बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

बाड़मेर,जिला कलक्टर का आकस्मिक निरीक्षण,तीन षिक्षिकाएं निलंबित



बाड़मेर,जिला कलक्टर का आकस्मिक निरीक्षण,तीन षिक्षिकाएं निलंबित

बाड़मेर,28 अक्टूबर। जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बुधवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय लालाणियांे की ढाणी मंे आकस्मिक निरीक्षण के दौरान अनियमितताएं पाए जाने एवं दो शिक्षिकाआंे के उपस्थित नहीं पाए जाने पर प्रधानाध्यापिका समेत तीन शिक्षिकाआंे को निलंबित करने के आदेश दिए। इस विद्यालय मंे आकस्मिक निरीक्षण के दौरान विगत 15 जुलाई से लगातार एक भी विद्यार्थी उपस्थित नहीं होने का खुलासा हुआ।

जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि बुधवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय लालाणियांे की ढाणी का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान यहां कार्यरत प्रधानाध्यापिका श्रीमती सविता शर्मा उपस्थित थी। जबकि दो अन्य अध्यापिकाएं श्रीमती बाबू चैधरी एवं श्रीमती प्रेमलता अनुपस्थित मिली। अध्यापिका श्रीमती बाबू चैधरी के उपस्थिति रजिस्टर के कालम मंे 27 एवं 28 अक्टूबर की सीएल अंकित मिली। लेकिन सीएल का आवेदन पत्र प्रस्तुत किया हुआ नहीं पाया गया। इसी तरह अध्यापिका श्रीमती प्रेमलता के उपस्थिति रजिस्टर मंे 28 अक्टूबर के मध्यान्ह पूर्व की उपस्थिति दर्ज की हुई थी। उनके विद्यालय मंे अनुपस्थित होने के साथ उनके प्रस्थान संबंधित कोई अनुमति अथवा मुवमेट रजिस्टर मंे प्रविष्टि नहीं पाई गई। जिला कलक्टर शर्मा ने बताया कि आकस्मिक निरीक्षण के दौरान पता चला कि इस विद्यालय मंे तीन शिक्षिकाएं कार्यरत है। परंतु जुलाई 2015 से लगातार एक भी बच्चा एक भी उपस्थित नहीं होना पाया गया। यहां नामांकित बालक-बालिकाआंे के बारे मंे जानकारी करने पर यह तथ्य सामने आया कि इनमंे से तीन बच्चे पंजाब मंे रहते है और चार बच्चे प्राइवेट विद्यालयांे मंे अध्ययनरत है। जिनका गलत रूप से विद्यालय मंे नामांकन किया हुआ है। अध्यापिकाएं मात्र शहर मंे रहकर बिना किसी काम के वेतन उठा रही है।

जिला कलक्टर ने बताया कि जब मिड डे मील की जांच की गई तो यह पाया कि जुलार्ठ 2015 से 96.1 किलोग्राम गेहूं एवं 65.9 किलोग्राम चावल स्टाक मंे दर्ज था। इसके बाद बिना बच्चांे की उपस्थिति के ही 50 किलोग्राम गेहूं माह अगस्त 2015 की 20 तारीख को प्राप्त किया। स्टाक की जांच करने पर यह तथ्य उजागर हुआ कि गेहूं पूर्णतया सड़ चुका है और चावल मंे इल्लियां पड़ चुकी है। लेकिन इसके बावजूद भी 50 किलोग्राम गेहूं बिना किसी आवश्यकता के प्राप्त किया गया। स्कूल मंे निर्मित शौचालयांे की स्थिति देखने पर इनमंे पूर्णतया गदंगी मिली। एक आधुनिक किस्म के शौचालय के क्रू के उपर के पार्टस गायब होने के साथ दरवाजे भी टूटकर नीचे गिरे हुए मिले। साथ ही वाशबेसिन मंे टूटियां उखड़ी हुई थी। इस बारे मंे विद्यालय संचालिका संतोषजनक जबाव नहीं दे पाई। जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने इन तीनांे शिक्षिकाआंे को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा को दिए। साथ ही प्रकरण की विस्तृत जांच कर दोषी अधिकारियांे एवं अध्यापिकाआंे की जिम्मेदारी तय करते हुए जांच रिपोर्ट आगामी 15 दिवस मंे प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है।

प्रसिद्ध पशु मेला पुष्कर 12 नवम्बर से, कार्तिक पंचतीर्थ स्नान 22 नवम्बर से



प्रसिद्ध पशु मेला पुष्कर 12 नवम्बर से, कार्तिक पंचतीर्थ स्नान 22 नवम्बर से

यात्रियों, पर्यटकों, पशुपालकों, पशुओं के लिए व्यापक इंतजाम होंगे

प्रभारी मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने ली सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक


अजमेर 28 अक्टूबर। अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेला इस बार दीपावली के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ला प्रथमा 12 नवम्बर से प्रारम्भ हो जाएगा जो कार्तिक पूर्णिमा 25 नवम्बर के पश्चात दो दिन और 27 नवम्बर तक चलेगा। राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर पशु मेला पुष्कर को कार्तिक शुक्ला प्रथमा से प्रारम्भ करने के आदेश जारी किए हैं। अजमेर जिले के प्रभारी एवं राज्य के शिक्षा मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने विश्व प्रसिद्ध इस पुष्कर मेले में देश विदेश से आने वाले यात्रियों, पर्यटकों, पशुपालकों व पशुओं के लिए व्यापक स्तर पर इंतजाम करने के निर्देश सभी विभागों के अधिकारियों को देते हुए कहा कि इसमें बजट की कोई कमी नही आएगी। वे स्वयं अपने स्तर पर भी अन्य विभागों से चर्चा करेंगे।

प्रभारी मंत्राी प्रो. देवनानी ने कलेक्ट्रेट के समिति कक्ष में आयोजित बैठक में कहा कि पुष्कर और अजमेर दो महान तीर्थ है। दुनियां के हर कोने से श्रद्धालु यहां आते हैं। इनके लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं करना हमारी जिम्मेदारी है जिससे इनको लगे कि पवित्रा तीर्थ स्थल पुष्कर में आकर उन्हें प्रसन्नता हुई है। उन्होंने विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरते और न ही किसी प्रकार की कटोति करंे। सभी व्यवस्थाएं 13 नवम्बर तक पूरी हो जाए। 15 नवम्बर को वे स्वयं पुष्कर के विधायक श्री सुरेश सिंह रावत के साथ इसका अवलोकन करेंगे।

प्रभारी मंत्राी ने पुष्कर के विधायक श्री सुरेश सिंह रावत के साथ ली अधिकारियों की बैठक में नगर पालिका, पुष्कर के अधिशाषी अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि पुष्कर मेले के दौरान सरोवर के सभी 52 घाटों की 24 घण्टे चार पारियों में सफाई हा,े यात्रियों को किसी भी प्रकार की गंदगी व अन्य समस्या नही हो।

प्रभारी मंत्राी प्रो. देवनानी ने यह भी कहा कि अजमेर की तर्ज पर पुष्कर में भी विश्राम स्थली का निर्माण आगामी वर्षों में किया जाना चाहिए, जिससे बाहर से आने वाले यात्रियों को यहां ठहरने में किसी प्रकार की दिक्कत नही हो। उन्होंने मेले के दौरान नियमित पेयजल वितरण, बिना व्यवधान के विद्युत वितरण, यात्रियों के आवागमन के पर्याप्त रोडवेज बसंे, सस्ती दर पर भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए पुष्कर शहर के बाजार व गलियों में नीचे लटक रहे तारों को तत्काल ठीक करने, आवारा पशुओं को गऊशाला में रखने, पुष्कर घाटी की सड़क व दीवारों की मरम्मत जल्दी पूरी करने, सरोवर के घाटों की सफेदी व रंगाई कराने, सड़कों की टूट-फूट दुरस्त कराने, ब्रम्हा मंदिर के पीछे पुष्कर को खरेकड़ी मार्ग से जोड़ने के लिए निर्माणधीन पुलिया का कार्य दीपावली से पूर्व पूरा करने के निर्देश सभी विभागों को दिए। मेले के दौरान विभिन्न स्थानों पर 8 डिस्पेन्सरी लगाकर 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, विभिन्न स्थानों पर 5 एम्बुलैस रखने व एक मोबाईल डिस्पेन्सरी की सुविधा उपलब्ध कराने को भी कहा।




शिक्षा राज्य मंत्राी एवं पुष्कर के विधायक श्री सुरेश सिंह रावत ने पशु पालन विभाग को निर्देश दिए कि मेले में आने वाले सभी लोगों को राज्य व भारत सरकार की योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए लगायी जाने वाली विकास प्रदर्शनी को निशुल्क विद्युत व टेंट की व्यवस्था उपलब्ध कराएं।

बैठक में विधायक श्री सुरेश सिंह रावत ने भी सफाई, बिजली व सुरक्षा व्यवस्थाओं के संबंध में विभिन्न सुझाव दिए और कहा कि पुष्कर दर्शन प्रदर्शनी पहली बार मेले में नगर पालिका के सहयोग से लगायी जाएगी।

बैठक में पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष श्री कमल पाठक ने मेले के दौरान नगर पालिका द्वारा किए जाने वाले इंतजामों के बारे में बताया और विश्वास दिलाया कि नगर पालिका मेले में आने वाले मेहमानों के लिए कोई कोर कसर नहीं छोडेगी।

बैठक में अतिरिक्त कलक्टर सर्वश्री किशोर कुमार, हरफूल सिंह यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, पुष्कर मेला मजिस्ट्रेट श्री हीरालाल मीणा, जिला रसद अधिकारी श्री सुरेश सिंधी सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे। पंचायत समिति पीसांगन के प्रधान श्री दिलीप पचार ने भी मेले की व्यवस्थाओं के संबंध में सुझाव दिए।

पशु पालन विभाग के संयुक्त निदेशक एवं मेला अधिकारी डाॅ. वीरेन्द्र गांधी ने पशु मेला पुष्कर में विभाग द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में बताया।




पुष्कर मेले में मीडिया सेन्टर लगेगा

अजमेर 28 अक्टूबर। शिक्षा राज्य मंत्राी एवं अजमेर जिले के प्रभारी मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी तथा पुष्कर के विधायक श्री सुरेश सिंह रावत ने सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के संयुक्त निदेशक श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी के सुझाव पर पुष्कर के विकास प्रदर्शनी स्थल की एक स्टाॅल को मीडिया सेन्टर के रूप में तैयार करने के निर्देश पशु पालन विभाग को दिए । पुष्कर एवं बाहर से आने वाले मीडिया प्रतिनिधि यहां बैठकर अपने लैपटाॅप आदि से समाचार व फोटो का प्रेषण कर सकेंगे।

अत्यधिक उत्पादन और उपभोग पर्यावरण के लिए घातक- प्रो. देवनानी



अत्यधिक उत्पादन और उपभोग पर्यावरण के लिए घातक- प्रो. देवनानी

राजकीय महाविद्यालय में त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन


अजमेर 28 अक्टूबर। जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो.वासुदेव देवनानी ने कहा कि आज पूरे विश्व में प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उत्पादन और असीमित उपभोग की मानसिकता बढ़ती जा रही है। जनसंख्या के बढ़ने के साथ-साथ लोगों में अत्यधिक उपभोग और उत्पादकों में अत्यधिक उत्पादन की होड़ मची है। इससे प्रकृति के संतुलन में बदलाव आया है। यह दोहन घातक है। हमें पर्यावरण और अपनी संस्कृति के बचाव के लिए उत्पादन और उपभोग पर अंकुश लगाना होगा। हम यह बात भी सोचें कि हम अपनी भावी पीढ़ी को क्या देकर जा रहे हैं।

शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी आज सम्राट पृथ्वीराज चैहान राजकीय महाविद्यालय में भूगोल विभाग एवं राजस्थान भूगोल परिषद् के संयुक्त तत्वावधान मंे आयोजित त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आमजन का शहरों की ओर पलायन से गाँव कम हो रहे हैं। शहरों में कंक्रीट के जंगल बन रहे हंै। ये कंक्रीट के जंगल ही पर्यावरण के लिए सबसे घातक हैं। हमें अपने विकास के साथ-साथ पर्यावरण के विकास की ओर भी ध्यान देना चाहिए। हमंे स्व से आगे बढ़कर प्रकृति की और भी बढ़ना चाहिये। विकास की दर को पर्यावरण की अनुकूलता के आधार पर निर्धारित करना चाहिये।

प्रो. देवनानी ने कहा कि पुरातन मूल्यों, संस्कृति और ज्ञान के क्षेत्रा में व्यापक शोध को आगे बढ़ाएं। केवल अनुकरण से ही हम सफल नहीं हो सकते है। अनुकरण से ही भारत विश्व गुरू नहीं बन सकता है। हमें अपने शोध के दायरे को वेदों और प्राचीन भारतीय संस्कृति से जोड़कर आगे बढ़ाना होगा। आधुनिक बनने की होड़ में हम पर्यावरण को भूलते जा रहे हैं। हम भारत माता की जय का नारा लगाते हैं, यह सिर्फ नारा नहीं बल्कि एक संकल्प है। यह देश के विकास और स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत के प्रति हमारा उद्घोष है।

समापन समारोह के प्रांरम्भ मंे अतिथियों के स्वागत के पश्चात् आयोजन सह सचिव डाॅ. कीर्ति चैधरी ने संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि लगभग 210 शोध पत्रा प्रस्तुत हुए हैं। संगोष्ठी में प्रतिभागियों की ओर से डाॅ. एन. आर. दास (बडौ़दा), डाॅ. जगदीप सिंह (कालाडेरा) एवं प्रेमलता स्वर्णकार (उदयपुर) ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।

राजस्थान भूगोल परिषद् के महासचिव डाॅ. श्यामसुन्दर भट्ट ने प्रथम अधिवेशन से पचासवें आधिवेशन तक की रिपोर्ट प्रस्तुत की और इस अधिवेशन का सूत्रा प्रसारित किया कि विकास की गति मंे पर्यावरण के प्रति सचेत अवश्य रहें।

इस अवसर संगोष्ठी में सम्मिलित दो युवा भूगोलविदों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया। प्रथम स्थान पर रेवाड़ी के डाॅ. जितेन्द्र कुमार और द्वितीय स्थान पर डाॅ. शमशाद (अलीगढ़) रहे जिन्हें शाॅल, स्मृति चिंह और 3100 रूपये का नकद पुरस्कार दिया गया। आयोजन सचिव डाॅ. मिलन कुमार यादव का भी शाॅल ओढ़ाकर एवं साफा पहनाकर सम्मान किया गया।

कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य डी. आर. मेहरोत्रा ने संगोष्ठी को ऐतिहासिक बतलाने हुए सभी के प्रति आभार ज्ञापित। कार्यक्रम के अन्त मंे राजस्थान भूगोल परिषद् की नवीन कार्यकारिणी घोषित की गई। जिसमें डाॅ. मिलन यादव को सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया।

इससे पूर्व प्रातः कालीन सत्रों मंे डाॅ. गोपीलाल महावर दौसा ने दौसा जिले में नगरीकरण का मानव जीवन पर प्रभाव एक भौगोलिक अध्ययन, डाॅ. संगीता झा (बड़ौदा) ने डिस्पेरिटी इन एज्यूकेशनल लेवल इन अरबन एण्ड रूरल बडोदरा, डाॅ. सुनील (रोहतक) ने इलैक्ट्रोन 2009, डाॅ. नेहा यादव, डाॅ. जगबीर, स्वाति यादव (मीरपुर) ने फीमेल फाटिसिट इन सदर्न हरियाणा ए सीरियस चैलेंज, डाॅ. मोनिका कानन (अजमेर) ने जियो पाॅलिटिकल आॅफ रैडिफ लाइन आॅन हयूमन लाइफ, डाॅ. जितेन्द्र परनानी सूरतगढ ने धार्मिक जनसंगठन, डाॅ. चान्द्रेय बैनजजी अलवर ने अरबन विस्टा आॅफ राजस्थान विषय पर अपने शोध पत्रा प्रस्तुत किये। सत्रा की अध्यक्षा डाॅ. साधना कोठारी (उदयपुर) रही और संयोजन डाॅ. जगबीर ने किया।

इसी क्रम के अगले सत्रा मंे डाॅ. सत्यानारायण नगर (जयपुर), सुश्री शीलू, राजेश कुमार, दिव्या विश्नोई (जयपुर), बरखा चपलोत (उदयपुर), मनोज कुमार सोयल (कोटा), देबाश्रेष्ठ चटर्जी (नई दिल्ली), फिरोज खान (अजमेर), डाॅ. मनु शर्मा (मैसूर), नाथूलाल गुर्जर (कालाडेरा), डाॅ. वेद प्रकाश मीणा (भरतपुर), प्रमोद पारीक (कोटा), डाॅ. अशोक कुमार (ब्यावर), डाॅ. प्रीति आदिवाल, डाॅ. प्रज्ञा टाॅक (अजमेर) आदि ने अपने शोध पत्रा प्रस्तुत किये। सत्रा की अध्यक्षता डाॅ. संगीता झा (बडौदा) ने की तथा संयोजन डाॅ. कुलदीप मलिक ने किया।

संचालन डाॅ. रेखा यादव और सरिता चावरियां और धन्यवाद ज्ञापित आयोजन सचिव डाॅ. मिलन कुमार यादव ने किया।

डाॅ. मिलन यादव बने अध्यक्ष

अजमेर 28 अक्टूबर। राजस्थान भूगोल परिषद् की साधारण सभा की बैठक आज सम्राट पृथ्वीराज चैहान राजकीय महाविद्यालय, अजमेर में सम्पन्न हुई। बैठक मंे राजस्थान तथा अन्य राज्य के गणमान्य भूगोलविद्ध उपस्थित थे। साधारण सभा की बैठक मंे सर्वसम्मति से राजकीय महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. मिलन कुमार यादव को 2015-16 के लिए राजस्थान भूगोल परिषद् का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। डाॅ. यादव कई अन्य अकादमिक कार्याें में भी सक्रिय हैं। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर में बोर्ड आॅफ स्टडीज के सदस्य है। इसके अतिरिक्त महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर में भी बोर्ड आॅफ स्टेडीज के सदस्य है। डाॅ. यादव राजस्थान भूगोल परिषद् के सबसे युवा अध्यक्ष है। उनकेे लगभग 15 राष्ट्रीय सम्मेलन में शोध पत्रा प्रकाशित हो चुके हैं।

बकाया मूल राशि जमा कराने पर जुड़ सकेंगे कटे हुए विद्युत कनेक्शन



बकाया मूल राशि जमा कराने पर जुड़ सकेंगे कटे हुए विद्युत कनेक्शन

-रियायती योजना की अवधि अब 31 दिसंबर 2015 तक

बाड़मेर, 28 अक्टूबर। हर घर बिजली डिस्काम आपके द्वार अभियान मंे आयोजित शिविरांे मंे घरेलू श्रेणी के विच्छेदित बिजली कनेक्शनांे को पुनः जोड़ने के लिए रियायती योजना की अवधि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2015 तक कर दी गई है। इसके तहत अब 31 दिसंबर 2013 से पूर्व विच्छेदित हुए कनेक्शनांे को बिना शुल्क एवं ब्याज के केवल मूल बकाया राशि जमा कराने पर पुनः विद्युत कनेक्शन जोड़ दिए जाएंगे।

विद्युत वितरण निगमांे के अध्यक्ष भास्कर ए.सांवत ने बताया कि इस रियायती योजना के तहत घरेलू श्रेणी के सभी उपभोक्ता जिनके बिजली कनेक्शन 31 दिसंबर 2013 से पूर्व विच्छेदित है और ऐसे उपभोक्ता यदि 31 दिसंबर 2015 तक पुनः कनेक्शन के लिए आवेदन कर संपूर्ण मूल बकाया राशि जमा करा देते हैं तो उनकी संपूर्ण विलंब शुल्क एवं ब्याज की राशि माफ कर दी जाएगी। उन्हांेने बताया कि इस योजना के तहत विलंब शुल्क एवं ब्याज की छूट देने के लिए संबंधित सहायक अभियंताआंे को अधिकृत किया गया है। उन्हांेने बताया कि 31 दिसंबर 2013 से पूर्व कटे घरेलू विद्युत कनेक्शन का विद्युत तंत्र उपलब्ध होने पर आरसीसी फीस लेकर किया जाएगा। वितरण तंत्र उपलब्ध नहीं होने की स्थिति मंे वितरण तंत्र विस्तार की राशि टीसीओएस मंे वर्णित प्रावधानांे के अनुसार राशि लेकर पुनः कनेक्शन कर दिया जाएगा। उन्हांेने बताया कि यह योजना बिजली चोरी या अनियमितता की राशि बकाया होने पर कटे हुए घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए लागू नहीं होगी।

किसको मिलेगा योजना का लाभः सभी घरेलू श्रेणी के ऐसे उपभोक्ता जिनके कनेक्शन 31 दिसंबर 2013 से पूर्व विच्छेदित है। साथ ही बकाया राशि के संबंध मंे कोर्ट मंे विचाराधीन केस वापिस लेने पर ही योजना का लाभ देय होगा।

बाड़मेर,तीन बंदियांे को पैरोल पर छोड़ने की अभिशंषा



बाड़मेर,तीन बंदियांे को पैरोल पर छोड़ने की अभिशंषा

बाड़मेर, 28 अक्टूबर। जिला पैरोल सलाहकार समिति की बुधवार को जिला मुख्यालय पर हुई बैठक के दौरान तीन बंदियांे को पैरोल पर छोड़ने के लिए अभिशंषा प्रदान की गई।

जिला पैरोल सलाहकार समिति की बैठक मंे जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा, पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख, जिला कारागृह के उप अधीक्षक चेनसिंह महेचा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक संजय सांवलानी के समक्ष तीन दिन बंदियांे को पैरोल पर छोड़ने के आवेदनांे पर विचार विमर्श किया गया। इस दौरान जोगाराम पुत्र रूपाराम निवासी खलवाना नाडा, विशनाराम पुत्र ढलाराम निवासी बिदरलाई तथा भंवरलाल को पैरोल पर छोड़ने की अभिशंषा की गई। इनको क्रमशः 30, 20 एवं 15 दिन के पैरोल पर छोड़ने की अभिशंषा की गई है।

बाड़मेर, लंबित प्रकरणांे के निस्तारण के लिए प्रभावी पैरवी करेंः शर्मा



बाड़मेर, लंबित प्रकरणांे के निस्तारण के लिए प्रभावी पैरवी करेंः शर्मा

पुलिस एवं अभियोजन विभाग के मध्य समन्वय पर हुआ विचार-विमर्श


बाड़मेर, 28 अक्टूबर। लंबित प्रकरणांे के निस्तारण के लिए प्रभावी पैरवी की जाए। इसके लिए समस्त विभागांे को समन्वित प्रयास करने की जरूरत है। जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर पुलिस एवं अभियोजन विभाग के अधिकारियांे के मध्य समन्वय स्थापित करने के लिए आयोजित त्रैमासिक बैठक के दौरान यह बात कही।

बैठक के दौरान जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने कहा कि न्यायालयांे मंे विचाराधीन प्रकरणांे मंे पुलिस एवं अभियोजन साक्षियांे को तलब कर बार-बार उपस्थित होने के उपरांत भी साक्ष्य नहीं हो पाती है। इसके कारण ऐसे मामलांे मंे स्वतंत्र व्यक्ति अभियोजन गवाह रहने मंे आनाकानी करते है। अदालत मंे उपस्थित होने के बावजूद शहादत नहीं होने से श्रम, अर्थ एवं समय का अप्व्यय होता है। इसके लिए अभियोजन अधिकारियांे को आवश्यक कार्यवाही करनी चाहिए। जिला कलक्टर शर्मा ने कहा कि हार्ड कोर अपराधी एवं केस आफिसर स्कीम मंे चयनित मामलांे मंे आरोपियांे को सजा दिलाने के लिए एपीपी, पीपी एवं एडीपी साक्षियांे को समझाने, नजदीक तारीख पेश लेने के लिए केस आफिसर का अपेक्षित सहयोग करें। इस दौरान केस आफिसर के उपस्थित नहीं होने के मामले मंे पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने कहा कि संबंधित केस आफिसर्स को इसके लिए पाबंद किया जाएगा।

बैठक के दौरान जिला कलक्टर शर्मा ने कहा कि प्रकरणांे के चालान के साथ मालखाना आईटम न्यायालय मंे जमा नहीं होने से बिना वजह पेडिंग रहते है। आबकारी के मामलांे मंे शराब का स्टाक भारी मात्रा मंे थानों मंे जमा पड़ा है जिसकी वजह से स्थान के अभाव मंे खासी दिक्कतें आती है। ऐसे मामलांे मंे माल निस्तारण के लिए अभियोजन की ओर से विशेष तौर पर पैरवी करने की जरूरत है। जिला कलक्टर ने कहा कि अधिकतर अभियोजन अधिकारी अनुसंधानकर्ता के मुख्य बयान के बाद चले जाते है, जबकि क्रास मंे अनावश्यक सवाल होने से अभियोजन अधिकारी को उपस्थित रहकर आवश्यक सहयोग करना चाहिए। उन्हांेने प्रकरणांे मंे पत्रावली की गोपनीयता भी सुनिश्चित करने की जरूरत जताई। उन्हांेने कहा कि पक्षद्रोही होने वाले अभियोजन गवाहांे से अभियोजन अधिकारी को पुनःजिरह करने, जानबूझ कर साक्ष्य नहीं देने एवं आरोपी का बचाव करने वाले तथ्यांे को साबित करने का प्रयास अभियोजन अधिकारी को करना चाहिए। ताकि गवाह पक्षद्रोही होने से बरी होने वाले अपराधियांे पर प्रभाव पड़े। पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने कहा कि झूठे मामले दर्ज करवाने की वजह से पुलिस को अनावश्यक दिक्कतांे का सामना करना पड़ता है। उन्हांेने कहा कि झूठे मामले दर्ज करवाने वाले लोगांे के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्यवाही करवाने का प्रयास कर रहे है। बैठक के दौरान जिला कलक्टर शर्मा ने अभियोजन अधिकारियांे को प्रकरणांे संबंधित पत्रावलियां संधारित करने के निर्देश दिए ताकि जिरह अथवा अन्य कानूनी प्रक्रिया को संपादित करने मंे सहुलियत हो। उन्हांेने एफआर लगने वाले मामलांे की पत्रावलियां भी पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक भिजवाने की प्रक्रिया की टेªकिंग करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एस.के.बिष्ट ने अवगत कराया कि चिकित्सा विभाग की ओर से 116 नमूने लिए गए। इसमंे से 113 के परिणाम आ चुके है। इसमंे 47 अवमानक/मिक्सब्रांड पाए गए। इसके अलावा 17 मामलांे मंे चालान पेश किया जा चुका है। जबकि 17 मामलांे मंे चालान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस दौरान जेलर चेनसिंह महेचा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक संजय सावलानी, अभियोजन अधिकारी पंकज कुमार शर्मा, गणपत गुप्ता, सुरेश मोदी समेत संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान महिला अत्याचार एवं अनुसूचित जाति जन जाति के व्यक्तियांे पर होने वाले अत्याचार संबंधित मामलांे की समीक्षा करते हुए इसमंे प्रभावी कानूनी कार्यवाही एवं इसके निस्तारण के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए गए।

अजमेर लक्ष्य तय करके जिले को ख ुले में शौच से मुक्त करें - प्रो. देवनानी



अजमेर लक्ष्य तय करके जिले को ख ुले में शौच से मुक्त करें - प्रो. देवनानी
अजमेर 28 अक्टूबर। प्रभारी मंत्राी एवं शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने बुधवार को स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत लक्ष्य निर्धारित करके जिले को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए जिला परिषद सभागार में उपस्थित अधिकारियों का आव्हान किया।

प्रो. देवनानी ने जिला प्रमुख सुश्री वंदना नोगिया की उपस्थिति में जिले को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए प्रत्येक पंचायत समिति के विकास अधिकारी को लक्ष्य तय करने के लिए कहा उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत अजमेर जिला राजस्थान में सर्वेश्रेष्ठ कार्य करें इसके लिए आवश्यक हैं कि समयबद्ध योजना बनाकर कार्य किया जाए। प्रत्येक परिवार में शौचालय हो यह आवश्यक है साथ ही यह भी आवश्यक है कि शौचालय क्रियाशील हो और उसका सभी सदस्य नियमित उपयोग करें। प्रशासन को समय-समय पर खुले में शौच से मुक्त ग्राम पंचायतों में जाकर ग्राम वासियों की आदतों में आए स्वच्छ बदलाव का अवलोकन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन शौचालयों की गुणवत्ता बेहतर हो जिससे वे लम्बे समय तक परिवार द्वारा उपयोग में लाए जा सके। निर्मित शौचालयों का भौतिक सत्यापन आवश्यक रूप से किया जाए और कम से कम 10 प्रतिशत शौचालयों का सत्यापन विकास अधिकारी व्यक्तिगत स्तर पर रैण्डेमली करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रा के जनप्रतिनिधियों का उपयोग शौचालय निर्माण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए किया जाए और उनके निर्वाचन क्षेत्रा में बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए। गांवों को खुले में शौच से मुक्त होने के पश्चात् ग्रामीणों के स्वास्थ्य में वृद्धि होगी एवं चिकित्सा व्यय में कमी आएगी।

प्रो. देवनानी ने सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले के समस्त विद्यालयों में छात्रा-छात्राओं के लिए पृथक शौचालयों की व्यवस्था हो उनमें पानी तथा सफाई की समुचित व्यवस्था रखी जाए। जिले के सभी विद्यालयों के शौचालयों की पर्यवेक्षण रिपोर्ट तैयार की जाए जिसमें उनके कार्यशील होने, नियमित साफ-सफाई करने एवं सफाई की राशि के सदुपयोग के बारे में स्पष्ट धरातलीय सूचना अंकित हो। इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग के भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शौचालय निर्मित करने की कार्ययोजना बनाने के लिए भी निर्देशित किया।

जिला प्रमुख सुश्री वंदना नोगिया ने कहा कि अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास से पूर्व स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्राीय कार्मिकों को सूचित किया जाना चाहिए जिससे की प्रवास सार्थक हो सके। इसी प्रकार जिला परिषद के मुख्यकार्यकारी अधिकारी ने बताया कि जिले को खुले मे ंशौच




से मुक्त करने की पंचायत समितिवार कार्ययोजना का कलैण्डर जिला स्तर पर प्रस्तुत करें जिससे ग्राम पंचायतों का फोलोअप आसानी से किया जा सके।

इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक श्रीमती विजय लक्ष्मी गौड़, स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक श्री दिनेश कुमार एवं श्री विजेन्द्र सिंह सहित पंचायत समितियों के विकास अधिकारी तथा स्वच्छ भारत मिशन के ब्लाॅक समन्वयक सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।

गृह उद्योग योजना प्रशिक्षण के लिए संस्थाओं से आवेदन पत्रा आमंत्रित

अजमेर 28 अक्टूबर। जिला उद्योग केन्द्र द्वारा गृह उद्योग योजना के प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए संस्थाओं से आवेदन पत्रा आमंत्रित किए गए है।

जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री सी.बी.नवल के अनुसार जिला उद्योग केन्द्र द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए गृह उद्योग योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं एवं तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों से आवेदन पत्रा आमंत्रित किए गए है। संस्था न्यूनतम तीन वर्ष पूर्व पंजीकृत होनी चाहिए। गृह उद्याग योजना के अन्तर्गत ब्यूटीशियन, फेशन डिजाईनिंग, आरीतारी, क्रोशिया,फूड प्रोसेसिंग, बैग,साॅफ्ट टाॅयज,पेपरमेशी, मूर्तिकला,सिलाई आदि विषयों का प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। इच्छुक संस्थान जिला उद्योग केन्द्र से 10 नवम्बर तक आवेदन पत्रा प्राप्त कर 15 नवम्बर से पूर्व जमा करवा सकते है। संस्थाओं को प्रशिक्षण उपरान्त प्रशिक्षित न्यूनतम 60 प्रतिशत बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाना होगा।

उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के आवेदन पत्रा आमंत्रित
अजमेर 28 अक्टूबर। जिला उद्योग केन्द्र द्वारा युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के आवेदन पत्रा आमंत्रित किए गए है।

जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री सी.बी. नवल ने बताया कि जिला उद्योग केन्द्र द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए नवम्बर माह में 12 दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्र्र्र्र्र्र्र्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें भाग लेने के इच्छुक बेरोजगार युवा आवेदन कर सकते है। प्रशिक्षण में उद्योग स्थापित करने के लिए आधारभूत जानकारियां, खाता तैयार करना, कच्चे माल की प्राप्ति, तैयार माल के बेचान एवं विविध करों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी। जिसे विषय विशेषज्ञ, चार्टेट अकांटेंट, वित्तीय अधिकारी, विधिक अधिकारी, माप विज्ञान निरीक्षक एवं श्रम निरीक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। सैद्धान्तिक प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यवहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण का उद्ेश्य बेरोजगार युवा को उद्यमी बनाना रहेगा। युवा स्वयं रोजगार प्राप्त करने के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार प्रदान कर सके ऐसा प्रशिक्षण दिया जाएगा।



उन्होंने बताया कि 18 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के युवा 31 अक्टूबर तक जिला उद्योग केन्द्र में आवेदन कर सकेंगे। आवेदन पत्रा के साथ शैक्षिणक योग्यता प्रमाण पत्रा, जन्म तिथि प्रमाण पत्रा, जाति प्रमाण पत्रा एवं दो फोटो जमा कराने होंगे। अनुसूचित जाति, जन जाति एवं महिलाओं के लिए 100 रूपए एवं सामान्य वर्ग के लिए 200 रूपए के प्रशिक्षण शुल्क का प्रावधान रखा गया है।


मासिक रोजगार शिविर का आयोजन 17 नवम्बर को अरबन हाट में
अजमेर 28 अक्टूबर। जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाले मासिक कौशल रोजगार एवं उद्यमिता शिविर का आयोजन 17 नवम्बर को वैशाली नगर स्थित अरबन हाट में किया जाएगा। जिसमें विभिन्न विभाग युवाओं को रोजगार प्रदान करने वाली योजनाओं से अवगत कराएंगे एवं निजी क्षेत्रा के नियोजकों द्वारा युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए चयनित किया जाएगा।

सतर्कता समिति की बैठक 10 नवम्बर को

अजमेर 28 अक्टूबर। जिला जन अभियोग एवं सतर्कता समिति की बैठक 10 नवम्बर को कलेक्ट्रेट स्थित अटल सेवा केन्द्र में आयोजित होगी। जिसमें जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा विभिन्न प्रकरणों पर विचार विमर्श करके परिवादी को राहत पहुंचायी जाएगी।

सूरत।शारीरिक संबंध नहीं बनाने देने पर पत्नी को मौत के घाट उतारा



सूरत।शारीरिक संबंध नहीं बनाने देने पर पत्नी को मौत के घाट उतारा


डिंडोली इलाके में दो दिन पहले संदिग्ध हालत में एक विवाहिता की मौत के मामले में पुलिस ने सोमवार रात उसके पति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के मुताबिक डिंडोली अश्वनी पार्क सोसायटी निवासी संगीता उर्फ पिंकी की हत्या उसके पति अनिल शुक्ला ने ही की थी। संगीता ने पिछले तीन-चार महीनों से अनिल से दूरी बना रखी थी। अनिल जब भी उससे शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहता, वह इनकार कर देती थी। इस बात को लेकर दोनों के बीच कई बार विवाद हुआ था।

शनिवार रात घर की छत पर सोते समय फिर इसी बात को लेकर विवाद हुआ। गुस्से में उसने संगीता का सिर पकड़कर पिलर पर दे मारा। सिर में अंदरूनी चोट लगने से संगीता की मौत हो गई। सुबह जब वह नहीं उठी तो परिजनों ने एम्बुलेंस बुलाई और उसे स्मीमेर अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।

प्राथमिक पूछताछ में अनिल ने पुलिस को बताया था कि संगीता को मिर्गी की बीमारी थी। उसने इसी वजह से उसकी मौत होने की आशंका व्यक्त की थी, लेकिन पुलिस ने शव का पैनल पोस्टमार्टम करवाया, जिसमें सिर में चोट से मौत का खुलासा हुआ। सोमवार रात पुलिस ने अनिल को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ शुरू की तो उसने संगीता की हत्या करना कबूल कर लिया।

बड़ी खबर...शिक्षा बोर्ड मेरिट में नहीं जोड़ेगा सत्रांक और प्रेक्टिकल अंक

बड़ी खबर...शिक्षा  बोर्ड मेरिट में नहीं जोड़ेगा सत्रांक और प्रेक्टिकल अंक

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की अगले वर्ष होने वाली सीनियर सैकंडरी और सैकंडरी परीक्षा की योग्यता सूची (मेरिट) में विद्यार्थियों के सत्रांक और प्रायोगिक परीक्षाओं के अंक नहीं जुड़ेंगे।

मेरिट का निर्धारण महज सैद्धांतिक परीक्षाओं के आधार पर होगा। हालांकि परीक्षा परिणाम और अंक तालिकाएं सत्रांक और प्रायोगिक परीक्षाओं में प्राप्त अंकों को जोड़कर जारी होगी। इसके अलावा अगले साल से बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं में बार-कोडिंग प्रणाली लागू होगी।

बोर्ड की परीक्षा समिति की बैठक में मेरिट सहित परीक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। बोर्ड की योग्यता सूची में सत्रांक के अंकों की वजह से फर्जीवाड़े की आशंका बनी रहती है। इस साल दसवीं की राज्य स्तरीय योग्यता सूची में एक ही विद्यालय के 17 विद्यार्थियों को जगह मिलने के बाद बोर्ड परीक्षाओं की विश्वसनीयता को लेकर सवालिया निशान खड़े हो गए थे।

बोर्ड ने इसकी जांच राज्य पुलिस की शाखा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को सौंप रखी है। राजस्थान पत्रिका ने सत्रांक और प्रायोगिक परीक्षा अंकों में फर्जीवाड़े को लेकर मेरिट के खेल में फिक्सिंग सहित अन्य मुद्दों पर 30 मई 2015 को विशेष स्पॉटलाइट पेज प्रकाशित किया था।

बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने बताया कि कुछ वर्षों से योग्यता सूची को लेकर विवाद उठते रहे हैं। मेरिट के नाम पर निजी विद्यालयों की प्रतिस्पर्धा, विद्यार्थियों को भ्रमित करने और गलत तरीके अपनाने के मामले सामने आने के बाद बोर्ड ने परीक्षा प्रणाली की समीक्षा की।

20 में से 20 सत्रांक

बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि अधिकांश निजी विद्यालय योग्यता सूची को लेकर अपने विद्यार्थियों को 20 में से 20 सत्रांक देते हैं। इसी तरह प्रायोगिक परीक्षाओं में भी विद्यार्थियों को मनचाहे अंक दे दिए जाते हैं। इससे योग्यता सूची प्रभावित होती है। इस तरह के फर्जीवाड़े की आशंका से निबटने के लिए परीक्षा समिति ने सत्रांक और प्रायोगिक परीक्षा के अंक को हटाकर महज सैद्धांतिक परीक्षा के अंकों के आधार पर मेरिट जारी करने की अनुशंसा की है।

कॉपियों में होगी बार कोडिंग

प्रो. चौधरी ने बताया कि इस वर्ष एक निजी स्कूल संचालक की ओर से अपने विद्यालय के परीक्षार्थियों को मनचाहे अंक देने के लिए परीक्षक को प्रलोभन और धमकी देने का मामला सामने आने के बाद इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए उत्तर पुस्तिकाओं में रोल नंबर की जगह बार-कोडिंग की व्यवस्था लागू की जाएगी। अगले साल होने वाली परीक्षाओं में यह व्यवस्था 10वीं परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में लागू होगी, जबकि अगले वर्षों में बोर्ड की सभी परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं में इसे लागू कर दिया जाएगा। पत्रिका ने इस संबंध में 7 अक्टूबर के अंक में रोल नंबर पहचानना नहीं होगा मुमकिन समाचार प्रकाशित किया था।