बुधवार, 12 दिसंबर 2018

बाड़मेर। एक दिवसीय निरंकारी संत समागम 18 दिसम्बर को

बाड़मेर। एक दिवसीय निरंकारी संत समागम 18 दिसम्बर को



- समागम पंडाल में हजारों निरंकारी श्रद्धालुओं के बैठने की होगी व्यवस्था



बाड़मेर। निरंकारी मिशन के सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की छत्रछाया में 18 दिसम्बर को शहर के आदर्श स्टेडियम में होने वाले एक दिवसीय निरंकारी संत समागम की तैयारियां श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक शुरू कर दी हैं। निरंकारी मण्डल ब्रांच बाड़मेर के मिडीया सहायक हितेश तंवर ने बताया कि, सतगुरु माता जी के आगमन को लेकर श्रद्धालुओं के चेहरों पर अलौकिक खुशी देखने को मिल रही हैं। छोटे से लेकर बड़े, महिला व पुरूष श्रद्धालु तथा सेवादल के सदस्य दिन रात विभिन्न तरह के सेवा कार्यों में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि, निरंकारी मिशन के सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज का सतगुरु रूप में प्रकट होने के बाद पहली बार बाड़मेर जिले में मानव कल्याण यात्रा के तहत 18 दिसम्बर को आगमन होगा तथा उसी दिन सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की छत्रछाया में सांय 5 बजे से 8 बजे तक एक दिवसीय विशाल निरंकारी संत समागम आयोजित होगा।


इस दौरान निरंकारी मिशन के सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज जेड प्लस सुरक्षा में रहेंगे। इस निरंकारी समागम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना हैं। समागम में शामिल होने वाले लोगों के लिए अल्प ठहराव, प्याऊ, कैंटीन आदि व्यवस्था की जाएगी। वहीं सत्संग के लिए एक बड़ा पंडाल स्थापित किया जाएगा जिसमें महिला व पुरूष भक्तों के बैठने की अलग-अलग व्यवस्था रहेंगी। पंडाल के निकट ही स्वागत कक्ष, डिस्पेंसरी, सेवादल कार्यालय, प्रकाशन आदि के कार्यालय भी बनाए जाएंगे। मानव कल्याण के लिए आयोजित इस एक दिवसीय समागम में सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज प्रवचन देंगे। 

सुदीक्षा महाराज 16 दिसम्बर को जैसलमेर में सत्संग कर फिर बाड़मेर आगमन करेगी तथा 19 दिसम्बर को जोधपुर में भी निरंकारी सत्संग में शिरकत करेगी। समागम में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा गुरु की महिमा गाई जाएगी, कुछ श्रद्धालुओं द्वारा भजन, विचार भी प्रस्तुत किये जाएँगे। सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज का संदेश प्यार, विनम्रता, सहनशीलता, एकता, मर्यादा में रहना, वचनों को कर्म में ढालना व अन्य संदेशो को आगे पहुंचाने के लिए विभिन्न स्थानों पर संत समागमों का आयोजन होता हैं, जिसमें मानवता को मजबूती प्रदान करने के लिए संदेश दिए जाते हैं।

बाड़मेर। ढाट माहेश्वरी पंचायत के चुनाव 23 दिसम्बर को

बाड़मेर। ढाट माहेश्वरी पंचायत के चुनाव 23 दिसम्बर को


बाड़मेर। ढाट माहेश्वरी पंचायत बाड़मेर द्वारा समाज के वर्ष 2018.2020 की अवधि के लिए अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी के सदस्यों के निर्वाचन हेतु चुनाव रविवार 23 दिसम्बर 2018 को होेंगे।

यह जानकरी देते हुए निर्वाचन अधिकारी अशोक कुमार लधड़ ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी सारंग राठी के निर्देशानुसार ढाट माहेश्वरी पंचायत बाड़मेर के अध्यक्ष एवं सदस्यों के निर्वाचन के लिए रविवार 23 दिसम्बर 2018 को चुनाव आयोजित किए जाएगें।

लधड़ ने बताया कि चुनाव हेतु नामांकन फार्म का वितरण दिनांक 14 दिसम्बर एवं 15 दिसम्बर को सांय 4 से 6 बजे तक किया जाएगा। वहीं नामांकन फार्म जमा कराने की तिथि 16 दिसम्बर को सांय 4 से 6 बजे तक रहेगी। उन्होंने बताया कि नामांकन फार्म की वापसी दिनांक 19 दिसम्बर 2018 तक सांय 4 से 6 बजे तक की जा सकती है। लधड़ ने बताया कि प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह का आंवटन 19 दिसम्बर को ही सांय 7 बजे तक कर दिया जाएगा।

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निर्वाचन अधिकारी मुकेश केला ने बताया कि मतगणना रविवार 23 दिसम्बर 2018 सांय 5 बजे के बाद कर परिणाम की घोषणा की जाएगी। केला ने बताया कि प्रबंध कार्यकारिणी पदाधिकारियों का निर्वाचन सोमवार 24 दिसम्बर 2018 को सांय 4 से 6 बजे तक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन
बुधवार 26 दिसम्बर 2018 को सांय 4 बजे किया जाएगा।

केला ने बताया कि सम्पूर्ण निर्विरोध निर्वाचन सम्पन्न होने की स्थिति में प्रबंध कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के चुनाव दिनांक 20 दिसम्बर को सांय 4 से 6 बजे तथा शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन 23 दिसम्बर को सांय 4 बजे किया जाएगा।

परंपरागत वोट खिसके,स्वाभिमान ने लाज बचाई कांग्रेस की, नौ में से आठ सीट पर विजयी

परंपरागत वोट खिसके,स्वाभिमान ने लाज बचाई कांग्रेस की, नौ में से आठ सीट पर विजयी 



पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जेसलमेर में सम्पन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नो में से आठ सीट जीत कर परचम लहरा दिया मगर कांग्रेस के लिए विश्लेषण का विषय है कि इस बार कांग्रेस को उसके परंपरागत जाट और दलित वोट नही मिले मगर इन वोटों की भरपाई मानवेन्द्र सिंह के स्वाभिमान वोटरों ने कर नया जातीय समीकरण बना कांग्रेस को आठ सीट जितवा दी।



बाडमेर विधानसभा क्षेत्र में मेवाराम जैन की बड़ी जीत का आधार स्वाभिमान सेना ने रखा।।मेवाराम जैन के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह को 2014 में हराने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी थे।।सोनाराम चौधरी की टिकट फाइनल होते ही कर्नल को हराने के लक्ष्य स्वाभिमान सेना ने रखा। कांग्रेस के परंपरागत वोट जाट और दलित का बिखराव कर्नल और निर्दलीय राहुल बामनिया के पक्ष में हो जाने के बाद स्वाभिमान सेना ने मेवाराम की बागडौर संभाल ली।।मानवेन्द्र सिंह समर्थकों के कांग्रेस से जुड़ जाने कर बाद मेवाराम की सीट सुरक्षित हो गई ।इसी तरह सबसे प्रतिष्ठा वाली शिव विधानसभा जहां मानवेन्द्र सिंह विधायक थे से वरिष्ठ नेता अमीन खान को उम्मीदवार बनाया तो उन्हें हराने के लिए आर एल डी से दलित नेता उदाराम मेघवाल को उतारा।।दलित और जाट मतदाताओं का गठबंधन उन्हें उतारा गया।


जिससे कांग्रेस के परम्पतगत वोट छिटक गए।।इसकी भरपाई मानवेन्द्र सिंह के स्वाभिमान समर्थकों ने को।।राजपूत,रावण राजपूत सहित अन्य जातियां अमीन खान के साथ जुड़ कर इसकी भरपाई कर कांग्रेस के खाते में यह सीट बड़े अंतर से जीत ली।।खुद अमीन खान ने अपनी जीत को स्वाभिमान की जीत बताया।।चोहटन ,गुड़ामालानी,पचपदरा, बायतु,में भी यही स्थति बनी।।गुडा में राजपूत रावणा राजपूत वोट कांग्रेस से जुड़े तो पचपदरा में मदन प्रजापत को जाटों और दलितों के वोट नही मिले मगर इसकी पूर्ती स्वाभिमानियो ने कर दी।।बायतु में आर एल पी ,भाजपा,बसपा ,कांग्रेस के बीच जाटों और दलित वोटों का ध्रुवीकरण होने से आर एल पी के उम्मेदाराम कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रहे थे।।कई राउंड में उम्मेदाराम आगे रहे।।मानवेन्द्र सिंह समर्थक पटौदी बेल्ट से कांग्रेस को वोट मिलने से हरीश चौधरी जीत पाए।

जेसलमेर में कांग्रेस प्रत्यासी रूपाराम धनदे को बसिया क्षेत्र जो मानवेन्द्र सिंह समर्थक बेल्ट है के वोट थोक में मिलने से बड़ी जीत दर्ज की।।पोकरण में राहुल गांधी की सभा मे स्वाभिमान अमर रहे के नारे लगे।साले मोहम्मद को यहां स्वाभिमान वोट मिले।।जिससे उनकी जीत हुई। कांग्रेस में स्वाभिमानियो के वोटों का ध्रुवीकरण होने से कांग्रेस जीत दर्ज करा पाई।।बाकी कांग्रेस के परंपरागत दलित और जाट मतदाताओं ने हराने में कोई कमी नही रखी।कोई स्वीकार करे न करे यह कड़वी सच्चाई है।

कांग्रेस को इस पर मंथन करना चाहिए कि उनके परंपरागत वोट कितने मिले। मानवेन्द्र सिंह खुद झालावाड़ से मुख्यमंत्री के सामने चुनाव लड़ रहे थे मगर उनके कार्यकरता कांग्रेस के साथ जुड़ जिताने में लगे थे इसमे सफल रहे। सिवाणा में टिकट वितरण में कमी के कारण जरूर हारे बाकी भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया।स्वाभिमानियो ने वसुंधरा राजे को सत्ताच्युत करने में सफल रहे। कर्नल सोनाराम चौधरी को हराकर जसवंत सिंह को हराने के बदला ले लिया।

CM...के नाम पर...कांग्रेस का दिग्गज जाट विधायक झल्लाया...बैठक के बीच से उठकर चल दिया

CM...के नाम पर...कांग्रेस का दिग्गज जाट विधायक झल्लाया...बैठक के बीच से उठकर चल दिया
   
कांग्रेस ने राजस्थान में चुनाव जीत तो लिया. लेकिन अब उसके लिए सीएम के नाम को लेकर परेशानी बनी हुई है. अशोक गहलोत, सचिन पायलट या फिर कोई और. इसको लेकर कश्मकश की स्थिति है. इस बीच कांग्रेस के एक दिग्गज जाट विधायक ने सीएम के नाम को लेकर आलाकमान के फैसला करने पर झल्ला गया है. बैठक को बीच में छोड़कर निकल गया.


डीग-कुम्हेर से विधायक विश्वेंद्र सिंह सीएम के नाम को लेकर चल रही बैठक के दौरान झल्ला कर बाहर चले गए. उन्होंने कहा कि जब फैसला आलाकमान को ही करना है तो फिर विधायकों की जरूरत क्या है. आखिर क्यों एक-एक विधायक की राय ली जा रही है. हालांकि बैठक से बाहर जाने के बाद उन्होंने वापस आने की बात भी कही. बैठक में एक लाइन में यह प्रस्ताव पास हुआ कि राहुल गांधी ही सीएम का फेस तय करेंगे.

विश्वेंद्र सिंह अपने बयानों को लेकर हरदम चर्चा में रहते हैं. अभी कल ही परिणाम आने के बाद विश्वेंद्र सिंह ने अपने तेवर फिर से दिखाने शुरु कर दिए हैं. विश्वेंद्रे सिंह पहली बार नहीं है कि जब आलाकमान से नाराज हुए हों. इससे पहले भी एआईसीसी से नाम कटने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की.

विधायक दल की बैठक खत्म,राहुल गांधी करेंगे मुख्यमंत्री का फैसला,प्रस्ताव पारित जयपुर

विधायक दल की बैठक खत्म,राहुल गां
धी करेंगे मुख्यमंत्री का फैसला,प्रस्ताव पारित

जयपुर

राजस्थान: विधायक दल की बैठक खत्म, सीएम पद को लेकर अशोक गहलोत ने कही यह बात


राजस्थान विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद अब कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारियां शुरु कर दी है।

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद अब कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारियां शुरु कर दी है। राज्य में मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में सस्पेंस बरकरार है। इसी को लेकर बुधवार को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें विधायकों से रायशुमारी की गई। इसके बाद राहुल गांधी की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही नाम ऐलान का ऐलान किया जाएगा।

बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला हाईकमान लेगा। इस पर सीपी जोशी ने भी समर्थन किया। वहीं प्रदेश कांग्रेस मुख्यालस के बाहर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के समर्थक भारी संख्या में पहुंचे। दोनों के समर्थक अपने अपने नेता के समर्थन में नारेबाजी की।

एक-एक विधायक से की रायशुमारी
मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी रायशुमारी के लिए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस पर्यवेक्षक वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने जीते हुए सभी विधायकों की बैठक बुलाई। बैठक में वेणुगोपाल मुख्यमंत्री के नाम को लेकर एक-एक विधायक से उनकी राय जानी। इसकी रिपोर्ट आलाकमान को भेजी जाएगी।

सुबह निर्दलीय चुनाव जीते रामकेश मीणा सहित दो विधायक समर्थन देने गहलोत के आवास पर भी पहुंचे। बता दें कि मंगलवार को परिणाम के शुरूआती रुझान आने के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर अशोक गहलोत और सचिन पायलट को सीएम बनाने के नारे गूंज रहे थे।

राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'

राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'


नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई है. कांग्रेस राजस्थान में बहुमत के आंकड़े से भले एक सीट दूर रह गई, मगर अपने सहयोगियों के समर्पाथन से सरकार बनाने के आंकड़े को पार कर चुकी है. बीजेपी के पास मौका था राजस्थान के सियासी इतिहास को बदलने का, मगर सचिन पायलट और अशोक गहलोत की जोड़ी ने वसुंधरा राजे की सरकार को पटखनी दे दी और राजस्थान में कांग्रेस का राजतिलक करवा दिया. चुनावी नतीजों में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार तो अब बनती दिख रही है, मगर कांग्रेस के भीतर असल माथा-पच्ची अब शुरू होने वाली है. आज के परिणाम के नतीजों से यह स्पष्ट हो चुका है कि राजस्थान में कांग्रेस का राजतिलक तो होगा, मगर मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर पर होगा, यह अभी भी बड़ा सवाल है और इस सवाल पर अब तक कोई खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि, यह बात तय है कि अशोक गहलोत या फिर सचिन पायलट में से ही कोई एक राजस्थान में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार होगा. लेकिन सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों में से किसी एक को सीएम के रूप में चुनना इतना आसान भी नही हैं.


राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'

दरअसल, राजस्थान में कुल 199 सीटों पर चुनाव हुए और बहुमत के लिए 100 सीटों की जरूरत थी, जिसे कांग्रेस ने यह आंकड़ा सहयोगियों की बदौलत आसानी से पार कर लिया. कांग्रेस ने जबरदस्त चुनावी रणनीति से बीजेपी की सरकार को उखाड़ फेंका और सत्ता की चाबी अपने हाथ में रख ली. मगर अब कांग्रेस के हाईकमान के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है कि आखिर वह किसे अपना मुख्यमंत्री बनाएगी. बता दें कि कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं.



दरअसल, बीते दिनों जिस तरह से अशोक गहलोत ने संकेत दिये हैं और अन्य राज्यों में जिस तरह से कांग्रेस के लिए उनकी भूमिक देखी जा रही है, उससे ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में ही रह सकते हैं. क्योंकि अब कांग्रेस के लिए अगला लक्ष्य है 2019 में केंद्र से बीजेपी की सत्ता को उखाड़ फेंकना. वैसे ही एनडीटीवी से बातचीत में अशोक गहलोत इस बात को कह चुके हैं कि अगर पार्टी उन्हें केंद्र की जिम्मेदारी देगी, तो वे केंद्र में रहेंगे और अगर राज्य की जिम्मेदारी देगी तो वह यहां भी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं.


वहीं, सचिन पायलट के लिए इसलिए भी सबसे ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि न वो सिर्फ राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, बल्कि वह युवा चेहरा भी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस आला कमान सचिन पायलट को सीएम के रूप में ला सकती है. इसकी वजह यह भी है कि अशोक गहलोत राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान के लिए भी पहली पसंद हो सकते हैं. हालांकि, इसका निर्णय पार्टी को ही करना है. मगर जो भी राजस्थान में सचिन पायलट या अशोक गहलोत में से किसी एक को चुनना कांग्रेस के लिए इतना आसान भी नहीं होना वाला है.

राजस्थान में मुख्यमंत्री पर रार! आलाकमान के हाथों में फैसला, बैठक में लगे सचिन-सचिन के नारे

राजस्थान में मुख्यमंत्री पर रार! आलाकमान के हाथों में फैसला, बैठक में लगे सचिन-सचिन के नारे

नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अब सवाल यह उठने लगा कि वहां मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा. राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत दोनों ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं. हालांकि, पायलट और गहलोत दोनों ने ही इस पर फैसला लेने के लिए पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है. बुधवार को हुई विधायक दलों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि 'मुख्यमंत्री कौन होगा?' इस पर आलाकमान ही फैसला लेगा. बताया जा रहा है कि आलाकमान के हाथों में फैसला देने का प्रस्ताव अशोक गहलोत ने दिया और इसका अनुमोदन सचिन पायलट ने किया. सूत्रों की मानें तो दो तिहाई विधायक सचिन के साथ हैं और बैठक में सचिन-सचिन के नारे भी लगे हैं.

बता दें, मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों का चयन सुगमता से किया जाएगा. राहुल ने कहा, ‘हमने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को हरा दिया है... मुख्यमंत्रियों (के चयन) को लेकर कोई मुद्दा नहीं होगा. यह सुगमता से किया जाएगा.'' दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष से यह पूछा गया था कि हिन्दी पट्टी के इन तीन राज्यों में पार्टी के मुख्यमंत्री कौन-कौन होंगे, जिसके जवाब में राहुल ने यह बात कही.

राजस्थान में मुख्यमंत्री पर रार! आलाकमान के हाथों में फैसला, बैठक में लगे सचिन-सचिन के नारे


बता दें, राजस्थान में पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंह देव, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री चरणदास महंत, प्रदेश पार्टी प्रमुख भूपेश बघेल और ओबीसी नेता ताम्रध्वज साहू इस शीर्ष पद के लिए संभावित उम्मीदवार बताए जा रहे हैं. मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ और पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.


राहुल ने यह भी कहा कि पार्टी ने चुनावों से पहले विभिन्न राज्यों में पार्टी के अंदर नेताओं के बीच तनाव को प्रभावी तरीके से दूर किया. उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने एकजुट होकर काम किया, जिसने पार्टी को हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में विजेता बनकर उभरने में मदद की. उन्होंने कहा, ‘‘यह जीत कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों की जीत है. अब कांग्रेस पार्टी पर बड़ी जिम्मेदारी है.''

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है, वहीं राजस्थान में 99 और मध्य प्रदेश में 114 सीटें मिली हैं. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को कहा कि वह मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार हैं. राजस्थान में कौन बनेगा मुख्यमंत्री?

बाड़मेर। जिले की सात सीटों में से छह पर कांग्रेस तो एक पर भाजपा विजयी

बाड़मेर। जिले की सात सीटों में से छह पर कांग्रेस तो एक पर भाजपा विजयी


बाड़मेर। विधानसभा चुनाव 2018 के मतों की गणना मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय में की गई। मतगणना के बाद छह विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के उम्मीदवारों एवं एक विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार को विजयी घोषित किया गया।

जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि शिव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार अमीन खान, बाड़मेर कांग्रेस के मेवाराम जैन, बायतु से कांग्रेस के हरीश चौधरी, पचपदरा से कांग्रेस के मदन प्रजापत, सिवाना से भाजपा के हमीर सिंह भायल, गुड़ामालानी से कांग्रेस के हेमाराम चौधरी एवं चौहटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पदमाराम विजयी रहे।


शिव विधानसभा क्षेत्र
शिव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के अमीन खान को 84338, भाजपा के खंगारसिंह सोढ़ा को 60784, बसपा के नारणाराम को 3316, रालोपा के उदाराम मेघवाल को 50944, बहुजन संघर्ष दल के तोगाराम को 2035 एवं नोटा को 3059 वोट मिले। यहां कांग्रेस के अमीन खान 23554 मतों से विजयी रहे।


बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र
बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र से सीपीआई के नानकदास धारीवाल को 2488, कांग्रेस के मेवाराम जैन को 97874, बसपा के राजेन्द्र कुमार को 2325, भाजपा के कर्नल सोनाराम चौधरी को 64827, अभिनव राजस्थान पार्टी के खरथाराम को 1743, निर्दलीय जुगताराम को 1462, निर्दलीय राहुल कुमार को 13678, निर्दलीय शंकरलाल को 1969 एवं नोटा को 2048 मत मिले। जबकि 214 मत खारिज हुए। यहां कांग्रेस के मेवाराम जैन ने 33047 मतों से विजय हासिल की।


बायतु विधानसभा क्षे़़त्र
बायतु विधानसभा क्षेत्र से बसपा के किशोरसिंह को 27677, भाजपा के कैलाश चौधरी को 39392, कांग्रेस के हरीश चौधरी को 57703, रालोपा के उम्मेदाराम को 43900, अभिनव राजस्थान पार्टी के करनाराम को 1268, आप के जोगा राम को 714, राष्ट्रीय जनक्रांति पार्टी के भन्ना राम को 701, दलित शोषित पिछडा वर्ग अधिकार दल के मगाराम को 2259, निर्दलीय उम्मेदाराम उर्फ अमित नायक को 2613, निर्दलीय पेमाराम को 1697, नोटा को 2754 मत मिले। जबकि 9 मत खारिज हुए। यहां कांग्रेस के हरीश चौधरी ने 13803 मतों से विजय हासिल की।


पचपदरा विधानसभा क्षेत्र
पचपदरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के अमराराम को 66998, कांग्रेस के मदन प्रजापत को 69393, बसपा के श्यामलाल को 6370, भारत वाहिनी पार्टी के नाथूराम को 1073, रालोपा के नारायण राम चौधरी को 6882, शिवसेना के पन्नालाल को 2691, आप के मांगीलाल को 400, भारतीय युवा शक्ति के सुरेश पाल को 640, निर्दलीय बसंत शर्मा को 314, निर्दलीय मदनपुरी को 788, निर्दलीय हुकमसिंह को 3284 एवं नोटा को 3260 मत मिले। जबकि 17 मत खारिज हुए। यहां कांग्रेस के मदन प्रजापत 2395 मतों से विजयी रहे।






सिवाना विधानसभा क्षेत्र
सिवाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पंकज प्रतापसिह को 20145, बसपा के सूजाराम को 2625, भाजपा के हमीर सिंह भायल को 50657, शिवसेना के किशनलाल को 2555, आप के जबराराम को 2045, अभिनव राजस्थान पार्टी के डूंगरसिंह को 775, राष्ट्रीय समाज पक्ष के मनोहर सिंह को 564, बहुजन मुक्ति पार्टी के मोती राम को 1566, रालोपा के सत्ताराम को 19124, निर्दलीय कांतिलाल को 1513, निर्दलीय पारसमल को 710, निर्दलीय पोपटलाल को 953, निर्दलीय प्रकाश को 1985, निर्दलीय बालाराम को 49700, निर्दलीय रेंवतकुमार को 1108, निर्दलीय शैतानसिंह को 2806 एवं नोटा को 816 मत मिले। जबकि 76 मत खारिज हुए। यहां भाजपा के हमीरसिंह भायल 957 मतों से विजयी रहे।


गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र
गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र से बसपा के पवन कुमार को 2920, भाजपा के लादूराम को 79869, कांग्रेस के हेमाराम चौधरी को 93433, बहुजन मुक्ति पार्टी के आदाराम मेघवाल को 2343, दलित शोषित पिछडा वर्ग अधिकार दल के रामाराम प्रजापत को 534, नया भारत पार्टी के लाधूराम विश्नोई को 492, रालोपा के विजयसिंह को 4461, आप के हनुमान चौधरी को 3031, निर्दलीय भीखाराम प्रजापत को 1896 एवं नोटा को 2012 मत मिले। जबकि 8 मत खारिज हुए। यहां कांग्रेस के हेमाराम चौधरी ने 13564 मतो से विजय हासिल की।


चौहटन विधानसभा क्षेत्र
चौहटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के आदूराम मेघवाल को 79339, कांग्रेस के पदमाराम को 83601, बसपा के रविन्द्र कुमार मेघवाल को 3314, बीवाईएस के धूडाराम को 3625, आप के नैनाराम को 1810, रालोपा के सुरताराम मेघवाल को 24036 एवं नोटा को 5391 मत मिलें। जबकि 76 मत खारिज हुए। यहां कांग्रेस के पदमाराम मेघवाल 4262 मतों से विजयी रहे।

*चुनाव हारे पर दिल जीते;मानवेन्द्र सिंह*

*चुनाव हारे पर दिल जीते;मानवेन्द्र सिंह*

*झालावाड़ कम समय मे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह भर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को टक्कर देने वाले मानवेन्द्र सिंह चाहे चुनाव हार गए मगर झालावाड़ की जनता और कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओ का दिल जीत गए।। तीस सालों में पहली बार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को गली गली गांव गांव घूमने पर मजबूर किया गया ।।।तो तीस सालों में प्रति चुनाव बढ़ रही बढ़त को काफी नीचे लाने में सफल रहे तो कांग्रेस में नई जान भी फूंक संजीवनी देने में सफल रहे।।मानवेन्द्र सिंह ने विशेष बातचीत में बताया कि पचपदरा में स्वाभिमान रैली के बाद कांग्रेस जॉइन करने के बाद जोधपुर संभाग में कांग्रेस को मजबूत करने का लक्ष्य रखा जुसमे सफल हुए।स्वाभिमान सैनिकों ने बाडमेर जेसलमेर की नो में से आठ सीट कांग्रेस की झोली में डाल सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।।झालावाड़ में अचानक इन वक्त टिकट देकर मैदान में उतारा।।वसुंधरा राजे के काले साम्राज्य के चलते यहां आम जन में भय का वातावरण बना रखा था  ।।किसान परेशान था,विकास के नाम पर छलावा था ।हर व्यक्ति उनके डर से दबा हुआ दिख।।हमने 14 दिन के सफर में इस डर को खत्म किया। वसुंधरा राजे की टीस सालों में लगातार बढ़त को रोकने में कामयाब हुए।काँग्रेज़ कार्यकर्ताओ में उत्साह का संचार हुआ। जिसकी बदौलत कांग्रेस के वोट बैंक में सात फीसदी इजाफा हुआ। अब लोकसभा चुनावों में पूर्ण योजना के साथ कार्यकर्ताओ के साथ उतरेंगे । हार जीत मायने नही रखती। मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी थी पार्टी ने उसे  निष्ठा के साथ पूर्ण किया।।झालावाड़ के विकास के लिए पूरे प्रयास किये जायेंगे। झालावाड़ की सेवा के लिए सदैव ततपर रहेन्गे। उन्होए कार्यकरराओं से आह्वान किया कि निराश होने की जरूरत नही।लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लग जाये। चुनाव में उतरने के बाद बहुत कम समय मिल क्षेत्र को समझने में ।।

मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

सत्ता परिवर्तन की राजस्थान में नहीं टूटी 20 साल की परंपरा

सत्ता परिवर्तन की राजस्थान में नहीं टूटी 20 साल की परंपरा

राजस्थान में सत्ता बIदलने की 20 साल की परंपरा इस बार भी नहीं टूटी। पिछले 20 सालों से यहां बारी-बारी से बीजेपी-कांग्रेस की सरकार आती रही है। इस बार यहां की सियासत में इतिहास फिर दोहराया गया और कांग्रेस सत्ता की दहलीज तक पहुंच गई। 1952 से अब तक (इस बार के नतीजों को छोड़कर) राजस्थान विधानसभा के 14 चुनाव हो चुके हैं।



वसुंधरा राजे ने दिया सीएम पद से इस्तीफा

वसुंधरा राजे ने दिया सीएम पद से इस्तीफा

राजस्थान विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपना त्यागपत्र राज्यपाल कल्याण सिंह को सौंप दिया है। इस्तीफा सौंपने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में वसुंधरा ने कहा कि हम अच्छे विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। विपक्ष में रहकर जनता की आवाज उठाएंगे। मैं कांग्रेस को बधाई देती हूं। मैं इस जनादेश को स्वीकार करती हूं। बीजेपी ने पिछले पांच सालों के दौरान काफी काम किया। मुझे उम्मीद है कि अगली सरकार इन कामों और नीतियों को आगे बढ़ाएगी।  राजे ने कहा,  'मैं सभी भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देती हूं।,'

बाड़मेर /जेसलमेर । खुद की करारी हार देखे कर्नल सोनाराम के आंसू निकल पड़े , पोकरण से सालेह मोहम्मद ने बाजी मारी

बाड़मेर /जेसलमेर । खुद की करारी हार देखे कर्नल सोनाराम के आंसू निकल पड़े , पोकरण से सालेह मोहम्मद ने बाजी मारी

बाड़मेर/ जेसलमेर - राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जारी मतगणना में बाड़मेर- जैसलमेर की 9 सीटों पर कई उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे है। सबसे हॉट सीट मानी जाने वाली पोकरण पर कांग्रेस के सालेह मोहम्मद ने साढ़े तीन हजार की बढ़त हासिल कर ली है। व

  1. हीं बाड़मेर जिले में सबसे चौंकाने वाली 36 हजार से कर्नल सोनाराम की बाड़मेर से हार रही। 



बाड़मेर के शिव से कांग्रेस के अमीन खान 23 हजार, बायतु से हरीश चौधरी कड़े मुकाबले में 2647 से, पचपदरा में मदन प्रजापत ने 2395 व चौहटन में कांग्रेस के पदमाराम ने 4838 मत से जीत हासिल की। बुरी तरह से पिछड़ने के दौरान कर्नल सोनाराम के आंसू निकल पड़े और वे वहां से निकल गए।

जैसलमेर
रूपाराम(कांग्रेस) - 10583
सांगसिंह(भाजपा) -  6361
पोकरण
प्रतापपुरी(भाजपा) - 14102
सालेह मोहम्मद(कांग्रेस) - 13415
बाड़मेर
मेवाराम(कांग्रेस)- 94697
सोनाराम(कांग्रेस)- 58343
बायतु
उम्मेदाराम(रालोपा)- 42533
हरीश चौधरी(कांग्रेस)- 45180
चौहटन
पदमाराम(कांग्रेस) - 79695
आदूराम(भाजपा)- 74858
गुड़ामालानी
हेमाराम चौधरी(कांग्रेस)- 62977
लादूराम विश्नोई(भाजपा)- 52969
पचपदरा
मदन प्रजापत(कांग्रेस)- 69393
अमराराम(भाजपा)- 66998
शिव
खंगारसिंह(भाजपा)- 60106
अमीन खान(कांग्रेस)- 83700
सिवाना
हमीरसिंह(भाजपा)- 45603
बालाराम(निर्दलीय)- 42554

बाड़मेर। कॉंग्रेस के मेवाराम जैन की हुई जीत, BJP के कर्नल सोनाराम हारे

ब्रेकिंग । बाड़मेर। कॉंग्रेस के मेवाराम जैन की हुई जीत, BJP के कर्नल सोनाराम हारे

बाड़मेर। बाड़मेर में चुनावी नतीजों ने हर किसी को चौंका दिया है। बाड़मेर विधानसभा की हॉट सीट पर एक तरफा मुकाबला के साथ कांग्रेस के मेवाराम जैन ने 38 हजार के करीब वोटों से जीत दर्ज की। मेवाराम ने भाजपा के कर्नल सोनाराम चौधरी को हराया है। इसी के साथ समर्थकों में ख़ुशी का माहौल है। मेवाराम के कार्यालय के आगे जश्न शुरू हो गया है।

ताजा अपडेट।। बाड़मेर जिले की सभी विधानसभाओं की

ताजा उपडेट।। बाड़मेर जिले की सभी विधानसभाओं की

सिवाना 11 राउंड 5400 वोटों से हमीरसिंह आगे बीजेपी

पचपदरा से 12 राउंड 2200 वोट से मदन प्रजापत आगे कांग्रेस

चौहटन 13 राउंड 3000 वॉट से पदमाराम मेघवाल आगे कांग्रेस

बायतु से नवां राउंड 4000 वोट से उम्मेदाराम आगे आर एल पी

गुडामालानी 6 राउंड 13000 वोट से हैमाराम चौधरी आगे कांग्रेस

बाड़मेर 11 राउंड 41820 वोट से मेवाराम आगे कांग्रेस

शिव 14 राउंड 4548 वोट से अमीनखान आगे कांग्रेस

LIVE:झालरापाटन। झालरापाटन के चुनाव परिणाम पर टिकी सभी की निगाहें

LIVE:झालरापाटन। झालरापाटन के चुनाव परिणाम पर टिकी सभी की निगाहें

राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे एंटी-इनकंबेंसी से जूझ रही हैं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव की तर्ज पर ही इस बार भी राजस्‍थान की ‘महारानी’ झालरापटन से ही चुनाव मैदान में हैं। झालरापाटन सीट राजस्‍थान के झालावाड़ जिले में आता है। विशेषज्ञों की मानें तो वसुंधरा लिए इस बार का मुकाबला पिछले चुनाव की तुलना में ज्‍यादा कठिन रहने के आसार हैं। वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने वसुंधरा के खिलाफ युवा मीनाक्षी चंद्रावत को मैदान में उतारा था। लेकिन, इस बार कांग्रेस ने उनके खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को उतारा है। ऐसे में झालरापाटन के चुनाव परिणाम पर सभी की निगाहें टिकी हैं। 

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वसुंधरा राजे ने वर्ष 2013 में 63% मत हासिल कर कांग्रेस प्रत्‍याशी पर आसान जीत दर्ज की थी। उस वक्‍त झालरापाटन में कुल 2,28,977 रिजस्‍टर्ड मतदाता थे। वसुंधरा को कुल 1,14,384 मत हासिल हुआ था। वहीं, कांग्रेस प्रत्‍याशी मीनाक्षी चंद्रावत को कुल 53,488 मत मिले थे। इन दोनों प्रत्‍याशियों के बाद सबसे ज्‍यादा वोट NOTA (2.06 फीसद) को मिला था।