दफ्तर में साथी को किस करना "आतंकवाद"
बर्लिन। दुनिया में अब नए तरह का आतंकवाद फैल रहा है। यह है "किस टेररिज्म"। यह कहना है कि जर्मनी के एक एटिकेट ग्रुप का। इस ग्रुप ने दफ्तर में साथी कर्मचारी के गाल पर चुंबन को आतंकवाद के बराबर माना है। ग्रुप ने मांग की है कि दफ्तरों में पुरूषों और महिला सहयोगियों के एक दूसरे के गाल पर चुंबन करने पर रोक लगनी चाहिए।
गौरतलब है कि यूरोप में लोग अभिवादन स्वरूप एक दूसरे के गाल पर चुंबन देते हैं। जर्मन नीग सोसाइटी ने कहा है कि दफ्तरों में किस करने की प्रवृत्ति बढ़ती ही जा रही है। फ्रांस के दफ्तरों में तो यह दो बार होता है। ग्रुप का कहना है कि म्यूनिख, बर्लिन व अन्य शहरों से कई लोगों ने संर्पक कर पूछा है कि अगर कोई अभिवादन स्वरूप किस करने को कोशिश करें तो क्या करें। ग्रुप के अध्यक्ष हेंस मिशेल क्लेन का कहना है कि दफ्तरों में किस पर पूरी तरह से प्रतिबंध होना चाहिए। क्लेन का कहना है कि किस की बजाय हाथ मिलना ज्यादा अच्छा है।
बर्लिन। दुनिया में अब नए तरह का आतंकवाद फैल रहा है। यह है "किस टेररिज्म"। यह कहना है कि जर्मनी के एक एटिकेट ग्रुप का। इस ग्रुप ने दफ्तर में साथी कर्मचारी के गाल पर चुंबन को आतंकवाद के बराबर माना है। ग्रुप ने मांग की है कि दफ्तरों में पुरूषों और महिला सहयोगियों के एक दूसरे के गाल पर चुंबन करने पर रोक लगनी चाहिए।
गौरतलब है कि यूरोप में लोग अभिवादन स्वरूप एक दूसरे के गाल पर चुंबन देते हैं। जर्मन नीग सोसाइटी ने कहा है कि दफ्तरों में किस करने की प्रवृत्ति बढ़ती ही जा रही है। फ्रांस के दफ्तरों में तो यह दो बार होता है। ग्रुप का कहना है कि म्यूनिख, बर्लिन व अन्य शहरों से कई लोगों ने संर्पक कर पूछा है कि अगर कोई अभिवादन स्वरूप किस करने को कोशिश करें तो क्या करें। ग्रुप के अध्यक्ष हेंस मिशेल क्लेन का कहना है कि दफ्तरों में किस पर पूरी तरह से प्रतिबंध होना चाहिए। क्लेन का कहना है कि किस की बजाय हाथ मिलना ज्यादा अच्छा है।
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