बाड़मेर।आज़ाद प्रकरण में बोले पूर्व सांसद हरीश चौधरी,बदले की भावना से की गई कार्यवाही*राजनीती से ऊपर उठ के विरोध करना चाहिए
एआईसीसी सचिव एवं पूर्व सांसद हरीश चौधरी ने जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार के दबाव में आरसीए कोषाध्यक्ष युवा आजादसिंह राठौड़ के बाड़मेर में कई वर्षों से संचालित कार्यालय को आनन फानन में ताला तोड़कर सीज करवाने की कार्रवाई की कड़े शब्दों में निन्दा की है। पूर्व सासंद ने कहा कि बाड़मेर में नेताओं के बीच राजनीतिक विरोधाभाष वैचारिक विरोधाभाष रहे होंगे लेकिन ऐसी बदले की कार्रवाई करने की परम्परा कभी नहीं रही है।
मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे ने अपने राजनीतिक द्वेष के कारण प्रेम सौहार्द वाले इस क्षेत्र में दमनकारी नीति अपनाकर जिले के सभी अधिकारियों और पुलिस के साये में प्रशासन द्वारा लीज के आधार पर दिये हुए भवन को खाली करने के लिए भय का माहौल पैदा कर नई परम्परा शुरू की है। पूर्व सांसद हरीश चौधरी ने कहा कि जिले में और भी कई सरकारी सम्पतियां किराये पर दी हुई हैं, उनके विरूद्ध सरकार और प्रशासन उनके लिए क्यों चुप है। राज्य में वसुन्धरा राजे को मुख्यमंत्री बने साढ़े चार वर्ष हुए हैं लेकिन अब अचानक इस तरह की कार्रवाई क्यों की गई।
पूर्व सांसद हरीश चौधरी ने कहा कि जीवन पर्यन्त भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे भाजपा जिला युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष स्व0 देवेन्द्र लेघा के बुजुर्ग पिता श्री राजूसिंह चौधरी को भी मुख्यमंत्री ने अपने स्वार्थ सिद्धी में हथियार बनाकर गिरफ्तार करवाया। पूर्व सांसद चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की इस तरह की कार्रवाई निन्दनीय है और सभी को राजनीति से उपर उठकर इसका विरोध करना चाहिए।