बुधवार, 7 मार्च 2012

डेढ़ लाख में मिली दुल्हन, घूंघट उठाने से पहले कर बैठी दगाबाजी!

पाली.अपना घर बसाने के लिए रमेश ने डेढ़ लाख रुपए में भीलवाड़ा की जिस सोनू नाम की युवती से शादी करना स्वीकार किया वह दुल्हन के लिबास में मंगलवार को परिवार के लोगों के साथ पाली पहुंचीं। इस बीच लेनदेन की बात को लेकर विवाद होता देख युवती फरार हो गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिस दल ने भीलवाड़ा के दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया, जो शादी कराने में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले हैं।

पुलिस के अनुसार सुभाष नगर निवासी रमेश बंजारा की काफी समय से शादी नहीं हो रही थी। शादी कराने के लिए चचेरे भाई दौलतराम ने भीलवाड़ा के शाहपुरा निवासी गोपाल नायक पुत्र चौथूराम व माणक नायक पुत्र हापूराम से रमेश की मुलाकात कराई। गोपाल व माणक ने भीलवाड़ा की किसी सोनू नाम की युवती को दिखा कर रमेश की शादी की बात पक्की कराई।



शादी के बदले डेढ़ लाख रुपए में सौदा तय हुआ, जिसमें से करीब पचास हजार रुपए दे दिए गए। बाकी की रकम दुल्हन के पाली आने पर देना तय हुआ था। सोमवार की रात को सोनू नाम की युवती दो महिलाओं व दोनों बिचौलिए के साथ पाली पहुंचीं। मंगलवार को सोनू ने रमेश की पत्नी बनना स्वीकार कर शादी का लिबास भी पहन लिया।



शाम को बाकी की रकम देने की बात को लेकर रमेश का बिचौलिए दोनों युवकों से विवाद हुआ, जिसको लेकर घर के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान लोगों ने पुलिस को बुला लिया, जिसकी भनक लगते ही वह युवती दोनों महिलाओं के साथ वहां से भाग गई। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो दोनों युवक रमेश से झगड़ा कर रहे थे। पुलिस ने भीलवाड़ा जिले के उन दोनों युवकों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया, जिनसे फरार हुई युवती व महिलाओं के बारे में पूछताछ की जा रही है।

श्रीदेवी की बिटिया



मुंबई में चल रहे फैशन वीक के चौथे दिन श्रीदेवी अपनी बेटी जाह्नवी कपूर के साथ पहुंची| मम्मी श्रीदेवी तो शॉर्ट ड्रेस में काफी स्टाइलिश लग ही रही थीं बिटिया भी कुछ कम नहीं नजर नहीं आ रही थी|

नीले रंग की शॉर्ट ड्रेस में उनका ग्लैमरस अंदाज देख ऐसा लगा कि वह भी बॉलीवुड में आने की तैयारी में हैं|

मम्मी भी बिटिया को इस मामले में ट्रेंड कर रही हैं तभी वह उनके साथ आजकल हर इवेंट में नजर आ जाती हैं|अब वो फिल्मों में आती हैं या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा मगर उनका हॉट अंदाज़ सबको भा गया|

बगल में पति की लाश रखकर प्रेमी संग रंगरलियां मनाती रही पत्नी!

पानीपत.सोनीपत.महिला ने पहले अपने प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या की और हत्या के बाद प्रेमी के साथ रंगरलियां मनाईं।  

पुलिस को गुमराह करने के लिए फिल्मी स्टाइल में नाटक रच डाला, जिससे मामला लूट व डकैती का लगे। मामला सोनीपत जिले के दहिसरा गांव का है। घटना 8 फरवरी की रात को हुई थी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए पत्नी सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।


डीएसपी सुरेंद्र मलिक ने बताया कि दहिसरा गांव में 8 फरवरी की रात को सतीश की हत्या कर दी गई थी। मामले की छानबीन करते हुए हत्यारोपी पत्नी, उसके साथी पवन व शाहिद खान को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि फरार आरोपी नसरूद्दीन उर्फ काला व चुन्नू की गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि महिला ने अवैध संबंधों के चलते ही प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की। पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए घटनास्थल पर ऐसा नाटक रचा, जिससे लगे कि लूट और डकैती डालने वालो ने ही यह हत्या की है।


यह था मामला : दहिसरा गांव निवासी सतीश अपने बच्चों सहित गांव की फिरनी पर रहता था। सतीश की तीन संतान थीं। नौ फरवरी की सुबह सतीश के घर बच्चों के रोने की आवाज सुनकर परिवार के सदस्य जितेंद्र ने मकान के अंदर जाकर देखा कि सतीश अपनी चारपाई पर मृत पड़ा था। उसके पैर रस्सी से चारपाई के साथ बांधे हुए थे व गले में बेडसीट लपेटी हुई थी। उसकी पत्नी अचेत अवस्था में पड़ी थी।

ऐसे दिया अंजाम


डीएसपी सुरेंद्र मलिक ने मंगलवार को घटना से पर्दा उठाते हुए बताया कि मृतक सतीश की पत्नी के नोएडा निवासी अपने ननदोई पवन के साथ अवैध संबंध थे। इसलिए उन्होंने सतीश को अपने रास्ते से हटाने की योजना बनाई।


इसके लिए पवन ने अपने मित्र असगरपुर सेक्टर-28, नोएडा निवासी शाहिद खान व शाहिद खान ने अपने मित्र गाजियाबाद के बदरपुर निवासी नसरूद्दीन उर्फ काला व चुन्नू को साथ मिलाया। सभी आरोपी आठ फरवरी की सायं दहिसरा स्थित सतीश के मकान पर पहुंचे। योजनानुसार रश्मि ने सतीश को शराब में नींद की गोलियां व बच्चों को भी नींद की गोलियां खिला दीं।


जिससे वे बेहोश हो गए और सतीश को रस्सी के साथ चारपाई से बांध दिया। सतीश के सिर में ईंटें मारकर व गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद घर का सामान इधर-उधर फेंक दिया, जिससे उस पर संदेह न हो। सतीश की हत्या के बाद रश्मि ने नसरूद्दीन उर्फ काला के साथ अवैध संबंध कायम किए। घटना के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए और महिला ने भी बेहोशी का नाटक रचा।

एसपी ने फ्लैग मार्च कर होली पर सद्भाव बनाए रखने की अपील की

एसपी ने फ्लैग मार्च कर होली पर सद्भाव बनाए रखने की अपील की

जैसलमेर जिला पुलिस ने होली के पर्व पर कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला मुख्यालय सहित विभिन्न थाना क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया। शहरी क्षेत्र में गठित तीन टीमों में से एक टीम का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने किया। इनके द्वारा गीता आश्रम, मलका प्रोल, गफूर भट्टा, ट्रांसपोर्ट नगर, गांधी कॉलोनी, गड़सीसर चौराहा तक फ्लेग मार्च किया गया। इसी प्रकार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व उप अधीक्षक बंशीलाल के नेतृत्व में भी शहरी क्षेत्र में पुलिस ने फ्लेग मार्च कर लोगों से कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।

ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस थाना रामगढ़ में थानाधिकारी के नेतृत्व में, मोहनगढ़ में थानाधिकारी मुकेश चावड़ा के नेतृत्व में, सम में भगवानसिंह के नेतृत्व में, पोकरण में हमीरसिंह के नेतृत्व में, सांकड़ा में खुशालचंद के नेतृत्व में, नोख में हुकमसिंह के नेतृत्व में, झिनझिनयाली में गुमानाराम के नेतृत्व में पुलिस ने फ्लेग मार्च किया।

बाड़मेर ..आज की ताजा खबर. बुधवार, ७ मार्च, २०१२


मां के दरबार में धोक लगा मांगी खुशहाली

 

जसोल फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर मंगलवार को कस्बे में स्थित माता राणी भटियाणी मंदिर में मां के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। कस्बे सहित दूरदराज क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में पूजा-अर्चना कर क्षेत्र में खुशहाली व समृद्धि की कामना की। अलसुबह से मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया जो दिन भर जारी रहा। मेले में बालोतरा, समदड़ी, सिणधरी, मोकलसर, सराणा, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, शिव, गूंगा, जालोर, सिरोही व सांचौर के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी व एमपी से श्रद्धालु मां के दरबार में पहुंचे। मंदिर व्यवस्था समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरीकेड्स लगाकर सुचारू रूप से दर्शन करने की व्यवस्था की गई। बालोतरा थाने की ओर से चौकी प्रभारी चेलाराम कटारिया तथा मंदिर व्यवस्था कमेटी के नेतृत्व में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए।

माकूल रही सुरक्षा व्यवस्था: मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर व्यवस्था समिति तथा पुलिस प्रशासन की ओर से मंदिर परिसर में सुरक्षा के माकूल बंदोबस्त किए गए थे। जसोल चौकी प्रभारी चेलाराम कटारिया, वीरसिंह, दीनाराम, छोगाराम, विक्रम टेंपो यूनियन के कालू खां पठान, अनिल बारासा व मंदिर व्यवस्थापकों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्था में सहयोग किया।

नाचते-गाते पहुंचे श्रद्धालु: माता राणी भटियाणी के दरबार में दूरदराज से आ रहे पैदल यात्रियों के जत्थे हाथों में ध्वज पताकाएं लिए ढोल-ढमाकों की ताल पर नाचते हुए मंदिर परिसर में पहुंचे। मंगलवार सुबह से ही जसोल जाने वाले मार्ग पर पैदल यात्रियों के जत्थे नजर आए।

छेड़ाबंदी कर जात लगाई: फाल्गुन की त्रयोदशी के अवसर पर नवविवाहित जोड़ों ने छेड़ाबंदी कर सुखी दांपत्य जीवन के लिए मां के दरबार में जात लगाई। नवविवाहित जोड़ों ने परिजनों के साथ मां के दरबार में शीश झुकाकर पूजा-अर्चना की। जात देने वालों के लिए सुरक्षाकर्मियों की ओर से अलग से व्यवस्था की गई थी।


टांके में मिला युवक का शव

बालोतरा मंडली थानांतर्गत एक मर्ग का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार श्रवणराम पुत्र अक्खाराम ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसका बड़ा भाई पप्पूराम ७-८ दिन पहले घर से मजदूरी करने के लिए जाने की बात कहकर निकला था लेकिन मंगलवार तक वापस नहीं आया। ढूंढने पर घर से 4 किलोमीटर दूर खुशालाराम मेघवाल के खेत में बने टांके में उसके भाई की लाश तैरती हुई मिली। सूचना मिलने पर एसएचओ रेवतसिंह ने मौके पर पहुंच शव बाहर निकलवाया तथा उसका पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपर्द किया।


मृतकों के नाम उठ गया लाखों का फसली ऋण!

ग्राम सेवा सहकारी समिति ओगाला का मामला, कागजों में ऋण जारी, काश्तकारों को पता नहीं


बाड़मेर.ग्राम सेवा सहकारी समिति ओगाला में मृतकों के नाम लाखों रुपए का फसली ऋण उठाने का आरोप किसानों ने लगाया है। यही नहीं किसानों का कहना है कि जो सहकारी समिति के सदस्य भी नहीं हैं उनके नाम पर भी ऋण उठ गया। काश्तकारों ने कलेक्टर से मंगलवार को मुलाकात कर इसकी जांच कराने की मांग की।

किसानों ने कलेक्टर को दिए ज्ञापन में आरोप लगाया कि दी बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक शाखा धोरीमन्ना के अंतर्गत आने वाली ग्राम सेवा सहकारी समिति ओगाला के पदाधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखते हुए फसली ऋण में लाखों रुपए की अनियमितताएं बरती। समिति की ओर से आनन फानन में ऋण राशि जारी की गई। जबकि संबंधित काश्तकारों को पता ही नहीं की उनके नाम से ऋण राशि जारी की गई है।


होली पर क्यों चढ़ाते हैं पूजन सामग्री?

होली का त्योहार भारत सहित अन्य देशों में भी बड़े उत्साह व उमंग से मनाया जाता है। हिंदू महिलाएं होली का पूजन करती है तथा विभिन्न पूजन सामग्री होली को अर्पित करती है जैसे उंबी, गोबर से बने बड़बोलिए, श्रीफल व नाड़ा आदि। यह परंपरा सदियों पुरानी है। परंपरागत रूप से होली पर चढ़ाई जाने वाली सामग्री के पीछे भी कुछ भाव छिपे हैं, जो इस प्रकार हैं-  
उंबी - यह नए धान्य का प्रतीक है। भारतीय परंपरा में इसे विधान के साथ उपभोग में लिया जाता है इसलिए अग्नि को भोग लगाते हैं और प्रसाद के रूप में अन्न उपयोग में लेते हैं।

गोबर के बड़बोलिया की माला- अग्नि और इंद्र वसंत की पूर्णिमा के देवता माने गए हैं। ये अग्नि को गहने पहनाने के प्रतीक रूप में चढ़ाए जाते हैं। इन्हें 10 दिन पहले बालिकाएं बनाती हैं।

नाड़ा- यह वस्त्र को प्रतीक है। होलिका को श्रृंगारित करने का भाव इसमें निहित है।

नारियल- यह श्रीफल माना गया है। फल के रूप में इसका अर्पण करते हैं। इसे चढ़ाकर वापस लाते हैं और प्रसाद रूप में ग्रहण करते हैं।

होलिका पर संशय ख़त्म, आज ही होगा दहन!

जयपुर.होली दहन को लेकर चल रहे संशय को दूर करने के लिए मंगलवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी के ज्योतिर्विज्ञान केंद्र में ज्योतिषविदों की बैठक हुई। इसमें 7 मार्च को ही होलिका दहन का फैसला किया गया।  
बैठक में चर्चा हुई कि इस दिन भद्रा रहेगी, इस कारण दहन नहीं किया जा सकता, लेकिन ज्योतिषविद् इस पर एकमत हो गए कि भद्रा में भी गोधुलि युक्त प्रदोष काल में शाम 6.27 से 6.39 तक होलिका दहन किया जा सकता है।

राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री ने बताया कि भद्रा के कारण इस दिन दहन नहीं करने पर 8 मार्च को तड़के 4.33 बजे भी होलिका दहन किया जा सकता है।

मंगलवार, 6 मार्च 2012

होली स्नेह मिलन का आयोजन


अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर 


होली स्नेह मिलन का आयोजन 


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर,मोटियार परिषद् ,राजस्थानी महिला परिषद् के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को सामूहिक होली स्नेह मिलन का आयोजन महावीर पार्क में आयोजित किया गया,समिति के महा सचिव एडवोकेट  विजय कुमार ने बताया की राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति और उसके घटक संगठनो मोटियार परिषद् तथा राजस्थानी महिला परिषद् के तत्वाधान में आज महावीर पार्क में परंपरागत रूप से होली पर्व की पूर्व संध्या पर स्नेह मिलन का आयोजन किया गया जिसमे सभी सदस्यों ने एक दुसरे को होली की बढ़िया तथा शुभ कामनाए दी तथा रंग ,गुलाल और अबीर लगा कर होली मनाई ,समिति के पाटवी रिड़मल सिंह दांता उपाध्यक्ष इन्दर प्रकाश पुरोहित ,रघुवीर सिंह तामलोर ,रमेश सिंह इन्दा ,रहमान जायादु ,सी सी डी यु  के अशोक राजपुरोहित सहित समिति के समस्त कार्यकर्ता स्नेह मिलन में सरीक हुए .महिला पाटवी देवी चौधरी ,उर्मिला जैन ,भवेंद्र जाखड ,कबूल खान ,प्रकाश जोशी ने भी स्नेह मिलन में सिरकत कर होली की शुभकामनाए दी

हर लाडली की होगी ढूंढ़’ कन्या ढूंढ़’ महोत्सव में 150 से अधिक कन्याओं की हुई ढूंढ़’


हर लाडली की होगी ढूंढ़’ 


कन्या ढूंढ़’ महोत्सव में 150 से अधिक कन्याओं की हुई ढूंढ़’ 





बाडमेर। कन्याओं के प्रति नकारात्मक सोच के इस माहौल में कन्या ूंढ महोत्सव की पहल बेहद सराहनीय कदम है। ऐसे में हमें इस आगाज को सामूहिक प्रयासों के जरिए अंजाम तक पहुंचाना होगा। ये उद्दगार मंगलवार को जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने व्यक्त किए, जो स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला स्वास्थ्य भवन में आयोजित कन्या ूंढ महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थीं। इस अवसर पर उन्होंने घोशणा की कि नवजन्मी सभी बच्चियों की प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर ूंढ की जाएगी। इसके लिए भाीघ्र ही आंगनबाड़ी केंद्रों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निर्दोित किया जाएगा। पीसीपीएनडीटी प्रकोश्ठ, स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रासन की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजमल हुसैन की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में विश्ट अतिथि के तौर पर नगर पालिका अध्यक्ष उशा जैन, चौहटन पंचायत समिति प्रधान भाम्मा बानो व कैयर्न एनर्जी के वरिश्ठ प्रबंधक महो अयर सहित बड़ी संख्या में बच्चियां व उनके परिजन मौजूद थे। 
मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने कहा कि मैं भी बेटी हूं और आज जिला कलेक्टर के रूप में आपके समक्ष हूं, आप भी यदि अपनी बेटियों को मौका दोगे तो वे भी इस मंच पर पहुंच सकेंगी। उन्होंने कहा कि महिलाएं पुरूशों से कम नहीं है, लेकिन लिंगानुपात को लेकर जो स्थिति है वह बेहद चिंताजनक है। निचत ही यह स्थिति सामाजिक, धार्मिक व अन्य कारणों से है, जिसे बदलना होगा। इसे विडंबना ही कहेंगे कि बेटी को मायके में पराई कहा जाता है और ससुराल में पराई जाई बताया जाता है, यानी बेटी को कहीं भी तवज्जो नहीं दी जाती। जबकि बेटी मायके व ससुराल दोनों को अपना मानती है और किसी तरह का भेदभाव नहीं करती। ऐसी व्यवस्थाएं भगवान ने नहीं की है, इसी समाज ने ही खड़ी की है और समाज को ही एकजुट होकर संयमित तरीके से इन कुप्रथाओं पर प्रहार करना होगा। महोत्सव की सराहना करते हुए जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने ऐसे आयोजनों की भविश्य में भी आवयकता बताई। चौहटन पंचायत समिति प्रधान भाम्मा बानो ने उपस्थिति जनसमूह को प्रण दिलाते हुए कहा कि वे बेटियों को हर हालात में तालीम दिलवाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों के जरिए ही जागरूकता पैदा की जा सकती है, इसलिए हर जिले, हर ब्लॉक में ऐसे कार्यक्रमों की जरूरत है। नगर पालिका अध्यक्ष उशा जैन ने कहा कि मंचासीन तीनों अतिथि हम महिलाएं हैं, तो क्यों बेटियों को कमतर आंका जा रहा है। क्या बेटियां बेटों से कम हैं, क्या वे वां चलाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने बेटियों की अहमियत बताते हुए कहा कि बेटी आज अनेक घरों में बेटों से बेहतर बनकर समाज में मांबाप का नाम रोान कर रही हैं। उन्होंने बेटियों को पर्याप्त मौका देने और बुरी परिपाटियों की त्यागने की अपील की। अतिथियों एवं कन्याओं के परिजनों का स्वागत करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजमल हुसैन ने कहा कि बिगड़ता लिंगानुपात समाज के लिए अभिप साबित हो रहा है और हमें हर संभव प्रयास कर इस कुप्रथा से निजात पाना होगा। उन्होंने कहा कि यह सब प्रत्येक वर्ग, प्रत्येक धर्म व प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपना योगदान देने से ही संभव होगा, लिहाजा जागरूकता पैदा करने की कड़ी में ही कन्या ूंढ महोत्सव का आयोजन किया गया है। सीएमएचओ डॉ. हुसैन ने कहा कि भविश्य में भी इस तरह के आयोजन किए जाते रहेंगे और कन्याओं के प्रति सकारात्मक सोच के लिए व्यापक प्रचारप्रसार भी किया जाएगा। 
बेटियों की हुई ूंढ 
कार्यक्रम में करीब 150 से अधिक बच्चियों की ूंढ की गई। जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक विक्रमसिंह चम्पावत ने बताया कि बच्चियों को जिला कलेक्टर, चौहटन पंचायत समिति प्रधान, नगर पालिका अध्यक्ष, केयर्न के वरिश्ठ प्रबंधक व सीएमएचओ की ओर से सम्मान किया गया। सभी अतिथियों की ओर से परिजनों की भी सराहना की गई। सांस्कृतिक प्रस्तुती देते हुए अनवर खां एण्ड पार्टी ने समां बांधी। बेच्चियों को कार्यक्रम में भागीदार बनाने में आाओं एवं अन्य महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मुख्य भूमिका रही। 
लाडलियों के लिए केयर्न का रहा सहयोग 
जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिनोई ने बताया कि सामाजिक सरोकारिता में अपनी भागीदारी निभाती आ रही केयर्न की टीम ने कन्या ूंढ महोत्सव में अपना अहम योगदान दिया। केयर्न की तरफ से कन्याओं के लिए विोश उपहार दिए गए। वहीं इस मौके पर केयर्न की ओर से जिले के कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास के लिए पांच लाख 70 हजार रूपए देने की घोशणा की। कार्यक्रम में जिला पीसीपीएनडीटी विक्रमसिंह चम्पावत, जिला आयुश अधिकारी डॉ. अनिल झा एव ंकेयर्न के उमा बिहारी द्विवेदी सहित अधिकारियोंकर्मचारियों का विोश सहयोग रहा। 
तकनीक बचाने के लिए, न की मारने के लिए 
कार्यक्रम में सोनोग्राफी सेंटर संचालक हरि जांगिड़ ने कहा कि उनके पास यदि कोई लिंग जांच करवाने पहुंचता है, तो वे इस पाप में भागीदार नहीं बनते। क्योंकि वैज्ञानिक तकनीकें मनुश्य को बचाने के लिए बनी हैं, न कि मारने के लिए। उन्होंने कहा कि यदि चिकित्सक और लैब संचालक सामूहिक निर्णय कर कन्या भू्रण हत्या जैसे कुकृत्य से किनारा कर लें तो बेटियों को बचाने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने इस कार्य को घृणित बताते हुए कहा कि निचत ही इन कर्मों का फल इसी जन्म में भुगतना होगा, इसलिए सभी को सामूहिक निर्णय लेकर इस कुप्रथा से दूर होना होगा। 

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होली पर कानून तथा 
भान्ति के पुख्ता प्रबन्ध 
जबरन रंग डालने तथा 
होली खेलने की मनाही 
बाडमेर, 6 मार्च। जिले में रंगो का त्यौहार होली हशर तथा उल्लास से मनाने एवं इस पावन पर्व पर कानून तथा भान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुख्ता प्रबन्ध किये गये है। इस दौरान जबरन रंग डालने तथा अनिच्छुक लोगों के साथ होली खेलने की मनाही रहेगी। 
होली के मद्दे नजर साम्प्रदायिक सद्भावना तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिला मजिस्ट्रेट डॉ. वीणा प्रधान ने निशोधाज्ञा जारी कर दण्ड प्रकि्रया संहिता की धारा 144 के अन्तर्गत प्रावधानों एवं प्रतिबन्धों को लागू किया है। आदोानुसार कोई भी व्यक्ति रंग इस तरह से नहीं खलेंगे जिससे किसी दूसरे सम्प्रदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुचती हो एवं किसी धार्मिक स्थान, दुकान पर रंग, गुलाल, गुब्बारे आदि नहीं फेकेंगे और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे। रंग भरे गुब्बारे, घातक रसायन, धूल, कीचड, ऑयल पेन्ट आदि का उपयोग नहीं करेंगे एवं रंग खेलने के लिए अनिच्छुक व्यक्ति को न तो रंग लगायेंगे एवं न ही उन पर रंग फेंकेगे। 
होली के मौक पर आदो के तहत कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार के आग्नेय भास्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्टल, राइफल, बन्दूक एवं एम.एन. गन आदि तथा तेज धारदार हथियार, लाठी, स्टीक इत्यादि साथ लेकर सार्वजनिक स्थानों पर नहीं घूमेगा एवं न ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रदार्न करेगा। इसी तरह कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मदिरा का सेवन नहीं करेगा न ही किसी को सेवन करवायेगा। किसी भी सम्प्रदाय का कोई भी व्यक्ति ऐसे ऑडियो कैसेट्स आदि नहीं चलायेगा और न ही ऐसे नारे लगायेगा जिससे अन्य सम्प्रदाय या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुचती हो। उक्त आदो 10 मार्च को रात्रि 12 बजे तक प्रभारी रहेगा। 
मजिस्ट्रेट नियुक्त 
जिला मजिस्ट्रेट ने एक आदेश जारी कर होली पर कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए दण्ड प्रकि्रया संहिता की धारा 22 के तहत क्षेत्रवार मजिस्ट्रेट नियुक्त किये है। आदेशानुसार उपखण्ड मजिस्ट्रेट बाडमेर को पुलिस थाना कोतवाली क्षेत्र बाडमेर, उपखण्ड मजिस्ट्रेट बालोतरा को कस्बा बालोतरा, उपखण्ड मजिस्ट्रेट शिव को तहसील क्षेत्र शिव, उपखण्ड मजिस्ट्रेट सिवाना को तहसील क्षेत्र सिवाना, उपखण्ड मजिस्ट्रेट रामसर को तहसील क्षेत्र रामसर , उपखण्ड मजिस्ट्रेट चौहटन को तहसील चौहटन क्षेत्र तथा उपखण्ड मजिस्ट्रेट बायतु को तहसील क्षेत्र बायतु के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार तहसील क्षेत्र बाडमेर, पचपदरा, एवं गुडामालानी के लिए संबंधित तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेटों को मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। उक्त मजिस्ट्रेट्््स को निर्देश दिये गये है कि वे त्यौहारों के दौरान कानून व्यवस्था बनाये रखने की पालना सुनिश्चित करेंगे। संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट अपने उपखण्ड की शांति व्यवस्था एवं निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। 
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थार महोत्सव 2012 
थार श्री तथा थार सुन्दरी 
प्रतियोगिता हेतु योग्यताएं निर्धारित 
बाडमेर, 5 मार्च। जिले में 12 मार्च से मनाये जाने वाले तीन दिवसीय थार महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाली थार श्री एवं थार सुन्दरी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रतिभागियों की आवयक योग्यताएं निर्धारित की गई है। 
जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि थार सुन्दरी प्रतियोगिता हेतु प्रतिभागी की न्यूनतम आयु 18 वशर तथा थार श्री प्रतियोगिता हेतु प्रतिभागी की न्यूनतम आयु 21 वशर होना आवयक है। इसी प्रकार थार सुन्दरी एवं थार श्री प्रतियोगी राजस्थान का मूल निवासी होना आवयक है। इसके लिए प्रतिभागियों को जन्म प्रमाण पत्र/विद्यालय का प्रमाण पत्र तथा मूल निवास प्रमाण पत्र अपने आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना होगा। प्रतियोगिता में पूर्व प्रथम विजेता सम्मिलित नहीं हो सकेंगे। उन्होने बताया कि थार सुन्दरी प्रतियोगी अविवाहित होनी चाहिए एवं कोहनी के ऊपर वाला चूडा पहने हुए नहीं हो। इसी तरह थार श्री प्रतियोगी की लम्बाई 5 फीट 6 इंच से कम नहीं होनी चाहिए। 
जिला कलेक्टर ने बताया कि थार श्री विजेता मेले के तीनों दिवस तक थार श्री पोाक में उपस्थित रहेगा एवं उसे विभाग द्वारा अनुबंधित फोटोग्राफरों से विभिन्न स्मारकों, हवेलियों आदि पर फोटो खिंचवाना होगा। थार श्री प्रतियोगियों को भाोभायात्रा में भाग लेना आवयक होगा। उन्होने बताया कि प्रतियोगी को किसी प्रकार का यात्रा भता व आवास सुविधा देय नहीं होगी तथा निर्णायक मण्डल द्वारा लिया गया निर्णय अन्तिम रहेगा। 
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राजस्व मंत्री चौधरी 11 मार्च 
तक जिले की यात्रा पर रहेंगे 
बाडमेर, 6 मार्च। राजस्व, उपनिवोन एवं जल संसाधन मंत्री हेमाराम चौधरी 11 मार्च तक जिले की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वे बाडमेर जिले तथा विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे तथा लोगों के अभाव अभियोग सुनेंगे। 
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राजस्व मंत्री चौधरी 7 से 10 मार्च तक विधानसभा क्षेत्र व बाडमेर जिले का दौरा करेंगे तथा रात्रि विश्राम बाडमेर में करेंगे। इस दौरान वे विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे तथा लोगों के अभाव अभियोग सुनेंगे। इसके पचात वे 11 मार्च को सायं 4.30 बजे बाडमेर से जयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएगें। 
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अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष मेघवाल 
विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे 
बाडमेर, 6 मार्च। राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल अपनी जिले की यात्रा के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे तथा लोगों की जन सुनवाई करेंगे। 
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष मेघवाल 7 तथा 8 मार्च को समदडी में लोगों की जन सुनवाई करेंगे। वे 9 मार्च को दोपहर 12.00 बजे सिवाना में जन सुनवाई करेंगे एवं सामाजिक समारोह में िरकत करेंगे। मेघवाल 10 मार्च को दोपहर 12.00 बजे लाखेटा गैर नृत्य मेले में िरकत करेंगे। वे 11 मार्च को दोपहर 3.00 बजे भीनमाल पहुंचेगे तथा आलोक पब्लिक स्कूल के पास सामाजिक समारोह में िरकत करेंगे। वे 12 मार्च को भीनमाल से दोपहर 12.00 बजे मोकलसर पहुंच चामुण्डा माता मेले में िरकत करेंगे। इसके पचात वे मोकलसर से प्रस्थान कर सायं 6.00 बजे पोकरण जाएगें तथा पोकरण मदरसे पर कौमी एकता कार्यक्रम में भारीक होंगे। वे 13 मार्च को दोपहर 12.00 बजे बालोतरा डाक बंगले में जन सुनवाई करेंगे तथा 14 मार्च को दोपहर 12.00 बजे कनाना में गैर नृत्य मेले में िरकत करने के बाद 15 मार्च को प्रातः 9.00 बजे समदडी से जयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएगें। 

मूक प्राणियों को अभयदान देती है होली ... जहाँ अबोले जीव भी मनाते हैं होली का जश्न




मूक प्राणियों को अभयदान देती है होली

... जहाँ अबोले जीव भी मनाते हैं होली का जश्न

- डॉ. दीपक आचार्य

वागड़ अंचल में होली के कई-कई रंग देखे जा सकते हैं। एक ओर जहां होली आम आदमी के लिए रंगों और मौज-मस्ती का दरिया उमड़ाने वाला पर्व है वहीं एक स्थान ऐसा भी है जहाँ होली मूक प्राणियों के लिए अभयदान का पैगाम लेकर आती है।

डूंगरपुर से 60 किलोमीटर दूर माही के किनारे कड़ाणा बैक वाटर क्षेत्र में अवस्थित और किसी समय वागड़ की राजधानी के रूप में मशहूर गलियाकोट कस्बा बोहराओं की आस्था स्थली पीर फखरुद्दीन की विश्वविख्यात दरगाह और शक्ति साधना के प्राचीन तीर्थ शीतला माता मन्दिर के लिए जग विख्यात है।

गलियाकोट के शीतला माता मन्दिर पर यों तो साल भर श्रद्धालुओं का जमघट लगा रहता है और मेले-पर्वों पर जन ज्वार उमड़ता है जो शक्ति पूजा की सनातन परम्पराओं का उद्घोष करता है। लेकिन यहां हर साल होली का पर्व मूक प्राणियों के लिए त्योहार का दिन होता है। इस दिन यहां होने वाला परम्परागत जीव रक्षा अनुष्ठान अपने आप में अनूठा है।

शीतला मैया के प्रति लोगों में अपार श्रद्धा है और मान्यता है कि इस तीर्थ पर आकर दर्शन एवं पूजा-अर्चना करने से शारीरिक व्याधियों से मुक्ति प्राप्त होती है। कई बार मरणासन्न व्यक्तियों को भला-चंगा करने की प्रार्थना के साथ देवी के चरणों में किसी न किसी प्रकार के जानवर हो समर्पित किया जाता है।

किसी जमाने में इन जानवरों की बलि चढ़ाने की प्रथा थी। इस आदिवासी अंचल में पुराने जमाने से यह मान्यता रही है कि जीव के बदले किसी जीव को चढ़ा देने से व्याधिग्रस्त प्राणी के रोग समाप्त हो जाते हैं व वह फिर से सामान्य जीवन जीने लगता है। लेकिन कुछ दशक से बलि प्रथा पर रोक लगी और अब देवी मैया को बिना बलि दिए जानवर समर्पित कर दिए जाते हैंे।

प्रायःतर गूंगापन दूर करने, मनुष्य की शारीरिक व्याधियों के शमन के लिए यहां देवी के चरणों में जीव चढ़ाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। महीने में कम से कम से दस-पन्द्रह जानवर ऐसे होते हैं जो यहां शीतला मैया के चरणों में भेंट किये जाते हैं। इससे साल भर में जानवरों की काफी संख्या इकट्ठा हो जाती है। श्रद्धालुओं के चढ़ावे और खाद्यान्न आदि की निरन्तर आवक के चलते इन जानवरों को यहां किसी प्रकार की दिक्कत महसूस नहीं होती बल्कि ये हृष्ट-पुष्ट होते रहते हैं।

हर साल आने वाली होली इन जानवरों के लिए उत्सव से कम नहीं होती। इस दिन मन्दिर परिसर में साल भर से जमा होते रहने वाले जानवरों को ‘अमरिया’ (स्वतन्त्र जीवनयापन के लिए मुक्त) कर दिया जाता है। इसके अन्तर्गत मन्दिर परिसर में इन जानवरों की पूजा के बाद इनके कान आंशिक रूप से काट कर तथा मूर्गे की अंगुली काट कर अमरिया कर देने का रिवाज चला आ रहा है।

साल भर में जितनी भेड़ें, बकरे, मूर्गे चढ़ते हैं पुजारी उनके कान काट कर अमरिया कर देते हैं। ताकि न इसे कोई बेच सके, न काट सके। अमरियों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता। क्योंकि इन पशुओं को भगवान का माना जाता है।

ये जानवर पूरी तरह देवी मैया के जानवर माने जाते हैं व इन्हें तंग करना वर्जित माना गया है। अमरिया किए गए जानवरों को न कोई मार सकता है, न ही इन्हें बेचा जा सकता है। ये जानवर ताज़िन्दगी पूरी तरह स्वच्छन्द विचरण करते रहते हैं।

कुछ दशक पहले तक इस मन्दिर पर मनोकामनाएं पूरी होने की मन्नत को लेकर जानवरों की बलि चढ़ती थी पर पचास साल पूर्व इसे बन्द कर दिया गया। अब इन जानवरों को अमरिये करने का रिवाज है।

इन जानवरों को पवित्र माना जाता है। अमरिया किया गया कोई जानवर मर जाए तो विधि-विधान के साथ उसे जमीन में गड़ढ़ा खोद कर वस्त्रा में लपेट कर दफनाया जाता है और उसकी आत्मा की शांति के लिए अन्य पशुओं को दाना-पानी भेंट किया जाता है।

शीतला माता मन्दिर के प्रति लोगों में अपार जनास्था है। लोग मनौतियां मानते हैं और ठीक हो जाने पर चान्दी का वही अंग बनवाकर देवी को भेंट चढ़ाते हैं जिसे ठीक होने के लिए मन्नतें मानी होती हैं। जैसे आंख के रोगी ठीक हो जाने पर चान्दी की आंख, कान ठीक हो जाने पर चान्दी का कर्ण, बच्चा होने पर चान्दी/काष्ठ का पालना, हाथ-पांव ठीक हो जाने पर चान्दी या लकड़ी का हाथ-पांव चढ़ाते हैं।

शीतला सप्तमी को मन्दिर में विशेष आयोजन होते हैं और मेला भरता है जबकि साल भर यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते रहते हैं। हर साल होली पर यहां कई बकरे, मूर्गे और भेड़ें आदि जानवर अमरिया कर मुक्त कर दिए जाते हैं। हर साल अमरिये होने वाले जानवरों की वजह से तीर्थ परिसर में इनका जमघट लगा रहता है।

---000---(डॉ. दीपक आचार्य)

महालक्ष्मी चौक, बांसवाड़ा (राजस्थान)

327001


Mobile : 9413306077

   

जैसलमेर के लोक कलाकार उस्ताद कमरूद्दीन खां को राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार , अहमदाबाद में बुधवार को नवाजा जाएगा


जैसलमेर के लोक कलाकार उस्ताद कमरूद्दीन खां को राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार ,
अहमदाबाद में बुधवार को नवाजा जाएगा
जैसलमेर, 6 मार्चलम्बे समय से राजस्थानी लोकसंगीत क्षेत्र में समर्पित सेवाओं के लिए जाने-माने लोक कलाकारउस्ताद कमरुद्दीन खां को गुजरात लोक कला फाउण्डेशन ने सन् 2012 के गुजरात लोककला राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार प्रदानकरने का निर्णय लिया है।
फाउण्डेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी जोरावरंिसंह यादव ने बताया कि बुधवार, 7 मार्च को अहमदाबाद के टेगोर हॉल मेंआयोजित अवार्ड वितरण समारोह में उन्हें 11 हजार रुपए नकद पुरस्कारस्मृति चिह्न,सम्मान-पत्र शॉल आदि सेसम्मानित किया जाएगा। इसी समारोह में उस्ताद कमरुदीनखां राजस्थानी लोकसंगीत पर  एक घण्टे की प्रस्तुति देंगे।इस पुरस्कार को पाने के लिए उस्ताद कमरुद्दीन खां एवं दल जैसलमेर से अहमदाबाद पहुंच चुका है। राष्ट्रीय गौरवपुरस्कार से सम्मानित होने पर जैसलमेर की विभिन्न संस्थाओंकलाकारों एवं बुद्धिजीवियों तथा कलाप्रेमियों नेउस्ताद कमरुद्दीन खां को बधाई दी हैं।

एक ऐसा गॉव........जहॉ दूसरी बेगम से होती संतान


एक ऐसा गॉव........जहॉ दूसरी बेगम से होती संतान 

चन्दनसिंह भाटी की खास रिपोर्ट 

बाडमेर भारत पाकिस्तान सरहद पर बसे बाडमेर जिले के एक गाूव के साि अजीब संयोग जुडा हैं।इस गॉव में प्रत्येक परिवार में दूसरी बेगम से ही संतान होने का अजीब संयोग जुडा हेै।बाडमेर गडरा रोड सडक मार्ग पर जिला मुख्यालय से अठाइस किलोमीटर दूर स्थित देरासर ग्राम पंचायत के अल्प संख्यक बाहुल्य राजस्व गांव रामदियों की बस्ती के सतर परिवारों कें साथ यह संयोग जुडा हैं। 
बाडमेर जिला मुख्यालय से अठाइस किलोमीटर गउरा रोड सउक मार्ग पर स्थित देरासर ग्राम पंचायत के अल्पसंख्यक बाहुल्य रामदियों की बस्ती में सतर परिवार आबाद हैं।सभी परिवार रामदिया मुसलमान समुदाय से हैं।इस गावॅ के हर परिवार में हर व्यक्ति क दो दो निकाह किऐं हैं।मुसलिम परिवारों में दो निकाह कोइ्र आश्चर्य का कारण नही हैं।मगर इस गांव के लोगों द्घारा दूसरा निकाह करने के पीछे जो कारण हेंवो आचर्यजनक हैं।इस गॉव में किसी भी परिवार में पहली भादी कें बाद किसी के भी संतान नहीं हैं।मगर दूसरी भादी के बाद सभी के दूसरी बीबी से संतान हैं। 
एक दो परिवारों में ऐसा हो तो उसे संयोग मात्र कह सकते हैं।मगर हर व्यक्ति कें दूसरी भादी के बाद ही संतान होना किसी आचर्य से कम नही हैं।गांव कें बुजुर्ग पैंसठ वशीर्य आरब खान बताते हैं कि गांव कें साथ यह संयोग कई दाकों से जूडा हैं।गांव कें लाला मीठा के भादी के बाद कई सालों तक संतान नहीं हुई।परिजनों नें कई र्मतबा उस पर दूसरी निकाह के लिऐं दबाव डाला मगर मीठा नें साफ इन्कार कर दिया।लगभग पचपन साल की उम्र में उसकी पत्नी का निधन हो गया।उसके बाद परिजनों कें दबाव कें कारण मीठा नें दूसरी भादी के लिऐं अपनी रजामंदी दी।निकाह के एक साल बाद ही उसकें घर लडकी पैदा हुई।फिर तीन लडकें भी हुऐं।इसकें बाद सें तो हर परिवार में पहली भादी के बाद पहली बीबी से किसी को भी संतान नही हुइ्रं। 
दूसरी भादी करनें कें बाद दूसरी बेंगम से हर परिवार में संतानें हुई।यह परिपाटी आज भी बदस्तुर जारी हैं।इसका कारण पूदने पर आरब नें इसे खुदा की मेहर बताया।गांव में कइ्र लोगों नें आधी उम्र बीत जानें कें बाद संतान की चाह में भादीया की तों उन्हें निराा हाथ नही लगी।जिसने भी दूसरी ादी की उसकें संतानें जरूर हुई।गत माह भी तीन तनों नें दूसरी भादीया की हैं।गांव में लगभग सभी लोग आिक्षित हैं।इस गांव कें जादम खान के अनुसार उसकी पहला निकाह सत्रह साल की उम्र में हो गई थी।चार साल तक घर में बच्चा नही होनें कें कारण मेरा दूसरा निकाी सफियत कें साथ हुआ।जिससें मेरे को तीन लडकें और चार लडकिया हुर्ह। 


बहाहाल रामदियो की बस्ती नामक इस गाँव कें साथ रोचक तथ्य जुडा हें।आखिर कोइ्र वैज्ञानिक कारण हें या महज संयोग सोचने वाली बात हैं। े 





पति का था बेटी से अवैध संबंध, पत्नी की हत्या कर आंगन में दफनाई लाश!

बटाला. सागरपुरा में एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद घर में ही दबाए उसके शव को पुलिस ने सोमवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार जशनप्रीत सिंह की मौजूदगी में जमीन से खोद निकाला है।  

मौके पर सिविल अस्पताल के डा. ललित मोहन, डा. राजीव अरोड़ा, डा. परमजीत कौर मौजूद थीं। उधर, हत्यारोपी अनवर मसीह उर्फ गोल्डी मृतक महिला शीरो की नाबालिग बेटी को साथ लेकर फरार है।

एसपी डी परमजीत सिंह ग्रेवाल और डीएसपी सिटी बलजीत सिंह ने बताया कि मृतका के बेटे अजय के बयान पर अनवर मसीह उर्फ गोल्डी पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

मृतका की माता खुरशैदां और बहन मनजीत ने बताया कि पिछले कई दिनों से शीरो से उनका संपर्क नहीं हो रहा था। जब वे उसके सागरपुरा स्थित घर आए तो घर खाली था और कोई नहीं था। बरामदे में खोदे गए गड्ढे में उसका शव दबा प्रतीत हो रहा था। कुछ दिन पहले शीरो ने फोन पर बताया था कि अनवर घर में शौचालय के लिए रात में गड्ढा खोद रहा है। संदेह होने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी।


समाज के लिए खतरे की घंटी है यह हत्याकांड

इस हत्याकांड में सामाजिक रिश्तों के घिनौने जख्मों से ऐसा मवाद रिसा है, जिसकी बदबू से ही घृणा होती है। मृतका व फरार पति और बेटी के आपसी संबंध सभ्य समाज के लिए खतरे की घंटी है। मृतका शीरो का पति बताया जाने वाला अनवर मसीह उर्फ गोल्डी दरअसल उसकी बुआ का बेटा है। बताया गया है कि मृतका शीरो का अपने पति से तलाक हो चुका था और उसकी पहले पति से एक बेटी व बेटा है।


तलाक के बाद शीरो के अपनी बुआ के बेटे अनवर मसीह उर्फ गोल्डी से संबंध बना लिए और वह उसके पति की हैसियत से उसके साथ रहने लगा। इसी दौरान गोल्डी के संबंध शीरो की बेटी प्रीति जो रिश्ते में उसकी भांजी लगती थी, के साथ भी बन गए और यही वजह बनीं शीरो की मौत की। हत्या के बाद से ही गोल्डी और प्रीति फरार हैं।

रुझानों में सपा नंबर 1 और भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी

 

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। उत्‍तर प्रदेश में 216 सीटों के रुझान में से सपा 95 पर आगे है, जबकि बसपा 35, कांग्रेस 25 और भाजपा 55 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
पंजाब में अभी तक 67 सीटों के रूझान आए हैं। कांग्रेस 25 और भाजपा 38 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। चार सीटों पर अन्य ने बढ़त बनाई है।


उत्तराखंड की 51 सीटों के लिए रूझान आए हैं। कांग्रेस ने 23, भाजपा ने 25 और अन्य ने तीन सीटों पर बढ़त बनाई है।


गोवा में अभी दो ही सीटों के रूझान आए हैं। भाजपा और कांग्रेस एक-एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है।

उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रूझान रायबरेली से आ रहे हैं। यहां सभी पांच सीटों पर कांग्रेस पीछे चल रही है।


पांचों राज्‍यों में काउंटिंग जारी है। पहला परिणाम एक से दो घंटे में आने का अनुमान है। दोपहर तक सभी राज्यों में स्थिति साफ हो जाएगी। नतीजों का राजनीतिक दल नब्ज थाम कर इंतजार कर रहे हैं।
नतीजे ही तय करेंगे किसकी होली रंगीन होगी। दोनों राष्ट्रीय दल कांग्रेस और भाजपा ने अपने संभावित बेहतर पक्ष और कमजोर कड़ी को ध्यान में रखकर आगे की तैयारियों पर होमवर्क किया है। दोनों पांच राज्यों के चुनाव परिणामों को लेकर सतर्क हैं। पंजाब, उत्तराखंड दोनों दलों की उम्मीदों के लिहाज से अहम राज्य है। जहां तक बात यूपी की है, दोनों दलों को तीसरे नंबर पर रहने में अपनी जीत नजर आ रही है।

राजस्थान के लोकनाट्य - जैसलमेर व बीकानेर की रम्मते

राजस्थान के लोकनाट्य -   जैसलमेर व बीकानेर की रम्मते

रामत खेत सिंह जंगा,मुकन लाल जगाणी

लोक संगीत की दृष्टि से जैसलमेर क्षेत्र का एक विशिष्ट स्थान रहा है। यहाँ पर प्राचीन समय से मा राग गाया जाता रहा है, जो इस क्षेत्र का पर्यायवाची भी कहा जा सकता है। यहाँ के जनमानस ने इस शुष्क भू-ध्रा पर मन को बहलाने हेतु अत्यंत ही सरस व भावप्रद गीतों की रचना की। इन गीतों में लोक गाथाओं, कथाओं, पहेली, सुभाषित काव्य के साथ-साथ वर्षा, सावन तथा अन्य मौसम, पशु-पक्षी व सामाजिक संबंधों की भावनाओं से ओतप्रोत हैं। लोकगीत के जानकारों व विशेषज्ञों के मतों के अनुसार जैसलमेर के लोकगीत बहुत प्राचीन, परंपरागत और विशुद्ध है, जो बंधे-बंधाये रुप में अद्यपर्यन्त गाए जाते हैं।


जन्म के अवसर पर हालरिया नामक गीत श्रंखला गाई जाती है, इसमें दाई, हारलोगोरो, धतूरों, खाँवलों व खरोडली आदि प्रमुख है। विवाह के समय गणेश स्थापना से वधु के घर आने तक विभिन्न  अवसरों पर विनायक, सोमरों, घोङ्ी, कोयल, रालोटोबनङा, रेजो, कलंगी, पैरो, बालेसर आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा मेले के गीत, सावण के गीत, घूमर आदि प्रमुख हैं। यहाँ के लोक संगीत की प्रमुखता मृत्यु पर भी भावप्रद गीत गाए जाने की है, जिनमें मरने वाले के गुणों का वर्णन करते हुए मृतक के परिवारजनों के प्रति हमदर्दी व्यक्त की जाती है। यह गीत महिलाओं द्वारा ही गाए जाते हैं। इनमें पार, छजिया, ओझिन्गार राग से गाये जाने वाले गीत प्रमुख हैं।


लोकगीतों के अतिरिक्त यहाँ के लोकनाटय जिसे रम्मते कहते हैं, का बबुत प्रचलन रहा है। इसमें किसी व्यक्ति की चरित्र गाथा गा कर जन-साधारण में सुनाई जाती है। इसी प्रकार यहाँ ख्याल की भी रचना की गई थी। इसमें लोक चरित्र नायक के जीवन के किसी अंश को गाकर सुनाया जाता है। रम्मत में रामभरतरी रम्मत प्रमुख है तथा ख्याल में मूमलमेंद्र से ख्याल प्रमुख है। लोकदेवी-देवताओं से संबंधित गीत भी यहाँ पर स्थानीय वाद्य यंत्र सारंगी, रावण हत्था तथा अन्य स्थानीय वाद्ययंत्र प्रमुख है, के साथ गाये जाने की परंपरा भी है।


यहाँ पर झीङ्े नामक एक विशिष्ट काव्य पद्धदि भी रही है। ढोलामारु रा दूहा इसके अंतर्गत गाया जाने वाला सबसे पुराना काव्य है। इसके आलावा रामदेव जी, गोगा जी, संबंधी झीङ्े भी गाये जाने की प्राचीन प्रथा है। लोक संगीत एवं साहित्य गीत के लिए यह प्रदेश बङा ही समृद्ध रहा है।


' रम्मत ' खेल को ही कहते हैं। ऐतिहासिक एवं पौराणिक आख्यानों पर रचित काव्य रचनाओं का मंचीय अभिनय की बीकानेर - जैसलमेर शैली को रम्मत के नाम से अभिहित किया गया है। बीकानेर की रम्मतों का अपना अलग ही रंग है। बीकानेर के अलावा रम्मतें पोकरण, फलौदी, जैसलमेर और आस-पड़ोस के क्षेत्र में खेली जाती हैं। ये कुचामन, चिड़ावा और शेखावटी के ख्यालों से भिन्न होती है। 100 वर्ष पूर्व बीकानेर क्षेत्र में होली एवं सावन आदि के अवसर पर होने वाली लोक काव्य प्रतियोगिताओं से ही इनका उद्भव हुआ है। कुछ लोक कवियों ने राजस्थान के सुविख्यात ऐतिहासिक एवं धार्मिक लोक - नायकों एवं महापुरुषों पर काव्य रचनाएँ की। इन्हीं रचनाओं को रंगमंच पर मंचित कर दिया गया। इन रम्मतों के रचयिताओं के नाम इस प्रकार हैं -
(i) मनीराम व्यास
(ii) सूआ महाराज
(iii) फागू महाराज
(iv) तुलसीराम
(v) तेज कवि (जैसलमेरी)

यहाँ यह उल्लेख कर देना आवश्यक है कि तेज कवि जैसलमेरी रंगमंच के क्रांतिकारी कार्यकर्ता थे। उन्होंने रंगमंच को क्रांतिकारी नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने अपनी रम्मत का अखाड़ा 'श्रीकृष्ण कम्पनी' के नाम से प्रारंभ किया। सन् 1943 में उन्होंने "स्वतंत्र बावनी" की रचना कर उसे महात्मा गाँधी को भेंट किया। उनकी क्रांतिकारी गतिविधि को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने तेज कवि पर निगरानी रखी और इन्हें गिरफ्तार करने का वारण्ट जारी कर दिया। जब उन्हें वारण्ट की सूचना मिली, वह पुलिस कमिश्नर के घर गये एवं अपनी ओजस्वी वाणी मे कहा -
" कमिश्नर खोल दरवाजा,
हमें भी जेल जाना है।
हिन्द तेरा है न तेरे बाप का,
हमारी मातृभूमि पर लगाया बन्दीखाना है॥ "

इससे प्रकार रम्मत और ख्याल के खिलाड़ी सिर्फ मनोरंजनकर्ता ही नहीं थे, अपितु वे समाज में हो रही क्रांति के प्रति पूरी तरह से जागरूक भी थे।
आरंभ में रम्मत को पाठशालाओं में खेलाया जाता था। इसे खेलने वाले 'खेलार' कहलाते थे। बीकानेर में रम्मत होलाष्टक के प्रारंभ अर्थात फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से चतुर्दशी या पूर्णिमा तक खेली जाती है। बीकानेर के लगभग प्रत्येक चौक में रम्मत घाली जाती है।

रम्मत की उल्लेखनीय विशेषताएँ निम्नांकित हैं -

(i) रम्मत प्रारंभ होने से पूर्व मुख्य कलाकार मंच पर आकर बैठ जाते हैं, ताकि हरेक दर्शक उन्हें अपनी वेशभूषा एवं मेक-अप में देख सके।

(ii) संवाद विशेष गायकों द्वारा गाए जाते हैं। ये मंच पर ही बैठे रहते हैं और मुख्य चरित्र उन गायकों द्वारा गाये जाने वाले संवादों को नृत्य व अभिनय करते हुए स्वयं भी बोलते जाते हैं।

(iii) रम्मत में मुख्य वाद्य नगाड़ा तथा ढोलक होते हैं।

(iv) कोई रंगमंचीय साज-सज्जा नहीं होती। मंच का धरातल थोड़ा-सा ऊँचा बनाया जाता है।

(v) रम्मत में निम्नलिखित मुख्य गीत गाये जाते हैं -

# रामदेवजी का भजन :- रम्मत शुरु होने से पहले यह भजन गाया जाता है।

# चौमासा :- यह वर्षा ॠतु के वर्णन का गीत है।

# लावणी :- देवी-देवताओं की पूजा से संबंधित गीत है।

# गणेश वंदना :- इसमें गणेशजी की वन्दना की जाती है।


(vi) रम्मत की सबसे उल्लेखनीय विशेषता उसकी साहित्यिकता है। वाद्यवादक व संगत करने वाले कलाकार रम्मत में स्वयं मनोरंजन का विशेष साधन बन जाते हैं और लोक समाज में इन वाजिन्दों साजिन्दों की बहुत इज्जत होती है।

(vii) रम्मत के शेष तत्व शेखावटी ख्याल से मेल खाते हैं। फर्क इतना ही रहता है कि जहाँ शेखावटी ख्याल पेशेवर ख्याल की गिनती में आ गए हैं, रम्मत आज भी गैर पेशेवर सामुदायिक जनरंजन के लोकनाट्य का ही रूप बनाए हुए है।

(viii) इसमें किसी भी जाति का व्यक्ति भाग ले सकता है।

रम्मत के कुछ विख्यात खिलाड़ियों के नाम इस प्रकार है -
स्वर्गीय श्री रामगोपाल मेहता
साईं सेवग
गंगादास सेवग
सूरज काना सेनग
जीतमल
और गीड़ोजी।
ये सभी बीकानेर के हैं। गीडोजी अपने समय के विख्यात नगाड़ावादक रहे हैं। इन रम्मतों में अत्यधिक लोक ख्याति अर्जित करने वाली रम्मते हैं -
हेड़ाऊ री रम्मत,
अमरसिंह री रम्मत,
पूरन भक्त री रम्मत,
मोरध्वज री रम्मत,
डूंगजी जवाहर जी री रम्मत,
राजा हरिशचन्द्र री रम्मत
और गोपीचन्द भरथरी री रम्मत।

जैसलमेर ....पुलिस न्यूज़ इनबॉक्स .. मंगलवार, ६ मार्च, 201२


करंट की चपेट में आने से युवक की मौत

जैसलमेर देवीकोट के पास भेड़ बकरियां चरा रहे एक युवक को जमीन पर गिरे बिजली तार से करंट लगने पर उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतक के भाई समू खां ने बताया कि रविवार सुबह 11 बजे हसन खां पुत्र गामू खां निवासी जिंदे की ढाणी देवीकोट के पास भेड़ बकरियां चरा रहा था। वहां 11 केवी की बिजली की तार जमीन पर गिरी हुई थी जिसकी चपेट में आने से हसन की मौके पर ही मौत हो गई। उसने बताया कि इस संबंध में पुलिस में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया है।

होली पर धारा 144 लागू

कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ने लागूृ किए प्रतिबंध



जैसलमेर कलेक्टर एवं जिला मजिस्टे्रट एम.पी.स्वामी ने होली व घुलंडी के त्योहार पर जैसलमेर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में साम्प्रदायिक सद्भावना तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत प्रावधानों एवं प्रतिबंधों को लागू किया है।

जिला मजिस्ट्रेट स्वामी द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार किसी भी सम्प्रदाय का कोई भी व्यक्ति ऐसे ऑडियो कैसेट्स आदि नहीं चलाएगा और न ही ऐसे नारे लगाएगा जिससे अन्य सम्प्रदाय या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचती हो। कोई भी व्यक्ति रंग इस तरह से नहीं खेलेंगे जिससे किसी दूसरे सम्प्रदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचती हो एवं किसी धार्मिक स्थान, दुकान पर रंग, गुलाल, गुब्बारे आदि नहीं फेकेंगे और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे। रंग भरे गुब्बारे, घातक रसायन, धूल, कीचड़, ऑयल पेंट आदि का उपयोग नहीं करेंंगे एवं रंग खेलने के लिए अनिच्छुक व्यक्ति को न तो रंग लगाएंगे एवं न ही उन पर रंग फेकेंगे।

आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति जैसलमेर की सीमा के भीतर अपने पास विस्फोटक पदार्थ , किसी प्रकार के आग्नेय शस्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्टल, राइफल, बन्दूक एवं एम.एन. गन आदि अन्य हथियार जैसे गन्डासा, फरसा, तलवार, भाला, कृपाल, चाकू -छूरी, बरछी, गुप्ती, खाखरी, अलम कटार, धारिया ,बगनक जो किसी धातु से शस्त्र के रुप में बना हो एवं तेज धारदार हथियार, लाठी, स्टीक इत्यादि साथ लेकर सार्वजनिक स्थानों पर नहीं घूमेगा एवं न ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शन करेंगे। इसी तरह कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मदिरा का सेवन नहीं करेगा न ही किसी को सेवन करवाएगा तथा अधिकृत विक्रेताओं को छोड़कर कोई भी व्यक्ति निजी उपयोग के कारण अथवा किसी अन्य उपयोग के लिए सार्वजनिक स्थलों से मदिरा आवागमन नहीं करेगा।


फतेहगढ़ में सीएलजी की बैठक


फतेहगढ़उपखण्ड मुख्यालय स्थित अस्थाई पुलिस चौकी में सोमवार को सीएलजी बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अतिरिक्त पुलिस उप अधीक्षक प्रशिक्षु सुनिल के पंवार तथा सांगड़ थानाधिकारी ओमप्रकाश गोदारा सहित ग्रामीणों ने भाग लिया।

बैठक में पंवार ने ग्रामीणों एवं सीएलजी सदस्यों से कहा कि होली का त्यौहार सभी जातियों के लोग शांति पूर्वक भाईचारे के साथ मनाए। ग्रामीणों ने क्षेत्र में बढ़ती चोरियों के कारण बाजार तथा राजीव गांधी सेवा केन्द्र में पहरेदार नियुक्त करने, रात्रि गश्त में कानिस्टेबल की नियुक्ति करने, टैक्सी स्टैंड का स्थान निर्धारित कर वाहनों को व्यवस्थित खड़ा करने की मांग रखी। पंवार ने संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी रखने तथा क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने की ग्रामीणों से अपील की। मिटिंग में सदस्यों ने भी सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में पूर्व सरपंच चंगेज खान, वैद गजेन्द्र प्रसाद, चौकी प्रभारी नीम्बसिंह, अमोलखदास ओझा, नागोदर खान, बालाराम, किशनाराम, माणकाराम, चंदनाराम, अब्दुलखान सहित ग्रामीण उपस्थित थे।

चोरी हुई बोलेरो बरामद

जैसलमेर नाचना क्षेत्र से रविवार की रात्रि में चोरी हुई बोलेरो को पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सोमवार दोपहर में बरामद कर लिया। पुलिस के अनुसार रविवार को भगवानसिंह पुत्र कानसिंह राजपुरोहित ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसकी सफेद रंग की बोलेरो एसएलएक्स आरजे- 5 यूए 986 रात्रि में घर से आगे से गायब हो गई। रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर थानाधिकारी गौतम डोटासरा ने मय जाब्ता गाड़ी तलाश शुरू कर दी। इस दौरान उन्हें सत्याया सरहद पर लावारिश हालत में बोलेरो मिल गई जिसे कब्जे में लेकर चोरों की तलाश शुरू कर दी गई है।
सीमा से सटे गांवों में रात्रि प्रवेश पर प्रतिबंध

जैसलमेर त्न जिले से लगने वाली भारत-पाक सीमा पर तस्करी ,घुसपैठियों तथा असामाजिक तत्वों के अवैध प्रवेश एवं अन्य अवांछनीय गतिविधियों की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला मजिस्टे्रेट एम.पी.स्वामी ने सीमा के पास लगती हुई पांच किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले निवासियों एवं उस क्षेत्र में प्रवेश तथा विचरण करने वाले व्यक्तियों के लिए पाबंदी लगाई है।

जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह पाबंदी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है तथा 3 मई , 2012 तक रहेगी। इसके अंतर्गत इन निर्धारित क्षेत्रों में प्रवेश व विचरण 6 बजे से सुबह 7 बजे तक सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना प्रतिबंध रहेगा।आदेश के अनुसार जैसलमेर एवं पोकरण तहसील के ग्राम किशनगढ़, तनोट , साधेवाला , घोटारू , लौंगेवाला , गणेशिया , लंगतला , रतड़ाऊ ,लीलोई , कारटा , खारीया , शेखर , कोठ , जामराऊ ,खुईयाला उर्फ खुडजनवाली ,जाजीया , खारा , मंूंगर , सोम, रोहिड़ेावाला, लौहार , आसूदा , धौरोई , बिछड़ा , मीठड़ाऊ , किरड़वाली , जीयाऊ , केरला , बगनाऊ , बसना, बिरयारी, मीठीखुई, भुग, मूरार, धनाना, लूणार, पोछीना, करड़ा, गोधूवाला, भूटोवाला, अकनवाली, दातावानी , झालरिया, नीचूवाली, बुईली(सरकारी), बाहला, भारेवाला, दादुड़ावाला, मोहरोवाला, मालासर, याजलार , रायचन्दवाली तथा कुरीया बैरी सम्मिलित है।





बाड़मेर पुलिस...आज की ताजा खबर.

झुलसी अवस्था में मिला विवाहिता का शव

पीहर पक्ष ने लगाया दहेज हत्या का आरोप

बालोतरा  स्टेट हाइवे बाइपास मार्ग के पास स्थित नई भील बस्ती में सोमवार शाम एक विवाहिता की झुलसने से मौत हो गई। विवाहिता के पीहर पक्ष ने दहेज के लिए हत्या करने का आरोप लगाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने विवाहिता के पति बालकराम व ससुर भगाराम को हिरासत में ले लिया है।

पुलिस के अनुसार रुकमणी (30) पत्नी बालकराम का शव उसके नई भील बस्ती स्थित घर के एक कमरे में झुलसी अवस्था में मिला। ससुराल पक्ष ने बताया कि करीब साढ़े तीन बजे उसने केरोसीन उलेड़कर आग लगा ली। रुकमणी आठ माह से गर्भवती थी, उसकी शादी करीब 15 वर्ष पूर्व बालकराम के साथ हुई थी व इनके छह बच्चे हैं। मृतका के भाई अर्जुनराम पुत्र भगाराम भील निवासी हाउसिंग बोर्ड माजीवाला ने आरोप लगाया कि रुकमणी के साथ उसका पति वगेरह आए दिन मारपीट करते रहते थे। उसने रिपोर्ट देकर बताया कि उसकी बहन को दहेज के लिए केरोसीन उलेड़कर उसकी हत्या कर दी। पीहर पक्ष को शाम करीब सात बजे इस घटना की जानकारी मिलने पर वे मृतका के घर पहुंचे। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया है।

पांच कराइयों में लगी आग, लाखों का चारा खाक

बालोतरा सोमवार अलसवेरे करीब 4 बजे अराबा दूदावता गांव के पास स्थित खलिहान में चारे की कराइयों में आग लग गई। तेज हवा के चलते आग तेजी से फैली और पांच कराइयों को चपेट में लिया। सूचना के बाद भी दमकल दो घंटे बाद मौके पर पहुंची। तब तक ग्रामीणों ने ट्रैक्टर टंकियों व बाल्टियों से आग बुझाने में जुटे रहे। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, तब तक पांचों कराइयोंं में भरा चारा पूरी तरह खाक हो गया। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया।

इनका हुआ नुकसान

अराबा दूदावता गांव के पास ही बने खलिहानों में प्रेमसिंह पुत्र सुल्तानसिंह राजपुरोहित, पुखराजसिंह पुत्र प्रेमसिंह, लालसिंह पुत्र सुल्तानसिंह, तुलसाराम पुत्र सांवलराम मेघवाल व तेजाराम पुत्र अमराराम के खलिहान आस-पास आए हुए हैं। इन्हीं की कराइयों में आग लगी। ग्रामीणों का अनुमान है कि आग से लाखों रुपए का चारा खाक हो गया। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण खलिहानों में कराइयां बनाकर उसमें सूखा चारा भरकर रखते हैं ताकि अकाल के समय उनके पशुओं के लिए चारे की कमी नहीं आए। वर्षों की मेहनत से एकत्रित किया चारा तीन घंटे में जलकर खाक हो गया।


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दोहरे हत्याकांड के आरोपी पांच दिन के रिमांड पर
बाड़मेरदोहरे हत्याकांड के तीन आरोपियों को सोमवार को पुलिस ने एसीजेएम कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने तीनों को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपने के आदेश दिए। सदर थानाधिकारी कैलाशचन्द्र मीणा ने बताया कि ओमप्रकाश व भजनलाल हत्याकांड के आरोपी गोपसिंह, चुन्नीलाल व जेठाराम को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने तीनों को रिमांड पर सौंपा है। तीनों से पूछताछ की जा रही है।

जुआ खेलते तीन गिरफ्तार
बाड़मेरकोतवाली थानातंर्गत सोमवार को चौहटन रोड स्थित सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेलते तीन लोगों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से तीन सौ रुपए बरामद किए गए। पुलिस ने बताया कि टीवीएस शो रूम के पास चौहटन रोड पर जुआ खेलते मिश्रा खां पुत्र बरकत खां निवासी शास्त्री नगर, राजू पुत्र लूणाराम भार्गव बाड़मेर व ओमप्रकाश पुत्र घीसाराम जटियों का नया वास बाड़मेर को जुआ खेलते गिरफ्तार किया । इनके कब्जे से तीन सौ रुपए बरामद किए गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरु कर दिया।

17 जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज

बाड़मेरत्नचौहटन थानातंर्गत समाज से बहिष्कृत करने व प्रताडि़त करने के मामले में सत्रह जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि वीराराम पुत्र देवाराम निवासी कोठे का तला धारासर ने मामला दर्ज करवाया कि हरचंद पुत्र तेजा, गोरखा पुत्र हरजी, हरजी पुत्र वखता, तुलछा पुत्र रुगा, सुरता पुत्र रुगा, सता पुत्र मूला, मोडा पुत्र मूला, खेराज पुत्र चिमना, रेखा पुत्र भीखा, बाबू पुत्र भीखा, मेहर पुत्र विरधा, वीरा पुत्र विरधा, मोडा पुत्र चैना, वीरमा पुत्र चैना, हिम्मता पुत्र चैना, गुमना पुत्र मोडा व मेगराज पुत्र हरजी ने उसे पहले प्रताडि़त किया, फिर पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर दिया। पुलिस ने जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।