शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

*बाड़मेर । अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर समर्थकों में उत्साह, पटाखे फोड़ जताई खुशी*

*बाड़मेर । अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर समर्थकों में उत्साह, पटाखे फोड़ जताई खुशी*

बाड़मेर। प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के नाम पर ऊपर से पिछले तीन दिन की माथापच्ची के बाद अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा का गहलोत समर्थकों ने जबरदस्त स्वागत किया है । शुक्रवार शाम जैसे ही अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा हुई बाड़मेर के कांग्रेसजनों मे खुशी की लहर छा गयी। गहलोत समर्थको ने शहर के अहिंसा चैराहे पर आतिशबाजी कर मिठाई बांटी साथ ही गहलोत समर्थकों ने आतिशबाजी कर गहलोत के जयकारे भी लगाए।

पहला विधानसभा चुनाव हारे थे गहलोत,संजय गांधी की खास थे

पहला विधानसभा चुनाव हारे थे गहलोत,संजय गांधी की खास थे

जोधपुर. कांग्रेस नेता अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री होंगे। 67 साल के गहलोत इससे पहले 1998 और 2008 में भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। गहलोत संगठन में मजबूत पकड़ रखते हैं। वे उन नेताओं में से हैं जो गांधी परिवार के काफी करीबी रहे।


अशोक गहलोत 1973 से 1979 तक कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। उन्होंने 1977 में सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। इस चुनाव में वे हार गए थे। वे संजय गांधी के काफी करीबी माने जाते थे। 1980 के मध्यावधि चुनाव में गहलोत को जोधपुर से लोकसभा प्रत्याशी


घोषित किया गया। वे यहां से सांसद बनकर पहली बार राष्ट्रीय राजनीति में पहुंचे।




इंदिरा, राजीव और राव के मंत्रिमंडल में रह चुके हैं गहलोत
गहलोत इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की केंद्र सरकार में पर्यटन, खेल और नागरिक उड्डयन मामलों के राज्य मंत्री रहे हैं। गहलोत को 1989 लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें भाजपा नेता जसवंत सिंह ने हराया था। लेकिन इसके बाद लगातार तीन बार वे जोधपुर के सांसद चुने गए। 1998 में वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद से वे सरदारपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से वे लगातार पांच बार चुनाव जीत चुके हैं।


संगठन पर गहलोत की पकड़
गहलोत को संगठन चलाने की क्षमता में माहिर माना जाता है। 1985 में 34 साल के गहलोत को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया। चार वर्ष तक वे इस पद पर रहे। इसके बाद वे दो बार




फिर प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। 2004 में उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में विशेष आमन्त्रित सदस्‍य बनाया गया। इसी साल उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। पांच वर्ष वे इस पद पर रहने के बाद फिर प्रदेश की राजनीति में लौटे और मुख्यमंत्री बने। वर्तमान में गहलोत कांग्रेस महासचिव हैं।

तो क्या अब सचिन पायलट की टीम राजस्थान में मुस्तैदी से काम करेगी? अशोक गहलोत मुख्यमंत्री के पद रहते हुए कितना तालमेल बैठा पाएंगे। प्रियंका गांधी की भी भूमिका। पायलट के लिए आसान नहीं होगा समर्थकों को समझाना।


तो क्या अब सचिन पायलट की टीम राजस्थान में मुस्तैदी से काम करेगी? अशोक गहलोत मुख्यमंत्री के पद रहते हुए कितना तालमेल बैठा पाएंगे। प्रियंका गांधी की भी भूमिका। पायलट के लिए आसान नहीं होगा समर्थकों को समझाना।
========



अब जब दो दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 14 दिसम्बर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अशोक गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है, तब यह सवाल उठता है कि क्या अब सचिन पायलट की टीम प्रदेश में मुस्तैदी से कांग्रेस के लिए काम करेगी। सब जानते हैं कि पिछले पांच वर्षों में पायलट की टीम ने राजस्थान में कांग्रेस को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए वर्ष 2013 में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा और 200 में से मात्र 21 विधायक कांग्रेस के जीत पाए। ऐसी बुरी दशा में पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर संभाली और 2018 में कांग्रेस के सौ उम्मीदवार विधायक बन गए। लेकिन जब मुख्यमंत्री बनने की बात आई तो कांग्रेस हाईकमान ने उन्हीं अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया जिनके कार्यकाल में मात्र 21 सीटें आई थी। यही वजह है कि अब सचिन पायलट की टीम के लोग यह सवाल कर रहे है कि पांच वर्ष तक मेहनत करने का क्या फायदा हुआ? यदि कांग्रेस हाईकमान की नजर में गहलोत ही सब कुछ है तो फिर 2013 में बुरी हार के बाद ही गहलोत को प्रदेश अध्यक्ष बना देना चाहिए था। सब जानते हैं कि उस समय प्रदेशभर में गहलोत का विरोध था, इसलिए उन्हें प्रदेश की र ाजनीति से हटा कर दिल्ली बुला लिया। पायलट ने प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद न केवल उपचुनावों में कांगे्रस को जीत दिलवाई बल्कि पंचायती राज और स्थानीय निकायों के चुनावों में भी मजबूती दिलवाई। 11 माह पहले हुए लोकसभा के दो उपचुनावों में तो कांग्रेस ने सभी 17 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की। इससे कांग्रेस के पक्ष में जो माहौल बना उसका फायदा विधानसभा के चुनाव में हुआ। प्रदेशभर के लोगों को यही उम्मीद थी कि पायलट ही मुख्यमंत्री बनेगे। लेकिन राहुल गांधी ने गहलोत को ही फिर से मुख्यमंत्री बना दिया। ऐसे में सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि यदि गहलोत के कार्यकाल के दौरान 2013 वाले हालात उत्पन्न हुए तो फिर कौन जिम्मेदार होगा? मुख्यमंत्री के पद को लेकर पिछले दो दिन से दिल्ली में जो खींचतान हुई उसमें साफ हो गया कि गहलोत और पायलट अलग-अलग हैं। राजस्थान की राजनीति को समझने वाले जानते है कि पूर्व में जब पायलट केन्द्र में मंत्री थे और गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री थे, तब  दोनों में तालमेल नहीं था। जानकारों की माने तो पायलट जिन अधिकारियों के लिए सिफारिश करते थे, उन पर राजस्थान की सरकार कोई कार्यवाही नहीं करती थी। आखिर के दिनों में तो पायलट ने अपने लोगों से यह कहना शुरू कर दिया कि राज्य सरकार को पत्र लिखने से कोई फायदा नहीं हैं। अब जब सचिन पायलट और उनकी टीम की मेहनत का फायदा गहलोत ने उठा लिया है तो यह सवाल भी अपने आप में महत्वपूर्ण है कि सचिन पायलट की गहलोत की सरकार में कितनी चलेगी? सचिन पायलट के समर्थक विधायक भी मंत्री बनना चाहेंगे। आने वाले दिनों में पता चलेगा कि मंत्री मंडल में पायलट के कितने विधायक शामिल होते हैं। यदि दोनों नेताओं में तालमेल नहीं रहा तो मई में होने वाले लोकसभा के चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा। यह तीसरा अवसर होगा, जब अशोक गहलोत राजस्थान के सीएम बनने जा रहे हैं। इसे अशोक गहलोत का जादू ही कहा जाएगा कि वे सीएम पद की शपथ ले रहे हैं।
प्रियंका का दखल:
गहलोत को मुख्यमंत्री बनवाने में कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी के साथ साथ राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी की भी सक्रिय भूमिका रही हैं। सूत्रों की माने तो राहुल गांधी सचिन पायलट को सीएम बनाना चाहते थे, लेकिन सोनिया और प्रियंका की दखल के बाद राहुल को अपना निर्णय बदलना पड़ा, लेकिन जब पायलट ने नाराजगी व्यक्त की तो राहुल गांधी को पायलट के दोस्त भंवर जीतेन्द्र सिंह को बुलाना पड़ा। 14 दिसम्बर की सुबह राहुल के आवास पर भंवर जीतेन्द्र और प्रियंका गांधी के बीच मुलाकात हुई इस मुलाकात में ही पायलट को समझाने की कोशिश की। सूत्रों की माने तो पायलट सशर्त राजी हुए है। यानि गहलोत मंत्री मंडल में पायलट के समर्थकों की संख्या ज्यादा रहेगी। मंत्री मंडल के सदस्यों के नाम पर ही राहुल गांधी के सामने सहमति बनी है।
विधायक दल की बैठक में होगा चयन:
जयपुर के प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस विधायकों की बैठक होगी और इसी में अब गहलोत को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। गहलोत और पायलट में कोई विवाद नजर न आए इसके लिए पायलट द्वारा गहलोत का नाम प्रस्तावित किया जाएगा। 14 दिसम्बर की रात तक गहलोत को नेता चुने जाने की जानकारी राज्यपाल कल्याण सिंह को दे दी जाएगी। माना जा रहा है कि गहलोत मुख्यमंत्री पद की शपथ जल्द लेंगे।
पायलट के लिए आसान नहीं होगा:
भले ही पायलट ने दिल्ली में राहुल गांधी के सामने गहलोत को सीएम बनाने पर सहमति दे दी हो लेकिन राजस्थान में अपने समर्थकों खास कर अपनी गुर्जर जाति के लोगों को समझाना पायलट के लिए आसान नहीं होगा। प्रदेश भर के गुर्जर समुदाय ने इस बार कांग्रेस के पक्ष में एकतरफ मतदान किया, इसकी वजह यही थी कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। पायलट ने टोंक विधानसभा क्षेत्र ेस चुनाव भी इसलिए लड़ा कि वहां मुस्लिम मतद ाताओं के साथ साथ गुर्जर मतदाताओं की संख्या भी ज्यादा है। 54 हजार मतों की जीत बताती है कि पायलट के पक्ष में किस तरह मतदान हुआ। हालांकि पायलट बार बार छत्तीस कौमों के समर्थ का दावा करते हैं। पायलट ने कांग्रेस को बहुमत मिलने पर सर्व समाज का आभार भी जताया है। पायलट के सीएम बनने बनने से उनके समर्थकों में निराशा है। ऐसे में देखना होगा कि पायलट अपने समर्थकों में किस प्रकार से जोश भरते है।
एस.पी.मित्तल) (14-12-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
===========

RCA मामले में बड़ा फैसला, सीपी जोशी की अध्यक्ष के रूप में बहाली , राठौड़ रहेंगे कोषाध्यक्ष

RCA मामले में बड़ा फैसला, सीपी जोशी की अध्यक्ष के रूप में बहाली , राठौड़ रहेंगे कोषाध्यक्ष


राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) मामले में आज एक बड़ा फैसला आया है, जिसमें डॉ. सीपी जोशी की अध्यक्ष के रूप में बहाली हो गई है। RCA को लेकर खेल सचिव के फैसले में एडहॉक गठन का फैसला निरस्त किया गया है।


वहीं इस बहाली के साथ ही पुराना कार्यकारिणी को भी यथावत रहेगी। इस बहाली के साथ ही आरसीए के कोषाध्यक्ष पद बाड़मेर के आजादसिंह राठौड़ ही रहेंगे।

गौरतलब है कि आरसीए मोदी और जोशी गुट के तौर पर खेमों में बंटा नजर आया और विवादों का अखाड़ा ही बनाता जा रहा था जिसके चलते आरसीए की कार्यकारिणी भंग कर दिया गया था।

बाड़मेर । अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर समर्थकों में उत्साह, पटाखे फोड़ जताई खुशी

बाड़मेर । अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर समर्थकों में उत्साह, पटाखे फोड़ जताई खुशी

बाड़मेर। प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के नाम पर ऊपर से पिछले तीन दिन की माथापच्ची के बाद अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा का गहलोत समर्थकों ने जबरदस्त स्वागत किया है । शुक्रवार शाम जैसे ही अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा हुई बाड़मेर के कांग्रेसजनों मे खुशी की लहर छा गयी। गहलोत समर्थको ने शहर के अहिंसा चैराहे पर आतिशबाजी कर मिठाई बांटी साथ ही गहलोत समर्थकों ने आतिशबाजी कर गहलोत के जयकारे भी लगाए।


बाड़मेर ब्लॉक प्रवक्ता छोटूसिंह पंवार ने बताया कि सभी कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को बधाई दी और अहिंसा सर्किल पर पटाखे फोड़कर गहलोत के मुख्यमंत्री बनने का जश्न मनाया।

इसमें बाड़मेर नगर परिषद के उपसभापति प्रीतमदास जीनगर, उपप्रधान कुटलाराम मेघवाल, पार्षद तरुण सिंधी, खुमानसिंह बोथिया, रफीक भाई, मूलाराम पूनड़, जितेन्द्रसिंह , हुकमाराम माली, थानवीर माली , राजू माली, रवि सेवकानी, अर्जुनसिंह , दिलीपसिंह सहित कई कांग्रेसी मौजूद रहे।

*केंद्रीय अध्ययन दल 16 से बाड़मेर जिले के दौरे पर*

*केंद्रीय अध्ययन दल 16 से बाड़मेर जिले के दौरे पर*

*बाड़मेर, 14 दिसंबर।*
बाड़मेर जिले में सूखे से प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए 16 दिसंबर को केंद्रीय अध्ययन दल आएगा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार ने बताया कि केंद्रीय अध्ययन दल 16 एवं 17 दिसंबर को बाड़मेर जिले के दौरे पर रहेगा। केंद्रीय अध्ययन दल के भ्रमण कार्यक्रम के दौरान बाड़मेर, सिणधरी एवं शिव उपखंड अधिकारी को समन्वय अधिकारी नियुक्त किया गया है।

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन हुई बहाल,आज़ाद सिंह रहेंगे कोषाध्यक्ष*

*राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन हुई बहाल,आज़ाद सिंह रहेंगे कोषाध्यक्ष*

*राजस्थान के प्रमुख सचिव स्पोर्ट्स ने आर सी ए को बहाल कर दिया।।बहाली के साथ ही पुरानी कार्यकारिणी भी बहाल हो गई।सी पी जोशी अध्यक्ष और आज़ाद सिंह राठौड़ कोषाध्यक्ष रहेंगे।।

जेसलमेर। स्कूली 17 वर्षीय राष्ट्रीय बास्केटबाॅल प्रतियोगिता में जैसलमेर बास्केटबाॅल अकादमी के चार खिलाड़ी चयनित अकादमी के राजवीर सिंह भाटी होंगे राजस्थान टीम के कप्तान

जेसलमेर। स्कूली 17 वर्षीय राष्ट्रीय बास्केटबाॅल प्रतियोगिता में जैसलमेर बास्केटबाॅल अकादमी के चार खिलाड़ी चयनित
अकादमी के राजवीर सिंह भाटी होंगे राजस्थान टीम के कप्तान
राज्य से सर्वाधिक चार खिलाड़ी अकादमी से है

जैसलमेर। राज्य सरकार के युवा मामले एवं खेल विभाग व राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद द्वारा संचालित जैसलमेर बास्केटबाॅल अकादमी के खिलाड़ी राजवीर सिंह भाटी, मुकेष बंजारा, नितेष बाॅगड़वा व षिवम कुमावत का चयन स्कूल गेम्स फेडरेषन आॅफ इंडिया द्वारा आयोजित 64 वीं राष्ट्रीय विधालयी 17 वर्षीय बास्केटबाॅल प्रतियोगिता दिल्ली में 14 से 19 दिसम्बर 2018 तक के लिये किया गया है। राजस्थान टीम में सर्वाधिक चार खिलाड़ी जैसलमेर बास्केटबाॅल अकादमी से लिये गये है। जैसलमेर अकादमी की टीम हाल ही में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता बाड़मेर में स्वर्ण पदक विजेता रही थी। इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट खेल प्रदर्षन के आधार पर चार खिलाड़ियों का चयन राजस्थान टीम के लिये किया गया है। एवं राजस्थान टीम का कप्तान अकादमी के अन्तराश्ट्रीय खिलाड़ी राजवीर सिंह भाटी को बनाया गया है। इस उपलब्धि के लिये रूपाराम धनदे विधायक जैसलमेर एवं तत्कालीन अध्यक्ष जिला बास्केटबाॅल संघ एवं मुख्य सरंक्षक जिला बास्केबाॅल संघ जैसलमेर ने अपनी ओर से ष्षुभकामनाएं देते हुए आषा जताई कि राष्ट्र स्तर पर भी स्वर्ण पदक प्राप्त करें। ज्ञात रहें जैसलमेर बास्केटबाॅल अकादमी की स्थापना में इनकी महती भूमिका रही है। एवं ओम कसेरा जिला कलक्टर एवं पदेन अध्यक्ष जिला क्रीड़ा परिषद जैसलमेर, नारायण सिंह सचिव राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद जयपुर ने, जिला बास्केटबाॅल संघ के अध्यक्ष आषाराम सिंधी एवं सचिव हरीष धनदे ने खेल अधिकारी एवं अकादमी के प्रभारी लक्ष्मण सिंह तंवर, अकादमी के बास्केटबाॅल प्रषिक्षक राकेष बिष्नोई व खिलाड़ियों को ष्षुभकामनाएॅ दी है। सभी खिलाड़ी अमर शहीद सागरमल गोपा राउमावि जैसलमेर के नियमित छात्र है। इस उपलब्धि के लिये विधालय के प्राचार्य नवल किषोर व विधालय स्टाॅफ व जिले के विभिन्न खेल संघों एवं खेल प्रेमियों द्वारा खिलाड़ियों को ष्षुभकामनाएॅ दी है।
----0000--

बाडमेर सीमा सुरक्षा बल के महानिरिक्षक ने सीमा चौकियों का किया निरीक्षण

बाडमेर सीमा सुरक्षा बल के महानिरिक्षक ने सीमा चौकियों का किया निरीक्षण

सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक श्री गुरपाल सिंह द्वारा सीमा चौकीयो  तथा सीमांत इलाकों का निरीक्षण किया। इसमें सीमा चौकी नूरी का टिब्बा,न्यू सुंदरा तथा मुनाबाव के सीमा प्रबंधन तथा सक्रियात्मक ड्यूटीयो को देखा एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सीमा सुरक्षा बल के जवानों को पड़ोसी देश द्वारा की जा रही हरकतों से आगाह रहने तथा सीमा पर ओर अधिक चौकस तथा मुस्तैदी से ड्यूटी करने की सलाह दी।  इसके उपरांत उप महानिरीक्षक महोदय द्वारा गांव पांचला में सिविक एक्शन प्रोग्राम 2018 का शुभारंभ किया। ग्रामीणों के मध्य खेल भावना को प्रोत्साहन देने हेतु जयसिन्दर स्टेशन,सजनानी,रोहिणी तथा पांचला गाँवो की टीमों के मध्य वॉलीबॉल मैच आयोजित किया जिसमें पांचला गांव की टीम विजेता तथा रोहिणी की टीम उप विजेता रही।  विजेता टीम,उपविजेता टीम को पुरस्कार,ग्रामीणों हेतु नवनिर्मित वॉलीबॉल ग्राउंड,कौशल दक्षता प्रोग्राम के तहत आयोजित मोटर साइकिल मैकेनिक कोर्स के प्रतिभागियों को टूल किट तथा सर्टिफिकेट,आदर्श विद्यालय रोहिणी, पांचला, सुंदरा के विद्यालयों हेतु वरिष्ठ अध्यापकों को विद्यार्थियों हेतु दरी पट्टी,पंखे,टाट पट्टी आदि का वितरण किया गया।  उक्त कार्यक्रम में सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक श्री गुरपाल सिंह,समादेष्टा श्री अजय कुमार,द्वितीय कमान अधिकारी श्री रविंद्र ठाकुर सहित अन्य अधिकारी तथा जवान उपस्थित थे वहीं मुख्य अतिथि गडरा रोड तहसीलदार श्री डालाराम जी,पांचला  गांव के वरिष्ठ ग्रामीण सवाई सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे। महा निरीक्षक श्री गुरपाल सिंह ने सीमावर्ती ग्रामीणों को सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस बताया तथा चिकित्सा सुविधा हेतु सीमा सुरक्षा बल की मदद लेने से गुरेज न करने की सलाह दी। अंत में सवाई सिंह ने सीमा सुरक्षा बल द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।

*जोधपुर एल0डी0सी0 सहदेवसिंह के ब्लाईंट मर्डर का पर्दाफास, सगा साढू निकला हत्यारा*

*जोधपुर एल0डी0सी0 सहदेवसिंह के ब्लाईंट मर्डर का पर्दाफास, सगा साढू निकला हत्यारा*

जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण राजन दुष्यंत ने बताया कि दिनांक 10.12.2018 को लोहावट थानान्तर्गत फतेहसागर स्कूल में कार्यरत एल0डी0सी0 श्री सहदेवसिंह के ब्लाईंड मर्डर के अभियुक्त भगवानसिंह पुत्र स्व. श्री खेतसिंह रावणा राजपूत निवासी फतेहगढ़ पुलिस थाना देचू, श्रीमति जया कंवर पत्नी स्व0 श्री सहदेवसिंह जाति रावणा राजपूत को गिरफ्तार तथा विधि से सघर्षरत 5 बाल अपचारियों को पुलिस संरक्षण में लेकर घटना का पर्दाफाश करने में सफलता अर्जित की है।

*घटना -* दिनांक 11.12.2018 को बमुकाम मौकास्थल पर मृतक सहदेव के भाई दरियावसिंह ने रिर्पोट दी कि मेरा भाई सहदेवसिंह फतेहसागर स्कूल में नौकरी करता है। दिनांक 10.12.18 को सहदेवसिंह अपनी मोटरसाईकल पर घर से स्कूल के लिये निकले। शाम को छुट्टी होने के बाद भी घर नही पहुंचने पर मोबाईल पर सम्पर्क करने की कोशिश की गयी तो मोबाईल फोन बंद मिला। परिजनों द्वारा स्कूल प्रशासन से सम्पर्क किया तो बताया कि सहदेवसिंह परीक्षा की लेखन सामग्री लाने हेतु स्कूल से 10.30 बजे फलोदी गया था। फलोदी में स्टेशनरी की दूकान पर पूछताछ करने पर पता चला कि वह दोपहर स्टेशनरी लेकर वहां से वापस चला गया। परिजनों ने सहदेवसिंह की तलाश सभी संभावित स्थानों पर की गयी तथा पुलिस थाना लोहावट में गुमशुदगी दर्ज करवायी थी। दिनांक 11.12.2018 को पुनः खोजबीन करते हुए परिजन जालोड़ा नहर पुलिया से पास मुडिया रोड के किनारे पहुंचे तो मुडिया रोड़ पर खून बिखरा मिला। आस-पास नजर डालने पर दूर बबुल की झाड़ियों में मोटरसाईकल दिखायी दी तथा पास में सहदेवसिंह की खून से लथपथ लाश पड़ी थी। मौके पर कई व्यक्तियों के पदचिन्ह एवं तीन मोटरसाईकल के टायरों के निशान पाये गये। जिस पर पुलिस थाना लोहावट में हत्या व सबूत नष्ट करने का मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया।

*घटना की गंभीरता -* उक्त गंभीर अपराध की तुरन्त ही प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर सरगर्मी से अनुसंधान प्रारम्भ किया। घटना की गंभीरता को देखते हुए मृतक सहदेव के परिजनों एवं गांव वालों ने मौके पर लाश के पास धरना देना शुरू कर दिया तथा पुलिस को मौके पर से लाश को उठाने नही दिया। दिनांक 12.12.2018 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक फलोदी श्री जस्साराम बोस व अन्य अधिकारियों द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण से मौके पर उपस्थित मोजिज व्यक्तियों से जरिये टेलीफोन वार्ता करवाकर सरगर्मी से अनुसंधान करने तथा घटना का शीघ्र पर्दाफाश कर हत्यारों को गिरफ्तार करने के आश्वासन देने पर परिजनों द्वारा घटनास्थल से धरना समाप्त कर मृतक की लाश का पोस्टमार्टम एवं अंतिम संस्कार करवाने हेतु सहमत हुए।

घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण राजन दुष्यंत ने घटनास्थल पर एफ0एस0एल0 टीम भेजकर साक्ष्य एकत्रित करवाये गये। मृतक के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक फलोदी श्री जसाराम बोस, वृताधिकारी फलोदी श्री हरफूलसिंह, थानाधिकारी फलोदी श्री मदनसिंह, थानाधिकारी लोहावट    श्री हरीसिंह राजपुरोहित, थानाधिकारी देचू श्री दीपसिंह, थानाधिकारी जाम्बा श्री चैनप्रकाश, थानाधिकारी चाखू श्री बलदेवराम, श्री इमरान खान उ0नि0 तथा स्पेशल टीम प्रभारी अमानाराम मय टीम को मौके पर भेजकर ब्लाईंड मर्डर के पर्दाफास हेतु अलग-अलग टीमां का गठन किया गया।

*टीमों का गठन -* जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण स्वयं ने पुलिस थाना लोहावट पर कल दिनांक 13.12.2018 को ब्लाईंड मर्डर के पर्दाफाश में लगे अधिकारियों की मीटिंग लेकर घटनास्थल का निरीक्षण कर अनुसंधान में लगी टीमों का लगातार निर्देशन किया।  अनुसंधान के दौरान घटनास्थल से संकलित साक्ष्य एवं मतृक सहदेव एवं उसके परिवार के सम्पर्क में रहने वालों से गहन अनुसंधान किया गया। संदिग्ध लोगों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी गयी तथा घटना के हर सम्भव पहलु पर गम्भीरतापूर्वक विचार कर जालोड़ा, दयोकोर, पीलवा एवं आस-पास के गांवों के आपराधिक प्रवृति के बदमाशान से पूछताछ की गयी। टीमों द्वारा किये गये अनुसंधान, मुखबीरान से प्राप्त सूचना एवं स्पेशल टीम द्वारा संकलित तकनीकी साक्ष्यो के आधार पर भगवानसिंह पुत्र स्व. श्री खेतसिंह रावणा राजपूत निवासी फतेहगढ़ पुलिस थाना देचू को दस्तयाब कर मनोवैज्ञानिक तरीको से गहनतापूर्वक पूछताछ की गयी तो घटना का पर्दाफाश करते हुए अपने 6 अन्य सहयोगियां के साथ मिलकर हत्या करना स्वीकार किया।

*ब्लाईंड मर्डर का पर्दाफाश -* दस्तयाबसुदा आरोपी भगवानसिंह पुत्र स्व. श्री खेतसिंह रावणा राजपूत निवासी फतेहगढ़ पुलिस थाना देचू को दस्तयाब कर गहनता से पूछताछ की गयी। पूछताछ में रिश्तो को तार-तार करने वाली एवं झंकझोरने वाली घटना सामने आई। मृतक सहदेवसिंह एवं अभियुक्त भगवानसिंह आपस में सगे साढू है। भगवानसिंह की शादी करीबन 10 साल पहले हुई थी तथा मृतक सहदेवसिंह की शादी करीबन 2 साल पहले हुई थी। मृतक की पत्नी जया तथा अभियुक्त भगवान सिंह (साली-जीजा) के आपस में अवैध संबंध बन गये तथा लगातार बाते होने लगी। अभियुक्त भगवानसिंह ने अपने साढू सहदेवसिंह को उसके तथा जया के बीच से हटाने लिये सहदेवसिंह की हत्या करने का प्लान किया।

अभियुक्त भगवानसिंह ग्राम पंचायत फतेहगढ़ में ग्राम सहायक लगा हुआ है तथा साथ में ही श्री देवराज उच्च माध्यमिक विद्यालय आसरलाई में पार्ट टाईम राजनीति विज्ञान पढाता है इसके साथ अभियुक्त पंचायत सहायक संघ का अध्यक्ष है। भगवानसिंह ने अपने प्लान को फलीभूत करने के लिये श्री देवराज उच्च माध्यमिक विद्यालय आसरलाई के 5 विद्यार्थियों एवं उसी स्कूल के प्राईवेट अध्यापक जयराम मेघवाल को साथ लिया। इससे पूर्व भी 2 बार भगवानसिंह एवं उसके उक्त सहयोगियों ने सहदेवसिंह की हत्या हेतु प्लानिंग की तथा आसरलाई से जालोड़ा की तरफ आये परन्तु सहदेवसिंह वहां पर नही आया तो ये लोग वापस चले गये।

हत्या से 2 दिन पूर्व मृतक ने अपनी शादी सालगिरह पर अपने ससुराल जैसलमेर में पार्टी रखी थी। वहां पर हत्यारा भगवानसिंह भी शामिल हुआ था। सहदेवसिंह के ससुराल वालों एवं भगवानसिंह ने उसे जैसलमेर में रूकने का कहा था परन्तु मृतक द्वारा फलोदी से स्कूल के अर्द्धवार्षिक परीक्षा के पेपर लाने के कारण रूकने में मजबूरी बताकर जैसलमेर से वापस आ गया। इसी बात के आधार पर आरोपी भगवानसिंह को हत्या करने के लिये फलोदी एवं फतेहसागर के बीच नहर के पास सुनसान जगह को चिन्हित करने में आसानी हो गयी। हत्या करने के लिये भगवानसिंह ने कई दिन पहले ही लोहे का लगिया एवं छुरा अपने बैग में छुपाकर रख दिया था तथा लगातार हत्या की साजिश रच रहा था।

घटना के वक्त भगवानसिंह ने मृतक सहदेवसिंह को रूकवाकर कहा कि ‘‘आपके पीछे ए0सी0बी0 टीम (एन्टी करप्शन) लगी हुई है तथा आप अपना फोन बंद कर दो तथा झाडियों में छीप जाओ।’’ सहदेवसिंह ने उन पर विश्वास कर फोन बंद कर दिया तथा रोड़ से साईड मे मुडिया रोड़ पर आ गया। भगवानसिंह एवं उसके सहयोगियों ने सहदेवसिंह को पकड़कर उसके सिर पर लगियें से कई वार कर दिये। जिससे मृतक सहदेसिंह अचेत होकर नीचे गिर गया। भगवानसिंह ने अपने साथियों के सहयोग से अचैत सहदेवसिंह को घसीट बबुल की झाड़ियों में ले जाकर छुरा से गला रेत कर हत्या कर दी।

*हत्यारा था घटनास्थल पर सबसे आगे* - मृतक के हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर परिजनों एवं समाज के लोगों ने एक दिन तक शव नही उठाया तथा घटनास्थल पर धरना देकर रोष प्रकट किया था। धरने के दौरान हत्यारा सगा साढ़ू भगवानसिंह सबसे आगे होकर विरोध प्रदर्शन कर रहा था। उस पर कोई शक नही करे इसलिये उसने हर जगह पर अपनी उपस्थिति रखी तथा किसी शक जाहिर नही होने दिया।

*टीम होगी पुरूस्कृत -*

जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण ने उक्त घटना के पर्दाफाश में *अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक फलोदी श्री जसाराम बोस के निर्देशन में वृताधिकारी फलोदी श्री हरफूलसिंह, थानाधिकारी फलोदी श्री मदनसिंह, थानाधिकारी लोहावट श्री हरीसिंह राजपुरोहित, थानाधिकारी देचू श्री दीपसिंह, श्री भरतरावत थानाधिकारी मतौड़ा, थानाधिकारी जाम्बा श्री चैनप्रकाश, थानाधिकारी चाखू श्री बलदेवराम, श्री इमरान खान उ0नि0, श्री पुनाराम है0कानि0 थाना देचू एवं स्पेशल टीम के प्रभारी श्री अमानाराम, श्री श्रवणकुमार, श्री देवाराम विश्नोई, श्री झुमरराम, श्री मोहनराम, श्री चिमनाराम, श्री विरेन्द्र एवं श्री मदन* व थाना लोहावट से श्री कानाराम, श्री घासीलाल, श्री महेशमीणा, श्री गोपीकिशन, श्री अचलदान, श्री राजेन्द्रसिंह, श्री सुमेरसिंह, श्री गोपालसिंह श्री प्रदीप तथा थाना देचू के कानि0 श्री कृष्णकुमार, अशोक कुमार, श्री अमरसिंह, श्री महिपाल एवं ओमप्रकाश की मुख्य भूमिका रही है। जिन्हे जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण ने पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

सस्पेंस खत्म ,अशोक गहलोत सीएम, सचिन पायलट बनेंगे उप-मुख्यमंत्री


सस्पेंस खत्म, अशोक गहलोत सीएम, सचिन पायलट बनेंगे उप-मुख्यमंत्री


जयपुर। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान में अशोक गहलोत के सीएम बनने पर मुहर लगा दी है. राहुल गांधी का फ़ैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता के वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत को सीएम पद और सचिन पायलट को उप-मुख्यमंत्री पद दिए जाने की घोषणा की है.




राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 199 के लिए हुए चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को घोषित हुए थे. तब से नए मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में माथापच्ची चल रही थी.अशोक गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आभार जताया.


वह कहते हैं, "मैं राहुल गांधी जी और अपने तमाम विधायकों का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे एक बार फिर राजस्थान की सेवा करने का मौका दिया. मैं बस ये कहना चाहूंगा कि हम चुनाव प्रचार के दौरान जिन मुद्दों को लेकर चले थे, राहुल गांधी ने जिस तरह किसानों, युवाओं, और बीते पांच साल के कुशासन पर बात की. उन्होंने कहा है कि किसानों के कर्जे माफ होंगे, युवाओं को रोजगार मिलेगा, जन समस्याओं की सुनवाई होगी. मैं अभी बस ये कहना चाहूंगा कि मैं और मेरे साथी सचिन पायलट जी, राहुल गांधी जी की भावना के अनुरूप राजस्थान में सुशासन देंगे.



तीसरी बार संभालेंगे प्रदेश की कमान गहलोत , अशोक गहलोत होंगे राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री

तीसरी बार संभालेंगे प्रदेश की कमान गहलोत , अशोक गहलोत होंगे राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री


जयपुर . राजस्थान में कांग्रेस को मिली जीत के बाद से मुख्यमंत्री के पद को लेकर बनी गुत्थी दिल्ली के दरबार में सुलझ गई है. दिल्ली में तमाम मंथन और बैठकों के बाद राजस्थान में बनने वाली अगली सरकार के सीएम के तौर पर अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लग गई है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी सूत्रों के हवाले से इसकी पुष्टि की.

गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री की कमान संभालेंगे. हालांकि, इस संबध में अधिकारिक रूप से घोषणा शाम तक की जाएगी. राजस्थान के चुनाव में मिली जीत के बाद से ही कांग्रेस के भीतर सीएम के पद को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ था. जयपुर में दो दौर में विधायक दल की बैठक के बाद भी अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की गुत्थी सुलझ नहीं पाई थी.

जयपुर में सीएम के नाम पर सहमति नहीं बन पाने के बाद इस मामले को दिल्ली हाईकमान पर छोड़ दिया गया था. जिसके बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर सुबह से बैठकों का दौर जारी रहा. दिल्ली पहुंचे गहलोत और पायलट से भी राहुल गांधी ने चर्चा की. साथ ही पार्टी स्तर पर बड़े नेताओं के साथ लंबे दौर के मंथन के बाद अंत में गहलोत के नाम पर मुहर लग गई.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि राजस्थान में कांग्रेस को मिली सीटों के बीच बहुमत सुई की नोक पर टिकी हुई है. इसे और मजबूत करने के लिए तथा 2019 के लोकसभा चुनाव को समीकरण को ध्यान में रखते हुए गहलोत के नाम पर हाईकमान ने सहमति जता दी है. राहुल के आवास से निकलने के दौरान गहलोत के चेहरे की मुस्कान साफ बता रही थी कि उनके नाम पर सहमति बन गई है. हालांकि, अधिकारिक रूप से एलान शाम के विधायक दल की बैठक के बाद किया जाएगा.

लेकिन, जयपुर में उनके आगमन से पहले एस्कॉर्ट सहित तमाम व्यवस्थाएं जिस हिसाब से हो रही हैं, उससे साफ संकेत मिलता है कि गहलोत तीसरी बार सूबे की कमान संभालेंगे.
आपको बता दें कि सीएम के पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान चुनाव के पहले से जारी रही है. चुनाव की आहट के दौरान उदयपुर में गहलोत की ओर से बयान देने के बाद ये मुद्दा गरम हो गया था. यहां मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने मुख्यमंत्री के सवाल पर कहा था कि 'जो चेहरा जनता के सामने 10 साल रहा, ऐसे में अब कौनसा चेहरा सामने लाने की जरूरत है'. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि फलक की आवाज खुदा की आवाज होती है.

राहुल गांधी ने जारी की ये फोटो, क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में बन गई बात?

राहुल गांधी ने जारी की ये फोटो, क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में बन गई बात?

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार शाम को जिस तरह से मध्य प्रदेश के घोषित मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो जारी की थी उसी तरह से आज राजस्थान के कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट की फोटो भी जारी की है और साथ में लिखा है 'यूनाइटेड कलर्स ऑफ राजस्थान'।

सचिन पायलट के तीखे तर्कों ने रोकी अशोक गहलोत की ताजपोशी!


सचिन पायलट के तीखे तर्कों ने रोकी अशोक गहलोत की ताजपोशी!


जयपुर.कांग्रेस पार्टी ने मध्यप्रदेश की तरह ही राजस्थान में भी युवा के ऊपर अनुभव यानी सचिन पायलट के ऊपर अशोक गहलोत को तरजीह देकर मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर लिया था. लेकिन सचिन के अड़ जाने और राहुल गांधी के सामने अपने पक्ष में तर्कों के एक के बाद एक तीर ने फिलहाल गहलोत की ताजपोशी रोक दी है. हालांकि इन तर्कों के बाद भी सचिन ने भरे गले से राहुल गांधी से यही कहा कि मैंने अपनी दलील दे दी, अब आपका जो भी फैसला होगा, वो सिर माथे पर.
सूत्रों के मुताबिक, सचिन ने कहा, ‘गहलोत ने अंदरखाने पार्टी के बागियों का साथ दिया. जिससे अगर वो जीतें तो बाद में उनका समर्थन हासिल किया जा सके. पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के लिए कई जगह दिक्कत खड़ी की गई.’

सचिन ने कहा, ‘मैं किसी जाति की राजनीति नहीं करता, तो मेरे गुर्जर होने की बात क्यों फैलाई जा रही है. गलत इरादे से कहा जा रहा है कि सिर्फ 4.5 फीसदी ही गुर्जर हैं, लेकिन मैंने कभी एक जाति की राजनीति नहीं की.’

पायलट ने कहा कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ को चुना गया, वहां जाति का मसला क्यों नहीं देखा गया? अगर अभी हमने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नतीजा दिया है तो 2019 में मेरे चयन से सीट नहीं आएगी, ये कैसे कहा जा सकता है? गहलोत 1998 में सीएम बने तब भी 2003 में पार्टी ने क्यों बुरा प्रदर्शन किया. गहलोत ही 2008 में सीएम बने, फिर उसके बाद 2013 और 2014 में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब क्यों हुआ?



पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने तर्क देते हुए कहा कि गहलोत अगर फिर मुख्यमंत्री बनना चाहते थे तो 2013 में हार के बाद वो खुद प्रदेश में रहकर ही लड़ाई लड़ते, दिल्ली की राजनीति में क्यो गए? अब वापस क्यों आना चाहते हैं, वो पार्टी के संगठन महासचिव जैसे अहम पद पर हैं और 2019 सामने है. मेरे पक्ष में भी तमाम तर्क हैं. जिसे चुन लिया जाता है, उसके सपोर्ट में तमाम तर्क तैयार कर लिए जा सकते हैं. (युवा का नाम देकर चयन किया जा सकता है)

जाहिर है इन तर्कों ने राहुल गांधी की मुश्किल बढ़ा दी है और जब राहुल आज यह फैसला लेंगे तो उन्हें सचिन के इन तर्कों को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा.

जेसलमेर। जिला प्रशासन की सूझबूझ से लाठी प्रकरण का पटाक्षेप , जिला कलेक्टर ओमकसेरा के सराहनीय प्रयास

जेसलमेर। जिला प्रशासन की सूझबूझ से लाठी प्रकरण का पटाक्षेप , जिला कलेक्टर ओमकसेरा के सराहनीय प्रयास




जेसलमेर/ पोकरण। जिला कलक्टर और आईजीपी की मेहनत लाई रंग, प्रशासन और पुलिस की समझाइश हुई सफल, आज नहीं हो सका बड़ा आंदोलन, लाठी गांव हुए बवाल में घायल अधेड़ की मौत पर शुरू हुआ धरना प्रदर्शन, एसडीएम और एसएचओ को एपीओ सहित कई मांगे मानने की थी मांग, जिला कलक्टर ओम कसेरा और आईजीपी संजीव नार्जरी ने दिया विशेष आश्वासन, मुख्य सचिव सहित आलाधिकारियों को भेजे पत्र की धरने पर बैठे दिग्गजों से सौंपी कॉपियां, फिर मान गए धरना प्रदर्शनकारी....शव लेकर हुए लाठी रवाना, आज होगा अंतिम संस्कार, परिजनों के रो रो के हो रहे बुरेहाल, पुलिस की सुरक्षा व्यवस्थाएं रही चाक चौंबद, चप्पे चप्पे पर पुलिस बल रहा तैनात, वाकई जिला कलक्टर ओम कसेरा ने सुझबूझ से लिया बार बार निर्णय, 'आईजीपी, जिला कलक्टर, एसपी ने बिन्दू अनुसार मांगे स्वीकार के साथ साथ समझाने पर मान गए प्रदर्शनकारी, खैर पोकरण में शांत हुआ माहौल, प्रशासन रहा अलर्ट....पुलिस रही सतर्क, धरने पर बैठे शेरगढ के पूर्व विधायक बाबूसिंह राठौड़, सांगसिंह भाटी, शैंतानसिंह राठौड़, मंहत प्रतापपुरी महाराज, जिला प्रचारक इन्द्रसिंह, मदनसिंह राजमथाई सहित कई दिग्गजों ने दिखाई हर मुद्दें पर समझदारी, आम लोगों की मांग इंटरनेट सेवा को शुरू....ताकि कामगाज में आ सके तेजी। 

jaisalmer news logo के लिए इमेज परिणाम