रविवार, 4 नवंबर 2018

*थार की चुनावी रणभूमि 2018* *सरहद का एक गांव जंहा पानी बिजली तो नही धर्म की राजनीति जरूर पहुंची,मूलभूत सुविधाओं के प्रति नही पर मतदान के प्रति जागरूक*

*थार की चुनावी रणभूमि 2018*

*सरहद का एक गांव जंहा पानी बिजली तो नही धर्म की राजनीति जरूर पहुंची,मूलभूत सुविधाओं के प्रति नही पर मतदान के प्रति जागरूक*

*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की खास रिपोर्ट*

बाडमेर पाकिस्तान की सीमा से पांच किलोमीटर पहले राजस्थान के बाड़मेर के कैरकोरी गांव में रहनेवाले शरीफ़ को जितनी प्यास लगती है, वो उससे आधा पानी ही पीते हैं.

शरीफ़ कहते हैं कि पानी बचाना ज़रूरी है क्योंकि यहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, यहां कपड़े भी 20 दिन बाद धोए जाते हैं.

बारिश होती है तो गांव के कुंए में पानी भर जाता है बाकी समय घर की महिलाएं पांच किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाती हैं और मटका भरकर पानी लाती हैं.

पानी ला दो...
हाथ जोड़कर मुझे कहते हैं, "कुछ भी करके पानी ला दो. हमें बस पानी चाहिए. इस बालू के बीच हमारा गला हमेशा सूखा रहता है और हमारे पशु मर जाते हैं."

उनके हाथ नीचे कर मैं कहता  हूं कि मैं सरकार नहीं पत्रकार हूं. इस पर वो कहते हैं, "सरकार तो पांच साल में एक बार ही हमारे पास आती है और उसे चुनने का हक जताने के लिए भी हमें ही पांच किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है."

'सड़क नहीं'
बाड़मेर शहर से क़रीब 120 किलोमीटर दूर बसे कैरकोरी गांव में 30 से अधिक परिवार रहते हैं और 90 पंजीकृत वोटर हैं.

गांव के आसपास सात किलोमीटर तक कोई सड़क नहीं, सिर्फ बालू है. हमने ये रास्ता एक बड़ी गाड़ी में तय किया था. गांववाले रोज़ पैदल ही करते हैं.

गांव में बिजली के तार आए हैं लेकिन बिजली नहीं है. ठीक वैसे ही जैसे पानी की पाइप लाइन और टंकी तो है पर सालों से टूटी हुई है.

चुनावी मौसम
एक बुज़ुर्ग महिला मुझे पास बुलाकर कान में कहती हैं, "बेटा उम्र बीत गई पानी का घड़ा ढोते-ढोते लेकिन पानी यहां नहीं आया."

जो यहां आई और रह गई, वो है उम्मीद. चुनाव से और चुनावी मौसम में एक बार दर्शन देने वाले नेताओं से.

हैरानी हुई ये जानकर कि मतदान के बारे में सबका मत एक है कि वोट तो ज़रूर डालना है. ये हक वो हताशा के आगे नहीं छोड़ना चाहते.

ये अलग बात है कि एक झोंपड़ी में दो अध्यापकों के साथ दो महीने पहले शुरू हुए इस स्कूल को कैरकोरी का रास्ता तय करने में आज़ादी के बाद भी छह दशक से ज़्यादा लग गए.

'धर्म की राजनीति'
जाते-जाते एक महिला से मैं पूछ बैठी कि कौन सी पार्टी पसंद है? वो बोलीं, "कांग्रेस, उसी को वोट दूंगी. हमारे नेता कांग्रेस से हैं और मुसलमान हैं. हम भी मुसलमान हैं. बस इसलिए."

मेरा मुंह खुला का खुला रह गया. सोचने लगा कि जिस गांव में ना पानी पहुंचा, ना बिजली, ना सड़क का रास्ता, ना शिक्षा की बयार, वहां के लोगों को धर्म की राजनीति का पाठ किसने पढ़ा दिया?

*96 लाख नकदी व दो क्विंटल चांदी सहित 2 गिरफ्तार*

*96 लाख नकदी व दो क्विंटल चांदी सहित  2 गिरफ्तार*

*अजमेर/ रेलवे स्टेशन पर देर रात आश्रम एक्सप्रेस में एटीएस व जीआरपी व इनकम टैक्स   की सयुक्त कार्रवाई, ट्रेन के लगेज की बोगी में बोरों में 96 लाख की भरी नकदी और दो किलो चांदी के बर्तन जब्त,करीब जब्त किये ,डेढ़ क्विंटल चांदी भी मिली है बोरे में भरी हुई ,बड़ी मात्रा  में नगदी व चांदी मिलने की सूचना पर सवेरे 4 बजे किया गया खुलासा*

*सिवाणा विधायक हमसा के खिलाफ़ कार्यकर्ताओं की बगावत,टिकट नही लेने देंगे*

*सिवाणा विधायक हमसा के खिलाफ़ कार्यकर्ताओं की बगावत,टिकट नही लेने देंगे*

*चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीति के रंग ढंग बदलने लगे।।रणकपुर में जिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने वसुंधरा राजे के खास विधायक हमीर सिंह भायल हमसा को पुनः टिकट देने की पुरजोर मांग की थी।।वो रंग कार्यकर्ताओं पर दस दिन में उतर गया।।गत दिनों सिवाणा में आयोजित पार्टी बैठक में कार्यकर्ताओं का गुस्सा हमसा के प्रति फुट पड़ा।।कार्यकर्ताओ ने हमसा पर पांच साल अनदेखी का आरोप लगाया साथ ही यह भी कहते सुने गए कि विरोध करने की हमारी औकात नही थी।काम तो काम ढंग से पेश नही आते ।बैठक में सिवाणा भाजपा ने एक स्वर सिवाणा से भाजपा प्रत्यासी हमसा के अलावा किसी को भी बनाने का प्रस्ताव रखा।बैठक में कार्यकर्ताओं का आक्रोश हमसा की कार्यशैली को लेकर चरम पर था। सोसल मीडिया पर यह वीडियो वायरल भी तेजी से हो रहा।।भाजपा ने पूर्व में ही हमीर सिंह को संकेत दे दिए थे कि इस बार उन्हें टिकट देने में असमर्थ है।इस बार सिवाणा से भाजपा राजपुरोहित को टिकट देने जा रही है। वसुंधरा राजे कान सिंह कोटड़ी के पक्ष में थी।चूंकि गत चुनाव में हमीर सिंह को टिकट दिलाने में मानवेन्द्र सिंह का अहम रोल था। पांच साल विधायक रहने के बावजूद हमसा कार्यकर्ताओं में पैठ नही बना सके।।सिवाणा में इस बार चुनाव दिलचस्प होने वाले है।।क्योंकि भाजपा द्वारा राजपूत बाहुल्य सीट पर राजपूत को टिकट नही देने पर राजपूत भाजपा के साथ खड़े रहते है या नही यह दिलचस्प होगा।

चेतन डूडी को टिकट की अटकलों पर ज्योति मिर्धा समर्थकों का हंगामा, कांग्रेस छोड़ने की चेतावनी


चेतन डूडी को टिकट की अटकलों पर ज्योति मिर्धा समर्थकों का हंगामा, कांग्रेस छोड़ने की चेतावनी

चेतन डूडी को टिकट की अटकलों पर ज्योति मिर्धा समर्थकों का हंगामा, कांग्रेस छोड़ने की चेतावनी
नागौर जिले के डीडवाना विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के टिकटार्थियों के बीच कलह शनिवार को खुलकर सामने आई. चेतन डूडी को पार्टी से टिकट दिए जाने की अटकलों के बीच डीडवाना से कांग्रेस की पूर्व प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के समर्थकों ने जयपुर स्थित पीसीसी कार्यालय पर हंगामा खड़ा कर दिया. डीडवाना से जयपुर पहुंचे मिर्धा समर्थकों ने चेतन डूडी को टिकट देने पर पार्टी छोड़ने तक की चेतावनी दे डाली.



समर्थकों का कहना है कि टिकट को लेकर ज्योति मिर्धा से राय ली जाए. प्रदेश के पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में सिर्फ 2700 वोट से मिर्धा चूक गई थीं. समर्थकों का आरोप है कि उस दौर में चेतन और उनके परिवार ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया था.गौरतलब है कि ज्योति मिर्धा नागौर से एक बार सांसद रह चुकी हैं. 2009 से 2014 तक सांसद रहने के बाद पिछले चुनाव में सीआर चौधरी के सामने मिर्धा को हार का मुंह देखना पड़ा था.

उधर, एक दिन पहले भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय के बाहर टिकटार्थियों के समर्थकों में जमकर हंगाम हो चुका है. आपस में कहासुनी के बाद प्रदेश कांग्रेस सचिव प्रशांत बैरवा के विरोधी और समर्थकों में जमकर हाथापाई हुई. निवाई से बैरवा की दावेदारी पर विरोधी गुट और समर्थकों के बीच हुई इस हाथापाई के दौरान पीसीसी के बाहर जमकर नारेबाजी भी हुई.

'तेजप्रताप नॉर्थ तो ऐश्वर्या साउथ पोल', लालू यादव की 2 घंटे की मुलाकात, क्या बना पाएगी बात? 10 बातें


'तेजप्रताप नॉर्थ तो ऐश्वर्या साउथ पोल', लालू यादव की 2 घंटे की मुलाकात, क्या बना पाएगी बात? 10 बातें

'तेजप्रताप नॉर्थ तो ऐश्वर्या साउथ पोल', लालू यादव की 2 घंटे की मुलाकात, क्या बना पाएगी बात? 10 बातें
नई दिल्ली: बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार में अभी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की तलाक की अर्जी ने परिवार के भीतर 'भूचाल' ला दिया है. तेजप्रताप यादव ने अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक की अर्जी दी है. हालांकि, यादव परिवार में तेजप्रताप यादव को मान-मनौवल का दौर चल रहा है, मगर तेजप्रताप यादव के जिस तरह के तेवर दिख रहे हैं, उससे लग नहीं रहा कि लालू परिवार की मुश्किलें कम होंगी. बहरहाल, राजद नेता तेज प्रताप यादव ने शनिवार को रांची स्थित एक अस्पताल में अपने पिता लालू प्रसाद से मुलाकात की और कहा कि वह ऐश्वर्या राय के साथ अपनी छह महीने पुरानी शादी समाप्त करने के अपने निर्णय पर कायम हैं क्योंकि वह ‘घुट-घुटकर नहीं जी सकते.


लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को पटना की एक अदालत में राय के साथ बेमेल जोड़ी का उल्लेख करते हुए तलाक की अर्जी दायर की थी. ऐश्वर्या राय राजद नेता चंद्रिका राय की पुत्री हैं. तेज प्रताप यादव ने ऐश्वर्या राय से 12 मई को विवाह किया था. राय के दादा दरोगा राय 1970 के दशक के शुरू में थोड़े समय के लिए बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे. तेज प्रताप ने शनिवार को लालू से रांची में राजेंद्र इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में दो घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की. वहां लालू चारा घोटाला मामले के सिलसिले में बंद हैं.
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव शुक्रवार को तलाक की अर्जी दायर करने के बाद पटना हवाईअड्डे गए थे, लेकिन परिवार के सदस्यों द्वारा मनाने के बाद मां राबड़ी देवी के आवास पर लौट आए थे. वह शनिवार की सुबह लालू से मिलने के लिए सड़क मार्ग से रांची रवाना हुए.
अपने पिता से मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं अपने निर्णय पर कायम हूं. कोई भी व्यक्ति घुट-घुटकर नहीं जी सकता.' उन्होंने यह नहीं बताया कि लालू के साथ उन्होंने क्या चर्चा की. उन्होंने केवल यही कहा कि उनके पिता घर आएंगे और ‘मैं उनका इंतजार करूंगा.' तेज प्रताप ने कहा, ‘हम अपने परिवार के सदस्यों से इसके बारे में चर्चा करेंगे. लेकिन मैं अपने निर्णय पर कायम हूं.' उन्होंने कहा कि उन्हें जो कुछ भी कहना है वह अदालत में कहेंगे जब तलाक मामले की सुनवायी 29 नवम्बर को शुरू होगी.
शनिवार को इससे पहले चिकित्सकों के एक दल ने लालू की जांच की और संवाददाताओं से कहा कि सब कुछ सामान्य है. मधुमेह से पीड़ित लालू विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं और वह रिम्स में एक निजी वार्ड में हैं. तीर्थनगरी बोधगया में पत्रकारों से बातचीत में तेजप्रताप ने कहा, ‘मैंने अपने माता-पिता को बताया था कि अभी मेरी शादी करने की कोई इच्छा नहीं है लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी. हमारी जोड़ी नहीं मिली. मैं साधारण सी आदतों वाला साधारण व्यक्ति हूं जबकि वह एक आधुनिक महिला हैं, दिल्ली में पढ़ी-बड़ी हैं और महानगरीय जिंदगी जीती रही हैं.' इस बारे में ऐश्वर्या राय या उनके परिवार की ओर से गत शुक्रवार से कुछ भी नहीं कहा गया है.
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों से पत्नी से उनकी बातचीत भी नहीं हुई है. यह पूछे जाने पर कि क्या उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर उनसे कुछ कहा, इस पर उन्होंने कहा कि वे राजनीति के बारे में बात करते हैं, ऐसे मामलों के बारे में नहीं. अपनी याचिका में उन्होंने तलाक मांगने की वजह क्रूर व्यवहार बताया है. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा है कि वह 'नॉर्थ पोल' हैं जबकि उनकी पत्नी ऐश्वर्या 'साउथ पोल' हैं, प्रधानमंत्री भी आ जाएं तो भी वह अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे.
वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव द्वारा दायर की गई तलाक की याचिका पर मीडिया सुर्खियों को लेकर शनिवार को नाखुशी जाहिर की और कहा कि पारिवारिक मामलों को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए.
तेजस्वी ने कहा कि एक महिला कांस्टेबल की मौत के बाद शुक्रवार को बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी सड़कों पर उतर आये थे. यह एक गंभीर मुद्दा है तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के लिए चिंता की बात है और मीडिया द्वारा इसे सही ढंग से दिखाया जा रहा था.
उन्होंने कहा कि लेकिन शाम तक सब कुछ भुला दिया गया और एक परिवार में घटित बातें आकर्षण का केन्द्र बन गईं. तेजस्वी यादव ने कहा कि घरेलू मामले लोगों को प्रभावित करते हैं लेकिन केवल उनको जो परिवार के सदस्य हों. ये सार्वजनिक मुद्दे नहीं हैं.
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी सहयोगी रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि परिवारों में मनमुटाव हो जाते हैं और उनका समाधान भी हो जाता है. उन्होंने कहा कि इस प्रकरण का यादव की राजनीतिक संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा जो कि वर्तमान में विधायक हैं. इसके साथ ही राजद पर भी इसका कोई राजनीतिक असर नहीं होगा,.
रघुवंश सिंह ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा,‘‘तेज प्रताप की तलाक याचिका राजनीतिक रूप से किसी को भी प्रभावित क्यों करेगी? अपनी पत्नी से अलग होने के बावजूद क्या नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बने और क्या भाजपा ने चुनाव नहीं जीता?'

राजस्थान: प्रतापगढ़ में बीजेपी नेता की दिनदहाड़े हत्या, पहले गोली मारी, फिर तलवार से काट दी गर्दन

 
राजस्थान: प्रतापगढ़ में बीजेपी नेता की दिनदहाड़े हत्या, पहले गोली मारी, फिर तलवार से काट दी गर्दन

 राजस्थान: प्रतापगढ़ में बीजेपी नेता की दिनदहाड़े हत्या, पहले गोली मारी, फिर तलवार से काट दी गर्दन
जयपुर: राजस्थान के प्रतापगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की बाइक सवार हमलावरों ने दिन दहाड़े क्रूरता से हत्या कर दी. दरअसल, शनिवार को बीजेपी नेता समरथ कुमावत पर उस वक्त हमला हुआ, जब वह दिन में सड़क किनारे खड़े थे. पुलिस ने कहा कि बाइक पर सवार तीन से चार बदमाशों ने पहले गोली मारी और उसके बाद तलवार से उसके गर्दन को अलग कर दिया. यह मर्डर दक्षिणी राजस्थान के प्रतापगढ़ शहर से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गांव में हुआ है.बताया जा रहा है कि कुमावत की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. हालांकि, लोग उन्हें बचाने के लिए जुटे. मगर हत्या करने के बाद हमलावर तुरंत ही भाग निकले.

स्थानीय कुमावत के शव को लेकर विरोध में बैठे और हमलावरों की गिरफ्तारी की जल्द से जल्द मांग की. इस क्रूर हत्या को लेकर भाजपा में भी व्यापक क्रोध है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी और हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

कुमावत के परिवार ने कहा कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. वह बीजेपी का सक्रिय सदस्य थे. स्थानीय बीजेपी नेता मंगू सिंह ने कहा कि सम्राट कुमावत इस गांव के सीनियर नेता थे.


 
वहीं, कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने इस घटना की निंदा की है.  उन्होंने ट्वीट किया, "मैं राजस्थान के प्रतापगढ़ में भाजपा के समरथ कुमावत की क्रूर हत्या की निंदा करता हूं. इस तरह के जघन्य अपराध के अपराधियों को गंभीर रूप से दंडित किया जाना चाहिए. राज्य में कानून व्यवस्था की दयनीय स्थिति गंभीर चिंता का विषय है."

बिग ब्रेकिंग ! *चर्चित आईपीएस पंकज चौधरी* *लड़ सकते है लोकसभा चुनाव “*


बिग ब्रेकिंग ! 
*चर्चित आईपीएस पंकज चौधरी*
*लड़ सकते है लोकसभा चुनाव “*

*सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के चर्चित व दंबग आईपीएस पंकज चौधरी लड़ सकते है आनेवाले लोकसभा चुनाव*

*वर्ष 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी है पंकज चौधरी ।*

*आईपीएस पंकज चौधरी ने कोटा ,बाँसवाड़ा , किशनगढ (अजमेर ),जैसलमेर,बूदीं, जयपुर कमिश्नरेट ,दिल्ली ,जयपुर में दी है सेवाएँ ।आईपीएस के तौर पर रही है इनकी पाँचवीं सर्विस ,पूर्व में वाणिज्य मंत्रालय नई दिल्ली ,उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा व नई दिल्ली में प्राइवेट नौकरियाँ भी की है ।वर्ष 2009 के संघ लोकसेवा आयोग द्वारा पंकज चौधरी को Interview में दिया गया था सर्वोच्च अंक,चौधरी को 300 के साक्षात्कारः में मिले थे 230 अंक।*

तेज न्यूज़24@श्याम अवस्थी।झालावाड-बारां लोकसभा सीट से वर्तमान सासंद दुष्यंत सिंह के खिलाफ लड़ सकते है चुनाव।विदित है पंकज की पत्नी मुकुल पंकज चौधरी ने राज्य की मुख्यमंत्री वसुधरां राजे के खिलाफ झालरापाटन विधान सभा से बजा रखा है बिगुल।मुकुल पंकज चौधरी के प्रभाव व आमजनता के मिल रहे स्नेह ने वसुधरां की मुसीबतें बढ़ाई है।पहली बार राजे को दो सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए किया है बाध्य। पिछले एक सप्ताह से वसुधरां राजे व दुष्यंत सपरिवार डटे है झालावाड,हार की संभावना कर रही है इस राजशाही परिवार को बैचेन।

- झालावाड -बारां लोकसभा सीट से लड़ने की बताई जा रही है संभावना , इस लोकसभा सीट के साथ किये गये दोगले व्यवहार व भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य के चर्चित व दंबग आईपीएस के चुनाव लड़ने की संभावना ने राज्य की राजनीति में मचाई खलबली।वर्तमान सांसद दुष्यंत सिंह राज्य की मुख्यमंत्री वसुधरां राजे के पुत्र है ।

शनिवार, 3 नवंबर 2018

*बाडमेर भाजपा पदाधिकारियो ने बूथ पर महासम्पर्क अभियान किया*



*बाडमेर भाजपा पदाधिकारियो ने बूथ पर महासम्पर्क अभियान किया*

भारतीय जनता पार्टी ने बूथ पर महासम्पर्क अभियान किया। मिडिया प्रमुख भैराराम देवासी ने बताया की प्रदेश भाजपा नेतृत्व के निर्देसनुसार बाड़मेर भाजपा ने सभी बुथो पर महासम्पर्क अभियान चलाया। भारतीय जनता पार्टी के जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, भाजपा जिला अध्यक्ष दिलीप पालीवाल व यूआईटी चेयर पर्शन डॉ प्रियंका चौधरी के नेतृत्व में शनिवार को दोपहर गंगा मइया मन्दिर में पूजा अर्चना कर के बूथ महासम्पर्क अभियान का आगाज किया गया।भाजपा के कार्यकर्ताओ ने वार्ड 11,12 व 33 में घर घर जाकर केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओ के लाभार्थियों से मिलकर सम्पर्क किया।आमजन से मिलकर भाजपा के पक्ष में वोट देने की अपील की और महासम्पर्क
 अभियान के बारे में अवगत कराया।
इस मोके पर भाजपा के जिला महामन्त्री बालाराम मूंढ,कैलाश कोटडिया,वरिष्ट नेता रूपसिंह राठौड़,महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष विजयलक्ष्मी राजपुरोहित,नगर अध्यक्ष मोहनलाल कुर्डिया,पार्षद बलवन्तसिंह भाटी,जिला प्रमुख प्रतिपुष्टि रमेशसिंह इन्दा, पियूष डोसी,अम्बालाल अलबेला,नगर उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान तेली,पृथ्वी चंडक,नगर महामन्त्री किशन बोहरा,नरपतसिंह,नगर प्रवक्ता आनन्द पुरोहित,नगर मंत्री कैलाश आचार्य,आईटी नगर सयोंजक अरविन्द सारदा,ग्रामीण सयोंजक राहुल लूणिया,ओबीसी प्रदेश कार्यकरणी सदस्य महेश सोनी,पार्षद बादल सिंह दईया,शान्ति कुर्डिया,मिडिया ललित बोथरा,गोपाल वडेरा,मागुसिंह राजपुरोहित,प्रताप खन्ना,युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष खिमराजसिंह लखा,युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष शिवपरतापसिंह राठौड़,महावीर आचार्य,लीलाराम सिंगड़िया,नरेंद्र चौधरी सहित कई भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

*कर्नल सोनाराम ने बाडमेर सीट मांगी,इसके अभाव में कोई बड़ा निर्णय लेने की संभावना,भाजपा को लग सकता है झटका*

*कर्नल सोनाराम ने बाडमेर सीट मांगी,इसके अभाव में कोई बड़ा निर्णय लेने की संभावना,भाजपा को लग सकता है झटका*

*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक पर पूर्व में बताया था कि सांनसड कर्नल सोनाराम चौधरी बाडमेर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने को उतावले हो रहे है। कर्नल का एक ही सपना है कि विधायके मेवाराम जैन को हराना। इसके लिए उन्होंने वसुंधरा राजे से बाड़मेर सीट मांगी। कर्नल ने वसुंधरा राजे को जाट दलित और रावणा राजपूत वोटों का समर्थन और जीत का आधार बताव राजी कर लिया।।वसुंधरा राजे ने बाड़मेर सीट पर सिंगल पैनल नाम कर्नल सोनाराम का ही डाला
इधर कर्नल सोनाराम चौधरी हनुमान बेनीवाल के साथ भी अपनी दोस्ती बराबर निभा रहे थे। हनुमान बेनिवल को बाड़मेर जिले की राजनीति चौसर बिठाने में कर्नल ने न केवल मदद की बल्कि खुद के पुत्र डॉ रमन ,दलित नेता उदाराम मेघवाल को हनुमान बेनिवल के साथ भेज दिया।।कर्नल अपने समाधियों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष तक दस जनपथ पहुंचने के प्रयास जारी रखे है।।इधर कर्नल ने बाडमेर की सीट को अपनी जिद में सुमार कर दिया। अमित शाह के द्वारा करवाए सर्वे में बाड़मेर की सीट पर कर्नल को कमज़ोर उम्मीदवार माना गया है रिपोर्ट में बताया गया कि जिला मुख्यालय की सीट पर कर्नल सोनाराम जैसे कट्टर जातिवाद नेता को उतारने से अन्य जातियां भाजपा से निकल जायेगी कांग्रेस उम्मीदवार को मदद मिलेगी।।इस सीट पर गैर जाट को उम्मीदवार बनाने की बात कही गई थी।जिस पर अमित शाह ने कर्नल के नाम पर सवाल उठाया तो वसुंधरा राजे ने कर्नल को ओसियां सीट ऑफर की तो कर्नल ने दो टूक कहा कि बाडमेर से ही टिकट चाहिए । वसुंधरा राजे के पास बाडमेर जिले में दमदार नेता के रूप में सिर्फ कर्नल ही बचे है।।उन्हें वो खोना नही चाहती पर केंद्रीय नेतृत्व  वसुंधरा राजे के तर्क से सरोकार नही रखती। कर्नल के पास हनुमान बेनिवल की पार्टी और कांग्रेस दोनो ऑप्शन है।।भाजपा को किसी भी वक़्त झटका दे सकते है। कर्नल डॉ रमन को राजनीति उत्तराधिकारी के रूप में इस साल स्थापित करना चाहते है।।कर्नल जानते है कि भाजपा सत्ता में लौटने वाली नही है। मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में आने के साथ कर्नल की काँग्रेज़ में एंट्री पर सवालिया निशान खड़ा हो गया। अभी राजनीति के कई रंग बदलने की संभावना है। टिकट वितरण के बाद आयाराम गयाराम का खेल शुरू होगा।

जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने जोगीदास के धाम, झिनझिनयाली और डांगरी में किया जनसम्पर्क।

जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने जोगीदास के धाम, झिनझिनयाली और डांगरी में किया जनसम्पर्क।

जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने जोगीदास के धाम में माँ भटियाणी सा के दर्शन कर वहाँ पर उपस्थित लोगों से राज परिवार के समर्थन की अपील की। वहाँ उपस्थित मौजिज लोगो में नखत सिंह, छोटू सिंह, हनुमान सिंह, बाबु लाल जैन, भोम सिंह, सुरेन्द्र सिंह, दीपा राम आदि मौजूद थे। उसके पश्चात झिनझिनयाली में मूलचंद जी की पोल पहुँचे, वहाँ पर ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया। श्री कृष्ण मंदिर के दर्शन कर वहाँ उपस्थित  ग्रामीणों से रूबरू हुए। समस्त ग्रामीणों ने तहे दिल से राजपरिवार को समर्थन देने का भरोसा दिलाया। वहाँ मौजिज लोगो में फतेह सिंह, नखत सिंह, चतुर सिंह, शैतान सिंह, खेत सिंह, छत्रपाल सिंह, जितेंद्र सिंह, सम्पतलाल, देवीचंद सैन, बलवंत सिंह और स्वरूप सिंह उपस्थित थे। शाम 6 बजे डांगरी गांव पहुँचे, डांगरी वासिंयो ने युवराज चैतन्यराज सिंह जी का ढोल नगाड़ों के साथ शानदार स्वागत किया। युवराज जी ने वहाँ पहुच कर हड़वंत सिंह भाटी डांगरी के वहाँ पहुच कर उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। वहाँ के समस्त ग्रामीणों ने एक मत हो कर राजपरिवार को समर्थन देने के निर्णय लिया। वहाँ उपस्थित मौजिज लोगो में हड़वंत सिंह, भेरू सिंह, स्वरूप सिंह, लाला राम, उम्मेद सिंह, दीपा राम, खुदा बक्स, रेवंत सिंह अमृतलाल, रामचन्द्र जी, भवरु राम जी, कुशलाराम, आनंद माराज, हीराराम साइन और डके खा मेरासी उपस्थित रहे।

वसुंधरा राजे घिर गई अपने चहेतों में,चौकड़ी ले डूबी राजे को*

*वसुंधरा राजे घिर गई अपने चहेतों में,चौकड़ी ले डूबी राजे को*

*बाड़मेर न्यूज ट्रैक गुजरात चुनाव के बाद से लगातार आपको बता रहा कि वसुंधरा राजे अपने जिन भरोसे के नेताओ पर भाजपा के समानांतर संगठन चला रही है वो ही उनके साथ धोखा करेंगे। यह भी बताया था कि वसुंधरा राजे के ही विश्वशनीय मंत्री उन्हें हराने में लगे है। अब यह बात स्पस्ट हो गई। वसुंधरा राजे ने अपने इस कार्यकाल में मंत्रियों और उच्च अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहने की बजाय फ़ाइल अपने विश्वशनीय तन्मय कुमार ,या राजेन्द्र राठौड़,यूनुस खान के माध्यम से ही मंगवा के उसका निस्तारण करती रही।ऐसे ही भाजपा विधायकों के कामकाज,सरकार के कामकाज,राजपूतो और राणा राजपूतो की नाराजगी का मामला,आनंदपाल का मामला, सामराउ प्रकरण,मानवेन्द्र सिंह मसला,सहित जितने भी मामले थे सबमे उन्होंने अपनी तरफ से कुछ करने की बजाय उनके विश्वशनीय नेताओ ने जो भी फीड बेक दिया उसी को सच मांन कर आगे की कार्यवाही भी उन्ही पे छोड दी।।विश्वशनीय नेताओ ने वसुंधरा राजे के विश्वास के साथ जो धोखा किया उसका अहसास उन्हें अब हुआ।वही केंद्रीय नेतृत्व भी वसुंधरा राजे पर जो भरोसा किया उन्हें जमीनी हकीकत अब पता चली तो उनकी जमीन खिसक गई।।भाजपा के बुरी स्थति के लिए खुद वसुंधरा राजे जिम्मेदार है।।उनके विश्वशनीय नेताओ ने जिन जिन को जिताऊ और लोकप्रिय उम्मीदवार बताया उनके सिंगल पैनल नाम केंद्रीय संगठन को भेज दिए।जब यह सूची अमित शाह के पास पहुंची और उन्होंने अपने स्तर पर करवाये गए लगभग चार सर्वे रिपोर्ट से उन नामो को टेली किया तो वसुंधरा राजे की 90 की सूची में दस बारह नामो को छोड़ शेष बुरी तरह हारने वाले नाम थे। अमित शाह को यह सूची नागवार गुजरी।।उन्होंने उस सूची को तत्काल रोक नए नाम मांगे। अब हो सकता  अमित शाह के द्वारा करवाये सर्वे में जो नाम जिताऊ उम्मीदवार के रूप में आये है उन्ही पर मोहर लगे।।हमने पहले भी बताया कि वसुंधरा राजे के विश्वशनीय चौकड़ी ने उन्हें लगातार गलत फीडबैक दिया ।जिस पर वसुंधरा राजे ने विश्वास कर लिया। अब हालात बिगड़ गए भाजपा के। कई विधानसभा क्षेत्रों में नए चेहरों की तलाश शुरू हो गई।।दीपावली तक अमित शाह गजेंद्र सिंह शेखावत और चंद्रशेखर के साथ नामो पर मोहर लगा सकते है। अमित शाह ने वीटो पावर अपने हाथ मे ले लिए।जोधपुर संभाग में भाजपा को चार सीट और बीकानेर में भी तीन चार सीट पर ही जीत की संभावना बताई सर्वे में। अमित शाह ने हालात काबू करने के लिए गजेंद सिंह शेखवत को बीकानेर भेजने का निर्णय लिया।।बीकानेर में भाजपा की स्थिति और बुरी है।सबसे सुरक्षित सिध्दि कुमारी भी चुनाव हारने वालो के सर्वे सूची में है।।देवी सिंह भाटी ने स्थतिया भांप खुद चुनाव लड़ने की बजाय अपनी पुत्र वधु को मैदान में उतारने की तैयारी में लगे है।।जोधपुर संभाग में भाजपा को एक एक् सीट पाली,जोधपुर,जालोर में मिलने की संभावना बताई।।खैर वसुंधरा राजे के वजीरों में उनके साथ ही गेम खेल दिया।।।

बाड़मेर। पेपर लीक प्रकरण को उजागर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रेमदान देथा को पुलिस ने सार्वजनिक स्थान से धक्का-मुक्की कर लिया हिरासत में, पत्रकारों में भारी रोष ,सीएमओ ने लिया प्रसंज्ञान

बाड़मेर। पेपर लीक प्रकरण को उजागर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रेमदान देथा को पुलिस ने सार्वजनिक स्थान से धक्का-मुक्की कर लिया हिरासत में, पत्रकारों में भारी रोष ,सीएमओ ने लिया प्रसंज्ञान




बाड़मेर। बाड़मेर पुलिस ने पेपर लीक प्रकरण के मामले में मनमानी व द्वेषपूर्ण कार्यवाही करते हुए प्रकरण को उजागर करने वाले जिले के वरिष्ठ पत्रकार प्रेमदान देथा शुक्रवार को सार्वजनिक स्थान से धक्का-मुक्की कर लिया हिरासत में ले लिया। जिसके बाद से ही बाड़मेर पुलिस के प्रति पत्रकारों में रोष व्यापत है। मीडिया ने सदर थानाधिकारी से पत्रकार को हिरासत में लेने की वजह पूछी गई तो उन्हें 'पेपर लीक होने का मामला' बताते हुए अपना पल्ला झाड़ दिया। वहीं पत्रकार को एविडेन्स के रूप में हिरासत में लेने की बात कही।






अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए पत्रकार को लिया हिरासत मे

दरअसल, गुरुवार को बाड़मेर जिले भर मे 17 परीक्षा केन्द्रों पर द्वितीय श्रेणी अध्यापको के लिए हिन्दी विषय की परीक्षा आयोजित हुई थी। जिसका पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और इसी मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार ने इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर पेपर लीक होने की खबर चलाई थी वहीं पेपर लीक होने की सूचना बाड़मेर जिला प्रशासन को भी दी थी। जिसके आरपीएससी ने बाड़मेर जिला प्रशासन को शाम तक पेपर लीक के संबंध मे रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये थे। पेपर लीक के मामले मे अपराधियों को ढूंंढने मे बाड़मेर पुलिस नाकामयाब रही और पत्रकार प्रेमदान को हिरासत मे ले लिया और सोर्स बताने की बात कही गई। प्रेमदान देथा ने बताया कि इससे पूर्व बाड़मेर जिला कलक्टर व एडीएम राकेश कुमार ने उनपर मुकदमा होने की भी धमकी दी। इस तरह की कार्यबाही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला है। पुलिस शायद यह भूल गई है कि किसी पत्रकार को किसी समाचार का सूत्र (सोर्स) बताने के लिए बाध्य नही किया जा सकता।



सीएमओ ने लिया प्रसंज्ञान
मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रसंज्ञान लिया है। बाड़मेर पुलिस की इस तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ पुलिस मुख्यालय भी सख्त हो गया।एडीजी क्राइम पीके सिंह ने जोधपुर रेंज के आईजी संजीव नार्जरी को बाड़मेर पुलिस की कार्रवाई की जांच के आदेश दिए हैं। पेपर लीक प्रकरण में अपनी नाकामी छिपाने के लिए पुलिस की ओर से की गई। इस मनमानी कार्रवाई की चौतरफा कड़ी निंदा होने के बाद पुलिस ने प्रेमदान को कुछ समय बाद रिहा कर दिया।

गुरुवार, 1 नवंबर 2018

*मानवेन्द्र सिंह का तोड़ ढूंढने में जुटे भाजपाई,मानवेन्द्र के बढ़ते कद ने परेशानी बढ़ाई भाजपा की*

*मानवेन्द्र सिंह का तोड़ ढूंढने में जुटे भाजपाई,मानवेन्द्र के बढ़ते कद ने परेशानी  बढ़ाई भाजपा की*

*थार की राजीनीति में चुनाव की चौपालें जमने के साथ भावी उम्मीदवारों के चर्चे आम हो रहे है।।मानवेन्द्र सिंह के भाजपा छोड़ने के साथ ही भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही।।भाजपा के पास मानवेन्द्र सिंह के रूप में एक कद्दावर नेता था उनके पार्टी छोड़ने के साथ अब पार्टी में नेतृत्व का संकट आन पड़ा है।

गत चुनाव में भाजपा की दोनो जिलो की सीट पर प्रत्यासी मानवेन्द्र सिंह की पसन्द और उनके रिकमेंड से उतारे थे। मानवेन्द सिंह के कारण ही चौहटन में तरुण कागा, बायतु से कैलाश चौधरी,बाड़मेर से डॉ प्रियंका,सिवाणा से हमीर सिंह ,जेसलमेर से छोटू सिंह मानवेन्द्र की पसन्द थे ।प्रियंका को छोड़ शेष को जिताने में मानवेन्द्र की भूमिका को नकारा नही जा सकता।।आज बदले हालात में दोनो जिलो में भाजपा संगठन बेहद कमजोर है।।पूरे जिले में भाजपा में कोई सर्वमान्य नेता नह है। तन सिंह चौहान तेज़ी से ध्रु तारे की तरह बाड़मेर की राजनीति में छाए थे।वसुंधरा राजे की नजदीकियों के चलते भी चर्चा में थे।। मगर बदले हालात में खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर तन सिंह चौहान ने चुनाव रणनीति और चुनावी चौसर से अपने आपको अलग कर दिया।।वसुंधरा राजे जसवंत सिंह के प्रभाव को खत्म कर तन सिंह को उनके स्थान पर प्रभावि बनाने के हर सम्भव  प्रयास किये मगर सफलता नही मिले।उस पर मानवेन्द्र सिंह को को कांग्रेस में आने के बाद जो कद मिला है दोनो जिलो में कांग्रेस्सियो ने जिस तरह मानवेन्द्र को गले लगाया उसने उससे भाजपा की परेशानियां बढ़ गई।।मानवेन्द्र के स्वागत में कांग्रेसियों के साथ स्वाभिमानी सेना और भाजपा के कई नेता खुले में दिखे।।भाजपा अभी टिकटों की उधेड़बुन से बाहर निकल नही पा रही।इधर मानवेन्द्र ने कांग्रेस में अल्प समय मे झंडे गाड़ दिए।।भाजपा मानवेन्द्र सिंह का तोड़ ढूंढने में लगी है।।पूरे संभाग में मानवेन्द्र सिंह के कद का कोई नेता भाजपा को नही मिला तो आखिरकार कोलायत के विधायक देवी सिंह भाटी को तोड़ खोजने की कमान सौंपी है।।।मानवेन्द्र सिंह की स्वाभिमान सेना जिले की सभी सात सीट प्रभावित कर रहे है। यहां तक कि इस बार बायतु चोहटन में जिस उम्मीदवार को मानवेन्द्र समर्थक वोट मिलेंगे वही जीतेगा यह तय है।।जाट राजपूत एकता के जो प्रयास कल हेमाराम चौधरी और मानवेन्द्र सिंह की मुलाकात में दिखे उससे कई नेताओं के पेट मे मरोड़ उठी है। भाजपा में इस वक़्त एक मात्र चेहरा कर्नल सोनाराम है। लेकिन सोनाराम को भाजपा पे और भाजपा को सोनाराम पे भरोसा नही।।सोनाराम को ओसियां टिकट ऑफर करना अविश्वास का बड़ा कारण है।।जेसलमेर में भाजपा के पास चार चेहरे है मगर वर्तमान विधायक छोटू सिंह ,विक्रम सिंह,सांग सिंह,डॉ जालम सिंह भाटी भाजपा के चेहरे है जिनमे से जिताऊ उम्मीदवार विक्रम सिंह को माना जा सकता है। मानवेन्द्र सिंह का कल 36 कौम से जिस कदर समर्थन मिला भाजपा सकते में आ गई।।मानवेन्द्र का तोड़ सिर्फ मानवेन्द्र खुद है जो इस वक़्त भाजपा में नही है।।

*जेसलमेर में मानवेन्द्र सिंह के निवास पर समर्थकों की भारी भीड़,पीकरण में जोरदार स्वागत

*जेसलमेर में मानवेन्द्र सिंह के निवास पर समर्थकों की भारी भीड़,पीकरण में जोरदार स्वागत*

*जेसलमेर कर्नल मानवेन्द्र सिंह के जजेसलमेर स्थूत रावलकोट निवास में आज मिलने वालों का तांता लगा रहा। काँग्रेसस के दिग्गज नेताओं सहित स्वाभिमान कार्यकर्ता,विभिन समाजो के प्रतिनिधियों,भाजपा के कई कार्यकर्ता पदाधिकारी मौजूद थे।।उम्मेद सिंह तंवर,जनक सिंह भाटी,सुनीता भाटी,छोटू खान,खट्टन खान,सवाई सिंह देवड़ा,दलपत सिंह सत्तो,मुकेश गज्जा,पर्वत सिंह भाटी पार्षद, मनोहर सिंह कुंडा,स्वरूप सिंह मोढा,जुगत सिंह ,सहित कई लोग उनसे मिलने पहुंचे।।ब्याड में पोकरण के लिए रवाना हुए जेसलमेर से पोकरण पूरे रास्ते उनका जोरदार स्वागत हुअपोकरण में कांग्रेस कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें पूर्व बिधायक साले मोहम्मद,सांकड़ा प्रधान सहित कांग्रेस के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।।मानवेन्द्र सिंह के साथ चित्रा सिंह थे।।*

*राजस्थान अमित शाह की वसुंधरा राजे की सूची को ना ना* *जयपुर: सीएम राजे की 90 सीटों की सिंगल पैनल सूची देख भड़के अमित शाह*


*राजस्थान अमित शाह की वसुंधरा राजे की सूची को ना ना*

*जयपुर: सीएम राजे की 90 सीटों की सिंगल पैनल सूची देख भड़के अमित शाह*

जयपुर।

राजस्थान की सत्ता में बरक़रार रहने की उम्मीद और सरकार बदलने की परम्परा को ख़त्म करने के मिशन में इन दिनों भाजपा चुनौतीपूर्ण दौर से गुज़र रही है। 200 विधानसभा सीटों पर जिताऊ उम्मीदवार तय करने के लिए सीएम वसुंधरा राजे सहित तमाम आला नेताओं की दिल्ली भागदौड़ भी कुछ ज़्यादा ही होने लगी है। इसी क्रम में बुधवार को सीएम राजे और कुछ नेता प्रदेश में रायशुमारी और कई दौर की बैठकों में तय हुए नामों के पैनल को लेकर आलाकमान पहुंचे। पार्टी सुप्रीमों अमित शाह के साथ इन नेताओं की बैठक में प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने पर कोई नतीजा नहीं निकल सका

सूत्र बताते हैं कि शाह की नाराज़गी खासतौर से प्रदेश नेतृत्व की ओर से करीब 92 सीटों पर तय किये गए सिंगल पैनल को लेकर थी। बताते हैं कि शाह ने इन सीटों पर सिंगल पैनल के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। गौरतलब है कि जिन सीटों पर सिंगल नाम तय किये गए वे सीएम राजे के करीबी, भरोसेमंद और समर्थक नेताओं में शुमार हैं।

शाह ने सिंगल पैनल लेने से किया इंकार
राजस्थान में भाजपा प्रत्याशियों को लेकर दिल्ली में बुधवार को अंतिम फैसला नहीं हो सका। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ राज्य के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई। इसमें प्रदेश संगठन ने शाह को 92 विधानसभा सीटों पर सिंगल पैनल थमा दिया। यानी इन सीटों पर राज्य इकाई ने अपनी तरफ से प्रत्याशी तय करके शाह को बताए। लेकिन, शाह ने सिंगल पैनल पर इनकार कर दिया।

संगठन ने करीब 39 सीटों पर दो नाम दिए। शेष सीटों पर 3 से 4 नामों का प्रस्ताव रखा गया है। सूत्रों की माने तो तमाम सर्वेक्षण और रायशुमारी के बाद भी बुधवार को 50 से 60 नामों पर आंशिक सहमति बन पाई।

सीएम राजे ने रखा था ये पक्ष
राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह के साथ बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जो लोग पार्टी के साथ लंबे समय से जुड़े हैं, उनकी अनदेखी उचित नहीं होगी। वसुंधरा समर्थक उम्मीदवारों की सूची 100 से ज्यादा होने के कारण केंद्रीय नेतृत्व ने उस पर विचार करने में असमर्थता जता दी।

रात को जावड़ेकर के घर जुटे
शाह के यहां बैठक खत्म होने के बाद राजस्थान के सभी नेता देर रात तक प्रकाश जावड़ेकर के घर फिर जुटे। यहां नए सिरे से उम्मीदवारों के नाम पर मंथन शुरू हुआ। यह मीटिंग देर रात तक चलती रही।

रवानगी से पहले सीएम की माथुर से चर्चा
इस बीच दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर के घर जाकर मुलाकात की। मुलाकात के बाद ओम माथुर ने कहा कि अभी तक सभी सीटों को लेकर पार्टी में सहमति नहीं बनी है।