रविवार, 26 अप्रैल 2015

खर्गा कोर करेगी अपनी आक्रमण क्षमता की पुष्टि

खर्गा कोर करेगी अपनी आक्रमण क्षमता की पुष्टि


अपनी युद्ध और आक्रमण क्षमता को प्रखर करने के लिए "खर्गा कोर" राजस्थान के सूरतगढ़ में एक बड़े अभ्यास का आयोजन कर रही है जिसमें बीस हजार से अधिक जवान भाग ले रहे हैं। ब्रह्मशीरा नामक इस अभ्यास में कोर युद्ध के लिए अपनी तैयारी और संचालन प्रभाव का प्रदर्शन करने के साथ वायुसेना के साथ " एकीकृत थियेटर युद्ध संकल्पना" रूप में अखंड एकीकरण भी दिखाएगी।

ब्रह्मशीरा अभ्यास के तहत पश्चिमी कमान के अंतर्गत खर्गा कोर द्वारा तेजी से जुटने और दुश्मन के क्षेत्र में भीतर तक कई हमले करने की योजना बनाई गई है। इस अभ्यास से सेना की टुकड़ियों को अवरोधों को सीमित समय में हटाने का अभ्यास कराया जाएगा। अभ्यास में सेना नई पीढ़ी के कई हथियारों और प्रणालियों का प्रयोग करेगी। इस अभ्यास के साक्षी पश्चिमी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ ले. जनरल के जे सिंह होंगे।

चेतक कोर ने राजस्थान मे बड़ा सैंन्य अभ्यास शुरू किया



चेतक कोर ने राजस्थान मे बड़ा सैंन्य अभ्यास शुरू किया





चेतक कोर नेे राजस्थान के इलाके मे एक बड़ा सैंन्य अभ्यास आक्रमण-2 शुरू किया । इस अभ्यास की परिकल्पना मे मेकेनाइजड़ तथा नयी पीढी के हाथियारो का ईस्तेमाल और उनके प्रभाव उन इलाको मे जहा शहरीकरण और उन्नति काफी तेजी से हो रहा है ।

300 से जयादा कैमवेट वेहिकेल्स, लम्वी दूरी के आट््िरलरि तोप, वायुरक्षा हाथियार प्रणाली एवं 10000 सैनिक इस अभ्यास मे शामिल हो रहे है । भारतीय वायु सेना के लडाकू विमानो एयरव्रोन औेर हैलिव्रोन आर्मी युनिट भी इस युद्व अभ्यास मे हिस्सा ले रहे है।

इस अभ्यास से गान्ड़िव डिविजन के सैंन्य अधिकारी और सैनिकांे को असली लड़ाई के माहौल जैसी स्थिति मे नई तकनीक एवं सामरिक कुशलता और रणनीति का अभ्यास करने का मौका मिलेगा । साथ ही साथ नेटव्रर्क सेन्ट्रिक उपकरणो और इलेक्टनिक युद्व के साजो सामान तथा संन्चार प्रणाली मेे तालमेल और एकजुटता बनाये रखने का कारगार अभ्यास मिलेगा ।

लेफ्टिनेन्ट जनरल अरुण कुमार साहनी, आर्मी कमान्डर, सप्त शक्ति कमान्ड तथा अन्य वरिश्ट सैंन्य अधिकारीे भी इस अभ्यास के प्रर्दशन का जायजा लेगें । यह उल्लेख करने के लिए प्रासंगिक है सेना के ज्ञींतहं कोर के सैनिक भी राजस्थान में बड़ा सैंन्य अभ्यास कर रहे है ।

जोधपुरकोनार्क कोर द्वारा महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक एवं जाँच के लिए मिलिट्री अस्पताल जोधपुर में मेडिकल केम्प का आयोजन

जोधपुरकोनार्क कोर द्वारा महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक एवं जाँच के लिए मिलिट्री अस्पताल जोधपुर में मेडिकल केम्प का आयोजन





जोधपुर कोनार्क कोर ने अपनी महिलाओं को अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने एवं उनकी मेडिकल जाँच के लिए, मिलिट्री अस्पताल जोधपुर में दो दिवसीय मेडिकल केम्प का आयोजन 25, 26 अप्रैल 2015 को किया। इस केम्प का मुख्य उद््देश्य स्वास्थ जागरूकता के द्वारा नारी सषक्तिकरण था एवं बहुत सी आम बिमारियों का प्रारंभिक अवस्था में निदान और इलाज करने का था।

इस केम्प का उद्घाटन श्रीमती लिना मेथ्युस, क्षेत्रीय अध्यक्षा सैनिक महिला कल्याण संगठन ‘‘आवा’’ ने लेफ्टिनेन्ट जनरल बाॅबी मैथ्युज, जनरल अफसर कमानडिंग कोनार्क कोर एवं अन्य सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में 25 अप्रैल 2015 को किया।

इस दो दिवसीय केम्प के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अनिमिया, आॅस्तियोपोरोसिस, बे्रस्ट एवं सरवाईकल कैंसर और दंत रोगों का जाँच एवं निदान किया गया। ­­ 1350 महिलाएँ इस केम्प से लाभान्वित हुई।

दो बुंद जिंदगी की :- शर्मा

दो बुंद जिंदगी की :- शर्मा


उप राष्ट्रीय टीकाकरण प्लस पोलियो का वार्ड संख्या 10 जटीयो का पुराना बास में आगनवाडी केंद्र पर श्रीमान जिला कलक्टर मधुसुदन शर्मा द्वारा बच्चो को दवा पिलाकर सुभारम्भ किया गया | जिला कलक्टर ने बूथ पर उपस्थित आशा सहयोगिनी एवं जीएनएम स्टूडेंट को बताया की इस अभियान के तहत कोई भी बच्चा पोलियो की दवा पिलाये बिना नही रहना चाहिए, ये दो बुंद बच्चे की जिंदगी बचा सकती है, इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुनील कुमार बिस्ट, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ हेमंत सिंघल, आरसीएचओ डॉ खुस्वंत खत्री, जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी, डब्लूएचओ प्रतिनिधि संगामित्रा, केयर्न इण्डिया के ध्रुप नारायण मुखर्जी, केयर इंडिया से तपन कुमार एव आशा सहयोगिनी मंजू, क्रष्णा बडेरा, जीएनएम स्टूडेंट कविता सेनी, उषा यादव उपस्थित रहे | कार्यक्रम में केयर्न इण्डिया एवं केयर इंडिया का सहयोग रहा |

जिला कलेक्टर ने किया बाड़मेर डायरी का विमोचन

जिला कलेक्टर ने किया बाड़मेर डायरी का विमोचन
- बाड़मेर जिले के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगी बाड़मेर डायरी

बाड़मेर, 26 अप्रेल। बाड़मेर डायरी 2015 प्रशासनिक अमले एवं आमजन के लिए खासी मददगार साबित होगी। इसमें बाड़मेर जिले से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां को सहेजने का अनूठा प्रयास किया गया है। बाड़मेर जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने अपने चेम्बर मंे बाड़मेर डायरी 2015 के विमोचन के दौरान कही।
उन्हांेने इस अवसर पर इस प्रकाशन के लिए संपादकीय टीम एवं सहयोगियांे को बधाई दी। जिला कलक्टर शर्मा ने बाड़मेर डायरी 2015 में शामिल बाड़मेर जिले से संबंधित जानकारियांे, विकास योजनाआंे ,महत्वपूर्ण नंबरांे के संकलन की सराहना की। उन्होंने समय-समय पर ऐसे प्रकाशन की जरूरत जताई। इस अवसर पर चंदनसिंह भाटी, बाड़मेर डायरी के संपादक मदन बारूपाल एवं दीपक जैलिया ने बाड़मेर डायरी प्रकाशन के लिए किए गए प्रयासांे की जानकारी दी। बाड़मेर डायरी का पिछले दो सालांे से प्रकाशन हो रहा है। इसमंे विभिन्न सरकारी योजनाआंे की जानकारी, पंचायतीराज सशक्तिकरण के लिए विभिन्न फार्मेट, रक्तदाताआंे की सूची के साथ मंत्रीमंडल, सचिवालय, जन प्रतिनिधियांे के दूरभाष शामिल किए गए है।

श्रीगंगानगर सेना का हैलीकॉप्टर क्रैश, चार चोटिल

Army Helicopter Crash, Four Injured

श्रीगंगानगर सेना का हैलीकॉप्टर क्रैश, चार चोटिल


टिब्बा क्षेत्र में चल रहे सेना के अभ्यास शिविर में शनिवार देर रात सेना का हेलीकॉप्टर एम:35 क्रैश हो गया। घटना में हेलीकॉप्टर सवार एयरफोर्स के दो और सेना के दो अधिकारी चोटिल हो गए। सेना के अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। जानकारी के अनुसार, सूरतगढ़ क्षेत्र में करीब 20 दिन से सेना का अभ्यास शिविर चल रहा है। रात करीब नौ बजे सेना के हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। दस मिनट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद हेलीकॉप्टर के पंख में तकनीकी खराबी आने से जाम हो गया। और हेलीकॉप्टर जमीन पर आ गिरा। सेना ने दुर्घटना स्थल पर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी व अन्य के प्रवेश पर रोक लगा रखी है।

जैसलमेर गोडावण की हर हरकत पर रहेगी नजर

जैसलमेर
गोडावण की हर हरकत पर रहेगी नजर

Great Indian Bustard will monitor every movement
राज्य पक्षी गोडावण को संरक्षित करने के लिए इनकी हर गतिविधि पर वन्य जीव विशेषज्ञों की नजर रहेगी। विशेषज्ञों का दल जैसलमेर पहुंंच चुका है और शोध कार्य शुरू किया गया है।
पहले चरण में गोडावण के शरीर पर कॉलर आईडी की चिप लगाई जाएगी। गौरतलब है कि भारतीय वन्य जीव संस्थान की ओर से सरहदी जैसलमेर जिले के गोडावण संरक्षित क्षेत्र में यह कवायद शुरू की गई है। संस्थान के वैज्ञानिक वन्यजीव विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर इस संबंध में कार्य कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि गोडावण के शरीर पर चिप व्यवस्थित होने बाद वन्य जीव वैज्ञानिक गोडावण की हर हरकत पर नजर रखकर उनकी सुरक्षा के उपाय करेंगे। राज्य पक्षी गोडावण की हर हरकत, खानपान, रहन-सहन व रहने के क्षेत्र पर नजर रखकर इनको सुरक्षित करने की कार्यवाही की जाएगी।
पहले दो गोडावणों के शरीर में लगेगी चिप
गोडावण पर चल रहे शोध में प्राथमिक तौर पर प्रदेश के जैसलमेर क्षेत्र में दो गोडावणों के शरीर पर आईडी कॉलर चिप लगाई जाएगी। इनके शरीर पर चिप फिट करने के बाद इनकी हर हरकत पर शोध कर इनकी सुरक्षा की योजना बनाई जाएगी। चिप लगाने के बाद वन्यजीव संरक्षण संस्थान के वैज्ञानिक गोडावण की दिनचर्या व रहन-सहन व व्यवहार पर शोध करेंगे। इस दौरान वे गोडावण से संबंधित असुरक्षित क्षेत्रों को भी चिह्नित करेंगे। यही नहीं गोडावण के चलने की गति, खाने की सामग्री, रहने का स्थान, रहन-सहन व आदतों को चिह्नित कर इन्हें संरक्षित करने के उपाय किए जाएंगे।
सात दिन से चल रहा शोध
जैसलमेर के वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में गोडावण के शरीर पर चिप लगाने के लिए वन्य जीव वैज्ञानिक एक सप्ताह से शोध कर रहे हैं। वे वन्यजीव कार्मिकों के साथ मिलकर गोडावण के शरीर में कॉलर आईडी चिप लगाने के लिए गोडावण की तलाश में जुटे हैं।
प्रवास पर भी नजर
गोडावण के शरीर पर कॉलर आईडी चिप लगने के बाद गोडावण के प्रवास क्षेत्र की जांच की जाएगी। वन्यजीव विशेषज्ञ गोडावण के देश की सीमाओं के बाहर प्रवास करने पर विशेष नजर रखी जाएगी।
महाराष्ट्र में प्रयोग रहा सफल
गोडावण प्रवास क्षेत्र की जानकारी जुटाने और गोडावण क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान ने पूर्व में महाराष्ट्र में मिले गोडावण के शरीर में चिप लगाई है। अब राजस्थान के मरुक्षेत्र में रह रहे गोडावण के शरीर पर चिप लगाने की तैयारी की जा रही है।
जुटाएंगे जानकारी
गोडावण को सुरक्षित करने के लिए राज्य पक्षी गोडावण के शरीर में कॉलर आईडी चिप लगाने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक जैसलमेर के वन्यजीव सुरक्षा क्षेत्र में शोध कर रहे है। चिप लगने के बाद गोडावण के रहन-सहन, दिनचर्या व गोडावण के प्रवास क्षेत्र की जानकारी जुटाई जाकर इन्हें सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
- गोविन्द सागर भारद्वाज, मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव, जोधपुर

बीकानेर श्रीराम-सीता के पांच हजार साल पुराने साक्ष्य मिले



बीकानेर श्रीराम-सीता के पांच हजार साल पुराने साक्ष्य मिले

Ram-Sita's five thousand year old evidence
भगवान श्रीराम व सीया के होने के पांच हजार साल पुराने पुरातात्विक साक्ष्य मिले हैं। यह प्रमाण कालीबंगा में सुरक्षित एक मृण प्रतिमा (मिट्टी की प्रतिमा) में मिले हैं। कालीबंगा में सुरक्षित एक प्राचीन मृण प्रतिमा का अध्ययन करने के बाद पुरातत्वविद् जफर उल्लाह खां ने इसे भगवान श्रीराम और सीता की आकृतियां करार दिया है।

यह मृण प्रतिमा तीन हजार ईसा पूर्व की है। मृण प्रतिमाओं को पुरातात्विक भाषा में टेराकोटा कहा जाता है। इस टेराकोटा में एक पुरुष एवं एक महिला की आकृति का अंकन है। महिला आकृति को पुरुष के बायीं ओर वामांग खड़ी मुद्रा में दर्शाया गया है। इस प्रकार मृण प्रतिमा में देवी सीता को श्रीराम के बांयी तरफ खड़े हुए बताया गया है। देवी सीता के सिर पर बालों की दो चोटियां बंधी हुई है, बालों की चोटियों को सुंदर रूप से गूंथकर बांध रखा है।

देवी सीता ने अपने दोनों हाथों को सीधी मुद्रा में नीचे कर रखा है। वहीं श्रीराम के सिर पर एक जुडा बंधा हुआ है। श्रीराम ने अपना दायां हाथ ऊपर कर रखा है और बायां हाथ नीचे की ओर है। श्रीराम का मुखमण्डल भी बायीं ओर देवी सीता की ओर देखते हुए बनाया गया है। पुरातत्वविद् खां ने बताया कि हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार परम्परागत रूप से प्राचीन काल से एक पुरुष आकृति के साथ बायें हाथ की तरफ खड़ी महिला के अंकन को देवी सीता के रूप में देखा व पहचाना जाता रहा है।

ये मृण प्रतिमा कालीबंगा से मिली है। इस पुरास्थल को चार हजार ईसा पूर्व माना जाता है। उक्त मृण प्रतिमा एवं चिन्हित मुद्राओं पर अंकित मानव आकृति के हाथ व अंगुलियों की बनावट, पुरुष आकृति के सिर पर बंधा जूड़ा एवं महिला आकृति के सिर पर बंधी दोनो चोटियों में एकरूपता व समानता है। इस बारे में कालीबंगा म्यूजियम के प्रभारी प्रवीण से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त मृण प्रतिमा मुद्रा जितनी बड़ी है, जिसे हड्डपाकाल में अच्छे काम की मंजूरी देने के वक्त लगाया जाता था।

जोधपुर दस वर्ष बाद दोस्त की हत्या के आरोप से मिली मुक्ति

जोधपुर दस वर्ष बाद दोस्त की हत्या के आरोप से मिली मुक्ति
out of charge after ten years in friend's murder case
राजस्थान उच्च न्यायालय ने दोस्त की हत्या के मामले में दस वर्ष से सजा काट रहे बीकानेर जिले के हजारीराम को जिला न्यायालय का फैसला पलटते हुए दोषमुक्त कर तत्काल रिहा करने का आदेश दिया हैं। उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास व न्यायाधीश अनुपेन्द्रसिंह ग्रेवाल की खण्डपीठ ने अपीलार्थी की अपील मंजूर करते हुए अपर जिला न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) बीकानेर के 25 फरवरी 2006 को दिए निर्णय को अपास्त करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश की गई परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर और अपीलार्थी से बरामद हथियार के आधार पर उसे अपने दोस्त रामेश्वरलाल की हत्या का दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
खण्डपीठ ने अधीनस्थ न्यायालय के निर्णय को रद्द करते हुए कहा कि न तो अभियोजन पक्ष परिस्थितिजन्य साक्ष्य की सभी कडिय़ां जोड़ पाया है और न ही ऐसी ठोस वजह बता पाने में कामयाब रहा है, जिसके आधार पर अपीलार्थी को अपने दोस्त की हत्या का दोषी ठहराया जा सके।
अभियोजन के तर्क
राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक चन्द्रशेखर का कहना था कि अधीनस्थ न्यायालय का निर्णय पूर्णतया साक्ष्य पर आधारित है। उनका कहना था कि अभियोजन पक्ष के महत्वपूर्ण गवाह भंवरलाल, कनीराम तथा अर्जुनराम की साक्ष्य से यह प्रमाणित है कि 31 मार्च 2005 की रात्रि हजारीराम मृतक रामेश्वरलाल को बुलाकर अपने घर पर ले गया था तथा अंतिम बार उसके साथ शराब पीते हुए उसके घर पर ही देखा गया था। उनका यह भी कहना था कि अपीलार्थी की सूचना पर ही खून भरी कुल्हाड़ी बरामद की गई थी।
अपीलार्थी की दलील
जबकि अपीलार्थी के न्यायमित्र अभिषेक का कहना था कि अभियोजन पक्ष की साक्ष्य व दस्तावेज के आधार पर अधीनस्थ न्यायालय का निर्णय अनुचित है और उनके द्वारा साक्ष्यों की सही विवेचना नहीं की गई है। उनका कहना था कि रामेश्वर की हत्या उसके ससुराल पक्ष द्वारा की गई थी और उन्हीं के मोहल्ले में उसकी लाश मिली थी। अपीलार्थी मृतक का अच्छा दोस्त था। उसकी हत्या करने का कोई कारण नहीं था और न ही अभियोजन कोई कारण बता पाया है। उनका कहना था कि 31 मार्च 2005 को न तो रामेश्वरलाल के घर पर वह गया और न ही अपने घर लाकर उसे शराब पिलाई थी।
तत्काल किया रिहा
सभी पक्षों को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायाधीश व्यास की खण्डपीठ ने अपने 15 पृष्ठों के विस्तृत फैसले में अपीलार्थी हजारीराम को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 के आरोप से दोषमुक्त कर तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।