बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

अत्यधिक उत्पादन और उपभोग पर्यावरण के लिए घातक- प्रो. देवनानी



अत्यधिक उत्पादन और उपभोग पर्यावरण के लिए घातक- प्रो. देवनानी

राजकीय महाविद्यालय में त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन


अजमेर 28 अक्टूबर। जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो.वासुदेव देवनानी ने कहा कि आज पूरे विश्व में प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उत्पादन और असीमित उपभोग की मानसिकता बढ़ती जा रही है। जनसंख्या के बढ़ने के साथ-साथ लोगों में अत्यधिक उपभोग और उत्पादकों में अत्यधिक उत्पादन की होड़ मची है। इससे प्रकृति के संतुलन में बदलाव आया है। यह दोहन घातक है। हमें पर्यावरण और अपनी संस्कृति के बचाव के लिए उत्पादन और उपभोग पर अंकुश लगाना होगा। हम यह बात भी सोचें कि हम अपनी भावी पीढ़ी को क्या देकर जा रहे हैं।

शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी आज सम्राट पृथ्वीराज चैहान राजकीय महाविद्यालय में भूगोल विभाग एवं राजस्थान भूगोल परिषद् के संयुक्त तत्वावधान मंे आयोजित त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आमजन का शहरों की ओर पलायन से गाँव कम हो रहे हैं। शहरों में कंक्रीट के जंगल बन रहे हंै। ये कंक्रीट के जंगल ही पर्यावरण के लिए सबसे घातक हैं। हमें अपने विकास के साथ-साथ पर्यावरण के विकास की ओर भी ध्यान देना चाहिए। हमंे स्व से आगे बढ़कर प्रकृति की और भी बढ़ना चाहिये। विकास की दर को पर्यावरण की अनुकूलता के आधार पर निर्धारित करना चाहिये।

प्रो. देवनानी ने कहा कि पुरातन मूल्यों, संस्कृति और ज्ञान के क्षेत्रा में व्यापक शोध को आगे बढ़ाएं। केवल अनुकरण से ही हम सफल नहीं हो सकते है। अनुकरण से ही भारत विश्व गुरू नहीं बन सकता है। हमें अपने शोध के दायरे को वेदों और प्राचीन भारतीय संस्कृति से जोड़कर आगे बढ़ाना होगा। आधुनिक बनने की होड़ में हम पर्यावरण को भूलते जा रहे हैं। हम भारत माता की जय का नारा लगाते हैं, यह सिर्फ नारा नहीं बल्कि एक संकल्प है। यह देश के विकास और स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत के प्रति हमारा उद्घोष है।

समापन समारोह के प्रांरम्भ मंे अतिथियों के स्वागत के पश्चात् आयोजन सह सचिव डाॅ. कीर्ति चैधरी ने संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि लगभग 210 शोध पत्रा प्रस्तुत हुए हैं। संगोष्ठी में प्रतिभागियों की ओर से डाॅ. एन. आर. दास (बडौ़दा), डाॅ. जगदीप सिंह (कालाडेरा) एवं प्रेमलता स्वर्णकार (उदयपुर) ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।

राजस्थान भूगोल परिषद् के महासचिव डाॅ. श्यामसुन्दर भट्ट ने प्रथम अधिवेशन से पचासवें आधिवेशन तक की रिपोर्ट प्रस्तुत की और इस अधिवेशन का सूत्रा प्रसारित किया कि विकास की गति मंे पर्यावरण के प्रति सचेत अवश्य रहें।

इस अवसर संगोष्ठी में सम्मिलित दो युवा भूगोलविदों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया। प्रथम स्थान पर रेवाड़ी के डाॅ. जितेन्द्र कुमार और द्वितीय स्थान पर डाॅ. शमशाद (अलीगढ़) रहे जिन्हें शाॅल, स्मृति चिंह और 3100 रूपये का नकद पुरस्कार दिया गया। आयोजन सचिव डाॅ. मिलन कुमार यादव का भी शाॅल ओढ़ाकर एवं साफा पहनाकर सम्मान किया गया।

कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य डी. आर. मेहरोत्रा ने संगोष्ठी को ऐतिहासिक बतलाने हुए सभी के प्रति आभार ज्ञापित। कार्यक्रम के अन्त मंे राजस्थान भूगोल परिषद् की नवीन कार्यकारिणी घोषित की गई। जिसमें डाॅ. मिलन यादव को सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया।

इससे पूर्व प्रातः कालीन सत्रों मंे डाॅ. गोपीलाल महावर दौसा ने दौसा जिले में नगरीकरण का मानव जीवन पर प्रभाव एक भौगोलिक अध्ययन, डाॅ. संगीता झा (बड़ौदा) ने डिस्पेरिटी इन एज्यूकेशनल लेवल इन अरबन एण्ड रूरल बडोदरा, डाॅ. सुनील (रोहतक) ने इलैक्ट्रोन 2009, डाॅ. नेहा यादव, डाॅ. जगबीर, स्वाति यादव (मीरपुर) ने फीमेल फाटिसिट इन सदर्न हरियाणा ए सीरियस चैलेंज, डाॅ. मोनिका कानन (अजमेर) ने जियो पाॅलिटिकल आॅफ रैडिफ लाइन आॅन हयूमन लाइफ, डाॅ. जितेन्द्र परनानी सूरतगढ ने धार्मिक जनसंगठन, डाॅ. चान्द्रेय बैनजजी अलवर ने अरबन विस्टा आॅफ राजस्थान विषय पर अपने शोध पत्रा प्रस्तुत किये। सत्रा की अध्यक्षा डाॅ. साधना कोठारी (उदयपुर) रही और संयोजन डाॅ. जगबीर ने किया।

इसी क्रम के अगले सत्रा मंे डाॅ. सत्यानारायण नगर (जयपुर), सुश्री शीलू, राजेश कुमार, दिव्या विश्नोई (जयपुर), बरखा चपलोत (उदयपुर), मनोज कुमार सोयल (कोटा), देबाश्रेष्ठ चटर्जी (नई दिल्ली), फिरोज खान (अजमेर), डाॅ. मनु शर्मा (मैसूर), नाथूलाल गुर्जर (कालाडेरा), डाॅ. वेद प्रकाश मीणा (भरतपुर), प्रमोद पारीक (कोटा), डाॅ. अशोक कुमार (ब्यावर), डाॅ. प्रीति आदिवाल, डाॅ. प्रज्ञा टाॅक (अजमेर) आदि ने अपने शोध पत्रा प्रस्तुत किये। सत्रा की अध्यक्षता डाॅ. संगीता झा (बडौदा) ने की तथा संयोजन डाॅ. कुलदीप मलिक ने किया।

संचालन डाॅ. रेखा यादव और सरिता चावरियां और धन्यवाद ज्ञापित आयोजन सचिव डाॅ. मिलन कुमार यादव ने किया।

डाॅ. मिलन यादव बने अध्यक्ष

अजमेर 28 अक्टूबर। राजस्थान भूगोल परिषद् की साधारण सभा की बैठक आज सम्राट पृथ्वीराज चैहान राजकीय महाविद्यालय, अजमेर में सम्पन्न हुई। बैठक मंे राजस्थान तथा अन्य राज्य के गणमान्य भूगोलविद्ध उपस्थित थे। साधारण सभा की बैठक मंे सर्वसम्मति से राजकीय महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. मिलन कुमार यादव को 2015-16 के लिए राजस्थान भूगोल परिषद् का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। डाॅ. यादव कई अन्य अकादमिक कार्याें में भी सक्रिय हैं। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर में बोर्ड आॅफ स्टडीज के सदस्य है। इसके अतिरिक्त महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर में भी बोर्ड आॅफ स्टेडीज के सदस्य है। डाॅ. यादव राजस्थान भूगोल परिषद् के सबसे युवा अध्यक्ष है। उनकेे लगभग 15 राष्ट्रीय सम्मेलन में शोध पत्रा प्रकाशित हो चुके हैं।

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