रविवार, 29 मई 2011

पत्नी से परेशान होकर पति ने की आत्महत्या


पत्नी से परेशान होकर पति ने की आत्महत्या

जयपुर। सुभाष चौक इलाके में शनिवार देर रात जहरीला पदार्थ खाने से एक पिता ने बेटी के साथ सुसाइड कर लिया। घायल अवस्था में बेटी कमरे से बाहर आई तब जाकर परिजनों को पता चला। इसके बाद परिजनों ने कमरे में जाकर देखा तो पिता भी अचेत अव्यवस्था पड़ा मिला। दोनों को परिजन अस्पताल लेकर गए। जहां पर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

सुभाष चौक थाना प्रभारी गौरीशंकर शर्मा ने बताया कि चाणक्य मार्ग निवासी दिलीप जांगिड़ (32) और उसकी बेटी निहारिका (6) की जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई। दिलीप रात्रि खाना खाने के बाद करीब 10 बजे बेटी के साथ कमरे में सोने चला गया।

इसके बाद रात्रि करीब 3.30 बजे बेटी कमरे से बाहर आई। उस समय उसकी आंखें चढ़ी हुई थी। मुंह से झाग आ रहे थे। परिजन कमरे में गए तो दिलीप अचेत अवस्था में पड़ा मिला। दोनों को अस्पताल पहुंचाया।

जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि दिलीप के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें पत्नी से परेशान होकर सुसाइड करने की बात लिखी हुई है।

1971 के भारत-पाक युद्ध पर फिल्म

1971 के भारत-पाक युद्ध पर फिल्म 
 

मुंबई। युद्ध आधारित फिल्में बनाने के लिए मशहूर फिल्म निर्देशक जे पी दत्ता की अगली फिल्म भी युद्ध आधारित ही होगी। फिल्म की थीम 1971 के भारत-पाक युद्ध पर आधारित होगी। सूत्रों के मुताबिक फिल्म के निर्माण पर स्वीकृति के लिए दत्ता ने रक्षा मंत्रालय से सहमति मांगी है।

सूत्रों ने बताया कि दत्ता की फिल्म 1997 में आई सुपरहिट फिल्म "बॉर्डर" का सीक्वल होगी। फिल्म में परम वीर चक्र हासिल करने वाले सेकेण्ड लेफ्टिनेंट अरूण की कहानी फिल्म का मुख्य आधार होगा। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दत्ता के प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। वे टैंक और एयरक्राफ्ट की शूटिंग की इजाजत चाहते हैं। 

उदयपुर में प्रसव के दौरान विदेशी महिला की मौत

उदयपुर में प्रसव के दौरान विदेशी महिला की मौत
 

उदयपुर। राजस्थान में उदयपुर शहर के हिरण मगरी थाना क्षेत्र में एक निजी चिकित्सालय में प्रसव के दौरान एक विदेशी महिला की मौत हो गई पुलिस के अनुसार इजरायल की रहने वाली अनिशाग सिंह (34) को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार सुबह हिरण मगरी क्षेत्र में गीतांजलि मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां बेहोशी के लिये लगाए गए इंजेक्शन से महिला को रिएक्शन हो गया जिससे उसकी मौत हो गई। उसके बाद मृतका के परिजनों ने अस्पताल में एकत्रित होकर आक्रोश व्यक्त किया। सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी इजरायली दूतावास को दे दी गई है। सिंह ने छह वर्ष पूर्व उदयपुर के चांदपोल क्षेत्र में रहने वाले राजेन्द्र सिंह से शादी की थी। 

सुपर स्टार रजनीकांत की हालत स्थिर


सुपर स्टार रजनीकांत की हालत स्थिर

सिंगापुर। तमिल फिल्मों के सुपर स्टार रजनीकांत को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष [आईसीयू] में दाखिल कराया गया है जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई है।
इसके पहले वह चेन्नई के इसाबेल अस्पताल में भर्ती थे। चैनल न्यूज एशिया ने रजनीकांत के दामाद और अभिनेता धनुष के हवाले से कल रात बताया कि उनकी हालत स्थिर है।
रजनीकांत [61] को उनकी नई फिल्म 'राणा' की शूटिंग के पहले दिन ही थकान की समस्या के बाद 29 अपै्रल को अस्पताल में दाखिल कराया गया था। उन्हें उसी दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन उन्हें फिर चार मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रजनीकांत को कल चेन्नई से सिंगापुर लाया गया था।

जिले के लिए सात लाख रुपए का बजट आवंटित


बाड़मेर  बीपीएल परिवारों की पुत्रियों के विवाह में सहयोग देने के लिए संचालित सहयोग योजना के लिए सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग ने जिले के लिए सात  लाख रुपए का बजट आवंटित किया हैं। आवंटित इस बजट में अनुसूचित जनजातियों के लिए पांच लाख, अनुसूचित जातियों के लिए तीन लाख तथा अन्य जातियों के लिए दस लाख रुपए देय हैं। विभाग ने सर्वाधिक अलवर व गंगानगर जिले को 38 लाख व न्यूनतम बाड़मेर, प्रतापगढ़ व पाली को सात -सात लाख रुपए आवंटित किए हैं। 


20 हजार रुपए तक मिलता हैं अनुदान : विभाग की ओर से बीपीएल परिवार की कन्या के विवाह में 10, 15 तथा 20 हजार तक का अनुदान दिया जाता है। अनुदान राशि का आधार शैक्षिक स्तर पर हैं। दस हजार रुपए न्यूनत राशि तय की गई हैं, इसके अलावा मैट्रिक उत्तीर्ण कन्या के लिए पंद्रह हजार तथा स्नातक उत्तीर्ण कन्या को बीस हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके लिए आवेदक को बीपीएल कार्ड, कन्या का जन्म प्रमाण पत्र तथा शादी के कार्ड की छाया प्रति विभाग के पास जमा करवानी होती हैं। 

रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर रेल लाइन का शिलान्यास करेंगी सोनिया

उदयपुर.कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 3 जून को डूंगरपुर में रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर रेल लाइन का शिलान्यास करेंगी। वे डूंगरपुर स्टेशन के पास रेल लाइन की आधारशिला रखेंगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री डा. सीपी जोशी उनकी अगवानी करेंगे।

बांसवाड़ा, डूंगरपुर के सांसद तारा चंद भगोरा ने बताया कि सोनिया गांधी के हाथों रेल परियोजना का कार्यक्रम तय हो चुका है। वे 3 जून को सुबह 10 बजे डूंगरपुर आएंगी।

रेल लाइन की आधारशिला रखने के बाद बांसवाड़ा प्रस्थान करेंगी, वे वहां राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्घाटन भी करेंगी। डूंगरपुर तथा बांसवाड़ा के कार्यक्रमों में जनजाति विकास मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया, राज्य सरकार के संसदीय सचिव नाना लाल निनामा, क्षेत्रीय सांसद ताराचंद भगोरा, उदयपुर के सांसद रघुवीर मीणा, चित्तौड़ की सांसद डा. गिरिजा व्यास तथा मेवाड़ वागड़ के विधायक, कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी एवं जन प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।

कहां-कहां होकर गुजरेगी रेल लाइन

नई रेल लाइन डूंगरपुर से सागवाड़ा, गढ़ी, बांसवाड़ा, दानपुर होकर रतलाम से जुड़ेगी। रेलवे बोर्ड ने इस रेल लाइन के निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर पश्चिम रेलवे के निर्माण खंड को सौंपी है। 2400 करोड़ रुपए की लागत से 176 किलोमीटर लंबी बड़ी लाइन डालने की रेल मंत्री ममता बनर्जी ने बजट में स्वीकृति दी थी।

परियोजना की लागत का आधा हिस्सा यानी 1200 करोड़ रुपए की सहभागिता राजस्थान सरकार निभाएगी। रेल लाइन के लिए अवाप्त होने वाली जमीन का मुआवजा राज्य सरकार देगी।

अधिकारिक सूचना नहीं, तैयारियां शुरू

डूंगरपुर के जिला कलेक्टर पीसी किशन ने बताया कि रेल परियोजना का 3 जून को शिलान्यास होने की संभावना है। जिला कलेक्टर के पास शिलान्यास कार्यक्रम की अधिकारिक सूचना नहीं आई है। जिला प्रशासन व रेल अधिकारियों ने उद्घाटन समारोह की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

अजमेर के मंडल रेल प्रबंधक संजय दास शनिवार रात इंटरसिटी से उदयपुर पहुंचे। रविवार सुबह वे यहां से डूंगरपुर प्रस्थान करेंगे जहां जिला प्रशासन के साथ उद्घाटन स्थल पर तैयारियों का जायजा लेंगे।

बांसवाड़ा-सागवाड़ा पहली बार रेल पहुंचेगी

डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल लाइन डलने से वागड़ में विकास का सूत्रपात होगा। बांसवाड़ा और सागवाड़ा शहर तक पहली बार रेल पहुंचेगी। बांसवाड़ा जिले में स्थापित होने वाले थर्मल बिजली घर में इस्तेमाल होने वाला कोयला परिवहन के लिए यह रेल लाइन उपयोगी साबित होगी।

 

FOTO FEATURE...KOT DIGI FORT SUKKUR SINDH PAKISTAN


KOT DIGI FORT SUKKUR SINDH
The Kot Diji Fort, formally known as Fort Ahmadabad, dominates the town of Kot Diji in Khairpur, Pakistan about 25 miles east of the Indus River at the edge of the Nara-Rajisthan Desert. The fort was built between 1785 to 1795 by Mir Sohrab Khan Talpur, founder of the Kingdom of Upper Sindh in 1783. In addition to the fort, a 5 kilometer, 12 feet wide mud wall was built around the city. This defensive wall had bastions throughout its length and a huge iron gate served as the city's only entrance.

The fort was considered invincible and served as the residence of the Ameers of Khairpur in times of peace. It is, therefore, the ancestral home of royal house. During war time the zenana (female members of the royal family), would be shifted to Shahgarh Fort, formerly within the realm but since 1843, after the conquest of the rest of Sindh, it is in the Jaisalmer desert, now in India. When the Zenana moved into the comfort of palaces, it stood mainly as a decorated reminder of more violent times. Throughout its whole history, however, Fort Kot Diji was never attacked.

Kot Diji is a very practical fort constructed on a limestone hill with kiln-baked bricks. Bricks were used because the locally available limestone rock was very brittle and would have shattered easily on impact with a cannonball. The hill is about 110 feet high, above which the walls of the fort rise another 30 feet. It has three strategically placed towers about 50 feet tall.
The fort is over half a kilometer long. Its walls are segmented by about 50 bastions, and its 1.8 km outer perimeter wall identically follows the double crescent-shaped contours of the hill it stands on. This allows the fort to surround the attacking enemy on three sides on the west front. On the east, where the entrance lies, the fort is divided by three elephant-proof gates into three overlapping levels, so that the first two levels can be attacked by the next level above them in the event of the lower level being overrun by the enemy. The first gate is not a prominent portal but rather an indirect entry so that the gate cannot be rammed on a charge. The walls and bastions have arrow slits in them, allowing defenders to attack their enemy from two levels: from the battlement on top and from within the wall.
The fort was built at a time when cannons had become common and its design and position reveals that. It includes a multitude of stations for cannons and, because it is positioned high on a narrow ridge, enemy cannons would have had to fire at a great distance, permitting little accuracy. Cannonballs could either hit the hill or perimeter or would simply fly over the fort and fall on the enemies' own forces on the other side.




Kot Diji was located at the edge of the desert; this provided an advantage over enemies marching from the east, because an exhausted army could be met before it could take supplies and water from the irrigated lands. In fact, the Mirwah canal was built in 1790 specifically[edit] Role under the British Empire to irrigate the lands west of the fort and bring water to the military bThe Kingdom of Upper Sindh later was recognized by the British as the princely state of Khayrpur, after the East India Company had reduced its area to less than a third of its original size of over 50,000 km².



Map of Sindh. Confederacy of Talpur Kingdoms
The Fort was allocated the role of central military base for the Kingdom, especially to resist Afghan invasion. It was the strongest of the 20 or so Talpur forts and was named after the Persian architect Ahmed, who designed it. According to folklore it took 30 years to build; in reality, a much shorter, tactically feasible period may have been possible by mobilizing peasants and soldiers on a massive scale

भांजे ने साथियों संग मामी से किया गैंग रेप फिर फेंका नदी में


भांजे ने साथियों संग मामी से किया गैंग रेप फिर फेंका नदी में

गुहला चीका (कैथल)/यमुनानगर. एक युवक ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर मामी का अपहरण कर लिया। फिर चारों ने उसके साथ दुष्कर्म किया और हाथ बांध कर उसका गला घोंट दिया। उसके बाद मरी हुई समझ उसे यमुना में फेंक कर भाग निकले। लेकिन नदी में पानी की लहरें शरीर से टकराईं तो उसे होश आ गया। वह किसी तरह नदी से बाहर आई और अपने हाथ खोले।

उसने उधर से गुजर रहे एक राहगीर को सारी दास्तान बताई तो वह उसे सदर थाने ले गया। पीड़ित के मुताबिक अपहरण के समय चारों ने नकाब पहन रखा था जिससे पहचाने न जा सकें लेकिन दुष्कर्म के दौरान उन्होंने नकाब उतार दिया था, क्योंकि वे सोच रहे थे कि पहचान बताने के लिए पीड़ित जीवित ही नहीं रहेगी।

वारदात शुक्रवार रात की है। पीड़ित ने बताया कि शुक्रवार रात करीब साढ़े 12 बजे चार नकाबपोश युवक एक कार से गुहला चीका के गांव खरोदी में उसके घर पहुंचे। उन्होंने उसे जबरदस्ती उठा कर कार में डाल लिया। उसके ससुर जागर सिंह ने उसे बचाने की कोशिश की तो उनको पीट कर घायल कर दिया और उसे कार में डाल कर यमुनानगर की तरफ ले गए। कार में उन लोगों ने नकाब उतार दिया तो उसने देखा कि उसमें एक उसकी ननद का बेटा था।

कार में बारी-बारी से उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद चुनरी से उसके हाथ बांधकर गला घोंट दिया। उसके बाद उसे होश आया तो उसने खुद को यमुना की लहरों के बीच पाया। वह किसी तरह बाहर आई और एक राहगीर की मदद से यमुनानगर के सदर थाने पहुंची। महिला ने बताया कि उसका एक आठ वर्षीय लड़का व एक छह वर्षीय लड़की है।

पति अवतार सिंह की दिमागी हालत काफी समय से ठीक नहीं चल रही। पति के हिस्से में तीन एकड़ जमीन भी आती है। इसी जमीन के लालच में ही उसकी ननद के लड़के ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर उसकी जान लेने का प्रयास किया। उधर जब गुहला पंचायत को घटना को जानकारी हुई तो लोग यमुनानगर पहुंचे और उसे घर ले आए।

महिला को यमुनानगर से गुहला थाना में लाया गया है। पीड़ित महिला से पूछताछ की जा रही है। महिला के बयान के आधार पर पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है।

सिमरदीप सिंह, एसपी, कैथल

नाकाबंदी तोड़ी पुलिस पर फायर


नाकाबंदी तोड़ी पुलिस पर फायर 

आहोर। निकटवर्ती छीपरवाड़ा-कानीवाड़ा सड़क मार्ग पर शनिवार अलसुबह अज्ञात लोगों ने पुलिस नाकाबंदी तोड़ वाहन से भाग की कोशिश की। इस दौरान पीछा कर रहे पुलिस दल पर इन लोगों ने पिस्टल से फायर किया। इसके बावजूद पुलिस ने उनका गोदन तक पीछा किया, लेकिन वे गोदन से बादनवाड़ी के रास्ते चकमा देकर भागने में सफल रहे।
पुलिस के अनुसार थाने के हैड कांस्टेबल सहीराम विश्Aोई के नेतृत्व में पुलिस के जवान अलसुबह करीब साढ़े चार बजे निकटवर्ती छीपरवाड़ा तिराहे पर नाकाबंदी कर रहे थे। इसी दौरान मेड़ा ऊपरला की तरफ से दो वाहन आए। जिसमें पहला वाहन सफेद रंग का था। उसके पीछे एक हरे रंग की जीप आरजे04 टीए 0122 आ रही थी।
पुलिस टीम ने वाहनो को रूकने के लिए इशारा किया। इस दौरान जीप चालक पुलिस नाकाबंदी तोड़कर भाग निकला। पुलिस के जवानों ने सरकारी जीप से उसका पीछा किया। छीपरवाड़ा-कानीवाड़ा सड़क मार्ग पर पुराना ऊण गांव में जीप में सवार अज्ञात व्यक्तियों ने पिस्टल से पुलिस वाहन पर फायर किया।
इसके बावजूद पुलिस ने उनका पीछा जारी रखा। पुलिस ने उनका गोदन तक पीछा किया, लेकिन वाहन में सवार अज्ञात व्यक्ति गोदन से बादनवाड़ी के रास्ते फरार हो गए। इस संबंध में हैड कांस्टेबल सहीराम विश्Aोई ने वाहन में सवार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस टीम पर जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज करवाया है।
 इन्होंने कहा
मामला दर्ज किया गया है। पुलिस टीम पर जानलेवा हमला करने वाले अज्ञात आरोपियों की तलाश सरगर्मी से जारी है।
 
बुद्धाराम , थाना प्रभारी, पुलिस थाना आहोर
आहोर क्षेत्र में शनिवार सुबह नाकाबंदी के दौरान अज्ञात लोगों ने पुलिस दल पर फायर किया है। इस मामले में आरोपियों के वाहन को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है।
राहुल बारहट, पुलिस अधीक्षक, जालोर

कपूरिया में मिले आठ बमों को किया निष्क्रिय


कपूरिया में मिले आठ बमों को किया निष्क्रिय 

फतेहगढ़। उपखण्ड मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर कपूरिया गांव में सिलसिलेवार मिले बमों को सेना के बम निरोधक दस्ते ने शनिवार को निष्क्रिय कर दिया। थानाघिकारी गुमानराम चौधरी ने बताया कि बमों को निष्क्रिय करने के लिए सुरक्षा के लिहाज से दो किमी के दायरे में आने वाली ढाणियों व गांव के मकानों को खाली करवाया गया ताकि बम के धमाकों से कोई नुकसान न हो। सेना के दस्ते ने आठबमों को एक-एक कर निष्क्रिय कर दिया।
 इस बीच कपूरिया व आसपास की ढाणियों में निवास करने वाले ग्रामीण शनिवार को चौथे दिन भी भय के साये में रहे। शनिवार को सेना के जवानों के मौके पर पहुंचने पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बमों को निष्क्रिय करने के दौरान जमीन थर्राने से ग्रामीणों में हड़कम्प मच गया। सभी बम निष्क्रिय होने की सूचना मिलने  के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। वहीं गत तीन दिनों से मौका स्थल पर पहरे पर लगे पुलिस के जवानों ने भी राहत की सांस ली।

कर्नल सोनाराम के खिलाफ प्रॉपर्टी हड़पने का मामला दिल्ली में है करोड़ों की जमीन, फर्जी दस्तावेजों से बेटे व पत्नी को मालिक बनाने का आरोप


कर्नल सोनाराम के खिलाफ प्रॉपर्टी हड़पने का मामला
दिल्ली में है करोड़ों की जमीन, फर्जी दस्तावेजों से बेटे व पत्नी को मालिक बनाने का आरोप
 
पूर्व सांसद और बायतु विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी के खिलाफ दिल्ली कैंट पुलिस स्टेशन में अपने रिश्तेदार की करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी हड़पने का मुकदमा दर्ज हुआ है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि कर्नल ने फर्जी पावर ऑफ अटार्नी व हस्ताक्षरों से यह प्रॉपर्टी अपने बेटे डॉ. रमन चौधरी और पत्नी विमला चौधरी के नाम करवा दी। अब वे इस जमीन पर पुरानी बिल्डिंग तोड़ कर नए फ्लैट बना रहे हैं। चार दिन पहले दर्ज हुए इस मुकदमे की जांच दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर राजेंद्र मीणा कर रहे हैं।

दिल्ली कैंट पुलिस स्टेशन में 25 मई, 11 को जैसलमेर निवासी लालचंद चौधरी ने यह मुकदमा दर्ज कराया है। रिपोर्ट में बताया कि करीब पंद्रह साल पहले आर्मी हॉस्पिटल रोड, किरबी पैलेस दिल्ली कैंट में सुभाषचंद्र व राधेकिशन अरोड़ा से मैसर्स मोहनगढ़ कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से यह प्रॉपर्टी खरीदी थी।
लालचंद इस फर्म के पार्टनर हैं और काम के सिलसिले में ज्यादातर जैसलमेर में रहते हैं। कर्नल सोनाराम उनके चचेरे भाई हैं और उनके अधिकतर समय दिल्ली में रहने के कारण प्रोपर्टी के सभी दस्तावेज उनके पास रखे हुए थे। कुछ समय पहले लालचंद दिल्ली गए तो इस प्रोपर्टी पर फ्लैट बनते नजर आए, पुरानी बिल्डिंग का नामों-निशान नहीं था। लालचंद ने दिल्ली में कपशेरा सब रजिस्ट्रार के यहां छानबीन की तो पता चला कि कर्नल सोनाराम ने फर्जी पावर ऑफ अटार्नी बना कर यह प्रोपर्टी अपने पुत्र डॉ. रमन और पत्नी विमला के नाम बेचान कर दी। अब पिता-पुत्र ही यहां फ्लैट बना रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने कर्नल सोनाराम, पुत्र डॉ. रमन और पत्नी विमला के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471/34 में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया 

जैसलमेर ,श्री देग राय मन्दिर


देग राय मन्दिर : यह स्थान जैसलमेर से ५० की. मी. देवीकोट साकड़ा रोड़ पर हें ! यहाँ एक तालाब के ऊपर बड़ा रमणीक मन्दिर हें ! इस जगह मातेश्वरी ने सहपरिवार निवास किया था ! एक दिन एक असुर रूपेण भेंसे को काट कर देग मे पकाया था जब भेंसे के मालिक ने मैया के भाई महरखे से पूछा तो उसने सत्य बात बता दी इससे कुपित होकर देवी ने भाई को श्राप दे दिया व उस भेंसे की साब्जी को चंदले मे तबदील कर दिया व उस महाशय के भ्रम का निवारण हुवा , कुछ जानकर लोग इस दुर्घटना का जिक्र अन्य जगह का करते हें लेकिन मैया ने भेंसे का भक्षण इसी जगह किया था इसी कारण भाई को श्राप दिया था ! मैया के श्राप से भाई का पैणा सर्प ने दस लिया था ! महामाया ने अपने तपोबल से सूर्य को लोहड़ी रूपी चादर की धुंध से ढक दिया था ! मैया ने भी मर्यादा पुरषोतम श्री राम की तरह मनुष्य लीला के लोकिक कार्य इस भाती किए थे देव अगर देविक साधना से चाहते तो तुंरत जीवन दे देते , लेकिन संसारियों को भ्रम मे डालने ले लिए उपचार औषधि से जीवन दान विधि बताई ! इस प्रकार उक्त स्थान पे भेंसे की बलि देने के कारण अन्य मंदिरों मे भी भेंसे , बकरे की बलि चढाई जाने लगी ! मनुष्य की उदर पूर्ति व मनोकामना दोनों सिद्ध होती हें !!
दे पुजाई देविया , रवी खड़ो पग रोप , मार जिवाडो मेहरखो , कियो आवड़ा कोप !

शनिवार, 28 मई 2011

नाक में रूई भरी मिली, पुलिस मान रही है युवक की हुई हत्या


नाक में रूई भरी मिली, पुलिस मान रही है युवक की हुई हत्या

जयपुर। आमेर स्थित सराय की बावड़ी के पास सुबह एक युवक की लाश मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का मुआयना किया। मृतक के गले और नाक पर चोट के निशान मिले हैं। नाक में रूई भरी मिली।इस के आधार पर पुलिस युवक की हत्या होना मान रही है।

पुलिस उपयुक्त उत्तर अशोक नरूका ने बताया कि सुबह 5.30 पर ग्रामीणों ने सूचना मिली थी कि सड़वा मोड से एक किलोमीटर दूरी पर दिल्ली रोड पर सड़क किनारे झाडियों में एक अज्ञात युवक की शव पड़ा हुआ है। मौके पहुंची पुलिस ने मौका मुआयना से पता चला कि युवक की हत्या किसी अन्य स्थान पर की गई है और हत्या के बाद लाश को रात के अंधेरे में यहां पर फेंका गया है। युवक की पहचान ब्रह्मपुरी निवासी शैलेंद्र शर्मा (25) हुई है। हत्या के बारे में पुलिस जांच कर रही है।

Jhumka Gira Re, Sadhna [Asha Bhosle] - Mera Saaya

aap ki nazron ne samjha pyar ke kabil mujhey