शनिवार, 3 सितंबर 2011

कारियात के खंडहरों में गूंजे पाबूजी के गीत

कारियात के खंडहरों में गूंजे पाबूजी के गीत

बाड़मेरजन-जन की आस्था के प्रतीक लोक देवता पाबूजी राठौड़ के प्राचीन मंदिर कारियात ग्राम के खंडहरों के बीच पड़ महोत्सव श्रद्धा से मनाया। रात भर चले पड़ महोत्सव में पड़ कलाकार ठाकराराम, अंबा राम भील व उनके साथी कलाकारों ने भोपा -भोपी के पात्रों की भूमिका निभाते हुए पाबूजी के यश गान की मधुर ध्वनि पर नृत्य किया। कलाकारों ने चकरी, नेसरा, पाबूजी विवाह, शिव पार्वती संवाद की प्रभावी प्रस्तुति दी जिसे सुनने श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों ने ऐतिहासिक मंदिर के दर्शन कर सुकाल एवं शांति के लिए मन्नत मांगी। इस अवसर पर स्वामी प्रतापपुरी ने कहा पाबूजी राठौड़ सच्चे क्षत्रिय थे। क्षत्रिय धर्म की रक्षा के लिए विवाह मंडप में ही गठजोड़ काट गायों की रक्षा के लिए लोहा लेते हुए शहीद हुए थे। स्वामी ने मंदिर विकास के लिए विभिन्न बोलियां बोली जिसमें भामाशाह ने उत्साह से भाग लिया। मंदिर के चहुंमुखी विकास के लिए प्रोल निर्माण के लिए मनोज पोलजी व्यास परिवार ने सर्वाधिक 13 13लाख 13 हजार 101 रुपए की बोली लगाकर पुण्य लाभ कमाया।

इसी तरह उंडखा निवासी लील सिंह धांधू समूह ने चैनल गेट, सत्संग भवन के लिए माधोसिंह भंवरिया, सुजान सिंह महाबार, तिजोरी के लिए शंभुसिंह मीठड़ा, आसोज नवरात्र में पड़ के लिए नारायण सिंह भिंया व दीपसिंह सोलंकी बड़ौदा गांव ने सहयोग किया। वहीं भिंयाड़ सरपंच मुरार सिंह ने मंदिर परिसर में पानी की प्याऊ व भू सरपंच राजूराम भील ने चारदीवारी निर्माण की घोषणा की। कबूतरों के चुग्गा के लिए मौके पर ही इंद्रसिंह धोरीमन्ना ने 50 हजार रुपए, बगताराम मूठ ने 11 हजार रुपए की राशि दान की। कार्यक्रम का संचालन दीपसिंह रणधा ने किया। व्यवस्थापक भाखर सिंह महाबार, बाबूसिंह कोटड़ा, छुग सिंह, जीवण सिंह, पूनमनगर, माधोसिंह चौहान, कानसिंह महाबार एवं रेवंत सिंह गिराब ने सराहनीय सेवाएं दीं।



डिंगल कविताओं की रोचक प्रस्तुति

पड़ वाचन के दौरान दीप सिंह रणधा, मेधुदान झणकली ने ज्ञानवद्र्धक डिंगल कविता प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। इसी तरह भगवान दान भिंयाड़, रिड़मलदान भिंयाड़ व कैलाश दान झाफली, अंबादान सुमलीयाई, राम दान सांगड़ आदि कवियों ने कविताएं प्रस्तुत की।पड़ महोत्सव, जसदेर धाम के स्वामी प्रतापपुरी, आसरी मठ जैसलमेर के स्वामी शिव सुखनाथ, कोटड़ा मठ के केदारनाथ, स्वामी धोकलनाथ, जूना अखाड़ा के थाना पति भूरिया बाबा, स्वामी निरंजन भारती, भोपा मठ फागण पुरी व अवधूत महाराज के सान्निध्य में मनाया।

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