बाड़मेर नगर परिषद् घोटाला जनगणना से अधिक आवारा पशु पकड़ना बता डकारे सत्रह लाख रुपये
बाड़मेर बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित नगर परिषद् में कांग्रेस बोर्ड में विधायक और सभापति के ख़ास आदमियो का तोटक राशा राज्य सरकार को लाखो रुपयो का चुना लगा रहा हें। परिषद् में सरकारी जनगणना से कही अधिक आवारा पशु पकड़ना बता एक फार्म ने सत्तरह लाख रुपये डकार लिए ,नगर परिषद् का कोई जिम्मेदार अधिकारी इस पर बोलने से कतरा रहा हें। सूत्रानुसार नगर परिषद् बाड़मेर में गत साल शहरी क्षेत्र में आवारा पशुओ को पकड़ कांजी हाउस या गौशाला में भेजने के लिए निविदा आमंत्रित कि गयी थी , इस निविदा को एक पार्षद किसी फार्म के जरिये हथियाने में कामयाब हो गया। इस फर्म ने शहरी क्षेत्र में एक लाख से अधिक आवारा पशु पकड़ना बता कर बिल सभापति से प्रमाणित करा कर सत्तरह लाख का भुगतान उठा लिया। सूत्रो कि माने को जो संख्या इस फर्म ने आवारा पशुओ कि बताई हें उतने कुल पशु बाड़मेर शहरी क्षेत्र में ही नहीं हें। जबकि पकडे गय़े आवारा पशुओ को किन स्थानिओ पर छोड़ा गया यह बताने में भी विफल रहे। इसके बावजूद इस फर्म को राजनितिक दबाव के चलते सत्तरह लाख रुपये का फर्जी भुगतान कर दिया। सामाजिक संघठन ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मामले के जांच कि मांग कि हें। इधर बाड़मेर शहर ने आवारा पशुओ को वास्तविक संख्या तीन अंको तक भी नहीं हें। मगर परिषद् के भरष्ट अधिकारियो ने एक पार्षद को आर्थिक फायदा पहुंचते हुए सत्तरह लाख का भुगतान कर सरकार को चुना लगा दिया।
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