शुक्रवार, 27 मई 2016

बाड़मेर, पवन कंवर को 53 वर्ष बाद मिला पिता की भूमि में हक



बाड़मेर, पवन कंवर को 53 वर्ष बाद मिला पिता की भूमि में हक
न्याय आपके द्वार अभियान 2016
बाड़मेर, 27 मई। न्याय आपके द्वार अभियान के तहत गुरूवार को ग्राम पंचायत बांदरा में आयोजित राजस्व लोक अदालत अभियान पवन कंवर के लिए वरदान साबित हुआ। राजस्व लोक अदालत में उपखंड अधिकारी हिम्मताराम मेहरा ने 53 वर्ष बाद पवन कंवर पुत्री सुल्तानसिंह पत्नी शैतानसिंह को उसके पिता की भूमि ग्राम चान्दानियों की ढाणी एवं सर का पार में उसका नाम अंकित कर खातेदारी अधिकार दिए।

उपखण्ड अधिकारी हिम्मताराम मेहरा के मुताबिक 26 कई को ग्राम पंचायत बान्दरा में आयोजित राजस्व लोक अदालत के दौरान पवन कंवर ने आवेदन पेश किया उसके पिता सुल्तानसिंह की 09 अप्रेल 1936 में हुई मृत्यु के पश्चात भूमि में उसकी माता के साथ उसका भी नाम अंकित होना चहिए था। परन्तु उसका नाम अंकित नही किया गया और केवल उसकी माता सेजो का नाम अंकित किया गया। उसकी माता सेजो की मुत्यु के बाद शेष खातेदारों के नाम उक्त भूमि में दर्ज हो गई। इस तरह ग्राम चांदानियों की ढाणी के खसरा संख्या 541 रकबा 79.10 बीघा तथा ग्राम सर का पार के खसरा संख्या 712, 713, 696, 708, 709, 710, 711 एवं 714 कुल रकबा 138.12 बीघा में उसका नाम दर्ज किया जाए। आवेदन की जांच तहसीलदार बाडमेर से करवाई गई। तहसीलदार बाडमेर ने तत्काल रिपोर्ट पेश करते हुए आवेदन में अंकित तथ्यों की पुष्टि की। उपखंड अधिकारी मेहरा ने बताया कि तहसीलदार की ओर से प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के आधार पर पूर्व में पारित म्यूटेशन क्रमांक 78 एवं 82 निरस्त कर पवन कंवर के नाम पारित किया गया। साथ ही पवन कंवर का नाम उक्त भूमि में दर्ज कर हाथो-हाथ जमाबन्दी की नकल उपलब्ध करवाई गई। इस तरह से 53 वर्ष बाद न्याय आपके द्वार अभियान में पवन कंवर को उसका हक मिल गया।

बाड़मेर,राजस्व लोक अदालत अभियान की समीक्षात्मक बैठक रविवार को

बाड़मेर,राजस्व लोक अदालत अभियान की समीक्षात्मक बैठक रविवार को

बाड़मेर, 27 मई। राजस्व लोक अदालत अभियान 2016 के अन्तर्गत आयोजित शिविरां में निस्तारित प्रकरणां की समीक्षात्मक बैठक रविवार 29 मई को प्रातः 9.30 बजे कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल में रखी गई है।
अपर कलक्टर एवं प्रभारी अधिकारी लोक अदालत ओ.पी.बिश्नोई ने बताया कि समीक्षा बैठक में आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज प्रकरणां में से निस्तारित प्रकरणां की संख्या, राजस्व लोक अदालत में सम्मिलित निर्णित प्रकरणां के आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज करने की सूचना के साथ संबंधित अधिकारियां को उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है। इस दौरान न्याय आपके द्वार कार्यक्रम की संपूर्ण समीक्षा की जाएगी।

बाड़मेर,सरहदी इलाकां में रात्रिकालीन विचरण पर प्रतिबंध

बाड़मेर,सरहदी इलाकां में रात्रिकालीन विचरण पर प्रतिबंध

बाड़मेर, 27 मई। भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी इलाकां में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां पर अंकुश के लिए रात्रिकालीन विचरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आवश्यक होने पर सक्षम अधिकारी की अनुमति के उपरांत रात्रिकालीन विचरण किया जा सकेगा।
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सुधीर शर्मा ने बताया कि बाड़मेर जिले से लगने वाली भारत-पाक सीमा पर घुसपैठिए एवं राष्ट्र विरोधी तत्वां के सीमा पार कर इस क्षेत्र में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां में शामिल होने की आशंका के मददेनजर जन सुरक्षा एवं शांति भंग होने का अंदेशा है। ऐसे में भारत-पाक सीमा पर बाड़मेर जिले में सरहदी इलाकां में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के तहत रात्रिकालीन विचरण पर रोक लगाई गई थी। इस संबंध में गृह विभाग ने धारा 144 के तहत लगाए गए आदेश की अवधि आगामी छह माह के लिए बढ़ा दी है। इसके तहत सरहदी इलाकां में रात्रिकालीन विचरण पर प्रतिबंध रहेगा।

बाड़मेर, पाकिस्तानी मोबाइल सिम के उपयोग पर प्रतिबंध



बाड़मेर, पाकिस्तानी मोबाइल सिम के उपयोग पर प्रतिबंध
बाड़मेर, 27 मई। गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर बाड़मेर कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत पाकिस्तानी मोबाइल सिम के उपयोग पर प्रतिबंध संबंधित आदेश की अवधि आगामी छह माह के लिए बढ़ा दी है।

जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि बाड़मेर जिले से सटी पाकिस्तानी सीमा के नजदीक पाकिस्तान में लगे मोबाइल टावरां का नेटवर्क भारतीय सीमा में आने एवं इससे पाकिस्तान से पाकिस्तानी नेटवर्क के जरिए आसानी से संपर्क किए जाने की आशंका है। ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा के मददेनजर आशंकित खतरे के दृष्टिकोण से पाकिस्तानी मोबाइल सर्विस कंपनी के सिम के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाना बेहद आवश्यक है। भारत-पाक बोर्डर पर पाकिस्तानी मोबाइल सर्विस कंपनी की सिम के उपयोग से अवांछनीय गतिविधियां रोकने के संबंध में बाड़मेर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पूर्व में जारी किए प्रतिबंध आदेश की अवधि गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर आगामी छह माह के लिए बढ़ा दी है।

बाड़मेर अन्नपूर्णा भंडार प्रोत्साहन कार्यक्रम कल



बाड़मेर  अन्नपूर्णा भंडार प्रोत्साहन कार्यक्रम कल

बाड़मेर, 27 मई। अन्ननूर्णा भंडार संबंधित बजट घोषणा 2016 के क्रियान्वयन के क्रम में 29 मई रविवार को दोपहर 1 बजे जिला परिषद सभागार में अन्नपूर्णा भंडार प्रोत्साहन कार्यक्रम रखा गया है।

जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिन उचित मूल्य दुकानदारां ने अन्नपूर्णा भंडार का संचालन प्रारंभ कर दिया है उनको प्रोत्साहित करने के लिए जिला परिषद सभा कक्ष में कार्यक्रम आयोजित होगा। जिला रसद अधिकारी राकेश शर्मा ने बताया कि जिन उचित मूल्य दुकानदारां ने अन्नपूर्णा भंडार खोल दिए है उनको प्रोत्साहन कार्यक्रम के दौरान चांदी का सिक्का वितरित किया जाएगा। उन्हांने बताया कि इस समारोह में अन्नपूर्णा भंडार के लिए चयनित उचित मूल्य दुकानदारां के साथ एवं भंडार खोलने के इच्छुक उचित मूल्य दुकानदार उपस्थित हो सकते है

बाड़मेर, मदरसा बोर्ड की अघ्यक्ष मेहरुन्निसा टांक 29 को बाड़मेर आएगी



बाड़मेर, मदरसा बोर्ड की अघ्यक्ष मेहरुन्निसा टांक 29 को बाड़मेर आएगी
बाड़मेर, 27 मई। राजस्थान मदरसा बोर्ड की अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) मेहरून्निसा टांक दो दिवसीय दौरे पर 29 मई को बाड़मेर आएगी। बाड़मेर प्रवास के दौरान वे विभिन्न कार्यक्रमां में शामिल होगी।

अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई ने बताया कि राजस्थान मदरसा बोर्ड की अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) मेहरून्निसा टांक 29 मई को दोपहर 12.30 बजे रवाना होकर 5 बजे बाड़मेर सर्किट हाउस पहुंचेगी। जहां से शाम 5.30 बजे मदरसा फैजे सिदीकिया सीनियर सैकंडरी स्कूल सूजो का निवाण, नवातला बाखासर के लिए रवाना होगी। मदरसा के कार्यक्रम में शामिल होने के उपरांत बाड़मेर में रात्रि विश्राम करेगी। इसके उपरांत दूसरे दिन 30 मई को मदरसां का निरीक्षण करेगी। मदरसा बोर्ड की अध्यक्ष 30 मई को दोपहर 12 बजे बाड़मेर से जयपुर के लिए रवाना होगी।

डूंगरपुर.एे कैसी आशिकी ? बोला - मुझ से शादी करो,नहीं कर दूंगा बदनाम



डूंगरपुर.एे कैसी आशिकी ? बोला - मुझ से शादी करो,नहीं कर दूंगा बदनाम
एे कैसी आशिकी ? बोला - मुझ से शादी करो,नहीं कर दूंगा बदनाम

शादी नहीं करने पर फोटो वाट्सएप तथा फेसबुक पर डाल बदनाम करने की धमकी देकर युवती को ब्लेकमेल करने के आरोप में कोतवाली पुलिस ने युवक सहित पांच जनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया।




पुलिस के अनुसार पीडि़त युवती ने जिला पुलिस अधीक्षक को सौंपे परिवाद में बताया कि भोईवाड़ा निवासी कपिल पुत्र चन्दुलाल भोई दबाव डालकर प्रार्थियां से जबरन शादी करना चाहता है तथा डराता -धमकाता है।




शादी करने के नाम पर वह प्रार्थियां को ब्लेक मेल कर रहा है वहीं मोहल्ले, परिवार व रिश्तेदारों के बीच उसे बदनाम भी कर रहा है। रिपोर्ट में बताया कि पांच -छह दिन पूर्व प्रार्थियां अपने घर के बाहर खड़ी थी कि कपिल वहां आया तथा धमकाने लगा कि अगर शादी नहीं की तो वह जो फोटो उसके पास हैं वह वाट्सअप तथा फेसबुक पर डाल बदनाम करेगा।




वह जबरन अवैध संबंध बनाने की कोशिश करने लगा तथा प्रार्थियां के विरोध करने पर बाजार में अकेले मिलने पर उठा ले जाने की धमकी भी दी। रिपोर्ट में यह भी बताया कि कपिल ने चोरी छिपे प्रार्थियां की फोटो खींचकर अपने पास रख ली है तथा अन्य लोगों को बताता रहता है। प्रार्थिया की सगाई भी हो चुकी है तथा जहां रिश्ता तय किया गया है उस परिवार के लोगों को भी कपिल धमकियां दे रहा है।




रिपोर्ट में बताया कि इस कृत्य में भोईवाड़ा निवासी विनीता पत्नी भरतलाल, जना देवी पत्नी चन्दुलाल, मुन्नी देवी पत्नी राजेन्द्र तथा प्रकाश पुत्र मणिलाल भोई भी सहयोग कर रहे हैं। एसपी के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने गुरुवार को मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पाकिस्तान: इस्लामिक कॉउंसिल की सिफारिश, पत्नी बात न माने तो हो ‘पिटाई’

पाकिस्तान: इस्लामिक कॉउंसिल की सिफारिश, पत्नी बात न माने तो हो ‘पिटाई’

पाकिस्तान: इस्लामिक कॉउंसिल की सिफारिश, पत्नी बात न माने तो हो ‘पिटाई’
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) के एक प्रस्ताव में पति की बातों का विरोध करने पर पत्नी की पिटाई करने की सिफारिश की गई है.
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में छपी खबर के मुताबिक, पाकिस्तान में ये सिफारिश सीआईआई ने अपने महिला सुरक्षा बिल में की है. काउंसिल ने प्रस्ताव दिया है कि ऐसा तब हो जब पत्नी पति की बात न माने और ऐसा कपड़े न पहने जैसा उसका पति चाहता हो.

काउंसिल ने कहा है कि जब पत्नी धार्मिक वजहों के अलावा या किसी कारण से अपने पति के साथ सोने से और संबंध बनाने से इनकार करे तो भी पति अपनी पत्नी की पिटाई कर सकता है.
इतना ही नहीं काउंसिल ने यह भी सुझाव दिया है कि अगर महिला हिजाब ना पहने, अनजान लोगों से बात करे, तेज आवाज में बात करें और पति से पूछे बिना दूसरों को पैसे दे तो भी उसकी पिटाई हो. हालांकि, संसद इन सिफारिशों को मानने के लिए बाध्य नहीं है.


सिफारिशें पंजाब विधान सभा भिजेगी सीआईआई
यह बिल तब ड्राफ्ट किया गया जब सीआईआई ने पंजाब के विवादास्पद हिंसा से बचाने वाले महिला सुरक्षा ऐक्ट (PPWA) 2015 को गैर-इस्लामिक करार दिया है. सीआईआई अपने प्रस्तावित बिल को अब पंजाब विधान सभा में भेजेगी.

क्या है सीआईआई ?
जानकारी के अनुसार सीआईआई 20 सदस्यों की एक संवैधानिक संस्था है जो इस्लामिक कानूनों पर पाकिस्तान की संसद को सलाह देती हैं.

बाड़मेर।मोदी के सांसद बोले- PAK-चीन से लड़ने की हमारी ताकत नहीं



बाड़मेर।मोदी के सांसद बोले- PAK-चीन से लड़ने की हमारी ताकत नहींVideo: मोदी के सांसद बोले- PAK-चीन से लड़ने की हमारी ताकत नहीं
बाड़मेर-जैसलमेर सांसद कर्नल सोनाराम ने कहा कि पाकिस्तान और चीन यदि मिल जाए और लड़ाई हो तो हमारी कैपेसिटी नहीं है। हमारे पास न एेसे हथियार हैं और ना ही एेसी फौज है। हम दोनों से नहीं लड़ सकते।

केंद्र सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर संवाददाता सम्मेलन में कर्नल ने कहा कि इसके लिए डिप्लोमेसी करनी पड़ती है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेश यात्राएं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विदेश यात्राएं भ्रमण के लिए नहीं कर रहे है।

उन्होंने स्वयं को रिफाइनरी सलाहकार कमेटी का सदस्य बताते हुए कहा कि जिले में रिफाइनरी लगाने को लेकर केन्द्र व प्रदेश सरकार प्रयासरत है। बजट व कच्चे तेल के भावों में कमी सहित अन्य कई अड़चनें रिफाइनरी स्थापना में बाधक बने हुए हैं।

राजस्थान: राजसमंद में भीषण सड़क हादसा, ट्रक-बस भिड़ंत में तीन बच्चों समेत 11 की मौत



राजस्थान: राजसमंद में भीषण सड़क हादसा, ट्रक-बस भिड़ंत में तीन बच्चों समेत 11 की मौतराजस्थान: राजसमंद में भीषण सड़क हादसा, ट्रक-बस भिड़ंत में तीन बच्चों समेत 11 की मौत
राजसमंद में एक भीषण सड़क हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई। हादसा गुरुवार देर रात करीब 2 बजे तब हुआ जब सवारियों से भरी एक बस एक ट्रक से जा टकराई। बताया जा रहा है कि ट्रक गलत दिशा से आ रहा था। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई।

जानकारी के मुताबिक़ ये दर्दनाक सड़क हादसा रात दो बजे के करीब राजसमन्द के केलवा कसबे के पास हुआ। बस और ट्रक के बीच भिड़ंत इतनी ज़बरदस्त थी कि दोनों वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए और उनमे लोग बुरी तरह से फंस गए। मृतकों में तीन से चार छोटे बच्चे भी बताये जा रहे हैं।









घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जैसे-तैसे लोगों को बाहर निकाला गया। लेकिन तब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी थी। हादसे में कुछ घायल भी हुए हैं जिन्हे अस्पताल भेजा गया है।








अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़ बस में सवार लोग भीलवाड़ा के बावलवास में एक सगाई समारोह में शामिल होने के लिए गए हुए थे। वापस लौटते वक्त पसूंद गांव में उनकी बस की भिड़ंत ट्रक से हो गई। जानकारी मिलने के बाद एडीएम ब्रजमोहन बैरवा, एसडीएम राजेन्द्र अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे।

पाकिस्तान के कराची में बढ़ती गर्मी के कारण पहले से ही कब्रों की खुदाई का काम शुरू हुआ

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पाकिस्तान के कराची में बढ़ती गर्मी के कारण पहले से ही कब्रों की खुदाई का काम शुरू हुआ
300 गर्भवती महिलाओं के जीका से पीड़ित पाए जाने पर ओबामा ने अमेरिकी कांग्रेस को लताड़ा | बांग्लादेश में रोनू चक्रवाती तूफ़ान से 20 की मौत, 100 से ज्यादा घायल






पाकिस्तान के कराची से एक अजीबो-गरीब खबर सामने आई है. यहां इन दिनों लोगों के मरने से पहले ही उनकी सामूहिक कब्रें खोदी जा रही हैं. पाकिस्तान के समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, भीषण गर्मी से होने वाली मौतों के बाद शवों को दफनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. हालांकि अभी तक इस इलाके में गर्मी और लू से कम ही लोग मारे गए हैं लेकिन यहां कब्रों की खुदाई पहले से शुरू हो चुकी है. दरअसल पिछले साल पाकिस्तान में गर्मी से 1,300 लोग मारे गए थे. इनमें से अधिकतर लोग कराची और उसके आसपास के क्षेत्रों के थे.




गैरसरकारी संस्था ईदी फाउंडेशन के कब्रिस्तान में ये कब्रें खोदने वाले कराची के शाहिद बलोच का कहना है कि पिछले साल उन्होंने 300 कब्रें खोदी थीं और उस समय एक साथ कई लाशें इकट्ठा हो गई थीं, साथ ही जगह की भी कमी पड़ गई थी. उनके मुताबिक यह काम करते हुए उन्हें भी लू लग गई थी इसीलिए वे इस साल पहले से कब्रें खोद लेना चाहते हैं.




वहीं, ईदी फाउंडेशन ने बताया है कि पिछले साल शवों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई थी कि उसे करीब 650 शवों को कुछ दिन तक खुले में रखना पड़ा था, साथ में कब्रें खोदने वालों ने दुगना-तिगुना पैसा भी लिया था. उधर, इस बार कराची प्रशासन भी इस समस्या से निपटने की पूरी तैयारी कर रहा है. कराची के कमिश्नर आसिफ हैदर शाह ने बताया कि शहर के 60 अस्पतालों में लू के मरीजों के लिए 1850 अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं. बता दें कि 2015 में कराची में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था जो 1981 के बाद से सबसे ज्यादा था.




300 गर्भवती महिलाओं के जीका से पीड़ित पाए जाने पर ओबामा ने अमेरिकी कांग्रेस (संसद) को लताड़ा




अमेरिका में 300 गर्भवती महिलाओं के जीका वायरस से पीड़ित पाए जाने से खलबली मच गई है. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसके लिए अमेरिकी कांग्रेस (संसद) को दोषी ठहराते हुए उसे आड़े हाथों लिया है. ओबामा ने अमेरिकी कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा है, ' यूएस कांग्रेस जीका के खतरे को गंभीरता से न लेते हुए जीका के लिए जरूरी फंड का आधा हिस्सा ही देना चाहती है, जबकि प्रतिनिधि सभा तो केवल एक-तिहाई अनुदान ही देना चाहती है. ऐसी स्थिति में हम जीका को कैसे रोक सकते हैं.'



क्यों एक मुस्लिम बहुल देश ने चचेरे-ममेरे भाई-बहनों की शादी पर रोक लगाने का फैसला किया है?

क्यों एक मुस्लिम बहुल देश ने चचेरे-ममेरे भाई-बहनों की शादी पर रोक लगाने का फैसला किया है?
क्यों एक मुस्लिम बहुल देश ने चचेरे-ममेरे भाई-बहनों की शादी पर रोक लगाने का फैसला किया है?

दुनिया के कई देशों में यह आम प्रथा है, खासकर मुस्लिम बहुल देशों में. इसलिए जब ताजिकिस्तान ने इस पर रोक लगाने का फैसला लिया तो दुनिया का चौंकना स्वाभाविक था.

चीन, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान के बीचों-बीच बसा ताजिकिस्तान मध्य एशिया का सबसे गरीब देश है. ऐसा दुर्लभ ही होता है कि इस देश की कोई घटना सारी दुनिया में चर्चा का विषय बन जाए. लेकिन बीती 13 जनवरी को यहां की संसद का एक फैसला अंतरराष्ट्रीय सुर्ख़ियों में शामिल हुआ. यह फैसला था देश में कॉन्सेंग्युनियस विवाह (रक्त संबंधियों से विवाह) पर प्रतिबंध लगाना. दुनिया के कई देशों, विशेषकर मुस्लिम बहुल देशों में कॉन्सेंग्युनियस विवाह बहुत ही आम प्रथा है. इसीलिए जब मुस्लिम बहुल ताजिकिस्तान ने इस प्रथा पर रोक लगाने का प्रगतिशील फैसला लिया तो इसने दुनिया भर के कई लोगों को हैरत में डाल दिया.

ताजिकिस्तान ने यह फैसला लेते हुए माना है कि कॉन्सेंग्युनियस विवाह से पैदा होने वाले बच्चों में आनुवंशिक रोग होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. यहां के स्वास्थ्य विभाग ने 25 हजार से ज्यादा विकलांग बच्चों का पंजीकरण और उनका अध्ययन करने के बाद बताया है कि इनमें से लगभग 35 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो कॉन्सेंग्युनियस विवाह से पैदा हुए हैं. कॉन्सेंग्युनियस विवाह से पैदा होने वाले बच्चों में आनुवंशिक रोग होने की संभावनाओं पर लंबे समय से चर्चा होती रही है. लेकिन यह चर्चा कभी भी इतने व्यापक स्तर पर नहीं हुई कि इस तरह के विवाहों पर प्रतिबंध लग सके.

ताजिकिस्तान ने यह फैसला लेते हुए माना है कि कॉन्सेंग्युनियस विवाह से पैदा होने वाले बच्चों में आनुवंशिक रोग होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं.

दुनिया के लगभग एक-चौथाई हिस्से में आज भी कॉन्सेंग्युनियस विवाह आम हैं. इनमें एशिया, उत्तरी अफ्रीका, स्विट्ज़रलैंड, मध्यपूर्व, और चीन, जापान और भारत के कई हिस्से शामिल हैं. इन सभी जगहों पर कॉन्सेंग्युनियस विवाह के अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं. मुख्यतः कॉन्सेंग्युनियस विवाह उसे कहा जाता है जब कोई व्यक्ति अपने चचेरे/ममेरे भाई/बहन या उससे भी निकट रक्तसंबंधी से शादी करे. दक्षिण भारत में कई जगह लड़कियों की उनके मामा से शादी होना भी कॉन्सेंग्युनियस विवाह का एक उदाहरण है.

कई देश ऐसे भी हैं जहां कॉन्सेंग्युनियस विवाह पर पूरी तरह प्रतिबंध तो नहीं है लेकिन, यह आंशिक रूप से प्रतिबंधित है. उदाहरण के लिए कई अमरीकी राज्यों में कॉन्सेंग्युनियस विवाह की अनुमति सिर्फ उन्हीं लोगों को दी जाती है जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक हो या जो बच्चे पैदा करने में असमर्थ हों. इसी तरह कुछ देश ऐसे भी हैं जहां सिर्फ चिकित्सकीय जांच के बाद ही कॉन्सेंग्युनियस विवाह की अनुमति दी जाती है. जानकारों का मानना है कि इन सभी देशों में इस तरह के प्रतिबंध सिर्फ इसीलिए लगाए गए हैं ताकि बच्चों में होने वाले आनुवंशिक रोगों को रोका जा सके.

ब्रिटेन में पैदा होने वाले बच्चों में पाकिस्तानी मूल के कुल तीन प्रतिशत बच्चे होते हैं. लेकिन आनुवंशिक रोग के पीड़ित ब्रिटेन के कुल बच्चों में से 13 प्रतिशत पाकिस्तानी मूल के ही हैं.

ऐसे कई अध्ययन हुए हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि आम बच्चों के मुकाबले कॉन्सेंग्युनियस विवाह से होने वाली संतानों में आनुवंशिक रोग होने की संभावनाएं कई गुना ज्यादा होती हैं. कुछ समय पहले ही ब्रिटेन के ब्रैडफोर्ड में भी ऐसा एक अध्ययन किया गया था. ब्रैडफोर्ड में पाकिस्तानी मूल के लोगों का बड़ा रिहाइशी इलाका है. यहां की कुल आबादी में लगभग 17 प्रतिशत आबादी पाकिस्तानी मुस्लिम लोगों की है. इन लोगों में से 75 प्रतिशत लोग अपने ही समुदाय में चचेरे/ममेरे भाई/बहनों से शादियां करते हैं. अध्ययन में सामने आया था कि यहां रहने वाले बच्चों में से कई आनुवंशिक रोगों का शिकार हैं और इसका मुख्य कारण कॉन्सेंग्युनियस विवाह ही है. एक अन्य अध्ययन के अनुसार ब्रिटेन में पैदा होने वाले बच्चों में पाकिस्तानी मूल के कुल तीन प्रतिशत बच्चे होते हैं. लेकिन आनुवंशिक रोग के पीड़ित ब्रिटेन के कुल बच्चों में से 13 प्रतिशत पाकिस्तानी मूल के ही हैं.

दक्षिण भारत के कई इलाकों में भी कॉन्सेंग्युनियस विवाह का चलन है. यहां भी यह इस प्रथा के चलते बच्चों में कई तरह के रोग देखे जा सकते हैं. आंध्र प्रदेश की रहने वाली बिंदु शॉ इस विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय से रिसर्च कर रही हैं. वे बताती हैं कि भारत में अब तक ऐसे शोध न के बराबर ही हुए हैं जिनमें कॉन्सेंग्युनियस विवाह और उनके कारण होने वाले आनुवंशिक रोगों को साथ में परखा गया हो. कॉन्सेंग्युनियस विवाह के सामाजिक पहलुओं और आनुवंशिक रोगों के चिकित्सकीय पहलुओं पर अलग-अलग तो कई शोध हो चुके हैं लेकिन इन पर साथ में शोध करने वाली बिंदु शायद पहली भारतीय ही हैं.

'मैंने दो सौ ऐसे परिवारों पर अध्ययन किया है जिन्होंने कॉन्सेंग्युनियस विवाह किया था. इनमें से 97 परिवारों के बच्चे आनुवंशिक रोग से पीड़ित थे.'

बिंदु बताती हैं, 'मैंने दो सौ ऐसे परिवारों पर अध्ययन किया है जिन्होंने कॉन्सेंग्युनियस विवाह किया था. इनमें से 97 परिवारों के बच्चे आनुवंशिक रोग से पीड़ित थे. यह भी देखने में आया है कि चचेरे/ममेरे भाई/बहनों से हुई शादी की तुलना में मामा से शादी होने पर बच्चों में इस तरह के विकारों की संभावनाएं ज्यादा होती हैं.' वे आगे बताती हैं, 'जब भी कोई व्यक्ति अपने रक्तसंबंधियों से शादी करता है तो उनके कई जीन एक समान होते हैं. इस स्थिति में यदि उनके जीन में कोई विकार होता है तो उनके होने वाले बच्चे में ऐसे विकृत जीन की दो प्रतियां पहुंच जाती हैं. यही रोग का कारण बनता है. जबकि समुदाय से बाहर शादी होने पर जीन का दायरा बढ़ जाता है और इसलिए किसी विकृत जीन के बच्चों तक पहुंचने की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं.'

रिसर्च के लिए यह विषय चुनने के बारे में बिंदु बताती हैं, 'मैं जब स्कूल में पढ़ती थी तब से ही इस विषय में मेरी रुचि रही है. हमारे समाज में यह प्रथा आम है और मेरे कई रिश्तेदार इसके चलते आनुवंशिक रोगों का शिकार हुए हैं. इसलिए मैं हमेशा से इस विषय पर रिसर्च करना चाहती थी.' कॉन्सेंग्युनियस विवाह के कई दुष्परिणामों को जानने के बाद भी क्या यह प्रथा सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के चलते ही जारी है? इस सवाल के जवाब में बिंदु कहती हैं, 'मुझे लगता है कि धार्मिक मान्यताओं से ज्यादा सामाजिक पहलुओं के चलते लोग आज भी कॉन्सेंग्युनियस विवाह करते हैं. लोग मानते हैं कि अपने ही संबंधियों से शादी होने पर संपत्ति बाहर नहीं जाएगी और उसका बंटवारा नहीं होगा. इसके साथ ही लड़कियों के माता-पिता अपनी बेटी किसी अजनबी को सौंपने से बेहतर अपने किसी रिश्तेदार को सौंपना ही समझते हैं. विशेष तौर से ग्रामीण इलाकों में इस तरह की शादियों को ही ज्यादा वरीयता दी जाती है.'

कॉन्सेंग्युनियस विवाह को सही ठहराने वाले अक्सर यह तर्क देते हैं कि ऐसे विवाहों से होने वाले बच्चों में आनुवंशिक रोग की संभावनाओं को बढ़ा-चढ़ा कर दर्शाया जाता है.

कॉन्सेंग्युनियस विवाह जिन समुदायों में प्रचलित है उनमें कई बार प्रेम संबंधों के चलते भी इस तरह के विवाह होते हैं. बिंदु बताती हैं, 'बच्चे बहुत छोटी उम्र से ही अपने चचेरे/ममेरे भाई-बहनों से मिलते हैं, उनके साथ खेलते हैं और साथ ही बड़े होते हैं. ऐसे में उनकी आपसी दोस्ती बहुत अच्छी होती है और जब उन्हें इस संभावना का पता होता है कि उनकी शादी हो सकती है तो यह दोस्ती प्रेम संबंधों में भी बदल जाती है.' इन तमाम पहलुओं के अलावा धार्मिक मान्यताओं को भी कई लोग कॉन्सेंग्युनियस विवाह का एक मुख्य कारण मानते हैं.

कॉन्सेंग्युनियस विवाह को सही ठहराने वाले अक्सर यह तर्क देते हैं कि ऐसे विवाहों से होने वाले बच्चों में आनुवंशिक रोग की संभावनाओं को बढ़ा-चढ़ा कर दर्शाया जाता है. ताजिकिस्तान में लिए गए हालिया फैसले का विरोध करने वाले भी यही मांग कर रहे हैं कि इस तथ्य की पुष्टि के लिए ज्यदा आंकड़े प्रस्तुत किये जाएं कि कॉन्सेंग्युनियस विवाह ही आनुवंशिक रोगों का बड़ा कारण है. इन लोगों का तर्क है कि कॉन्सेंग्युनियस विवाह से होने वाले बच्चों के बीमार होने की उतनी ही संभावनाएं होती हैं जितनी किसी 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिला के माँ बनने पर उसके बच्चे के बीमार होने की होती हैं. ताजिकिस्तान संसद के फैसले का विरोध करते हुए यह लोग सवाल कर रहे हैं कि जब किसी 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिला को मां बनने से नहीं रोका जाता तो फिर कॉन्सेंग्युनियस विवाह करने वालों पर रोक क्यों लगाई जानी चाहिए?

लेकिन चिकित्सा विज्ञान को समझने वाले जानकार मानते हैं कि कॉन्सेंग्युनियस विवाह को धार्मिक या सांस्कृतिक नज़रिए से नहीं बल्कि चिकित्सकीय नज़रिए से परखा जाना जरूरी है और इस लिहाज़ से ताजिकिस्तान के इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए.

शादीशुदा लड़के से करती थी प्यार... और एक दिन खेतों में लटकती मिली दोनों की लाशें

शादीशुदा लड़के से करती थी प्यार... और एक दिन खेतों में लटकती मिली दोनों की लाशें


जिला के बापौली खंड के गांव अधमी में प्रेमी युगल ने फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली। वहीं मृतक युवक विवाहित था और युवती अविवाहित थी। जबकि युवती की कुछ दिनों बाद शादी होनी थी। जानकारी के अनुसार गांव अधमी निवासी 25 वर्षीय युवक नसीम पुत्र असगर का गांव की एक युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इस मामले को लेकर दोनों के परिजनों की आपस में कहासुनी भी हुई। दोनों परिवारों ने युवक व युवती को समझाया पर उनका मिलना जुलना फिर भी जारी रहा।



शादीशुदा लड़के से करती थी प्यार... और एक दिन खेतों में लटकती मिली दोनों की लाशें

करीब दो साल पहले नसीम का निकाह हो गया। नसीम के एक आठ माह की पुत्री भी है। इसके बाद भी दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चलता रहा। वही परिजनों ने युवती का विवाह भी तय कर दिया। इधर, वीरवार की सुबह जब गांव अधमी के ग्रामीण खेतों की ओर गए तो उन्होंने पूर्व सरपंच रोशन लाल के खेत में नसीम व युवती का शव पेड़ से बंधी रस्सी पर लटके हुए देखा। घटना की सूचना मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। गांव के सरपंच वाशिद की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।



पुलिस ने घटनास्थल व शव की हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच की। वहीं पुलिस ने घटनास्थल की वीडियोग्राफी भी करवाई। पुलिस ने जांच पूरी होने के बाद नसीम व युवती के शवों का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए पानीपत के सिविल अस्पताल भिजवा दिया। पुलिस ने मृतकों के परिजनों के बयान दर्ज किए और पोस्मार्टम के बाद दोनों शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया। वहीं पुलिस की मौजूदगी में नसीम के शव को दफना दिया गया। जबकि युवती का अंतिम संस्कार कर दिया।





प्रेमी युगल की मौत के मामले में बापौली थाना प्रभारी नरेंद्र दहिया बताया कि नसीम व युवती के मौत के मामले में उनके परिजनों ने कोई शिकायत पुलिस को नहीं दी है। पुलिस ने घटनास्थल व दोनों शवों की हर पहलू को ध्यान में रखका गहन जांच की। पुलिस की जांच में यह मामला आत्महत्या का मिला। इधर इस केस की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर राजेश ने बताया कि नसीम व युवती ने आत्महत्या की है।

गुरुवार, 26 मई 2016

पश्चिमी सरहद से चन्दन सिंह भाटी मूलभूत सुविधाओं से महरूम भारतीय सीमा का अंतिम दलित गांव समेले का तला ,ना सड़क न पानी ना बिजली

पश्चिमी सरहद से चन्दन सिंह भाटी

मूलभूत सुविधाओं से महरूम भारतीय सीमा का अंतिम दलित गांव समेले का तला ,ना सड़क न पानी ना बिजली


पश्चिमी सरहद से चन्दन सिंह भाटी




सीमावर्ती बाड़मेर जिले के पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र के अंतिम दलित आबादी का गांव समले का तला उर्फ़ कलरो का तला आज़ादी के पेंसठ साल बाद भी मूल भुत सुविधाओं से महरूम हैं ,ना सड़क ,ना पानी ,ना बिजली ,ना सरकारी योजना का कोई लाभ ,जैसे इस गांव के लोग आदिकाल का जीवन जी रहे हैं ,

करीब चौदह सौ मतदाताओं वाले इस दलित गांव में अनुसूचित जाति मेघवाल परिवार रहते हैं ,गाँव में सरकारी बिल्डिंग के नाम पर स्वास्थ्य केंद्र और स्कूल जरूर बनी हैं ,मगर स्कूल में अध्यापक और स्वास्थ्य केंद्र में परिचारिका नहीं ,




सड़कमार्ग ही नहीं




सरहदी इलाके में कहने को ग्रेफ ने सड़कों का जाल बिछा रखा हैं मगर इस गांव को अपनी सड़क तक नसीब नहीं हुई जबकि इस गांव के सत्तर फ़ीट ऊँचे धोरे पर सीमा सुरक्षा बल की अग्रिम पोस्ट कलरो का टला स्थापित हैं ,इस पोस्ट पर भी जाने के लिए कोई सड़क नहीं हैं ,धोरो से गुजरना पड़ता हैं पैदल ,गांव में आने जाने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं




बिजली कुछ घरों में




इस गांव में रहने वाले सारे अनुसूचित जति श्रेणी के हैं ,विद्युत विभाग द्वारा गत चालीस सालो से अनुसूचित जाति परिवारों को बिजली से जोड़ने की दर्जनों योजनाए शुरू की गयी थी ,मगर एक भी योजना का लाभ इस गांव को नहीं मिला ,कुछ बी पी एल परिवार हे जिनके बिजली कनेक्षन हो गए तो बिजली सप्लाई नहीं आती




पानी बेरिया भी जवाब दे चुकी




जलदाय विभाग ने इस गांव में कोई दो साल पहले जी एल आर और उसका आगोर लाखो रुपये खर्च करके बनाया मगर आज तक किसी पेयजल योजना या पाइप लाइन योजना से नहीं जोड़ा ,जी एल आर कबूतरों का आशियाना बन गया ,गांव में करीब एक दर्जन पानी की बेरिया परम्परागत रूप से बनी हुई हैं मगर सभी बेरियो का पानी रीत चूका ,एक विशाल कुआ हैं जो बंद पड़ा हैं ,पानी के लिए गांव की महिलाओं और बच्चों को मिलो का सफर तय कर दो घड़े पानी लाना पड़ता हैं ,या चार सौ रुपये में दस हज़ार लीटर का टेंकर खरीदना पड़ता हैं




खेल सामग्री अध्यापक रखते ताले में




सीमा सुरक्षा बल द्वारा ग्रामीणों के सहयोग के लिए अक्सर चिकित्सा और शिक्षा शिविर लगा ग्रामीणों की मदद की जाती हैं ,सीमा सुरक्षा बल द्वारा छात्रों के लिए उपलब्ध कराई खेल सामग्री प्रधानाध्यापक और अध्यापक अपने घर ले गए ,इन बच्चों के खेल विकास के लिए उस सामग्री का उपयोग होने नहीं दिया




नरेगा में एक भी काम नहीं




रोजगार गारंटी का दावा करने वाली नरेगा योजना से भी इस गाँव को वंचित रखा गया ,नरेगा में एक भी काम इस गाँव में स्वीकृत नहीं हैं ,सरपंच गांव से बीस किलोमीटर दूर नवातला रहता हैं ,जबकि नरेगा में इस गांव को सार्वजनिक ,व्यक्तिगत टाँके और ग्रेवल सड़क का काम आसानी से स्वीकृत किया जा सकता हैं




पशुधन के लिए चारा पानी नहीं




इस गाँव में हर परिवार के पास गोधन हैं ,इस पशुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था में ग्रामीणों का दिन पूरा हो जाता हैं ,हर घर में गाय हैं। इनके लिए पानी की व्यवस्था तो जैसे तेज़ कर लेते हैं मगर चारा की व्यवथा नहीं हो पाती ,अकाल राहत में पशु शिविर की दरकार हैं




सीमा सुरक्षा बल की पोस्ट बिना सड़क




इसी गाँव में करीब सत्तर फ़ीट ऊँचे धोरे पर सीमा सुरक्षा बल की बी ओ पी कलरो का तला के के टी स्थापित हैं ,इस पोस्ट पर जाने के लिए सड़क नहीं हैं ,ग्रेवल भी नहीं ,जवानों द्वारा मार्ग अपने स्तर पर बनाया गया मगर रेतीली आंधियो के चलते इस अस्थायी मार्ग पर पुनः धोरे स्थापित हो जाते हैं सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम या नरेगा में इस गांव और बी ओ पी को सड़क से जोड़ा जा सकता था ,मगर कभी प्रयास नहीं हुए






जैसलमेर में औद्योगिक क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति प्राथमिकता से करे - उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्रसिंह



जैसलमेर में औद्योगिक क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति प्राथमिकता से करे - उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्रसिंह


जैसलमेर , 26 मई/ उद्योग, अप्रवासी भारतीय, युवा मामले एवं खेल मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खीवंसरने जैसलमेर में संचालित रीको, षिल्पग्राम के साथ ही जो नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो रहे हैं उसमें पानी, बिजली की आपूर्ति प्राथमिकता से विकसित करने के साथ ही सडक एवं अन्य आधारभूत सुविधाएं रीको को विकसित करने के निर्देष दियें। उन्होंने रीको, षिल्पग्राम में पानी की आपूर्ति के बारे में औद्योगिक एसोषियेषन के पदाधिकारियो से जानकारी ली एवं इस संबंध में रीको के अधिकारियों को निर्देष दिये कि वे पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के लिए पेयजल विभाग द्वारा जो 1 करोड 12 लाख की स्कीम का संसोधित प्रस्ताव दिया है उसी अनुरुप स्वीकृति करके राषि आवंटित करें। उन्होंने जलदाय विभाग के अधिकारियों को इन औद्योगिक क्षेत्र में पानी आपूर्ति के लिए कार्य त्वरित गति से कराने के निर्देष दियेे।

उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्रसिंह गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में उद्योग, रीको, खेल विभाग के अधिकारियों की बैठक ली एवं निर्देष दिये कि जैसलमेर में पीले पत्थर के उद्योग के साथ ही अन्य औद्योगिक क्षेत्र को भी विकसित करावें। उन्हांेने रणधा, धनवा, नेडान औद्योगिक क्षेत्र में भी आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के निर्देष दिये। बैठक में जैसलमेर विधायक श्री छोटूसिंह भाटी, नगर विकास न्यास के अध्यक्ष डाॅ जितेन्द्र सिंह, पूर्व विधायक सांगसिंह भाटी, समाजसेवी जुगलकिषोर व्यास, सचिव खेल एवं युवा मामले नारायण सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी नारायण सिंह चारण के साथ ही उद्योग विभाग से जुडे अधिकारी एवं औद्य़ोगिक एषोसियेषन के पदाधिकारी उपस्थित थे। उद्योग मंत्री ने कहा कि जैसलमेर मंे बडा औद्योगिक क्षेत्र तो है नहीं यहां पर स्माल औद्योगिक क्षेत्र है उसकोे हम और अधिक किस प्रकार से विकसित कर सकते है उसी अनुरुप कार्य करें ताकि यहां के लोगो को उद्योग के माध्यम से रोजगार मिले।

उद्योग मंत्री श्री सिंह ने जैसलमेर की औद्योगिक गतिविधियों की जानकारी ली एवं कहा कि यहां का पीला पत्थर एवं उस पर हो रही कार्विंग काफी प्रचलित है । उन्होंने इस क्षेत्र मंे और अधिक विकास करने के लिए यहां के कारिगरों एवं हस्तषिलपों को कौषल दक्षता का प्रषिक्षण आयोजित कराने के उद्योग विभाग के अधिकारियों को निर्देष दिये। उन्होंने यहां की विंड मील उद्योग के बारे में भी पूरी जानकारी प्राप्त की। उन्हांेने विष्वास दिलाया कि समय सीमा में औद्योगिक क्षेत्रों में पानी, बिजली के साथ ही अन्य सुविधाएं प्राथमिकता से उपलब्ध करवाई जाएगी।

उद्योग मंत्री ने आरएफसी के अधिकारियों से औद्योगिक क्षेत्र में वर्ष 2015 - 16 किये गये ऋण के लक्ष्य एवं वितरण की जानकारी ली। इस संबंध मंे आरएफसी के अधिकारी ने बताया कि 6 करोड 10 लाख के ऋण के लक्ष्य के विरुद्ध 2 करोड 90 लाख का ऋण वितरण किया गया है। उन्होेने प्रधानमंत्री रोजगार गांरटी योजना एवं खादी बोर्ड गतिविधियों की भी विस्तार से समीक्षा की । उद्योग मंत्री ने रीको के अधिकारियों को निर्देष दिये कि वे यहां के औद्योगिक विकास के लिए रुचि के साथ कार्य करें।

उद्योग एवं खेल युवा मामले मंत्री श्री सिंह ने खेल अधिकारी लक्ष्मणसिंह तंवर से यहां के खेल स्टेडियम एवं उसमें संचालित खेल गतिविधियों की पूरी जानकारी ली। उन्होंने यहां के खिलाडियों की रुचि के अनुरुप और अधिक खेल गतिविधियां विकसित करने पर जोर दिया। तंवर ने यहां संचालित बास्केटबाॅल अकेडमी एवं अन्य खेल गतिविधियों की जानकारी दी।

बैठक में औद्योगिक एषोसियेषन के पदाधिकारी गोपीकिषन मेहरा, जुगलकिषोर बोहरा, गिरीष व्यास ने पुनः खनन आवंटन चालू कराने, पीले पत्थर की एक - एक हैक्टर की खान आवंटित कराने, औद्योगिक क्षेत्र में पानी, बिजली की उचित व्यवस्था कराने की आवष्यकता जताई इसके साथ ही दषरथ केला ने कृषि आधारित औद्योगिक क्षेत्र को विकसित कराने का सुझाव दिया।

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जैसलमेर की यात्रा पर आने वाले मंत्री मण्डल समूह की यात्रा स्थगित

जैसलमेर , 26 मई/जैसलमेर की यात्रा पर 27 व 28 मई को आने वाले मंत्री मण्डल समूह की यात्रा अपरिहार्य कारणों से स्थगित हो गयी है।

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