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शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

जयपुर/ लाडनूं। आनंदपाल के गुर्गों अौर पुलिस के बीच मुठभेड़, SHO को मारी गोली, कार में आनंदपाल के होने की थी सूचना



जयपुर/ लाडनूं। आनंदपाल के गुर्गों अौर पुलिस के बीच मुठभेड़, SHO को मारी गोली, कार में आनंदपाल के होने की थी सूचना

आनंदपाल के गुर्गों अौर पुलिस के बीच मुठभेड़, SHO को मारी गोली, कार में आनंदपाल के होने की थी सूचना
बोलेरो में सवार कुख्यात आनंदपाल व उसके गुर्गों की सूचना पर पीछा कर रहे जसवतंगढ़ थानाधिकारी को गांव सांवराद के पास गुरुवार मध्यरात्रि डेढ़ बजे बदमाशों ने गोली मार दी। थानाधिकारी को गंभीर हालत में कस्बे के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने थानाधिकारी को जयपुर रैफर कर दिया।


लादूसिंह को गांव सांवराद के पास बोलेरो में हार्डकोर अपराधी आनंदपाल सिंह व गुर्गों के आने की सूचना मिली थी। गांव के नजदीक थानाधिकारी ने बोलेरो को रुकने का इशारा किया। इस पर बोलरो सवार अज्ञात बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। फायरिंग में थानाधिकारी के एक गोली पेट को चीरती हुई बाहर निकल गई, दूसरी हाथ में लगी। गोली लगने पर थानाधिकारी लादूसिंह बेहोश हो गए।

मचा हड़कम्प
इधर, फायरिंग की सूचना लगने पर पुलिस महकमें में हड़कम्प मच गया। सीओ डीडवाना नरसीलाल मीणा, थानाधिकारी नागरमल कुमावत मौके पर पहुंचे। एसपी नागौर परिस देशमुख ने फोन कर घायल थानाधिकारी की कुशलक्षेम पूछी।


सीओ ने पीएमओ को फटकारा
अस्पताल में रैफर करने के दौरान सीओ नरसीलाल मीणा ने घायल एसएचओ के साथ एक चिकित्सक को भेजने के लिए कहा, लेकिन चिकित्सकों के मना करने पर उन्होंने जमकर खरी-खोटी सुनाई। सीओ की फटकार के बाद में घायल थानाधिकारी के साथ चिकित्सक को भेजा गया।

मंगलवार, 12 जुलाई 2016

जयपुर पूरा राजस्थान कल तक मानसून की गिरफ्त में हाेगा



जयपुर पूरा राजस्थान कल तक मानसून की गिरफ्त में हाेगा
जयपुर 12 जुलाई  मानसून के सक्रिय रहते राजस्थान में कई स्थानों पर अच्छी बरसात हुई हैं तथा कल तक समूचा प्रदेश मानसून की गिरफ्त में होगा।

मौसम ने अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कहीं कहीं भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की है तथा अनेक स्थानों पर मेघ गर्जना के साथ बरसात होने की संभावना व्यक्त की हैं।

जल स्वावलम्बन अभियान में 3500 गांवों का और चयन होगा



जल स्वावलम्बन अभियान में 3500 गांवों का और चयन होगा
जयपुर, 12 जुलाई (वार्ता)राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण की सफलता के पश्चात अब द्वितीय चरण के आरंभ की घोषणा करते हुए कहा कि इसमें तीन हजार 500 गांवों का चयन किया जायेगा।

श्री गोयल आज यहां अभियान से जुड़े सभी जिलों से आये प्रशिक्षकों की एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल स्वालम्बन अभियान आज जनता का कार्यक्रम बन चुका है क्€योंकि आमजन ने तनमन और धन से जल संरक्षण ढ़ाचों के निर्माण में सहयोग किया तथा ग्रामवासियों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों सभी ने मिलकर श्रमदान किया।

शनिवार, 2 जुलाई 2016

जयपुर में MLA के बेटे का कहर, तेज रफ्तार BMW कार से छह लोगों को कुचला, तीन मरे

जयपुर में MLA के बेटे का कहर, तेज रफ्तार BMW कार से छह लोगों को कुचला, तीन मरे
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जयपुर में तेज रफ्तार बीएमडब्‍ल्‍यू कार ने छह लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की जान गई ओर पांच लोग घायल हो गए। घायलों में चार पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। आरोपी चालक निर्दलीय विधायक का बेटा है। उसने सबसे पहले एक ऑटो और बाद में पुलिस के गश्‍ती वाहन को टक्‍कर मार दी। मामला शुक्रवार रात करीब दो बजे का है। पुलिस ने बताया कि सीकर के फतेहपुर शेखावाटी से विधायक नंदकिशोर महरिया का बेटा सिद्धार्थ शुक्रवार रात को अपने परिजन को लेने एयरपोर्ट गया था। सेंटर जेवियर्स चौराहे के पास उसने ऑटो को टक्‍कर मारी। ऑटो में तीन लोग सवार थे। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ऑटो से टकराने के बाद बीएमडब्‍ल्‍यू कार के एयर बैग खुल गए थे। इसके चलते सिद्धार्थ को कुछ दिखाई नहीं दिया। इसके चलते गाड़ी पुलिस के गश्ती वाहन से भी टकरा गई। इसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। इनमें से तीन को शनिवार सुबह छुट्टी दे दी गई। सिद्धार्थ इस समय पुलिस हिरासत में है। हालांकि सिद्धार्थ का कहना है कि गाड़ी उनका ड्राइवर चला रहा था। -

गुरुवार, 30 जून 2016

जयपुर दर्द पर भारी शौक, रेप पीड़िता संग राजस्थान महिला आयोग की सदस्य ने खींची सेल्फी



जयपुर दर्द पर भारी शौक, रेप पीड़िता संग राजस्थान महिला आयोग की सदस्य ने खींची सेल्फी
दर्द पर भारी शौक, रेप पीड़िता संग राजस्थान महिला आयोग की सदस्य ने खींची सेल्फी

यूं तो महिला आयोग का काम पीडि़त महिलाओं के दुख-दर्द को जानकर उन पर मरहम लगाना है, लेकिन राजस्थान महिला आयोग की एक सदस्य पर सेल्फी का शौक इस कदर चढ़ा कि उन्होंने जख्मों पर मरहखम करने की जगह पीडि़ता की पहचान जगजाहिर कर दी।


ये तस्वीर जरा गौर से देखिए, इसमें आपको भाजपा नेता और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा नजर आ रही हैं। उन्हीं के साथ सेल्फी लेते हुए दिख रही हैं उनकी सहयोगी महिला आयोग सदस्य सौम्या गुर्जर। सुमन और सौम्या जिस महिला के साथ सेल्फी ले रही हैं वो महिला अमानवीय व्यवहार की शिकार हुई है। महिला अभी अपनों के दिए जख्मों को भूल भी नहीं पाई थी कि महिला आयोग उसका दुख दर्द जानने के लिए पहुंचा। ये घटना 28 जून की है, जब आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा और सदस्य सौम्या गुर्जर पीडि़ता से मिलने पहुंची।

तब उन्होंने पीडि़ता के हालचाल जानने के साथ ही सेल्फी खींचना शुरू कर दिया। आपको बता दें कि जयपुर के आमेर में एक महिला के घरवालों ने उसके माथे पर 'मेरा बाप चोर है' लिख दिया था। यह मामला सामने आने के बाद महिला आयोग की सदस्य उससे मिलने के लिए पहुंची थीं। उसी दौरान महिला आयोग सदस्यों ने पीडि़ता दर्द जानने की बजाय उसके साथ सेल्फी खींचकर प्रचार पाने की जुगत लगा ली।













सेल्फी लेते समय महिला आयोग के जिम्मेदार पदाधिकारी ये भूल गई कि पीडि़ता की पहचान उजागर नहीं की जाती है। जिन नियम कायदों की पालना महिला आयोग को करनी होती है, उन्हीं की धज्जियां खुद अध्यक्ष और आयोग सदस्य ने उडा दी। अब देखना ये है कि क्या राज्य सरकार या राष्ट्रीय महिला आयोग इस पर कोई संज्ञान लेगा?







खौफनाक! दहेजलोभियों की रौंगटे खड़ी कर देने वाली करतूत, सिंदूर की जगह ललाट पर लिखा 'मेरा बाप चोर'







पीडि़तों का हंसना मुस्कुराना क्या अपराध है

मामले पर सौम्या गुर्जर ने फेसबुक पोस्ट पर जवाब देते हुए कहा कि हम वहां मामले की जांच कर रहे थे और जांच मे पूछताछ के दौरान और सबूत के कुछ कागजों के हमने कुछ फोटों खींची उसी बीच पीडि़ता जिज्ञासावस फोटो देखने की इच्छुक हुई और उसको समझाने के लिए मैंने उसको दिखने के लिए उसके साथ सेल्फी खींची । ये सब मैंने उसकी मानसिक हालात को ध्यान मैं रखते हुए किया। क्या पीडि़त को दर्द से उभरने के लिए उसका हंसना मुस्कुराना गलत है। कोई कैसे इसको अमानवीय बता सकता है, जबकि पीडि़ता हमारे साथ जांच के दौरान दिलासा देने के बाद हमारे व्यवहार से खुश हुई थी।

शनिवार, 25 जून 2016

जयपुर,स्मार्ट सिटीज मिशन की प्रथम वर्षगांठ मुख्यमंत्री ने की स्मार्ट जयपुर के लिए सौगातों की बरसात



जयपुर,स्मार्ट सिटीज मिशन की प्रथम वर्षगांठ

मुख्यमंत्री ने की स्मार्ट जयपुर के लिए सौगातों की बरसात





जयपुर, 25 जून। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने स्मार्ट सिटीज मिशन की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर शनिवार को बिड़ला सभागार में आयोजित समारोह में जयपुर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कई सौगातें दी। श्रीमती राजे ने रूफ टाॅप सोलर पावर प्लांट लगाने, बस शैल्टर्स में पब्लिक इन्फोरमेशन सिस्टम एवं रामनिवास बाग में नवीनीकृत सावन भादो उद्यान का उद्घाटन किया। उन्होंने गुलाबी नगर की 14 बावड़ियों के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास भी किया। श्रीमती राजे ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत प्रदेश से चयनित शहरों पर ढाई हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। स्मार्ट सिटी के लिए चयनित शहरों में हैरिटेज, पर्यटन, स्मार्ट नगरीय ढांचे एवं सुरक्षित सड़क ढांचे का विकास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब जयपुर प्रधानमंत्री की प्रेरणा से शुरू किए गए स्मार्ट सिटी मिशन के माध्यम से देश का अव्वल शहर बन जाएगा। उन्होंने कहा कि आज हम स्वच्छ भारत मिशन में भी देश में सबसे आगे हैं। प्रदेश में बीकानेर पहला खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) जिला बन चुका है। इस तरह प्रदेश के 7 जिले ओडीएफ बनने की कतार में हैं।

हैरिटेज स्वरूप बनाए रखते हुए करें विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में विकास कार्यो में यह ध्यान रखा जाए कि हैरिटेज स्वरूप को बनाए रखते हुए जयपुर को आधुनिक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है कि परकोटे में इमारतों के बाहरी स्वरूप से कोई छेड़छाड़ नहीं करें। पर्यटक हमारी पिंकसिटी की पुरानी खूबसूरती को देखने आते हैं न कि कांच की इमारतों को।

परकोटा वासियों से अपील, छतों पर सोलर प्लांट लगाएं

श्रीमती राजे ने कहा कि जयपुर में ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट के अंतर्गत सरकारी इमारतों के छत पर रूफ टाॅप साॅलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। झालाना संस्थानिक क्षेत्र और जेएलएन मार्ग पर स्थित सभी सरकारी इमारतों को इसमें शामिल किया जाएगा। उन्होंने चारदीवारी क्षेत्र के निवासियों का आह्वान किया कि वे अपने घरों की छत पर रूफ टाॅप साॅलर प्लांट लगाएं ताकि परकोटा क्षेत्र को बेतरतीब फैले बिजली के तारों के जाल से मुक्त कराया जा सके। उन्होंने कहा कि शहर में जगह- जगह बिजली और केबल के तार नहीं दिखेंगे तो इसकी खूबसूरती और निखरेगी। साथ ही सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से बिजली पर खर्च में भी कमी आएगी।

शहर को साफ रखना हम सबका फर्ज

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शहर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सबको मिलकर निभानी होगी। शहर में सड़कों पर या पार्कों पर जहां भी पाॅलिथीन उड़ती दिखें तो हमारा फर्ज बनता है कि हम उन्हें उठाकर कचरा पात्र में डालें। उन्होंने कहा कि जब मैं स्वयं सड़क पर कचरा देखकर अपनी कार रूकवाकर उसे साफ करवाती हूं तो आप भी इसी भावना से कार्य करते हुए अपना दायित्व निभाएं।

श्रीमती राजे ने कहा कि शहर की काॅलोनियों में बने छोटे पार्कों की सार-संभाल के लिए विकास समितियों को आगे आना चाहिए। रामनिवास बाग में सावन-भादों पार्क के अलावा करीब 10 करोड़ रुपए के कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आमजन को समझना चाहिए कि सार्वजनिक स्थानों पर टिकट राजस्व वसूली के लिए नहीं बल्कि वहां साफ-सफाई एवं सुविधाओं के विकास के लिए लगाया जाता है।

सड़कों पर नहीं छोड़ें पालतू पशु

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान गोपालकों से अपील की कि वे अपनी पालतू गायें एवं अन्य पशु खुले में सड़क पर नहीं छोड़ें। इससे गन्दगी तो फैलती ही है साथ ही यातायात भी बाधित होता है। उन्होंने कहा कि नगर निगम यह सुनिश्चित करे कि आवारा पशु सड़कों पर नहीं घूमें और सड़कों पर पशु छोड़ने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने इसके लिए बड़ा जुर्माना लगाने का भी सुझाव दिया।

महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों को मिले सख्त सजा

श्रीमती राजे ने इस मौके पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाले कुंठाग्रस्त लोगों के साथ सख्ती से पेश आएं। उन्होंने कहा कि पुलिस और न्यायिक अधिकारी इस तरह के मामलों के त्वरित निस्तारण की व्यवस्था बनाने के बारे में सोचें ताकि ऐसे अपराधों के दोषियों को जल्द सजा मिल सके।

अम्बेडकर सर्किल के पास गाड़ी रूकवाकर कचरा हटवाया

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री निवास आते समय अम्बेडकर सर्किल के पास सड़क पर कचरा देखकर अपनी गाड़ी रूकवाई और सुरक्षाकर्मियों को अविलम्ब कचरा हटवाने के निर्देश दिए। उन्होंने पास ही स्थित जीवन बीमा निगम की इमारत के सुरक्षाकर्मी को निर्देश देकर भवन के प्रवेश द्वार पर बिखरा कचरा हटवाया।

स्मार्ट राजस्थान की दिशा में काम

स्वायत्त शासन, नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सौर ऊर्जा के मामले में राजस्थान पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। पानी की उपयोगिता व संरक्षण के लिए चलाए जा रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का असर दिखने लगा है। अब सरकार स्मार्ट राजस्थान की दिशा में तेजी से काम कर रही है।

महापौर श्री निर्मल नाहटा ने कहा कि जयपुर की कला-संस्कृति और हेरिटेज पूरी दुनिया को आकर्षित करती है। हमारा लक्ष्य यहां की प्राचीन धरोहरों को सुरक्षित और संरक्षित रखते हुए शहर को स्मार्ट बनाना है।

इससे पूर्व जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी. सरवन कुमार ने जयपुर स्मार्ट सिटी के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यक्रम के अंत में जयपुर नगर निगम के आयुक्त श्री हेमन्त कुमार गेरा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम के दौरान सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री श्री अरुण चतुर्वेदी, सांसद श्री रामचरण बोहरा, श्री रामकुमार वर्मा, विधायक श्री कैलाश वर्मा, श्री सुरेंद्र पारीक, श्री मोहनलाल गुप्ता, उप महापौर श्री मनोज भारद्वाज, अतिरिक्त मुख्य सचिव नगरीय विकास विभाग श्री अशोक जैन, पार्षदगण, वरिष्ठ अधिकारी एवं आमजन उपस्थित थे।




इस तरह बनेगा जयपुर स्मार्ट शहर

प्रमुख घोषणाएं- श्रीमती राजे ने इस अवसर पर जयपुर शहर के लिए इन परियोजनाओं की घोषणा की।

ऽ लांगरियावास में 180 करोड़ रुपये की लागत से पीपीपी आधार पर कचरे से बिजली बनाने का प्लांट।

ऽ 46.23 करोड़ रुपये की लागत से 100 नई सिटी बसों की खरीद।

ऽ बगराना में जेसीटीएसएल का एकीकृत वर्कशाॅप कम बस डिपो। इस डिपो पर 16.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

स्मार्ट सिटी क्षेत्र के लिए ये प्रस्ताव भी

ऽ सस्टेनेबल मोबिलिटी कोरिडोर- पैदल और साइकिल यात्रियों, दिव्यांगों एवं मोटर वाहन चालकों के लिए 132 करोड़ रुपये की लागत से सस्टेनेबल मोबिलिटी कोरिडोर।

ऽ हैरिटेज एवं पर्यटन- जलेबी चैक, टाउन हाॅल एवं पुराने पुलिस मुख्यालय जैसी हैरिटेज इमारतों का बेहतर रख-रखाव कर इनका उचित उपयोग किया जाएगा।

ऽ स्मार्ट नगरीय ढांचा- 433 करोड रुपये की अनुमानित लागत से ये काम किए जाएंगे।

- सरकारी इमारतों, स्मारकों एवं पार्कों में वेस्ट वाटर का पुनर्चक्ररण एवं वर्षा जल संरक्षण।

- स्मार्ट मीटर के माध्यम से प्रभावी जल प्रबन्धन।

- आॅटोमेटेड आॅन लाइन रेसिडुअल क्लोरिन मोनिटरिंग सिस्टम विकसित किया जायेगा।

- ठोस कचरे का स्मार्ट कलेक्शन।

- नागरिकों की सुरक्षा के लिए वीडियो क्राइम मोनिटरिंग, इन्सीडेंट अलर्ट एप, हैल्प लाइन, पैनिक बटन।

- जीआईएस आधारित प्रोपर्टी इन्वेटरी तथा सम्पŸिा कर की आॅनलाइन भुगतान व्यवस्था।

- हवा की गुणवŸाा एवं मौसम की मोनिटरिंग के लिए एप।

- यातायात नियमों के उल्लंघन, ठोस कचरे के निस्तारण जैसी समस्याओं के लिए मोबाइल एप।

पूरे शहर के लिए ये प्रस्ताव

ऽ यातायात के एक से अधिक साधनों का उपयोग करने के लिए स्मार्ट मोबिलिटी के तहत ओपन स्टैण्डर्डस बेस्ड फेयर कार्ड एवं टिकटिंग प्रणाली

ऽ जयपुर मल्टी मोडल पब्लिक ट्रांजिट सेंट्रल आॅपरेशन्स एण्ड मैनेजमेंट सेंटर

ऽ पब्लिक इनफाॅरमेशन एवं यात्रा प्लानिंग

ऽ स्मार्ट ठोस कचरा प्रबन्धन

गुरुवार, 23 जून 2016

जयपुर काम दिलाने के बहाने सुनसान स्थान पर ले जाकर महिला से रेप, दी जान से मारने की धमकी



जयपुर काम दिलाने के बहाने सुनसान स्थान पर ले जाकर महिला से रेप, दी जान से मारने की धमकी


भांकरोटा थाना इलाके में एक महिला ने ठेकेदार पर काम दिलाने के बहाने सुनसान स्थान पर ले जाकर रेप करने का आरोप लगाया है। पुलिस आज इस मामले में पीडि़ता का मेडिकल करवा सकती है। पुलिस के अनुसार नरैना निवासी 30 वर्षीय महिला ने मामला दर्ज करवाया कि वह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करती है।


काम दिलाने के बहाने सुनसान स्थान पर ले जाकर महिला से रेप, दी जान से मारने की धमकी




ठेकेदार सत्यनारायण ने उसे कई बार काम दिलवाया है और समय पर उसकी मजदूरी दी है। आरोपी एक दिन उसे काम दिलाने के बहाने अपने साथ रिंग रोड तन महापुरा ले गया और सुनसान स्थान पर उसके साथ रेप किया। आरोपी ने उसे घटना के बारें में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी।







इस कारण महिला कुछ दिन तक खामोश रही। महिला के गुमशुम रहने पर परिजनों ने इस बारें में पूछा तो उसने अपनी आपबीती बताई। इस पर परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे और मामला दर्ज करवाया।

शुक्रवार, 17 जून 2016

जयपुर।बारात बनी जंग-ए-मैदान, दूल्हे के पिता ने घोड़ी वाले के जड़ा थप्पड़, फिर बारातियों पर पिल पड़े लवाजमे वाले



जयपुर।बारात बनी जंग-ए-मैदान, दूल्हे के पिता ने घोड़ी वाले के जड़ा थप्पड़, फिर बारातियों पर पिल पड़े लवाजमे वाले


बस्सी के बांसखोह में बीती रात मामूली कहासुनी में इतना विवाद हो गया। यहां आई एक बारात को स्थानीय लवाजमा वालों ने जमकर पीट दिया। कुछ बाराती तो देर रात ही भाग छूटे। दूल्हे और उसके परिजनों को आखिर पुलिस की मदद लेनी पड़ी। हालात इतने खराब हो गए कि पुलिस प्रोटेक्शन में बारात निकालनी पड़ गई। बस्सी पुलिस ने इस विवाद में कुछ लोगों को हिरासत में लिया है।
बारात बनी जंग-ए-मैदान, दूल्हे के पिता ने घोड़ी वाले के जड़ा थप्पड़, फिर बारातियों पर पिल पड़े लवाजमे वाले


थप्पड़ के बाद बढ़ गया विवाद

पुलिस ने बताया कि बांसखोह गांव में रहने वाली एक व्यक्ति की पुत्री की बीती रात शादी थी। बारात रायसर से आई थी। दूल्हे के पिता ने बांसखोह से ही घोड़ी-बाजे और अन्य लवाजमा किया था। बारात दूल्हन के घर के लिए रवाना हुई। घोड़ी के आगे डीजे पर बाराती नाचने-कूदने लगे। इसी बीच घोड़ी वाले और एक बाराती में नाचने-कूदने की बात को लेकर विवाद हो गया। विवाद शांत होता इससे पहले ही बाराती ने घोड़ी वाले को जोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया। बस यहीं से मामला भड़क गया।

घोड़ी और बाजे वालों ने मिलकर बारातियों को पीटना शुरु कर दिया। अन्य स्थानीय लोगों ने भी बाजे वालों का साथ दिया। देखते ही देखते हालात इतने खराब हो गए कि बहुत से बाराती तो बारात छोड़कर भाग छूटे। दोनो पक्षों की ओर से पत्थर भी बरसाए गए।




दूल्हे के पिता, दूल्हा और कुछ अन्य लोग एक कोने में दुबक गए। देर रात करीब सवा ग्यारह बजे पुलिस को इस घटनाक्रम के बारे में सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और बचे हुए बारातियों को पुलिस सुरक्षा देकर वधु पक्ष के घर लाया गया। वहां पुलिस के पहरे में ही फेरे हुए। शुक्रवार सुबह तक पुलिस वहां पर तैनात थी।




देर रात कुछ लोगों के चोटें आई तो पुलिस ने उनको बस्सी सीएचसी में भर्ती कराया। देर रात ही इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

गुरुवार, 9 जून 2016

जयपुर बीजेपी का राजयसभा चुनाव प्रशिक्षण विधायकों को


जयपुर बीजेपी का राजयसभा चुनाव प्रशिक्षण विधायकों को 
राज्यसभा चुनाव के लिए जयपुर ग्रीन होटल में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के साथ मतदान प्रक्रिया के प्रशिक्षण के दौरान निर्दलीय विधायक नन्द किशोर महारिया।

भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के साथ मतदान प्रक्रिया के प्रशिक्षण के दौरान निर्दलीय विधायक नरेन्द्र कुमार

जमींदारा पार्टी की विधायक सोना देवी।

भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के साथ मतदान प्रक्रिया के प्रशिक्षण के दौरान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विधायक अशोक परनामी।

राज्यसभा चुनाव के लिए गुरूवार को जयपुर ग्रीन होटल में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के साथ मतदान प्रक्रिया के प्रशिक्षण के दौरान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे।

भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के साथ मतदान प्रक्रिया के प्रशिक्षण के दौरान जमींदारा पार्टी की विधायक कामिनी जिंदल।

मतदान प्रक्रिया के प्रशिक्षण के दौरान भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह।

मतदान प्रक्रिया के प्रशिक्षण के दौरान निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह।

शनिवार, 4 अक्तूबर 2014

पिंक सिटी जयपुर का शाही पैलेस हवा महल श्री राधाकृष्ण को समर्पित है

पिंक सिटी जयपुर का शाही पैलेस हवा महल महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर है। जयपुर जाने वाले पयर्टकों के लिए यह आकर्षण का मुख्य केंद्र है। हवा महल का निर्माण 1799 में श्री कृष्ण भक्त महाराजा सवाइर् प्रताप सिंह ने करवाया था। यह महल राधा व कृष्ण को समर्पित है।श्री राधाकृष्ण को समर्पित है हवामहल
यह महल गुलाबी पत्थरों से बना हुआ है। इस महल की डिजाईन लाल चंद उस्‍ता ने बनाई थी। इस महल का निर्माण विशेष रूप से महिलाओं के लिए किया गया था ताकि वह जाली स्‍क्रीन के माध्‍यम से शाही जुलूस के दृश्‍यों का आनंद उठा सकें।

पिरामिड आकार के इस महल में लगभग 953 खिड़कियां हैं। जिन्हें झरोखा कह कर संबोधित किया जाता है। झरोखों से ठंडी हवा का समावेश होने के कारण यह महल भीतर से सदा ठंडा रहता है। इन खिड़कियों में से बहती हवा महल के भीतर आकर वातानुकूलन का कार्य करती है। सैकड़ों खिडकियों में से हवा के प्रवाह के कारण ही इस महल को ’हवामहल’ कहा जाता है। महल की छोटी बालकनी और छत से टंगी छजली महल की खूबसूरती में चार चांद लगाती है।

हवा महल की खिडकियों में रंगीन शीशों का अनूठा शिल्प देखने को मिलता है। जब सूरज की किरणें इसके रंगीन शीशों में प्रवेश करती हैं तो हवा महल के कमरों में इन्द्रधनुष की छटा बिखर जाती है। घूबसूरती की ऐसी छटा बिखरती है जिसका शब्दों में व्याख्यान कर पाना मुमकिन नहीं है।

इतिहास के झरोखे पर दृष्टि डाले तो ज्ञात होता है जयपुर शहर देश योजना के अंतर्गत बनाया गया पहला शहर था। इसकी स्थापना राजा जयसिंह ने अपनी राजधानी आमेर में बढ़ती आबादी और पानी की समस्या को ध्यान में रखते हुए की थी।1876 में जब वेल्स के राजकुमार यहां आए तो महाराजा राम सिंह के आदेश से पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगा दिया गया। उसी के बाद से ये शहर 'गुलाबी नगरी' के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

जयपुर का क्षेत्र 200 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक है। पर्यटकों के लिए यहां घुमने लायक बहुत से स्थल हैं जो राजपूतों के वास्तुशिल्प के बेजोड़ नमूने हैं। यहां बहुत से ऐतिहासिक स्थल देखने को मिलते हैं जैसे जलमहल, जंतर-मंतर, आमेर महल, नाहरगढ़ का किला और आमेर का किला लेकिन इन सभी में खास है हवामहल। यह पांच मंजिला शानदार इमारत दरअसल सिटी पैलेस के ’जनान-खाने’ यानि कि हरम का ही एक हिस्सा है।

इस दो चौक की पांच मंजिली इमारत के प्रथम तल पर शरद ऋतु के उत्सव मनाए जाते थे। दूसरी मंजिल जडाई के काम से सजी है इसलिए इसे रतन मन्दिर कहते हैं। तीसरी मंजिल विचित्र मन्दिर में महाराजा अपने आराध्य श्री कृष्ण की पूजा-आराधना करते थे। चौथी मंजिल प्रकाश मन्दिर है और पांचवीं हवा मन्दिर जिसके कारण यह महल हवामहल कहलाता है। यदि सिरह ड्योढी बाजार में खडे होकर देखें तो हवामहल की आकृति श्री कृष्ण के मुकुट के समान दिखती है जैसा कि महाराजा प्रताप सिंह इसे बनवाना चाहते थे।

कब जाएं हवा महल की सैर करने- राजस्थान की चिलचिलाती गर्मी झुलसाने वाली होती है इसलिए हवा महल की सैर करने का प्रोग्राम सर्दियों के मौसम में ही बनाएं।

कैसे जाया जाए हवा महल- राजस्थान की राजधानी होने के कारण जयपुर को हवाई, रेल और सड़क सभी मार्गों से जोड़ा गया है। जयपुर का रेलवे स्टेशन भारतीय रेल सेवा की ब्रॉडगेज लाइन नेटवर्क का केंद्रीय स्टेशन है।

शनिवार, 19 जुलाई 2014

रोडवेज नहीं होगा बंद-मुख्यमंत्री

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रोडवेज को बंद करने और बस अड्डों का निजीकरण करने की आशंकाओं के बीच भरोसा दिलाया कि रोडवेज को बंद नहीं किया जाएगा और न हीं इसके कर्मचारियों की नौकरी पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ेगा। राजे ने शुक्रवार को विधानसभा में बजट पर बहस का जवाब देते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य रोडवेज के हालात सुधार कर इसे लाभ की स्थिति में लाना है। उन्होंने कहा कि रोडवेज को बंद करने और बस अड्डों के निजीकरण की आशंकाएं आधारहीन एवं तथ्यों से परे हैं।
Roadways not will be closed-CM

आरएसआरटीसी को बंद करने का कोई कार्यक्रम नहीं हैं। सरकार आरएसआरटीसी को और सशक्त बनाना चाहते हैं। आम जनता को सुगम एवं सुरक्षित परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक योजनाबद्ध रिफॉर्म लिंक्ड असिस्टेंस प्रोग्राम के तहत डि नेशनलाइजेशन किया जा रहा है। साथ ही राजस्थान स्टेट बस पोर्ट सर्विसेज कॉर्पोरशेन गठित कर रहे हैं। यह कॉर्पोरेशन एक पब्लिक सेक्टर अण्डरटेकिंग होगा, जिसको निजी हाथों में नहीं दिया जाएगा। राज्य परिवहन निगम भी अपनी ऑपरेशनल परफॉरमेंस सुधारने के उद्देश्य से अपनी बस फ्लीट में वृद्धि भी कर सकेगा एवं अपनी सेवाओं को प्रतिस्पर्घा माहौल में बेहतर बनाएगा, जिससे लोगों को सड़क परिवहन में सुरक्षा और सुगमता रहेगी।

आरएसआरटीसी को घाटे की स्थिति से उबारने के लिए बस स्टैण्ड की भूमियों की एवज में अतिरिक्त अंश पूंजी दी जाएगी। इस साल 360 करोड़ रूपए की अंश पूंजी देने का प्रावधान किया गया है। रिफॉर्म लिंक्ड असिस्टेंस कार्यक्रम के तहत आरएसआरटीसी की ऑपरेशनल परफॉरमेंस और प्रोफेटिब्लिटी सुधारी जाएगी। सरकार आरएसआरटीसी को घाटे की स्थिति से उबारने के लिए 10 करोड़ प्रतिमाह की सहायता भी देगी। नई बसों की खरीद पर कोई रोक नहीं हैं। आरएसआरटीसी सरकार की स्वीकृति लेकर नई बसें खरीद सकती है।  

रविवार, 26 जनवरी 2014

मुख्यमंत्री राजे ने ने आम टी स्टाल पर चाय पी । जीता लोगो का दिल


-मुख्यमंत्री राजे ने ने आम टी स्टाल पर चाय पी । जीता लोगो का दिल


जयपुर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रविवार को बड़ी चौपड़ पर ध्वजारोहण के बाद लौटते समय अचानक छोटी चौपड़ पर स्थित लक्ष्मीनारायण साहू कि चाय के ठेले पर गाड़ी रुकबवा कर आम आदमी कि तरह एक कट चाय को आर्डर दिया। अचानक अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर जयपुर के लोग निहाल से हो गए। वसुंधरा ने सामान्य कांच कि गिलास में ही चाय पी। आम जन से वार्तालाप भी किया। वसुंधरा ने कहा कि आम के प्रति आदर सम्मान बेहद जरुरी हें। इन लोगो करे सुख दुःख में हमारी भागीदारी रहेगी। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी के नाम पर लगने वाले नमो टी स्टाल और चाय वालो से दोस्ती कि राजनीती कि तर्ज पर वसुंधरा ने अच्छा आगाज़ किया। वसुंधरा ने कहा कि चाय वालो के प्रति मेरा पूरा आदर सम्मान हें।

सोमवार, 14 अक्तूबर 2013

राजस्थान दर्शन। गुलाबी नगर जयपुर की सैर

राजस्थान दर्शन। गुलाबी नगर जयपुर की सैर 


भारत के एतिहासिक एवं सांस्कृतिक राज्यों में राजस्थान अग्रणीय है। प्राचीन सभ्यता में डूबे हुए शहर की विविधता हर रूप में उभर कर आती है। राजस्थान की राजधानी जयपुर एक प्राचीन शहर है जो गुलाबी शहर के नाम से भी प्रसिद्ध है। इसकी पश्चिम ओर स्थित है थार मरुभूमि जो दुनिया के मशहूर रेगिस्तानों में से एक है।  

आकर्षक पर्यटन स्थल

शहर में बहुत से पर्यटन आकर्षण हैं, जैसे जंतर मंतर, जयपुर, हवा महल, सिटी पैलेस, गोविंद देवजी का मंदिर, बी एम बिड़ला तारामण्डल, आमेर का किला, जयगढ़ दुर्ग आदि। जयपुर के रौनक भरे बाजारों में दुकानें रंग बिरंगे सामानों से भरी हैं , जिनमें हथकरघा उत्पाद, बहुमूल्य पत्थर, हस्तकला से युक्त वनस्पति रंगों से बने वस्त्र, मीनाकारी आभूषण, पीतल का सजावटी सामान,राजस्थानी चित्रकला के नमूने, नागरा-मोजरी जूतियाँ, ब्लू पॉटरी, हाथीदांत के हस्तशिल्प और सफ़ेद संगमरमर की मूर्तियां आदि शामिल हैं। प्रसिद्ध बाजारों में जौहरी बाजार, बापू बाजार, नेहरू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार और एम.आई. रोड़ के साथ लगे बाजार हैं ।

सिटी पैलेस
राजस्थानी व मुगल शैलियों की मिश्रित रचना एक पूर्व शाही निवास जो पुराने शहर के बीचोंबीच है। भूरे संगमरमर के स्तंभों पर टिके नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों ले अलंकृत है। संगमरमर के दो नक्काशीदार हाथी प्रवेश द्वार पर प्रहरी की तरह खड़े है। जिन परिवारों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी राजाओं की सेवा की है। वे लोग गाइड के रूप में कार्य करते है। पैलेस में एक संग्राहलय है जिसमें राजस्थानी पोशाकों व मुगलों तथा राजपूतों के हथियार का बढ़िया संग्रह हैं। इसमें विभिन्न रंगों व आकारों वाली तराशी हुई मूंठ की तलवारें भी हैं, जिनमें से कई मीनाकारी के जड़ऊ काम व जवाहरातों से अलंकृत है तथा शानदार जड़ी हुई म्यानों से युक्त हैं। महल में एक कलादीर्घा भी हैं जिसमें लघुचित्रों, कालीनों, शाही साजों सामान और अरबी, फारसी, लेटिन व संस्कृत में दुर्लभ खगोल विज्ञान की रचनाओं का उत्कृष्ट संग्रह है जो सवाई जयसिंह द्वितीय ने विस्तृत रूप से खगोल विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्राप्त की थी।

जंतर मंतर
एक पत्थर की वेधशाला। यह जयसिंह की पाँच वेधशालाओं में से सबसे विशाल है। इसके जटिल यंत्र, इसका विन्यास व आकार वैज्ञानिक ढंग से तैयार किया गया है। यह विश्वप्रसिद्ध वेधशाला जिसे २०१२ में यूनेस्को ने विश्व धरोहरों में शामिल किया है, मध्ययुगीन भारत के खगोलविज्ञान की उपलब्धियों का जीवंत नमूना है! इनमें सबसे प्रभावशाली रामयंत्र है जिसका इस्तेमाल ऊंचाई नापने के लिए किया जाता है।

हवा महल

ईसवी सन् 1799 में निर्मित हवा महल राजपूत स्थापत्य का मुख्य प्रमाण चिन्ह। पुरानी नगरी की मुख्य गलियों के साथ यह पाँच मंजिली इमारत गुलाबी रंग में अर्धअष्टभुजाकार और परिष्कृत छतेदार बलुए पत्थर की खिड़कियों से सुसज्जित है। शाही स्त्रियां शहर का दैनिक जीवन व शहर के जुलूस देख सकें इसी उद्देश्य से इमारत की रचना की गई थी।

गोविंद देवजी का मंदिर

भगवान कृष्ण का जयपुर का सबसे प्रसिद्ध, बिना शिखर का मंदिर। यह चन्द्रमहल के पूर्व में बने जन-निवास बगीचे के मध्य अहाते में स्थित है। संरक्षक देवता गोविंदजी की मूर्ति पहले वृंदावन के मंदिर में स्थापित थी जिसको सवाई जयसिंह द्वितीय ने अपने परिवार के देवता के रूप में यहाँ पुनः स्थापित किया था।

सरगासूली-
(ईसर लाट) - त्रिपोलिया बाजार के पश्चिमी किनारे पर उच्च मीनारनुमा इमारत जिसका निर्माण ईसवी सन् 1749 में सवाई ईश्वरी सिंह ने अपनी मराठा विजय के उपलक्ष्य में करवाया था।

रामनिवास बाग
एक चिड़ियाघर, पौधघर, वनस्पति संग्रहालय से युक्त एक हरा भरा विस्तृत बाग, जहाँ खेल का प्रसिद्ध क्रिकेट मैदान भी है। बाढ राहत परियोजना के अंतर्गत ईसवी सन् 1865 में सवाई राम सिंह द्वितीय ने इसे बनवाया था। सर विंस्टन जैकब द्वारा रूपांकित, अल्बर्ट हाल जो भारतीय वास्तुकला शैली का परिष्कृत नमूना है, जिसे बाद में उत्कृष्ट मूर्तियों, चित्रों, सज्जित बर्तनों, प्राकृतिक विज्ञान के नमूनों, इजिप्ट की एक ममी और फारस के प्रख्यात कालीनों से सुसज्जित कर खोला गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रेक्षागृह के साथ रवीन्द्र मंच, एक आधुनिक कलादीर्घा व एक खुला थियेटर भी इसमें बनाया गया हैं।
गुड़िया घर 
पुलिस स्मारक के पास मूक बधिर विद्यालय के अहाते में विभिन्न देशों की प्यारी गुड़ियाँ यहाँ प्रदर्शित हैं (समयः 12 बजे से सात बजे तक)


बी एम बिड़ला तारामण्डल
(समयः 12 बजे से सात बजे तक)- अपने आधुनिक कम्पयूटरयुक्त प्रक्षेपण व्यवस्था के साथ इस ताराघर में श्रव्य व दृश्य शिक्षा व मनोरंजनों के साधनों की अनेखी सुविधा उपलब्घ है। विद्यालयों के दलों के लिये रियायत उपलब्ध है। प्रत्येक महीने के आखिरी बुघवार को यह बंद रहता है।

गलताजी

एक प्राचीन तार्थस्थल, निचली पहाड़ियों के बीच बगीचों से परे स्थित। मंदिर, मंडप और पवित्र कुंडो के साथ हरियाली युक्त प्राकृतिक दृश्य इसे आनन्ददायक स्थल बना देते हैं। दीवान कृपाराम द्वारा निर्मित उच्चतम चोटी के शिखर पर बना सूर्य देवता का छोटा मंदिर शहर के सारे स्थानों से दिखाई पड़ता है।

जैन मंदिर
आगरा मार्ग पर बने इस उत्कृष्ट जैन मंदिर की दीवारों पर जयपुर शैली में उन्नीसवीं सदी के अत्यधिक सुंदर चित्र बने हैं।

मोती डूंगरी और लक्ष्मी नारायण मंदिर
मोती डूंगरी एक निजी पहाड़ी ऊंचाई पर बना किला है जो स्कॉटलैण्ड के किले की तरह निर्मित है। कुछ वर्षों पहले, पहाड़ी पादगिरी पर बना गणेश मंदिर और अद्भुत लक्ष्मी नारायण मंदिर भी उल्लेखनीय है।

स्टैच्यू सर्किल 
चक्कर के मध्य सवाई जयसिंह का स्टैच्यू बहुत ही उत्कृष्ट ढंग से बना हुआ है। इसे जयपुर के संस्थापक को श्रद्धांजलि देने के लिए नई क्षेत्रीय योजना के अंतर्गत बनाया गया है। इस में स्थापित सवाई जयसिंह की भव्यमूर्ति के मूर्तिशिल्पी स्व.महेंद्र कुमार दास हैं।

अन्य स्थल
आमेर मार्ग पर रामगढ़ मार्ग के चौराहे के पास रानियों की याद में बनी आकर्षक महारानी की कई छतरियां है। मानसागर झील के मध्य, सवाई माधोसिंह प्रथम द्वारा निर्मित जल महल, एक मनोहारी स्थल है। परिष्कृत मंदिरों व बगीचों वाले कनक वृंदावन भवन की पुरातन पूर्णता को विगत समय में पुनर्निर्मित किया गया है। इस सड़क के पश्चिम में गैटोर में शाही शमशान घाट है जिसमें जयपुर के सवाई ईश्वरी सिंह के सिवाय समस्त शासकों के भव्य स्मारक हैं। बारीक नक्काशी व लालित्यपूर्ण आकार से युक्त सवाई जयसिंह द्वितीय की बहुत ही प्रभावशाली छतरी है। प्राकृतिक पृष्ठभूमि से युक्त बगीचे आगरा मार्ग पर दीवारों से घिरे शहर के दक्षिण पूर्वी कोने पर घाटी में फैले हुए हैं।

गैटोर
सिसोदिया रानी के बाग में फव्वारों, पानी की नहरों, व चित्रित मंडपों के साथ पंक्तिबद्ध बहुस्तरीय बगीचे हैं व बैठकों के कमरे हैं। अन्य बगीचों में, विद्याधर का बाग बहुत ही अच्छे ढ़ग से संरक्षित बाग है, इसमें घने वृक्ष, बहता पानी व खुले मंडप हैं। इसे शहर के नियोजक विद्याधर ने निर्मित किया था।

आमेर

यह कभी सात सदी तक ढूंडार के पुराने राज्य के कच्छवाहा शासकों की राजधानी थी। 
आमेर और शीला माता मंदिर - लगभग दो शताब्दी पूर्व राजा मान सिंह, मिर्जा राजा जयसिंह और सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित महलों, मंडपों, बगीचों और मंदिरों का एक आकर्षक भवन है। मावठा झील के शान्त पानी से यह महल सीधा उभरता है और वहाँ सुगम रास्ते द्वारा पहुंचा जा सकता है। सिंह पोल और जलेब चौक तक अकसर पर्यटक हाथी पर सवार होकर जाते हैं। चौक के सिरे से सीढ़ियों की पंक्तियाँ उठती हैं, एक शिला माता के मंदिर की ओर जाती है और दूसरी महल के भवन की ओर। यहां स्थापित करने के लिए राजा मानसिंह द्वारा संरक्षक देवी की मूर्ति, जिसकी पूजा हजारों श्रद्धालु करते है, पूर्वी बंगाल (जो अब बंगला देश है) के जेसोर से यहां लाई गई थी। एक दर्शनीय स्तंभों वाला हॉल दीवान-ए-आम और एक दोमंजिला चित्रित प्रवेशद्वार, गणेश पोल आगे के प्रांगण में है। गलियारे के पीछे चारबाग की तरह का एक रमणीय छोटा बगीचा है जिसकी दाई तरफ सुख निवास है और बाई तरफ जसमंदिर। इसमें मुगल व राजपूत वास्तुकला का मिश्रित है, बारीक ढंग से नक्काशी की हुई जाली की चिलमन, बारीक शीशों और गचकारी का कार्य और चित्रित व नक्काशीदार निचली दीवारें । मावठा झील के मध्य में सही अनुपातित मोहन बाड़ी या केसर क्यारी और उसके पूर्वी किनारे पर दिलराम बाग ऊपर बने महलों का मनोहर दृश्य दिखाते है।



पुराना शहर - कभी राजाओं, हस्तशिल्पों व आम जनता का आवास आमेर का पुराना क़स्बा अब खंडहर बन गया है। आकर्षक ढंग से नक्काशीदार व सुनियोजित जगत शिरोमणि मंदिर, मीराबाई से जुड़ा एक कृष्ण मंदिर, नरसिंहजी का पुराना मंदिर व अच्छे ढंग से बना सीढ़ियों वाला कुआँ, पन्ना मियां का कुण्ड समृद्ध अतीत के अवशेष हैं ।

जयगढ़ किला

मध्ययुगीन भारत के कुछ सैनिक इमारतों में से एक। महलों, बगीचों, टांकियों, अन्य भन्डार, शस्त्रागार, एक सुनोयोजित तोप ढलाई-घर, अनेक मंदिर, एक लंबा बुर्ज और एक विशालकाय तोप - जयबाण जो देश की सबसे बड़ी तोपों में से एक है। जयगढ़ के फैले हुए परकोटे, बुर्ज और प्रवेश द्वार पश्चिमी द्वार क्षितिज को छूते हैं. नाहरगढः जयगढ की पहाड़ियों के पीछे स्थित गुलाबी शहर का पहरेदार है - नाहरगढ़ किला। यद्यपि इसका बहुत कुछ हिस्सा ध्वस्त हो गया है, फिर भी सवाई मान सिंह द्वितीय व सवाई माधोसिंह द्वितीय द्वारा बनाई मनोहर इमारतें किले की रौनक बढाती हैं सांगानेर (१२ किलोमीटर) - यह टोंक जाने वाले राजमार्ग पर स्थित है। इसके ध्वस्त महलों के अतिरिक्त, सांगानेर के उत्कृष्ट नक्काशीदार जैन मंदिर है। दो त्रिपोलिया (तीन मुख्य द्वार ) के अवशेषो द्वारा नगर में प्रवेश किया जाता है।


व्यंजन
यहां के स्वादिष्ट व्यंजन पर्यटकों को बहुत रास आते हैं। दाल-बाटी, चूरमा मुख्य व्यंजन है। एमआई रोड पर मन को लुभाने वाली विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ मिलती हैं। चोखी ढाणी में पारम्पिरक सभ्यता के अनुसार भोजन परोसा जाता है। तरह-तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं। जैसे कि गतला, खेर सारंगी, बाजरे की रोटी एवं लहसुन-मिर्ची की चटनी। ग्रामीण सभ्यता के अनुसार शर्मा ढाबा में नान, चटनी एवं पनीर मसाला बहुत ही लोकप्रिय है।

खरीदारी के लिए 

पर्यटकों के पास अनगिनत वस्तुएँ उपलब्ध हैं खरीदने के लिए। ब्लॉक प्रिंटिंग, बंधिश, रजाई, वस्त्र, पारम्परिक तरीके से बनाए गए सोने एवं चाँदी के गहने मिलते है। जौहरी बाजार के गोपालजी के रास्ते में कई प्रकार के गहने मिलते हैं। संगानेर क्षेत्र हाथ से कारीगरी किए हुए कपड़े पर ब्लॉक प्रिंट की गई थी।