उपचार के अभाव में दो छात्राओं की मौत
दंतेवाड़ा/बीजापुर। आश्रम और हॉस्टल में रहने वाली दो आदिवासी छात्राएं लंबे समय से बीमार थीं। अधीक्षकों ने उपचार नहीं कराया, जिससे दोनों की मौत हो गई। अब मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। विभागीय अमले की इस लापरवाही से ग्रामीण आक्रोशित हैं।
दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिलांतर्गत गीदम से 15 किमी दूर मुस्तलनार की सुखमती (8) पिता स्व. रामूराम बांगापाल स्थित पोटा केबिन में कक्षा दूसरी की छात्रा थी। पखवाड़े भर पहले उसे तेज बुखार आया था। कुछ दिनों बाद आश्रम अधीक्षक तेलामी ने उसे अस्पताल में भर्ती कराने के बजाय गुमलनार के पास आधे रास्ते में छोड़ दिया। सहपाठी सुनीता ने उसे वहां से चार किमी दूर मुस्तलनार पैदल ले जाकर उसके परिजनों को सौंप दिया।
इस दौरान सुखमती की तबीयत और ज्यादा खराब होने लगी। परिजनों ने सुखमती का छिंदनार में दो दिनों तक इलाज कराने के बाद गीदम स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। यहां स्थिति बिगड़ने पर उसे जगदलपुर मेकाज रेफर कर दिया गया। मेकाज में तीन-चार दिनों तक उपचार के बावजूद उसकी तबीयत में सुधार नहीं आया।
वहां के डाक्टरों ने उसे रायपुर ले जाने की सलाह दी। छात्रा के चाचा विश्वनाथ कश्यप ने बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण सुखमती को वापस मुस्तलनार ले गए। इसी बीच बुधवार की शाम उसने दम तोड़ दिया। इलाज के दौरान पोटा केबिन के अधीक्षक तेलामी को सूचना दी गई थी, लेकिन उसने कुछ नहीं किया। गीदम के बीएमओ डॉ. विजय ठाकुर ने बताया कि सुखमती को खून की कमी थी, इसलिए मेकाज के लिए रेफर किया गया था। इधर, परिजनों ने मौत के लिए आश्रम अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराया है।
आवापल्ली हॉस्टल में नहीं हुआ इलाज
दूसरी घटना बीजापुर जिले के उसूर ब्लाक की है। आवापल्ली हायर सेकंडरी स्कूल की 10वीं की छात्रा जयसुधा गटपल्ली (15) प्रीमेट्रिक कन्या छात्रावास में रहती थी। वह मलेरिया से पीडित थी। छात्रावास में इलाज नहीं होने के कारण परिजन उसे मूरदंडा ले गए, जहां 13 अगस्त को छात्रा की मौत हो गई।
शिक्षकों ने बताया कि छात्रावास अधीक्षिका 8 से 13 अगस्त तक अवकाश पर है, लेकिन 18 अगस्त तक संस्था में उपस्थित नहीं हुई है। स्कूल के प्राचार्य को छात्रा की मौत की जानकारी होने के बावजूद उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं कराया गया है। उसूर के बीईओ मुख्यालय में रहने के बावजूद छात्रा की मौत से अनजान बने रहे। इस संबंध में प्रभारी सहायक आयुक्त आरए कुरूवंशी ने कहा कि छात्रा की मौत की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
दंतेवाड़ा/बीजापुर। आश्रम और हॉस्टल में रहने वाली दो आदिवासी छात्राएं लंबे समय से बीमार थीं। अधीक्षकों ने उपचार नहीं कराया, जिससे दोनों की मौत हो गई। अब मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। विभागीय अमले की इस लापरवाही से ग्रामीण आक्रोशित हैं।
दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिलांतर्गत गीदम से 15 किमी दूर मुस्तलनार की सुखमती (8) पिता स्व. रामूराम बांगापाल स्थित पोटा केबिन में कक्षा दूसरी की छात्रा थी। पखवाड़े भर पहले उसे तेज बुखार आया था। कुछ दिनों बाद आश्रम अधीक्षक तेलामी ने उसे अस्पताल में भर्ती कराने के बजाय गुमलनार के पास आधे रास्ते में छोड़ दिया। सहपाठी सुनीता ने उसे वहां से चार किमी दूर मुस्तलनार पैदल ले जाकर उसके परिजनों को सौंप दिया।
इस दौरान सुखमती की तबीयत और ज्यादा खराब होने लगी। परिजनों ने सुखमती का छिंदनार में दो दिनों तक इलाज कराने के बाद गीदम स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। यहां स्थिति बिगड़ने पर उसे जगदलपुर मेकाज रेफर कर दिया गया। मेकाज में तीन-चार दिनों तक उपचार के बावजूद उसकी तबीयत में सुधार नहीं आया।
वहां के डाक्टरों ने उसे रायपुर ले जाने की सलाह दी। छात्रा के चाचा विश्वनाथ कश्यप ने बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण सुखमती को वापस मुस्तलनार ले गए। इसी बीच बुधवार की शाम उसने दम तोड़ दिया। इलाज के दौरान पोटा केबिन के अधीक्षक तेलामी को सूचना दी गई थी, लेकिन उसने कुछ नहीं किया। गीदम के बीएमओ डॉ. विजय ठाकुर ने बताया कि सुखमती को खून की कमी थी, इसलिए मेकाज के लिए रेफर किया गया था। इधर, परिजनों ने मौत के लिए आश्रम अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराया है।
आवापल्ली हॉस्टल में नहीं हुआ इलाज
दूसरी घटना बीजापुर जिले के उसूर ब्लाक की है। आवापल्ली हायर सेकंडरी स्कूल की 10वीं की छात्रा जयसुधा गटपल्ली (15) प्रीमेट्रिक कन्या छात्रावास में रहती थी। वह मलेरिया से पीडित थी। छात्रावास में इलाज नहीं होने के कारण परिजन उसे मूरदंडा ले गए, जहां 13 अगस्त को छात्रा की मौत हो गई।
शिक्षकों ने बताया कि छात्रावास अधीक्षिका 8 से 13 अगस्त तक अवकाश पर है, लेकिन 18 अगस्त तक संस्था में उपस्थित नहीं हुई है। स्कूल के प्राचार्य को छात्रा की मौत की जानकारी होने के बावजूद उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं कराया गया है। उसूर के बीईओ मुख्यालय में रहने के बावजूद छात्रा की मौत से अनजान बने रहे। इस संबंध में प्रभारी सहायक आयुक्त आरए कुरूवंशी ने कहा कि छात्रा की मौत की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
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