*मानवेन्द्र सिंह का तोड़ ढूंढने में जुटे भाजपाई,मानवेन्द्र के बढ़ते कद ने परेशानी बढ़ाई भाजपा की*
गत चुनाव में भाजपा की दोनो जिलो की सीट पर प्रत्यासी मानवेन्द्र सिंह की पसन्द और उनके रिकमेंड से उतारे थे। मानवेन्द सिंह के कारण ही चौहटन में तरुण कागा, बायतु से कैलाश चौधरी,बाड़मेर से डॉ प्रियंका,सिवाणा से हमीर सिंह ,जेसलमेर से छोटू सिंह मानवेन्द्र की पसन्द थे ।प्रियंका को छोड़ शेष को जिताने में मानवेन्द्र की भूमिका को नकारा नही जा सकता।।आज बदले हालात में दोनो जिलो में भाजपा संगठन बेहद कमजोर है।।पूरे जिले में भाजपा में कोई सर्वमान्य नेता नह है। तन सिंह चौहान तेज़ी से ध्रु तारे की तरह बाड़मेर की राजनीति में छाए थे।वसुंधरा राजे की नजदीकियों के चलते भी चर्चा में थे।। मगर बदले हालात में खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर तन सिंह चौहान ने चुनाव रणनीति और चुनावी चौसर से अपने आपको अलग कर दिया।।वसुंधरा राजे जसवंत सिंह के प्रभाव को खत्म कर तन सिंह को उनके स्थान पर प्रभावि बनाने के हर सम्भव प्रयास किये मगर सफलता नही मिले।उस पर मानवेन्द्र सिंह को को कांग्रेस में आने के बाद जो कद मिला है दोनो जिलो में कांग्रेस्सियो ने जिस तरह मानवेन्द्र को गले लगाया उसने उससे भाजपा की परेशानियां बढ़ गई।।मानवेन्द्र के स्वागत में कांग्रेसियों के साथ स्वाभिमानी सेना और भाजपा के कई नेता खुले में दिखे।।भाजपा अभी टिकटों की उधेड़बुन से बाहर निकल नही पा रही।इधर मानवेन्द्र ने कांग्रेस में अल्प समय मे झंडे गाड़ दिए।।भाजपा मानवेन्द्र सिंह का तोड़ ढूंढने में लगी है।।पूरे संभाग में मानवेन्द्र सिंह के कद का कोई नेता भाजपा को नही मिला तो आखिरकार कोलायत के विधायक देवी सिंह भाटी को तोड़ खोजने की कमान सौंपी है।।।मानवेन्द्र सिंह की स्वाभिमान सेना जिले की सभी सात सीट प्रभावित कर रहे है। यहां तक कि इस बार बायतु चोहटन में जिस उम्मीदवार को मानवेन्द्र समर्थक वोट मिलेंगे वही जीतेगा यह तय है।।जाट राजपूत एकता के जो प्रयास कल हेमाराम चौधरी और मानवेन्द्र सिंह की मुलाकात में दिखे उससे कई नेताओं के पेट मे मरोड़ उठी है। भाजपा में इस वक़्त एक मात्र चेहरा कर्नल सोनाराम है। लेकिन सोनाराम को भाजपा पे और भाजपा को सोनाराम पे भरोसा नही।।सोनाराम को ओसियां टिकट ऑफर करना अविश्वास का बड़ा कारण है।।जेसलमेर में भाजपा के पास चार चेहरे है मगर वर्तमान विधायक छोटू सिंह ,विक्रम सिंह,सांग सिंह,डॉ जालम सिंह भाटी भाजपा के चेहरे है जिनमे से जिताऊ उम्मीदवार विक्रम सिंह को माना जा सकता है। मानवेन्द्र सिंह का कल 36 कौम से जिस कदर समर्थन मिला भाजपा सकते में आ गई।।मानवेन्द्र का तोड़ सिर्फ मानवेन्द्र खुद है जो इस वक़्त भाजपा में नही है।।
*थार की राजीनीति में चुनाव की चौपालें जमने के साथ भावी उम्मीदवारों के चर्चे आम हो रहे है।।मानवेन्द्र सिंह के भाजपा छोड़ने के साथ ही भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही।।भाजपा के पास मानवेन्द्र सिंह के रूप में एक कद्दावर नेता था उनके पार्टी छोड़ने के साथ अब पार्टी में नेतृत्व का संकट आन पड़ा है।
गत चुनाव में भाजपा की दोनो जिलो की सीट पर प्रत्यासी मानवेन्द्र सिंह की पसन्द और उनके रिकमेंड से उतारे थे। मानवेन्द सिंह के कारण ही चौहटन में तरुण कागा, बायतु से कैलाश चौधरी,बाड़मेर से डॉ प्रियंका,सिवाणा से हमीर सिंह ,जेसलमेर से छोटू सिंह मानवेन्द्र की पसन्द थे ।प्रियंका को छोड़ शेष को जिताने में मानवेन्द्र की भूमिका को नकारा नही जा सकता।।आज बदले हालात में दोनो जिलो में भाजपा संगठन बेहद कमजोर है।।पूरे जिले में भाजपा में कोई सर्वमान्य नेता नह है। तन सिंह चौहान तेज़ी से ध्रु तारे की तरह बाड़मेर की राजनीति में छाए थे।वसुंधरा राजे की नजदीकियों के चलते भी चर्चा में थे।। मगर बदले हालात में खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर तन सिंह चौहान ने चुनाव रणनीति और चुनावी चौसर से अपने आपको अलग कर दिया।।वसुंधरा राजे जसवंत सिंह के प्रभाव को खत्म कर तन सिंह को उनके स्थान पर प्रभावि बनाने के हर सम्भव प्रयास किये मगर सफलता नही मिले।उस पर मानवेन्द्र सिंह को को कांग्रेस में आने के बाद जो कद मिला है दोनो जिलो में कांग्रेस्सियो ने जिस तरह मानवेन्द्र को गले लगाया उसने उससे भाजपा की परेशानियां बढ़ गई।।मानवेन्द्र के स्वागत में कांग्रेसियों के साथ स्वाभिमानी सेना और भाजपा के कई नेता खुले में दिखे।।भाजपा अभी टिकटों की उधेड़बुन से बाहर निकल नही पा रही।इधर मानवेन्द्र ने कांग्रेस में अल्प समय मे झंडे गाड़ दिए।।भाजपा मानवेन्द्र सिंह का तोड़ ढूंढने में लगी है।।पूरे संभाग में मानवेन्द्र सिंह के कद का कोई नेता भाजपा को नही मिला तो आखिरकार कोलायत के विधायक देवी सिंह भाटी को तोड़ खोजने की कमान सौंपी है।।।मानवेन्द्र सिंह की स्वाभिमान सेना जिले की सभी सात सीट प्रभावित कर रहे है। यहां तक कि इस बार बायतु चोहटन में जिस उम्मीदवार को मानवेन्द्र समर्थक वोट मिलेंगे वही जीतेगा यह तय है।।जाट राजपूत एकता के जो प्रयास कल हेमाराम चौधरी और मानवेन्द्र सिंह की मुलाकात में दिखे उससे कई नेताओं के पेट मे मरोड़ उठी है। भाजपा में इस वक़्त एक मात्र चेहरा कर्नल सोनाराम है। लेकिन सोनाराम को भाजपा पे और भाजपा को सोनाराम पे भरोसा नही।।सोनाराम को ओसियां टिकट ऑफर करना अविश्वास का बड़ा कारण है।।जेसलमेर में भाजपा के पास चार चेहरे है मगर वर्तमान विधायक छोटू सिंह ,विक्रम सिंह,सांग सिंह,डॉ जालम सिंह भाटी भाजपा के चेहरे है जिनमे से जिताऊ उम्मीदवार विक्रम सिंह को माना जा सकता है। मानवेन्द्र सिंह का कल 36 कौम से जिस कदर समर्थन मिला भाजपा सकते में आ गई।।मानवेन्द्र का तोड़ सिर्फ मानवेन्द्र खुद है जो इस वक़्त भाजपा में नही है।।
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