सोमवार, 28 नवंबर 2011

विनायकी चतुर्थी व्रत 28 को, श्रीगणेश को प्रसन्न करें ऐसी पूजा से

भगवान गणेश सभी दु:खों को हरने वाले हैं। इनकी कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश के निमित्त व्रत किया जाता है, इसे विनायकी चतुर्थी व्रत कहते हैं। इस बार यह व्रत 28 नवंबर, सोमवार को है। विनायकी चतुर्थी का व्रत इस प्रकार करें-

- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि नित्य कर्म से शीघ्र ही निवृत्त हों।

- दोपहर के समय अपने सामथ्र्य के अनुसार सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।

- संकल्प मंत्र के बाद श्रीगणेश की षोड़शोपचार पूजन-आरती करें। गणेशजी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। गणेश मंत्र (ऊँ गं गणपतयै नम:) बोलते हुए 21 दुर्वा दल चढ़ाएं।

- गुड़ या बूंदी के 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू मूर्ति के पास चढ़ाएं और 5 ब्राह्मण को दान कर दें। शेष लड्डू प्रसाद के रूप में बांट दें।

- पूजा में भगवान श्री गणेश स्त्रोत, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक स्त्रोत आदि का पाठ करें।

-ब्राह्मण भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा प्रदान करने के पश्चात् संध्या के समय स्वयं भोजन ग्रहण करें। संभव हो तो उपवास करें।

व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर श्री गणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं और जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त होती है।

थार में गरजी बोफोर्स, टैंकों ने भेदा लक्ष्य

थार में गरजी बोफोर्स, टैंकों ने भेदा लक्ष्य

जोधपुर। पश्चिम सरहद पर चल रहे युद्धाभ्यास सुदर्शन शक्ति अपने चरम पर पहुंच गया है। कमान की डेजर्ट कोर तथा स्ट्राइक कोर के जवान पूरी क्षमता के साथ आधुनिक हथियारों से युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके तहत रेत के समंदर में बोफोर्स तोपों के धमाके भी गूंज रहे हैं। युद्धाभ्यास के इस चरण में युद्ध की संचार प्रणाली को परखा जा रहा है।

दुश्मन की निगाह से बचने के साथ ही उसकी गतिविधियों पर आधुनिक संचार उपकरणों से नजर रखी जा रही है। नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर के तहत वार रूम में बैठे सैन्य अधिकारी दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने का अभ्यास कर रहे हैं। ऑपरेशन विजय के दौरान पाकिस्तान को खदेड़ने में अहम भूमिका निभाने वाली बोफोर्स तोप इस काल्पनिक युद्ध में दूर-दूर तक ब्लू फोर्स व रेड फोर्स के बीच सटीक निशाने साध रही है।

दुश्मन को खदेड़ने के लिए मैकेनाइज्ड इन्फैन्ट्री के जवान तोप तथा अन्य हथियारों से दुश्मन के तबाह कर रहे हैं। रेतीलों धोरों में टैंक पूरी क्षमता के साथ दिए गए लक्ष्य पर गोले दागकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं। दुश्मन की निगाह से बचाने के लिए इन टैंकों तथा अन्य साजों-समान को विशेष जाली से ढका गया है। आने वाले दिनों में इस युद्धाभ्यास के दौरान वायुसेना के लड़ाकू विमान अपना युद्ध कौशल दिखाएंगे।

om manglam omkar manglam

हर हर हर महादेव !

हर हर हर महादेव !

सत्य, सनातन, सुंदर, शिव ! सबके स्वामी ।
अविकारी, अविनाशी, अज, अंतर्यामी ॥१॥ हर हर०

आदि अनंत, अनामय, अकल, कलाधारी ।
अमल, अरूप, अगोचर, अविचल अघहारी ॥२॥ हर हर०

ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर, तुम त्रिमूर्तिधारी ।
कर्ता, भर्ता, धर्ता तुम ही संहारी ॥३॥ हर हर०

रक्षक, भक्षक, प्रेरक, तुम औढरदानी ।
साक्षी, परम अकर्ता कर्ता अभिमानी ॥४॥ हर हर०

मणिमय भवन निवासी, अति भोगी, रागी ।
सदा मसानबिहारी, योगी वैरागी ॥५॥ हर हर०

छाल, कपाल, गरल, गल, मुंडमाल व्याली ।
चिताभस्म तन, त्रिनयन, अयन महाकाली ॥६॥ हर हर०

प्रेत-पिशाच, सुसेवित पीत जटाधारी ।
विवसन, विकट रूपधर, रुद्र प्रलयकारी ॥७॥ हर हर०

शुभ्र, सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी ।
अतिकमनीय, शान्तिकर शिव मुनि मन हारी ॥८॥ हर हर०

निर्गुण, सगुण, निरंजन, जगमय नित्य प्रभो ।
कालरूप केवल, हर ! कालातीत विभो ॥९॥ हर हर०

सत-चित-आनँद, रसमय, करुणामय, धाता ।
प्रेम-सुधा-निधि, प्रियतम, अखिल विश्व-त्राता ॥१०॥ हर हर०

हम अति दीन, दयामय ! चरण-शरण दीजै ।
सब विधि निर्मल मति कर अपना कर लीजै ॥११॥ हर हर०

रविवार, 27 नवंबर 2011

दफ्तर में बीत जाती है उम्र और नहीं ले पाते.......का मज़ा

आजकल लोगों की रूचि सेक्स में काफी अधिक रहती रहती है मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आजकल लोगों की ज़िंदगी से सेक्स खत्म होता जा रहा है। नौकरी-पेशा लोग सेक्स के लिए समय ही नहीं निकाल पा रहे हैं। अधिकतर लोग ऑफिस में बैठे-बैठे ही समय व्यतीत कर देते हैं और अपनी सेक्स लाइफ का खुलकर आनंद नहीं उठा पाते। पैसे कमाने और करियर के चक्कर में लोगों की काफी उम्र बीत जाती है और वे सेक्स का मज़ा नहीं ले पाते।



एक सर्वे में यह पाया गया कि नौकरी वालों में से 80 प्रतिशत लोगों का लंबा समय ऑफिस में बैठे-बैठे निकल जाता है और वह सेक्स से वचिंत रह जाते है।



अध्ययन में यह बात समाने आई है कि ऑफिस में लगातार काम करने वालों की सेक्स लाइफ प्रभावित होता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि देर तक एक ही जगह पर बैठे रहने से रीढ में समस्या उत्पन्न हो सकती है। जिससे की व्यक्ति को थकान महसूस होने लगती है और उसमें सेक्स करने की इच्छा नहीं होती है। रीढ़ की हड्डी पर पड़ने वाला प्रेशर आपके सेक्‍स लाइफ को डायरेक्‍ट प्रभावित करता है।



अध्ययन में यह बात समाने आई कि मैरेड लोग करियर में ऊंचा मुकाम हासिल करने के लिए लंबे समय तक कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं। इससे भी इन दिनों लोगों में सेक्स डिजायर कम होता जा रहा है।

करगिल जंग: आईबी ने पहले ही चेताया था वाजपेयी को

नई दिल्ली।। पाकिस्तान के साथ 1999 में हुए करगिल युद्ध से करीब एक साल पहले खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से इसकी आशंका जताई थी। आईबी ने करगिल क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की साजो-सामान संबंधी तैयारियों के बारे में अटल बिहारी वाजपेयी को सूचना दी थी। फिर भी सरकार घुसपैठ रोकने से चूक गई और करगिल युद्ध का सामना करना पड़ा। सेना के एक वैचारिक संगठन ने इस बात का दावा किया है। Atal-Bihari-Vajpayee.jpg
' सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज' (क्लॉज) की स्टडी में कहा गया, '2 जून 1998 को आईबी ने प्रधानमंत्री को एक नोट भेजा, जिसमें करगिल के सामने वाले क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की साजो-सामान संबंधी तैयारी का ब्योरा था।'

इस स्टडी के मुताबिक यह अनुमान लगाया गया था कि परमाणु शक्ति संपन्न होने के बाद पाकिस्तान करगिल में भाड़े के सैनिक भेज सकता है। इस नोट पर तत्कालीन आईबी प्रमुख ने 'प्रोटोकॉल टर्म्स' में दस्तखत किए थे। यह एक ऐसा चिह्न है जो बताता है कि दस्तावेज की विषय-वस्तु असाधारण रूप से संवेदनशील है और इस पर ध्यान देना जरूरी है।

स्टडी 'पेरिल्स ऑफ प्रिडिक्शन, इंडियन इंटेलिजेंस ऐंड द करगिल क्राइसिस' में कहा गया कि रिसर्च ऐंड अनैलेसिस विंग (रॉ) ने भी अक्टूबर 1998 के अपने आकलन में आगाह किया था कि पाकिस्तानी सेना गठबंधन के अपने सहयोगियों (भाड़े के सैनिक) की संभावित मदद के साथ एक सीमित लेकिन तेज हमला कर सकती है।

इस स्टडी में कहा गया कि आमतौर पर विश्वसनीय मानी जाने वाली रॉ की इस रिपोर्ट में जंग की आशंका 'असंगत' नजर आई। लिहाजा, तुरंत सेना ने सवाल किए।

इसमें कहा गया कि अगले 6 महीने के जोखिम आकलन में रॉ ने 'सीमित हमले' का कोई संदर्भ नहीं दिया और पाकिस्तान से खतरे को सिर्फ भाड़े के सैनिकों वाला जोखिम करार दिया।

स्टडी के मुताबिक, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने करगिल युद्ध से पहले पाकिस्तान के मनसूबों का सटीक आकलन किया था, लेकिन उसके विशिष्ट प्रारूप के बारे में उनका अनुमान गलत रहा।

' क्लॉज' के अध्ययन में कहा गया कि जून 1998 से मई 1999 के बीच रॉ, आईबी और सेना की खुफिया इकाई के पास 43 रिपोर्टें आईं जो बाद में करगिल में पाकिस्तान के मनसूबों से संबंधित पाई गईं।

वायु सेना ने की सबसे बड़ी युद्धाभ्यास की तैयारी, आकाश में होगी जंग की गर्जना



नई दिल्ली.चीन और पाकिस्तान जैसे प्रतिद्वंद्विद्वयों को अपनी वायु शक्ति दिखाने के लिए भारतीय वायु सेना अपने आठ दशक के वजूद का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास करने की तैयारी कर रही है जिसमें वह अपनी पूरी ताकत झोंक देगी।



वायु सेना के उच्च पदस्थ सूत्नों ने खुलासा किया है कि 'लाइव वायर' नाम से होने वाले इस अभ्यास में कमान और थियेटर स्तर से ऊपर उठते हुए पहली बार समूची वायु सेना की सभी कमानों को शामिल किया जाएगा और वह एक तरह से वायु सेना का अश्वमेघ यज्ञ होगा।



वायु सेना अपनी स्थापना के अस्सीवें साल में एक महीने का इतना बड़ा अभ्यास करने जा रही है जो अभी तक एशिया महाद्वीप में किसी देश ने नहीं किया१ इस अभ्यास में वायु सेना डिजीटल युद्ध के वातावरण में अपने नेटवर्क सैट्रिक तरीकों से पूरी जंग का संचालन करेगी१ सुखोई 30 एमकेआई से लेकर मि.मिराज और जगुआर तक सभी लड़ाकू विमानों,हमलावर हेलीकाप्टरों और बमवर्षको के अलावा एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम्स यानी अवाक्स विमानों की समूची ताकत को भारतीय आकाश में दिखाया जाएगा।



इसमें अमेरिका से लिए गए सी 130 जे सुपर हरक्यूलिस जैसे विशेष कार्रवाई वाले विमानों की क्षमता भी परखी जाएगी।



वायु सेना के सूत्नों ने कहा कि इस महाभ्यास में वायु सेना पश्चिमी और पूर्वी सेक्टर को हवाई जंग का अखाड़ा बनाएगी और देश के दक्षिणी एवं मध्य भाग को भी अभ्यास के दायरे में लिया जाएगा।



वायु सेना का यह अभ्यास ऐसे समय हो रहा है जब भारत के दोनों ओर चीन और पाकिस्तान की वायु सेनाओं की ताकत में तेजी से इजाफा होने के दावे हो रहे हैं। भारतीय वायु सेनाका लाइव वायर अभ्यास इस क्षेत्न में सामरिक अवधारणा को बदलने में काफी कारगर साबित होगा।



सूत्नों ने कहा कि वायु सेना अपने मौजूदा 33 लड़ाकू स्क्व्रेडनों की पूरी क्षमता का आकलन करेगी और अपने हेलीकाप्टर एवं परिवहन विमानों के बड़े की ताकत की भी समीक्षा करेगी। इस अभ्यास के नतीजों के आधार पर भविष्य की जरूरतों का आकलन किया जाएगा और पुरानी पड़ते जा रही हवाई क्षमताओं को चरणबद्ध तरीके से हटाने का कार्यक्रम तय किया जाएगा।





वायु सेना अपने लड़ाकू विमानों के बड़े में 126 लड़ाकू विमानशामिल करने जा रही हैं और आने वाले समय में पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान और देश में ही निर्मित तेजस विमान भारतीय आकाश में गर्जना करने लगेंगे। ऐसे में लाइव वायर अभ्यास वायु सेना की ताकत के सटीक आकलन में कारगर आंकड़े देगा।



सूत्नों ने कहा इस महाभ्यास का जोर सटीक और सर्जिकल स्ट्राइक पर रहेगा और हवाई शक्ति के बल पर किसी ताकतवर प्रतिद्वंदी की सैन्य शक्ति की रीढ़ तोड़ने की भारत की क्षमता को जांचा परखा जाएगा। इस अभ्यास में देश की नई हवाई पट्टियों और साजोसामान की नव निर्मित सुविधाओं की भी जांच होगी। देश के महानगरों और प्रमुख प्रतिष्ठानों को दुश्मन के हमलों से बचाने के लिए हवाई कवच देने की परीक्षा भी लाइव वायर अभ्यास में की जाएगी।

रेप में नाकाम होने पर महिला पर तेजाब फेंका

रेप में नाकाम होने पर महिला पर तेजाब फेंका

कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन ब दिन खराब होती जा रही है। राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। कानपुर के बर्रा इलाके से एक महिला टीचर को अगवा कर लिया। अगवा करने वाले मनचलों ने महिला को बोलेरो गाड़ी में लादा और बलात्कार की कोशिश की। रेप में नाकाम रहने पर बदमाशों ने महिला टीचर पर तेजाब फेंक दिया। इसके बाद महिला टीचर को सड़क पर फेंक दिया। तेजाब से बुरी तरह झुलसी महिला टीचर ने किसी तरह परिजनों को घटना की सूचना दी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक महिला टीचर ने छेड़खानी करने पर कुछ दिनों पहले मनचलों को तमाचा रसीद किया था। इसी के चलते उन्होंने महिला टीचर को अगवा कर लिया।

गंगापुर सब जेल से 6 कैदी भागे

गंगापुर सब जेल से 6 कैदी भागे

भीलवाड़ा। सहाड़ा-भीलवाड़ा के गंगापुर सब जेल से रविवार को 6 कैदी प्रहरी को धक्का दे कर भाग निकले। कैदी जेल से तब फरार हुए जब वहां चिकित्सा विभाग की ओर से मच्छरों के लिए फॉगिंग की जा रही थी। हालांकि बाद में इनमें से 4 कैदी पकड़े जा चुके हैं, लेकिन 2 कैदियों को पुलिस अब भी तलाश रही है।

सब जेल के इस मामले में जेलर भगवत सिंह की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार चिकित्सा विभाग की ओर से जब फॉगिंग की जा रही थी वहां सिर्फ एक प्रहरी मौजूद था। इस मौके का फायदा उठाते हुए कैदी प्रहरी को धक्का देकर भागे छूटे।

जैसलमेर से पाकिस्तानी घुसपैठिया गिरफ्तार

जैसलमेर से पाकिस्तानी घुसपैठिया गिरफ्तार

जैसलमेर। भारत-पाकिस्तान सीमा से जैसलमेर जिले के तनोट क्षेत्र में घुसे एक संदिग्ध व्यक्ति को बीएसएफ ने शनिवार रात गिरफ्तार किया। बीएसएफ के उपमहानिरीक्षक बलविन्दर सिंह बाजवा ने बताया कि 62वीं बटालियन के सजग सीमा प्रहरियों ने पाकिस्तानी नागरिक अब्दुल हमीद को गिरफ्तार किया है।

हमीद पाकिस्तान के रहिमियार जिले का रहने वाला ैह। प्रारंभिक पूछताछ में हमीद ने बताया कि वह मवेशी चराते वक्त पानी की तलाश में गलती से इधर आ गया। उसे भारत पाकिस्तान की सीमा के बारे ज्ञान नहीं था। बाजवा ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां पकड़े गये व्यक्ति से संयुक्त रूप से पूछताछ कर रही है। भारत-पाक बॉर्डर पर बाड़ लगी हुई है। बावजूद इसके पाकिस्तानी नागरिक का भारतीय सीमा में घुसना चिंताजनक है।

पूछताछ के लिए नहीं आए सैन्यकर्मी

पूछताछ के लिए नहीं आए सैन्यकर्मी

बाड़मेर। बाड़मेर जिले के चिंकारा शिकार प्रकरण में नामजद पांच आरोपी सैन्यकर्मी वन विभाग के मंडल कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए। उप वन संरक्षक बी आर भादू ने बताया कि तीन चिंकारों के शिकार प्रकरण में आरोपी सैन्यकर्मी सूबेदार गोपीलाल, हवलदार बीआर नाथ, नायक एन सरकार,लांस नायक आई आर परदेसी एवं जवान डी आर नायडू के नाम शनिवार को नोटिस जारी किया गया था। सभी को रविवार को पूछताछ के लिए वन मंडल के कार्यालय बुलाया था लेकिन वे निर्धारित समय सुबह नौ बजे के बाद भी पेश नहीं हुए।

88 आम्र्ड सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल बी एस चंदेलिया से संपर्क किए जाने पर उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद आरोपियों को पूछताछ के लिए भेजा जाएगा। भादू ने बताया कि वन विभाग ने तीन चिंकारों के शिकार को लेकर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत दर्ज मामले में प्रारंभिक जांच पूरी कर ली गई है।

विधि विज्ञान प्रयोगशाला की ओर से लिए गए नमूनों को सोमवार को जोधपुर भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि वन विभाग की टीम ने शुक्रवार को शिव तहसील के निम्बला के पास साजीतडा में स्थित सेना के एक शिविर से तीन चिंकारों के कटे हुए सिर और मांस जब्त किया गया था। सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू कर दी है।

संगीतकार उस्ताद सुल्तान खान का निधन

संगीतकार उस्ताद सुल्तान खान का निधन

नई दिल्ली। भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक और पुरोधा उस्ताद सुल्तान खान का रविवार को निधन हो गया। वह 71 साल के थे। वह ख्यात सारंगी वादक के साथ-साथ सुरमयी गायकी से संगीतप्रेमियों के बीच अहम स्थान रखते थे। पिछले साल ही उन्हें देश का प्रतिष्ठित पk भूषण सम्मान प्रदान किया गया था।

उस्ताद को खो दिया

माइक्रो ब्लोगिंग साइट पर म्यूजिक कंपोजर सलीम मर्चेट ने ट्वीट कर यह दु:खद खबर सार्वजनिक की। उन्होंने कहा, "मैंने अपने उस्ताद को खो दिया, उस्ताद सुल्तान खान, मेरे गुरू, मेरे दोस्त और मेरे आदर्श। वह इस दोपहर नहीं रहे। उन जैसा सारंगी वादक अब हमारे पास कभी नहीं रहेगा।" इसके बाद गायक शान ने भी ट्वीट किया, "आघात...सच में बुरा...खानसाहब नहीं रहे।"

महज 11 साल की उम्र में शुरू किया सफर

संगीत के सीकर घराने से ताल्लुक रखने वाले उस्ताद सुल्तान खान संगीत में मरू देश की महक थे तो आगरा की शानो-शौकत और इंदौर की संजीदा तासीर भी। उस्ताद सुल्तान खान ने संगीत की शिक्षा अपने पिता गुलाब खान से हासिल की। उन्होंने अपनी पहली संगीत प्रस्तुति ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस में महज 11 वर्ष की आयु में दी थी। इस मंच से जब सुल्तान खान ने संगीत की दुनिया में कदम रखा तो फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 1974 में जॉर्ज हैरिसन के डार्क हाउस वल्र्ड टूर में अंतरराष्ट्रीय स्कैल पर रवि शंकर के साथ भी प्रस्तुति दी।

अलबेला साजन से नया सफर

संजय लीला भंसाली की फिल्म "हम दिल दे चुके सनम" उस्ताद सुल्तान खान ने संगीत के अपने सफर में नया मोड़ साबित हुई। उन्होंने अलबेला साजन आयो रे... गाया था। और इसके ठीक बाद यादगार पिया बसंती रे... पेश किया इन प्रस्तुतियों से उस्ताद की मखमली आवाज के चाहने वालों की संख्या में कई गुना बढ़ गई। अब उनकी लोकप्रियता नए कीर्तिमान रचने लगी थी।

चित्रा के साथ "उस्ताद एंड द दिवाज"
उस्ताद ने न सिर्फ सारंगी वादन में देश-दुनिया में ख्याति प्राप्त की अपितु फिल्म व वीडियों एलबमों के लिए संगीत निर्देशन की भूमिका भी निभाई। उस्ताद सुल्तान खान ने 2006 में एलबम "उस्ताद एंड द दिवाज" में सुल्तान खान के अलावा चित्रा, सुनिधि चौहान और श्रेया घोषाल ने अपनी आवाज दी थी। एलबम "उस्ताद एंड द दिवाज" में सारंगी उस्ताद सुल्तान खान के अलावा दक्षिण भारत की पार्श्व गायिका चित्रा ने भी अपनी आवाज दी। पिया बसंती के बाद चित्रा ने छह साल बाद एक बार फिर उस्ताद सुल्तान खान के साथ गाया। इस एलबम में छह गाने थे। इसका संगीत संदेश शांडिल्य ने दिया और इसके गाने को इरशाद कांवल ने लिखे थे। इस एलबम को एक कहानी की तरह पिरोया गया था। जिसकी कहानी कॉल सेंटर में काम करने वाले एक लड़के और एक क्लब डांसर लड़की की थी।

उल्लेखनीय है कि उस्ताद सुल्तान खान को अब तक कई संगीत सम्मान मिले, जिनमें संगीत नाटक अकादमी अवार्ड, राष्ट्रपति सम्मान के अलावा महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिया जाने वाला स्वर्ण पदक मिल चुका है। भारतीय सम्मानों के साथ ही उन्ह अमेरिकन अकेडमी ऑफ ऑर्टीस्ट अवॉर्ड 1998 में प्रदान किया गया। 1997 में उनसे प्रिंस चार्ल्स के 50 वें जन्मदिन के अवसर पर आयेाजित समारोह में विशेष प्रस्तुति देने का आग्रह किया गया, जिसे स्वीकार करते हुए उन्होंने संगीत रसिकों को भाव-विभोर कर दिया था।

राजस्थानी भाषा के बिना कैसा राजस्थान


म्हारी जुबान रो तालों खालों पोस्टकार्ड अभियान



राजस्थानी भाषा के बिना कैसा राजस्थान 

बाड़मेर 27 नवम्बर। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति और राजस्थानी मोटियार परिषद बाड़मेर के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को म्हारी जुबान रो तालों खालों पोस्टकार्ड अभियान कार्यक्रम चारण छात्रावास में राजस्थानी भाषा के साहित्कार दलपतसिंह चारण के मुख्य आतिथ्य, अति जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. लक्ष्मी नारायण जोशी की अध्यक्षता तथा समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इन्द्रप्रकाश पुरोहित के विशष्ट आतिथ्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राजस्थानी भाषा के साहित्यकार दलपसिंह चारण ने कहा कि राजस्थानी भाषा राजस्थान की संस्कृति और परम्परा की परिचायक है। राजस्थानी भाषा का इतिहास, संस्कृति, साहित्य उच्च कोटि का है। राजनीतिक उदासीनता के कारण राजस्थानी भाषा को सवैधानिक मान्यता मिलने में समस्या आ रही है। उन्होने कहा कि जब राजस्थानी भाषा के साहित्कार को नोबल पुरस्कार के लिये नामांकित किया जाता है तो इस भाषा की विशालता को जान सकते है। उन्होने कहा कि 1943 में ही राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिये प्रयास आरम्भ हो गए थे। जयनारायण व्यास, बीकानेर के करणीसिंह ने पूरजोर प्रयास किया, मगर कही ना कही राजस्थानी भाषा के ओजस्व को तुच्छ करने का प्रयास राजनीति में हुआ जिसके कारण हम आज तक वंचित है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये जनजागरण जरूरी है। युवा वर्ग ही इस आन्दोलन को आंधी का रूप देकर दिल्ली तक अपनी बात पहुंचा सकता है। इन्द्रप्रकाश पुरोहित ने कहा कि राजस्थानी भाषा समृद्ध है। राजस्थानी साहित्यकारों को केन्द्रीय साहित्य अकादमी द्वारा समय समय पर सम्मानित किया गया है जो प्रमाणित करता है कि राजस्थानी भाषा में कोई कमी नही है कमी राजनीतिक इच्छा शक्ति की है। 
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समिति संयोजक चन्दनसिंह भाटी ने कहा कि बाड़मेर में राजस्थानी भाषा के अभियान को अप्रत्याशित रूप से आमजन का समर्थन मिल रहा है जो साबित करता है कि समिति के प्रयास जल्द फलीभूत होगें। राजस्थानी मोटियार परिषद के जिला पाटवी रघुवीरसिंह तामलोर ने कहा कि राजस्थानी भाषा के बिना कैसा राजस्थान। अपनी मायड़ भाषा के बिना हम गूंगे है। हमें युवा वर्ग का भविष्य संवरेगा। युवा वर्ग विशोषकर चारण समाज जो राजस्थानी साहित्य का हरदय है दिल से जुड़ कर समर्थन दे। कार्यक्रम को विजय कुमार, प्रकाश जोशी, अनिल सुखाणी, मांगीदान चारण, सुरेन्द्रदान चारण, नगर पाटवी रमेश सिंह ईन्दा, दलपतसिंह परमार, नेपालसिह तिबनियार, सुखदान, जतिन परमार, रमेशदान, लखदान ने भी सम्बोधित किया। इससे पहले चारण छात्रावास के युवाओं ने राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने के लिये सैकड़ो की तादाद में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा सांसद के नाम पोस्टकार्ड लिखे। कार्यक्रम का संचालन सुरेन्द्रदान चारण ने किया। 

मुरबा में डकेती की वारदात को अंजाम देने वाले गिरफतार



 मुरबा में डकेती की वारदात को अंजाम देने वाले गिरफतार 
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जिला पुलिस अधीक्षक ममता बिश्नोईने बताया कि : पुलिस थाना नाचना के हल्खा क्षैत्र में मुरब्बे में कटी फसल ले व कब्जा करने पर मुकदमा संख्या 49 दिनांक 04.12.2010 धारा 147,148,149,342,323,447,395 भादस व 3 (1)(10)(11)व 3(2)(5)एसी/एसटी अधिनियम में पुलिस थाना नाचना में दर्ज कर डकेतो को गिरफतार करने के लिए टीमो का गठन किया गया गया जिस पर पुलिस थाना नाचना में सभी डकेतो को गिरफतार किया गया तथा उनमें से दो मुलजिम जोकि 299 सीआरपीसी में मुल्जिम भागीरथसिंह पुत्र सुखसिंह राजपूत उम्र 28 साल निवासी अवास हाल नाचना व बलजेन्द्रसिंह पुत्र गुरूदीपसिंह जाति राय सिक्ख उम्र 27 साल निवासी 75 सीडब्ल्यू बी भारेवाला को आज दिनांक 27.11.2011 को थानाधिकारी श्री गौतम डोटासरा उप निरीक्षक मय जाब्ता श्री मगाराम हैड कानि. 32 श्री अर्जूनराम कानि. 635 , श्री बनवारीलाल कानि. 257, श्री मांगीलाल कानि. 500 ,श्री हनुमानाराम कानि. 1032, श्री सुरेश कुमार कानि. 195, श्री माणकराम कानि. 442 द्वारा गिरफतार किया गया जो लम्बे समय से फरार चल रहे थे। 

चिंकारा शिकार प्रकरण ..सेना के फास्ट ट्रेक में कोर्ट ऑफ़ इन्क्यारी

चिंकारा शिकार प्रकरण ..सेना के फास्ट ट्रेक में कोर्ट ऑफ़ इन्क्यारी 

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सजिताडा गाँव में सेना के जवानो द्वारा तीन चिंकारा हरिणों के शिकार के मामले में सेना ने आरोपी पञ्च सेनिको के खिलाफ सेना की फास्ट ट्रेक कोर्ट में कोर्ट ऑफ़ इन्क्यारी शुरू कर दी ,रक्षा विभाग के प्रवक्ता एस डी गोस्वामी ने प्रेस बयां जरी कर बताया की सेना की कोर्ट में त्वरित गति से जाँच की जा रही हें गवाहों के बयाना दर्ज किये गए उन्होंने बताया की सेना के अधिकारियो ने वन विभाग के अधिकारियो से आग्रह किया हें की वे जांच में सहयोग दे ताकि आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही देश तथा सेना के विधान के अनुसार किया जा सके उन्होंने बताया की सेना पुरे मामले को गंभीरता से लेकर पूरी जांच कर रही हें जांच में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जा रही हें इसमे सेना की कोर्ट ऑफ़ इन्क्व्यारी में जो भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी 

सीबीआई आबूरोड़ में ढूंढ़ रही है भंवरी की हत्या के सबूत



जोधपुर। भंवरी अपहरण के मुख्य आरोपी शहाबुद्दीन ने फरारी के दौरान अपनी परिचित महिला के घर आबूरोड़ में एक सप्ताह तक शरण ली थी। सीबीआई की टीम रविवार सुबह उसके घर पहुंची और तलाशी ले रही है। सीबीआई को संदेह है कि शहाबुद्दीन ने अपहरण व हत्या से जुड़े कुछ सबूत यहां छुपा रखे हैं।



शहाबुद्दीन 1 सितंबर को भंवरी का अपहरण करने के बाद 3 सितंबर को आबूरोड़ में रोशन बाला के पास आबूरोड चला गया था। फिर 7 सितंबर को उसने अपनी दूसरी साथी शिक्षिका रेहाना को भी वहां बुला लिया। जब जोधपुर से रेहाना वहां पहुंची तो शहाबुद्दीन उसे लेकर दो दिन माउंट आबू चला गया। फिर 9 सितंबर को ये दोनों बोलेरो लेकर गुजरात के काणोदर पहुंचे जहां एक मिस्त्री के पास यह बोलेरो छोड़ दी।


इस बोलेरो को पुलिस ने डेढ़ माह बाद बरामद किया था। बोलेरो में ही भंवरी की हत्या का शक है, लेकिन एफएसएल को ठोस सबूत नहीं मिल रहे हैं। सीबीआई का मानना है कि शहाबुद्दीन ने ऐसे सबूत आबूरोड में रोशन के घर छुपाए हैं, उन्हीं की तलाश में एक टीम रविवार सुबह से रोशन के घर की तलाशी ले रही है और उससे पूछताछ भी कर रही है।

भंवरी प्रकरण: जिला परिषद सदस्य से पूछा, बताओ किसे दिए 15 लाख

जोधपुर।सीबीआई भंवरी अपहरण के दौरान जिला परिषद सदस्य और डबल ए क्लास ठेकेदार पप्पूराम डारा से सर्किट हाउस में पूछताछ कर रही है। उसके एकाउंट में 15 लाख रुपए की ऐसी एंट्री मिली है जिसे सीबीआई भंवरी अपहरण से जोड़ कर देख रही है।
भंवरी को मृत मान रही सीबीआई अब पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और लूणी विधायक मलखानसिंह में से एक पर अपहरण की साजिश रचने के सबूत एकत्र कर रही है। इस प्रकरण से जुड़े आरोपियों व नेताओं के करीबी लोगों के बैंक खाते खंगालने पर सीबीआई को जिला परिषद सदस्य पप्पूराम डारा के एकाउंट में 15 लाख रुपए की एंट्री मिली।


सीबीआई ने उसके घर से एकाउंट के दस्तावेज बरामद किए और सात दिनों से लगातार उसे सर्किट बुला कर पूछताछ की जा रही है और उससे ये रुपए किस पार्टी को किस काम के लिए दिए, यह पूछ रही है। हालांकि डारा कई तर्क दे चुका है मगर सीबीआई संतुष्ट नहीं हो रही है। रविवार सुबह उसे फिर बुलाया और पूछताछ कर रहे हैं।

पूछताछ के बहाने थाने ले गए पुलिसवाले, चार महिलाओं से किया गैंगरेप

चेन्‍नई. तमिलनाडु में पुलिसकर्मियों द्वारा चार आदिवासी महिलाओं के साथ रेप का मामले सामने आया है। घटना विल्‍लापुरम जिले की है। रेप की शिकायत करने वाली महिलाओं में दो विवाहित हैं। इनमें एक गर्भवती भी है।

महिलाओं का आरोप है कि चोरी के एक केस में पूछताछ के सिलसिले में पुलिसवाले उन्‍हें थाने ले गए और रात में उनके साथ दुष्‍कर्म किया।

शिकायत करने वाली महिलाओं में से एक ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने उसके साथ गैंगरेप किया। सीनियर पुलिस अधिकारियों ने इस शिकायत पर कहा कि मामले की निष्‍पक्ष जांच की जा रही है। एसपी और डीआईजी मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने आश्‍वासन दिया है कि यदि इस मामले में कोई पुलिसवाला दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

धरोहरो का नहीं धणी-धोरी

धरोहरो का नहीं धणी-धोरी

जैसलमेर। नगर मे जगह-जगह बने परकोटे व बुर्ज अब इक्का-दुक्का अवशेष के रूप मे देखे जा सकते हैं। उधर, शहर का श्ृंगार मानी जाने वाली प्रोलें अपनी बदहाली खुद बयां कर रही हैं। ऎसे मे स्वर्णनगरी में कलात्मक सुंदरता, प्रसिद्ध स्थापत्य कला व बिना सीमेंट व चूने के पीले पत्थरों के अनूठे जोड़ को देखने को आतुर सैलानियो की आंखो मे मायूसी देखी जा सकती है।

पर्यटन विशेषज्ञ भी यह मानने लगे हैं कि शहर का भ्रमण अब आनंददायी नहीं हैं। स्वर्णनगरी के सौंदर्य को पहले भी यहां आकर निहार चुके सैलानी इन दिनो मायूस नजर आ रहे हैं। हालांकि पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जानी वाली स्वर्णनगरी में इन ऎतिहासिक सौगाताें को बचाने की कवायद प्रशासनिक स्तर पर की जाती रही है, लेकिन उनका आधुनिक स्वरूप सैलानियाें को निराश ही करता है।

गायब परकोटे, उपेक्षित प्रोलें
शहरपनाह माने जाने वाले बुर्ज शहर में देखना अब आसान नहीं है। बुजुर्ग बताते हैं कि कभी राजा-महाराजाओं के समय यहां के बाशिंदाें की रक्षा के लिए नगर के चाराें ओर चार मीटर ऊंची और करीब साढे तीन फीट चौड़ी दीवार निर्मित करवाई गई थी। दीवार में जगह-जगह सुरक्षाकर्मियों के लिए गोलाकार बुर्ज भी तैयार करवाए गए।

अब न तो कहीं पुराने स्वरूप में शहरपनाह या परकोटे देखने को मिलते हैं और न ही उनकी मौजूदगी ही आसानी से समझी जा सकती है। उधर, वर्षो पहले सीमित आबादी के समय किशनघाट, मलका प्रोल, अमरसागर प्रोल व गड़ीसर प्रोल का निर्माण करवाया गया था। इनके निर्माण का उद्देश्य यह था कि इन प्रवेश द्वाराें के जरिए परकोटाें में प्रवेश किया जा सके। यहां गत वर्षो में आए आधुनिक परिवर्तनों से इन प्रोलों को ऎसी नजर लगी है कि निरंतर उपेक्षा के चलते ये बदहाली की शिकार हो रही हैं।

बाधाएं भी हैं मौजूद
राज्य सरकार की ओर से ऎतिहासिक नगराें को हेरिटेज लुक देने की योजना के तहत स्वर्णनगरी में भी इसकी कवायद चल रही है। उधर, शहर पनाह, इसके बुर्ज व क्षतिग्रस्त हो चुकी प्रोलों को संरक्षित करने की योजना को मूर्त रूप देना आसान नहीं होगा। नगरपालिका के पास प्राचीन परकोटे संबंधी कोई अधिकृत कार्ड नहीं होने से यह तय कर पाना मुश्किल हो रहा है कि किसने किस बुर्ज पर कब्जा किया है और कौन-सी प्रोल किसकी है?

शहरपनाहों के अवशेष्ा ही बचे हैं
रियासतकालीन समय मे नगर मे प्रवेश से पहले शहर पनाह मे बाहरी लोगो का प्रवेश लेना होता था, यहां जांच के बाद ही उन्हे शहर मे प्रवेश की इजाजत मिलती थी। अब इक्के-दुक्के स्थानो पर इनके अवशेष ही देखे जा सकते हैं। शहर मे सीमाग्राम मार्ग, सदर बाजार, कलाकार कॉलोनी सहित दर्जनभर स्थानो पर इनके निर्माण थे।
चंद्रप्रकाश व्यास सचिव, जैसलमेर विकास समिति, जैसलमेर

ढूढ़ने पर भी नहीं मिलते
नगर में परकोटे अब ढूढ़ने पर भी देखने को नहीं मिलते। कुछ स्थानो पर इनके अवशेष, आज भी मौजूद हैं, लेकिन मौलिक स्वरूप बदल गए हैं। ये शहरपनाह कहां थे और अब इन पर किनका कब्जा हो गया है, इसका रिकार्ड नगरपालिका के पास नहीं होने से अड़चने आ रही हैं।
नवनीत व्यास, पर्यटन विशेषज्ञ, जैसलमेर

आरोपी सैन्यकर्मियों से पूछताछ आज

आरोपी सैन्यकर्मियों से पूछताछ आज

बाड़मेर वन विभाग ने जिले के चिंकारा शिकार प्रकरण में शनिवार को प्रारंभिक जांच पूरी करने के बाद 88 आम्र्ड सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल बीएस चंदेलिया को नोटिस जारी किया है। बाड़मेर के उपवन संरक्षक बीआर भादू की ओर से जारी नोटिस में आरोपी सैन्यकर्मी सूबेदार गोपीलाल, हवलदार बीआर नाथ, नायक एन सरकार, लांस नायक आईआर परदेसी एवं सिपाही डीआर नायडू को रविवार सुबह नौ बजे तक बाड़मेर के वन मंडल दफ्तर में हाजिर करने को कहा।
वन विभाग की टीम वन्यजीव संरक्षण अधि. 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में आरोपी जवानों से पूछताछ करेगी। वन विभाग ने शनिवार को तीनों चिंकारों की खाल, व पैर बरामद करने के लिए पूरे सैन्य शिविर परिसर व आसपास के इलाकों का निरीक्षण किया। विभागीय टीम ने क्षेत्र के कुछ लोगों से पूछताछ के साथ झोपडियों की तलाशी ली।

विधि विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों की ओर से चिंकारों के अलग-अलग विसरा लेने के बाद तहसीलदार, पुलिस अधिकारी एवं मेडिकल बोर्ड के समक्ष तीनों चिंकारों के मांस और परिसर में मिले अवशेषों को जलाया गया। अनुसंधान में सेना ने पूरा सहयोग किया। उधर, मामले की गंभीरता देखते आर्मी इंटेलीजेंस की विशेष टीम बाड़मेर पहुंची और सैन्य अफसरों से मामले की जानकारी ली। वही सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू कर दी।

जांच पर नजर रखेंगे मुख्य वन संरक्षक : जयपुर. जोधपुर मुख्य वन संरक्षक ए.के. सिंह अब उप वन संरक्षक बीआर भादू की ओर से की जा रही चिंकारा शिकार प्रकरण की जांच पर नजर रखेंगे। विभागीय बैठक में हिस्सा लेकर सिंह शनिवार सुबह जयपुर से जोधपुर रवाना हुए। अति. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एस.के. श्रीवास्तव ने बताया कि हमने आर्मी के जनरल ऑफिसर इन कमांडिंग को पत्र लिखकर जांच में सहयोग मांगा है।

मुखिया अभी भी रणथम्भौर में : राज्य पशु चिंकारा के शिकार का संवेदनशील मामला उजागर होने के बावजूद वन विभाग के मुखिया अधिकारी दो दिन से रणथम्भौर में हैं। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक यू.एम. सहाय व प्रधान मुख्य वन संरक्षक आर.एन. मेहरोत्रा मुख्य सचिव एस. अहमद के साथ शनिवार को भी रणथम्भौर में डटे रहे। उल्लेखनीय है कि बाड़मेर के शिव तहसील स्थित निम्बला साजीतड़ा युद्धाभ्यास के दौरान सैनिकों की ओर से तीन चिंकारों के शिकार का सनसनीखेज मामला शुक्रवार को उजागर हुआ था।

बाड़मेर .....न्यूज़ इनबॉक्स .....क्राइम डायरी

मोटरसाइकिल-जीप भिड़ंत में दंपत्ति घायल

बायतु . सिंगाडिय़ा ग्राम पंचायत के रेवाली गांव की सरहद में शनिवार को एक मोटरसाइकिल व जीप की आमने-सामने टक्कर में मोटरसाइकिल पर सवार दंपत्ति गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों का बायतु में प्राथमिक उपचार करने के बाद उन्हें जोधपुर रेफर किया गया। पुलिस के अनुसार नरपतराम (23) पुत्र भभूताराम जाट निवासी रतेउ व उनकी पत्नी खेमी दोनों मोटरसाइकिल पर बाड़मेर से रतेउ की ओर जा रहे थे। सामने से आ रही बोलेरो जीप की टक्कर से दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। ईएमटी खेमाराम ने बताया कि एंबुलेंस 108 से उन्हें बायतु अस्पताल लाया गया, यहां से दोनों को जोधपुर रेफर किया।

संदिग्ध अवस्था में दो युगल पकड़े

बाड़मेर. कोतवाली पुलिस ने शनिवार अल सवेरे सेवा सदन के पास संदिग्ध अवस्था में घूमते दो युगल को पकड़ा। पुलिस के अनुसार गंगासरा सरली निवासी भवानीपुरी पुत्र वीरमपुरी गांव की ही एक विवाहिता के साथ संदिग्ध अवस्था में घूम रहा था। वहीं शोभाला जेतमाल निवासी भैराराम पुत्र हरीराम मेघवाल मेहलू (गुड़ामालानी) निवासी एक विवाहिता के साथ संदिग्ध अवस्था में मिला। चारों को कोतवाली थानाधिकारी लूणसिंह मय जाब्ता ने गिरफ्तार किया।

जीप पलटने से युवक की मौत

बाड़मेर. गिड़ा थाना अंतर्गत भीमडा-बायतु के बीच मेहराजाणियों की बेरी स्कूल के पास सड़क पर अचानक आए हिरण को बचाने के चक्कर में अनियंत्रित होकर पलटी जीप में सवार एक युवक की मौत हो गई। जबकि जीप चालक को मामूली चोट आई। गिड़ा थानाधिकारी मनोज मूढ ने बताया कि सियोलो की ढाणी भोजासर निवासी मूलाराम (25) पुत्र नारायणराम जाट व प्रेमाराम पुत्र रतनाराम निवासी डाबला (जैसलमेर) बोलेरो जीप नं. आरजे 15 जीए 1500 में बैठकर जैसलमेर की ओर से आ रहे थे। शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे सड़क पर अचानक हिरण आ जाने से जीप अनियंत्रित होकर पलटी खा गई। इस दुर्घटना में मूलाराम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चालक प्रेमाराम के मामूली चोट आई। पुलिस को शनिवार सवेरे सूचना मिलने पर जीप जब्त कर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किया।

चोरी की बिजली से चल रही फैक्ट्री पकड़ी



चोरी की बिजली से चल रही फैक्ट्री पकड़ी

मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के लिए जा रही बिजली लाइन पर ‘अंकुड़ा’ (जंपर) डाल अंडरग्राउंड केबल के जरिये फैक्ट्री तक जा रही थी बिजली सप्लाई।

बाड़मेर डिस्कॉम विजिलेंस व एपीटीपीएस (एंटी पॉवर थ्रेप्ट पुलिस स्टेशन) बाड़मेर की संयुक्त कार्रवाई में शनिवार को जसाई गांव के पास बिजली चोरी कर चलाई जा रही एक फैक्ट्री का खुलासा हुआ। सूद एसोसिएट फर्म की फैक्ट्री में एमईएस (मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस) के लिए जा रही एलटी लाइन से अंकुड़ा डाल बिजली चोरी की जा रही थी। एमईएस के ही ठेकेदार की इस फैक्ट्री में कंकरीट तथा ईंट बनाने के काम के साथ वैल्डिंग के कार्य भी हो रहे थे, जिसमें करीब 90किलोवाट लोड उपयोग में आ रहा था। शिकायत मिलने पर डिस्कॉम विजिलेंस के कनिष्ठ अभियंता पवनकुमार केसरिया व एपीटीपीएस बाड़मेर एसएचओ जसराज आचार्य के संयुक्त निर्देशन में टीम मौके पर पहुंची। जेईएन केसरिया ने बताया कि डिस्कॉम की ओर से एमईएस के लिए अलग से बिजली की लाइन जा रही है। आर्मी एरिया व चेतक चौराहा के बीच स्थित प्रोप्राइटर सुशील सूद की सूद एसोसिएट नाम की फैक्ट्री में एलटी लाइन से अंकुड़ा डालकर बिजली चोरी की जा रही थी। टीम ने अवैध कनेक्शन काटने के साथ शीट बनाई। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री संचालक से नियमानुसार जुर्माना वसूला जाएगा।
चोरी की बिजली से प्रोडक्शन: चोरी की बिजली से यहां पूरी फैक्ट्री संचालित हो रही थी। फैक्ट्री में एमईएस का ठेकेदार कंकरीट व ईंट बनाने के काम के साथ अन्य कार्य कर रहा था।

महापुरुषों के सिक्के सहजने का शौक

महापुरुषों के सिक्के सहजने का शौक


. जालोरकिन्ही विशेष वस्तुओं का संग्रहण करना और उन्हें सहेजकर रखना हर किसी के बस की बात नहीं होती। आमतौर पर पुरानी वस्तुओं डाक टिकटों या पुराने सिक्कों का लोग संग्रहण करते हैं। ऐसा ही एक शौक है जालोर के अमरूद्दीन को। अमरूद्दीन ने कुछ खास तरह के सिक्कों का संग्रहण किया है। ऐसे सिक्के जिन पर महापुरूषों के चित्र अंकित हैं। जी हां, देश की आजादी और उसके बाद इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाले अनेक महापुरुषों के सिक्के इनके पास मौजूद हैं। अब ये जहां भी ऐसे सिक्के देखते हैं उनको अपने पास रख लेते हैं। इस शौक के कारण उनके पास कई ऐसे महापुरुषों के भी सिक्के हैं जिनके बारे में लोग बहुत कम जानते हैं। पेशे से वकील अमरूद्दीन को इन सिक्कों को सहजने की सीख अपने पिता बाबू खां से मिली।

जालोर के एक युवक को महापुरुषों के चित्र वाले सिक्के एकत्रित करने का शौक, अब तक कर चुका है कई सिक्के एकत्रित

गणेशजी के लिए बनेगा शीशमहल


गणेशजी के लिए बनेगा शीशमहल



मंदिर परिसर में बिड़ला मंदिर की तर्ज पर होगा कांच की कारीगरी का काम

जैसलमेर  शहर से 12 किलोमीटर दूर स्थित चूंधी गणेश मंदिर में इन दिनों ग्लास वर्क जोरों पर है। अब चूंधी गणेश शीशमहल में निवास करेंगे। वहीं चूंधी स्थित जगतम्बा व शिव मंदिर को भी शीशमहल का रूप दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार चूंधी गांव में नदी के बीचों बीच स्थित मंदिर के प्रति शहरवासियों की अपार श्रद्धा है। यहां हर बुधवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं वहीं गणेश चतुर्थी पर भव्य मेला भरता है। इस मंदिर के प्रति लोगों की श्रद्धा लगातार बढ़ रही है। नदी के बीचों बीच स्थित गणेश मंदिर की दीवारों व छतों पर आकर्षक रूप से ग्लास वर्क किया जा रहा है। रंग बिरंगे कांच लगाए जाकर इसे शीशमहल का रूप दिया जाएगा। जैसलमेर में इस तरह का कार्य पहली बार हो रहा है। जानकारी के अनुसार आगामी फरवरी माह तक यह कार्य पूरा हो जाएगा और चूंधी मंदिर का पूरा स्वरूप ही बदल जाएगा।

कुचामन सिटी से आए कारीगर मधुसुदन द्वारा यह कार्य किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस प्रकार का कार्य बिड़ला मंदिर व चितौडग़ढ़ के पास स्थित सांवरिया मंदिर में किया हुआ है। जैसलमेर में पहली बार बन रहे शीशमहल को देखने के प्रति लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है। इस कार्य की लागत करीब 10 रुपए आएगी।

चिंकारा शिकार: वन विभाग ने किया सैनिकों को तलब, सेना ने किया सौंपने ने इंकार!

चिंकारा शिकार: वन विभाग ने किया सैनिकों को तलब, सेना ने किया सौंपने ने इंकार!
बाड़मेर.बाड़मेर जिले में तीन चिंकारों का शिकार करने के मामले में सेना और वन विभाग में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। शनिवार को वन विभाग ने पांच आरोपी सैनिकों को समन भेजकर तलब किया जबकि जवाब में सेना ने सौंपने से इनकार करते हुए कहा कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के बाद ही विभाग को अपने सैनिकों को सौंपेंगे।


वन विभाग की टीम शिकार प्रकरण में नामजद सूबेदार गोपीलाल, हवलदार बीआर नाथ, नायक एन सरकार, लांसनायक परदेसी और सिपाही डीआर नायडू को अपने साथ ले जाकर मौका-मुआयना और बाड़मेर में पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन सैन्य अधिकारी उन्हें कैंप एरिया के बाहर नहीं भेजने की बात पर अड़ गए।


वन अधिकारियों ने ले. कर्नल बीएस चंदेल को पांचों आरोपियों को पूछताछ के लिए रविवार सुबह नौ बजे बाड़मेर बुलाने का समन सौंप दिया। इसके अलावा सेना के यूनिट प्रभारी से भी स्टाफ, हथियार और वाहनों की जानकारी मांगी गई है।


वन विभाग की टीम ने सैन्य कैंप में शनिवार को मौका-मुआयना करने के साथ ही आरोपियों से भी प्रारंभिक पूछताछ की। ग्रामीणों से भी शिकार के बारे में जानकारी जुटाई गई।


गिरफ्तारी के लिए सेना की अनुमति जरूरी

नामजद आरोपियों के बाद ले. कर्नल बीएस चंदेल से भी पूछताछ की जाएगी। वन अधिकारी बीआर भादू ने बताया कि सेना इस मामले में चाहे कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी करती रहे, मगर आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और पूछताछ के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया सकता है।

उधर, सैन्य सूत्रों के अनुसार आरोपियों के शिकार करने के सबूत पाए जाने के बाद भी उनकी गिरफ्तारी के लिए सेना से अनुमति लिया जाना जरूरी है।


यूनिट में होनी थी विशेष दावत


सूत्रों के अनुसार सेना की 88 आर्म्ड वर्कशॉप यूनिट में शुक्रवार रात विशेष दावत का होनी थी। इसमें यूनिट के 45 स्टाफ के मैंबर के अलावा दूसरी यूनिट के अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था। इस दावत में हिरण का मांस स्पेशल डिश के रूप में तैयार होना था।


सैन्य अधिकारियों से लेकर जवानों तक को इसकी जानकारी थी।इस शिकार की योजना दो दिन पूर्व बनाई गई थी। शुक्रवार को स्पेशल डिश बनाने की तैयारी हो रही कि वन विभाग ने छापा मार दिया।


सैनिकों के खिलाफ पुख्ता सबूत

वन अधिकारियों का मानना है कि चिंकारा के कटे सिर व मांस और जिप्सी में खून के धब्बे मिलने से यह स्पष्ट हो चुका है कि चिंकारों का शिकार कर सैनिक कैंप में ले गए थे। बाड़मेर वन संरक्षण अधिकारी बीआर भादू ने बताया कि जांच में चिंकारा का शिकार करना पाया गया है। इस आधार पर आरोपी सैनिकों को साथ ले जाकर पूछताछ करना जरूरी है। उन्हें रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

वन विभाग ने कैंप में जाकर की पूछताछ


बाड़मेर के जिला वन संरक्षक के नेतृत्व में टीम शनिवार को निंबला के साजीताड़ा में सेना की 88 आर्म्ड वर्कशॉप यूनिट के कैंप में पहुंची। उन्होंने यूनिट के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल बीएस चंदेल और आरोपियों सहित वहां मौजूद अन्य सैनिकों से कैंप में मिले तीन चिंकारों के सिर कटे सिर व मांस के बारे में पूछताछ की।

सैनिकों ने बताया कि गांववालों ने चिंकारा का मांस लाकर दिया था। शिकार किसने, कब और कहां किया था, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया।

चिंकारों के शिकार के खिलाफ विश्नोई समाज का प्रदर्शन

सेना के जवानों की ओर से तीन चिंकारों का शिकार किए जाने के खिलाफ विश्नोई समाज ने शनिवार को विरोध-प्रदर्शन किया। समाज के लोगों ने आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर शहर में रैली निकाली और जीव रक्षा का संदेश दिया। रैली विश्नोई छात्रावास से शुरू हुई और मुख्य मार्गो से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची।


उधर, धोरीमन्ना के जंभेश्वर मंदिर में अखिल भारतीय विश्नोई जीव रक्षा सभा की बैठक बुलाई गई, जिसमें चिंकारा शिकार प्रकरण पर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। बाद में विश्नोई समाज के लोगों ने विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की गई। गुड़ामालानी में भी विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने कलेक्टर के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।



चिंकारा के सिर व मांस नष्ट किए


वन विभाग की ओर से शुक्रवार को सैन्य कैंप में मिले चिंकारों के तीन कटे सिर और 25 किलो मांस को नमूने लेने के बाद शनिवार को नष्ट कर दिया गया। इस दौरान वन विभाग के कार्यालय में कलेक्टर, एसपी और मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉक्टर उपस्थित रहे।

कोर्ट को दी सूचना
वन विभाग ने बाड़मेर स्थित सिविल न्यायाधीश कनिष्ठ अदालत को पांच नामजद आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करने की सूचना भेज दी है।

संकट में हैं निशानियां

चिंकारों के शिकार ने प्रदेश की निशानियों पर मंडराते खतरे को उजागर कर दिया। फिलहाल प्रदेश में राजकीय पशु चिंकारा की तादाद कुछ हजार में, जबकि राजकीय पक्षी गोडावण की संख्या महज 100-125 के बीच रह गई है। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इन्हें संरक्षित नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ियां इन्हें महज किताबों में ही देख सकेंगी। राज्य पुष्प रोहिड़ा और राज्य वृक्ष खेजड़ी का क्षेत्र भी कम हो रहा है।

राज्य में वन्यजीव संरक्षण को लेकर जापान भी चिंतित है। जापान की 1152.53 करोड़ की वित्तपोषित राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना (जायका) के तहत भी राज्य पशु चिंकारा और राज्य पक्षी गोडावण के संरक्षण पर विशेष जोर दिया गया।

उदयपुर में क्या देखें?तस्वीरो में देखे उदयपुर


















उदयपुर में वर्षपर्यंत आने सुहावना मौसम बना रहता है और कभी भी यहाँ के लिये पर्यटन का कार्यक्रम बनाया जा सकता है पर यदि उदयपुर में जून से सितम्बर के बीच जायें तो आपका आनन्द और भी बढ़ सकता है।
उदयपुर में क्या देखें?

फतेहसागर झील: फतेहसिंह निर्मितफतेहसागर झील शहर के उत्तरी भाग के ग्राम देवली के पास स्थित है। झील के मध्य में नेहरू उद्यान है जहाँ मोटरबोट की सहायता से जाया जाता है। विशाल वृक्षों, अनेकों प्रका के फूल-पौधों से युक्त रंग-बिरंगे प्रकाश से जगमगाता यह उद्यान पर्यटकों को बरबस ही आकर्षित करता है।

सहेलियों की बाड़ी: यह हरा-भरा बगीचा फतेहसागर बाँध, जो कि फतेहसागर झील का जल स्रोत है, के नीचे बना हुआ है। सहेलियों की बाड़ी में अनेकों फौवारे हैं जो हर समय ‘बिन बादल बरसात’ का नजारा कराते रहते हैं। इसका निर्माण महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय ने अपनी बेटियों के आमोद-प्रमोद के लिये करवाया था। प्रतिवर्ष श्रावण कृष्ण अमावस्या को यहाँ पर विशाल मेला लगा करता है।

मोती मगरी: यह फतेहसागर झील के किनारे स्थित है तथा यहाँ पर महाराणा प्रताप की स्मृति में ‘प्रताप स्मारक’ बना हुआ है। वीर महाराणा प्रताप की कांस्य प्रतिमा की शोभा यहाँ पर देखते ही बनती है। वास्तव में यह एक हरी-भरी पहाड़ी है और इसके ऊपर चढ़ने के लिये सड़क तथा सीढ़ियाँ दोनों ही बनी हुई हैं।

राजमहल: राजमहल तक चेतक सर्किल से हाथीपोल होती हुई सीधी सड़क है। यहाँ भीतर जाने के लिये बड़ी पोल और चिपोलिया से हो कर जाना पड़ता है। भीतर प्रवेश करते हैी महल का विशाल चौक नजर आता है और उसके बाद से भव्य महलों की श्रृंखला आरम्भ हो जाती है। इन महलों के दरवाजों, झरोखों, मीनारों आदि को देख कर पर्यटक मन्त्रमुग्ध-से रह जाते हैं। महनों के भीतर स्थित संग्रहालय में उदयपुर का अतीत रचा-बसा हुआ दृष्टिगत होता है।

पिछोला झील: उदयपुर का एक निहायत रमणीक स्थान पिछोला झील भी है। 15वीं शताब्दी में इसे महाराणा लाखा के काल में एक धनी बंजारे ने बनवाया था। इस झील का बांध सन् 1852 में टूट गया था जिस पर महाराणा भीम सिंह ने इस का पुनर्निर्माण करवाया था। इस झील के तट पर अनेक घाट और मन्दिर स्थित हैं। ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ से पूरे उदयपुर का विहंगम दृश्य नजर आता है।

लेक पैलेस: पिछोला झील में ही स्थित ले पैलेस संगमरमर का बना भव्य महल है। इस महल में संगमरमर को तराश कर अनेक सुंदर तथा नक्काशीदार जालियाँ, झरोखे और छतरियाँ बनाई गई हैं। यहाँ नौकाओं तथा मोटरबोटों के द्वारा ही पहुँचा जा सकता है।

शनिवार, 26 नवंबर 2011

बाबा' और 'मुन्नी' के चंगुल में फंस 'पांच' के संग मना रही थी रंगरलियां!



एक बार फिर साधना में सेक्स का तड़का लगा है। ताजा घटना यूपी के फर्रूखाबाद से है। घटियाघाट में बने सरजू गिरि आश्रम में एक सनसनीखेज खबर ने पूरे सूबे में तहलका मचा दिया है। आश्रम में अश्लील हरकत करते हुए एक युवती और दलाल समेत तीन महिलाओं और पांच पुरूषों को आईपीसी की धारा 294 के तहत गिरफ्तार किया।



ताजा जानकारी के मुताबिक, मेडिकल परिक्षण के बाद गिरफ्तार युवती ने काफी हंगामा मचा दिया। आलम ये था कि बाबा को गालियां और दलाल मुन्नी (बदला हुआ नाम) को मिली चप्पलों की बौछार। हुआ यूं कि पुलिस अभियुक्तों को ले जाने के लिए जैसे ही आकस्मिक सेवा चैनल गेट पर आयी। तभी शीतल अचानक चीखने लगी और उसने अपनी चप्पल उतारकर मुन्नी पर हमला कर दिया। दनादन कई चप्पलें जड़ दीं। मुन्नी चीखी और साथ चल रहे सिपाही और महिला होमगार्ड से बचाने की गुहार लगाने लगी।



हरकत में आए सिपाही ने युवती से चप्पल छीन ली तो वह थप्पड़ से मुन्नी को पीटने लगी। पुलिस कर्मियों ने जैसे-तैसे उसे काबू में किया। गुस्से में लाल शीतल ने मुन्नी पर लालच देकर आश्रम बुलाने का आरोप लगाते हुए जमकर गालियां बकी। इसके बाद उसने महंत बाबा गंगापुरी को भी गालियां दीं। चप्पलों की बौछार युवती का यह रौद्र रूप देखकर लोगों को तो जैसे की ठकवा मार गया हो। युवती को शांत कराने में पुलिस वालों के पसीने छूट गए, जैसे-तैसे शांत कराकर उसे न्यायालय में पेश किया।

युवराज को फेंफडे में टयूमर!

युवराज को फेंफडे में टयूमर!

चंडीगढ़। भारतीय आलराउंडर युवराज सिंह के फेंफड़ों को संक्रमण गंभीर होता जा रहा है और इस कारण उन्होंने पूरी तरह स्वस्थ होने तक टीम से बाहर रहने का फैसला किया है। युवराज की मां शबनम ने बताया कि अब तक की जांच में युवराज के फेंफडे में टयूमर बनने की बात सामने आई है।

हालांकि इस मामले में गहन चिकित्सकीय जांच अभी जारी है और युवराज को डाक्टरों के जवाब का इंतजार है। शबनम ने कहा कि युवराज ने अपने खराब स्वास्थ्य के मद्देनजर खुद ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से कहा है कि वह चयन के लिए उपलब्ध नहीं हैं। वह फिलहाल अपना पूरा ध्यान फिटनेस हासिल करने पर लगा रहे हैं।

उन्होंने साथ ही कहा कि युवराज आस्ट्रेलिया में होने वाली वनडे सीरीज के लिए खुद को फिट कर लेना चाहते हैं लेकिन वह इसके लिए जल्दबाजी नहीं करेंगे और मेडिकल रिपोर्टो का इंतजार करेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि इस मुश्किल समय में बीसीसीआई और पूरी टीम ने युवराज को पूरा समर्थन दिया है।

बिग बॉस: सिद्धार्थ से मारपीट करने पर पूजा मिश्रा को निकाला, बेदी भी होंगी बाहर!

मुंबई. रोज-रोज की तू-तू, मैं-मैं के कारण सुर्खियां बटोर रहे रियलिटी शो 'बिग बॉस' के प्रतिभागी हिंसा पर उतारू हो गए हैं। चर्चा है कि इससे गुस्‍साए निर्माता ने शो की एक प्रतिभागी पूजा मिश्रा को बाहर का रास्‍ता दिखा दिया है।
मॉडल से वीजे बनीं पूजा शो में शुरू से ही जुबानी जंग में किसी न किसी से उलझती रही हैं। अब उन्‍होंने प्रतियोगी सिद्धार्थ से मारपीट कर ली है। इसके बाद शो के निर्माताओं ने उन्‍हें बाहर निकल जाने के लिए कह दिया है। मिश्रा शो से बाहर होने के लिए कम से कम आधा दर्जन बार नॉमिनेट हो चुकी हैं, लेकिन वह हर बार बच जाती हैं। पर अब अपने व्‍यवहार के कारण उन्‍हें जबरन निकाले जाने की खबर है।

चर्चा यह भी है कि शनिवार को शो से पूजा बेदी की भी विदाई हो जाएगी। वह इस बार बाहर होने के लिए नॉमिनेटेड हैं। वैसे भी उन्‍होंने कह रखा है कि उन्‍हें अपनी बेटी के चौदहवें जन्‍मदिन पर हर हाल में मौजूद रहना है, क्‍योंकि अब तक एक भी साल ऐसा नहीं हुआ कि उनकी बेटी ने बिना उनके जन्‍मदिन मनाया हो।

प्रेमी के मामा से रिश्वत लेने वाले एएसआई पर चार्जशीट



जोधपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जालोर पुलिस के रिश्वतखोर एएसआई दलपतसिंह के खिलाफ शनिवार को कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। इस एएसआई ने एक प्रेम विवाह करने वाले युवक के मामा को मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर पहले 10 हजार रुपए ले लिए, फिर पांच हजार रुपए की मांग करने पर पकड़ा गया।


ब्यूरो के डीआईजी संजीब कुमार नार्जारी ने बताया कि जालोर के भीनमाल निवासी आसूलाल सोनी ने 12 दिसंबर 07 को सिरोही चौकी प्रभारी को शिकायत की थी। उसने बताया कि उसके भानजे रविंद्र कुमार ने अपनी मंगेतर ममता से जोधपुर आर्य समाज में विवाह किया था। ममता के पिता बाबूलाल ने मोदरा थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करवा रखी थी। जिसकी जांच एएसआई दलपतसिंह कर रहा था।


एएसआई ने आसूलाल को इस मामले में सीआरपीसी की धारा 109 में गिरफ्तार करने की धमकी दी और 10 हजार रुपए ले लिए। फिर उसने 5 हजार रुपए और मांगे। ब्यूरो टीम ने शिकायत का सत्यापन करवा कर 13 दिसंबर 07 को एएसआई दलपतसिंह को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे-हाथों गिरफ्तार कर लिया था। चार साल तक चली जांच में एएसआई पर आरोप प्रमाणित हो गया और शनिवार को कोर्ट में उसके खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी।

आमजन क्लीन बाड़मेर अभियान से जुड़े डॉ वीणा प्रधान


आमजन क्लीन बाड़मेर अभियान से जुड़े  डॉ वीणा प्रधान 

बाड़मेर सेवाभावी सामूहिक सफाई अभियान युवा समिति बाड़मेर द्वारा बाड़मेर शहर के सौन्दर्यकरण को बरकरार रखने के उद्देश्य से आरम्भ किया आगामी रविवार को आयोजित होने वाले क्लीन बाड़मेर अभियान के दूसरे चरण में जिला प्रशासन पूर्ण सहयोग करेगा। समिति को जिला कलक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि युवाओं का बेहतरीन प्रयास है बाड़मेर शहर के सौन्दर्यकरण को बरकरार रखने तथा आमजन में सफाई के प्रति जागरूकता पैदा करने का। उन्होने बाड़मेर की जनता से अपील की है कि क्लीन बाड़मेर अभियान से जुड़ कर बाड़मेर शहर को साफ सुथरा रखने में भागीदारी निभाऐं। उन्होने बताया कि बाड़मेर शहर हमारा अपना है। हमें किसी पर निर्भर रहने की बजाए खुद पहल करनी होगी। युवाओं का पहला प्रयास बेहतर था। अब इसे ओर आगे ब़ाना है। डॉ. प्रधान ने कहा कि बाड़मेर के नागरिक एक दिन बाड़मेर के नाम कर सेवा करें। ताकि बाड़मेर अपनी अन्तराष्ट्रीय ख्याति रूप साफ सुथरा तथा सुन्दर बना रहे। उन्होने बताया कि जिला प्रशासन पूरी तरह से युवाओं के इस मिशन में साथ है उन्होने व्यापारियों से भी अपील की है कि बाड़मेर शहर को साफ सुथरा, सुन्दर तथा अतिक्रमण मुक्त बनाने में व्यापरी वर्ग का अहम योगदान रहेगा। दुकानों के आगे के अपने अतिक्रमण मुक्त बनाने में व्यापरी वर्ग का अहम योगदान रहेगा। दुकानों के आगे के अपने अतिक्रमण स्वेच्छा से हटाने के साथ ही अपने दुकानों के आगे साफ सफाई रखे तथा कचरा पात्र दुकान के आगे अवश्य रखे ताकि कचरे का बिखराव नही हो। कार्यक्रम संयोजक चन्दनसिंह भाटी ने बताया कि बेहतरीन सहयोग कर युवाओं की सेवा भावना की हौसला अफजाई की थी जिसके कारण युवाओं का जोश ब़ा है। युवा दुगने जोश के साथ दूसरे चरण की सफलता के लिए जुट गए है। कार्यक्रम सह संयोजक रघुवीरसिंह तामलोर, प्रवक्ता विजय कुमार, कार्यक्रम प्रभारी रिड़मलसिंह दांता, सुरतानसिह रेडाणा, अनिल सुखाणी, प्रवीण बोथरा, इन्द्र प्रकाश पुरोहित, पूरसिंह राठौड़ जिला प्रशासन को सहयोग के लिए आभार जताया।

विश्नोई समाज के युवा बिर्गेड के दर्जनों युवाओ ने किया सडको पर प्रदशन

विश्नोई समाज के युवा बिर्गेड के दर्जनों युवाओ ने किया सडको पर  प्रदशन 
 


बाड़मेर राजस्थान के बाड़मेर में शुक्रवार को आर्मी केम्प में बरामद चिकारा के शव के बाद आज विश्नोई समाज के युवा बिर्गेड के दर्जनों युवाओ ने बाड़मेर शहर में रेली निकालकर कई जगह नारेबाजी कर जिला कलेक्ट्रट के आगे जमकर नारेबाजी की और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की माग की है
राजस्थान के बाड़मेर वन विभाग की टीम ने शुक्रवार को सेना के कैंप से तीन चिंकारा के कटे सिर और मांस के अलावा चाकू व अन्य सामान जब्त कर लिया था । सेना की एक जिप्सी में भी चिंकारा के खून के निशान मिले थे अब इस मामले में बाड़मेर शहर में विशनोई समाज के युवाओ ने आरोपियों की गिरफ्तारी माग को लेकर रेली निकली और शहर के कई जगह प्रदशन किया और यह माग की जीव हत्या बंद करो के नारे लगाकर जिला कलेक्ट्रट पहचे विश्नोई युवा बिर्गेड के कार्यकर्ता प्रकाश विशनोई के अनुसार चिकारा से हमारे समाज की भावनाए जुडी हुई है अब घिनोना अपराध आर्मी के जवानों ने किया है और अभी शर्मनाक बात है हम लोग आरोपी सेना के जवानों के गिरफ्तारी की जल्द है माग करते है नहीं तो हम बड़ा आन्दोलन करगे
राजस्थान के बाड़मेर के निम्बला गाँव के पास युद्दभ्यास के लिए आये सैनिको द्वारा प्रतिबंधित एवं विलुप्त हो रहे चिंकारा हिरनों के शिकार करने के मामले में अब विश्नोई समाज के लोगो के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा हैं ! सलमान खान के द्वारा चिंकारा हिरनों के शिकार के बाद भी विश्नोई समाज सडको पर उतरा था जिसके बाद कार्यवाही की गई थी ! अब सेना के जवानो के ऊपर मुकदमा और सेना द्वारा कौर्ट ऑफ़ इन्क्वारी की कार्यवाही के बाद आम जन का विरोध भी सेना के खिलाफ बढ़ गया --