शनिवार, 1 फ़रवरी 2014

भाजपा विधायक के घर तोड़फोड़, पथराव

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक के घर जीप में भरकर आए युवकों ने जमकर उत्पात मचाया। जब तक विधायक युवकों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर पाते सभी वहां से फरार हो गए।
विधायक के घर यह हमला राजस्थान के भीलवाड़ा में हुआ। विधायक का नाम विठ्ठल शंकर अवस्थी है, जिन्होंने शनिवार को हमलावरों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया है।

जानकारी के अनुसार आरोपी युवक एक दिन पूर्व शहर के सरकार कॉलेज के छात्रसंघ शपथ ग्रहण समारोह में हुए हंगामे का बदला लेने पहुंचे थे। युवकों को नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया से जुड़ा बताया जा रहा है। हालांकि, विधायक ने हमलावरों का अज्ञात बताया है।

शहर के सुभाष नगर पुलिस थाने से मिली जानकारी के अनुसार बोलेरो गाड़ी में कुछ युवक रात्रि में विधायक के निवास गए थे जहां उन्होंने उनके किराए के मकान के बाहर का कांच का हिस्सा तोड़ दिया तथा नारे बाजी की। विधायक और मकान मालिक के बाहर आने पर उपद्रवी वहां से भाग निकले।

अध्यक्ष की हुई थी पीटाई

गौरतलब है कि एनएसयूआई के छात्र शुक्रवार को कॉलेज में आयोजित वार्षिक उत्सवमें छात्रसंघ अध्यक्ष आशीष चौधरी की पिटाई से नाराज थे। अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने एनएसयूआई के अध्यक्ष के मुताबिक वार्षिक उत्सव भी आयोजित नहीं करने दिया था, जबकि अध्यक्ष ने उत्सव में सभी कांग्रेस नेताओं को आमंत्रित किया था। कॉलेज चुनाव में अध्यक्ष पद को छोड़कर सभी पदों पर परिषद के कार्यकर्ता विजयी रहे थे। लिहाजा वे अपने अनरूप उत्सव आयोजित कराना चाहते थे जिससे दोनों संगठनों में विवाद हो गया।

रामदेवरा "मोदी" कई बार गिरते-गिरते बचे।

रामदेवरा। राजस्थान के रामदेवरा में प्रशंसकों के घिरे "मोदी" कई बार गिरते-गिरते बचे। हालांकि, जब भिड़े उनके करीब पहुंची तो मोदी की पोल खुलकर सामने आई।
दरअसल, ये गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी नहीं उनके हमशक्ल थे।

जानकारी के अनुसार शनिवार को जैसलमेर के करीब रामदेवरा स्थान पर मोदी के पहुंचने की खबर सुन सैकड़ों लोगा वहां इकट्ठा हो गए। उन्हें देखने और उनके साथ फोटो खिंचवाने की होड़ मच गई। लेकिन बाद में पता चला वे मोदी के हमशक्ल है। ये हमशक्कल बाबा की समाधि के दर्शन के लिए रामदेवरा पहुंचे। उनके यहां पहुंचते ही भीड़ लग गई।

कौन है ये "मोदी"?

नरेन्द्र मोदी के ये हमशक्ल कोई ओर नहीं हनुमानगढ़ जिले के भादरा निवासी कन्हैयालाल पुत्र कालूराम हैं। शक्ल, कद काठी व कपड़ों से हू-ब-हू मोदी लगने वाले कन्हैयालाल ने बताया कि उसका चेहरा व कद काठी मोदी से मिलता जुलता है तथा अब उन्होंने पहनावा व चश्मा भी मोदी की तरह कर लगा लिया है।

विधानसभा चुनावों में भी भौचक्के

कन्हैयालाल ने बताया कि गत विधानसभा चुनाव में पीलीबंगा में मोदी के आगमन से पहले वहां पहुंचे, तो सुरक्षाकर्मी व प्रशासनिक अधिकारी भी भौंचक्के रह गए। उन्होंने बताया कि मोदी ने भी उन्हें गुजरात आकर मुलाकात के लिए निमंत्रण भेजा है।

राजस्थान की आत्मा में बसा है माँगणियार लोक-संगीत


- राजस्थान की आत्मा में बसा है माँगणियार लोक-संगीत

- राजस्थान का माँगणियार लोक-संगीत

https://www.youtube.com/watch?v=fg45aNVDkvY


लोकगीतों में धरती गाती है, पर्वत गाते हैं, नदियाँ गाती हैं, फसलें गाती हैं। उत्सव, मेले और अन्य अवसरों पर मधुर कंठों में लोक समूह लोकगीत गाते हैं। वैदिक ॠचाओं की तरह लोक-संगीत या लोकगीत अत्यंत प्राचीन एवं मानवीय संवेदनाओं के सहजतम स्त्रोत हैं।

 सुर-संगम की इस कड़ी में आप सबका अभिनंदन! आज से हम सुर-संगम में एक नया स्तंभ जोड़ रहे हैं - वह है 'लोक-संगीत'। इसके अंतर्गत हम आपको भारत के विभिन्न प्रांतों के लोक-संगीत का स्वाद चखवाएँगे। आशा करते हैं कि इस स्तंभ के प्रभाव से सुर-संगम का यह मंच एक 'आनंद-मेला' बन उठे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था,"लोकगीतों में धरती गाती है, पर्वत गाते हैं, नदियाँ गाती हैं, फसलें गाती हैं। उत्सव, मेले और अन्य अवसरों पर मधुर कंठों में लोक समूह लोकगीत गाते हैं। वैदिक ॠचाओं की तरह लोक-संगीत या लोकगीत अत्यंत प्राचीन एवं मानवीय संवेदनाओं के सहजतम स्त्रोत हैं।" भारत में लोक-संगीत एक बहुमूल्य धरोहर रहा है। विभिन्न प्रांतों की सांस्कृतिक विविधता असीम लोक कलाओं व लोक संगीतों को जन्म देती हैं। प्रत्येक प्रांत की अपनी अलग शैली, अलग तरीका है अपनी कलात्मक विविधता को व्यक्त करने का। आज हम जिस प्रांत के लोक-संगीत की चर्चा करने जा रहे हैं, वह प्रांत अपनी इसी कलात्मक विविधता, रचनात्मक शैलियों तथा रंगारग व पारंपरिक लोक-कलाओं के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है - आप समझ ही गए होंगे कि मैं बात कर रहा हूँ सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहरों से परिपूर्ण - राजस्थान की। एक ऐसा प्रदेश जिसका नाम ज़हन में आते ही आँखों के आगे छा जाते हैं ऐतिहासिक किलों, राजा-महाराजाओं, रंग-बिरंगे कपड़ों, व्यंजनो तथा लोक-कलाओं के मनमोहक चित्र।

राजस्थान की उर्वर लोक-कला व संगीत कई परंपरागत शलियों का मिश्रण है। एक ओर जहाँ घरेलु काम-काज जैसे कुएँ से पानी भर लाने, संबंधों, धार्मिक प्रथाओं, त्योहारों, मेलों, घरेलु व सामाजिक अनुष्ठानों और राजाओं-महाराजाओं को समर्पित लोक-गीत हैं, वहीं ईश्वर को समर्पित मीराबाई और कबीर के गीत भी हैं। राजस्थान के लोग परिश्रम से भरे और रेगिस्तान की कठोर धूप में बीती दिनचर्या के बाद फ़ुरसत मिलते ही स्वयं को प्रसन्न चित्त करने के लिए लोक-संगीतों, नृत्यों व नाट्यों का सहारा लेते हैं। वहाँ के हर समुदाय, हर प्रांत का लोक-संगीत विविध है, यहाँ तक कि इनके द्वारा प्रयोग किये जाने वाले वाद्‍य भी भिन्न हैं। जहाँ सामुदायिक लोक-संगीत की बात आती है वहाँ पर राजस्थान के लाँघा, माँगणियार, मिरासी, भाट व भांड आदि समुदायों का उल्लेख करना अनिवार्य बन जाता है। माँगणियार और लाँघा मुस्लिम समुदाय हैं जो राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे बाड़मेर और जैसलमेर के रेगिस्तानों में पाए जाते हैं। इनकी एक महत्त्वपूर्ण संख्या पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थापरकर व सांघार ज़िलों में भी आबाद हैं। ये वंशानुगत पेशेवर संगीतकारों का समूह है जिनका संगीत अमीर ज़मींदारों और अभिजातों द्वारा पीढ़ियों से प्रोत्साहित किया जाता रहा है। आइए इस वीडियो द्वारा माँगणियार लोक कलाकारों की इस प्रस्तुति का आनंद लें जो इन्होंने दी थी ' द माँगणियार सिडक्शन' नामक एक कार्यक्रम में जिसे विश्व भर के अनेक देशों में प्रस्तुत किया गया और बेहद सराहा भी गया।

द माँगणियार सिडक्शन


लाँघा व माँगणियार समुदाय के लोक कलाकार मूलतः मुस्लिम होते हुए भी अपने अधिकतम गीतों में हिंदु देवी-देवताओं की तथा हिंदु त्योहारों की बढ़ाई करते हैं और 'खमाचा' अथवा 'कमयाचा' नामक एक खास वाद्‍य के प्रयोग करते हैं जो सारंगी का ही एक प्रतिरूप है। इसे घोड़े के बालों से बने गज को इसके तारों पर फ़ेरकर बजाया जाता है। माँगणियार समुदाय में कई विख्यात कलाकार हुए हैं जिनमें से ३ विशिष्ट गायकों को 'संगीत नाटक अकादमी' पुरस्कार से सम्मनित किया गया है, वे हैं - सिद्दीक़ माँगणियार, सकर खाँ माँगणियार और लाखा खाँ माँगणियार,अनवर खान । अब चूँकि ८ मार्च को 'विश्व महिला दिवस' मनाया गया, एक महत्त्वपूर्ण बात का मैं अवश्य उल्लेख करना चाहुँगा। वह ये कि माँगणियार समुदाय की रुकमा देवी माँगणियार अपने समुदाय की एकमात्र महिला कलाकार हैं और इन्हें वर्ष २००४ में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 'देवी अहिल्या सम्मान' से पुरस्कृत किया जा चुका है। माँगणियार व लाँघा लोक कलाकार मुख्यतः जिन शैलियों को प्रस्तुत करते हैं उनमें 'माँड' सबसे ज़्याद प्रसिद्ध है। इस लोक-संगीत का प्रचलन शतकों पहले राजस्थान के ऐतिहासिक राज-दरबारों से हुआ माना जाता है। उस समय के लोक कलाकार राजा तेजाजी, गोगाजी तथा राजा रामदेवजी की गौरव गाथा का बख़ान करते हुए 'माँड' गाया करते थे। इस शैली का एक लोकगीत जो अत्यधिक लोकप्रिय हुआ वह है - 'केसरिया बालम आवो सा, पधारो मारे देस'। इसकी लोकप्रियता इतनी हुई कि आज यह गीत राजस्थान का प्रतीक बन गया है। यहाँ तक कि कई हिंदी फ़िल्मों में भी इसका खूब प्रयोग हुआ। तो चलिए सुनते हैं भुट्टे खाँ और भुंगेर खाँ माँगणियार द्वारा प्रस्तुत माँड - 'केसरिया बालम आवो सा, पधारो मारे देस'।












हवस मिटाने दोस्त को सौंपी बीवी

जयपुर। पति के सामने गैर मर्द की अश्लील हरकतों से परेशान युवती जब पीहर चली गई तो पति ने रिश्तेदारों की मदद से उसे मंगवा लिया। लेकिन युवती को क्या पता था कि वापसी में उसे और भी शर्मनाक हालातों का सामना करना पड़ेगा। चार दिन पहले ही युवक ने अपने पत्नी को हवस के भुखे अपने दोस्त को न सिर्फ सौंपा बल्कि उससे सेक्स नहीं करने पर लाइटर से दाग भी दिया।

हालांकि, युवती पति और उसके दोस्त के चंगुल से बचकर भागने और अपनी आबरू बचाने में कामयाब हुई। शर्मसार कर देने वाला यह मामला राजस्थान के सवाईमाधोपुर के सूरवाल थाना इलाके का है।

दुराचारी पति और उसके दोस्त की करतूत का यह खुलासा तब हुआ जब पीडिता थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची। जानकारी के अनुसार पुलिस ने 20 वर्षीय पीडिता की शिकायत पर मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।

पति और दोस्त के खिलाफ मामला दर्ज

पुलिस के अनुसार थाना क्षेत्र के मैनपुरा गांव में आरोपी युवक ने अपनी ही पत्नी (ऎचेर निवासी) को दोस्त से अवैध संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। सेक्स नहीं करने पर उसे लाइटर से दागा जाना भी सामने आया है। पीडिता की रिपोर्ट पर आरोपित पति एवं दोस्त के खिलाफ प्रताड़ना का मामला दर्ज किया गया है।

चार पहले हुई थी शादी

थानाधिकारी गिरधर सिंह ने बताया कि आरोपित पति एवं उसके दोस्त नरेश मीणा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दर्ज रिपोर्ट में ऎचेर निवासी पीडिता ने बताया कि चार साल पहले उसकी शादी मैनपुरा में हुई थी।

ससुराल वालों ने नहीं सुनी कोई बात

आरोपित पति शादी के बाद से ही उसके दोस्त से अवैध संबंध बनाने के लिए दबाव डालता रहा। ससुराल में पति की मौजूदगी में एक-दो बार उसने उससे अश्लील हरकतें भी की। इसका विरोध किया, लेकिन ससुराल पक्ष के लोगों ने कोई ध्यान नहीं दिया।

मांगे थे दहेज के 1 लाख रूपए

आरोप है कि पति ने दहेज में एक लाख रूपए व मोटरसाइकिल की भी मांग की। इस बात को लेकर जनवरी माह में उसके पति ने उसके साथ मारपीट भी की थी। इस पर वह पीहर चल गई। बाद में 26 जनवरी को ससुराल पक्ष के रिश्तेदार उसके समझाकर वापस मैनपुरा ले आए।

सुनसान जगह पर जबरदस्ती

पीडिता के अनुसार 27 जनवरी रात को भी आरोपित पति व उसका दोस्त उसके मंुह शॉल से ढककर एकांत जगह ले गए। वहां भी पति ने दोस्त से अवैध संबंध बनाने का दबाव डाला। नहीं मानने पर लाइटर जलाकर शरीर पर दाग दिया। हालांकि, वो वहां से भागने में सफल रही।

राजे के "राज" में अब जयपुर मेट्रो पर "संशय"

जयपुर। राजस्थान में रिटेल में एफडीआई का फैसला पलटने जाने के बाद अब जयपुर मेट्रो पर संशय बढ़ता जा रहा है। दरअसल, जयपुर मेट्रो के सैकेंड फेज को लेकर मुख्यमंत्री के बयान के बाद से प्रोजेक्ट पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। डीएमआरसी से लेकर जेएमआरसी के अधिकारी भी असमंजस की स्थिति में हैं।

कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है कि आखिर फेज वन एक्सटेंशन और सैकेंड फेज को लेकर क्या रणनीति बनाई जा रही है। सूत्रों की मानें तो जेएमआरसी इस मामले में राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद ही नया काम शुरू करने के मूड में है।

मेट्रो पर राजे ने उठाए थे ये सवाल
विधानसभा के पहले सत्र में मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाष्ाण का जवाब देते हुए कहा था कि जयपुर में 2025 से पहले मेट्रो की आवश्यकता ही नहीं थी। पिछली सरकार ने इस पर काफी पैसा बेकार किया है, उन्होंने पहले फेज पर किए गए खर्च का ब्यौरा देते हुए कहा था कि इतने पैसे में तो राज्य में 110 फ्लाईओवर बनाए जा सकते थे। इसके अलावा हर साल मेट्रो संचालन पर होने वाले खर्च को अन्य विकास कार्यो पर लगाया जा सकता था।

मेट्रो टनल पर असमंजस
मानसरोवर से लेकर चांदपोल तक मेट्रो चलाने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इस बीच टै्रक से लेकर अन्य कार्य भी करीब-करीब पूरे हो चुके हैं। इस रूट पर कॉमर्शियल ट्रायल किया जाना बाकी रह गया है। इसी के साथ चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक अंडरग्राउंड टनल बनाने के लिए ताइवान की कंपनी को काम भी सौंपा जा चुका है।

टेस्टिंग पूरी,अब काम का इंतजार
कंपनी ने चांदपोल से लेकर बड़ी चौपड़ के बीच मिट्टी की टेस्टिंग भी कर ली गई है। यही नहीं कंपनी को पुरातत्व विभाग से हरी झंडी भी मिल चुकी है और जल्द कार्य शुरू किया जाना है।

अधिकारियों के समझ से बाहर हालात
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद से कंपनी और यहां काम करवा रही डीएमआरसी के अधिकारियों के सामने असमंजस के हालात हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही डीएमआरसी और जेएमआरसी के अधिकारी इस मामले में राज्य सरकार ने आगे कार्य करने की स्वीकृति मिलने के बाद ही काम शुरू कर पाएंगे।

छठे जिफ 2014 का उदघाटन राजस्थान, राजस्थानी, कला और संस्कृति से जुडे लोगों ने किया


छठे जिफ 2014 का उदघाटन राजस्थान, राजस्थानी, कला और संस्कृति से जुडे लोगों ने किया



जयपुर 1 फ़रवरी:

छ्ठे जयपुर अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह-जिफ का उद्घाटन राजमन्दिर सिनेमा हाल में हुआ. इस साल जिफ का उद्घाटन सत्र राजस्थान, राजस्थानी, कला और संस्कृति को समर्पित किया गया है.

जिफ इस साल किसानों को भी समर्पित है. जिफ में इस साल खर्च हुये रुपये किसानों से जुटाये गये हैं. एक बार फीर से किसानों के इस सपोर्ट ने जय जवान जय किसान क नारा याद दिला दिया है. याद दिलाय है कि किसान स्बसे और सब्से आगे हैं.

इस समय राजस्थानी फिल्म मेकर मोहन सिंह राठौर, विख्यात कव्वाली गायक सईद फरीद अमीन साबरी, लेट विजय दान देथा के सूपुत्र कैलास कबीर, राजश्री प्रोडक्शन से राजश्री सरावगी, वरिष्ठ फिल्म वितरक श्याम सुन्दर जलानी, पुर्व आई. पी. एस. अधिकारी और सुविख्यात लेखक हरीराम मीना, सुविख्यात गीतकार् और संस्कृत विद्वान हरीराम आचार्य, विख्यात साहित्यकार और लेखक इकराम राजस्थानी, फिल्म मेकर राकेश गोगना, एन आर आई फिल्म प्रोड्यूसर ए वी शंकरदास और साथ में जिफ सलाहकार और आयोजन समिति के सदस्य आदि भी मौजुद थे



उद्घाटन सत्र में राजश्री प्रोडक्शनस को हिन्दी सिनेमा और उसमें राजस्थान की कला और संस्कृति को नई पहचान देने के लिये लाईफ टाईम अचिवमेंट अवार्ड से नवाजा गया.

ट्रीब्युट लेट श्री विजय दान देथा को दिया गया.



समारोह के उद्घाटन सत्र में ओपनिंग फिल्म पाकिस्तान से ऑस्कर में ऑफिसियल एंट्री जिन्दा भाग की स्क्रिनिंग की गई. जयपुर से बडी ताडदाअत मे इस फिल्म को देखने लोग पहुंचे.



हनु रोज ने कह की जिफ पिछ्ले 5 साल से जयपुर में सफलतपुर्वक हो रहा है. हम विश्वाश दिलाते हैं की जिफ हर साल हर तरह के हालातों को पार करते हुये आयोजित होता रहेगा. फिल्म मेकर्स की लगातर भागिदारी ने हमें और उत्साहीत किय है.



अगले चार् दिनों में गोलछा सिनेम और चेमबर भवन में 90 से ज्यादा देशों से चयनित कुल 155 फिल्मों का प्रदर्शन समारोह में सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक लगातार जारी रहेगा. इनमे 40 फिचर फिल्में, 83 शॉर्ट फिक्शन, 18 डाक्युमेंट्री, 15 एनिमेशन शॉर्ट फिल्में शामिल है.

राजस्थान से कुल 14 फिल्मों की स्किर्निग की जायेगी इनमें से 7 फिल्में गैर-प्रतियोगिता की श्रेणी में है.



90 देशों से चयनित कुल 156 फिल्मों में से कुल 121 फिल्में है प्रतियोगिता के श्रेणी में हैं.



इस साल जिफ 2014 में 13 देशों से चयनित 13 उम्दा फिल्मों का प्रदर्शन होने जा रहा है. ये सभी 13 फिल्में ऑस्कर 2014 में बतौर ऑफिसियल एंट्री अलग अलग देशों से भेजी गई है. आप देख सकेंगे कैसे अलग-अलग देशों का सिनेमा ऑस्कर तक पहुंचता है.

बाड़मेर डोडा पोस्त का संकट मानवेन्द्र सिंह ने लगाया केंद्र कम पटटे जारी करने का आरोप

कम पैदवार व् पट्टो के कारन डोडा पोस्त  का संकट
मानवेन्द्र सिंह ने लगाया केंद्र कम पटटे जारी करने का आरोप
शिव विधायक ने कि अधिक पटटे जारी करने की माग

बाड़मेर जिले में पिछले कई दिनों से डोडा पोस कमी के चलते डोडाधारी को परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है जब इस मामले में कुछ दिन पहले ही डोड़धारियो ने शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह को रुबरु कराया तो सिंह ने सरकार से बारे में जानकारी मागी तो कई चोक्का देने वाली बात सामने आई है दरसल पिछले पाच सालो से केन्द्र सरकार ने पटटे जारी करने में कमी करती जा रही है जिसके चलते इन दिनों डोडो पोस्ट की कमी हो रही है
सिंह के अनुसार डोडा पोस्ट की कमी इस वर्ष चल रही है इसका मुख्य़ कारण डोडा पोस्ट की कम पैदावार होना है क्योकि वर्ष 2011-12 में चितोडगढ़ व प्रतापगढ़ जिले के अंदर कुल 20,372 कास्तकारो को 9 ,491.30 हेक्टरय इलाके में डोडा पोस्ट की खेती करने के लिए भारत सरकार की और से पटे जारी किये गए थे लेकिन वर्ष 2012 -13 में मात्र 18351 कस्तकरो को 2445. 40 हेक्टेयर में ही डोडा पोस्ट की खेती करने के पटटे जारी किये गए इस कारण जो उत्पादन वर्ष 2011 -12 तक हुआ करता था उसका 25 फीसदी ही डोडा पोस्ट 2012 -13 उत्पादन हुआ इस तरह पिछले पाच सालो में लागतार डोडा पोस्ट की खेती में गिरावट आ रही है जिसके चलते आज यह हालात बने है और खास तोर से मारवाड़ के डोड़धारियो के साथ अन्याय हो रहा है जिसकी जिमेदार लिए केद्र सरकार है
इस पुरे मामले में मानवेन्द्र सिंह ने केंद्र सरकार को ख़त लिख कर यह माग की है कि डोडा पोस्ट की खेती करने के पटटे नए जारी किये जाए ताकि आने वाले समय में इस तरह के हालात फिर से न बने सिंह के अनुसार विपक्ष की और से यह बात भी फैलाई जा रही है कि वसुंधरा सरकार ने डोडा पोस्ट देना कम कर दिया है जबकि इस डोडा पोस्ट के मामले का राज्य सरकार से कोई भी लेना देना नहीं है

जैसलमेर शहर में पदस्थापित यातायात शाखा की मिटिंग का आयोजन


जैसलमेर शहर में पदस्थापित यातायात शाखा की मिटिंग का आयोजन

जैसलमेर 
शहर में सुगम,अच्छी एवं सुदृढ व्यवस्था देने के निर्देश


जैसलमेर शहर में आमजन को सुगम यातायात व्यवस्था देने के लिए शनिवार  को पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर विकास शर्मा की अध्यक्षता में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शहर में पदस्थापित यातायात शाखा के अधिकारियोंकर्मचारियों की मिटिंग का आयोजन किया गया। मिटिंग में पुलिस अधीक्षक के अलावा कृष्णचंद यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सोहनराम वृताधिकारी वृत जैसलमेर, रविन्द्र बौथरा, प्रभारी यातायात शाखा, दामोदरसिंह सउनि एवं यातायात शाखा जैसलमेर में पदस्थापित अधिकारी एवं कर्मचारी उपसिथत रहे। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यातायात शाखा, जिला पुलिस की सबसे महत्पूर्ण शाखा है जिसका जनता से हमेशा सीधा सम्पर्क रहता है, यातायात शाखा से ही पुलिस की अच्छी एवं बुरी छवि का पता चलाता हैं। जिसके कारण इस पर विशेष ध्यान देते हुए यातायात शाखा में पदस्थापित समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी विशेष कर ध्यान देते हुए आमजन को सुगम, अच्छी एवं सृदृढ यातायात व्यवस्था देने के लिए हमेशा ध्यान देवे तथा तत्पर रहे। समस्त कर्मचारी डयूटी देते समय साफ-सूथरी वर्दी पहने तथा अपना टर्न अवरन सही रखे तथा डयूटी चुस्ती से देवे। इसके अलावा प्रभारी यातायात शाखा को शहर में यातायात व्यवस्था सुदृढ करने के लिए पार्किग व्यवस्था को सही करने तथा ओवर लोडिग वाहनो, तेजगति से वाहन चलाने वाले चालको, शराब पीकर वाहन चलाने वालो, बिना कागजात एवं बिना नम्बरी वाहनो, काली फिल्म लगे वाहनो के विरूद्ध अधिक से अधिक एमवी एक्ट के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये तथा समस्त अधिकारियोंकर्मचारियों को यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए चुस्ती से सावधानी पूर्वक डयूटी इंतजाम देने के निर्देश दिये तथा समस्त अधिकारियोंकर्मचारियों को जनता से अच्छा व्यवहार करने के निर्देश दिये।

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मोटर सार्इकिल चोर गिरोह पकड़ा ,आम जन को रहत

मोटर सार्इकिल चोर गिरोह पकड़ा ,आम जन को रहत 


मोटर सार्इकिल चोरी वारदातों में बालोतरा पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, मोटरसार्इकल खरीददारो का भण्डाफोड़, पांच जने गिरफतार, 15 मोटर सार्इकिले और बरामद अब तक कुल 40 मोटर सार्इकिल बरामद, 10 मोटर सार्इकिल और बरामद होने की संभावना।


बाड़मेर   हेमन्त शर्मा, पुलिस अधीक्षक जिला बाडमेर के निर्देषानुसार श्री अमृतलाल जीनगर पुलिस उप अधीक्षक बालोतरा व श्री सुखाराम विष्नोर्इ निरीक्षक पुलिस थानाधिकारी पुलिस थाना बालोतरा के नेतृत्व में गठित टीम श्री रावताराम स.उ.नि., श्री सुखदेव कानि. 339, श्री राकेष कुमार कानि. 1012, श्री जसाराम कानि. 613 द्धारा पांच ओर मुलजिमानो को गिरफतार कर चोरी की 15 और मोटर सार्इकिले बरामद करने में सफलता हासिल की है।

 सुखाराम विष्नोर्इ निरीक्षक पुलिस थानाधिकारी पुलिस थाना बालोतरा के नेतृत्व मेें श्री रावताराम स.उ.नि., श्री सुखदेव कानि. 339, श्री राकेष कुमार कानि. 1012, श्री जसाराम कानि. 613 की गठित टीम द्धारा कडी मेहनत एवं अथक प्रयास कर पूर्व में मोटर सार्इकल चोरी गैंग को दस्तयाब कर उनके कब्जा से चोरी की 25 मोटर सार्इकल बरामद की गर्इ थी। गिरफतार मुलजिमानों से की गर्इ पूछताछ क आधार पर मुलजिमान 1. गोमदराम पुत्र कानाराम जाति मेगवाल उम्र 24 साल निवासी बाटाड़ू 2. जोगाराम पुत्र वीरमाराम जाति जाट उम्र 19 वर्ष निवासी लुनाड़ा बाटाड़ू, 3. मगनखा पुत्र रतनखा जाति मुसलमान उम्र 34 साल निवासी बाटाड़ू 4. पुखराज पुत्र चनणाराम जाति ब्राहम्ण उम्र 30 साल निवासी बाटाडू, पुलिस थाना गिड़ा जिला बाड़मेर व 5. गणपतसिह पुत्र उगमसिह जाति राजपुरोहित उम्र 24 वर्ष निवासी लखा पुलिस थाना झिझनीयाली जिला जैसलमेर को दस्तयाब कर गहन पुछताछ करने कर कुख्यात मोटरसार्इकिल चोर लूणाराम पुत्र उतमाराम जाति मेगवाल निवासी झाख पुलिस थाना गिडा द्वारा बालोतरा से चोरी की गर्इ मोटरसार्इकलें खरीदना स्वीकार किया है। इस अभियान में अब तक टीम द्वारा कुल 40 मोटर सार्इकलें बरामद की जाकर 16 मुलजिमान गिरफतार किये जा चुके है। 10 मोटरसार्इकिल और बरामद होने की संभावना है।




क्ुख्यात मोटरसार्इकल चोर लूणाराम पुत्र उतमाराम जाति मेगवाल निवासी झाख से गहन पुछताछ करने पर कस्बा बालोतरा मे कुल 50 मोटरसार्इकल चोरी करने की वारदात अब तक स्वीकार की है।