शुक्रवार, 27 मई 2016

पाकिस्तान के कराची में बढ़ती गर्मी के कारण पहले से ही कब्रों की खुदाई का काम शुरू हुआ

]

पाकिस्तान के कराची में बढ़ती गर्मी के कारण पहले से ही कब्रों की खुदाई का काम शुरू हुआ
300 गर्भवती महिलाओं के जीका से पीड़ित पाए जाने पर ओबामा ने अमेरिकी कांग्रेस को लताड़ा | बांग्लादेश में रोनू चक्रवाती तूफ़ान से 20 की मौत, 100 से ज्यादा घायल






पाकिस्तान के कराची से एक अजीबो-गरीब खबर सामने आई है. यहां इन दिनों लोगों के मरने से पहले ही उनकी सामूहिक कब्रें खोदी जा रही हैं. पाकिस्तान के समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, भीषण गर्मी से होने वाली मौतों के बाद शवों को दफनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. हालांकि अभी तक इस इलाके में गर्मी और लू से कम ही लोग मारे गए हैं लेकिन यहां कब्रों की खुदाई पहले से शुरू हो चुकी है. दरअसल पिछले साल पाकिस्तान में गर्मी से 1,300 लोग मारे गए थे. इनमें से अधिकतर लोग कराची और उसके आसपास के क्षेत्रों के थे.




गैरसरकारी संस्था ईदी फाउंडेशन के कब्रिस्तान में ये कब्रें खोदने वाले कराची के शाहिद बलोच का कहना है कि पिछले साल उन्होंने 300 कब्रें खोदी थीं और उस समय एक साथ कई लाशें इकट्ठा हो गई थीं, साथ ही जगह की भी कमी पड़ गई थी. उनके मुताबिक यह काम करते हुए उन्हें भी लू लग गई थी इसीलिए वे इस साल पहले से कब्रें खोद लेना चाहते हैं.




वहीं, ईदी फाउंडेशन ने बताया है कि पिछले साल शवों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई थी कि उसे करीब 650 शवों को कुछ दिन तक खुले में रखना पड़ा था, साथ में कब्रें खोदने वालों ने दुगना-तिगुना पैसा भी लिया था. उधर, इस बार कराची प्रशासन भी इस समस्या से निपटने की पूरी तैयारी कर रहा है. कराची के कमिश्नर आसिफ हैदर शाह ने बताया कि शहर के 60 अस्पतालों में लू के मरीजों के लिए 1850 अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं. बता दें कि 2015 में कराची में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था जो 1981 के बाद से सबसे ज्यादा था.




300 गर्भवती महिलाओं के जीका से पीड़ित पाए जाने पर ओबामा ने अमेरिकी कांग्रेस (संसद) को लताड़ा




अमेरिका में 300 गर्भवती महिलाओं के जीका वायरस से पीड़ित पाए जाने से खलबली मच गई है. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसके लिए अमेरिकी कांग्रेस (संसद) को दोषी ठहराते हुए उसे आड़े हाथों लिया है. ओबामा ने अमेरिकी कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा है, ' यूएस कांग्रेस जीका के खतरे को गंभीरता से न लेते हुए जीका के लिए जरूरी फंड का आधा हिस्सा ही देना चाहती है, जबकि प्रतिनिधि सभा तो केवल एक-तिहाई अनुदान ही देना चाहती है. ऐसी स्थिति में हम जीका को कैसे रोक सकते हैं.'



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें