मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और यूपीए को बड़ा झटका लगने वाला है। एक मराठी समाचार पत्र के मुताबिक लोकसभा चुनाव के बाद एनसीपी भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को समर्थन दे सकती है।
समाचार पत्र के मुताबिक एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाले यूपीए से नाता तोड़ने का फैसला कर लिया है। मराठी समाचार पत्र लोकसत्ता के मुताबिक 17 जनवरी को शरद पवार और मोदी के बीच नई दिल्ली में गुप्त मुलाकात हुई थी। दोनों के बीच नए गठबंधन पर चर्चा हुई।
हालांकि एनसीपी ने इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। एनसीपी का कहना है कि पवार और मोदी के बीच कोई गुप्त बैठक नहीं हुई थी। वहीं मराठी समाचार पत्र का दावा है कि लोकसभा चुनाव के बाद पवार पाला बदल सकते हैं। हाल ही में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ने मोदी के पक्ष में बयान दिए थे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जब अपनी प्रेस कांफ्रेंस में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था तब पवार ने इसका विरोध किया था। हाल ही में एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने गुजरात दंगों के मुद्दे को लेकर नरेन्द्र मोदी का बचाव किया था। राहुल गांधी ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में गुजरात दंगों के लिए नरेन्द्र मोदी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। इस पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि सभी को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
समाचार पत्र के मुताबिक एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाले यूपीए से नाता तोड़ने का फैसला कर लिया है। मराठी समाचार पत्र लोकसत्ता के मुताबिक 17 जनवरी को शरद पवार और मोदी के बीच नई दिल्ली में गुप्त मुलाकात हुई थी। दोनों के बीच नए गठबंधन पर चर्चा हुई।
हालांकि एनसीपी ने इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। एनसीपी का कहना है कि पवार और मोदी के बीच कोई गुप्त बैठक नहीं हुई थी। वहीं मराठी समाचार पत्र का दावा है कि लोकसभा चुनाव के बाद पवार पाला बदल सकते हैं। हाल ही में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ने मोदी के पक्ष में बयान दिए थे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जब अपनी प्रेस कांफ्रेंस में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था तब पवार ने इसका विरोध किया था। हाल ही में एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने गुजरात दंगों के मुद्दे को लेकर नरेन्द्र मोदी का बचाव किया था। राहुल गांधी ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में गुजरात दंगों के लिए नरेन्द्र मोदी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। इस पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि सभी को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
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