गुरुवार, 2 जनवरी 2014

गूगल पहुंचाएगा मतदान केंद्र तक

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन को लेकर भले ही अभी एक राय न बन पाई हो, लेकिन लोकतंत्र के महाकुंभ को सफल बनाने के लिए चुनाव आयोग ने सर्च इंजन गूगल से गठबंधन किया है।
आयोग गूगल की मदद से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से लेकर मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने का काम करेगा। दोनों पक्षों के बीच करार हो चुका है और अगले हफ्ते से काम भी शुरू हो जाएगा।

परिणाम भी हाईटेक

लोकसभा चुनाव के परिणामों के लिए आयोग ने एक अन्य अमेरिकी फर्म अकामाई से संपर्क साधा है। इससे पहले हाल में सम्पन्न हुए पांच विधानसभा चुनावों में इसी फर्म ने तेजी से परिणाम जारी किए थे। अकामाई के 272 सर्वरों की मदद से इस काम को अंजाम दिया गया था। वहीं 2009 के लोकसभा चुनावों में आयोग ने अपने महज दो सर्वरों की मदद से परिणाम जारी किए थे।

सुविधाएं

सर्च इंजन की मदद से लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर पाएंगे।
सर्च इंजन में नाम, पता और रजिस्ट्रेशन संख्या दर्ज करते ही लोकसभा क्षेत्र की पूरी जानकारी सामने आ जाएगी।
गूगल मैप्स की मदद से वोटर पोलिंग बूथ तक पहुंच सकेगा।

करार

गूगल वल्र्डवाइड नेटवर्क और तमाम संसाधन आयोग को देगा।
आयोग की वेबसाइट पर मतदाताओं के सवालों के जवाब भी गूगल के माध्यम से दिए जाएंगे।
पूरी प्रक्रिया में गूगल के 30 लाख रूपए खर्च होंगे, जो वह स्वयं वहन करेगा।

बाप-बेटे ने लूटी नाबालिग छात्रा की अस्मत

फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के जसराना क्षेत्र में बुधवार को एक छात्रा ने गांव के ही एक युवक और उसके पिता पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।
पुलिस के अनुसार जसराना इलाके में जाजूमई गांव की 16 साल की लड़की ने थाने में तहरीर दी है कि जब वह शौच के लिए खेत की ओर जा रही थी तभी अनूप और उसके पिता राजपाल ने उसे दबोच लिया और अश्लील हरकतें करनी शुरू कर दी।

उसने विरोध किया तो पिता-पुत्र ने उस पर तमंचा तान दिया और दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस सिलसिले में मामला दर्ज करा दिया गया है। लड़की को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार हालत बिगड़ने पर पीडिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

कार में लिफ्ट देकर विवाहिता से गैंगरेप

हिसार। हरियाणा के हिसार जिले में बीते वर्ष दुष्कर्म की अनेक घटनाओं के लिए चर्चा में रहा हिसार जिला में साल के आखरी दिन भी विवाहिता हवस के भूखे भेडियों के शिकार हो गई। इस वारदात में चार युवकों ने इस विवाहिता के साथ बंधक बनाकर गैंगरेप किया।
पुलिस के पास पहुंचे इस मामले के अनुसार घर से बाजार के लिए निकली 32 वर्षीय विवाहिता को कार में लिफ्ट देने के बहाने अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म किया। पीडिता के अनुसार उसे नागोरी गेट के समीप कार में सवार चार युवकों ने आजाद नगर छोड़ने का झांसा दिया और सिवानी के एक होटल में ले गए। वहां चारों युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया तथा वहा से उसे एक गाड़ी में बैठा दिया।

पीडिता का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ शिकायत करने के लिए पीडिता आजाद नगर पुलिस चौकी पहुंची तो उसे मामला सिवानी का बताया गया। थाना में वारदात की जानकारी देने पर सुनवाई नहीं हुई। पुलिस से संपर्क करने पर उसे हिसार एसपी के पास भेजा गया तथा पीडिता ने एसपी बी सतीश बालन से मिलकर घटना की जानकारी दी। एसपी ने शहर थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए।

किराडू इस मंदिर में पत्थर का बन जाता है इंसान







राजस्थान में कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी खूबसूरती और रहस्य आज भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। वहां के सौंदर्य को तो हम अपनी आंखों से देख लेते हैं, लेकिन इन मंदिरों में छिपे उन रहस्यों को नहीं जान पाते जो हमेशा से ही एक राज बना हुआ है।

आज हम बात कर रहे हैं ऐसे ही एक मंदिर की जो बाड़मेर जिले के किराडू में है। कहा जाता है कि यहां पर रात में सोने वाला इंसान या तो हमेशा के लिए सो जाता है या फिर वह पत्थर की शक्ल ले लेता है।

बाड़मेर के किराडू मंदिर की हकीकत इसके इतिहास में छिपी है। कोई कहता है कि मुगलों के कई आक्रमण झेलने की वजह से आज यह जगह बदहाल है। लेकिन यहां के स्थानीय लोगों की माने तो एक साधू के शाप ने इस मंदिर को पत्थरों की नगरी में बदल दिया।

ऐसी मान्यता है कि काफी वर्षों पहले यहां एक तापसी साधु अपने शिष्य के साथ रहता था। एकबार वह देशाटन के लिए गया, लेकिन अपने प्रिय शिष्य को गांववालों के भरोसे आश्रम में ही छोड़ गए। उन्हें भरोसा था कि जिस तरह से गांव के लोग उनकी सेवा करते हैं ठीक उसी तरह से उसके शिष्य की भी देखरेख करेंगे। लेकिन सिवाए एक कुम्हारन किसी ने भी उस अकेले शिष्य की सुध नहीं ली। साधु जब वापस लौटा तो शिष्य को बीमार देखकर वह क्रोधित हो गया। उसने शाप दिया कि जहां के लोगों में दया की भावना न हो वहां जीवन का क्या मतलब, इसलिए यहां के सभी लोग पत्थर के हो जाएं और पूरा शहर बर्बाद हो जाए।

फिर क्या था देखते ही देखते सभी पत्थर के हो गए। सिवाए उस कुम्हारन के, जिसने शिष्य की सेवा की थी। साधु ने उस कुम्हारन से कहा कि तेरे ह्रदय में दूसरों के लिए ममता है इसलिए तू यहां से चली जा। साथ में चेतावनी भी दी कि जाते समय पीछे मुड़कर नहीं देखना वरना तू भी पत्थर की हो जाएगी। कुम्हारन वहां से तुरंत भाग खड़ी हुई,

लेकिन जाते वक्त उसके मन में अचानक एक बात आई कि क्या सच में किराडू के लोग पत्थर के हो गए हैं। यह देखने के लिए वह जैसे ही पीछे मुड़ी वह खुद भी पत्थर की मूर्ति में बदल गई। सिहाणी गांव के नजदीक कुम्हारन की वह पत्थर मूर्ति आज भी अपने उस भयावह अतीत को बयां करती दिखाई देती है।

इस कहानी में कितनी सच्चाई है कोई नहीं जानता, लेकिन इतिहासकारों की माने तो 14वीं शताब्दी तक किराडू मुगलों के आक्रमण से तो बचा हुआ था। ऐसे में शायद यह साधु का शाप ही था जिसने इस देवालय भूमि को पत्थरों के वीराने में बदल दिया।

कभी बाड़मेर का यह इलाका किराडू शिव, विष्णु और ब्रह्मा के मंदिरों से समृद्ध था। आज भी है, लेकिन बदहाल अवस्था में। देवालयों की इस भूमि में अब शेष है तो केवल पांच मंदिरों के अवशेष। इनमें एक भगवान विष्णु और अन्य चार भगवान शिव के हैं। कहा जाता है कि बचे हुए विष्णु मंदिर से ही यहां के स्थापत्य कला की शुरुआत हुई थी। जबकि इन पांच देवालयों में सबसे बड़े सोमेश्वर के खंडहर को इस कला के उत्कर्ष का अंत माना जाता है।

मंदिर का अलौकिक और अद्भुत सौंदर्य: स्थापत्य कला के लिए मशहूर इन प्राचीन मंदिरों को देखकर ऐसा लगता है मानो शिल्प और सौंदर्य के किसी अचरज लोक में पहुंच गए हों। पत्थरों पर बनी कलाकृतियां अपनी अद्भुत और बेमिसाल अतीत की कहानियां कहती नजर आती हैं। खंडहरों में चारो ओर बने वास्तुशिल्प उस दौर के कारीगरों की कुशलता को पेश करती हैं।

नींव के पत्थर से लेकर छत के पत्थरों में कला का सौंदर्य पिरोया हुआ है। मंदिर के आलंबन में बने गजधर, अश्वधर और नरधर, नागपाश से समुद्र मंथन और स्वर्ण मृग का पीछा करते भगवान राम की बनी पत्थर की मूर्तियां ऐसे लगती हैं कि जैसे अभी बोल पड़ेगी। ऐसा लगता है मानो ये प्रतिमाएं शांत होकर भी आपको खुद के होने का एहसास करा रही है।

मंदिर के अंदर की खूबसूरती तो और भी बेमिसाल है। छतविहीन मंदिर के आसपास स्थित 44 स्तंभ यहां के इतिहास को पलभर के लिए जिंदा कर देती है। पत्थरों की ऐसी कारीगरी आपको शायद ही कहीं देखने को मिलेगी।

वानर सेना, राम-रावण युद्ध, संजीवनी बूटी लाते हनुमान जैसे दृश्य आपको रामायण के युग में पहुंचा देते हैं तो अगले ही पल आप खुद को महाभारत के समय में पाएंगे। मंदिर के खंभों पर बने भयावह जीवों के चित्र जंगल के होने का आभास दिलाते हैं।

 

यह ऐतिहासिक गुजरात आज से नहीं, सदियों से है


यह ऐतिहासिक गुजरात आज से नहीं, सदियों से है

गुजरात की समृद्धता आधुनिक नहीं, ऐतिहासिक है। इस इलाके ने बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं। सैन्य, राजनीतिक, युद्ध, भूकंप, समुद्र का अंगड़ाई लेना और गुस्सा दिखाना, रेगिस्तान से लेकर अब हो रही जबरदस्त खुदाई (खनन) तक सब कुछ।

मुझे नहीं लगता कि हमारे सामान्य समाज की इस तरह के उतार-चढ़ाव को जानने और समझने में बहुत रुचि रही है। मुझे समझ नहीं आता कि हमारा अध्यात्म रहस्यवाद के खिलाफ क्यों होता है। एक समय पर एक शहर में से एक बड़ी नदी बहती थी जिसने अपना रास्ता बदल लिया। नदी के रास्ते में इस बदलाव ने एक अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया।

कच्छ के उत्तर-पूर्व में लखपत का किला है। यह केवल एक किला नहीं है, बल्कि एक पूरा वाकया है। आज जब आप इस किले की तरफ जाने के लिए निकलते हैं तो कई किलोमीटर तक आपको कोई घनी बस्ती या बाजार या सेवा नजर नहीं आती।

बहरहाल, आपको लिग्नाइट की खदानें होने के बहुत से बोर्ड दिखाई देते हैं जिनसे यह पता चलता है कि गुजरात खनिज विकास निगम इस इलाके का मौजूदा सत्तादार है। इस किले के ठीक बाहर एक चाय की दुकान है। किले के भीतर हर रोज अपनी जिंदगी के लिए जूझते अब 51 परिवार रहते हैं, पर इतिहास तो कुछ और ही कहानी कहता है।

जानते हैं इसे लखपत क्यों कहते हैं? यह देश का सबसे समृद्ध बंदरगाह हुआ करता था। व्यापार का आलम यह था कि हर रोज इस स्थान पर 1 लाख कोड़ियों (तब की मुद्रा) का व्यापार होता था। इसी 1 लाख के कारण इसका नाम लखपत पड़ गया। लखपत मतलब लखपति परिवारों का गांव!

12 साल की उम्र में फकीर बने गौस मुहम्मद की समाधि यहां है। माना जाता है कि मक्का जाते समय और वापस लौटते समय गुरुनानक ने लखपत में रात्रि विश्राम किया था इसलिए यहां गुरुद्वारा भी है। यहां के ग्रंथी के मुताबिक लखपत का गुरुद्वारा पहला गुरुद्वारा है।

1805 में कच्छ के राजा के लोकप्रिय सेनापति जामदार फतेह मुहम्मद ने इसकी सिंध के आक्रमण से रक्षा करने के लिए लखपत का किला बनवाया जिसका परकोटा 7 किलोमीटर का है।

यहां कच्छ के विशाल रण से कोरी खाड़ी का मिलन होता है, तब सिंधु नदी यहां से बहा करती थी। यहां की जनसंख्या 5,000 हुआ करती थी जिनमें ज्यादातर सौदागर और हिन्दू होते थे। सिंधु नदी के किनारे पर कोटरी नामक स्थान था, जहां बड़ी नावें और जहाज आकर खड़े होते थे। यहां से ऊंटों पर अन्य साधनों से माल ढो-ढोकर थार तक पहुंचाया जाता था।

सोचिए आज जो रेगिस्तानी क्षेत्र है, वहां सबसे ज्यादा खेती धान की होती थी। वर्ष 1819 में कच्छ में आए जबरदस्त भूकंप ने सब कुछ बदल दिया। यहां जून 1819 के 7 दिनों में 36 भू-गर्भीय कंपन हुए। यहां से बहने वाले सिंधु नदी ने अपना रास्ता बदला दिया, एक प्राकृतिक बांध अल्लाहबंद का निर्माण हो गया और नदी सीधे समुद्र में जाकर मिलने लगी। सब कुछ तहस-नहस हो गया।

बताया जाता है कि ऐतिहासिक महत्त्व के मद्देनजर सरकार द्वारा इस क्षेत्र और लोगों के विकास के लिए राशि जारी की जाती रही, पर भ्रष्टाचार लखपत के वजूद को मिटाने की मुहिम में सफल साबित हुआ। अब यहां कोई नहीं आता है।

8 पीढ़ियों से रह रहे लोग अपनी इन जड़ों को छोड़ना नहीं चाहते हैं। वे मानते हैं कि समृद्धता और संपन्नता हमेशा नहीं रहती। हम यदि लखपत को छोड़ भी देंगे तो हमारी जिंदगी नहीं बदलेगी। अब हमें अपना नया भविष्य गढ़ना है।

कच्छ में ही 17वीं शताब्दी में निर्मित हुआ मुंद्रा बंदरगाह भी है। निजीकरण के जरिए आर्थिक विकास की नीतियों के तहत यह बंदरगाह 10 साल पहले एक निजी कंपनी समूह अडानी को दे दिया गया। उसने यहां पर्यावरण को खूब नुकसान पहुंचाया जिसके लिए उस पर 200 करोड़ रुपए का जुर्माना भी हुआ। बहरहाल, यह बंदरगाह एक समय में नमक और मसालों के व्यापार के लिए बेहद प्रसिद्ध था।

यहां रहने वाले खारवा जाति के लोग कुशल जहाज चालक होते थे इसलिए यह बंदरगाह भी बहुत सफल रहा। इन तीनों उदाहरणों को देखा जाए तो आर्थिक संपन्नता के साथ यहां धार्मिक और आध्यात्मिक सौहार्द भी फैला हुआ नजर आता है। मुंद्रा में भी शाह बुखारी पीर की दरगाह है। संत दरिया पीर के बारे में कहा जाता है कि वे मछुआरों की रक्षा करते थे और 17वीं सदी में यहां आए थे।

गुजरात में कच्छ के दूसरे कोने में है मांडवी, एक समुद्र तट और एक शहर! थोड़ा विस्तार से बताता हूं। आज जिस गुजरात राज्य को हम बहुत समृद्ध मानते हैं और सोचते हैं कि ये पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है, पर सच यह है कि समृद्धता तो यहां 400 साल पहले से आना शुरू हो गई थी।

वहां मांडवी में कच्छ के रजा खेंगारजी ने वर्ष 1574 में विशालकाय बंदरगाह बनवाया था। 1581 में नगर की स्थापना हुई। इस बंदरगाह की क्षमता 400 जहाजों की थी। मुंबई से पहले यह बंदरगाह बन गया था। आजकल भारत का भुगतान संतुलन बिगड़ा हुआ है यानी निर्यात कम होता है और आयात ज्यादा, पर 100 सालों तक मांडवी से होने वाले व्यापार में आयात से 4 गुना ज्यादा निर्यात होता था।

यहां से पूरी अफ्रीका, फारस की खाड़ी, मालाबार, पूर्वी एशिया से व्यापार के लिए जहाज अरब सागर के इस बंदरगाह पर आते थे। यहां के समुद्र को काला समुद्र या ब्लैक-सी भी कहा जाता है, क्योंकि यहां मिलने वाली बारीक मिट्टीनुमा रेत का रंग काला होता है। पहले-पहल तो आपको लगेगा कि- हें! यहां तो कीचड़ है, पर जब हम इसे स्पर्श करते हैं तब हमें यहां की संस्कृति, संपन्नता और वैभवशाली अतीत का अहसास होने लगता है।

इस यात्रा से मेरा यह विश्वास तो मजबूत हुआ कि इतिहास और अतीत को पलटकर जरूर देखना चाहिए। एक नए समाज को गढ़ने के लिए यह बहुत जरूरी है।

बुधवार, 1 जनवरी 2014

बाड़मेर नगर परिषद् घोटाला ..जनगणना से अधिक आवारा पशु पकड़ना बता डकारे सत्रह लाख रुपये



बाड़मेर नगर परिषद् घोटाला जनगणना से अधिक आवारा पशु पकड़ना बता डकारे सत्रह लाख रुपये




बाड़मेर बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित नगर परिषद् में कांग्रेस बोर्ड में विधायक और सभापति के ख़ास आदमियो का तोटक राशा राज्य सरकार को लाखो रुपयो का चुना लगा रहा हें। परिषद् में सरकारी जनगणना से कही अधिक आवारा पशु पकड़ना बता एक फार्म ने सत्तरह लाख रुपये डकार लिए ,नगर परिषद् का कोई जिम्मेदार अधिकारी इस पर बोलने से कतरा रहा हें। सूत्रानुसार नगर परिषद् बाड़मेर में गत साल शहरी क्षेत्र में आवारा पशुओ को पकड़ कांजी हाउस या गौशाला में भेजने के लिए निविदा आमंत्रित कि गयी थी , इस निविदा को एक पार्षद किसी फार्म के जरिये हथियाने में कामयाब हो गया। इस फर्म ने शहरी क्षेत्र में एक लाख से अधिक आवारा पशु पकड़ना बता कर बिल सभापति से प्रमाणित करा कर सत्तरह लाख का भुगतान उठा लिया। सूत्रो कि माने को जो संख्या इस फर्म ने आवारा पशुओ कि बताई हें उतने कुल पशु बाड़मेर शहरी क्षेत्र में ही नहीं हें। जबकि पकडे गय़े आवारा पशुओ को किन स्थानिओ पर छोड़ा गया यह बताने में भी विफल रहे। इसके बावजूद इस फर्म को राजनितिक दबाव के चलते सत्तरह लाख रुपये का फर्जी भुगतान कर दिया। सामाजिक संघठन ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मामले के जांच कि मांग कि हें। इधर बाड़मेर शहर ने आवारा पशुओ को वास्तविक संख्या तीन अंको तक भी नहीं हें। मगर परिषद् के भरष्ट अधिकारियो ने एक पार्षद को आर्थिक फायदा पहुंचते हुए सत्तरह लाख का भुगतान कर सरकार को चुना लगा दिया।

प्रदेशाध्यक्ष चन्द्रभान ने निष्कासन करे रद्द

जयपुर। राजस्थान जयपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष सलीम कागजी द्वारा विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी के दो पूर्व विधायकों तथा तीन ब्लॉक अध्यक्षों को छह साल के लिए निष्कासित करने की कार्रवाई को प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान ने बुधवार स्थगित कर दिया।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि कागजी की इस कार्रवाई से आक्रोशित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय के समक्ष कागजी के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। सूत्रों ने बताया कि डॉ. चन्द्रभान ने कागजी की इस कार्रवाई को स्थगित करने के साथ ही इस मामले को प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति को सौंपने की बात कही है। इसके साथ ही डॉ. चन्द्रभान ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया है कि वह कागजी से बातचीत कर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहेंगे।

उधर, कागजी ने कहा है कि उन्होंने जयपुर शहर की सीटों परविधानसभा चुनाव में खडे हुए पार्टी प्रत्याशियों की शिकायत मिलने पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की है। जबकि पार्टी के नियमों के अनुसार वह पूर्व विधायक, प्रदेश कांग्रेस के सदस्य और ब्लॉक अध्यक्षों को निष्कासित करने के लिए अधिकृत नही हैं।

उल्लेखनीय है कि कागजी ने सोमवार को पूर्व विधायक गंगादेवी, पूर्व विधायक उदय सिंह राठौड़, सिविल लाइंस ब्लाक अध्यक्ष शिवराज सिंह शेखावत, जौहरी बाजार ब्लॉक अध्यक्ष अब्दुल रउफ, किशनपोल बाजार ब्लॉक अध्यक्ष राम अवतार अग्रवाल, शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष गोपाल नावरिया, सचिव गणेश शर्मा ब्लॉक अध्यक्ष रवि वर्मा और जयपुर नगर निगम की महापौर ज्योति खण्डेलवाल के पति शरद खण्डेलवाल सहित 23 पदाधिकारियों को कांग्रेस से छह वर्ष के लिए निष्कासित करने के साथ ही खण्डेलवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष सलीम कागजी ने तो महापौर पर उनके बेटे अमीन कागजी को किशनपोल सीट से हराने का आरोप भी लगा दिया था। उल्लेखनीय है कि जयपुर शहर की सभी आठ सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों की करारी हार हुई थी। इसके बाद पार्टी में विवाद बढ़ता जा रहा है।

जांगिड समाज की हरसम्भव सहायता होगी -भायल

जांगिड समाज की हरसम्भव सहायता होगी -भायल 

जांगिड समाज ने किया नवनिर्वाचित विधायक का बहुमान 


सिवाना।जांगिड समाज द्वारा भारतीय जनता पार्टी की महाविजय में अपनी सहभागिता निभाई गई है। हम आभारी है इस समाज के तथा जब भी जरूरत होगी सरकार द्वारा समाज की हरसम्भव सहायता की जाएगी। ये बात नवनिर्वाचित विधायक हमीरसिंह भायल ने जांगिड समाज द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में अपने सम्बोधन के दौरान कही। पूर्व विधायक कानसिंह कोटडी ने भी भाजपा की विजय पर सभी समाज बंधुओ का आभार व्यक्त किया। समारोह के दौरान सम्बोधित करते हुए उपखंड अधिकारी गोमती शर्मा ने कहा कि समाज के सम्पूर्ण उत्थान के लिए अपने अधिकारों के लिए जागरूक होना जरूरी है। समाज में बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिले तभी हमारा समाज उन्नति की ओर अग्रसर होगा। समारोह को पूर्व प्रधान मुलसिंह भायल, तहसीलदार हनुमानराम चौधरी, समाजसेवी जेठाराम जोधपुर ने भी सम्बोधित किया। जांगिड समाज के बड़े बुजुर्गो एव सैकड़ो समाज बंधुओ की उपस्थिति में नवनिर्वाचित विधायक का साफे और मालाओ से बहुमान किया गया। स्वागत भाषण देते हुए शिक्षाविद जीवराज वर्मा ने कहा कि समाज निरंतर भाजपा की जित में सहभागी हुआ है और संगठन में इसको पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। उन्होंने सिवाना के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए क्षेत्र में सिवाना महोत्सव प्रारम्भ करवाने की मांग की। इस दौरान किसान नेता घेवरराम, भाजयुमो नेता जितेन्द्र जांगिड, किशोर कुमार, सखाराम, रामलाल, पोकरराम, कालूराम, रगुनाथराम राखी, मनोज महेश्वरी, रमेश सुथार, सुरेन्द्रसिंह पादरडी, मालमसिंह मिठोड़ा, अजयसिंह परमार, रोशन माथुर, कोजराजसिंह सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

बच्चों की मौजूदगी में मां से गैंग रेप



कानपुर  कानपुर के बिठूर इलाके में बच्चों की मौजूदगी में घर में घुसकर महिला से 3 लोगों ने गैंग रेप किया। घटना सोमवार देर रात की है।

भागते हुए आरोपियों के बर्तन से टकराने पर हुई आवाज से महिला की बेटी की नींद खुली और उसने शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया। इसके बाद लोग महिला को बेहद बुरी हालत में थाने ले गए। यहां उसने आधी बेहोशी की हालत में अपना बयान दर्ज कराया। बिठूर थाना इंचार्ज के अनुसार, पुलिस ने रेप की एफआईआर दर्ज कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक, सुरेंद्र (सभी नाम बदले हुए) कपड़ों की फेरी लगाता है। वह काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता है और हफ्ते में एक बार ही घर आ पाता है। बिठूर के मकसूदाबाद गांव के घर में उसकी बीवी रानो (32) 2 बच्चों के साथ सोमवार रात रोजाना की तरह सोई। आरोप है कि रात करीब 1 बजे घर के पिछले हिस्से से गांव के पप्पू, कुलदीप और मनोज घुसे। अंदर आकर इन्होंने कपड़े से रानो का मुंह दबाकर बंद कर दिया और उसके हाथ-पैर बांध दिए। इसके बाद तीनों ने पहले वहां खूब शराब पी और फिर उन्होंने बारी-बारी से रानो से रेप किया।भागने की कोशिश में जब आरोपी बर्तनों से टकराए तो रानो की 11 साल की बेटी जाग गई। यह देखकर आरोपियों ने उस पर तेजाब डालने की धमकी दी। इसके बाद वे मौके का फायदा उठाकर भाग निकले। शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और रानो को लेकर थाने गए। उसके शरीर पर चोट और काटने के कई निशान थे। थाने में बेहोशी की हालत में रानो ने किसी तरह बयान दिया। इसके बाद पुलिस ने तुरंत ऐक्शन लेते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पीड़ित महिला को मेडिकल के लिए भेजा गया है। बिठूर थाना इंचार्ज के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ धारा 376 (रेप) और 377 (कुकर्म) की रिपोर्ट दर्ज की गई है।

सीने पर बनवाया दोस्त की बीवी का टैटू, गिरफ्तार



काठमांडू  दोस्त की बीवी पर दिल आया तो उसने छाती पर उसका टैटू ही गुदवा डाला। मामला नेपाल का है। नेपाल पुलिस ने इस 35 वर्षीय सिरफिरे आशिक को गिरफ्तार कर लिया है। नेपाल में अपनी तरह का यह पहला मामला है।
Nepal man held for tattooing pic of friend’s wife on chest
काठमांडू के कावरे पूर्वी जिला निवासी कुमार केसी ने दावा किया कि है अपने सीने पर इस महिला की तस्वीर बनवाने के बाद उसका प्यार परवान चढ़ा। पुलिस अधिकारी अरुण कुमार बिसी ने बताया कि कुमार को जन अपराध अधिनियम के तहत पुलिस हिरासत में रखा गया है, क्योंकि किसी महिला का टैटू बनवाने से जुड़ा कोई कानून नहीं है। पुलिस के मुताबिक, देश में इस तरह का यह पहला मामला है।

कुमार ने बताया कि महिला के पति ने चार साल पहले उसकी मुलाकात कराई थी तभी से वह उसे प्यार करने लगा था। उसने दावा किया, अपनी मुलाकात के बाद हम एक दूजे को प्यार करने लगे। बहरहाल, महिला ने कुमार को अपना दोस्त भर बताया है।

गए थे शादी की खबर देने,कर दिया "अंदर"!

मंदसौर। शादी की सूचना देने थाने गए युवक-युवती को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। एक दिन पहले ही दोनों ने घर से भागकर शादी की थी। लड़की के परिजनों ने नई आबादी थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था।
कोर्ट में की शादी

रोहित सिंह पिता मान सिंह निवासी संजय हिल्स ने पड़ोस में रहने वाली युवती सपना पिता रामचंद्र के साथ घर से भागकर सोमवार को शादी कर ली।

मंगलवार को दोनों नई आबादी थाने पहुंचे और बताया कि उन्होंने शादी कर ली है, लेकिन पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया।

युवती के परिजनों ने गत दिवस अपहरण का मामला दर्ज करा दिया था। सूचना पर दोनों के परिजन थाने पहुंचे। यहां रोहित के पिता के साथ सपना के परिजनों ने हाथापाई भी की।

बालिग हैं दोनों!

रोहित एवं सपना के अनुसार वे दोनों बालिग हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की है। दोनों के पास कोर्ट में शादी का सर्टिफिकेट भी है। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

मैं अभी फेमिली के साथ गोवा में नए वर्ष की पार्टी मनाने आया हूं। इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
- कुशाल सिंह रावत, टीआई नई आबादी, मंदसौर

मां का प्रेमी बेटियों से करता था दुष्कर्म

कोयम्बटूर। पुलिस ने एक 35 वर्षीय व्यक्ति को कथित तौर पर अपने 17 व 12 साल की बेटियो से यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि अभियुक्त आर गोविंदराज कुरूम्बपालयम का रहने वाल है और पेशे से बढ़ाई है। उसने चाय की दुकान के मालिक शिवकुमार की पत्नी के साथ अवैध संबंध बना लिए थे।

शिर्मिला शिवकुमार से रिश्ता तोड़कर गोविंदराज के साथ रहने लगी। पुलिस के अनुसार गांविंदराज और शर्मिला के बीच उसकी पहली पत्नी रेवती (24) के दखल देने के बाद अनबन हो गई।

इससे शर्मिला अपनी दोनों बेटियों छोड़कर अपने मायके चली गई। शर्मिला के जाने के बाद गोविंदराज अपनी बड़ी बेटी से दुष्कम करेने लगा। उसने पिता की यातनाओं से परेशान होकर घर आना बंद कर दिया और हॉस्टल में रहने लगी।

उसके बाद गोविंदराज ने दूसरी 12 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म करने लगा। वह 7वीं कक्षा में पढ़ती है। 17 वर्षीय छात्रा ने मदुरै जिले के विरूदनगर के अरूप्प्ुकोटै गांव के निवासी के सरवणन के साथ भाग कर विवाह कर लिया। दोनों भागकर शर्मिला के पास गए। शर्मिला ने दोनों का विवाह एक मंदिर में करा दिया।

इसी बीच गोविंदराज ने अपनी बेटी की गुमदशुदगी की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला पुलिस स्टेशन के निरीक्षक मुनिरा बेगम ने बताया कि पुलिस ने नाबालिग लड़की से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह प्रतिदिन अपने पिता का यौन उत्पीड़न का शिकार होती थी।

उसने आरोप लगाया कि उसकी छोटी बहन भी अपने पिता की शिकार होगी। पुलिस ने बताया कि सोमवार को गोविंदराज और सरवणन को गिरफ्तार कर रिमांड पर कस्अडी में भेज दिया गया है।

केजरीवाल ने विधायक के रूप में शपथ ली

नई दिल्ली। दिल्ली के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण किया।
नए सरकार के गठन के बाद विधानसभा के पहले सत्र की शुरूआत बुधवार को हुई है।

विधानसभा के अस्थाई अध्यक्ष कांग्रेस नेता मतीन अहमद ने केजरीवाल को शपथ दिलाई। केजरीवाल के बाद अन्य सदस्यों ने भी शपथ ग्रहण किया।

अरविंद केजरीवाल आज खराब तबीयत के बावजूद विधानसभा पहुंचे और शपथ ली। केजरीवाल शपथ लेने के बाद विपक्षी नेताओं से मिले और फिर विधानसभा से बाहर चले गए।

आम आदमी पार्टी की सरकार गुरूवार को सदन में बहुमत साबित करने का प्रयास करेगी। आप सरकार दो जनवरी को विश्वास मत हासिल करने का प्रयास करेगी।

विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव तीन जनवरी को होना है। उपराज्यपाल नजीब जंग छह जनवरी को सदन को संबोधित करेंगे और सात जनवरी को जंग के अभिभाषण पर चर्चा होगी।

नए साल पर झटका, सिलेण्डर हुआ महंगा

जयपुर। राजधानी में गैर सब्सिडी-कॉमर्शियल सिलेण्डर के भरोसे काम चलाने वाले उपभोक्ताओं को तेल कम्पनियों ने नए साल पर बड़ा झटका दिया है।
कम्पनियों ने मासिक समीक्षा बैठक के बाद मंगलवार रात गैर सब्सिडी श्रेणी के सिलेण्डर के दामों में जहां 207.5 रूपए की बढ़ोतरी की है, वहीं कॉमर्शियल सिलेण्डर के दाम भी 384 रूपए बढ़ाए हैं। इसके साथ ही ऑटो एलपीजी के दाम भी 10.65 रूपए बढ़ाए गए हैं।

तेल कम्पनियों के राज्य स्तरीय समयन्वय गुरूमीत सिंह के अनुसार अब बाजार में गैर सब्सिडी श्रेणी का सिलेण्डर 990 रूपए के बजाय 1197.5 रूपए में उपलब्ध होगा।

इसी तरह कॉमर्शियल सिलेण्डर 1794 रूपए से बढ़ाकर 2178 रूपए किया गया है। उपभोक्ताओं को ऑटो एलपीजी अब 52.05 के बजाए 62.70 रूपए लीटर में मिलेगी।

नए साल में खोला नौकरियां का पिटारा

सीकर। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने बेरोजगारों को नए वर्ष में नौकरी का पिटारा खोल दिया है। मंगलवार को आरपीएससी ने भर्तियों का कैलेण्डर जारी कर दिया है। सबसे ज्यादा भर्ती शिक्षा विभाग में होनी है।
आयोग के सचिव ने बताया कि इस कैलेण्डर में और नई भर्ती जुड़ने की संभावना है। प्रस्तावित कैलेण्डर के अनुसार वर्ष 2014 में 31 हजार 482 पदों पर परीक्षा होनी है। सबसे ज्यादा परीक्षाएं जून व जुलाई महीने में होनी है

जून महीने के पहले सप्ताह में कनिष्ठ विधि अधिकारी परीक्षा होगी। अगले सप्ताह में सहायक खनिज अभियंता, पीटीआई ग्रेड द्वितीय व तृतीय की परीक्षा होगी। इस महीने के अंतिम सप्ताह में आरएएस मुख्य परीक्षा 2013 होगी।

आरएएस प्री परीक्षा 2014 जुलाई के पहले सप्ताह में होगी। हालांकि अभी पदों की संख्या तय नहीं है। जबकि मुख्य परीक्षा दिसम्बर के आखिरी सप्ताह में होने की उम्मीद है।

स्कूल प्राध्यापक गे्रेड प्रथम की 2127 पदों पर होने वाली भर्ती की परीक्षा अप्रेल व मई महीने में होगी। यह परीक्षा 24 विषय अध्यापकों के लिए होगी।

सैकण्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती 21 से
आरपीएससी ने सैकण्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती का परीक्षा कार्यक्रम मंगलवार को घोषित कर दिया है। परीक्षाएं 21 से 25 फरवरी के बीच होगी। इस संबंध में आरपीएससी ने सूचना जारी कर दी है। आयोग के सचिव घनश्याम टिलवानी ने बताया कि 21 फरवरी को सामान्य ज्ञान व विज्ञान विषय की सुबह दस से बारह बजे तक परीक्षा होगी।

इसके बाद विषयों की परीक्षा दो पारियों में होगी। 22 फरवरी को पहली पारी में सुबह नौ से साढ़े ग्यारह बजे तक संस्कृत व दो से साढ़े चार बजे तक विज्ञान विषय की परीक्षा होगी।

23 फरवरी को पहली पारी में सामाजिक विज्ञान व दूसरी पारी में हिन्दी विषय की परीक्षा होगी। 24 फरवरी को पहली पारी में अंग्रेजी व दूसरी पारी में गणित एवं 25 फरवरी को पहली पारी में उर्दू और दूसरी पारी में पंजाबी-गुजराती विषय की परीक्षा होनी है।

सेंटर निर्घारण का काम जल्द
जिला प्रशासन ने जनवरी में होने वाली लिपिक ग्रेड सैकण्ड परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली है। एडीएम कुंजमोहन शर्मा ने बताया कि जल्द ही सैकण्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए भी जल्द सेंटरों का निर्घारण कर लिया जाएगा।