लखनऊ।। उत्तर प्रदेश में अपनी तरह के पहले ऋतु इंसुलिन हत्याकांड में हजरतगंज पुलिस ने सबूतों के आधार पर आरोपी पति डॉक्टर अवध कपूर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि कृष्णा मेडिकल सेंटर में इलाज के दौरान डॉक्टर अवध ने प्रेगनेंट वाइफ को साजिश के तहत इंसुलिन का इंजेक्शन अधिक मात्रा में दिया था। इससे उसकी मौत हो गई थी। ऋतु के पोस्टमॉर्टम के बाद विसरा जांच के लिए भेजा गया था। इसमें सामने आया था कि ऋतु के शरीर में मौत के समय इंसुलिन की मात्रा सामान्य से काफी अधिक 285.10 थी।
एसएसपी जे. रविंदर गौड़ ने शुक्रवार को बताया कि 22 फरवरी को चौक के बरोहन टोला निवासी डॉक्टर अवध के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में पत्नी ऋतु की हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। ऋतु की चचेरी बहन रीता खन्ना व अन्य परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर अवध कपूर ने गर्भवती ऋतु को डायबिटीज न होने के बावजूद कई दिनों तक इंसुलिन की डोज दी। इसके चलते उसकी हालत खराब होती चली गई।
23 मई, 2012 की सुबह ऋतु को कृष्णा मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया था। उस समय मेडिकल चेकअप में ऋतु का पल्स रेट, ब्लडप्रेशर, हीमोग्लोबिन व अन्य चीजें सामान्य थीं। अस्पताल के डॉक्टरों ने बीमारी का पता लगाने के साथ इलाज शुरू किया। 24 मई, 2012 की सुबह 6:10 पर उसकी मौत हो गई थी। डॉक्टर अवध शव को घर ले जाने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच चचेरी बहन नीता खन्ना, भाई डॉ. वैभव खन्ना व अन्य रिश्तेदार अस्पताल पहुंच गए थे। परिजनों ने ऋतु के इलाज की फाइल चेक की तो मौत का कारण संदिग्ध लगा।परिजनों ने पुलिस से पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की थी। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो डॉक्टर अवध ने पोस्टमॉर्टम का विरोध किया था। उन्होंने तर्क दिया था कि ऋतु के शरीर पर न तो कोई चोट के निशान हैं। ना ही गला दबाने के। जहर देकर हत्या करने के लक्षण भी नहीं हैं। ऐसे में पोस्टमॉर्टम की क्या जरूरत है।
पोस्टमॉर्टम में मौत का कारण साफ नहीं हो सका था। विसरा सुरक्षित रख कर जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला, मेडिको लीगल एक्सपर्ट व अन्य लैब में भेजा गया था। रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो गया था कि ऋतु की मौत इंसुलिन के ओवर डोज से हुई थी। सीओ हजरतगंज दिनेश यादव के मुताबिक रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस लगातार इस मामले की पड़ताल कर रही थी।
फॉरेंसिक रिपोर्ट व इकट्ठे किए गए अन्य सबूतों के आधार पर पुलिस ने शुक्रवार को ऋतु की हत्यारोपी डॉक्टर अवध कपूर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी से गहन पूछताछ की। पुलिस का दावा है कि कई हत्याकांड से जुड़े कई अहम सुराग उनके हाथ लगे हैं।
'इंसुलिन रेकमेंड ही नहीं किया था': कृष्णा मेडिकल सेंटर की हेड डॉक्टर चंद्रावती ने बताया कि जब मरीज मेरे हॉस्पिटल पहुंची थी तो उसे उल्टियां हो रही थीं। उसकी प्रेग्नेंसी नौ हफ्ते की थी। उसका ब्लड शुगर नॉर्मल से थोड़ा ही कम था। कहीं शुगर लेवल और कम न हो जाए इसलिए मैंने उसे ग्लूकोज लगाने की सलाह दी। रात को मरीज के पास उसका पति ही लेटा था। रात को मरीज की हालत ठीक थी लेकिन सुबह उसकी मौत हो गई। मरीज के हार्ट से लिए गए खून से पता चला कि उसे इंसुलिन की डोज दी गई थी, जबकि मैंने इसे रेकमेंड नहीं किया था। ऐसे में शक निश्चित रूप से उसके पति पर ही गया।
इंसुलिन की ओवरडोज मिली थी: तत्कालीन सीएमओ ने मामले की जांच के लिए विसरा को केजीएमयू पैथॉलजी विभाग भेजा था। जांच में इंसुलिन की ओवर डोज की बात सामने आई थी। जांच रिपोर्ट को संबंधित अधिकारियों को बता दिया गया था। चूंकि इंसुलिन की ओवरडोज किसी भी मरीज के लिए घातक हो सकती है। फिर जिसको शुगर न हो उसके लिए तो इंसुलिन तो जानेलवा ही होती है।
राज मल्होत्रा
एचओडी, पैथॉलजी, केजीएमयू
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