शनिवार, 31 अगस्त 2013

रामदेवरा पैदल यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनी सड़क क्षतिग्रस्त,



रामदेवरा पैदल यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनी सड़क क्षतिग्रस्त, 
दलपत धतरवाल 
बायतु बाड़मेर-जैसलमेर जिले की सीमा पर स्थित बाड़मेर जिले बायतु उपखण्ड क्षेत्र के केसुम्बला गाँव से रामदेवरा जाने वाला सड़क मार्ग बीस किलोमीटर तक आधे में बड़े-बड़े पत्थर तथा शेष में रेतीला मार्ग हैं। जिससे रामदेवरा पैदल जा रहे यात्री परेशान है, तथा बड़े-बड़े पत्थरो से यात्रियों के पैरो में फफोले हो जाते है। बाद में उन्हें ड्रेसिंग मेडिसिन का सहारा लेना पड़ता है। स्थानीय जन प्रतिनिधि बताते है कि इस रोड़ के बारे में राजस्व मंत्री,सांसद,बायतु विधायक कर्नल सोनाराम और पोकरण विधायक साले मोहम्मद सहित कई नेताओ को भी अवगत कराया लेकिन समस्या जस की तस हैं।राजस्व मंत्री ने चार साल पहले आश्वासन दिया जो आजतक हकीकत में बदल नहीं पाया।बाकि नेताओ से एक ही रटारटाया जवाब मिलता है हो जाएगी। लेकिन ग्रामीण का सवाल हैं कि आखिर कब होगी। गुजरात से रामदेवरा पैदल जा रहे यात्रियों का कहना है कि सड़के चलने के लायक नही है। लेकिन हमारे यह एक रास्ता होने से मज़बूरी क्या करे।राजस्थान सरकार क्या कर रही हैं।लम्बे समय से यह सड़क क्षतिग्रस्त हें। रामदेवरा मेले में पैदल जाने वाले यात्रियों के लिए यही एकमात्र मार्ग हें स्थानीय लोगो ने यात्रियों की सुविधा के लिए बंदोबस्त भी किये हें मगर जिला प्रशासन सो रहा हें 

अलवर: पूछताछ के लिए थाने बुलाकर किया गैंगरेप, पीड़िता ने की आत्महत्या



राजस्थान के अलवर जिले में पुलिसकर्मियों द्वारा थाने के लॉकअप में बंद महिला से रेप करने का सनसनीखेज मामला सामने सामने आया है. घटना से परेशान होकर महिला ने खुदकुशी कर ली.

परिजनों और ग्रामीणों के हंगामे के बाद गांव में भारी पुलिस तैनात कर दी गई है. पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश ने थानाधिकारी और दो आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है.


मामला खेरली थाने के कुट्टीन शाहबाद गांव का है. यहां रामस्वरूप मीणा नाम के व्यक्ति ने अपनी पुत्रवधु के खिलाफ बेटे रामावतार को गायब करने की एक रिपोर्ट गुरुवार को दर्ज करवाई थी. इसके बाद पुलिस ने महिला को थाने में पूछताछ के लिए बुलाया और उसे लॉकअप में बंद कर दिया.

शुक्रवार सुबह दो पुलिस कांस्टेबल हेमंत कुमार और तेजसिंह अचानक महिला को उसके ससुराल कुट्टीन गांव के बाहर छोड़कर आ गए. महिला ने घर पहुंचकर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. ग्रामीणों को जब जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस अधिकारियों को सूचित किया.

ग्रामीणों को थानाधिकारी खेरली अमित कुमार ने बताया की उसने महिला को थाने से रात को ग्यारह बजे लॉकअप से छोड़ दिया था. इससे ग्रामीणों को विश्वास हो गया की महिला के साथ पुलिसकर्मियों ने दुष्कर्म किया है. इस वजह से महिला ने खुदकुशी की है ! ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अलवर राजेंद्र वर्मा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया.

महिला के ससुर ने इस सम्बन्ध में खेरली थाने में मामला भी दर्ज करवाया है कि उसकी पुत्रवधु रात को थाने में थी और सुबह अचानक घर कैसे पहुंची और थानाधिकारी यह कह रहा है कि उसको रात 11 बजे छोड़ दिया था, तो फिर उसकी वह रातभर कहां रही और उसके साथ क्या हुआ है जिससे दुखी होकर उसने आत्महत्या कर ली. सुबह पुलिसकर्मी गांव में बिना किसी को बताये छोड़ कर आये है. पुलिस की भूमिका को देखते हुए उन्हें शक होता है कि उसकी पुत्रवधु के साथ दुष्कर्म हुआ है इस वजह से उसने सुसाइड कर लिया. ग्रामीणों ने भी पुलिस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है क्योंकि युवती के कपड़े मिट्टी में सने थे.


 

राजस्थानी भाषा ने जाणो विषयक प्रतियोगिताए होगी आयोजित

राजस्थानी भाषा ने जाणो विषयक प्रतियोगिताए होगी आयोजित 


भामाशाहो से सहयोग की अपील



बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा राजस्थानी भाषा के व्यापक प्रचार प्रसार और भाषा को संवेधानिक मान्यता के महत्त्व की आम जन को जानकारी के लिए राजस्थानी भाषा ने जाणो विषयक पर विभिन प्रतियोगिताए आयोजित करने का निर्णय लिया गया हें। राजस्थानी भाषा समिति के संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की राजस्थानी भाषा को लेकर जन प्रतिनिधि लोगो में भ्रम पैदा करने में लगे हें वही भाषा विरोधी लोग भी इस तरह की अफवाहे फेला रहे हें की राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलाने से क्या फायदा। उन्होंने बताया की आम जन और खास कर विद्यार्थी वर्ग को राजस्थानी भाषा के महत्त्व और संवेधानिक मान्यता के बाद उसद्से होने वाले लाभों को लेकर समिति आम लोगो के बीच चर्चा करेगी साथ ही विभिन विद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रतियोगिताए आयोजित कर राजस्थानी भाषा की महत्वता के बारे में जानकारी देने के साथ प्रश्नोतरी ,भाषण और निबन्ध वाद विवाद जैसी प्रतियोगिताए आयोजित करेगी। राजस्थानी चिंतन परिषद् के जिला संयोजक सोनाराम बेनीवाल के अनुसार राजास्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता क्यूँ जरुरी हें इसकी जानकारी आम जन और छात्र छात्राओं को उपलब्ध कराई जाएगी। विभिन विद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रतियोगिताए आयोजित करा प्रथम तीन स्थानों पर आने वालो को सम्मानित और पुरष्कृत किया जायेगा। इस आशय की बैठक शीघ्र आयोजित की जायेगी ,जिला पाटवी रिडमल सिंह ने बताया की राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता मिलाने तक समिति का अभियान जारी रहेगा। इन प्रतियोगिताओ के लिए भामाशाहो का सहयोग लिया जायेगा

पब्लिक पर फिर महंगाई की मार, पेट्रोल 2.35 रुपये और डीजल 50 पैसे प्रति लीटर महंगा



लगातार बेतहाशा बढ़ती महंगाई से बेहाल आम लोगों की मुसीबतों में फिर से इजाफा हो गया है. पेट्रोल और डीजल के दाम फिर से बढ़ गए हैं. पेट्रोल 2.35 रुपये प्रति लीटर और डीजल 50 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है.
फिर महंगाई की मार
पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दाम शनिवार आधी रात से लागू होंगे. पेट्रोल के दाम बढ़ने के बाद अब दिल्‍ली में इसकी कीमत 73.63 रुपये, मुंबई में 80.96 रुपये, लखनऊ में 80.48 रुपये, पटना में 79.36 रुपये और भोपाल में 78.19 रुपये प्रति लीटर हो गई है.

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में लगातार गिरावट आने की वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए हैं. पेट्रोलियम कंपनियां सरकार पर कीमतें बढ़ाने का दबाव बना रही थीं, जिससे उनका घाटा कम हो सके.

बहरहाल, पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने से अन्‍य जरूरी चीजों की भी कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे आम जनता की मुश्किलें बढ़ना तय है.


 

डीजल 5 रुपए, मिट्टी तेल 2 रुपए, LPG सिलेंडर 50 रुपए होगा महंगा!



नई दिल्ली : वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के उंचे दाम और डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये से होने वाले नुकसान की कुछ हद तक भरपाई के लिये डीजल के दाम 3 से 5 रुपये, मिट्टी तेल का दाम 2 रुपये लीटर तथा घरेलू गैस सिलेंडर 50 रुपये प्रति सिलेंडर तक महंगा हो सकता है।डीजल 5 रुपए, मिट्टी तेल 2 रुपए, LPG सिलेंडर 50 रुपए होगा महंगा!
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उनसे सस्ते डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल की बिक्री से तेल कंपनियों को होने वाले 1,80,000 करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान की भरपाई के लिये कदम उठाने का आग्रह किया है।

मोइली ने इससे पहले कल वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से भी इस मुद्दे पर मुलाकात की थी। उन्होंने, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मूल्य वृद्धि के बिना सरकार को रिकॉर्ड 97,500 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी करनी होगी।

मोइली ने कहा है यदि मौजूदा स्थिति बनी रहती है, तो पेट्रोलिमय पदार्थों के मामले में चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल राजस्व नुकसान 1,80,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगा जोकि इससे पिछले साल 1,61,000 करोड़ रुपये पर रहा था।

संसद के मानसून सत्र के बाद पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में वृद्धि संभव है। मानसून सत्र 6 सितंबर को समाप्त हो रहा है। मोइली ने इससे पहले चिदंबरम को भेजे एक नोट में स्थिति स्पष्ट करते हुये कहा है कि डीजल के दाम में एक रुपये की वृद्धि से नुकसान में 4,522 करोड़ रुपये कमी आयेगी जबकि तीन रुपये की वृद्धि से वर्ष की शेष अवधि में 13,565 करोड़ रुपये का नुकसान कम होगा। यदि डीजल में एकबारगी 5 रुपये की वृद्धि होती है तो नुकसान में 29,390 करोड़ रुपये की कटौती होगी।

डीजल के दाम में हालांकि इस साल जनवरी से हर महीने 50 पैसे प्रति लीटर की दर से वृद्धि हो रही है, और एक बारगी वृद्धि इससे अलग होगी। रसोई गैस सिलेंडर में भी 50 रुपये की बढ़ोतरी से कंपनियों के नुकसान में 2,604 करोड़ रुपये कमी आयेगी। राशन की दुकानों में बिकने वाले मिट्टी तेल का दाम 2 रुपये बढ़ाया जाता है तो नुकसान में 1,014 करोड़ रुपये की कमी आयेगी। कुल मिलाकर इन तीनों के दाम बढ़ने से सब्सिडी बोझ में 50,928 करोड़ रुपये की कमी आयेगी।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को भेजे पत्र में मोइली ने कहा है, मैं आपके संज्ञान में यह लाना चाहता हूं कि रुपये की विनिमय दर में लगातार गिरावट से तेल विपणन कंपनियों की राजस्व प्राप्ति पर गहरा असर होगा और इससे उनकी वित्तीय स्थिति बिगड़ेगी। डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में एक रुपये की गिरावट आने पर तेल कंपनियों पर डीजल, मिट्टी तेल और घरेलू एलपीजी पर कुल मिलाकर सालाना 7,900 करोड़ रुपये का सब्सिडी बोझ पड़ता है।

वर्ष 2012.13 में तेल कंपनियों को 1,61,029 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसकी भरपाई के लिये सरकार ने 85,000 करोड़ रुपये की नकद सब्सिडी और तेल खोज एवं उत्पादन करने वाली ओएनजीसी और ऑयल इंडिया से 60,000 करोड़ रुपये का योगदान किया गया। शेष राशि मार्केटिंग कंपनियों का स्वयं वहन करनी पड़ी। 

आवासीय स्कूल में पढ़ने वाली नौंवी की छात्रा प्रेगनेंट, मचा हड़कंप

हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र के एक आवासीय स्कूल में नौवीं की छात्रा के गर्भवती पाए जाने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।student got pregnant
मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब गुरुवार की रात पेट दर्द की शिकायत होने पर छात्रा को एक स्थानीय निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया। वहां चिकित्सक ने छात्रा के गर्भवती होने की पुष्टि की।

इसके बाद शिक्षा अधिकारियों ने छात्रा को हरिद्वार स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया है। मामले की जानकारी पाकर परिजन भी छात्रा के पास पहुंच गए हैं। फिलहाल, परिजनों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है।

छात्रा के गर्भवती होने की जानकारी मिलने पर आए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में मामले की जानकारी महकमे के अन्य उच्चाधिकारियों को दी। जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक पुष्पा रानी वर्मा ने मामले की जानकारी होने की बात करते हुए जांच की बात कही।

कुछ लोगों ने इस तरह की शिकायत की है। मामला गंभीर है। जांच कराई जा रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
- उत्तम सिंह चौहान, एसडीएम

दिल्ली गैंगरेप: नाबालिग आरोपी दोषी करार, 3 साल की सजा



नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप मामले में आज किशोर न्यायिक परिषद ने वारदात में शामिल नाबालिग आरोपी पर फैसला सुना दिया है। परिषद ने नाबालिग आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे तीन साल की सजा दी है। ये तीन साल उसे बाल सुधार गृह में बिताने होंगे। हालांकि दोषी अब बालिग हो चुका है।



नाबालिग आरोपी पर पुलिस ने हत्या और बलात्कार की धाराएं लगाई थीं। कोर्ट ने अभी फैसले के डिटेल्स को जाहिर करने से मना किया है। उस पर फैसले को चार बार टल गया था। फैसले पर पीड़िता के परिवार वालों ने नाखुशी जाहिर की है।



गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को राजधानी दिल्ली में हुए गैंगरेप ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। चलती बस में 23 साल की छात्रा के साथ 6 दरिंदों ने सामूहिक बलात्कार किया और फिर उसे चलती बस से फेंक दिया। 13 दिन तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद पीड़ित की सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई।



जिन छह दरिंदों ने इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया उनमें से एक नाबालिग आरोपी भी है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक नाबालिग आरोपी ने ही छात्रा के साथ सबसे ज्यादा हैवानियत की थी। इतना ही नहीं नाबालिग ने बाकी आरोपियों को दरिंदगी के लिए उकसाया भी था।



गंभीर अपराध में शामिल नाबालिगों पर मुकदमा ऊपरी अदालत में चले, इस मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। नाबालिगों की उम्र सीमा घटाने पर बहस शुरू हो गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिगों की उम्र सीमा 18 से घटाकर 16 करने की मांग को खारिज कर दिया। किशोर कानून के जानकार नाबालिगों के अपराध को रोकने के लिए सरकार की जिम्मेदारी मान रहे हैं।



दिल्ली गैंगरेप के बाद बलात्कार और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध से निपटने के लिए जस्टिस वर्मा कमेटी का गठन किया गया। वर्मा कमेटी की ज्यादातर सिफारिशों को मंजूर करते हुए सरकार ने क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट 2013 बनाया। जिस पर 2 अप्रैल को राष्ट्रपति की भी मुहर लग गई।



क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के मुताबिक आरोपी जो कि पहले भी बलात्कार का दोषी रहा है उसके लिए फांसी का प्रावधान, बलात्कार के आरोपी के लिए सश्रम 20 साल से लेकर उम्रकैद का प्रावधान, घूरना और पीछा करना गैरजमानती अपराध, तेजाब से हमला करने वाले या ऐसे लोगों को उकसाने वालों को 10 साल कैद की सजा दी जाए। महिला या बाल अपराध से जुड़े मामलों की तफ्तीश कर रहे लापरवाह पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर और सजा का प्रावधान किया गया।

बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र भाजपा को कांग्रेस विधायक के गोद गए भाजपाईयों से खतरा

बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र

भाजपा को कांग्रेस विधायक के गोद गए भाजपाईयों से खतरा 


बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के महत्वपूर्ण जिला मुख्यालास्य विधानसभा क्षेत्र बाड़मेर में भाजपा को कांग्रेस विधायक के गोद गए भाजपाई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ से भितरघात का खतरा हें। बाड़मेर विधानसभा सीट पर गत बार विधानसभा चुनावो में कांग्रेस के उम्मीदवार मेवाराम जैन ने भाजपा के दम पर भरी जीत हासिल कर विधानसभा की राह पकड़ी थी ,गत चुनावो में भाजपा के अधिकांस पदाधिकारी और कार्यकर्ता टिकट वितरण से नाराज होकर खुले आम कांग्रेस उम्मीदवार का खुलकर ना कवक समर्थन किया बल्कि उनके साथ सभाओ में वोट भी मांगे ,गत बार चुनावो में कांग्रेस के लिए वोट मांगने वाले कई चहरे इस बार भाजपा से टिकट की दावेदारी कर रहे हें ,कांग्रेस विधायक के साथ भाजपा के कई पदाधिकारियों तथा वरिष्ठ कार्यकर्ताओ के ताल्लुकात आज भी कायम हें। वसुंधरा राजे को जिले की वस्तुस्थाती भाजपाई बता नहीं रहे हें ,भाजपा की और से तीन चार दावेदार टिकट की कतार में हें ,जिन को टिकट नहीं मिलेगी वो कांग्रेस विधायक के साथ हो जायेंगे ,गत माह सुराज यात्रा पर आई वसुंधरा राजे ने स्वयं बाड़मेर की गुटबाजी अपने आँखों से देखि हें हें। भाजपा में क्लेश का काम कांग्रेस कर रही हें ,भाजपा के कई पदाधिकारी कांग्रेस विधायक के अहसान तले दबे हें ,यह अहसान विधानसभा चुनावो में अपनी पार्टी के साथ दागा कर भाजपाई उतरने को तैयार हें ,समय रहते वसुंधरा राजे को स्वयं इन भाजपाई यों कर लगाम कसनी होगी वर्ना बाड़मेर सीट पर भाजपा कभी नहीं आ पायेगी ,वर्तमान राजनितिक और जातिगत समीकरण भाजपा के भले ही पक्ष में हो मगर भाजपा को शकुनियो और जयचंदों से ही खतरा हें ,कांग्रेस विधायक स्वयं जानते हें की उनकी जीत भाजपा के भीतरघात से ही संभव हें ,भाजपा ने अभी तक चुनावी चौसर नहीं बिछाई हें इसके बावजूद गुटबाजी भाजपा की जीत पर भरी पद सकती हें 

नोएडा: घर में घुसकर लड़की से गैंगरेप, आरोपियों में दो पुलिसवाले भी



नोएडा के सेक्टर 105 में एक लड़की से पांच लोगों ने घर में घुसकर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. 25 साल की पीड़ित लड़की दिल्ली की रहने वाली है, जो नोएडा में अपने प्रेमी से मिलने आई थी.

गैंगरेप के पांच आरोपियों में से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक आरोपी अब भी फरार है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि आरोपियों में दो पीएसी के जवान हैं. आरोप ये भी है कि गैंगरेप के बाद इन लोगों ने लड़की का क्रेडिट कार्ड भी छीन लिया और उस कार्ड से शॉपिंग भी की.

शुरुआत में पुलिस भी मीडिया को कुछ भी बताने से बचती रही. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है और फरार आरोपी की तलाश जारी है.


गोरक्षा के लिए खून के आखिरी कतरे तक लड़ी यह ‘गुजरातन’!

अहमदाबाद। 27 अगस्त, 1993 का दिन अहिंसा और जीवदया प्रेमियों के लिए आघातजनक था। शहर के आंबावाडी क्षेत्र में चंद हिंसक और स्वार्थी लोगों ने हिंसा का जो खेल खेला, उसने जीवदया प्रेमियों के रोंगटे खड़े कर दिए। उस समय इन चंद स्वार्थी तत्वों को लगा होगा कि एक गीताबेन रांभिया को खत्म कर देने से उनका रास्ता साफ हो जाएगा, लेकिन उनका बलिदान लाखों पशुओं के लिए ‘अभयदान' बन चुका है। गीताबेन का जीव हत्या रोकने का वह कार्य आज कारवां बन चुका है और यह काम किया है गीताबेन के जीवनसाथी बचुभाई ने। गीताबेन रांभिया को शायद आज का अहमदाबाद या गुजरात और उसकी नई पीढ़ी नहीं जानती होगी, परंतु यह वह बहादुर गुजरातन थी, जो खून के आखिरी कतरे तक गोरक्षा के लिए लड़ती रही। बचुभाई रांभिया आज से ठीक 20 वर्ष पूर्व हुई उस वारदात को आज भी याद तो करते हैं, लेकिन गीताबेन की शहादत वर्ष दर वर्ष उनमें नया जोश भरती है। 
गोरक्षा के लिए खून के आखिरी कतरे तक लड़ी यह ‘गुजरातन’!
पत्नी के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए उन्होंने उनकी मौत के तुरंत बाद गीताबेन रांभिया स्मृति अहिंसा ट्रस्ट और गीताबेन रांभिया परिवार चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की और गीताबेन के कार्य को लगातार आगे बढ़ाया। बचुभाई का कहना है कि उनका परिवार जीव हिंसा रोकने के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है। ‘झांसी की रानी' की उपाधि प्राप्त गीताबेन रांभिया के बलिदान का ही परिणाम है कि आज गुजरात में गोवंश प्रतिबंध कानून के रूप में लागू है। गीताबेन का जन्म मध्य प्रदेश के जबलपुर में 30 जून, 1957 को हुआ था। मुंबई से एमए करने के बाद गीताबेन का विवाह 3 दिसम्बर, 1977 को कच्छ जिले के रामाणिया गांव के जैन युवक बचुभाई रांभिया के साथ हुआ। इसके बाद दोनों व्यवसाय के लिए गांधीधाम में स्थाई हुए। गांधीधाम में ही गीताबेन को जीवदया कार्यों की प्रेरणा मिली और उन्होंने इसकी शुरूआत भी कर दी। इसी दौरान 3 दिसम्बर, 1983 को अखिल भारतीय हिंसा निवारण संघ के महासचिव सुरेशभाई झवेरी के निमंत्रण पर गीताबेन ने जीवदया कार्यों के लिए अहमदाबाद को कर्मभूमि बनाया। अहमदाबाद में आते ही गीताबेन रांभिया का जीवदया अभियान गति पकडऩे लगा। उनके कार्यों से गुजरात सरकार भी प्रभावित हुई। गुजरात सरकार ने नवंबर-1984 में अवैध रूप से कत्लखाने जाने वाले अबोध पशुओं को बचाने का काम करने के लिए गीताबेन रांभिया को मानद् पुलिस निरीक्षक की उपाधि दी। कानून की वर्दी पहनने के बाद तो मानो गीताबेन का जीवदया कार्य परवान चढऩे लगा। पुलिस निरीक्षक बनने के बाद गीताबेन ने 5 नवंबर, 1984 को पानकोर नाका क्षेत्र में पांच गायों को कत्लखाने जाने से बचा कर जीवदया कार्य की शुरूआत की और यह सिलसिला जीवन भर चलता रहा। अपनी अल्पायु में गीताबेन ने 1 लाख 65 हजार से अधिक अबोध पशुओं को मौत के मुख में जाने से बचाया। गीताबेन ने अपने कार्यकाल के दौरान कागडापीठ थानांतर्गत कुरैशी ढोर बाजार से 137 बछड़ों को बचाया, वहीं 1989 में अहमदाबाद मनपा की ओरसे पकड़े जाने वाले आवारा कुत्तों को मारेजाने का विरोध करते हुए पुलिस में फरियादी बन कर रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद 18 मार्च को तत्कालीन महापौर जयेन्द्र पंडित ने गीताबेन को ‘झांसी की रानी' का पुरस्कार दिया। गीताबेन ने बाद में साबरमती में जोधपुर की एक मालगाड़ी को रोक कर उसमें से 686 बछड़ों को बचाया। 1990 में कच्छ के तृणा बंदरगाह से 1156 भेंड़-बकरियों को निर्यात होने से रोका। गीताबेन के जीवदया प्रेम की चरमसीमा को 7 जून, 1991 की उस घटना से सहज ही समझा जा सकता है, जब गीताबेन गर्भवती थीं। उनकी प्रसूति की अंतिम घडिय़ां थीं। उस दिन वे बहेरामपुरा में थीं, जहां से 21 बछड़ों को कत्लखाने जाने से उन्होंने बचाया। इस अभियान के कुछ देर बाद ही उन्होंने पुत्र चैतन्य को जन्म दिया। झांसी की रानी का यह सफर 27 अगस्त, 1993 को थम गया। उस दिन गीताबेन ने आस्टोडिया थाना क्षेत्र में छह बछड़ों को कत्लखाने जाने से बचाया। इन बछड़ों को लेकर वे पोलीटेक्निक स्थित पिंजरापोल छोडऩे गईं। वहां से जब गीताबेन लौट रही थीं, तभी आंबावाडी स्थित सी. एन. विद्यालय के पास चंद हिंसक तत्वों ने गीताबेन को घेर लिया और छुरे से उनकी हत्या कर दी। गीताबेन की हत्या सरकार और समाज को कई सबक दे गई। उनकी शहादत का एक माह होने से पहले ही तत्कालीन मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल ने 25 सितम्बर को विधानसभा में गोवंश प्रतिबंध विधेयक पारित कराया। गीताबेन का वह बलिदान आज लाखों पशुओं के लिए अभयदान बन चुका है। गीताबेन की शहादत के बाद उनके पति बचुभाई ने भी जीवदया को ही अपने जीवन का ध्येय बना लिया और दो संगठनों की स्थापना की। अब तक बचुभाई रांभिया के संगठनों ने लाखों अबोध पशुओं को बचाया है। इसके अलावा घायल-बीमार पशुओं की सेवा और उपचार का कार्य भी वे कर रहे हैं।

मंगल पर बसने के लिए 8 हजार भारतीयों ने कराया रजिस्ट्रेशन

चेन्नै।। मंगल ग्रह पर हमेशा के लिए बसने की ख्वाहिश रखने वालों में भारतीय भी पीछे नहीं हैं। मंगल की वन वे ट्रिप और वहां बसने के लिए एक गैर लाभकारी फाउंडेशन द्वारा कराए जा रहे रजिस्ट्रेशन का आज आखिरी दिन है और आठ हजार से ज्यादा भारतीय भी लाइन लगा चुके हैं।

दरअसल 'मार्स वन' प्रॉजेक्ट के तहत वहां अगले 10 सालों में कॉलोनी बसाने का प्लान है। 'मार्स वन' एक गैर लाभकारी फाउंडेशन है जो 2023 तक वहां मानव बस्ती बसाना चाहता है। इसके लिए उसने इच्छुक लोगों से रजिस्ट्रेशन करने को कहा है।

रजिस्ट्रेशन शुरू होने के साथ ही इसे दुनिया भर से जबर्दस्त रिस्पॉन्स मिला। मंगल में बसने की इस होड़ में भारतीय भी पीछे नहीं हैं। 27 अगस्त तक 8,107 आवेदनों के साथ भारत चौथे नंबर पर था।'मार्स वन' की आशिमा डोगरा के मुताबिक मंगल की इस वन वे ट्रिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले टॉप 10 देशों में अमेरिका (37,852), चीन (13,124), ब्राजील (8,686), भारत (8,107), रूस (7,138), ब्रिटेन (6,999), मैक्सिको (6,771), कनाडा (6,593), स्पेन (3,621) और फिलिपीन्स (3,516) शामिल हैं। उनके मुताबिक अभी तक एक लाख 65 हजार लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।

मेयर का इंटरव्‍यू लेते वक्‍त महिला पत्रकार हुई टॉपलेस, देखें वीडियो

कनाडा। कनाडा में इंटरनेशनल गो टॉपलेस डे के मौके पर मेयर से इंटरव्यू लेने के लिए गई महिला पत्रकार ने खुद को टॉपलेस कर लिया। महिला पत्रकार लॉरी वेलबॉर्न इंटरनेशनल टॉपलेस डे के मौके पर एक लोकर मेयर का इंटरव्यू ले रही थी। इंटरव्यू के दौरान एक सवाल करने के बाद उसने अपनी माइक मेयर के हाथों में थमाई और अपना टॉप उतार दिया। जब मेयर ने इस बात पर आपत्ति जताई तो महिला पत्रकार ने ये कहकर उन्हें कह कर जबाव दिया कि जब पुरुष ऐसा कर सकते है तो फिर महिलाएं क्यों नहीं। लाइव टीवी प्रोग्राम को दौरान महिला पत्रकार लॉरी के इस टॉपलेस वीडियो को अबतक 2.5 मीलियन देख चुके हैं। 

मेयर का इंटरव्‍यू लेते वक्‍त महिला पत्रकार हुई टॉपलेस, देखें वीडियो

यह वीडियो इंटरनेट पर खूब देखा जा रहा है। दरअसल इंटरनेशनल गो टॉपलेस डे के मौके पर महिला पत्रकार लोकल मेयर के विचार जानने के लिए उनका इंटरव्यू ले रही थी। इंटरव्यू के दौरन इससे जुड़े एक अहम मसले पर अपनी बात साबित करने की खातिर पत्रकार लॉरी ने इंटरव्यू के दौरान अपने कपड़े उतारकर टॉपलेस हो गईं। अपनी बात को साबित करने के लिए उन्होंने टीवी शो के दौरान अपने कपड़े उतार दिए। महिला को अपने सामने टॉपलेस होता देखकर मेयर हैरान हो गए उन्होंने ऐसा करने पर उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन महिला पत्रकार नहीं मानी। 


मेयर ने घबराकर पूछा आप ये क्या कर रही है जिसका जवाब उन्होंने दिया कि यहां बहुत गर्मी है। मेयर ने इंटरनेशन गो टॉपलेस डे के मौके पर अपना विचार रखते हुए कहाकि कैलोवना में सार्वजनिक तौर पर किसी महिला का टॉपलेस होना अवैध नहीं है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मैं यह सलाह नहीं दे रहा हूं कि आपको ऐसा करना चाहिए लेकिन ऐसा कर आपने कोई अपराध नहीं किया है।

पकड़े गए IBN7 पर हमले के 6 आसाराम समर्थक



जोधपुर। जोधपुर पुलिस ने आईबीएन7 की टीम पर हमला करने वाले आसाराम के 6 समर्थकों को हिरासत में लिया है। गौरतलब है कि आसाराम के समर्थकों ने संवाददाता भवानी सिंह और कैमरामैन पर हमला कर दिया, मारपीट की और कैमरे तोड़ दिए। वहीं पाल गांव के लोगों का कहना है कि आसाराम ने आश्रम में गुंडे पाल रखे हैं वो गांव के लोगों को भी आसाराम के नाम से हड़काते रहते हैं।

पाल गांव के सरपंच बन्ना रामजी के मुताबिक 700 से 800 लोग आश्रम से आए और पत्रकारों पर टूट पड़े। आश्रम के लोगों ने महिलाओं को आगे कर दिया और पत्रकारों की पिटाई की। उनका कहना है कि अगर गांव वाले नहीं होते तो वे लोग पत्रकारों को जान से मार देते। उनका कहना है कि आश्रम ने सारे गुंडा ही पैदा किए हैं। आश्रम में गुंडे ही पल रहे हैं। आसाराम ने आश्रम में गुंडे पाल रखे हैं।

उनका कहना है कि उनके गांव में अगर रेडियो या लाउडस्पीकर कोई लगा देता है तो उसे आश्रम के लोग आकर बंद करा दते हैं। आश्रम के लोग ये कहते हैं कि आसाराम को नींद नहीं आ रही है। जबकि आसाराम रोजाना पाल गांव में रैलियां निकालते हैं। पाल गांव के लोग उनको कुछ भी नहीं कहते हैं। उन्होंने कहा कि आश्रम को यहां से हटाने की मांग करेंगे।

इंसुलिन की दवा को बनाया बीवी की मौत का सामान



लखनऊ।। उत्तर प्रदेश में अपनी तरह के पहले ऋतु इंसुलिन हत्याकांड में हजरतगंज पुलिस ने सबूतों के आधार पर आरोपी पति डॉक्टर अवध कपूर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि कृष्णा मेडिकल सेंटर में इलाज के दौरान डॉक्टर अवध ने प्रेगनेंट वाइफ को साजिश के तहत इंसुलिन का इंजेक्शन अधिक मात्रा में दिया था। इससे उसकी मौत हो गई थी। ऋतु के पोस्टमॉर्टम के बाद विसरा जांच के लिए भेजा गया था। इसमें सामने आया था कि ऋतु के शरीर में मौत के समय इंसुलिन की मात्रा सामान्य से काफी अधिक 285.10 थी।
Doctor-Kapoor
एसएसपी जे. रविंदर गौड़ ने शुक्रवार को बताया कि 22 फरवरी को चौक के बरोहन टोला निवासी डॉक्टर अवध के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में पत्नी ऋतु की हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। ऋतु की चचेरी बहन रीता खन्ना व अन्य परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर अवध कपूर ने गर्भवती ऋतु को डायबिटीज न होने के बावजूद कई दिनों तक इंसुलिन की डोज दी। इसके चलते उसकी हालत खराब होती चली गई।

23 मई, 2012 की सुबह ऋतु को कृष्णा मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया था। उस समय मेडिकल चेकअप में ऋतु का पल्स रेट, ब्लडप्रेशर, हीमोग्लोबिन व अन्य चीजें सामान्य थीं। अस्पताल के डॉक्टरों ने बीमारी का पता लगाने के साथ इलाज शुरू किया। 24 मई, 2012 की सुबह 6:10 पर उसकी मौत हो गई थी। डॉक्टर अवध शव को घर ले जाने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच चचेरी बहन नीता खन्ना, भाई डॉ. वैभव खन्ना व अन्य रिश्तेदार अस्पताल पहुंच गए थे। परिजनों ने ऋतु के इलाज की फाइल चेक की तो मौत का कारण संदिग्ध लगा।परिजनों ने पुलिस से पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की थी। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो डॉक्टर अवध ने पोस्टमॉर्टम का विरोध किया था। उन्होंने तर्क दिया था कि ऋतु के शरीर पर न तो कोई चोट के निशान हैं। ना ही गला दबाने के। जहर देकर हत्या करने के लक्षण भी नहीं हैं। ऐसे में पोस्टमॉर्टम की क्या जरूरत है।


पोस्टमॉर्टम में मौत का कारण साफ नहीं हो सका था। विसरा सुरक्षित रख कर जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला, मेडिको लीगल एक्सपर्ट व अन्य लैब में भेजा गया था। रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो गया था कि ऋतु की मौत इंसुलिन के ओवर डोज से हुई थी। सीओ हजरतगंज दिनेश यादव के मुताबिक रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस लगातार इस मामले की पड़ताल कर रही थी।

फॉरेंसिक रिपोर्ट व इकट्ठे किए गए अन्य सबूतों के आधार पर पुलिस ने शुक्रवार को ऋतु की हत्यारोपी डॉक्टर अवध कपूर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी से गहन पूछताछ की। पुलिस का दावा है कि कई हत्याकांड से जुड़े कई अहम सुराग उनके हाथ लगे हैं।

'इंसुलिन रेकमेंड ही नहीं किया था': कृष्णा मेडिकल सेंटर की हेड डॉक्टर चंद्रावती ने बताया कि जब मरीज मेरे हॉस्पिटल पहुंची थी तो उसे उल्टियां हो रही थीं। उसकी प्रेग्नेंसी नौ हफ्ते की थी। उसका ब्लड शुगर नॉर्मल से थोड़ा ही कम था। कहीं शुगर लेवल और कम न हो जाए इसलिए मैंने उसे ग्लूकोज लगाने की सलाह दी। रात को मरीज के पास उसका पति ही लेटा था। रात को मरीज की हालत ठीक थी लेकिन सुबह उसकी मौत हो गई। मरीज के हार्ट से लिए गए खून से पता चला कि उसे इंसुलिन की डोज दी गई थी, जबकि मैंने इसे रेकमेंड नहीं किया था। ऐसे में शक निश्चित रूप से उसके पति पर ही गया।

इंसुलिन की ओवरडोज मिली थी: तत्कालीन सीएमओ ने मामले की जांच के लिए विसरा को केजीएमयू पैथॉलजी विभाग भेजा था। जांच में इंसुलिन की ओवर डोज की बात सामने आई थी। जांच रिपोर्ट को संबंधित अधिकारियों को बता दिया गया था। चूंकि इंसुलिन की ओवरडोज किसी भी मरीज के लिए घातक हो सकती है। फिर जिसको शुगर न हो उसके लिए तो इंसुलिन तो जानेलवा ही होती है।
राज मल्होत्रा
एचओडी, पैथॉलजी, केजीएमयू

शुक्रवार, 30 अगस्त 2013

मानव सुख को ढूंढने में अपनी अमूल्य जिंदगी खो रहा है- साध्वी प्रियरंजनाश्री

मानव सुख को ढूंढने में अपनी अमूल्य जिंदगी खो रहा है- साध्वी प्रियरंजनाश्री


बाड़मेर।थार नगरी बाड़मेर में चातुर्मासिक धर्म आराधना के दौरान स्थानीय श्री जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन में प्रखर व्याख्यात्री साध्वीवर्या श्री प्रियरंजनाश्रीजी म.सा. ने चातुर्मास के चालीसवें दिन अपने प्रवचन में कहा कि आत्मशुद्धि का प्रमुख एवं सर्वश्रेष्ठ साधन यदि कोई है तो वह कायोत्सर्ग है। क्योंकि कायोत्सर्ग से आत्मा का निरीक्षण होता है। प्रशस्त अध्यवसायों की वृद्धि होती है। इतना ही नहीं शुद्ध-विशुद्ध मन से किये गये कायोत्सर्ग से सर्व दुःखों से मुक्ति प्राप्त होती है। कायोत्सर्ग करने के पीछे एक महत्वपूर्ण हेतु रहा हुआ है। कायोत्सर्ग करते समय सब कुछ भूल जाना है। काया देह को भी भूल जाने की बात है। वहां अन्य को याद रखने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।
साध्वी श्री ने कहा कि अनादिकाल से आत्मा संसार के पौद्गालिक सुखों के पीछे पागल बनी है। उसने बाहृ जगत में या बाहृ सुखों में ही सुख खोजने का प्रयास किया है। किन्तु वह यह भूल जाता है कि कस्तूरी मृग की नाभि में रही कस्तूरी की तरह सुख हमारे अंदर ही है, बाहर नहीं। किन्तु भ्रमणा में पड़ा जीव मृग की तरह कस्तूरी अपने स्वयं के पास होने पर भी बाहर ढूंढता रहता है। वैसे ही सुख को ढूंढने में अपनी अमूल्य जिंदगी खो रहा है।
हमारे ज्ञानियों ने संसार के सुखों को मृगजल की उपमा दी है। जिन बाहृ पदार्थों में आप सुख देख रहे हो वह सुख नहीं है। अपितु सुख का आभास मात्र है। बल्कि यूं कहें कि वह सुख, सुख नहीं दुःख का मूल है तो भी अतिश्योक्ति नहीं होगी।
हम जिस पदार्थ में सुख मान रहे हैं वह तो दुःख का मूल है क्योंकि ज्यादातर संसार में यह देख रहे हैं कि संसार के प्राणी जहां से थोड़ा सा सुख पाते हैं वहीं से समय जाने के बाद अपार दुःख, वेदना का अनुभव करते हैं। पुत्र जन्म में हमने सुख माना किन्तु जिस दिन पुत्र की मृत्यु होगी उस दिन हमें कितना दुःखी होना पड़ेगा। सुख बाहृ पदार्थों में नहीं बल्कि अन्तर आत्मा में पड़ा है। आत्मा स्वयं अक्षय सुख का खजाना है। उसे बाहृ पदार्थों में न ढूंढते हुए अंदर में ही ढूंढना चाहिये।
किसी भी अनुष्ठान को मन में आया वैसे कर लेने से उस अनुष्ठान या क्रिया का फल नहीं मिलता है। हर क्रिया अनुष्ठान के विधि-विधानों से ही क्रिया अनुष्ठान करना चाहिये।
साध्वी श्री ने कहा कि सौम्य स्वभाव सहज रूप कब बनता है? जब नजर के सामने सभी अच्छे या बुरे प्रसंग को बाहृ से नहीं देखकर गहराई से देखने की कला हासिल की हो। ऐसी कला हस्तगत न हो तो कदम-कदम पर मन संक्लेश कर लेता है। ऐसी कला को हस्तगत करने के लिये जड़ वस्तुओं के विचित्र स्वभाव तथा कर्माधीन जीवों की विचित्र मनोदशा इन दोनों को सदैव अपने समक्ष रखने जैसी है।
साध्वी डाॅ. दिव्यांजनाश्री ने अपने प्रवचन में कहा कि जहां कहीं भी किसी भी व्यक्ति में दोष दिखाई देते हो तो इन दोषों को देखकर उस व्यक्ति पर द्वेष करने के बजाय उस व्यक्ति के भूतकाल के भवों को सामने ला देना। द्वेष अपने आप चला जायेगा और द्वेष के स्थान पर मैत्री आ जायेगी।
मन से हमारा भविष्य बिगड़ जाता है। स्वभाव में सौम्यता अभी लाना सरल नहीं है। क्योंकि अभी तो हमारे स्वभाव में दुष्टता की बदबू आ रही है। चारों तरफ अपनी मान्यता का वातावरण दिखाई दे रहा है। वातावरण को देखते ही उग्रता आ जाती है। ऐसी गलत प्रकृति को छोड़े बिना सौम्य स्वभाव सहज नहीं बनेगा।