अजमेर,राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी का अजमेर दौरा
किया राजकीय बालिका गृह का निरीक्षण
बच्चों के संग खेलकर मनाया बाल सप्ताह
अजमेर, 16 नवम्बर। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने बुधवार को अजमेर में 14 नवम्बर से आयोजित होने हो रहें बाल सप्ताह के अन्तर्गत राजकीय बालिका गृह में बालिकाओं के साथ खेल खेले।
श्रीमती चतुर्वेदी ने कहा कि बाल दिवस 14 नवम्बर से 20 नवम्बर तक आयोग द्वारा बाल सप्ताह मनाया जा रहा है। इसमें राजकीय गृहों में रह रहे बच्चों को विभिन्न गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। सात दिनों तक अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की जाएगी। इससे बच्चों में खेल भावना का विकास होगा। बच्चे बचपन की मासूमियत के साथ जुड़ सकेंगे। बच्चों के सर्वांगीण विकास में खेल तथा पाठ्य सहगामी क्रियाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है। बच्चें देखभाल के अभाव में गलत रास्ता पकड़ सकते है। इनका बचाव करना समाज के प्रत्येक सजग नागरिक का उतरदायित्व है। अजमेर में आयोग के माध्यम से नशामुक्ति केन्द्र खोला जाएगा। शुरूआत में इसे किराए के भवन में संचालित करने की योजना है।
राजकीय बालिका गृह में निरीक्षण के दौरान बसंती तथा अन्य बालिकाओं द्वारा बनाएं गए चित्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके पश्चात उन्होंने बच्चों के साथ खेल खेले मेढक दौड़ में रविना प्रथम, चंचल द्वितीय, चुका और रजिया तृतीय रही। चमच दौड़ में लड्डू प्रथम, सोहेल द्वितीय और इमरान तृतीय तथा बोरा दौड़ में लडडू प्रथम, सोहेल द्वितीय और सुल्तान तृतीय स्थान पर रहे। बालिकाओं की बोरा दौड़ को रविना ने जीता। इसमें सुमन दूसरे और रिंकी तीसरे स्थान पर रही। पूर्व में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्वारा अजमेर रेलवे स्टेशन पर नशे के चंगुल से मुक्त करवाए बालक से भी मिली।
विश वाॅल पर उकेरी बच्चों ने अपनी इच्छाएं
श्रीमती चतुर्वेदी ने बच्चों को अपनी इच्छाओं को पूरी करने वाली विश वाॅल पर अपनी आंकांक्षा लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। बसंती ने पेंटर, यास्मीन ने डाक्टर, सुनिता ने सिंगर, नेहा ने एयर होस्टेस, जहाँआरा ने नृतकी, शकील ने बाल सुधारक, आफशा ने फौजी, सुल्तान ने मुम्बई में मैनेजर, असमां ने गरीबों का डाक्टर, फरिदा ने कलक्टर, मुर्शीद ने पुलिस अधीक्षक, विशाल, सोहेल और रविना ने पुलिस, रजिया और कोमल ने अध्यापक बनने की तमन्ना पूर्ण होने के लिए विश वाॅल पर लिखा।
---- और भावुकता से रो पड़ी मुर्शीद
लोहागल स्थित राजकीय बालिका गृह में बच्चों से मिलते हुए श्रीमती चतुर्वेदी 12वीं में अध्ययनरत मुर्शीद से मिली, मुर्शीद को गले लगाया और जादू की झप्पी देते समय दोनों की आंखें नम हो गई। ममता भरा मां का स्पर्श पाकर मुर्शीद अपनी भावनाएं नहीं रोक पायी और उसकी आंखों से अश्रू बहने लगे। चतुर्वेदी ने उसके आंसु पोंछे पुनः गले लगाया और प्रेम भरी मिठास से आगे बढ़ने का हौंसला दिया। बालिका गृह की अधीक्षक नारायणी वर्मा ने बताया कि मुर्शीद को उसकी मां का अबोध अवस्था में ही छोड़ गई थी। उसके पिता ने दो शादियां की जिनसे उसे मां के आंचल का सहारा मिला। बाल्यकाल में की गई शादी अमान्य होने के पश्चात आगे पढ़ने की ललक में पिता और परिवार का सहयोग नहीं मिला। मुर्शीद ने अजमेर की राह पकड़ी और बाल कल्याण समिति के माध्यम से राजकीय बालिका गृह में आ गई। वर्तमान में इसके द्वारा 12वीं कक्षा की पढ़ाई की जा रही है और पढ़ लिखकर पुलिस अधीक्षक बनने का सपना आंखों में बसाएं उसे पूर्ण करने के लिए पूरी मेहनत, लगन और ताकत से लगी हुई।
इस अवसर पर बाल कल्याण समिति की नुसरत नकवी, सरोज सरतावला, अल्प संख्यक आयोग की सदस्या लिनियन ग्रेस तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी जय प्रकाश उपस्थित थे।