*वसुंधरा राजे घिर गई अपने चहेतों में,चौकड़ी ले डूबी राजे को*
*बाड़मेर न्यूज ट्रैक गुजरात चुनाव के बाद से लगातार आपको बता रहा कि वसुंधरा राजे अपने जिन भरोसे के नेताओ पर भाजपा के समानांतर संगठन चला रही है वो ही उनके साथ धोखा करेंगे। यह भी बताया था कि वसुंधरा राजे के ही विश्वशनीय मंत्री उन्हें हराने में लगे है। अब यह बात स्पस्ट हो गई। वसुंधरा राजे ने अपने इस कार्यकाल में मंत्रियों और उच्च अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहने की बजाय फ़ाइल अपने विश्वशनीय तन्मय कुमार ,या राजेन्द्र राठौड़,यूनुस खान के माध्यम से ही मंगवा के उसका निस्तारण करती रही।ऐसे ही भाजपा विधायकों के कामकाज,सरकार के कामकाज,राजपूतो और राणा राजपूतो की नाराजगी का मामला,आनंदपाल का मामला, सामराउ प्रकरण,मानवेन्द्र सिंह मसला,सहित जितने भी मामले थे सबमे उन्होंने अपनी तरफ से कुछ करने की बजाय उनके विश्वशनीय नेताओ ने जो भी फीड बेक दिया उसी को सच मांन कर आगे की कार्यवाही भी उन्ही पे छोड दी।।विश्वशनीय नेताओ ने वसुंधरा राजे के विश्वास के साथ जो धोखा किया उसका अहसास उन्हें अब हुआ।वही केंद्रीय नेतृत्व भी वसुंधरा राजे पर जो भरोसा किया उन्हें जमीनी हकीकत अब पता चली तो उनकी जमीन खिसक गई।।भाजपा के बुरी स्थति के लिए खुद वसुंधरा राजे जिम्मेदार है।।उनके विश्वशनीय नेताओ ने जिन जिन को जिताऊ और लोकप्रिय उम्मीदवार बताया उनके सिंगल पैनल नाम केंद्रीय संगठन को भेज दिए।जब यह सूची अमित शाह के पास पहुंची और उन्होंने अपने स्तर पर करवाये गए लगभग चार सर्वे रिपोर्ट से उन नामो को टेली किया तो वसुंधरा राजे की 90 की सूची में दस बारह नामो को छोड़ शेष बुरी तरह हारने वाले नाम थे। अमित शाह को यह सूची नागवार गुजरी।।उन्होंने उस सूची को तत्काल रोक नए नाम मांगे। अब हो सकता अमित शाह के द्वारा करवाये सर्वे में जो नाम जिताऊ उम्मीदवार के रूप में आये है उन्ही पर मोहर लगे।।हमने पहले भी बताया कि वसुंधरा राजे के विश्वशनीय चौकड़ी ने उन्हें लगातार गलत फीडबैक दिया ।जिस पर वसुंधरा राजे ने विश्वास कर लिया। अब हालात बिगड़ गए भाजपा के। कई विधानसभा क्षेत्रों में नए चेहरों की तलाश शुरू हो गई।।दीपावली तक अमित शाह गजेंद्र सिंह शेखावत और चंद्रशेखर के साथ नामो पर मोहर लगा सकते है। अमित शाह ने वीटो पावर अपने हाथ मे ले लिए।जोधपुर संभाग में भाजपा को चार सीट और बीकानेर में भी तीन चार सीट पर ही जीत की संभावना बताई सर्वे में। अमित शाह ने हालात काबू करने के लिए गजेंद सिंह शेखवत को बीकानेर भेजने का निर्णय लिया।।बीकानेर में भाजपा की स्थिति और बुरी है।सबसे सुरक्षित सिध्दि कुमारी भी चुनाव हारने वालो के सर्वे सूची में है।।देवी सिंह भाटी ने स्थतिया भांप खुद चुनाव लड़ने की बजाय अपनी पुत्र वधु को मैदान में उतारने की तैयारी में लगे है।।जोधपुर संभाग में भाजपा को एक एक् सीट पाली,जोधपुर,जालोर में मिलने की संभावना बताई।।खैर वसुंधरा राजे के वजीरों में उनके साथ ही गेम खेल दिया।।।
*बाड़मेर न्यूज ट्रैक गुजरात चुनाव के बाद से लगातार आपको बता रहा कि वसुंधरा राजे अपने जिन भरोसे के नेताओ पर भाजपा के समानांतर संगठन चला रही है वो ही उनके साथ धोखा करेंगे। यह भी बताया था कि वसुंधरा राजे के ही विश्वशनीय मंत्री उन्हें हराने में लगे है। अब यह बात स्पस्ट हो गई। वसुंधरा राजे ने अपने इस कार्यकाल में मंत्रियों और उच्च अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहने की बजाय फ़ाइल अपने विश्वशनीय तन्मय कुमार ,या राजेन्द्र राठौड़,यूनुस खान के माध्यम से ही मंगवा के उसका निस्तारण करती रही।ऐसे ही भाजपा विधायकों के कामकाज,सरकार के कामकाज,राजपूतो और राणा राजपूतो की नाराजगी का मामला,आनंदपाल का मामला, सामराउ प्रकरण,मानवेन्द्र सिंह मसला,सहित जितने भी मामले थे सबमे उन्होंने अपनी तरफ से कुछ करने की बजाय उनके विश्वशनीय नेताओ ने जो भी फीड बेक दिया उसी को सच मांन कर आगे की कार्यवाही भी उन्ही पे छोड दी।।विश्वशनीय नेताओ ने वसुंधरा राजे के विश्वास के साथ जो धोखा किया उसका अहसास उन्हें अब हुआ।वही केंद्रीय नेतृत्व भी वसुंधरा राजे पर जो भरोसा किया उन्हें जमीनी हकीकत अब पता चली तो उनकी जमीन खिसक गई।।भाजपा के बुरी स्थति के लिए खुद वसुंधरा राजे जिम्मेदार है।।उनके विश्वशनीय नेताओ ने जिन जिन को जिताऊ और लोकप्रिय उम्मीदवार बताया उनके सिंगल पैनल नाम केंद्रीय संगठन को भेज दिए।जब यह सूची अमित शाह के पास पहुंची और उन्होंने अपने स्तर पर करवाये गए लगभग चार सर्वे रिपोर्ट से उन नामो को टेली किया तो वसुंधरा राजे की 90 की सूची में दस बारह नामो को छोड़ शेष बुरी तरह हारने वाले नाम थे। अमित शाह को यह सूची नागवार गुजरी।।उन्होंने उस सूची को तत्काल रोक नए नाम मांगे। अब हो सकता अमित शाह के द्वारा करवाये सर्वे में जो नाम जिताऊ उम्मीदवार के रूप में आये है उन्ही पर मोहर लगे।।हमने पहले भी बताया कि वसुंधरा राजे के विश्वशनीय चौकड़ी ने उन्हें लगातार गलत फीडबैक दिया ।जिस पर वसुंधरा राजे ने विश्वास कर लिया। अब हालात बिगड़ गए भाजपा के। कई विधानसभा क्षेत्रों में नए चेहरों की तलाश शुरू हो गई।।दीपावली तक अमित शाह गजेंद्र सिंह शेखावत और चंद्रशेखर के साथ नामो पर मोहर लगा सकते है। अमित शाह ने वीटो पावर अपने हाथ मे ले लिए।जोधपुर संभाग में भाजपा को चार सीट और बीकानेर में भी तीन चार सीट पर ही जीत की संभावना बताई सर्वे में। अमित शाह ने हालात काबू करने के लिए गजेंद सिंह शेखवत को बीकानेर भेजने का निर्णय लिया।।बीकानेर में भाजपा की स्थिति और बुरी है।सबसे सुरक्षित सिध्दि कुमारी भी चुनाव हारने वालो के सर्वे सूची में है।।देवी सिंह भाटी ने स्थतिया भांप खुद चुनाव लड़ने की बजाय अपनी पुत्र वधु को मैदान में उतारने की तैयारी में लगे है।।जोधपुर संभाग में भाजपा को एक एक् सीट पाली,जोधपुर,जालोर में मिलने की संभावना बताई।।खैर वसुंधरा राजे के वजीरों में उनके साथ ही गेम खेल दिया।।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें