चांधन में ब्रम्होस का सफल परीक्षण
जैसलमेर। राजस्थान के सीमावर्ती जैसलमेर जिले में स्थित पोकरण युद्धाभ्यास क्षेत्र की चांधन फायरिंग रेंज में सेना ने जमीन से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रम्होस का सफल परीक्षण किया। सैन्य सूत्रों के अनुसार ब्रम्होस ब्लॉक-2 मिसाइल का परीक्षण करीब पौने ग्यारह बजे किया गया।
इस अवसर पर डीआरडीओ तथा सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि ब्रम्होस से काल्पनिक ठिकाने पर निशाना दागा गया जो सफल रहा। परीक्षण के बाद सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब किसी भी समय दागे जाने के लिए तैयार हो गई है। राजस्थान की सीमा के नजदीक पाकिस्तान सेना के मिसाइल हल्फ के परीक्षण और सीमा पर चल रहे युद्धाभ्यास के मद्देनजर ब्रम्होस के परीक्षण को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ब्रह्मोस मिसाइल ने पिछले महीने की 12 तारीख को ही अपने प्रक्षेपण के दस वर्ष पूरे किए थे। पहली ब्रह्मोस मिसाइल का प्रक्षपेण 12 जुलाई 2001 को रूस दिवस पर किया गया था। ब्रह्मोस भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है। मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कोवा नदी के नाम को मिलाकर रखा गया है।
जैसलमेर। राजस्थान के सीमावर्ती जैसलमेर जिले में स्थित पोकरण युद्धाभ्यास क्षेत्र की चांधन फायरिंग रेंज में सेना ने जमीन से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रम्होस का सफल परीक्षण किया। सैन्य सूत्रों के अनुसार ब्रम्होस ब्लॉक-2 मिसाइल का परीक्षण करीब पौने ग्यारह बजे किया गया।
इस अवसर पर डीआरडीओ तथा सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि ब्रम्होस से काल्पनिक ठिकाने पर निशाना दागा गया जो सफल रहा। परीक्षण के बाद सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब किसी भी समय दागे जाने के लिए तैयार हो गई है। राजस्थान की सीमा के नजदीक पाकिस्तान सेना के मिसाइल हल्फ के परीक्षण और सीमा पर चल रहे युद्धाभ्यास के मद्देनजर ब्रम्होस के परीक्षण को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ब्रह्मोस मिसाइल ने पिछले महीने की 12 तारीख को ही अपने प्रक्षेपण के दस वर्ष पूरे किए थे। पहली ब्रह्मोस मिसाइल का प्रक्षपेण 12 जुलाई 2001 को रूस दिवस पर किया गया था। ब्रह्मोस भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है। मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कोवा नदी के नाम को मिलाकर रखा गया है।