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माकूल रही सुरक्षा व्यवस्था: मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर व्यवस्था समिति तथा पुलिस प्रशासन की ओर से मंदिर परिसर में सुरक्षा के माकूल बंदोबस्त किए गए थे। जसोल चौकी प्रभारी चेलाराम कटारिया, वीरसिंह, दीनाराम, छोगाराम, विक्रम टेंपो यूनियन के कालू खां पठान, अनिल बारासा व मंदिर व्यवस्थापकों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्था में सहयोग किया।
नाचते-गाते पहुंचे श्रद्धालु: माता राणी भटियाणी के दरबार में दूरदराज से आ रहे पैदल यात्रियों के जत्थे हाथों में ध्वज पताकाएं लिए ढोल-ढमाकों की ताल पर नाचते हुए मंदिर परिसर में पहुंचे। मंगलवार सुबह से ही जसोल जाने वाले मार्ग पर पैदल यात्रियों के जत्थे नजर आए।
छेड़ाबंदी कर जात लगाई: फाल्गुन की त्रयोदशी के अवसर पर नवविवाहित जोड़ों ने छेड़ाबंदी कर सुखी दांपत्य जीवन के लिए मां के दरबार में जात लगाई। नवविवाहित जोड़ों ने परिजनों के साथ मां के दरबार में शीश झुकाकर पूजा-अर्चना की। जात देने वालों के लिए सुरक्षाकर्मियों की ओर से अलग से व्यवस्था की गई थी।
टांके में मिला युवक का शव
बालोतरा मंडली थानांतर्गत एक मर्ग का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार श्रवणराम पुत्र अक्खाराम ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसका बड़ा भाई पप्पूराम ७-८ दिन पहले घर से मजदूरी करने के लिए जाने की बात कहकर निकला था लेकिन मंगलवार तक वापस नहीं आया। ढूंढने पर घर से 4 किलोमीटर दूर खुशालाराम मेघवाल के खेत में बने टांके में उसके भाई की लाश तैरती हुई मिली। सूचना मिलने पर एसएचओ रेवतसिंह ने मौके पर पहुंच शव बाहर निकलवाया तथा उसका पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपर्द किया।
मृतकों के नाम उठ गया लाखों का फसली ऋण!
ग्राम सेवा सहकारी समिति ओगाला का मामला, कागजों में ऋण जारी, काश्तकारों को पता नहीं
बाड़मेर.ग्राम सेवा सहकारी समिति ओगाला में मृतकों के नाम लाखों रुपए का फसली ऋण उठाने का आरोप किसानों ने लगाया है। यही नहीं किसानों का कहना है कि जो सहकारी समिति के सदस्य भी नहीं हैं उनके नाम पर भी ऋण उठ गया। काश्तकारों ने कलेक्टर से मंगलवार को मुलाकात कर इसकी जांच कराने की मांग की।
किसानों ने कलेक्टर को दिए ज्ञापन में आरोप लगाया कि दी बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक शाखा धोरीमन्ना के अंतर्गत आने वाली ग्राम सेवा सहकारी समिति ओगाला के पदाधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखते हुए फसली ऋण में लाखों रुपए की अनियमितताएं बरती। समिति की ओर से आनन फानन में ऋण राशि जारी की गई। जबकि संबंधित काश्तकारों को पता ही नहीं की उनके नाम से ऋण राशि जारी की गई है।
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