए है जो उनके सती होने के स्मारक के रुप में आज भी विद्यमान हैं।किले की प्राचीर के नीचे दो तालाब हैं जहाँ से सेना जल प्राप्त करती थी। किले के मध्य में एक कुंड है जो ९० फुट गहरा है तथा इसे पहाड़ी की चट्टानों के मध्य खोदकर बनाया गया था। किले के अन्त: भाग में शानदार अट्टालिकाओं और प्रसादों का समूह है जो वस्तु कला का उत्कृष्ट नमूमा है। लाल पत्थरों से निर्मित ये प्रसाद वस्तुकला के उत्तम उदाहरण हैं। इन प्रसादों का निर्माण समय-समय पर होने के कारण इनमें विभिन्न वस्तु शैलियों का समावेश अपने आप हो गया है। उत्कृष्ट कलाकृतियों से अलंकृत पत्थर की काटी हुई जालियाँ से सजे हुए ये प्रासाद कला के उत्तम नमूने है।किले की ओर वाले पार्श्व भाग की प्राचीर विशेष रुप से मोटी और ऊँची है। बुजाç की परिधि यहीं सर्वाधिक है। इस प्राचीर के शीर्ष भाग पर लगी भीमकाय तोपें अब भी किले की रक्षा के तत्पर प्रतीत होती हैं। इन तोपों में कालका, किलकिला और भवानी नामक तोपें बहुत बड़ी और भारी हैं।


राजपूतों के इतिहास में राढौड़ अपनी वीरता और शौर्य के लिए बडे प्रसिद्ध रहे हैं। जोधपुर दुर्ग पर आक्रमणों का प्रांरभ राव बीकाजी के समय हुआ। राव जोधा ने बीकाजी को स्वतंत्र शासक स्वीकार कर उन्हे छत्र व चंबर देने की बात कही थी, परंतु जोधा की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी सूरसिंह ने ये वस्तुएं बीकाजी को नही दी। फलत: बीकाजी ने जोधपुर पर चढ़ाई कर दी। मारवाड़ राज्य के आन्तरिक कलह के परिणाम स्वरुप मुगलों को मारवाड़ पर अधिकार करने का अवसर मिला। मालदेव के समय १५४४ ई० में शेरशाह सूरी ने जोधपुर पर आक्रमण कर दिया। यद्यपि किलेदार बरजांग तिलोकसी ने बड़ी बहादुरी से दुर्ग की रक्षा करने का प्रयत्न किया, फिर भी शेरशाह दुर्ग पर अधिकार करने में सफल हो गया। लेकिन मालदेव ने शक्ति संगठित करके पुन: दुर्ग पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया।


मालदेव की मृत्यु के बाद मारवाड़ राज्य में उत्तराधिकार के प्रश्न को लेकर संघर्ष छिड़ गया एंव यह राज्य आंतरिक कलह में डूब गया। इससे जोधपुर की शक्ति काफी क्षीण हो गई। अब मुगलों ने जोधपुर पर अधिकार करने के उद्देश्य से वि.स. १६२१ के चैत्र माह में हुसैन कुली खाँ के नेतृत्व में सेना भेजी। राव चन्द्रसेन ने चार लाख रुपये देकर संधि कर ली तथा मुगल सेना वापस लौट गई। लेकिन मुगलों ने जोधपुर पर पुन: आक्रमण कर दिया। इस आक्रमण के समय राव चन्द्रसेन ने ६६० सैनिकों सहित किले में रहकर रक्षात्मक युद्ध किया। लेकिन वह शक्तिशाली मुगल सेना का सामना लंबे समय तक नही कर पाया। अत: उसने मुगलों से संधि कर जोधपुर दुर्ग उन्हें सौंप दिया। अकबर के काम में मोटा राजा उदय सिंह ने मुगलों का प्रभुत्व स्वीकार कर लिया। अत: जोधपुर दुर्ग उसे लौटा दिया गया।

बच्चों की अर्थियां उठी तो हर किसी की आंख नम थी

हर आंख नम, गूंजी चित्कारें

जालोर.उम्मेदाबाद। सांफाडा और डांगरा गांव मे पसरा सन्नाटा चीख-चीख कर दिल दहलाने वाले हादसे की गवाही देता रहा। जीवनदायिनी कही जाने वाली जवाई नदी कई घरों की रोशनी छीन ले गई। गांवों मे जब एक साथ इन बच्चों की अर्थियां उठी तो हर किसी की आंख नम थी। हर तरफ गूंज रहा करूण कं्रदन ने हर किसी की रूलाई फूट रही थी।
मंगलवार दोपहर जवाई नदी अचानक काल बन कर नौ जिंदगियां लील गई। डांगरा गांव के पांच और केशवना नदी में सांफाड़ा गांव के तीन बच्चे समेत एक अधेड़ के शव बुधवार दोपहर तक निकाल लिए गए। केशवना हादसे मे एक बच्चे को जीवित निकाल लिया गया था। दो बच्चों तनसिंह और महेन्द्र के शव मंगलवार रात को ही बाहर निकाल लिए गए। इसके बाद देर रात को नाथाराम और किशन के शव भी निकाल लिए गए। डांगरा गांव मे बहे पांच बच्चो मे से दो बच्चो रामाराम और रमेश को जीवित निकाला गया था। जिन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं बचाव दल ने देर रात लेहराराम का शव भी बाहर निकाल लिया था। इसके बाद सुबह आठ बजे सांवलाराम और दोपहर 12 बजे चेनाराम के शव भी निकाल लिए गए। इधर, जिला प्रशासन ने राज्य सरकार से बात कर जल्द ही मृतकों के परिजनो को एक-एक लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने की बात कही।
ऑपरेशन में अड़चन
आपदा प्रबंधन के नाम पर तैयारियों का दावा करने वाला जिला प्रशासन इस पूरे हादसे मे केवल मूक दर्शक बना रहा। रात मे लाइट की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन मे काफी परेशानियो का सामना करना पड़ा। ग्रामीणो ने अपने स्तर पर टै्रैक्टर और बैटरी की व्यवस्था की। जिससे कुछ हद तक बचाव कार्य मे सहायता मिली।
जब टूट गए सपने
स्कूल से घर के लिए डांगरा गांव के 50 बच्चों का दल नदी मे नहाने के लिए रूका था। इनमें से पांच बच्चे पीछे रह गए। जगह-जगह गड्ढे और कच्ची मिट्टी के कारण ये बच्चे डूब गए। रमेश के पिता मीठालाल ने बेटे को उच्च शिक्षा दिलाने के ख्वाब संजोए था। लेकिन उनके अरमानो पर कुदरत ने पानी फेर दिया। रामाराम के पिता हड़मताराम अपने बेटे को आईपीएस या बड़ा प्रशासनिक अधिकारी बनाना चाहते थे, लेकिन सपने टूट गए।

मिसाल कायम कर गया नाथाराम
मिसाल कायम कर गया नाथाराम
सांफाड़ा निवासी नाथाराम अपनी दिलेरी से सभी ग्रामीणो केे लिए एक मिसाल कायम कर गया। केशवना में जवाई नदी में मंगलवार शाम करीब चार बच्चे बहे। इनमे से जसवंतसिंह काफी मशक्कत कर बाहर निकल आया। जिसने वहां से गुजर रहे नाथाराम को इसकी सूचना दी। नाथाराम ने अपनी जान की परवाह किए बगैर बच्चो को बचाने के लिए नदी मे छलांग लगा दी। ग्रामीणो के अनुसार तीन बच्चे उससे लिपट गए, लेकिन मिट्टी और फिसलन होने के कारण नाथाराम बच्चों को बचाने में कामयाब नहीं हो पाया और मासूमों की जिंदगी बचाने के लिए अपनी जिंदगी भी गंवा बैठा।

इनका कहना है...
जवाई नदी मे बच्चो के डूबने की घटना काफी दुखद है। प्रमुख शासन सचिव से बात कर मृतकों के परिजनों को आपदा प्रबंधन मद से एक-एक लाख रूपए सहायता राशि दिलाई जाएगी।
केवल कुमार गुप्ता
जिला कलक्टर, जालोर

20 घंटे तक चली कवायद
केशवना नदी में मंगलवार शाम करीब चार बजे हादसा हुआ। इसके बाद से सांफाड़ा के ग्रामीणों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया। शाम करीब पांच बजे डांगरा गांव मे भी पांच जनो के डूबने के समाचार मिले। प्रशासनिक अमला पुलिस दल के साथ दोनों घटना स्थलो पर पहुंचा, लेकिन शवो को निकालने मे सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद डांगरा गांव मे बालोतरा से मालवीय बंधुओ की टीम बुलाई गई। वहीं सांफाड़ा मे सिरोही और जोधपुर से आई टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। जो बुधवार दोपहर 12 बजे तक चला।

आत्महत्या ....दुष्कर्म की शिकार महिला टांके में कूदी

दुष्कर्म की शिकार महिला टांके में कूदी


पोकरण। क्षेत्र के माड़वा गांव में मंगलवार को एक महिला ने टांके में कूद कर आत्महत्या कर ली। दूसरी तरफ मृतका के परिजनों ने उसके साथ गांव के ही एक युवक के विरूद्ध दुष्कर्म करने व इसके चलते शर्म के मारे महिला के आत्महत्या करने का मामला दर्ज करवाया है।

पुलिस के अनुसार माड़वा निवासी एक युवक ने पुलिस में एक रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसकी भाभी सोमवार रात अपने घर में सो रही थी। इसी दौरान रात एक बजे गांव के ही कानाराम पुत्र बांकाराम उसके घर आया व उसे अकेली देखकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस पर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। पास ही घर में सो रहे अन्य परिजन भी भाग कर आए और कानाराम को दबोच लिया तथा उसे बांध दिया। मंगलवार को सुबह जब उसे पुलिस थाने लाने के लिए जैसे ही खोला, तो वह छुड़ाकर भाग गया। दूसरी तरफ उसकी भाभी ने बलात्कार हो जाने के कारण समाज में शर्म व लज्जा के मारे मानसिक रूप से परेशान होकर घर के पास ही स्थित एक टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू की तथा मृतका का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द किया।

टांके में डूबने से एक महिला की मौत

बालोतरा जागीर में एक महिला की टांके में डूबने से मौत होने का मामला दर्ज हुआ है। मंगलाराम पुत्र वीराराम दर्जी निवासी डेडावास जागीर ने बताया कि उसकी पत्नी गीता देवी सोमवार को खेत पर काम करने के लिए गई थी। टांके में देखने पर उसे अपनी पत्नी की लाश दिखाई दी। मंगलवार सुबह पुलिस ने पीहर पक्ष को मौके पर बुलाकर लाश का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पोस्टमार्टम में महिला की पानी में डूबने से मृत्यु होने की पुष्टि हुई है।

आत्महत्या ....दुष्कर्म की शिकार महिला टांके में कूदी

दुष्कर्म की शिकार महिला टांके में कूदी


पोकरण। क्षेत्र के माड़वा गांव में मंगलवार को एक महिला ने टांके में कूद कर आत्महत्या कर ली। दूसरी तरफ मृतका के परिजनों ने उसके साथ गांव के ही एक युवक के विरूद्ध दुष्कर्म करने व इसके चलते शर्म के मारे महिला के आत्महत्या करने का मामला दर्ज करवाया है।

पुलिस के अनुसार माड़वा निवासी एक युवक ने पुलिस में एक रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसकी भाभी सोमवार रात अपने घर में सो रही थी। इसी दौरान रात एक बजे गांव के ही कानाराम पुत्र बांकाराम उसके घर आया व उसे अकेली देखकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस पर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। पास ही घर में सो रहे अन्य परिजन भी भाग कर आए और कानाराम को दबोच लिया तथा उसे बांध दिया। मंगलवार को सुबह जब उसे पुलिस थाने लाने के लिए जैसे ही खोला, तो वह छुड़ाकर भाग गया। दूसरी तरफ उसकी भाभी ने बलात्कार हो जाने के कारण समाज में शर्म व लज्जा के मारे मानसिक रूप से परेशान होकर घर के पास ही स्थित एक टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू की तथा मृतका का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द किया।

टांके में डूबने से एक महिला की मौत

बालोतरा जागीर में एक महिला की टांके में डूबने से मौत होने का मामला दर्ज हुआ है। मंगलाराम पुत्र वीराराम दर्जी निवासी डेडावास जागीर ने बताया कि उसकी पत्नी गीता देवी सोमवार को खेत पर काम करने के लिए गई थी। टांके में देखने पर उसे अपनी पत्नी की लाश दिखाई दी। मंगलवार सुबह पुलिस ने पीहर पक्ष को मौके पर बुलाकर लाश का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पोस्टमार्टम में महिला की पानी में डूबने से मृत्यु होने की पुष्टि हुई है।

एक घंटे बाद पाया आग पर काबू

एक घंटे बाद पाया आग पर काबू

जैसलमेर आसनी पथ के बीच लगे बिजली के ट्रांसफार्मर में बुधवार शाम करीब 5.30 बजे अज्ञात कारणों से आग लग गई। आग इतनी भयावह थी कि ट्रांसफार्मर के पास रखा अन्य सामान भी जल गया। दो दमकल वाहनों तथा आसपास के लोगों ने करीब एक घंटे तक मशक्कत कर आग पर काबू पाया। करीब एक घंटे तक धधक कर जले ट्रांसफार्मर से आसपास के क्षेत्र में दहशत फैल गई तथा इससे जुड़ी सप्लाई डिस्कॉम ने काट दी। समय रहते काबू पा लिया गया जिससे बड़ा हादसा होते होते टल गया।

क्षेत्र में फैली दहशत : आसनी रोड़ स्थित ट्रांसफार्मर में बुधवार शाम अचानक लगी आग से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। ट्रांसफार्मर में लगी आग को बुझाने का प्रयास पहले तो आसपास के लोगों ने किया लेकिन वह काबू में नहीं आई। बाद में नगरपालिका की दमकल पहुंची तथा करीब एक घंटे तक चली मशक्कत के बाद इस पर काबू पाया गया। इस दौरान आसपास स्थित व्यवसायी भी अपनी दुकानों से बाहर आ गए तथा इस मार्ग से आवागमन भी बंद कर दिया गया था।

..और भी है खतरे: आसनी पथ के बीचो बीच लगे इस ट्रांसफार्मर जैसे शहर में कई ओर ट्रांसफार्मर भी खतरा बने हुए है। जिनसे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। शहर में ग्रामीण बस स्टैंड, हनुमान चौराहा, गांधी चौक, गोपा चौक, शिव मार्ग, गांधी कॉलोनी सहित अन्य कई जगहों पर रिहायशी इलाकों में डिस्कॉम ने ट्रांसफार्मर लगा रखे है। इनमें सुरक्षा के नाम पर मात्र चारों तरफ तारबंदी ही की हुई है जो नाकाफी है।

करंट लगने से दो भाइयों की मौत

करंट लगने से दो भाइयों की मौत

बाड़मेर निवासी दोनों फतेहगढ़ लखा गांव में माजीसा ग्रेनाइट में श्रमिक थे, जेसीबी का अगला हिस्सा लाइन से टकराने से हुआ हादसा, तीन श्रमिक घायल

फतेहगढ़ लखा गांव स्थित माजीसा ग्रेनाइट में बिजली का करंट लगने से दो श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गई तथा तीन श्रमिक घायल हो गए।
झिनझिनयाली थाना प्रभारी सत्यदेव आड़ा ने बताया कि माजीसा ग्रेनाइट लखा में श्रमिक कार्यरत थे। उसी समय जेसीबी मशीन का अगला हिस्सा ऊपर से गुजर रही 11 केवी की बिजली की लाइन से टकरा गया। जिससे दो सगे भाई पुरखाराम (40) पुत्र जोगाराम तथा उमेदाराम (35) पुत्र जोगाराम निवासी बोला बाड़मेर की मौत हो गई। वहीं बाकाराम पुत्र हीरा राम तथा बालाराम पुत्र लालाराम जाट निवासी चाकू गुड़ामालानी बाड़मेर, नीम्बसिंह पुत्र फौजराज सिंह निवासी लखा घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए बाड़मेर ले जाया गया। जहां परिजनों को दोनों भाइयों की लाश सुपुर्द कर दी गई। घटना की जानकारी मिलते ही तहसीलदार जबर सिंह चारण घटना स्थल पर पहुंचे। 

करंट से बालक की मौत

फलसूण्ड। गांव में पुलिस थाने के सामने एक मकान के ऊपर से गुजर रही 11केवी विद्युत लाइन की चपेट में आ जाने से बुधवार को एक बालक की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार गांव में पुलिस थाने के सामने स्थित गवारिया बस्ती में स्थित पंचायत की दुकान में किराए पर रह रहे मोहनराम गवारिया का 11 वर्षीय पुत्र कालूराम बुधवार को सुबह छत पर चढ़ा।

इस दौरान वह छत के ऊपर से निकल रही 11 केवी की विद्युत लाइन की चपेट में आ गया और बुरी तरह झुलस गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण पहंुचे और विद्युत निगम के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। उन्होंने मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

कर्नल सोना राम चौधरी ने खरी खरी सुनाई।


 
विधायक कर्नल ने मंत्री को सुनाई खरी खरी

कहने को मैं भी मुख्यमंत्री से कह सकता हूं, मगर आप सरकार के नुमाइंदे हो

बायतु विधायक कर्नल सोना राम चौधरी ने जननी शिशु सुरक्षा योजना के शुभारंभ के दौरान प्रभारी मंत्री पर निशाना साधते हुए खरी खरी सुनाई। विधायक कर्नल ने कहा कि हॉस्पिटल में डॉक्टरों व संसाधनों की कमी है। इसके चलते मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। यह समस्या गंभीर है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से बात कर सकता हूं।च्द्मशज्द्म मगर आप सरकार के नुमाइंदे हो समस्या का समाधान कराओ। कर्नल ने कहा कि जिले में नहर का मीठा पानी मुहैया करवाने के लिए कई बड़ी परियोजनाएं बनीं, लेकिन अभी तक लोगों को मीठा पानी मयस्सर नहीं हुआ। इस स्थिति में केवल भाषण देकर तालियां बटोरने से कुछ नहीं होता। जनता से जो वादे सरकार ने किए हैं उसे निभाने की जरूरत है।


भिड़ंत में महिला की मौत,9 छात्र घायल

भिड़ंत में महिला की मौत,9 छात्र घायल

बायतु. कस्बे से 12 किमी दूर कोसरिया फांटा पर बुधवार दोपहर 1 बजे एक जायलो व टेम्पो में के बीच भिड़न्त में एक महिला की मौत हो गई और नौ छात्र घायल हो गए। पुलिस के अनुसार भिड़न्त में जायलो में सवार चुनी देवी (55) पत्नी टीकमाराम निवासी छीतर का पार की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। टेम्पो में सवार बायतु स्थित एक निजी विद्यालय के 9 स्कूल छात्र घायल हो गए। इन्हें इलाज के लिए राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय बायतु मे भर्ती करवाया गया। बायतु स्थित निजी विद्यालय के छात्र बुधवार दोपहर को भाडखा में प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे थे। कोसरिया फांटा के समीप सामने से आ रही एक जायलो व टेम्पो में भिड़ंत हो गई। इससे टेम्पो में सवार अक्षय, मुकेश, लव राठी, कमलेश, नरेश, नमन, तेजाराम, अरविन्द व नरेश घायल हो गए।
इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया। बताया जा रहा है जायलो में सवार यह परिवार किसी रिश्तेदारों के यहां शोक मिलन में जा रहा था।

दम घुटने से 47 बछड़ों की मौत

दम घुटने से 47 बछड़ों की मौत

शिव । फलसुण्ड-बाड़मेर मार्ग पर काश्मीर गांव में एक ट्रक में अवैध परिवहन कर ले जा रहे सैतालीस बछड़ो की दम घुटने से मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार एक ट्रक काश्मीर गांव से गुजरते वक्त गलत मार्ग पर चला गया। चालक द्वारा ट्रक को वापस घुमाने के प्रयास में सड़क के पास गीली रेत में पिछले पहिये धंस गए। पूरी रात प्रयास करने के बावजूद ट्रक वहां से नहीं निकल सका।


सुबह होने से पहले आरोपी ट्रक छोड़कर भाग गए। सुबह नौ बजे तक घटना की खबर सुनकर काश्मीर, भीयाड़, उण्डू, मौखाब सहित कई गांवों के ग्रामीणों ने ट्रक को घेर कर क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया। सूचना मिलने पर उपखण्ड अधिकारी नखतदान बारहठ, शिव थानाधिकारी मनीष देव एवं गिड़ा थानाधिकारी मनोज मूंढ मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। स्थिति के मद्देनजर वृताधिकारी नाजिम अली बाड़मेर से घटना स्थल पर पहुंचे।

दम घुटने से हुई मौत
ट्रक में क्षमता से अधिक करीब साठ बड़े व छोटे बछड़ों का परिवहन कर ले जाया जा रहा था। सभी बछड़े एक दूसरे के ऊपर ठूंस ठूंस कर भरे गए थे। ट्रक पर चारो तरफ मजबूती से तिरपाल के बंधे होने के कारण एवं उमस भरा मौसम होने के कारण 47 बछड़ों की मौके पर ही मौत हो गई। घायल तेरह बछड़ों को प्राथमिक उपचार के बाद ग्राम पंचायत काश्मीर स्थित पटवार घर में रखा गया है। घटनास्थल पर कोटड़ा सरपंच ईश्वरसिंह राठौड़, पंचायत समिति सदस्य मूलसिंह सोढा, गिरधरसिंह भाटी, रावताराम पोटलिया, मोटाराम, खेतसिंह राजगुरू, बन्नेसिंह भाटी, भुराराम जांणी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने गौ हत्या पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुकदमा दर्ज कर शीघ्र आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की।