सोमवार, 29 अप्रैल 2013

पाकिस्तानी किशोर की वतन वापसी

पाकिस्तानी किशोर की वतन वापसी

श्रीगंगानगर। अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारतीय सीमा में घुसे एक पाकिस्तानी किशोर को रविवार को सीमा सुरक्षा बल ने पाक रेंजर्स को सुुपुर्द कर दिया। श्रीगंगानगर सेक्टर के अनूपगढ़ क्षेत्र में दोनों देशों के कम्पनी कमाण्डर स्तर के अधिकारियों की फ्लैग मीटिंग के बाद किशोर की वतन वापसी हुई।

बीएसएफ के राजस्थान फ्रंटियर के उप महानिरीक्षक आर.के. थापा ने बताया कि शनिवार शाम 5 बजकर 45 मिनट पर अनूपगढ़ क्षेत्र में कैलाश चेकपोस्ट के पास बल के जवानों ने पाकिस्तान के भावलनगर जिले के गांव 242 एचएल निवासी नदीम माहर (14) पुत्र आमीन माहर को पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि नदीम अपने माता-पिता से नाराज होकर घर से निकल गया था और अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में आ गया। तलाशी में उसके पर्स से भारतीय फिल्मी अभिनेताओं के फोटो मिले।

पैरों के निशान दिखाए

नदीम को पुशबैक करने के लिए बीएसएफ की ओर से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पिल्लर नम्बर 369 के पास पाकिस्तानी रेंजर के साथ कम्पनी कमाण्डर स्तर की फ्लैग मीटिंग की गई। पाक रेंजर के प्रतिनिधि को नदीम के जीरो लाइन पार करने के पैरों के निशान दिखाए गए। इस पर उन्होंने नदीम को वापस लेने पर सहमति दी। इसके बाद दोपहर एक बजे अनूपगढ़ क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नदीम को पाक रेंजर को सौंप दिया।

तीन दिन की जगह एक दिन

सीमा सुरक्षा बल की ओर से बीते एक साल के दौरान श्रीगंगानगर सेक्टर में 12 पाक नागरिकों को पुशबैक किया गया है। इनमें एक महिला और उसका बच्चा भी शमिल है। पिछले दिनों खाजूवाला क्षेत्र में भारतीय बालिका भूलवश पाकिस्तान की सीमा में घुस गई थी। पाकिस्तान ने उसे तीन बाद लौटाया, जबकि भारतीय सीमा में घुसे नदीम को महज एक दिन में पाक के सुपुर्द कर दिया।

ग्रामीणों ने कायम की पानी सहेजने की मिसाल


ग्रामीणों ने कायम की पानी सहेजने की मिसाल 

जायल  



न तो इस तालाब पर टैंकर भरे जा सकते हैं और न ही तालाब के पानी का दुरुपयोग किया जा सकता है। अनमोल पानी की कीमत को पहचानते हुए ग्रामीणों ने यहां पानी का दुरुपयोग रोकने के लिए बाकायदा एक व्यक्ति नियुक्त कर रखा है। शायद इसी का नतीजा है कि साल भर तक यहां के तालाबों में पानी हिलोरें मारता नजर आता है।

यहां बात हो रही है जायल क्षेत्र गांव गुढ़ा गुगरियाली व गोठ के तालाब की। जहां पर 20 से ज्यादा गांवों के लोगों को इस तपती वैशाख में भी पानी की मौजूदगी प्रदर्शित करती है। तहसील के गांव गोठ का सोहिल्या तालाब पर अलसुबह गांव गोठ, रातंगा, मांगलोद व तेजासर की महिलाएं यहां पानी लेने पहुंचती है। यहां पशुपालक भी पशुधन को पानी पिलाने के लिए यहां पहुंचते हैं। वहीं गांव गुढ़ा गुगरियाली में गंवाई तालाब आज भी लबालब भरा हुआ है। यहां सैकड़ों की तादात में हिरण, गाय, खरगोश आदि विचरण करते हुए गला तर करने के लिए यहां पहुंचते हैं। सौभाग्य यह है कि गांव के महंत स्वामी केशर पुरी महाराज यहां पर अपने आश्रम में हजारों पक्षियों को दाना डालते हैं और वन्यजीवों के शिकार करने वालों से संघर्ष करते हैं। जिससे यहां पर दोनों तालाबों में पीने का पानी बारह महीनों तक टिका रहता है।

परंपरा जीवित है...

इन सरोवरों पर कई महिलाओं के पहुंचने के बाद मंगलगीतों की किलकारियां सुनाई देती है। सुबह-सुबह महिलाएं पक्षियों के लिए दाना लेकर यहां पर पनघट के लिए आती हैं। इन तालाबों का ऐतिहासिक महत्व भी है। इनके किनारों पर कई प्राचीन देवलियां लगी हुई है। सोहिल्या तालाब पर लगी एक संगमरमर की देवली पर 16 वीं सदी की संस्कृत में कुछ देवलियां पर कुछ श्लोक अंकित है जो पुराने अतीत को और जानने की लिए प्रेरित करते हैं। 

पहल   गुढ़ा गुगरियाली और गोठ गांव में पानी बचाने के लिए चलता है ग्रामीणों का अनुशासन, चंदा एकत्रित कर रखा पानी का रखवाला 




होती है रखवाली 
इन तालाबों में ग्रामीणों टैंकर पूर्णतया मनाही है व पानी का दुरुपयोग रोकने के लिए रखवाली के लिए व्यक्ति नियुक्त कर रखा है, जो किसी भी व्यक्ति को पानी को गंदा करने से रोकता है। ग्रामीण चंदा करके रखवाले को तनख्वाह देते हैं। सोहिल्या तालाब में आस-पास के गांवों के लोगों के पानी ले जाने के कारण तालाब में मौजूद पानी ज्यादा दिनों का नजर नहीं आ रहा है। 

ये भी खूब! पति को मायके ही ले आती हैं पत्नियां

ये भी खूब! पति को मायके ही ले आती हैं पत्नियां

अशोकनगर।अशोकनगर से लगे आदिवासी ग्राम टकनेरी में लड़कियां विवाह के बाद ससुराल में जाकर नहीं बसतीं, बल्कि अपने पति को ही मायके ले आती हैं। इस परंपरा के चलते 6 परिवारों का यह गांव 20-25 साल में ही 300 परिवारों की बस्ती बन चुका है।

गांव की जनसंख्या 690 है, जहां सभी एक-दूसरे के रिश्तेदार हैं। गांव में महिलाओं की संख्या 60 फीसदी है। ग्राम टकनेरी जिला मुख्यालय से मात्र 2 किमी की दूरी पर है। आदिवासियों की यह एक अजीब परंपरा कई सालों से चलती आ रही है।


गांव की जिस भी लड़की की शादी होती है, वह एक या दो बार ही अपने ससुराल जाती है। उसके बाद वह अपने पति के साथ गांव में ही बस जाती है। गांव के प्रताप (65) पुत्र गंपू आदिवासी ने बताया कि पहले यहां कुल छह घर थे और अब करीब 300 घर हैं। शादी के साल-छह माह बाद ही यहीं आ जाती हैं, जिससे गांव के दामादों की संख्या बढ़ती जा रही है।

मूलभूत सुविधाओं दूर


जपं अध्यक्ष मलकीतसिंह गांव से करीब एक किमी दूर ग्राम पंचायत के ही दूसरे गांव पंवारगढ़ में रहते हैं। इसके बाद भी गांव के आदिवासी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। यहां 6 में से मात्र 1 हैंडपंप चालू हैं। करनसिंह ने बताया कि यह भी 15-20 दिन में बंद हो जाएगा।

आ रहे बिजली के बिल


गणेशराम आदिवासी ने बताया कि बिजली विभाग का लाइनमैन करीब 4-5 साल पहले तार काट गया था। इसके बाद भी बिल हर महीने आ रहा है। जिस घर में मीटर नहीं है, उसके नाम से भी बिल आ रहा है। बिजली मिलती नहीं है और मिलती भी है तो वोल्टेज कम आता है। हमने 19 हजार का बिल भी जमा किया था, फिर भी तार नहीं जोड़े गए।


टकनेरी की जिस लड़की की शादी होती है वह ससुराल में न रहकर मायके में ही आकर बस जाती है। लड़कियों के दबाव के कारण लड़के यहां आकर रहने लगते हैं। लड़कियां कहती हैं कि तुम यहां रहोगे तो हम यहां रहेंगे नहीं तो नहीं रहेंगे। गांव में मुख्यमंत्री आवास मिशन से 70 कुटीरें, एक खेल का मैदान व सभा भवन भी बनाया जाएगा। - ज्ञानजीत कौर, सरपंच ग्राम बरखेड़ा


परंपरा के अनुसार विदाई के बाद एक-दो बार और जाती हैं, फिर वापस यहीं आकर बस जाती हैं। रज्ोबाई, आदिवासी।

हम भांडरी के रहने वाले हैं। शादी को बीस साल हो गए हैं। दूसरी विदाई के बाद से यहीं आकर बस गए। मेरे ससुर भी यहीं के दामाद हैं। सिरनाम सिंह आदिवासी।


हमारे ससुर भी यहीं के दामाद हैं और हम भी। यहां मजदूरी अधिक मिलती है, इसलिए यहां आकर रहने लगते हैं। रघुनंदन पुत्र देवचंद आदिवासी।

हौद में डूबने से तीन कारिंदों की मौत


हौद में डूबने से तीन कारिंदों की मौत 



अजमेर।दरगाह क्षेत्र में मध्य रात्रि बाद एक गेस्ट हाउस के गंदे पानी के हौद से तीन लाशें मिलने से सनसनी फैल गई। हौद की सफाई करने के दौरान यह हादसा पेश आया। गेस्ट हाउस का एक कारिंदा रविवार रात हौद की सफाई करते समय हादसे का शिकार हुआ जबकि दो अन्य उसकी जान बचाने की कोशिश में काल का ग्रास बन गए। हादसे की सूचना पाकर पहुंचे दरगाह थाना पुलिस ने शवों को बाहर निकाला। दो कारिंदों की पहचान हो गई है जबकि पुलिस तीसरे मृतक की शिनाख्त के प्रयास में जुटी है।

पुलिस के अनुसार हटूंडी निवासी अकबर ने मध्य रात्रि गेस्ट हाउस की रसोई में स्थित गंदे पानी के हौद की सफाई करना शुरू किया। अकबर ने ज्यों ही हौद का ढक्कन खोला वह असंतुलित होकर उसमें जा गिरा। उसे गिरता देख मैनेजर शेख सलीम ने बचाने का प्रयास किया। इस बीच वह भी हौद में जा गिरा। यह देख वहां मौजूद एक अन्य गेस्ट हाउस के कर्मचारी ने अकबर एवं सलीम को बचाने की कोशिश की। वह भी नाकाम रहा और खुद भी हौद में गिर गया। 


उनके गिरने की सूचना मिलते ही दरगाह बाजार में शोर मच गया। पुलिस ने तीनों को बाहर निकाला तब तक वे दम तोड़ चुके थे। शवों को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के चीरघर में रखा है। पुलिस ने तीनों की मौत संदिग्ध परिस्थिति में होना मानते हुए अनुसंधान शुरू कर दिया है। 


हौद में बनी गैस से हादसा


पुलिस ने प्रारंभिक अनुसंधान के आधार पर हौद में जहरीली गैस बनने से हादसा होना माना है। दरअसल हौद में रसोई के गंदे पानी की निकासी होती है। इसे लम्बे समय बाद सफाई के लिए खोला गया। फिलहाल पुलिस का मानना है कि उसमें से निकली गैस की वजह से तीनों कारिंदे बेहोश होकर हौद के पानी में डूब गए।



चौथे की बची जान

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तीनों के गिरने के बाद एक अन्य कर्मचारी ने उन्हें बचाने की कोशिश की। हालांकि वह ज्यों ही हौद तक पहुंचा, गैस की वजह से उसका दम घुटने लगा। नतीजतन वह घबराकर पीछे हट गया। उसी ने अन्य लोगों को हादसे की सूचना दी। 

रताऊ में मिला लकड़हारे का शव पत्नी ने जताया हत्या का संदेह


रताऊ में मिला लकड़हारे का शव पत्नी ने जताया हत्या का संदेह 

लाडनूं  तहसील के गांव रताऊ व ढाणी के बीच बनी पगडंडी के पास एक कटी झाडिय़ों के ढेर के पास रविवार सुबह एक लकड़हारे का संदिग्ध हालात में शव मिला। 

इस संबंध में लकड़हारे की पत्नी ने 10 नामजद और कुछ अन्य लोगों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया है। रविवार सुबह करीब 10.30 बजे एडवोकेट शेरसिंह के माध्यम से शव के बारे में सूचना मिलते ही लाडनूं पुलिस ने मौके पर पहुंच कर लिछमण राम नायक पुत्र मोडूराम नायक निवासी रताऊ के शव का पंचनामा तैयार किया व फोटोग्राफी करवाई। शव को अपने कब्जे में लेकर उसका राजकीय अस्पताल में मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करवाया गया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस उप अधीक्षक हेमाराम चौधरी भी अस्पताल में पहुंच गए। वे मामले की जांच कर रहे हैं।

15 संतानों का पिता था लिछमण

साठ वर्षीय लिछमण राम लकड़हारा था। उसके कुल 15 संतानें हैं, जिनमें से 10 लड़कियां एवं 5 लड़के शामिल हैं। लड़कियां उसके लकड़ी फाडऩे के काम में मदद करती है। शनिवार को भी उसके साथ उसकी लड़की निम्बी जोधां लकड़ी फाडऩे गई थी तथा आते समय वे दोनों घर के लिए आटा खरीदकर लाए थे।

रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर हुआ विवाद

लिछमण की पत्नी शारदा नायक ने दस लोगों को नामजद करते हुए कुछ अन्य लोगों पर हत्या का आरोप लगाया।

इस रिपोर्ट को पुलिस ने दर्ज करने से इनकार कर दिया तथा बिना किसी के नाम के रिपोर्ट लिखने के लिए कहा। इस पर लिछमण के परिजन व समाज के लोग भड़क गए और दबाव डाला कि वे जैसी रिपोर्ट है, उसे उसी रूप में दर्ज करें, अन्यथा वे शव को मोर्चरी से नहीं उठाएंगे। काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने नामजद रिपोर्ट हत्या के मामले की दर्ज कर ली। बहुजन समाज पार्टी के प्रभारी हरिप्रसाद मेहरड़ा एडवोकेट व भोमराज नायक, नानूराम नायक, मुकेश मीणा, मो. अली अगवान, रामलाल माली आदि ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने ऐसा नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

चल रहा था जमीन विवाद

लिछमण और कथित हत्या के आरोपियों के बीच जमीन को लेकर विवाद था। शारदा ने बताया कि उसके पति लिछमण राम के पिता मोडूराम के मरने के काफी समय बाद कुछ लोगों ने मिलकर फर्जी तरीके से उसके पिता के नाम से अंगूठा लगाकर तहसील में बेचान रजिस्ट्री करवा ली।

इस बारे में उनका विवाद चल रहा था। पुलिस में उन्होंने इस्तगासा कर रखा था, जिसमें फर्जी रजिस्ट्री करवाने का आरोप है। इसमेंं लंबा समय बीत जाने के बावजूद पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। इसके चलते तीन-चार दिनों पूर्व लिछीराम थालोड़ ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। शव भी उसी की ढाणी के पास ही मिला।

दस लोगों पर लगाया आरोप

शारदा द्वारा दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि उसका पति लिछमण राम शनिवार को निम्बीजोधां से शाम को 7 बजे अपनी पुत्री रूपा के साथ बस से आया तथा पुत्री को ढाणी भेजकर खुद चाय-चीनी लाने का कहकर बस में गांव चला गया। वह वापस देर रात तक ढाणी नहीं पहुंचा तो उन्होंने इधर-उधर फोन भी किए।

दूसरे दिन सुबह गोपाल राम मेघवाल ने आकर बताया कि उसका पति रताऊ के पास मंगाराम गैणा की बाड़ी में पड़ा है। जब उसने वहां जाकर देखा तो लिछमण राम का खून से लथपथ शव पड़ा था और शरीर पर चोटों के निशान थे।

रिपोर्ट में रताऊ निवासी आईदानाराम गैणा पुत्र रामधनाराम गेणा जाति जाट, हरचना राम गेणा, भोलाराम गैणा, सुखदेवाराम गेणा, लच्छीराम थालोड़, महावीर पुत्र लच्छीराम, शिवदानाराम मेघवाल, हड़मान भाकर पुत्र भियांला राम, भुगाराम पुत्र भागीरथ राम, जेठाराम पुत्र गणेशाराम ललावत, भंवरा राम पुत्र गणेशाराम आदि पर पति की हत्या का आरोप लगाया गया है।