बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

’’आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी ’


राजस्थानी को मान्यता के लिए संघर्ष जारी
राजस्थान भाषा को मान्यता को लेकर मुहिम तेज, विचार गोष्ठी कागद
बाड़मेर। राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार, राजस्थान साहित्य अकादमी से सम्मानित ओम पुरोहित ने कहा कि राजस्थान की क्षेत्रीय भाषाओं रूपी मोतियो की राजस्थानी रूपी माला में पिरोकर इस मायड भाषा को संविधान की आठवी सूची में शामिल करने तथा मान्यता मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होने कहा कि हर राजस्थानी अपनी मां के आंचल से राजस्थानी भाषा ही सीखता हैं। वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित ग्रुप फोर पिपुल्स एवं कृष्णा संस्था बाड़मेर के तत्वाधान में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय महावीर नगर में मंगलवार को आयोजित राजस्थानी भाषा को मान्यता को लेकर आपणो राजस्थान आपणी राजस्थान विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि राजस्थान में प्राथमिक शिक्षा स्तर से ही विद्यालय में राजस्थानी भाषा अनिवार्य करनी चाहिए। उन्होने कहा कि देश के अन्य प्रांतो में क्षेत्रीय भाषा की अनिवार्यता सरकारी नौकरियों में की गई हैं। जब तक राजस्थान में भी सरकार सरकारी नौकरियों मे राजस्थानी भाषा की अनिवार्यता लागू नही करेगी तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होने कहा कि हिन्दी भाषा की उत्पति राजस्थानी से हुई हैं। इस बात का खुलासा विख्यात कवि नामवर ने भी किया। उन्होने बाड़मेर की जनता से आव्हान किया कि राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए जन जागरण का शंखनाद करे। वरिष्ठ साहित्यकार मोहन प्रकाश शर्मा ने कहा कि मायड भाषा कहलाने वाली राजस्थानी अपनो के बीच अनजानी हो गई हैं। अपनी मायड भाषा जन जन की भाषा होने के बावजुद आठवी सूची में शामिल ना करना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। साहित्यकार एवं ए.डी.पी.सी प्रेम प्रकाश व्यास ने कहा कि प्रदेश भर के साहित्य कार, पत्रकार, लेखक एक स्वर मे मायड भाषा को मान्यता दिलाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। इस अवसर पर पार्षद सुरतानसिंह देवडा ने कहा कि राजस्थानी भाषा का मान्यता दिलाने के लिए बाड़मेर की जनता पूरा सहयोग करेगी। विचार गोष्ठी को चंदन सिंह भाटी, हरपालसिंह राव, राजेश जोशी, ताराचंद शर्मा, डॉ. रामेश्वरी चौधरी, भागीरथ विश्नोई, विजय माथुर आदि ने भी संबोधित किया।

हस्ताक्षर अभियान गुरूवार को...राजस्थानी भाषा को आठवी सूची में शामिल कर मान्यता दिलाने के लिए कृष्णा संस्था तथा ग्रुप फोर पीपुल्स गुरूवार को वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित कागद के नेतृत्व में हस्ताक्षर अभियान आरम्भ करेगी। संस्था अध्यक्ष रिडमल सिंह दांता ने बताया कि मायड भाषा के प्रति आमजन को जागरूक करने तथा राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के उद्देश्य से कलेक्टट परिसर के बाहर ’’आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी ’’ को मान्यता दो विषय बैनर पर हस्ताक्षर अभियान आरम्भ किया जाएगा। उन्होने बताया कि जिले भर के निवासी इस वैनर पर हस्ताक्षर कर राजस्थानी भाषा कों मान्यता संबंधित संघर्ष को मजबूत करे। वरिष्ठ साहित्य पर ओम पुरोहित कागद ने जिले के निवासियों से आह्वान किया हैं कि मायड भाषा के प्रति अपना फर्ज अदा करे और हस्ताक्षर अभियान को पूर्ण समर्थन दे। हस्ताक्षर अभियान प्रातः दस बजे से शाम छः बजे तक चलेगा।

रविवार, 13 फ़रवरी 2011

थार की प्रेम कहानी कोटड़ा के किले से निकली बाघा भारमली प्रेम कहानी






थार की प्रेम कहानी


कोटड़ा के किले से निकली बाघा भारमली प्रेम कहानी


बाडमेर प्रेम की कथा अकथ है, अनिवर्चनीय है। फिर भी प्रेम कथा विविध प्रकार से कही जाती है, कही जाती थी और की जाएगी। मरुप्रदो की प्रेम गांथाएं मूमल महेन्द्रा, ढोला मारु तथा बाघा भारमली प्रेम का जीवंत उदाहरण है॥ प्रेम भावत और जीवन नियन्तता है। प्रेम एक व्यवस्थित एवं स्थिर मनोदा है। जब एक व्यक्ति का आकशर्ण दूसरे व्यक्ति पर इतना प्रबल हो कि उसकी प्राप्ति, उसका सानिध्य, उसकी रक्षा और उसकी प्रसन्नता में ही सुख की अनुभूति होने लगे तब उस मनोवृति को प्रेम का नाम दिया जाता है। मानव मन की सबसे सुन्दर दुर्बलता प्रेम है।


थार के इस समुन्द्र में कई प्रेम गाथाओं ने जन्म लिया होगा। मगर बाघा भारमली की प्रेम कथा राजस्थान के लोक साहित्यिक के अन्तर्गत अपना विश्ट स्थान रखती है। समाज और परम्पराओं के विपरित बाघा भारमली की प्रेम कथा बाड़मेर के कणकण में समाई है। इस प्रेम कथा को रुठी रानी में अवय विस्तार मिला है। मगर स्थानीय तौर पर यह प्रेम कथा साहित्यकारो द्वारा अपेक्षित हुई है। किन्तु चारण कवियों ने अपने ग्रन्थो में इस प्रेम कथा का उल्लेख अवय किया है। कोटड़ा के किले से जो प्रेम कहानी निकली वह बाघा भारमली के नाम से अमर हुई।


मारवाड़ के पिचमी अंचल बाड़मेरजैसलमेर से सम्बन्धित यह प्रणय वृतान्त आज भी यहां की सांस्कृतिक परम्परा एवं लोकमानस में जीवन्त है।


उपर्युक्त प्रेमगाथा का नायक बाघजी राठौड़ बाड़मेर जिलान्तर्गत कोटड़ा ग्राम का था। उसका व्यक्तित्व शूरवीरता तथा दानाशीलता से विशेश सम्पन्न था। जैसलमेर के भाटियों के साथ उसके कुल का वैवाहिक संबंध होने के कारण वह उनका समधी (गनायत) था।


कथानायिक भारमली जैसलमेर के रावल लूणकरण की पुत्री उमादे की दासी थी। 1536 ई में उमा दे का जोधपुर के राव मालदेव (153162ई) से विवाह होने पर भारमली उमा दे के साथ ही जोधपुर आ गई। वह रुपलावण्य तथा भारीरिकसौश्ठव में अप्सरावत अद्वितीय थी।


विवाहोपरान्त मधुयामिनी के अवसर पर राव मालदेव को उमा दे रंगमहल में पधारने का अर्ज करने हेतु गई दासी भारमली के अप्रतीत सौंदर्य पर मुग्ध होकर मदस्त राव जी रंगमहल में जाना बिसरा भारमली के यौवन में ही रम गये। इससे राव मालदेव और रानी उमा दे में ॔॔रार॔॔ ठन गई, रानी रावजी से रुठ गई। यह रुठनरार जीवनपर्यन्त रही, जिससे उमा दे ॔॔रुठी रानी॔॔ के नाम से प्रसिद्व हुई।


राव मालदेव के भारमली में रत होकर रानी उमा दे के साथ हुए विवासघात से रुश्ट उसके पीहर वालो ने अपनी राजकुमारी का वैवाहिक जीवन निर्द्वन्द्व बनाने हेतु अपने यौद्वा ॔॔गनायत॔॔ बाघजी को भारमली का अपहरण करने के लिए उकसाया। बाघजी भारमली के अनुपम रुपयौवन से माहित हो उसे अपहरण कर कोटड़ा ले आया एवं उसके प्रति स्वंय को हार बैठा। भारमली भी उसके बल पौरुश हार्द्विक अनुसार के प्रति समर्पित हो गई। जिससे दोनो की प्रणयवल्लरी प्रीतिरस से नियप्रति सिंचित होकर प्रफुल्ल और कुसुमितसुरभित होने लगी। इस घटना से क्षुब्ध राव मालदेव द्वारा कविराज आसानन्द को बाघाजी को समझा बुझा कर भारमली को लौटा लाने हेतु भेजा गया। आसानन्द के कोटड़ा पहुॅचने पर बाघ जी तथा भारमली ने उनका इतना आदरसत्कार किया कि वे अपने आगमन का उद्देय भूल अत्यंत होकर वही रहने लगे। उसकी सेवासुश्रूशा एवं हार्दिक विनयभाव से अभिभूत आसाजी का मन लौटने की सोचता ही नही था। उनके भाव विभोर चित्त से प्रेमीयुगल की हृदयकांक्षा कुछ इस प्रकार मुखरित हो उठी


जहं तरवर मोरिया, जहं सरवर तहं हंस।


जहं बाघो तहं भारमली, जहं दारु तहं मंस॥


तत्पचात आसान्नद बाघजी के पास ही रहे। इस प्रकार बाघभारमली का प्रेम वृतान्त प्रणय प्रवाह से आप्यायित होता रहा। बाघजी के निधन पर कवि ने अपना प्रेम तथा भाौक ऐसे अभिव्यक्त किया


ठौड़ ठौड़ पग दौड़, करसां पेट ज कारणै।


रातदिवस राठौड़, बिसरसी नही बाघनै॥

fakira khan...traditional folk manganiyar singer

BARMER NEWS TRACK: barmer news

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मांजू हत्याकांड: एक और आरोपी गिरफ्तार

मांजू हत्याकांड: एक और आरोपी गिरफ्तार


बाड़मेर. बाड़मेर में गत 31 दिसंबर की रात जोधपुर निवासी दिनेश मांजू की हत्या के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस बहुचर्चित हत्याकांड की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया यह आरोपी जैसलमेर जेल में पहले से ही हत्या के पुराने प्रकरण में सजा काट रहा था।



शुक्रवार को पुलिस उसे जैसलमेर से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर बाड़मेर पहुंची। उल्लेखनीय है कि मांजू हत्याकांड में वांछित आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बाड़मेर पुलिस ने सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा की है। पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली ने बताया कि जोधपुर के सूंथला निवासी दिनेश मांजू की हत्या की साजिश रचने में शामिल आरोपी जैसलमेर के ऊजला निवासी इन्द्रदान उर्फ इन्द्रजीत को गिरफ्तार कर बाड़मेर लाया गया है।

इस प्रकरण में वारदात को अंजाम देने से पहले रची गई साजिश में इन्द्रजीत भी शामिल था। उसने ही हत्या के आरोपियों को हथियार उपलब्ध करवाए थे। शनिवार को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। पुलिस इस प्रकरण में अब तक सात में से एक नामजद आरोपी कालूपुरी को ही गिरफ्तार कर पाई है। वहीं, बाद में पुलिस जांच में जोड़े गए आरोपियों में गोविंदसिंह गिरफ्तार हो चुका है।

जेल से बाहर आकर रची थी साजिश: दिनेश मांजू की हत्या करने की साजिश जैसलमेर में रची गई थी। इसके लिए जैसलमेर की खुली जेल में सजा काट रहे आरोपी इन्द्रजीत ने जेल से बाहर आकर आरोपियों के साथ पार्टी मनाई। इसी पार्टी में दिनेश मांजू को पकड़ने और उसे ठिकाने लगाने की साजिश रची गई। इतना ही नहीं, इन्द्रजीत ने आरोपियों के लिए हथियारांे का बंदोबस्त भी करवाया। इसके बाद ही आरोपी जैसलमेर से बाड़मेर पहुंचे और वारदात को अंजाम दिया।

पुलिस हारी तो आई इनाम की बारी: मांजू की हत्या के लगभग डेढ़ माह बाद भी पुलिस मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है। हर तरफ हाथ-पांव मारने के बाद भी पुलिस को कोई खास सफलता नहीं मिली। जोधपुर रेंज के कई थानों में वांछित तस्कर श्रवण बाबल लगातार पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा है। पूरी रेंज के हजारों पुलिसकर्मी व अधिकारियों की फौज चंद आरोपियों को पकड़ नहीं पा रही है। संभवत: यही वजह है कि इतने दिनों बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़वाने में मदद करने वाले को दो हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की है।

अमीन खां के खिलाफ परिवाद दाखिल


बाड़मेर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील पर अशोभनीय टिप्पणी के मामले में शिव विधायक एवं पूर्व मंत्री अमीन खां की मुश्किलें फिलहाल कम नहीं हो रही। उनके खिलाफ अब जोधपुर की एक अदालत में परिवाद दायर हो गया है। पूर्व पार्षद त्रिभुवनसिंह भाटी की ओर से दाखिल परिवाद में अमीन खां पर राष्ट्रपति सरीखे सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान करने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को आघात पहुंचाने का आरोप है।


उनके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 124, 153-बी, 500, 501, 503 व 509 के अन्तर्गत परिवाद पेश किया गया है। इसमें राष्ट्रपति के महिला होने के कारण भारतीय दण्ड संहिता की धारा 509 (महिलाओं के अनादर से सम्बन्घित धारा) का इस्तेमाल हुआ है। अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-3 महानगर की अदालत में दाखिल किए गए परिवाद पर 17 फरवरी को प्रारंभिक सुनवाई होगी।


पत्नी व प्रेमी के खिलाफ युवक की हत्या का मामला


बाड़मेर तेलवाड़ा गांव मे एक युवक की संदिग्ध अवस्था मे मौत के मामले को लेकर उसके पिता ने पुत्रवधु व उसके प्रेमी के खिलाफ सिवाना थाने में हत्या का मामला दर्ज करवाया है। मृतक के गले पर चोट के निशान तथा परिजनों के संदेह को देखते हुए पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाया।




सिवाना थाना प्रभारी रामवीरसिंह जाखड़ के अनुसार वगताराम पुत्र जोगाराम निवासी पाणवा जालोर ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसके पुत्र सुजाराम (22) को उसकी पत्नी हवली ने अपने प्रेमी दूदिया पुत्र भीमाराम निवासी तेलवाड़ा के साथ मिलकर गला घोटकर हत्या कर दी है। पुलिस ने भादंसं की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया। उधर इस मामले को लेकर शुक्रवार दोपहर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामसिंह मीणा, पुलिस उप अधीक्षक बालोतरा रामेश्वरलाल मेघवाल ने भी घटना स्थल का मौका मुआयना किया।





जैसलमेरपाकिस्तानी नागरिक को उसके पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र


पाकिस्तानी नागरिक को उसके पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र
जैसलमेर भारत में बसने के लिए पत्नी के साथ यहां आए पाकिस्तानी नागरिक को उसके पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र तक दे दिया गया। यह मेहरबानी जैसलमेर में प्रशासन गांवों के संग शिविर के दौरान उसके पिता की मृत्यु के तीस साल बाद हुई है। ग्राम पंचायत ने भी प्रमाणित दस्तावेजों के बगैर ही प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इसका खुलासा सीआईडी (इंटलिजेन्स) की गुप्त जांच रिपोर्ट में हुआ है।
 पाकिस्तान में सिंध प्रांत के जिला गोटकी स्थित धारकी निवासी अली अकबर मेहर ने अपने स्थाई आवास के आवेदन के साथ उसके पिता राणे खां की मृत्यु का प्रमाण पत्र भी पेश किया। इसमें राणे खां की मृत्यु जून 1980 में होना दर्शाया गया। यह मृत्यु प्रमाण-पत्र गत 13 दिसम्बर 10 को प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरानजैसलमेर  की पंचायत समिति सम के कुण्डा पंचायत की ओर से जारी किया गया।
प्रमाणित दस्तावेज नहीं
मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नियमानुसार मतदाता सूची, वोटर कार्ड, जमाबंदी, राशन कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण-पत्र होना जरूरी है। प्रमाण-पत्र बनाने के आवेदन के साथ इनमें से एक भी दस्तावेज नहीं पेश किया गया। इससे खुफिया एजेन्सी को प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर संदेह हो रहा है।
सिर्फ शपथ पत्र ही आधार
शिविर में पेश किया गया आवेदन भी जन्म प्रमाण पत्र प्रारूप में पेश किया गया। इसमें उसने बताया कि उसके पुत्र राणे खां की 5 जून 1980 को मृत्यु हो गई थी। एक अघिवक्ता ने इसे प्रमाणित किया। तहसीलदार जब्बरसिंह के आदेश पर ग्राम सेवक ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। जबकि खुफिया जांच में कहीं भी राणे खां की भारत में मृत्यु होना प्रमाणित नहीं हो रहा है।

मोहब्बत का जुनून बाड़मेर


मोहब्बत का जुनून
बाड़मेर  मोहब्बत का जुनून श्रवण पर इस कदर सवार हुआ कि उसने बचपन की दोस्त अन्य समाज की लड़की से शादी रचा डाली। लव मेरिज के कुछ दिन बाद ही श्रवण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में न्यायालय में दोनों पक्षों के बयानों के बाद पुलिस ने एफआर लगा दी। लेकिन श्रवण ने अपनी प्रेयसी को पाने का प्रयास किया तो समाज की ओर से उसके परिवार को गांव से बदर कर दिया गया। श्रवण ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर नार्को टेस्ट करवाने की मांग की है। शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में श्रवण ने बताया कि वह रानीदेशीपुरा निवासी है। इसी गांव की उसकी बचपन की दोस्त लड़की से उसे मोहब्बत हो गई। इसके बाद दोनों ने रजामंदी से वापी गुजरात में जाकर कोर्ट में शादी रचाई। जहां पर दस दिन तक दोनों साथ रहे। इधर, लड़की के परिवार की ओर से पुलिस थाना समदड़ी में श्रवण के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करवाने पर राजस्थान पुलिस उसे गुजरात से पकड़कर ले आई। जहां 6 नवंबर को एससीजेएम बालोतरा में दोनों के बयान हुए। इसके बाद लड़की के पिता ने 17 नवंबर को लूणी क्षेत्र के जूनाड़ा निवासी धनाराम के साथ उसकी शादी कर दी। 

श्रवण की ओर से इस शादी पर आपत्ति जताने पर लड़की वालों के समाज के लोगों की ओर से झूठे मामले दर्ज करवाने के साथ उसे प्रताडि़त करने के साथ ही उसके पूरे परिवार को गांव बदर कर दिया।
 

श्रवण ने जिला पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच करवाने के साथ ही दोनों का नार्कोटेस्ट करवाने की मांग की है।



शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011

मरु महोत्सव16 से 18 फरवरी







मरु महोत्सव16 से 18 फरवरी तक
जैसलमेर। जैसलमेर में पर्यटन विभाग एवं जिला प्रषासन के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 16 से 18 फरवरी तक आयोजित होने वाले मरु महोत्सव को लेकर इन दिनों व्यापक तैयारियां जारी हैं। 
पर्यटन स्वागत केन्द्र के सहायक निदेशक विकास पण्ड्या ने बताया कि तीन दिवसीय मरु महोत्सव के समारोहों की श्रृंखला में प्रथम दिवस 16 फरवरी को गडसीसर से शहीद पूनमसिंह स्टेडियम तक भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इसमें सीमा सुरक्षा बल के सजे धजे ऊँट, मरुश्री व मूंछ प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतियोगी शरीक होंगे। सिर पर मंगल कलष धारण किये हुए स्कूली छात्राएँ इसमें शामिल होंगी। मूमल महेन्द्रा की सजी हुई झांकियों के साथ ही पर्यटन विभाग द्वारा आमंत्रित कलाकारों के समूह अपनी कला का प्रदर्षन करते हुए शामिल होंगे।
 
शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में मरु समारोह उद्घाटन के साथ ही श्रीमती किषनी देवी मगनीराम मोहता राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, जैसलमेर की बालिकाओं द्वारा घूमर नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा। उसके बाद मूमल महेन्द्रा, साफा बाँध, मिस मूमल, मिस्टर डेजर्ट व मूँछ प्रतियागिताएँ विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
 
शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में शाम को उत्तर मध्य क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र, इलाहाबाद के 105 कलाकारों द्वारा ’सप्तरंग’ कार्यऋम प्रस्तुत किया जाएगा। इनमें देश के विभिन्न हिस्सों से मशहूर कलाकार अपना फन दिखाएंगे।
 
तीन दिवसीय मरु महोत्सव के दूसरे दिन 17 फरवरी को सुबह देदानसर मैदान में ऊँट श्रृंगार, शान ए मरुधर, रस्सा कस्सी, पणिहारी मटका रेस, केमल पोलो मैच की प्रतियोगिताएँ होंगी। इनके साथ ही भारतीय वायुसेना दल के सदस्यों द्वारा पैराड्रोपिंग शो का प्रदर्षन किया जायेगा।
 
शाम को शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा ऊँटों के विभिन्न करतबों (केमल टेटू शो) का आयोजन किया जायेगा। इनमें राजस्थान व गुजरात के विख्यात कलाकारों द्वारा लोक नृत्य व गायन कार्यऋमों का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा।
 
तीन दिवसीय मरु महोत्सव तीसरे व अन्तिम दिन 18 फरवरी को सम सेण्ड ड्युन्स पर ऊँट दौड प्रतियोगिता का आयोजन तथा भारतीय वायु सेना के जांबाजों द्वारा पैराड्रोपिंग शो का प्रदर्षन किया जायेगा। इसके बाद राजस्थान के विख्यात कलाकारों द्वारा लोक गायन व नृत्य कार्यऋम प्रस्तुत किया जायेगा। भव्य आतिषबाजी के साथ ही मरु महोत्सव का समापन हो जाएगा।
 
जैसलमेर का तीन दिवसीय मरु महोत्सव अन्तर्राष्ट्रीय पहचान रखता है और इसमें बडी संख्या में देशी विदेशी मेहमानों का पर्यटन कुंभ जुटता है।

बुधवार, 9 फ़रवरी 2011

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील किसी जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के घर में रसोई बनाती थीं


राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील किसी जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के घर में रसोई बनाती थीं
. राजस्थान सरकार में पंचायत राजय मंत्री अमीन खान नें सारी मर्यादाओं को ना केवल ताक में रखा ,बल्कि क्षत्रिय समाज पर अगंली उठाई,ऐसे मंत्री को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं,मंत्री के इस बयान की कडी आलोचना होनी चाहिऐ,साथ ही मुख्यमंत्री आोक गहलोत को तत्काल ऐसे बडबोले मंत्री को हटा देना चाहिऐ

 देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील किसी जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के घर में रसोई बनाती थीं। इसी वफादारी के नतीजे में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें राष्ट्रपति बना दिया। यह चौंकाने वाला बयान राजस्‍थान के पंचायती राज और वक्फ राज्यमंत्री आमीन खां ने मंगलवार को दिया।