मुख्यमंत्री के आदेश रद्दी की टोकरी में
मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद पांच करोड़ की जमीन भूमाफियो की जद में
बाड़मेर बाड़मेर शहर के महावीर नगर में नगरपालिका बाड़मेर का व्यवसायिक भूखंड संख्या 66 है जिसकी कीमत लगभग पांच करोड़ रूपए है। उक्त भूखंड पर तत्कालीन जिला कलेक्टर सुबीर कुमार ने वर्ष 2007 में निरस्तीकरण के आदेश जारी कर नगरपालिका के चार अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया था। उक्त प्रकरण में पालिका के चार अधिकारी कर्मचारी निलंबित भी किए गए है। इस व्यवसायिक भूखंड प्रकरण की जांच आज भी राज्य सरकार के पास विचाराधीन है। राज्य सरकार ने इस भूखंड के आवंटन को निरस्त कर भूखंड राशि जमा नही करवाई गई थी। इसके बावजूद इस भूखंड पर भूमाफिया जिन्होने सरकारी जमीनों पर कई अतिक्रमण कर रखे है। और वहां पर अवैध रूप निर्माण कार्य आरंभ करा रखा है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कार्यालय से दो मर्तबा सचिव दी एल बी ,एल एस जी को जांच एवं आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्र लिखा गया मगर अफ़सोस कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई ,सचिव द्वारा जांच बाड़मेर कर्यलर नगर परिषद् को भेजी गई थी ,इस पत्र की आड़ में आयुक्त द्वारा अतिकर्मियो से सुविधा शुल्क लेकर मामला रफा दफा कर दिया .जिला कलेक्टर बाड़मेर द्वारा उक्त मामले की जांच तहसीलदार बाड़मेर को दी गई थी उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई ,
उक्त भूखंड पर रामचंद्र वैष्णव, सावताराम माली, भगाराम माली तथा इनके भूमाफिया सहयोगियों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण कार्य निर्बाध रूप से किया जा रहा है। चूंकि उक्त भूंखड राज्य सरकार का है जिसकी कीमत करोड़ो रूपए है। इस पर नगरपालिका कर्मचारियों तथा अधिकारियों की मिली भगत से भूमाफियों द्वारा अतिक्रमण कर व्यवसायिक काम्पलेक्स का निर्माण करवाया जा रहा है। स्थानीय जिला प्रशासन की कई बार लिखित सूचना देने के बावजूद कोई कार्यवाही नही की गई। राज्य सरकार की करोडो रुपयों की सम्पति पर अतिकर्मियो ने कब्ज़ा कर चुना लगाया .मगर सरकार और प्रशासन चुप हें ,भरष्टाचार को पनाह दी जा रही हें ..