शनिवार, 3 सितंबर 2011

सी आई डी पुलिस अधीक्षक ने मुनाबाव का दौरा कर पाक के प्लेटफार्म की स्थति का जायजा लिया

सी आई डी पुलिस अधीक्षक ने मुनाबाव का दौरा कर पाक के प्लेटफार्म की स्थति का जायजा लिया 

बाड़मेर पकिस्तान में नो मेंस लैंड पर चीन द्वारा कराये जा रहे अनात्रश्त्रिय नियमो के विरुद्ध प्लेटफार्म निर्माण की स्थति की वस्तुस्थतीका जायजा लेने शनिवार को सी आई डी की पुलिस अधीक्षक एस परिमाला मुनाबाव पंहुंची उन्होंने सुरक्षा एइजेन्सियो तथा खुफिया एईजेंसियो से पाकिस्तान द्वारा नो मेंस लैंड के १५० मीटर के दायरे में प्लेट फार्म निर्माण की वस्तुसथाती की जानकारी ली ,परिमाला ने मुनाबाव रेलवे स्टेशन की व्यवस्थाओ का भी जायजा लिया उन्होंने थार एक्सप्रेस की सुरक्षा व्यवस्था को बनही परखा. परिमाला ने सीमा सुरक्षा बल सहित पुलिस .आर पी ऍफ़ ,कस्टम के अधिकारियो से भी थर की सुरक्षा को लेकर चर्चा की


उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया की मेने स्वयं जाकर देखा की पकिस्तान नो मेंस लैंड पर प्लेटफार्म का निर्माण करा रहा हे आज बाजारी तथा ईंटो की ट्रके खाली हुई हें में इशकी रिपोर्ट भारत सर्कार को शीघ्र भेजूंगी पकिस्तान अवैध रूप से निर्माण करा रहा हे जिस पर सीमा सुरक्षा बल ने भी आपत्ती जताई हें उन्होंने कहा की बाड़मेर के भादरेस तथा नागाना में चैईनीज नागरिक बतोर इंजिनियर कार्य कर रहे हें इशकी जानकारी भी भारत सरकार को भेजी जाएगी साथ ही इन प्रोजेक्ट्स पर कार्यरत बाहरी प्रान्तों के लोगो का भौतिक सत्यापन गंभीरता से कराया जाएगा 

सरहद पर मिले दो जिन्दा बम मिले .सनसनी फेली

सरहद पर मिले दो जिन्दा बम मिले .सनसनी फेली

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सरहदी गाँव पांचला गाँव के खेत में दो ज़िंदा बम मिलाने से सनसनी फेल गई गिराब थाना को सूचना मिलाने पर पुलिस दल माय जाब्ते के मौके पर पंहुंच कर ग्रामीणों को वंहा से दूर हटाया तथा सेना के बम निरोधक दस्ते को बुलाया .पुलिस अधीक्षक संतोष चलके ने बताया की पंचला गाँव जो भारत पकिस्तान की सरहद पर बसा हें में एक खेत में किसान द्वारा जुताई करने के दौरान जमीन में गड़े दो ज़िंदा बम मिलाने से वह घबरा गया उसने ग्रामीणों को सूचित किया बाद में गिराब पुलिस को सूचना दी जिस पर पुलिस ने मौके पर पंहुच कर बम से ग्रामीणों को दूर किया तथा सेना के बम निरोधक दस्ते को बम निष्क्रिय करने हेतु बुलाया .उन्होंने बताया की यह बम १९७१ के भारत पाक युद्ध के दौरान बिना फटे रह गए तथा रेगिस्तानी धोरो में दब गए आज जब किसान खेत में जुताई कर रहा था उस दौरान यह बम जमीन से बहार आये ,किसी तरह के जान माल का नुक्सान नहीं हुआ बम की सुरक्षा के लिए पुलिस को तैनात किया गया हें

बीस लाख की अवैध शराब पकड़ी

बीस लाख की अवैध शराब पकड़ी

सांचौर (जालोर)। निकटवर्ती किलुपिया सरहद से पुलिस ने शुक्रवार को एक ट्रक में भरी 976 कार्टन अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की। बरामद शराब की बाजार कीमत बीस लाख रूपए आंकी जा रही है।

पुलिस अधीक्षक राहुल बाहरट के अनुसार मुखबिर से मिली सूचना पर थानाधिकारी गोपसिंह देवड़ा ने नागोलड़ी गांव में नाकाबंदी करवाई। इस दौरान पुलिस को नागोलड़ी से किलुपिया कच्चे रास्ते से ट्रक निकलने की सूचना मिली। इस पर पुलिस वहां पहंुची। पुलिस ने करीब तीन किलोमीटर तक ट्रक का पीछा किया। ट्रक चालक अंधेरे का फायदा उठाकर ट्रक को खड़ा कर फरार हो गया। पुलिस ने ट्रक जब्त कर उसमें पशुआहार के नीचे भरे 976 कार्टून अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की।

थानाधिकारी गोपसिंह देवड़ा ने बताया कि शराब तस्कर कच्चे रास्तों से होते हुए ट्रक को बोर्डर तक ले जाने की फिराक में थे। जहां से यह शराब गुजरात सप्लाई होनी थी। ट्रक से मिले कागजात के अनुसार ट्रक मालिक सवाईराम पुत्र भीयाराम चौधरी निवासी गुरू का तालाब जोधपुर है। ट्रक से लाइसेंस की फोटो प्रति प्राप्त हुई है, जो राजूराम पुत्र भीमाराम चौधरी निवासी गुरू का तालाब जोधपुर के नाम से है। इसके अलावा ट्रक से पुलिस ने एक मोबाइल भी बरामद किया। ट्रक में भरे पशुआहार की बिल्टी भी मिली है। पुलिस ने कागजात के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू की है।

गुजरात होती है सप्लाई
तस्करी की शराब सांचौर होते हुए गुजरात सप्लाई की जाती है। तस्कर पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर से शराब के ट्रक भरकर सांचौर लाते हैं। यहां से शराब को छोटी गाडियों से गुजरात सप्लाई किया जाता है। पूर्व में भी पुलिस ने शराब की बड़ी खेप छोटी गाडियों में क्रोसिंग के दौरान पकड़ी हैं। गुजरात सीमा से सटे क्षेत्र के गांवों में शराब की सप्लाई रात के समय की जाती है।

प्रभा की उपलब्धि जैसलमेर के लिए गर्व की बात




प्रभा की उपलब्धि जैसलमेर के लिए गर्व की बात


जैसलमेर
राजस्थान विश्व विद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष प्रभा चौधरी का शुक्रवार को नगरपालिका मंडल की ओर से स्वागत किया गया। नगरपालिका सभागार में आयोजित समारोह के दौरान पालिका अध्यक्ष अशोक तंवर द्वारा शॉल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष ने कहा कि प्रभा चौधरी की यह उपलब्धि जैसलमेर के लिए बड़े गर्व की बात है कि मोहनगढ़ की छात्रा राजस्थान विश्वविद्यालय की अध्यक्ष बनी। समारोह को संबोधित करते हुए राजस्थान क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष विमल कुमार ने कहा कि प्रभा चौधरी ने अपनी प्रतिभा एवं विश्वास के दम पर यह जीत हासिल की है जो बधाई की पात्र है। उन्होंने यहां की बालिकाओं से प्रभा का अनुसरण कर शिक्षा के साथ ही राजनीति में भी परमच फहराने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रभा की यह उपलब्धि जैसलमेर की बालिकाओं के लिए मिसाल है। समारोह को नगरपालिका उपाध्यक्ष जगदीश चूरा, पार्षद गिरिश व्यास, आनंद केवलिया, आनंद व्यास ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर पालिका के पार्षद एवं अधिकारी उपस्थित थे।

रामगढ़ पहुंचने पर स्वागत: रामगढ़ राजस्थान विश्वविद्यालय की अध्यक्ष प्रभा चौधरी का शुक्रवार को रामगढ़ पहुंचने पर ग्रामीणों ने ढ़ोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया। रामगढ़ से चौधरी तनोट माता के दर्शनों के लिए रवाना हुई। रामगढ़ पहुंचने पर गोविंद भार्गव, मालमसिंह, खेतमल खत्री, अर्जुन दैया, भगवानदास भूतड़ा सहित बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने चौधरी का भावभीना स्वागत किया।

हुरमुचो भारत की प्राचीन और पारम्परिक कशीदा शैलि




हुरमुचो भारत की प्राचीन और पारम्परिक कशीदा शैलि
बाड़मेर. कशीदाकारी भारत का पुराना और बेहद खूबसूरत हुनर है । बेहद कम साधनों और नाममात्र की लागत के साथ शुरु किये जा सकने वाली इस कला के कद्रदान कम नहीं हैं । रंग बिरंगे धागों और महीन सी दिखाई देने वाली सुई की मदद से कल्पनालोक का ऎसा संसार कपड़े पर उभर आता है कि देखने वाले दाँतों तले अँगुलियाँ दबा लें । लखनऊ की चिकनकारी,बंगाल के काँथा और गुजरात की कच्छी कढ़ाई का जादू हुनर के शौकीनों के सिर चढ़कर बोलता है। इन सबके बीच सिंध की कशीदाकारी की अलग पहचान है । तेज़ रफ़्तार ज़िन्दगी में जबकि हर काम मशीनों से होने लगा है, सिंधी कशीदाकारों की कारीगरी "हरमुचो" किसी अजूबे से कम नज़र नहीं आती । बारीक काम और चटख रंगों का अनूठा संयोजन सामान्य से वस्त्र को भी आकर्ष्क और खास बना देता है । हालाँकि वक्त की गर्द इस कारीगरी पर भी जम गई है । नई पीढ़ी को इस हुनर की बारीकियाँ सिखाने के लिये भोपाल के राष्ट्रीय मानव संग्रहालय ने पहचान कार्यक्रम के तहत हरमुचो के कुशल कारीगरों को आमंत्रित किया । इसमें सरला सोनेजा, कविता चोइथानी और रचना रानी सोनेजा ने हरमुचो कला के कद्रदानों को सुई-धागे से रचे जाने वाले अनोखे संसार के दर्शन कराये । हुरमुचो सिंधी भाषा का शब्द है जिसका शब्दिक अर्थ है कपड़े पर धागों को गूंथ कर सज्जा करना। हुरमुचो भारत की प्राचीन और पारम्परिक कशीदा शैलियों में से एक है। अविभाजित भारत के सिंध प्रांत में प्रचलित होने के कारण इसे सिंधी कढ़ाई भी कहते हैं। सिंध प्रांत की खैरपुर रियासत और उसके आस-पास के क्षेत्र हरमुचो के जानकारों के गढ़ हुआ करते थे। यह कशीदा प्रमुख रूप से कृषक समुदायों की स्त्रियाँ फसल कटाई के उपरान्त खाली समय में अपने वस्त्रों की सज्जा के लिये करती थीं। आजादी के साथ हुए बँटवारे में सिंध प्रांत पाकिस्तान में चला गया किंतु वह कशीदा अब भी भारत के उन हिस्सों में प्रचलित है, जो सिंध प्रान्त के सीमावर्ती क्षेत्र हैं। पंजाब के मलैर कोटला क्षेत्र, राजस्थान के श्री गंगानगर, गुजरात के कच्छ, महाराष्ट्र के उल्हासनगर तथा मध्य प्रदेश के ग्वालियर में यह कशीदा आज भी प्रचलन में है। हुरमुचो कशीदा को आधुनिक भारत में बचाए रखने का श्रेय सिंधी समुदाय की वैवाहिक परंपराओं को जाता है। सिंधियों में विवाह के समय वर के सिर पर एक सफेद कपड़ा जिसे ’बोराणी’ कहते है, को सात रंगो द्वारा सिंधी कशीदे से अलंकृत किया जाता है। आज भी यह परम्परा विद्यमान है। सिंधी कशीदे की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें डिजाइन का न तो कपड़े पर पहले कोई रेखांकन किया जाता है और न ही कोई ट्रेसिंग ही की जाती है। डिजाइन पूर्णतः ज्यामितीय आकारों पर आधारित और सरल होते हैं। जिन्हें एक ही प्रकार के टांके से बनाया जाता है जिसे हुरमुचो टांका कहते हैं। यह दिखने में हैरिंघ बोन स्टिच जैसा दिखता है परंतु होता उससे अलग है। पारम्परिक रूप से हुरमुचो कशीदा वस्त्रों की बजाय घर की सजावट और दैनिक उपयोग में आने वाले कपड़ों में अधिक किया जाता था। चादरों,गिलाफों,रूमाल,बच्चों के बिछौने,थालपोश,थैले आदि इस कशीदे से सजाए जाते थे । बाद में बच्चों के कपड़े, पेटीकोट, ओढ़नियों आदि पर भी हरमुचो ने नई जान भरना शुरु कर दिया । आजकल सभी प्रकार के वस्त्रों पर यह कशीदा किया जाने लगा है।मैटी कशीदे की तरह सिंधी कशीदे में कपड़े के धागे गिन कर टांकों और डिजाइन की एकरूपता नहीं बनाई जाती। इसमें पहले कपड़े पर डिजाइन को एकरूपता प्रदान करने के लिए कच्चे टाँके लगाए जाते हैं। जो डिजाइन को बुनियादी आकार बनाते हैं। सिंधी कशीदा हर किस्म के कपड़े पर किया जा सकता है। सिंधी कशीदे के डिजाइन अन्य पारम्परिक कशीदो से भिन्न होते हैं।

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चार दिन से शव नहीं उठाया ...कथित हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग ..आशिक की निर्मम हत्या..नाक कान ,पाँव काट रेल के आगे फेंका ..

चार दिन से शव नहीं उठाया ...कथित हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग ..आशिक की निर्मम हत्या..नाक कान ,पाँव काट रेल के आगे फेंका ..

बाड़मेर चार दिन पहले बाड़मेर जिला मुख्यालय पर रेल की पटरियों पर मिली युवक की लाश आज भी मोर्चरी में राखी हें ,युवक के परिजन शव उठाने से इनकार कर रहे हें,परिजनों का आरोप हें की युवक को प्रेम के चक्कर में लड़की वालो के परिजनों ने निर्मम ह्त्या कर रेल की पटरियों पर डाला तथा इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की .परिजन हत्यारों की गिरफ्तारी तक शव उठाने से साफ़ इनकार रहे हें .चार रोज पूर्व रेल पटरियों पर मिले मनोहर  मेघवाल के शव का राज फास सनसनी खेज तरीके से हो रहा हें मृतक के पिटा तिकमा राम ने बताया की मनोहर चौहटन कसबे में रहता था जन्हा उसे एक परिवार ने अपने जाल में फंसाया इस परिवार की एक लड़की के प्रेम में पद गया जब हमे जानकारी मिली तो मनोहर को इस परिवार से दूर करने काप्रयास किया मगर इस परिवार ने हनुमान को मानसिक रूप से परेसान कर दिया यह परिवार हनुमान को लड़की के साथ शादी करने का दबाव बना रहे थे शादी नहीं करने पर जान से मारने की धमकिया दे रहे थे इस आशय का एक मुक़दमा चौहटन ठाणे में मैंने दर्ज कराया की लड़की के परिजन उसके पुत्र को ब्लेक मेल कर लड़की के साथ शादी करने का दबाव बना रहे हें लड़का मन कर रहा था इसलिए यह परिवार उसे जान से मरने पर आमदा हें.इस मुकदमे के दुसरे दिन मनोहर का शव रेल की पटरियों पर मिला मनोहर के कान,नाक तथा पाँव बेरहमी से काटे हुए थे जब तक शव पटरियों पर पडा रहे दो ट्रेने इन पटरियों से गुजर चुकी थी ऐसे में मनोहर का शारीर क्षत विक्षत हो जाना चाहिए था मगर उसके एक पाँव के अलावा कंही चोट नहीं हें.मनोहर का बेरहमी से क़त्ल कर उसका शव पटरियों पर डाला गया हें ,जी आर पी थाना अधिकारी अनूप सिंह ने बताया की मनोहर की हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया हें.मृतक के पिटा तिकमा राम ने सुमन कुमारी पुत्री विरधाराम निवासी चादी उम्र २० साल तथा उसकी माँ के खिलाफ सी आर पी सी की धरा ३०२ के तहत मामला दर्ज कराया हे जिसका अनुसन्धान आरम्भ कर दिया हें .बहार हाल आज चोथे दिन मनोहर का शव उनके परिजनों ने नहीं उठाया 

कारियात के खंडहरों में गूंजे पाबूजी के गीत

कारियात के खंडहरों में गूंजे पाबूजी के गीत

बाड़मेरजन-जन की आस्था के प्रतीक लोक देवता पाबूजी राठौड़ के प्राचीन मंदिर कारियात ग्राम के खंडहरों के बीच पड़ महोत्सव श्रद्धा से मनाया। रात भर चले पड़ महोत्सव में पड़ कलाकार ठाकराराम, अंबा राम भील व उनके साथी कलाकारों ने भोपा -भोपी के पात्रों की भूमिका निभाते हुए पाबूजी के यश गान की मधुर ध्वनि पर नृत्य किया। कलाकारों ने चकरी, नेसरा, पाबूजी विवाह, शिव पार्वती संवाद की प्रभावी प्रस्तुति दी जिसे सुनने श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों ने ऐतिहासिक मंदिर के दर्शन कर सुकाल एवं शांति के लिए मन्नत मांगी। इस अवसर पर स्वामी प्रतापपुरी ने कहा पाबूजी राठौड़ सच्चे क्षत्रिय थे। क्षत्रिय धर्म की रक्षा के लिए विवाह मंडप में ही गठजोड़ काट गायों की रक्षा के लिए लोहा लेते हुए शहीद हुए थे। स्वामी ने मंदिर विकास के लिए विभिन्न बोलियां बोली जिसमें भामाशाह ने उत्साह से भाग लिया। मंदिर के चहुंमुखी विकास के लिए प्रोल निर्माण के लिए मनोज पोलजी व्यास परिवार ने सर्वाधिक 13 13लाख 13 हजार 101 रुपए की बोली लगाकर पुण्य लाभ कमाया।

इसी तरह उंडखा निवासी लील सिंह धांधू समूह ने चैनल गेट, सत्संग भवन के लिए माधोसिंह भंवरिया, सुजान सिंह महाबार, तिजोरी के लिए शंभुसिंह मीठड़ा, आसोज नवरात्र में पड़ के लिए नारायण सिंह भिंया व दीपसिंह सोलंकी बड़ौदा गांव ने सहयोग किया। वहीं भिंयाड़ सरपंच मुरार सिंह ने मंदिर परिसर में पानी की प्याऊ व भू सरपंच राजूराम भील ने चारदीवारी निर्माण की घोषणा की। कबूतरों के चुग्गा के लिए मौके पर ही इंद्रसिंह धोरीमन्ना ने 50 हजार रुपए, बगताराम मूठ ने 11 हजार रुपए की राशि दान की। कार्यक्रम का संचालन दीपसिंह रणधा ने किया। व्यवस्थापक भाखर सिंह महाबार, बाबूसिंह कोटड़ा, छुग सिंह, जीवण सिंह, पूनमनगर, माधोसिंह चौहान, कानसिंह महाबार एवं रेवंत सिंह गिराब ने सराहनीय सेवाएं दीं।



डिंगल कविताओं की रोचक प्रस्तुति

पड़ वाचन के दौरान दीप सिंह रणधा, मेधुदान झणकली ने ज्ञानवद्र्धक डिंगल कविता प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। इसी तरह भगवान दान भिंयाड़, रिड़मलदान भिंयाड़ व कैलाश दान झाफली, अंबादान सुमलीयाई, राम दान सांगड़ आदि कवियों ने कविताएं प्रस्तुत की।पड़ महोत्सव, जसदेर धाम के स्वामी प्रतापपुरी, आसरी मठ जैसलमेर के स्वामी शिव सुखनाथ, कोटड़ा मठ के केदारनाथ, स्वामी धोकलनाथ, जूना अखाड़ा के थाना पति भूरिया बाबा, स्वामी निरंजन भारती, भोपा मठ फागण पुरी व अवधूत महाराज के सान्निध्य में मनाया।

जिनालयों और दादा वाडिय़ों में दर्शनार्थ लगी कतारें, चैत्य परिपाटी जुलूस निकला



जिनालयों और दादा वाडिय़ों में दर्शनार्थ लगी कतारें, चैत्य परिपाटी जुलूस निकला 



बाड़मेर जैन समाज की आस्था एवं तप का महापर्व पर्यूषण पर्व शुक्रवार को संवत्सरी के साथ संपन्न हुआ। पर्यूषण के अंतिम दिन थार नगरी में विशेष तपस्या, उपासना और पोषद की आराधना हुई।

प्रवक्ता खेतमल तातेड़ ने बताया कि पर्यूषण के अंतिम दिन संवत्सरी महापर्व के उपलक्ष्य में धर्मावलंबियों की जिनालयों में भीड़ उमड़ पड़ी। शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे तपस्या एवं पोषद वाले श्रावक-श्राविकाओं के साथ श्रद्धालु शांतिनाथ, गोड़ीसा पाŸवनाथ, आदिनाथ और चिंतामणि पाŸवनाथ सहित अन्य जिनालयों और दादावाड़ी में सामूहिक चैत्य वंदन और दर्शन के लिए पहुंचे। स्थानीय गुणसागर सूरी साधना भवन में साध्वी कलाप्रभ सागर और तेरापंथ भवन में समणी निर्देशिका मंजू प्रज्ञा ने शुक्रवार को बारसा सूत्र पर प्रवचन दिया। साधना भवन में मुनि कलाप्रभ सागर ने कहा कि फूल बोने वाले को हमेशा फूल मिलता है और कांटे बोने वाले को त्रिशूल। जिन्हें अपनी गलतियों का अहसास नहीं होता वे हमेशा भटकते रहते है। मानवीय चेतना में देवत्व का विकास गलती न दोहराने के निर्णय की दृढ़ता से होता है।

पर्यूषण का संदेश

हमें शब्द में नहीं भाव में जीना है। आचरण बिना का उपदेश व्यर्थ है। ठीक उसी प्रकार क्षमा का प्रयोग भी हृदय से होना चाहिए। उपदेश आचरण में व्यक्त होना चाहिए। ‘मिच्छामी दुक्कड़म’ शब्द का प्रयोग अंतर के आचरण से जुड़ा हुआ होना चाहिए।

सामूहिक प्रतिक्रमण का आयोजन: पर्यूषण के समापन अवसर पर शुक्रवार शाम साधना भवन, आराधना भवन और चौबीस गांव भवन में सामूहिक प्रतिक्रमण का आयोजन किया गया। इस मौके सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं ने प्रतिक्रमण कर अपनी भूलों पर क्षमा मांगी और क्षमा किया।

तपस्वियों का बहुमान: साधना भवन में तपस्या करने वाले और 17, 16, 15, 10, 9, 8 व 5 उपवास करने वाले श्रावक-श्राविकाओं का अचलगच्छ जैन श्री संघ की ओर से बहुमान किया गया।

चैत्य परिपाटी का आयोजन: पर्यूषण के समापन अवसर पर शुक्रवार दोपहर बारह बजे साधना भवन से चैत्य परिपाटी का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया। यह जुलूस साधना भवन से पीपली चौक होता हुआ ढाणी जैन मंदिर जिनालय पहुंचा। जहां सामूहिक चैत्य वंदन किया गया। इसके बाद जुलूस वापस साधना भवन पहुंचा।

प्रतिमाओं पर रचाई आंगी

शुक्रवार को जिनालयों और दादावाडिय़ों में प्रभु की प्रतिमा एवं दादा गुरुदेव की प्रतिमाओं की अंग रचना की गई। इस आंगी में रुई, मोती, कपड़ा, हार, वासक्षेप आदि सामग्री का प्रयोग किया गया।

सामूहिक क्षमापना दिवस कल

जैन श्रीसंघ के तत्वावधान में चार सितंबर को सामूहिक क्षमापना दिवस का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जैन साधु-साध्वियां मौजूद रहेंगे। वहीं विधायक मेवाराम जैन, जैन श्री संघ के अध्यक्ष रिखबदास मालू, नगरपालिका अध्यक्ष उषा जैन बतौर अतिथि उपस्थित रहेंगी।

रेलवे क्रॉसिंग पर अटकी गर्भवती को ले जा रही 108



रेलवे क्रॉसिंग पर अटकी गर्भवती को ले जा रही 108

बाड़मेरशहर के बीच से निकल रही रेलवे लाइन पूरे शहर को दो हिस्सों में बांटती है। शहर का एक बड़ा भाग और ग्रामीण क्षेत्र पटरी के उस पार है और मुख्यालय का राजकीय अस्पताल इस पार। ऐसे में हर रोज क्रॉसिंग पर रोगी वाहन फंस जाते है। शुक्रवार की रात करीब सवा दस बजे 108 आधा घंटा इस फाटक पर अटकी रही।

नोखड़ा से आई 108

नोखड़ा से आई कॉल के बाद 108 वहां पहुंची। प्रसव पीड़ा होने पर शांति को 108 में लेकर बाड़मेर के राजकीय अस्पताल के लिए रवाना हुए वाहन चालक लुंबाराम बाड़मेर के नेहरू नगर रेलवे फाटक पर आकर अटक गए। भास्कर को चालक ने बताया कि हर रोज दिन में दो बार इसी तकलीफ से गुजरते है लेकिन कोई हल नहीं हैं।

फाटक खुला तो जाम में फंसी :काफी देर तक रेल गुजरने के चक्कर में फाटक बंद रहा और जब रेल गुजरी तो बंद के दौरान लगे जाम से पार होने में भी 108 को काफी समय लग गया। ऐसा हर रोज होता है लेकिन इस ओर न तो प्रशासन ने ध्यान दिया और न ही रात्रि गश्त में ड्यूटी कर रहे पुलिस वालों ने।

शिंगणापुर का शनि मंदिर




देश में सूर्यपुत्र शनिदेव के कई मंदिर हैं। उन्हीं में से एक प्रमुख है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर। विश्व प्रसिद्ध इस शनि मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ स्थित शनिदेव की पाषाण प्रतिमा बगैर किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित है।

शिंगणापुर के इस चमत्कारी शनि मंदिर में स्थित शनिदेव की प्रतिमा लगभग पाँच फीट नौ इंच ऊँची व लगभग एक फीट छह इंच चौड़ी है। देश-विदेश से श्रद्धालु यहाँ आकर शनिदेव की इस दुर्लभ प्रतिमा का दर्शन लाभ लेते हैं। यहाँ के मंदिर में स्त्रियों का शनि प्रतिमा के पास जाना वर्जित है। महिलाएँ दूर से ही शनिदेव के दर्शन करती हैं।

सुबह हो या शाम, सर्दी हो या गर्मी यहाँ स्थित शनि प्रतिमा के समीप जाने के लिए पुरुषों का स्नान कर पीताम्बर धोती धारण करना अत्यावश्क है। ऐसा किए बगैर पुरुष शनि प्रतिमा का स्पर्श नहीं पर सकते हैं। इस हेतु यहाँ पर स्नान और वस्त्रादि की बेहतर व्यवस्थाएँ हैं।

खुले मैदान में एक टंकी में कई सारे नल लगे हुए हैं, जिनके जल से स्नान करके पुरुष शनिदेव के दर्शनों का लाभ ले सकते हैं। पूजनादि की सामग्री के लिए भी यहाँ आसपास बहुत सारी दुकानें हैं, जहाँ से आप पूजन सामग्री लेकर शनिदेव को अर्पित कर सकते हैं।यदि आप पहली बार शनि शिंगणापुर जा रहे हैं तो यहाँ भक्तों की श्रद्धा व विश्वास का नजारा देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएँगे। केवल बड़े-बुजुर्ग ही नहीं अपितु तीन-चार वर्ष के शिशु भी इस शीतल जल से स्नान कर शनिदेव के दर्शन के लिए अपने पिता के साथ चल पड़ते हैं। शनि मंदिर में दर्शन करने वाला हर पुरुष श्रद्धालु आपको यहाँ पीताम्बरधारी ही नजर आएगा।

शनि मंदिर का एक विशाल प्रांगण है जहाँ दर्शन के लिए भक्तों की कतारें लगती हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा ‍शनिदेव के दर्शनों की बेहतर व्यवस्थाएँ की गई हैं, जिससे भक्तों को यहाँ दर्शन के लिए धक्का-मुक्की जैसी किसी भी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता है। जब आप यहाँ स्थित विशाल शनि प्रतिमा के दर्शन करेंगे तो आप स्वयं सूर्यपुत्र शनिदेव की भक्ति में रम जाएँगे। प्रत्येक शनिवार, शनि जयंती व शनैश्चरी अमावस्या आदि अवसरों पर यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।




शनिदेव हैं मंगलकारी : आमतौर पर शनिदेव को लेकर हमारे मन में कई भ्रामक धारणाएँ हैं। जैसे कि शनिदेव बहु‍त अधिक कष्ट देने वाले देवता हैं वगैरह-वगैरह, लेकिन यदि सच कहें तो ऐसा नहीं है। यदि शनि की आराधना ध्यानपूर्वक की जाए तो शनिदेव से उत्तम कोई देवता ही नहीं है। शनि की जिस पर कृपा होती है उस व्यक्ति के लिए सफलता के सारे द्वार खुल जाते हैं।

शिंगणापुर की खासियत :
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि शिंगणापुर के अधिकांश घरों में खिड़की, दरवाजे और तिजौरी नहीं है। दरवाजों की जगह यदि लगे हैं तो केवल पर्दे। ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ चोरी नहीं होती। कहा जाता है कि जो भी चोरी करता है उसे शनि महाराज उसकी सजा स्वयं दे देते हैं। जब गाँव वालों पर शनिदेव की कृपा है व चोरी का भय ही नहीं है तो दरवाजे, खिड़की, अलमारी व तिजौरी का क्या काम है?

शुक्रवार, 2 सितंबर 2011

अब खरीदिए सस्ता घर कीमत सिर्फ 4500 रुपए


जी हां, सुनकर जरुर आपको विश्वास नहीं हो रहा होगा कि इतना सस्ता घर भी मिल सकता है लेकिन यह सच है अमेरिकी कंबनी टंबलवीड टाइनी हाउस इस तरह के मकान तैयार कर रही हैं इनकी कीमत सिर्फ 99 डॉलर यानि 4,545 रुपए होगी। कंपनी से जुड़े जै शेफर के मुताबिक दुनिया में इससे सस्ता घर नहीं हो सकता।
इस घर का कुल एरिया 65 स्केयर फीट होगा और इसमें कीचन,बाथरुम, और एक बेडरुम होगा। इस तरह के मकान में दिलचस्प बात यह होगी कि इसे पहियों के साथ कहीं ले जाया जा सकेगा।
लेकिन अगर आप इन्हे पहियों पर नहीं ले जा सकते तो आपको बने बनाए घर भी मिल जाएंगे इनकी कीमत 17 लाख के आसपास होगी। अमेरिका में इस तरह के घरों का प्रचलन पहले से ही है जिन्हे गाड़ी पर लादकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है लेकिन इतने सस्ते मकान पहली बार अमेरिका में बिकने को तैयार हैं।

आइसीयू में ही मनाने लगे रंगरेलियां



मुरादाबाद। जिला अस्पताल के आइसीयू में मरीज की तीमारदारी छोड़ प्रेमी जोड़े रंगरेलियां मनाने लगे। लोगों ने इन्हें पकड़ जमकर धुनाई की, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने प्रेमी जोड़े को भीड़ के चंगुल से किसी तरह से बचाया। प्रेमी मोहम्मद खालिद को गिरफ्तार कर लिया गया।



जानकारी के मुताबिक दिल की बीमारी के चलते मझोला निवासी संतोष को आइसीयू में भर्ती कराया गया है। उसकी देखभाल के लिए एक लड़की अस्पताल आने लगी। साथ ही उसका प्रेमी मोहम्मद खालिद भी अस्पताल में आने जाने लगा। कल दोपहर आइसीयू में एकांत देखकर दोनों ने रंगरेलियां मनानी शुरू कर दीं।



इन दोनों पर जैसे ही तीमारदारों की नजर पड़ी, दबोच लिया। जमकर लात-घूसों से पिटाई करनी शुरू कर दी। इधर मौका पाकर प्रेमिका अस्पताल से फरार हो गई। जानकारी चिकित्सा अधीक्षक और पुलिस को दी गई। पुलिस ने भीड़ के कब्जे से किसी तरह से खालिद को छुड़ाया। मोहम्मद खालिद पर छेड़छाड़ की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया। आज कोर्ट में पेशी है।

संसद में सो रहे थे लालू,दूसरों ने जगाया

संसद में सो रहे थे लालू,दूसरों ने जगाया

नई दिल्ली। लोकसभा में राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को नींद से जगाया गया। सदन में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान लालू यादव को झपकी लेते हुए देखकर अध्यक्ष मीरा कुमार ने यादव की सीट के पीछे की पंक्ति वाली सीट पर बैठे राजग सदस्य उमाशंकर सिंह से कहा उमाशंकर जी उनको उठा दीजिए। उमाशंकर सिंह को अचानक कुछ समझ नहीं आया तब अध्यक्ष ने कहा कि लालू जी को उठा दीजिए तब उमाशंकर सिंह ने श्री यादव को हल्के से झकझोर कर जगाया। समाजवादी पार्टी के शैलेन्द्र कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा कि उनको सवाल ही पूछने नहीं देते तो क्या होगा।

चोरी गई जीप बरामद की गई


चोरी गई जीप बरामद की गई

जैसलमेर जिला पुलिस ने चोरी गई जीप बरामद करने में सफलता हासिल की हैं।श्री जिला पुलिस अधीक्षक ममता बिश्नोई ने बताया कि:, हिम्मताराम जाति जाट निवासी बायतु हॉल मेडिकल दुकान बान्धेवा ने उपस्थित थाना होकर एक लिखित रिपोर्ट पेश की कि दिनांक   18-8-2011 को मैं वक्त करीब 11 बजे रात्री में अपनी मेडिकल दुकान के आगे खड़ी कर सो गया मध्य रात्री को अज्ञात चोर मेरी मेजर जीप चुरा कर ले गये वगैरा रिपोर्ट पर मुकदमा सं0 44 दिनंाक 19.08.2011 दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया तथा पुलिस थाना फलसुण्ड में मुलजिमों की पतारसी हेतु टीमें बनाई गई। दौराने अनुसंधान दिनांक 1-9-2011 को श्री मांगीलाल उनि थानाधिकारी पुलिस थाना फलसुण्ड मय जाब्ता के मुल्जिम हेराजराम पुत्र श्री गोरधनराम जाति जाट निवासी भीयाड़ को गिरफ्तार किया गया व दौराने पुछताछ मुल्जिम हेराजराम ने बताया कि मैं ओर पोला उर्फ पोलाराम व राजु पुत्र अमराराम के साथ मोटर साईकिल पर बान्धेवा गये वहा से हमने दुकानो के आगे खड़ी मेजर जीप चुरायी थी। मुल्जिम हेराजराम की ईतला अनुसार मन थानाधिकारी मांगीलाल उप निरीक्षक, श्री बांकसिंह हैड कानि0 88, मोहनलाल कानि0 457, श्री वीरसिंह कानि0 380, श्री भंवरलाल कानि0 244 के थाना से रवाना होकर रातड़ी पहुॅच मेजर जीप किमत 4 लाख रूपये को बरामद की गई। 

नासिर हुसैन ने भारतीय खिलाड़ियों को 'गधा' कहा

लंदन।। ऐसा लगता है कि इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन विपक्षी टीमों के खिलाड़ियों का अपमान करने के एक सूत्री कार्यक्रम को लेकर टेलिविजन कमेंटेटर बने हैं। ताजातरीन घटना में हुसैन ने भारतीय खिलाड़ियों के लिए ' गधा ' शब्द का प्रयोग किया है।
Ex-England Caption Nasir Hussain
अपने जमाने में औसत बैट्समैन और फील्डर रहे हुसैन ने बुधवार को मैनचेस्टर में इंग्लैंड के साथ खेले गए ट्वेंटी-20 के दौरान कमेंट्री करते वक्त भारतीय खिलाड़ियों की खराब फील्डिंग पर अपमानजनक टिप्पणी की।

भारतीय न्यूज चैनलों ने हुसैन के उस बयान को प्रमुखता से दिखाया है, जिसमें हुसैन को भारतीय फील्डरों को 'गधा' कहते सुना गया है।

हुसैन ने कुछ भारतीय खिलाड़ियों की उम्र को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह यह देखकर हैरान होते हैं कि भारतीय खिलाड़ी गधों की तरह गेंद के पीछे भागते हैं। जिस वक्त हुसैन भारतीय खिलाड़ियों को लेकर इस तरह की बयानबाजी कर रहे थे, उस समय उनके साथ रवि शास्त्री भी कमेंट्री कर रहे थे, लेकिन शास्त्री ने एक बार भी हुसैन का विरोध नहीं किया।

इससे पहले टेस्ट सीरीज के दौरान भी हुसैन भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग कर चुके हैं लेकिन उस वक्त शास्त्री ने हुसैन को रोकने का प्रयास किया था।