शनिवार, 31 अगस्त 2013

डीजल 5 रुपए, मिट्टी तेल 2 रुपए, LPG सिलेंडर 50 रुपए होगा महंगा!



नई दिल्ली : वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के उंचे दाम और डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये से होने वाले नुकसान की कुछ हद तक भरपाई के लिये डीजल के दाम 3 से 5 रुपये, मिट्टी तेल का दाम 2 रुपये लीटर तथा घरेलू गैस सिलेंडर 50 रुपये प्रति सिलेंडर तक महंगा हो सकता है।डीजल 5 रुपए, मिट्टी तेल 2 रुपए, LPG सिलेंडर 50 रुपए होगा महंगा!
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उनसे सस्ते डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल की बिक्री से तेल कंपनियों को होने वाले 1,80,000 करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान की भरपाई के लिये कदम उठाने का आग्रह किया है।

मोइली ने इससे पहले कल वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से भी इस मुद्दे पर मुलाकात की थी। उन्होंने, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मूल्य वृद्धि के बिना सरकार को रिकॉर्ड 97,500 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी करनी होगी।

मोइली ने कहा है यदि मौजूदा स्थिति बनी रहती है, तो पेट्रोलिमय पदार्थों के मामले में चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल राजस्व नुकसान 1,80,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगा जोकि इससे पिछले साल 1,61,000 करोड़ रुपये पर रहा था।

संसद के मानसून सत्र के बाद पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में वृद्धि संभव है। मानसून सत्र 6 सितंबर को समाप्त हो रहा है। मोइली ने इससे पहले चिदंबरम को भेजे एक नोट में स्थिति स्पष्ट करते हुये कहा है कि डीजल के दाम में एक रुपये की वृद्धि से नुकसान में 4,522 करोड़ रुपये कमी आयेगी जबकि तीन रुपये की वृद्धि से वर्ष की शेष अवधि में 13,565 करोड़ रुपये का नुकसान कम होगा। यदि डीजल में एकबारगी 5 रुपये की वृद्धि होती है तो नुकसान में 29,390 करोड़ रुपये की कटौती होगी।

डीजल के दाम में हालांकि इस साल जनवरी से हर महीने 50 पैसे प्रति लीटर की दर से वृद्धि हो रही है, और एक बारगी वृद्धि इससे अलग होगी। रसोई गैस सिलेंडर में भी 50 रुपये की बढ़ोतरी से कंपनियों के नुकसान में 2,604 करोड़ रुपये कमी आयेगी। राशन की दुकानों में बिकने वाले मिट्टी तेल का दाम 2 रुपये बढ़ाया जाता है तो नुकसान में 1,014 करोड़ रुपये की कमी आयेगी। कुल मिलाकर इन तीनों के दाम बढ़ने से सब्सिडी बोझ में 50,928 करोड़ रुपये की कमी आयेगी।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को भेजे पत्र में मोइली ने कहा है, मैं आपके संज्ञान में यह लाना चाहता हूं कि रुपये की विनिमय दर में लगातार गिरावट से तेल विपणन कंपनियों की राजस्व प्राप्ति पर गहरा असर होगा और इससे उनकी वित्तीय स्थिति बिगड़ेगी। डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में एक रुपये की गिरावट आने पर तेल कंपनियों पर डीजल, मिट्टी तेल और घरेलू एलपीजी पर कुल मिलाकर सालाना 7,900 करोड़ रुपये का सब्सिडी बोझ पड़ता है।

वर्ष 2012.13 में तेल कंपनियों को 1,61,029 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसकी भरपाई के लिये सरकार ने 85,000 करोड़ रुपये की नकद सब्सिडी और तेल खोज एवं उत्पादन करने वाली ओएनजीसी और ऑयल इंडिया से 60,000 करोड़ रुपये का योगदान किया गया। शेष राशि मार्केटिंग कंपनियों का स्वयं वहन करनी पड़ी। 

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