शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

दो पत्नियों के बीच फंसे थे जनाब, तस्वीरों में देखिए कैसा हो गया हाल!



इंदौर। पत्नियों से परेशान व्यापारी ने सुबह-सुबह शराब पी ली और कृष्णपुरा पुल से कूद गया। लोगों ने उसे बचाया। थाने ले गए, तो पूछताछ करने पर वर्दी वालों को ही गाली बकने लगा। मामला वेंकटेश नगर निवासी रवींद्र परमार (51) से जुड़ा है। परमार की दो पत्नियां हैं इसके चलते उसके घर में रोज विवाद होता है। झगड़ों से परेशान होकर परमार ने शुक्रवार सुबह से ही शराब पी ली। इसके बाद वह कृष्णपुरा पुल पर पहुंचा और हंगामा करने लगा। बार-बार कह रहा था कि मैं अपनी दूसरी बीवी से परेशान हूं। चिल्लाते-चिल्लाते वह पुल से नीचे कूद गया। लोगों ने उसे कूदते हुए देखा तो नीचे उतरकर उसे बचाया। वैसे भी नाले का रूप ले चुकी खान नदी में पानी की जगह इतना ज्यादा कीचड़ और गंदगी थी कि परमार को कहीं चोट तक नहीं लगी। लोग उसे उठाकर एमजी रोड थाने पर ले गए।






थाने में पुलिसवालों ने उससे नाम-पता पूछा तो पहले तो उसने सबकुछ बता दिया, लेकिन इसके बाद जब ज्यादा पूछताछ की गई तो पुलिसवालों को ही गालियां बकने लगा। पुलिस का कहना है कि व्यापारी नशे में है। वो केवल इतना ही कह रहा है कि मैं अपनी दूसरी बीवी से परेशान हूं। जान देना चाहता हूं। थाने में उसने अपने कपड़े भी उतार दिए। पुलिसवालों के समझाने पर भी नहीं माना और कपड़े नहीं पहने। परिजन को थाने बुलाया गया, तब कहीं उसने कपड़े पहने। दोपहर को एमवायएच में उसका मेडिकल कराया गया।

डीजल का दाम 50 पैसे बढ़ा, बिना सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर 107 रूपए सस्ता

नई दिल्ली। सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों ने गैर सब्सिडी वाले रसोई गैस का दाम प्रति सिलेंडर 107 रूपए घटा दिया है। हालांकि उसने डीजल के दाम में 50 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। जो शुक्रवार आधी रात के बाद से लागू होगी। यहां पेट्रोल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। डीजल का दाम 50 पैसे बढ़ा, बिना सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर 107 रूपए सस्ता
अंतरष्ट्रीय मूल्यों में कमी के कारण गैर सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) के दाम में 107 रूपए प्रति सिलेंडर की कटौती की गई। ग्राहकों को एक साल में सब्सिडी वाला 12 सिलेंडर का कोटा खत्म होने के बाद बाजार दर पर सिलेंडर लेना होता है।

वहीं, दिल्ली में डीजल का दाम कर सहित 57 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 54.91 रूपए प्रति लीटर हो गया है। जबकि मुंबई में यह मौजूदा 62.60 रूपए प्रति लीटर से बढ़कर 63.23 रूपए हो गया है।

यह कदम पिछले साल जनवरी में सरकार के उस फैसले के अनुरूप हैं। जिसमें डीजल के दाम में हर महीने तब तक 50 पैसे तक प्रति लीटर बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। जब तक ईंधन पर होने वाला नुकसान खत्म नहीं हो जाता और यह बाजार भाव के स्तर पर नहीं आ जाता।

पाक में 3 किन्नर बने सरकारी कर्मचारी

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कराची शहर में तीन किन्नरों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। यह पहला मौका है जब किन्नरों को सरकारी नौकरी में लिया गया है। यह पाकिस्तान में उपेक्षित समुदाय के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मीउिया रिपोर्टों के अनुसार सिंध की सरकार की तरफ से गुरूवार को रिफ्टी खान, मुस्कान और अंजुम को नियुक्ति पत्र सौंपा गया। रिफ्टी खान ने परास्नातक डिग्री हासिल की है जबकि मुस्कान और अंजुम मैट्रिक पास हैं।

प्रांतीय समाज कल्याण, महिला विकास और विशेष शिक्षा मंत्री रूबीना कायम खानी ने कहा कि यह प्रारंभिक चरण है, और अन्य किन्नरों को भी नौकरियां दी जाएंगी। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि सरकार ने हमें समाज के सम्मानित नागरिक के तौर पर स्वीकार किया है।

कांग्रेस की "ऎड गर्ल" विवादों में घिरी

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के विज्ञापन किसी ना किसी कारण से लगातार चर्चा में है। ताजा मामला है कांग्रेस के नए विज्ञापन "कट्टर सोच नहीं बल्कि युवा जोश" की लड़की हसीबा अमीन की है।
इस विज्ञापन में वह खुद को राहुल की टीम की एक आम कार्यकर्ता बताती नजर आ रही है और राहुल गांधी से जुड़ने की अपील कर रही है। हसीबा अमीन विज्ञापन में युवाओं को कट्टर सोच से दूर रहने के बात भी कहती हैं और खास अंदाज में आमिर खान की फिल्म "दिल चाहता है" का गीत भी गाती हैं- हम हैं नए अंदाज क्यों हो पुराना।

विज्ञापन में साधारण छात्रा जैसी दिखने वाली हसीबा इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं। पूछा जा रहा है कि आखिर ये हसीबा अमीन हैं कौन हसीबा के इस विज्ञापन पर राजनीति में रूचि लेने वालों ने स हसीबा को टि्वटर और फेसबुक पर खोजा और उससे कई सवाल भी किए जिसके जवाब भी दिए।

हसीबा ने अपने टि्वटर प्रोफाल पर अपने परिचय में लिखा है कि प्राउड इंडियन, प्राउड मुस्लिम, शांतिप्रिय, लेखक बनने की इच्छा रखने वाली, कविता प्रेमी, प्रेम प्रेमी और गोवा एनएसयूआई की अध्यक्ष।

हसीबा यह आरोप भी लगा कि फरवरी 2012 में गोवा एनएसयूआई की अध्यक्ष बनीं तो उन्होंने अपने उपाध्यक्ष सुनील कावथंकर को निकाले जाने की मांग की, जबकि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे थे।

सुनील ने आरोप लगाया था कि राज्य में सक्रिय कुछ ड्रग माफिया के सिर पर कांग्रेस मंत्रियों का हाथ है। लोगों ने आरोप लगाए कि हसीबा किसी 300 करोड़ के पीडब्ल्यूडी घोटाले में शामिल थी इसके चलते जेल भी जा चुकी है।

केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के साथ हसीबा की तस्वीरें टि्वटर पर पोस्ट की गईं। उन पर तरह-तरह के कटाक्ष और व्यक्तिगत टिप्पणियां की गईं। हसीबा ने खुद पर लगे सभी आरोपों को गलत बताया और उन पर निजी हमले करने वालों की निंदा की।

उन्होंने कांग्रेस समर्थकों के वे ट्वीट भी साझा किए, जिसमें लिखा गया है कि मोदी ब्रिगेड कांग्रेस के नए कैंपेन से डर गई है और व्यक्तिगत हमलों पर उतर आई है।

शराब की खातिर पत्नी को जिन्दा जलाया

भिण्ड। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के गोरमी थाना क्षेत्र के ग्राम डोंगरपुरा में शराब पीने से मना करने पर एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर कैरोसिन डालकर जिन्दा जला दिया। गम्भीर रूप से जली महिला को भिण्ड के शासकीय जिला चिकित्सालय में दाखिल कराया गया है।
प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अमरनाथ वर्मा ने बताया कि डोंगरपुरा निवासी अमृतलाल कुशवाह जो शराब पीने का आदी है प्रतिदिन वह शराब पीकर अपनी पत्नी की मारपीट करता था। गुरूवार देर शाम को अमृतलाल जब घर आया तो उसकी पत्नी लीली ने उसे शराब पीने से रोका तो गुस्से में आकर उसने पत्नी पर कैरोसिन डालकर आग लगा दी।

गम्भीर रूप से जली लीली को भिण्ड के शासकीय जिला चिकित्सालय में दाखिल कराया गया है जहां उसकी स्थिति गम्भीर बनी हुई है। पुलिस ने शुक्रवार को पीडिता की रिपोर्ट पर उसके पति अमृतलाल के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है। घटना के बाद से आरोपी पति फरार है।

हत्या के तीन आरोपियों को उम्रकैद

भिण्ड जिला न्यायालय के चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश एमएस तोमर ने हत्या के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है तथा 50-50 हजार का अर्थदण्ड भी लगाया है। अपर लोक अभियोजक संजय कुमार शर्मा ने बताया कि जमीन बटवारे और कुंआ पर पानी भरने को लेकर सिरोमन सिंह तिलक सिंह व माखन सिंह ने मिलकर 23 दिसंबर 2010 को रविन्द्र राजपूत नीरज और चन्दन की मारपीट की थी जिसमें रविन्द राजपूत की चोटों के कारण मौत हो गई। न्यायाधीश एमएस तोमर ने पुलिस द्वारा जुटाए गए सबूतों व अन्य लोगों के द्वारा दिए गए बयानों पर सिरोमन सिंह तिलक सिंह व माखन सिंह को आजीवन कारावास व 50-50 हजार रूपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।

महिला की गला काटकर हत्या

भिण्ड जिले के मौ थाना क्षेत्र के ग्राम जारेट में शुक्रवार तड़के शौच के लिए गई एक महिला की गला काटकर हत्या कर दी गई। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अमरनाथ वर्मा ने बताया किग्राम जारेट निवासी महिला सावित्रीबाई राजपूत सुबह घर से खेत में शौच के लिए गई थी तभी अज्ञात लोगों ने उसकी गला काटकर हत्या कर दी।

पारस देवी कांड की भेंट चढ़ा समारोह

भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा में स्थित सरकारी कॉलेज में शुक्रवार को छात्र संघ के शपथ ग्रहण समारोह में जमकर हंगामा हुआ। जिसके चलते समारोह को बीच में ही स्थगित करना पड़ा। इस हंगामे के पीछे प्रदेश के बहुचर्चित पारस देवी कांड को बताया जा रहा है।
दरअसल, पारस देवी कांड कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री रामलाल जाट से जुड़ा है। जाट को इसी के चलते अपने मंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था। जानकारी के अनुसार समारोह में रामलाल जाट को आमंत्रित किए जाने से कुछ छात्र नाराज थे और यही वजह हंगामे का कारण बनी।

जानकारी के अनुसार समारोह में एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्टूडेंट्स के बीच रामलाल जाट को बुलाने पर विवाद हुआ जो मारपीट में बदल गया।

एबीवीपी के पीयूष सोनी और एनएसयूआई के छात्रसंघ अध्यक्ष आशीष चौधरी के बीच धक्का-मुक्की के साथ ही मारपीट हुई। इसके बाद दोनों पक्षों के छात्रों ने मंच पर चढ़ कर हंगामा किया।

समारोह के कांग्रेसीकरण काा आरोप

एबीवीपी के छात्र कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री रामलाल जाट को समारोह में आमंत्रित किए जाने का विरोध कर रहे थे। एबीवीपी के छात्रों का कहना था कि कॉलेज प्रशासन ने समारोह का पूरी तरह से कांग्रेसीकरण कर दिया गया।

पुलिस ने खदेड़ा तो बनी बात

एबीवीपी के छात्रों के अनुसार जिसका वे पिछले तीन दिन से विरोध कर रहे थे लेकिन पुलिस के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। समारोह में हुए हंगामे और मारपीट के बाद पुलिस ने छात्रों को खदेडा और मामले को शांत किया।

कांग्रेस को दगा देंगे पवार,चोरी चुपके मोदी से मिले!

मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और यूपीए को बड़ा झटका लगने वाला है। एक मराठी समाचार पत्र के मुताबिक लोकसभा चुनाव के बाद एनसीपी भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को समर्थन दे सकती है। कांग्रेस को दगा देंगे पवार,चोरी चुपके मोदी से मिले!
समाचार पत्र के मुताबिक एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाले यूपीए से नाता तोड़ने का फैसला कर लिया है। मराठी समाचार पत्र लोकसत्ता के मुताबिक 17 जनवरी को शरद पवार और मोदी के बीच नई दिल्ली में गुप्त मुलाकात हुई थी। दोनों के बीच नए गठबंधन पर चर्चा हुई।

हालांकि एनसीपी ने इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। एनसीपी का कहना है कि पवार और मोदी के बीच कोई गुप्त बैठक नहीं हुई थी। वहीं मराठी समाचार पत्र का दावा है कि लोकसभा चुनाव के बाद पवार पाला बदल सकते हैं। हाल ही में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ने मोदी के पक्ष में बयान दिए थे।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जब अपनी प्रेस कांफ्रेंस में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था तब पवार ने इसका विरोध किया था। हाल ही में एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने गुजरात दंगों के मुद्दे को लेकर नरेन्द्र मोदी का बचाव किया था। राहुल गांधी ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में गुजरात दंगों के लिए नरेन्द्र मोदी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। इस पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि सभी को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए।

गजब! पेड़ पर उगा दिए शाकाहारी "अंडे"

वॉशिंगटन। आपने अब तक तक तो पक्षियों को ही अंडे देते देखा होगा, लेकिन क्या कभी पेड़ों को भी अंडे देते हुए देखा है। लेकिन यह सच है। अब तक जो लोग अपने आप को शाकाहारी मानकर अंडे नहीं खा रहें थे वो भी आराम से अंडे खा सकते हैं क्योंकि पेड़ पर लगे ये अंडे शुद्ध शाकाहारी हैं।
इन अनोखे तथा शाकाहारी अंडो को पेड़ों से बनाने बनाने का फार्मूला एक अमरीकी कंपनी ने ईजाद किया गया है। कंपनी का कहना है कि यह शाकाहारी लोगों के लिए एक तोहफा है क्योंकि इन अंडो को कई तरह की बेक्ड चीजों को मिलाकर बनाया गया है।

आपको जानकार हैरानी होगी किन ये शाकाहारी अंडे दिखने में बिल्कुल मुर्गी के अंडो जैसे ही, लेकिन इन्हें बनाने में मटर की कई प्रजातियों, ज्वार तथा 11 तरह के अन्य प्रकार के पौधों से बनाया गया है।

इसमें आश्चर्य की एक बात ये भी है कि ये शाकाहारी अंडे प्राकृतिक अंडो के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक होने के साथ-साथ 19 फीसदी तक सस्ते भी हैं।

जानिए राजस्थान कि लोक कला संस्कृति संगीत

जानिए राजस्थान कि लोक कला संस्कृति संगीत 
राजस्थान : लोक कलाएँ, लोक नाट्य, लोक नृत्य, लोक गीत, लोक वाद्य एवं लोक चित्रकला

लोक कलाएँ

राजस्थान लोक कला के विविध आयामों का जनक रहा है। लोक कला के अन्तर्गत लोकगीत, लोकनाट्य, लोकनृत्य, लोकवाद्य और लोक चित्रकला आती है, इसका विकास मौखिक स्मरण और रूढ़ियों के आधार पर दीर्घ काल से चला आ रहा है। ये लोक कलाएँ हमारी संस्कृति के प्राण है। मनोंरजन का साधन है। लोक जीवन का सच्चा स्वरूप है।

लोक नाट्य मेवाड़, अलवर, भरतपुर, करौली और जयपुर में लोक कलाकारों द्वारा लोक भाषा में रामलीला तथा रासलीला बड़ी लोकप्रिय है। बीकानेर ओर जैसलमेर में लोक नाट्यों में ‘रम्मत’ प्रसिद्ध है। इसमें राजस्थान के सुविख्यात लोकनायकों एवं महापुरूषों की ऐतिहासिक एवं धार्मिक काव्य रचना का मंचन किया जाता है। इन रम्मतों के रचियता मनीराम व्यास, फागु महाराज, सुआ महाराज, तेज कवि आदि है। मारवाड़ में धर्म और वीर रस प्रधान कथानकों का मंचन ‘ख्याल’(खेलनाटक) परम्परागत चला आ रहा है, इनमें अमरसिंह का ख्याल, रूठिराणी रो ख्याल, राजा हरिशचन्द्र का ख्याल प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय है। राजस्थान में ‘भवाईनाट्य’ अनूठा है जिसमें पात्र व्यंग वक्ता होते है। संवाद, गायन, हास्य और नृत्य इसकी प्रमुख विषेषताएँ है। मेवाड़ में प्रचलित ‘गवरी’ एक नृत्य नाटिका है जो रक्षाबन्धन से सवा माह तक खेली जाती है। गवरी वादन संवाद, प्रस्तुतिकरण आरै लोक-संस्कृति के प्रतीकों में मेवाड़ की ‘गवरी’ निराली है। गवरी का उद्भव षिव-भस्मासुर की कथा से माना जाता है। इसका आयोजन रक्षाबन्धन के दूसरे दिन से शुरू होता है। गवरी सवा महिने तक खेली जाती है। इसमें भील संस्कृति की प्रमुखता रहती है। यह पर्व आदिवासी जाति वर पौराणिक तथा सामाजिक प्रभाव की अभिव्यक्ति है। गवरी में पुरूष पात्र होते है। इसके खेलों में गणपति कान-गुजरी, जोगी, लाखा, बणजारा इत्यादि के खेल होते है।

लोक नृत्य
राजस्थान में लाके नृत्य की परम्परा सदा से उन्नत रही है। यहाँ विभिन्न क्षेत्रों में लोकनृत्यों का विकास हुआ जिससे जनजीवन में आनन्द, जीवट और शौर्य के भावों की अभिवृद्धि हुई है।

(अ) गैर नृत्य - आदिवासी क्षेत्रों में होली के अवसर पर ढोल, बांकिया तथा थाली की संगत में पुरूष अंगरखी, धोती, पगड़ी पहनें हाथ में छड़िया लेकर गोल घेरे में नृत्य में भीली संस्कृति के दर्षन होते हैं।

(ब) गीदड़ नृत्य - शेखावाटी क्षेत्र में लोग होली का डण्डा रोपने से सप्ताह भर तक नंगाडे की ताल पर पुरूष दो छोटे डंडे लके र गीतों के साथ सुन्दर परिधान पहन कर नृत्य करतें है जिसे ‘गीदड़नृत्य’ कहा जाता है।

(स) ढोल नृत्य - मरूस्थलीय प्रदेष जालारे में शादी के समय माली, ढ़ोली, सरगड़ा और भील जाति के लोग ‘थाकना’ शैली में ढोलनृत्य करते हैं।

(द) बम नृत्य - अलवर और भरतपुर में फागुन की मस्ती मंे बड़े नगाड़े को दो बड़े डण्डों से बजाया जाता है, जिसे ‘बम’ कहते है। इसी कारण इसे ‘बमनृत्य’ कहते हैं।

(य) घूमर नृत्य - यह राजस्थान का सर्वाधिक प्रसिद्ध लोकनृत्य है, इसे मांगलिक पर्वों पर महिलाओं द्वारा हाथों के लचकदार संचालन से ढ़ोलनगाड़ा, शहनाई आदि संगत में किया जाता है।

(र) गरबा नृत्य - महिला नृत्य में गरबा भक्तिपूर्ण नृत्य कला का अच्छा उदाहरण है। यह नृत्य शक्ति की आराधना का दिव्य रूप है जिसे मुख्य रूप से गुजरात मंे देखा जाता है। राजस्थान में डूंगरपुर और बाँसवाड़ा में इसका व्यापक पच्र लन हैं।इस तरह गजु रात आरै राजस्थान की संस्कृति के समन्वय का सुन्दर रूप हमें ‘गरबा’ नृत्य में देखने को मिलता है।

अन्य लोक नृत्य
जसनाथी सिद्धों का अंगारा नृत्य, भीलों का ‘राईनृत्य’ गरासिया जाति का ‘वालरनृत्य’ कालबेलियाजाति का ‘कालबेलियानृत्य’ प्रमुख है। पेशेवर लोकनृत्यों में ‘भर्वाइ नृत्य’ 'तेरह ताली नृत्य ' चमत्कारी कलाओं के लिए विख्यात है।

लोक गीत

राजस्थानी लाके गीत मौखिक परम्परा पर आधारित मानस पटल की उपज हैं जो शेडस संस्कारों, रीतिरिवाजों, संयोगवियोग के अवसरों पर लोक भाषा में सुन्दर अभिव्यक्ति करते है। उदाहरणार्थ -‘खेलण दो गणगौर’, म्हारी घूमर छे नखराली एमाय, चिरमी आदि है।
लोक वाद्य
लोककला में राजस्थान के लाके वाद्यों का बड़ा महत्व है, इनके बिना नृत्य, संगीत भी अधूरा लगता है। यहाँ के प्रमुख लोक वाद्यों में ‘रावण हत्था’, तंदूरा, नंगाड़े, तीनतारा, जोगिया सारंगी, पूंगी और भपंग उल्लेखनीय हैं।

लोक चित्रकला
1. पथवारी - गांवो में पथरक्षक रूप में पूजा जाने वाला स्थल जिस पर विभिन्न प्रकार के चित्र बने होते हैं।
2. पाना - राजस्थान में कागज पर जो चित्र उकेरे जाते हैं, उन्हें पाना कहा जाता है।
3. मांडणा - राजस्थान में लोक चित्रकला की यह एक अनुठी परम्परा है। त्योहारों एवं मांगलिक अवसरों पर पूजास्थल चैक पर ज्यामितीयवतृ , वर्ग या आडी़ तिरछी रेखाआंे के रूप में ‘मांडणा’ बनाये जाते हैं।
4. फड़ - कपड़ों पर किये जाने वाले चित्राकं न को ‘फड़’ कहा जाता है।
5. सांझी - यह गोबर के घर के आंगन, पूजास्थल अथवा चबुतरें पर बनाया जाता है।
लाके गीत, लाके नाटय् , लोकवाद्य, लाके चित्रकला राजस्थानी संस्कृति एवं सम्यता के प्रमुख अंग है। आदिकाल से लेकर आज तक इन कलाआंे का विविध रूपों में विकास हुआ है। इन विधाआंे के विकास में भक्ति, प्रेम, उल्लास और मनोरंजन का प्रमुख स्थान रहा है। इनके पल्लवन में लोक आस्था की प्रमुख भूमिका रही है। बिना आस्था और विष्वास के इन लोक कलाआंे के अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज भी लोककला के मूल तत्त्व जन जीवन में विद्यमान हैं। त्योहार, नृत्य, संगीत, लोकवाद्य, लोक कलाआंे, विभिन्न बोलियों एवं परिणाम के कारण ही राजस्थान को ‘रंगीला राजस्थान’ की संज्ञा दी जाती है। राजस्थान की सांझी संस्कृति के दर्षन यहाँ के जन-जीवन के साथ साहित्य में भी देखे जा सकते हैं। धर्म समभाव एवं सुलह-कुल की नीति यहाँ के धार्मिक जीवन का इतिहास के काल से ही मूल मंत्र रहा है।