नई दिल्ली. मजबूत लोकपाल के लिए पांच दिन से अनशन कर रहे अन्ना हजारे और उनकी टीम ने शनिवार को तेवर और कड़े कर लिया। हजारे ने जहां मंगलवार को सरकार से संसद में जन लोकपाल बिल पेश करने की मांग रखी, वहीं टीम अन्ना ने समर्थकों से अपील की कि जनता अपने-अपने सांसद के घर के बाहर धरना दे।
हजारे के अनशन के पांचवें दिन सरकार और टीम अन्ना के बीच तनातनी बढ़ती दिख रही है। टीम अन्ना के कड़े तेवरों पर सरकार ने भी वार किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा है कि टीम अन्ना अपनी हद में रहे। संसद की स्थायी समिति की तरफ से आज अखबारों में विज्ञापन देकर लोकपाल बिल पर लोगों और संस्थाओं से राय मांगी गई है। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने इसे समय की बर्बादी बता दिया। इसी पर सामी ने कहा कि अरविंद का बयान स्थायी समिति के सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन है। सामी ने कहा कि टीम अन्ना पर ऐसे बयान के लिए अवमानना का मामला भी बन सकता है। वहीं, स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि स्थायी समिति मिनी संसद है। जबकि, राजीव शुक्ला ने कहा है कि इस आंदोलन का भगवान ही मालिक है।
संसद की स्थायी समिति ने लोगों और संस्थाओं से लोकपाल विधेयक पर अख़बारों में विज्ञापन देकर सुझाव मांगा है। विज्ञापन के मुताबिक लोग ४ सितंबर तक अपने सुझाव भेज सकते हैं। लोकपाल मुद्दे पर समिति की अगली बैठक ४ सितंबर को होगी। गौरतलब है कि सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए लोकपाल बिल लोकसभा में मौजूदा मॉनसून सत्र में ही पेश किया था। यह बिल अब स्थायी समिति के सामने है।
स्थायी समिति की इस कवायद का टीम अन्ना पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्थायी समिति की कवायद सिर्फ वक्त की बर्बादी है। उनका कहना है कि सरकारी लोकपाल बिल को पूरी तरह से बदलना होगा, इसमें सुधार या संशोधन की गुंजाइश नहीं है। वरुण गांधी द्वारा जनलोकपाल बिल को प्राइवेट मेंबर्स बिल के तौर पर संसद में पेश किए जाने पर केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट मेंबर बिल से मुझे बहुत ज़्यादा उम्मीद नहीं है। अरविंद के मुताबिक इससे सिर्फ सदन का ध्यान किसी लोकहित के मुद्दे की तरफ आकर्षित भर कराया जा सकता है। उन्हें इस कोशिश से बहुत उम्मीद नहीं है। गौरतलब है कि 1968 के बाद आज तक कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल संसद में पास नहीं हुआ है।
इससे पहले शनिवार को सुबह 10 बजे अन्ना हजारे रामलीला मैदान में अनशन के लिए तैयार मंच पर पहुंचे। मंच पर पहुंचकर अन्ना ने एक बार फिर अपना संकल्प दोहराया कि जब तक लोकपाल पास नहीं हो जाता, वे लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा वजन साढ़े तीन किलो कम हुआ है। थोड़ी कमजोरी है, लेकिन संघर्ष जारी रहेगा। अपने विरोधियों पर फिर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि देश को सिर्फ दुश्मनों से नहीं बल्कि गद्दारों से भी खतरा है। अनशन के पांचवें दिन शनिवार को रामलीला मैदान में अन्ना के दो समर्थक बेहोश हो गए हैं। इन्हें लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बेहोश होने वालों में हरियाणा से आए महेंद्र और उत्तर प्रदेश से आए विष्णुदेव शामिल हैं। रामलीला मैदान में लगाए गए मेडिकल कैंप में अब तक करीब ५०० अनशनकारी इलाज करा चुके हैं। इनमें से १२ को अस्पताल रेफर किया गया है।
सात लड़कों को 40 हजार में बेचा
अंबिकापुर। मैनपाट के सात किशोरों को दो दलालों ने रायपुर के उरला की एक फैक्ट्री में 40 हजार रूपए में बेच दिया था। पंद्रह दिन काम करने के बाद पांच लड़के भागकर घर लौट आए। दो लड़के अब भी फैक्ट्री संचालक के चंगुल में हैं। भागकर लौटे वंदना मैनपाट के कोट बैगापारा निवासी राजू साय, राजाराम साय, मनोज साय, सोहरई और बरत साय (सभी 12 से 15 वर्ष) ने बताया कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में मैनपाट के आकाश और अंबिकापुर के राजेश उनके घर आए।
उन्होंने लड़कों को रायपुर में नौकरी दिलाने के लिए परिजनों को झांसा दिया। उसके झांसे में आकर वे दलालों के साथ रायपुर चले गए। प्रकाश (18) व एक अन्य सहित उन्हें रायपुर में उरला की किसी फैक्ट्री में ले जाकर 40 हजार रूपए में बेच दिया गया।
रात-दिन कराया काम
किशोरों ने बताया कि फैक्टरी में लोहा निकलवाया जा रहा था। वहां दस-दस घंटे तक काम कराया जाता था। कभी-कभी तो दिन-रात काम कराया जाता था। कई बार तो भूखे पेट काम करना पड़ता था।
उन्हें बेचे जाने की जानकारी तब हुई, जब वहां 15 दिन काम करने के बाद मुंशी से मजदूरी मांगी। मंुशी ने बताया कि उन्हें लाने वाले युवकों को 40 हजार रूपए दे दिए गए हैं। तीन दिन भूखे पेट काम करने की बात सुनकर मुंशी ने 300 रूपए दिए। इस पैसे के सहारे पांच लड़के रायपुर चले गए, फिर वहां से गाड़ी पकड़कर घर आ गए। कुनिया निवासी प्रकाश व एक अन्य युवक अभी भी फैक्टरी में फंसे हैं। इन लड़कों के परिजनों ने थाने में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।
सरकार टीम अन्ना से बातचीत को तैयार
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार अनश पर बैठे अन्ना हजारे से बातचीत को तैयार है। प्रधानमंत्री निवास पर हुई कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक के बाद सरकार ने बातचीत के संकेत दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक अगर टीम अन्ना की ओर से बातचीत का औपचारिक रूप से निमंत्रण मिलता है तो सरकार वार्ता को तैयार है। कांग्रेस के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि अगर सिविल सोसायटी के सदस्य बातचीत को तैयार हैं तो सरकार को वार्ता में कोई दिक्कत नहीं है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मध्यस्थता की पेशकश की है।
शुक्रवार शाम को प्रधानमंत्री निवास पर लगभग डेढ़ घंटे चली कोर कमेटी की बैठक में हजारे के अनशन तथा उससे उत्पन्न स्थिति पर गहन चर्चा की गई। बैठक में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, रक्षा मंत्री एके एंटनी, गृह मंत्री पी. चिदम्बरम तथा कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने हिस्सा लिया। सरकार और अन्ना टीम के बीच बने गतिरोध पर भी बैठक में विचार किया गया।
भरने लगा बाबा
रामदेव मेला
पोकरण। बाबा रामदेव का अंतरप्रांतीय मेला अब धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगा है। प्रतिदिन यात्रियों की आवक में बढ़ोतरी हो रही है। मेले का असर पोकरण कस्बे में भी दिखाई देने लगा है। भादवा मेले में जातरू राजस्थान के विभिन्न जिलों, गुजरात व देश के विभिन्न क्षेत्रों से पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल व अन्य वाहनों से पहुंच रहे हैं।
पोकरण में भी मेले-सा माहौल
जोधपुर, बाड़मेर व गुजरात की ओर से आने वाले जातरूओं को पोकरण कस्बे से होकर रामदेवरा जाना पड़ता है, जिसके चलते यहां जयनारायण व्यास सर्किल व रामदेवरा रोड पर श्रद्धालुओं कर रेलमपेल लगी हुई है।
यहां दिन रात बाबा के जयकारे लगाते हुए हाथों में पचरंगी व सतरंगी ध्वजाएं लिए पदयात्रियों के दल रामदेवरा की तरफ जाते देखे जा सकते हैं। मेले को लेकर यहां मुख्य सड़कों पर चाय, पानी, नाश्ते, भोजन, बाबा रामदेव के जीवन से जुड़ी ऑडियो, वीडियो कैसेट्स की अस्थाई दुकानें लग गई हैं।
बालीनाथजी के आश्रम में भी कतारें
यहां आने वाले अधिकतर जातरू बाबा के गुरू बालीनाथजी के आश्रम के दर्शन कर पोकरण फोर्ट देखने की इच्छा रखते है। यहां आने वाले जातरूओं की ऎसी धारणा है कि इस फोर्ट के साथ बाबा रामदेव का इतिहास जुड़ा हुआ है। इसी को लेकर यहां आने वाले यात्री फोर्ट की सुंदरता, यहां की स्थापत्य कला व इसमें स्थित संग्रहालय देखने के लिए जरूर जाते हैं। दिनभर फोर्ट के बाहर दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ रही है। दर्शनार्थियों की आवक के कारण बाबा के गुरू बालीनाथजी के आश्रम व बाबा की कोटड़ी में भी लंबी कतारें लगने लगी हैं।
यहां आने वाले द्धालु बाबा के गुरू के आश्रम, बाबा की कोटड़ी के दर्शन करने व फोर्ट देखने के बाद अपना डेरा फोर्ट के पीछे स्थित सालमसागर व रामदेवसर तालाब पर जमाते हैं। ये दोनों तालाब बारिश के पानी से लबालब भरे होने तथा उनके किनारे घने वृक्ष एवं विश्राम स्थल की व्यवस्था होने के कारण हजारों श्रद्धालु यहां खाना बनाने के बाद विश्राम करते हैं। दोनों तालाबों पर गत 10 दिनों से दर्शनार्थियों की भीड़ व रेलमपेल लगी हुई है। इसके चलते यहां भी मेले जैसा माहौल दिखाई देने लगा है।
बाड़मेर भारत पाकिस्तान के बीच चले वाली थार एक्सप्रेस के प्रती दोनों देशो की अवाम का आकर्षण कम होता जा रहा हें,शनिवार प्रातः मुनाबाव पंहुची थार एक्सप्रेस में महज एखातर 71 यात्री ही थे ,सात कोच खाली थे ,चूँकि रमजान का पवित्र माह चलने के कारन भी कम यात्री होना बड़ा कारन हें ,थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान जाने के लिए शुक्रवार रात भगत की कोठी स्टेशन से महज 71 यात्री ही सवार हुए। यात्री कम होने से आठ कोच की इस ट्रेन के सात कोच खाली ही गए।
भगत की कोठी से प्रत्येक शुक्रवार देर रात एक बजे रवाना होने वाली थार एक्सप्रेस में आम तौर पर 3 सौ से 4 सौ यात्री सरहद पार पाकिस्तान जाते हैं। बहरहाल शुक्रवार को दिनभर टिकट काउंटर खाली रहा। रात आठ बजे आरक्षण बंद होने तक महज 71 यात्रियों ने ही बर्थ बुक कराई थी।
गौरतलब है कि इस ट्रेन में 17 फरवरी 2007 को भी 71 यात्री ही गए थे। ट्रेन शुरू होने के बाद मार्च 2009 में सबसे कम 56 यात्रियों ने सफर किया था।
कोलकाता।। पश्चिम बंगाल का नाम बदलने के लिए हुई एक सर्वदलीय बैठक में शुक्रवार को प्रदेश का नाम पश्चिमबंग करने पर आम सहमति बनी। प्रदेश विधानसभा में बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नया नाम सुझाया और इस पर आम सहमति बन गई।
उन्होंने कहा, 'आम सहमति से यह फैसला लिया गया है कि अब से सभी भाषाओं में राज्य का नया नाम पश्चिमबंग होगा।' चटर्जी ने कहा, 'हम प्रशासनिक लाभ हासिल करने के लिए प्रदेश का नाम बदलना चाहते थे।'
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में तृणमूल कांग्रेस व सहयोगी दलों कांग्रेस, एसयूसीआई(सी) के अलावा वाम मोर्चा के घटक दल सीपीएम, सीपीआई, आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लाक और साथ ही जीजेएम आदि ने भी भाग लिया।
इससे पहले ममता ने पार्थ चटर्जी और विपक्ष के नेता सूरज्यकांत मिश्रा को राज्य के नए नाम के लिहाज से अध्ययन का काम सौंपा था।
भोपाल।। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का जुनून लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। लोग अपनी भावी पीढ़ी को अन्ना हजारे जैसा बनाना चाह रहे हैं, इसीलिए लोगों में नवजात शिशुओं के नाम 'अन्ना' रखने की होड़ लगी है।
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के जिला हॉस्पिटल में हाल ही में जन्मे 3 नवजात बच्चों के घर वालों ने उनका नाम 'अन्ना' रखा है। भारत सिंह ने अपने बेटे का नाम सिर्फ इसलिए अन्ना रखा है क्योंकि उनके परिवार में यह मेहमान तब आया है, जब देश में अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चल रहा है।
भारत सिंह कहते हैं कि आज देश का हर नागरिक भ्रष्टाचार से परेशान है और अन्ना हजारे ने इसके खात्मे के लिए आंदोलन की शुरुआत की है। वह चाहते हैं कि उनका बेटा भी अन्ना जैसा बने और देश के लिए कुछ करने के साथ उनका भी नाम रोशन करे।
इसी तरह शैलेंद्र व हीरा यादव ने भी अपने बेटों का नाम 'अन्ना' रखा है। वे कहते हैं कि आज अन्ना देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के प्रतीक बन गए हैं, लिहाजा वे चाहते है कि उनके बेटे भी अन्ना हजारे जैसे ही बनें इसलिए उनका नाम 'अन्ना' रखा है।
जिला हॉस्पिटल के एक कर्मचारी का कहना है कि पिछले दिनों जन्मे तीन नवजात बच्चों के घर वालों ने उनका नाम अन्ना रखा है। वह कहते हैं कि यह पहला मौका है जब नवजात बच्चों के घर वालों ने उनका एक जैसा नाम रखा है।
असम। असम के मोरीगांव में पुलिस की एक घिनौनी करतूत सामने आई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक घर में प्रेमी जोड़े को पकड़ने के बाद कुछ पुलिस वालों ने उनसे कपड़े उतारने को कहा।
इसके बाद पुलिस वालों ने यहां पर कुछ मीडिया वालों को भी बुला लिया, जिन्होंने लगभग बीस मिनट तक इस प्रेमी जोड़े की नग्न तस्वीरें खींची और वीडियो शूटिंग की। प्रेमी जोड़ा कॉलेज स्टूडेंट हैं।
मामले का खुलासा होने पर आरोपों से घिरे पुलिस वालों का कहना है कि प्रेमी जोड़े को उन्होंने नग्न नहीं करवाया।
हालांकि पुलिस अधिकारियों ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और कहा है कि अगर इस किसी भी पुलिस वाले के खिलाफ आरोप साबित होते हैं तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अबोहर . पुनर्जन्म का एक और मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। करीब डेढ़ वर्ष में पुनर्जन्म से जुड़ा यह दूसरा मामला अबोहर उपमंडल में सामने आया है। गांव जंडवाला हनुवंता के किसान किरपाल सिंह की 12 वर्षीय बेटी लक्ष्मी की बातों पर यकीन करें तो उसका पिछला जन्म इसी उपमंडल के गांव बहावलवासी में हुआ था।
जंडवाला हनुवंता के एक स्कूल में 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली किरपाल सिंह की बेटी लक्ष्मी काफी समय से गांव बहावलवासी जाने के लिए जिद कर रही थी। अकसर बचपन से ही लक्ष्मी अपने पिछले जीवन की बातें परिवार के सदस्यों को बता रही थी, लेकिन परिवार के लोगों ने उसकी बातों को अहमियत नहीं दी। आखिर तंग आ चुके परिजन उसे बुधवार को गांव बहावलवासी ले ही आए।
पिछले जन्म की कहानी
बहावलवासी गांव के बस अड्डे पर परिजनों के साथ पहुंची लक्ष्मी ने घर का रास्ता खुद बताया। घर में घुसते ही पिछले जन्म के पिता जगसीर सिंह को देखकर बताया कि ये मेरे पिता थे। अपने दो भाइयों को भी पहचाना व तपाक से पूछा कि आंगन में लगा जामुन का वृक्ष कहां है। लक्ष्मी ने बताया उसका नाम बब्बू था और 26 साल की उम्र में दिल की बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई था।
लक्ष्मी के पिछले जन्म के भाई गगनदीप ने पहले तो पुनर्जन्म की बात को मानने से इनकार कर दिया, लेकिन बोली व चेहरे पर लगे चोट के एक निशान को देखकर उसने भी उसे बब्बू के रूप में स्वीकार कर लिया। बेशक वैज्ञानिक दृष्टि से यह साबित होना मुश्किल है, लेकिन लक्ष्मी को बब्बू के रूप में पिछले जन्म के माता-पिता स्वीकार करने में नहीं हिचकिचा रहे। फिलहाल यह मुद्दा इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
अबोहर . पुनर्जन्म का एक और मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। करीब डेढ़ वर्ष में पुनर्जन्म से जुड़ा यह दूसरा मामला अबोहर उपमंडल में सामने आया है। गांव जंडवाला हनुवंता के किसान किरपाल सिंह की 12 वर्षीय बेटी लक्ष्मी की बातों पर यकीन करें तो उसका पिछला जन्म इसी उपमंडल के गांव बहावलवासी में हुआ था।
जंडवाला हनुवंता के एक स्कूल में 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली किरपाल सिंह की बेटी लक्ष्मी काफी समय से गांव बहावलवासी जाने के लिए जिद कर रही थी। अकसर बचपन से ही लक्ष्मी अपने पिछले जीवन की बातें परिवार के सदस्यों को बता रही थी, लेकिन परिवार के लोगों ने उसकी बातों को अहमियत नहीं दी। आखिर तंग आ चुके परिजन उसे बुधवार को गांव बहावलवासी ले ही आए।
पिछले जन्म की कहानी
बहावलवासी गांव के बस अड्डे पर परिजनों के साथ पहुंची लक्ष्मी ने घर का रास्ता खुद बताया। घर में घुसते ही पिछले जन्म के पिता जगसीर सिंह को देखकर बताया कि ये मेरे पिता थे। अपने दो भाइयों को भी पहचाना व तपाक से पूछा कि आंगन में लगा जामुन का वृक्ष कहां है। लक्ष्मी ने बताया उसका नाम बब्बू था और 26 साल की उम्र में दिल की बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई था।
लक्ष्मी के पिछले जन्म के भाई गगनदीप ने पहले तो पुनर्जन्म की बात को मानने से इनकार कर दिया, लेकिन बोली व चेहरे पर लगे चोट के एक निशान को देखकर उसने भी उसे बब्बू के रूप में स्वीकार कर लिया। बेशक वैज्ञानिक दृष्टि से यह साबित होना मुश्किल है, लेकिन लक्ष्मी को बब्बू के रूप में पिछले जन्म के माता-पिता स्वीकार करने में नहीं हिचकिचा रहे। फिलहाल यह मुद्दा इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
नई दिल्ली ।। रामलीला में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने कहा है कि अब बीच का कोई रास्ता नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा सत्र के दौरान सरकार ने जन लोकपाल बिल को संसद में पेश नहीं किया तो शरीर में जान रहते तक मैं अनशन नहीं तोड़ूंगा।
रामलीला मैदान से ही टीवी पर लाइव दिखाई गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण से यह सवाल पूछा गया कि टीम अन्ना क्या अपनी मांग पर पूरी तरह अड़ी हुई है ? क्या बीच का कोई रास्ता नहीं निकल सकता ? यह भी कि क्या अन्ना 15 दिन के बाद भी अनशन पर रहेंगे ?
इस पर अन्ना ने केजरीवाल से माइक लेकर कहा, ' अगर सरकार ने जन लोकपाल बिल को मौजूदा सत्र में पेश नहीं किया संसद के सामने तो 15 दिन और 21 दिन भूल जाइए, जान रहने तक मैं अनशन खत्म नहीं करूंगा। ' अन्ना ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, ' देश पर जान देना मेरे लिए कोई अनोखी बात नहीं है। जब 36 साल का था तभी मैंने अपनी जिंदगी देश के नाम कर दी थी। इस काम में कोई बाधा न आए, इसलिए शादी भी नहीं की। '
जब केजरीवाल से जस्टिस संतोष हेगड़े के उस बयान के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री और उच्च न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने पर सहमति की संभावना जताई थी, तो केजरीवाल ने कहा, 'वह हेगड़े की निजी राय है। जब समय आएगा तो हम आपस में बात करके फैसला करेंगे, मगर अभी तक आंदोलन की ओर से कदम पीछे नहीं किया गया है। '
उपचार के अभाव में दो छात्राओं की मौत
दंतेवाड़ा/बीजापुर। आश्रम और हॉस्टल में रहने वाली दो आदिवासी छात्राएं लंबे समय से बीमार थीं। अधीक्षकों ने उपचार नहीं कराया, जिससे दोनों की मौत हो गई। अब मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। विभागीय अमले की इस लापरवाही से ग्रामीण आक्रोशित हैं।
दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिलांतर्गत गीदम से 15 किमी दूर मुस्तलनार की सुखमती (8) पिता स्व. रामूराम बांगापाल स्थित पोटा केबिन में कक्षा दूसरी की छात्रा थी। पखवाड़े भर पहले उसे तेज बुखार आया था। कुछ दिनों बाद आश्रम अधीक्षक तेलामी ने उसे अस्पताल में भर्ती कराने के बजाय गुमलनार के पास आधे रास्ते में छोड़ दिया। सहपाठी सुनीता ने उसे वहां से चार किमी दूर मुस्तलनार पैदल ले जाकर उसके परिजनों को सौंप दिया।
इस दौरान सुखमती की तबीयत और ज्यादा खराब होने लगी। परिजनों ने सुखमती का छिंदनार में दो दिनों तक इलाज कराने के बाद गीदम स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। यहां स्थिति बिगड़ने पर उसे जगदलपुर मेकाज रेफर कर दिया गया। मेकाज में तीन-चार दिनों तक उपचार के बावजूद उसकी तबीयत में सुधार नहीं आया।
वहां के डाक्टरों ने उसे रायपुर ले जाने की सलाह दी। छात्रा के चाचा विश्वनाथ कश्यप ने बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण सुखमती को वापस मुस्तलनार ले गए। इसी बीच बुधवार की शाम उसने दम तोड़ दिया। इलाज के दौरान पोटा केबिन के अधीक्षक तेलामी को सूचना दी गई थी, लेकिन उसने कुछ नहीं किया। गीदम के बीएमओ डॉ. विजय ठाकुर ने बताया कि सुखमती को खून की कमी थी, इसलिए मेकाज के लिए रेफर किया गया था। इधर, परिजनों ने मौत के लिए आश्रम अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराया है।
आवापल्ली हॉस्टल में नहीं हुआ इलाज
दूसरी घटना बीजापुर जिले के उसूर ब्लाक की है। आवापल्ली हायर सेकंडरी स्कूल की 10वीं की छात्रा जयसुधा गटपल्ली (15) प्रीमेट्रिक कन्या छात्रावास में रहती थी। वह मलेरिया से पीडित थी। छात्रावास में इलाज नहीं होने के कारण परिजन उसे मूरदंडा ले गए, जहां 13 अगस्त को छात्रा की मौत हो गई।
शिक्षकों ने बताया कि छात्रावास अधीक्षिका 8 से 13 अगस्त तक अवकाश पर है, लेकिन 18 अगस्त तक संस्था में उपस्थित नहीं हुई है। स्कूल के प्राचार्य को छात्रा की मौत की जानकारी होने के बावजूद उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं कराया गया है। उसूर के बीईओ मुख्यालय में रहने के बावजूद छात्रा की मौत से अनजान बने रहे। इस संबंध में प्रभारी सहायक आयुक्त आरए कुरूवंशी ने कहा कि छात्रा की मौत की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बच्चों को पढ़ाने से जी चुराने वालों पर गुस्सा होकर कहा कि कई ऐसे शिक्षक हैं जो क्लास नहीं लेने में ही गर्व महसूस करते हैं। ऐसे तत्व पूरे पेशे को बदनाम करते हैं। उन्हें एक ऐसे शिक्षक की भी जानकारी है जो गर्व से यह कहना नहीं भूलता कि पिछले 28 साल से उसने एक भी क्लास नहीं ली। यह स्थिति पूरे समाज के लिए चिंताजनक है।
शिक्षा संकुल परिसर में राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों को इस नोबल प्रोफेशन को पूरी ईमानदारी के साथ जीना चाहिए। क्लास नहीं लेने वाले शिक्षक बच्चे के साथ ही खुद का भी अहित करते हैं। गहलोत ने निजी स्कूलों के दबदबे पर कहा कि वहां अमीरों के लिए पढ़ाई आसान है। एक गरीब बेहतर ढंग से इन स्कूलों में पढ़ सके इसीलिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम में 25 प्रतिशत सीटें रिजर्व रखी गई हैं। अगले साल से इन सीटों पर हर हाल में प्रवेश सुनिश्चित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर संस्थाएं आजकल सरकार पर निर्भर रहती हैं, ऐसे में अपने बूते आगे बढऩे वाले राजस्थान स्टेट ओपन बोर्ड की जितनी भी सराहना की जाए, कम है। केरल की तरह शिक्षा क्षेत्र में राजस्थान को ले जाने का सपना तभी पूरा हो सकता है जब सरकार के साथ ही आमजनता इस काम में उनका साथ दे। उन्होंने प्रदेश में शिक्षकों की कमी जल्द दूर करने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि 40 हजार शिक्षकों के साथ ही 25 हजार सैकंड ग्रेड शिक्षकों की अलग से भर्ती की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में पर्याप्त शिक्षक लगा दिए जाएंगे, ताकि तबादलों के लिए चक्कर काटने का खेल ही खत्म हो जाए।
तबादला नीति पर जल्द लगेगी केबिनेट की मुहर : शिक्षामंत्री
शिक्षामंत्री मास्टर भंवरलाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदेश में तबादलों को एक नियमित प्रक्रिया से पूरा करने के लिए पॉलिसी बनाई जा रही है। अधिकारियों को इस नीति को जल्द अंतिम रूप देने के निर्देश दिए गए हैं। नीति पर जल्द ही केबिनेट की मुहर लगेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के नए भवन पर 4.60 करोड़ रुपए खर्च होंगे और यह 11 माह में तैयार करने की योजना है। मेघवाल ने बताया कि प्रदेश में 12 लाख में से करीब सवा सात लाख ड्रॉप आउट बच्चों का नामांकन कर लिया गया है। यह अभियान वर्षभर चलेगा।
शिक्षा राज्यमंत्री का नहीं आना रहा चर्चा का विषय:
समारोह में शिक्षाराज्य मंत्री मांगीलाल गरासिया का नहीं आना चर्चा का विषय रहा। पांडाल में यह कयास लगाए जाते रहे कि कहीं शिक्षा मंत्री और उनके बीच नए सिरे से कोई विवाद तो पैदा नहीं हो गया। हालांकि मुख्यमंत्री की मौजूदगी के चलते कुछ लोगों ने इस अंदेशे को निराधार बताया।
राजस्व प्रकरणों के निस्तारण को
मेगा लोक अदालतों का आयोजन
बाडमेर, 19 अगस्त। जिले में विचाराधीन राजस्व प्रकरणों का दोनों पक्षों की सहमति से निस्तारण करने हेतु मेगा अदालतो का आयोजन किया जाएगा। उक्त मेगा अदालतों में जिला कलेक्टर तथा अपर जिला कलेक्टर के न्यायालयों में विचाराधीन राजस्व प्रकरणों का निस्तारण किया जाएगा।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि उनके न्यायालय में सितम्बर में 12 से 17 तक, नवम्बर में 21 से 26 तक तथा, जनवरी,2012 में 16 से 21 तक एवं मार्च,2012 में 12 से 17 तक मेगा लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। संबंधित पक्षकार विचाराधीन राजस्व प्रकरणों को आपसी राजनामा एवं समझौता के जरिये निस्तारण करवाना चाहते है तो वे सभी पक्षकार जिला कलक्टर बाडमेर के न्यायालय में उपरोक्त निर्धारित तिथियों को उपस्थित होकर इसका लाभ उठा सकते है।
अपर कलेक्टर अरूण पुरोहित ने बताया कि उनके न्यायालय में भी सितम्बर में 12 से 17 तक, नवम्बर में 21 से 26 तक तथा, जनवरी,2012 में 16 से 21 तक एवं मार्च,2012 में 12 से 17 तक मेगा लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। संबंधित पक्षकार विचाराधीन राजस्व प्रकरणों को आपसी राजनामा एवं समझौता के जरिये निस्तारण करवाना चाहते है तो वे सभी पक्षकार जिला कलक्टर बाडमेर के न्यायालय में उपरोक्त निर्धारित तिथियों को उपस्थित होकर इसका लाभ उठा सकते है।
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पॉलिटेक्निक कॉलेज में अतिथि
प्रवक्ताओं के लिए आवेदन आंमत्रित
बाडमेर, 19 अगस्त । जिले के राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति के लिए आवेदन आंमत्रित किए जा रहे है।
प्रधानाचार्य ने बताया कि राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय बाड़मेर में स्वीकृत 36 शैक्षणिक स्टाफ के पदों में से मात्रा 8 पदों पद शैक्षणिक स्टाफ कार्य पर है। वर्तमान में सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रीकल, इलेक्ट्रोनिक्स तथा केमिकल इंजीनियरिंग में उत्तीर्ण ग्रेजुएट डिग्रीधारी तथा रसायन शास्त्रा, गणित व अंग्रेजी स्नातकोत्तर उपाधिधारी अतिथि प्रवक्ताओं की जरूरत है। उक्तानुसार शिक्षण कार्य हेतु इच्छुक अभ्यार्थी 27 अगस्त 2011 तक, किसी भी कार्य दिवस को कार्यालय में प्रधानाचार्य से व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर आवेदन कर सकते है। अतिथि प्रवक्ता को 250 रूपये प्रतिघण्टा मानदेय दिया जाता है। सेवानिवृत योग्य अभ्यार्थी भी आवेदन कर सकते है।
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अग्नि पीड़ितो को छयालीस हजार
रूपये की सहायता राशि स्वीकृत
बाडमेर, 19 अगस्त । जिले में विभिन्न आगजनी की घटनाओं में अग्नि पीडितों को कुल छियालिस हजार रूपये की आर्थिक सहायता के रूप मंे भुगतान करने की प्रशासनिक एवं वितीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी छगनलाल श्रीमाली ने बताया कि आगजनी के कारण प्रभावित परिवारों को पंचायती राज अधिनियम के तहत जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर की सिफारिश पर जिला परिषद् की निजी आय से आकस्मिक सहायतार्थ भुगतान करने की स्वीकृति प्रदान की जाती है। इनमंे तेइस परिवारों को छयालीस हजार की सहायता स्वीकृत की गयी है। उन्होने बताया कि ं राणीगांव में मनजीराम /चौखाराम, वेदाराम /धर्माराम, धर्माराम/जलाराम, गेनाराम/धर्माराम, जालिपा में पेमाराम/लोगाराम, गेहंू में लांगाराम/सताराम, सेतराऊ में जुगताराम/महेशाराम, व मगाराम/ टिकमाराम, सियाणी में छगनाराम/भौजाराम, जुनापतरासर में जोगाराम/दुर्गाराम, तिरसीगड़ा में मगाराम/मिश्रीराम, सुवाडा(भाचभर) में जेठाराम/मछाराम, व धाईदेवी/सोनाराम, दुधवा खुर्द में हाकमसिंह/भैरूसिंह, मिठवाणियो की बस्ती देरासर में खमीशा खान/पीराणा खान, सुजाननगर में भीखसिंह/ नेनूसिंह, तनसिहपुरा(दांता) में जबरसिंह/गोविन्दसिंह, डूडियो का तला में लालाराम/अणदाराम व चिमाराम/लीलाराम, बाखासर सरली में भीखाराम/सताराम, नौसर में मोतीराम, एकल में भगवानाराम/सोनाराम , बुल, कोजा में हरीराम/रामचन्दराम को आगजनी पर सहायता मंजुर की गयी है।
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विभागों में उपस्थिति की जांच
बारह कार्मिक अनुपस्थित
बाड़मेर, 19 अगस्त। जिले में समय की पाबंदी हेतु चलाए जा रहे निरीक्षण अभियान के अन्तर्गत शुक्रवार को आकस्मिक निरीक्षण के दौरान बारह कार्मिक अनुपस्थित पाए गए।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि शुक्रवार को निरीक्षण दल संख्या 5 प्रभारी पी॰सी॰ छाजेड़ा द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया गया। आकस्मिक निरीक्षण के दौरान रासीमावि उण्डू में व्याखता जेठाराम, शा॰शि॰ दुर्गाराम व कनिष्ट लिपिक अशोक कुमार अनुपस्थित पाए गए। इसी प्रकार राउप्रावि कानासर में प्रधानाध्यापक गोरामा खां, रामावि कानासर में अध्यापक भगवानदान व ओपाराम, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भीयाड़ में आयु कम्पाउडर प्रदीप कुमार, राउप्रावि रतनुओ की ढ़ाणी (भीयाड़) में विद्यार्थी मित्रा गिरधारीदान रतनु, महिला बाल विकास अधिकारी कार्यालय शिव में च.श्रे.कर्म ़अनोपसिंह, क्षैत्राीय वन अधिकारी शिव में बेलदार हाथीसिंह, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शिव मेल नर्स ाा कालूराम माली, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भाडखा में आशा सुपरवाईजर चेतन प्रकाश अनुपस्थित पाए गए। निरीक्षण के दौरान अधीशाषी अभियन्ता सानिवि शिव, राजकीय आयु औषधालय शिव, अधीशाषी अभियन्ता पीएचईडी शिव, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा नीम्बला बन्द पाए गए।
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प्रधानमंत्राी रोजगार सृजन
कार्यक्रम के साक्षात्कार 23 से
बाडमेर, 19 अगस्त । प्रधानमंत्राी रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत 15 दिसम्बर, 2010 तक आवेदन करने वाले अभ्यार्थियों के साक्षात्कार 23 से 26 अगस्त तक जिला कलेक्टर कार्यालय के कांफ्रेन्स हॉल में आयोजित किए जाएगें।
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक ओ.पी. गोस्वामी ने बताया कि 23 अगस्त को बाडमेर ग्रामीण, 24 को बाडमेर शहर, बालोतरा शहर व ग्रामीण, पंचायत समिति सिवाना व बायतु, 25 को पंचायत समिति चौहटन व शिव तथा 26 अगस्त को पंचायत समिति धोरीमना व सिणधरी के अभ्यार्थियों के साक्षात्कार लिये जाएगें।
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अब रविवार को भी मिलेगी गैस
बाडमेर, 19 अगस्त। जिला कलेक्टर (रसद) गौरव गोयल ने एक आदेश जारी कर जिले के समस्त गैस अनुज्ञापत्राधारियों को रविवार को गैस वितरण का कार्य चालू रखने के निर्देश दिए है।
जिला कलेक्टर गोयल ने बताया कि जिले में स्थित गैस एजेन्सियों द्वारा माह में प्रत्येक रविवार को अवकाश रखा जाकर गैस वितरण कार्य बन्द रखा जाता है जिससे जिले के विभिन्न विद्यालयों में एम.डी.एम. हेतु गैस सलेण्डर की आपूर्ति नहीं होने से विद्यालयों में इनकी समस्या रहती है। उन्होने राजस्थान पेट्रोलियम उत्पाद (अनुज्ञापन एवं नियन्त्राण) आदेश 1990 की धारा 19 के तहत बाडमेर जिले के समस्त गैस अनुज्ञापत्राधारियों को माह के प्रत्येक सोमवार को अवकाश रखा जाकर कारोबार बन्द रखने तथा रविवार को कारोबार यथावत चालू रखने के निर्देश दिए है।
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चोटिला। गुजरात में चोटीला तहसील के सणोसरा गांव से एक हृद्यविदारक घटना सामने आई है। यहां एक विवाहिता ने मृत बच्चे को जन्म देने के बाद पति और ससुराल वालों की एक घिनौनी हरकत का खुलासा किया है।
विवाहिता द्वारा पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार प्रसव के ठीक 15-20 दिन पहले उसके साथ ससुराल पक्ष के चार-पांच लोगों ने मारपीट की थी और पति ने तो उसके पेट पर कई लातें मारीं। यह घिनौनी हरकत करते समय भी पति ने यह नहीं सोचा कि पत्नी के पेट में खुद उसका नवजात सांसे ले रहा है।
चोटीला तहसील के जीवापर गांव की रजुबेन का विवाह चोटीला तहसील के सणोसरा गांव में महेशभाई के साथ हुआ था। विवाह के बाद से ही सास शांताबेन, ससुर वाघाभाई, जेठानी भारतीबेन ने उस पर जुल्म ढाना शुरू कर दिया था।
रजुबेन अब गर्भवती थी और उसके पेट में 7 माह का गर्भ था। अभी कुछ ही दिन पहले उसने मृत बच्चे को जन्म दिया तो रजुबेन ने पूरी घटना का खुलासा कर दिया। रजुबेन के अनुसार बच्चे के जन्म के 10-15 दिन पहले ही उसके ससुराल वालों ने उसके साथ बहुत मारपीट की थी। सास, ससुर, जेठानी के बाद पति ने उसके पेट कई लातें मारी थीं।
माना जा रहा है इसी चोट की वजह से नवजात को गंभीर चोटें पहुंची और जन्म लेने से पहले ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार वे जल्द ही पूरी घटना की जड़ तक पहुंच जाएंगे।