गुरुवार, 26 मई 2016

कोटा.चार साल का हो जाएगा बीएड



कोटा.चार साल का हो जाएगा बीएड
चार साल का हो जाएगा बीएड

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की चली तो पूरे देश में बीएड की पढ़ाई अजमेर स्थित रीजनल सेंटर ऑफ एज्युकेशन की तर्ज पर कराई जाएगी। एनसीटीई के पूर्व चेयरमैन प्रो. सिद्दीकी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने बीएड-एमएड की शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पढ़ाई का समय दो साल से बढ़ाकर चार साल करने की सिफारिश की है।


अध्यापक प्रशिक्षण की चुनौतियां और समस्याएं जानने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 12 अक्टूबर 2015 को सिद्दीकी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति ने बीएड-एमएड का प्रशिक्षण देने वाले देश भर के तमाम शिक्षकों की राय जानने के बाद 11 अप्रेल 2016 को सरकार को अपनी सिफारिशें सौंप दी है।


वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (वीएमओयू) की शिक्षा विद्यापीठ के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अखिलेश कुमार ने बताया कि सिद्दीकी कमेटी ने सरकार से प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया बदलने के साथ ही बीएड-एमएड की शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पठन-पाठन का तरीका भी बदलने का सुझाव दिया है।




इसके लिए कमेटी ने एनसीईआरटी द्वारा अजमेर में चलाए जा रहे रीजनल सेंटर ऑफ एज्युकेशन को उदाहरण के तौर पर पेश करते हुए सुझाव दिया है कि यहां की तरह ही देश भर में बीएड पाठ्यक्रम दो साल से बढ़ाकर चार साल का कर दिया जाए।




यह दिया है तर्क

इसके पीछे समिति ने तर्क दिया है कि किसी भी शिक्षक के लिए उसका प्रशिक्षण नींव की तरह काम करता है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता बेहतर होगी तो शिक्षकों की नींव भी मजबूत होगी। जिसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि बढ़ाना जरूरी है। हालांकि समिति ने इसे एक साथ लागू करने के बजाय हर साल एक-एक साल बढ़ाने का सुझाव दिया है।

आबूरोड खुलेआम घूमते ये गुमनाम, नशीब के मारे है या जासूस ?



आबूरोड खुलेआम घूमते ये गुमनाम, नशीब के मारे है या जासूस ?

खुलेआम घूमते ये गुमनाम, नशीब के मारे है या जासूस ?
दिनभर यहां का कचरा वहां डालना। लोगों को देखकर मुस्कुरा देना। नाश्ता करने वालों को बार-बार देखते रहना। ये बोल नहीं सकते और न ही किसी की बात को समझ सकते हैं, लेकिन दिनभर आम लोगों की तरह घूमते रहने वाले ऐसे विमंदित अपने परिजनों व अपने ठिकाने को ढूढंते नजर आते है। शहर में कई स्थानों पर ऐसे विमंदित नजर आते रहते है, जिनका न तो कोई सहारा होता है और न ही कोई ठिकाना। दिनभर सड़कों पर यहां से वहां घूमते नजर आते है।शहर का कोई भी व्यक्ति इन्हें पहचानता भी नहीं है। ये कहां से आए हैं और कौन है?

इनकी यह हालात किस कारण बनी। इनको यहां कौन छोड़ गया। इसका किसी को कोई पता नहीं है। किसी का ध्यान भी इनकी तरफ नहीं जाता। कई स्थानों पर तो लोग इनको छेड़ते नजर आते हैं। ऐसे में कई बार ये या तो गुस्से हो जाते है या फिर मानसिक असंतुलन के कारण छेडऩे वाले को नुकसान भी पहुंचा देते हैं। इतना कुछ होने के बावजूद प्रशासन इनके प्रति पूरी तरह से बेरुख है। प्रशासन की ओर से शहर में कई स्थानों पर डेरा डाले इन विमंदितों की न तो घर के बारे में जानकारी जुटाई जाती है और न ही इनके पुनर्वास के कोई प्रयास किए जाते हैं। इन विमंदितों में पुरुष तथा महिलाएं शामिल हैं। कई जने तो चलते-चलते खुद से ही बातें करते नजर आते है तो कई जोर-जोर से हंसते ही रहते है। हो सकता है कि किसी बड़ी खुशी में ये अपना आपा खो बैठे हो। इन विमंदितों को इस कदर इस शहर का रूख क्यों करना पड़ा, यह भी एक यक्ष प्रश्न है। इनकी बेबसी के सामने ऐसा लगता है जैसे इन्हें किसी अपने की तलाश है या फिर अपनों से ही कोई नुकसान झेलने के बाद यहां आए हों। मनुष्य जीवन में ऐसी दुर्दशा पर एक सवाल उठता है कि इन विमंदितों की चिंता कौन करें। इनको जरूरत है तो प्रशासन या शहर की समाज सेवा से जुड़ी संस्थाओं की ओर से मदद की।

जहां चाहा वहां डाल देते है डेरा

विमंदितों के लिए कोई स्थाई जगह तो नहीं है, पर अक्सर सड़कों के पास या बड़े पेड़ों के पास ही रहते है। रात को किसी सुनसान जगह पर सो जाते हैं। ऐसे में रात को दुर्घटना का अंदेशा भी बना रहता है। जहां रहते है वहां के लोग कभी-कभार खाना भी दे देते है, लेकिन कभी नहीं मिलने पर भूखे ही सो जाते हैं। कई तो बस स्टैण्ड तथा रेलवे स्टेशन पर तो खाद्य-पदार्थों का अपशिष्ट भी खाने से परहेज नहीं करते।

किसी को नुकसान नहीं

शहर में विमंदितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इनको कौन छोड़कर जाता है, कहां से आते है, कहां रहते है। इस पर पुलिस का भी ध्यान नहीं जाता। शहर में विभिन्न स्थानों से विमंदित आते रहते है, पर पुलिस निगरानी नहीं रख पाती है। हालांकि इन विमंदितों ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है, पर इनकी रक्षा करने वाले जिम्मेदार भी मौन ही रहते है।

कई जगहों पर लगा रहता है डेरा

शहर में विमंदितों को कईजगहों पर देखा जा सकता है। चेक पोस्ट, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन के बाहर, लुनियापुरा पुल व साईंबाबा मंदिर के आस-पास तथा आमथला-तलहटी मार्ग पर भी विमंदितों को विचरण करते देखा जा सकता है। प्रशासन या समाज सेवी संस्थाओं की ओर से इनके खाने-पीने की व्यवस्था हो जाए तो इनका भटकना बंद हो सकता है।

जोधपुर हैलो! मैं निगमआयुक्त बोल रहा हूं... मुझे 2.5 लाख रुपयों की जरूरत है



जोधपुर हैलो! मैं निगमआयुक्त बोल रहा हूं... मुझे 2.5 लाख रुपयों की जरूरत है
हैलो! मैं निगमआयुक्त बोल रहा हूं... मुझे 2.5 लाख रुपयों की जरूरत है
शहर के वार्ड नंबर 55 की महिला पार्षद सुषमा परिहार के साथ दिन दहाड़े ढाई लाख की ठगी हो गई। किसी शख्स ने फोन कर कहा कि वह निगम आयुक्त हरिसिंह राठौड़ बोल रहे हैं और ढाई लाख रुपए की सख्त जरूरत है। झांसे में आई पार्षद ने महामंदिर इलाके की एक बैंक में उक्त रकम जमा करवा दी। ठगी का अहसास होने पर पार्षद अपने पति के साथ महामंदिर थाने पहुंची और धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करवाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच थाने के कर रहे है।

महामंदिर थाने के एएसआई जगदीश प्रसाद ने बताया कि वार्ड नंबर 55 की पार्षद सुषमा परिहार पत्नी चिमनसिंह परिहार के पास बुधवार सुबह दस बजे के आस पास किसी शख्स ने कॉल किया। फोन करने वाले शख्स ने खुद को निगम आयुक्त हरिसिंह राठौड़ बताया और ढाई लाख रुपए की सख्त जरूरत बताते हुए एक खाते में राशि जमा करवाने को कहा।

इस पर पार्षद सुषमा परिहार झांसे में आ गई। वह अपने पति चिमनसिंह को लेकर सुमेर सीनियर सैकण्डरी स्कूल के पास स्थित ओबीसी बैंक पहुंचे। यहां पर उक्त शख्स ने फिर फोन किया और आरटीजीएस के मार्फत ढाई लाख रुपए जमा करवाने को कहा।

इस पर पार्षद ने अपने पति के साथ मिलकर उक्त रकम जमा करवा दी, लेकिन काफी देर बाद भी शख्स का फोन नहीं आया। ठगी का अहसास होने पर महामंदिर पुलिस थाने पहुंची और पति चिमनसिंह ने इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई।

फलोदी/जोधपुर जोधपुर के फलोदी में बम धमाका, एक झुलसे, दो की मौत



फलोदी/जोधपुर जोधपुर के फलोदी में बम धमाका, एक झुलसे, दो की मौत

जोधपुर के फलोदी में बम धमाका, दो झुलसे, एक की मौत
जोधपुर जिले के फलोदी शहर में गुरुवार को एक कबाड़ी की दुकान में अज्ञात वस्तु तोडऩे के दौरान तेज विस्फोट हो गया। इस भीषण विस्फोट से तीन लोग घायल हो गए। अस्पताल पहुंचने परदो  व्यक्तियों  ने दम तोड़ दिया व एक  अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस जांच कर रही है।

 फलोदी थाना एसआई दीप सिंह ने बताया कि शहर के शिंवसर क्षेत्र में एक कबाड़ी की दुकान पर कबाड़ में से धातु निकाली जा रही थी। इसी दौरान संभवत: कोई बम भी कबाड़ी के हाथ में आ गया, जिससे तांबा निकालने की कोशिश में बम फट गया। बम धमाके से दुकान में मौजूद तीन लोग झुलस गए।

 मौके पर मौजूद लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां एक को मृत घोषित कर दिया गया। अन्य दो में एक की हालत गंभीर बताई जा रही है व एक सामान्य है। धमाके के बाद लोगों में आतंक फैल गया। घटना स्थल पर भाड़ी भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने पहुंच कर भीड़ को हटाया।


और बम होने की संभावना

पुलिस का कहना है कि कबाड़ी की दुकान में और बम होने की संभावना है। रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जाएगी और दुकान की तलाशी होगी।

एक का पैर तो एक का हाथ उड़ा

धमाके में घायल दो लोगों में से एक का पैर उड़ गया व एक अन्य घायल को अपना हाथ गंवाना पड़ा। धमाका काफी तेज था, जो दूर तक सुना गया था।

शाजापुर (मध्य प्रदेश) तम-तमाते 'भगवान सूर्यनारायण निवासी ब्रह्मांड' के खिलाफ थाने में शिकायत



शाजापुर (मध्य प्रदेश) तम-तमाते 'भगवान सूर्यनारायण निवासी ब्रह्मांड' के खिलाफ थाने में शिकायत
तम-तमाते  'भगवान सूर्यनारायण निवासी ब्रह्मांड' के खिलाफ थाने में शिकायत

गर्मी के तीखे तेवरों से परेशान मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के एक शख्स ने सूर्यदेव के खिलाफ कोतवाली थाने में शिकायती आवेदन दे दिया। जीव-जंतुओं, मूकबधिरो, पेड़-पौधे की जल जाने जैसी हालत को साक्ष्य के रूप में पेश किया।


शिकायत की गई है कि गर्मी से आमजन के साथ जीव-जंतु प्रभावित हुए हैं। पौधे भी तीखी धूप से झूलस गए। शिकायतकर्ता शिवपाल सिंह ने 'भगवान सूर्यनारायण निवासी ब्रह्मांड' के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की गई। शिकायत कर्ता का आरोप है कि तेज धूप व गरमी से वे मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताडि़त हो रहे हैं।

आमतौर पर रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी करने वाली पुलिस ने आवेदन स्वीकर कर लिया। दरअसल, 20 मई को पहली बार शाजापुर का तापमान 47.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा गया था। सूरज के खिलाफ पुलिस में शिकायत का मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर शिवपाल के आवेदन की कॉपी वायरल हो गई। कोतवाली थाना प्रभारी राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि फरियादी का ये आवेदन प्राकृतिक घटनाओं से संबंधित है। इसमें कोई भी कुछ भी नहीं कर सकता। पुलिस ने मामला लगभग समाप्त कर दिया है।

अशोकनगर/मुंगावली दिल दहला देने वाली घटना, दुष्कर्म में नाकाम रहे तो नाबालिग को जिंदा जलाया



अशोकनगर/मुंगावली दिल दहला देने वाली घटना, दुष्कर्म में नाकाम रहे तो नाबालिग को जिंदा जलाया
दिल दहला देने वाली घटना, दुष्कर्म में नाकाम रहे तो नाबालिग को जिंदा जलाया

मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले के बहादुरपुर कस्बे में बुधवार दोपहर गांव के दो युवकों ने एक 14 वर्षीय किशोरी को जिंदा जला दिया। युवक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के उद्देश्य से घर में घुसे थे। सफल नहीं होने पर उन्होंने इस दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया। गंभीर हालत में किशोरी को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

मुंगावली अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर डॉ. दिनेश त्रिपाठी को दिए बयानों में पीडि़ता ने बताया कि बहादुरपुर निवासी आला हरिजन एवं पंकज हरिजन द्वारा बुधवार की दोपहर पीडि़ता के घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की। पीडि़ता ने विरोध किया तो दोनों युवकों को पास में रखा केरोसिन डालकर आग लगा दी। इससे लड़की का पूरा शरीर झुलस गया। उसे गंभीर हालत में मुंगावली अस्पताल ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।

बॉर्डर सिक्योरिटी टेक्नोलॉजी : घुसपैठ रोकने के लिए भारत-पाक सीमा पर अदृश्य ‘लेजर वाल’


बॉर्डर सिक्योरिटी टेक्नोलॉजी : घुसपैठ रोकने के लिए भारत-पाक सीमा पर अदृश्य ‘लेजर वाल’


भारत-पाकिस्तान सीमा दुनिया की अत्यधिक संवेदनशील सीमाओं में शामिल है. सीमापार घुसपैठ की घटनाओं को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल की ओर से अनेक प्रयास किये जा रहे हैं. हाल ही में बीएसएफ ने इस सीमा पर कई इलाकों में अदृश्य लेजर वाल खड़ी की है, जो घुसपैठियों को पकड़ने में सक्षम है. हालांकि फिलहाल इसे आठ दुर्गम जगहों पर ही सक्रिय किया गया है, लेकिन धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ायी जायेगी. सीमा की निगरानी करनेवाले इस आधुनिक सिस्टम की क्या है खासियत, क्या है इसकी टेक्नोलॉजी और किसने किया था इसका आविष्कार आदि समेत इससे संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बता रहा है साइंस टेक्नोलॉजी पेज ...



पाकिस्तान से सटे पंजाब के अनेक सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ को रोकने की मुहिम के तहत आधुनिक तकनीक से लैस आठ लेजर सिस्टम ने काम करना शुरू कर दिया है. खबरों के मुताबिक, जल्द ही ऐसे 45 सिस्टम पूरी तरह काम करने लगेंगे. इन लेजर वाल सिस्टम के पूरी तरह काम शुरू करने की दशा में पाकिस्तान और बांग्लादेश से जुड़ी सीमा पर संवेदनशील क्षेत्रों में हाइटेक निगरानी मुमकिन हो पायेगी.



सीमा पर लेजर वाल लगाने की परियोजना के दायरे में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और पश्चिम बंगाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा है. दरअसल इन इलाकों में नदियों, घाटियों समेत दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते सीमापार से होनेवाली घुसपैठ एक बड़ी समस्या बन चुकी है.



पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के पास ऐसी कई संवेदनशील जगहें हैं, जहां से आतंकी घुसपैठ होती रहती है. ऐसे इलाकों में फेंसिंग यानी तारबंदी भी मुश्किल है. लिहाजा पायलट प्रोजेक्ट के तहत लेजर वाल का उपाय निकाला गया और पहले चरण में अनेक लेजर उपकरण इंस्टॉल किये गये हैं.



अंधेरे के अलावा कोहरे में भी निगरानी



इन लेजर दीवारों के आसपास किसी तरह की अवांछित गतिविधि दिखने पर यह सिस्टम उसे डिटेक्ट कर लेगा. अगर कोई घुसपैठिया इस लेजर वाल को पार करने की कोशिश करेगा, तो तेज आवाज में सायरन बजने लगेगा. सेंसर के माध्यम से सेटेलाइट आधारित सिगनल कमांड सिस्टम के जरिये इस पर निगरानी रखी जायेगी.



यह सिस्टम रात के अंधेरे के अलावा कोहरे के दौरान भी यह निगरानी करने में सक्षम होगा. यह वाल लेजर लाइटों के अलावा इंफ्रारेड प्रणाली से भी लैस है, जो घुसपैठ का समग्रता से पता लगाने में सक्षम है. इसकी सबसे खास बात यह है कि इसका पता आतंकी घुसपैठियों को भी नहीं चल पायेगा कि इस सिस्टम को कहां इंस्टॉल किया गया है और कितने इलाके में यह निगरानी कर रहा है.

लेजर सुरक्षा बाड़ तंत्र



जहां तक दुनिया के अन्य देशों में इस सिस्टम से सीमा सुरक्षा की बात की जाये, तो इजराइल के अलावा किसी देश में अब तक व्यापक पैमाने पर लेजर सिक्योरिटी सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. हालांकि, अमेरिका समेत कई अन्य देशों में इसका इस्तेमाल अनेक जगहों पर किया जा रहा है, जिसमें मुख्य रूप से सैन्य प्रतिष्ठान शामिल हैं.



इसके अलावा अनेक ऐसी जगहें भी हैं, जहां कई कारणों से पुख्ता सुरक्षा इंतजाम की जरूरत होती है. भारत-पाकिस्तान की सीमा पर लगाये गये लेजर सिक्योरिटी वाल की सटीक तकनीक के बारे में सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया गया है. वैसे दुनिया में इस तरह की अनेक तकनीकें मौजूद हैं, लेकिन बारीकी तौर पर इनमें बहुत कम ही फर्क है. इन्हीं में से एक प्रमुख सिस्टम है- लेजर सिक्योरिटी फेंस एपरेटस यानी लेजर सुरक्षा बाड़ तंत्र. इसके जरिये एक खास दायरे में घुसपैठ होने की दशा में यह वार्निंग सिगनल जारी होता है.



इस सिस्टम में एक लेजर जेनरेटर होता है, जो लेजर बीम पैदा करता है और प्रकाश के परावर्तन की प्रक्रिया के अनुरूप काम करता है. इसमें एक खास दूरी पर दो मिरर इस तरह से लगाये जाते हैं, ताकि लेजर से निकली बीम को ये आपस में रिफ्लेक्ट कर सकें. इसके लिए इनका एलाइनमेंट एकदम सटीक तरीके से किया जाता है और इन्हें एक लेजर कलेक्टर से जोड़ा जाता है. इस लेजर कलेक्टर और लेजर जेनरेटर के साथ एक माइक्रोप्रोसेसर को भी संबद्ध किया जाता है.



किसी तरह की घुसपैठ होने की दशा में बीम का फोकस टूट या बिखर जाता है. ऐसा होने पर लेजर कलेक्टर लेजर बीम को पूरी तरह से रिसीव नहीं कर पाता है. ऐसी दशा में माइक्रोप्रोसेसर से जोड़ा गया अलार्म सिस्टम तत्काल यह सिगनल जारी करता है कि लेजर बीम के बीच में कोई बाधा पैदा हो रही है, जो किसी घुसपैठ की वजह से हो सकती है. यानी लेजर बीम के बीच में किसी तरह के व्यवधान की दशा में माइक्रोप्रोसेसर उसे तुरंत डिटेक्ट कर लेता है और संबंधित अलर्ट जारी करता है.



अलार्म सिस्टम से जारी होता है अलर्ट



इसके अलावा इसमें अनेक और भी सिस्टम लगे होते हैं. बीम को एकत्रित करने के लिए लेजर कलेक्टर में एक कलेक्टिंग लेंस भी लगा होता है. कलेक्टिंग लेंस द्वारा बीम हासिल करने के लिए उसे एक इलेक्ट्रिक सर्किट से जोड़ा जाता है, ताकि वह बीम के इलेक्ट्रिक सिगनल को आसानी से जान सके. माइक्रोप्रोसेसर से इलेक्ट्रिक सिगनल को ट्रांसमिट करने के लिए एक ट्रांसमीटर का इस्तेमाल किया जाता है. यह ट्रांसमीटर एक रेडियो ट्रांसमीटर है, जो माइक्रोप्रोसेसर से रेडियो फ्रिक्वेंसी वेव को ट्रांसमिट करता है यानी रेडियो तरंगों को प्रेषित करता है. लेजर बीम के मॉनीटरिंग सेंटर में बजनेवाले अलार्म सिस्टम से इन रेडियो फ्रिक्वेंसी वेव को जोड़ा जाता है.



लेजर बीम के प्रवाह में किसी तरह के व्यवधान की दशा में मॉनीटरिंग सेंटर में लगे खास डिवाइस में रेडियो फ्रिक्वेंसी वेव हासिल होने में दिक्कत होती है. इससे अलार्म बजने लगता है और तुरंत यह पता चल जाता है कि किस खास इलाके में कोई घुसपैठ की जा रही है.



लेजर जेनरेटर में इलेक्ट्रिकल एनर्जी हासिल होने के स्रोत के तौर पर 9 वोल्ट डीसी से उसे जोड़ा जाता है. लेजर जेनरेटर एक प्रकार से लेजर डायोड लाइट होता है. इसके अलावा लेजर बीम को फोकस करने के लिए लेजर जेनरेटर में एक फोकल लेंस भी लगा होता है.



बीम की सेंसिटिविटी और इंटेंसिटी यानी संवेदनशीलता और तीव्रता को समायोजित करने के लिए फोकल लेंस में एक कैपेसिटर भी लगा होता है. यह कैपेसिटर अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग जरूरतों के लिहाज से विविध क्षमता के अनुरूप लगाया

जाता है.



लेजर सिक्योरिटी फेंस एपरेटस का िवकास



जेम्स हैगर और रिचर्ड ए कर्चिनर ने लेजर सिक्योरिटी फेंस एपरेटस को विकसित किया था. ‘गूगल पेटेंट्स’ के मुताबिक, वर्ष 2001 में इन दोनों शोधकर्ताओं को इस सिस्टम का पेटेंट मुहैया कराया गया था. शुरुआत में इन्होंने इसका आविष्कार अन्य मकसद से किया था.



दरअसल आवासीय परिसर में पानी के स्रोतों, जैसे- पूल आदि के आसपास बच्चों के पहुंचने पर अलर्ट जारी करने के लिए इसका आविष्कार किया गया था. बाद में इन्होंने इसकी क्षमता को बढ़ाते हुए किसी खास इलाके में होने वाली घुसपैठ को डिटेक्ट करने के लिए इसे विकसित किया. छावनी इलाकों में लेजर सिक्योरिटी फेंस लगाते हुए घुसपैठ को पकड़ना आसान हो गया.



सेना में इस्तेमाल होनेवाली कुछ अन्य डिटेक्शन टेक्नोलॉजी



घुसपैठ समेत सीमापार से होने वाली कई अन्य अवांछित गतिविधियों को डिटेक्ट करने के लिए सेना में अनेक तरह की डिटेक्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें कुछ खास तकनीक इस प्रकार हैं :



- राडार : थल सेना राडार का इस्तेमाल मुख्य रूप से घुसपैठ की पहचान करने के लिए करती है और वायु सेना दुश्मन के किसी लड़ाकू विमान के घुसने पर निगाह रखने में करती है.

- रेडियो सेंसर्स : इसका इस्तेमाल दुश्मन के रेडियो सिगनल को पकड़ने के लिए किया जाता है. शत्रु देश द्वारा भेजे गये रेडियो मैसेज को पकड़ कर उसे समझने की कोशिश की जाती है.

- सिस्मिक डिटेक्टर्स : सिस्मिक डिटेक्टर्स भूमिगत तरीके से आवाज को पकड़ने की तकनीक पर आधारित है. इसमें लगे सेंसर से घुसपैठ की पहचान की जाती है.

- न्यूक्लियर डिटेक्टर : भूमिगत परमाणु विस्फोटकों का पता लगाने के लिए सेंसिटिव सिस्मोग्राफ का इस्तेमाल किया जाता है.

- मैग्नेटिक डिटेक्टर्स : इसका इस्तेमाल समुद्री इलाके में उड़ान भरनेवाले विमानों द्वारा किया जाता है, जो समुद्र के भीतर किसी पनडुब्बी के बारे में पता लगाते हैं. इसके लिए मैग्नेटिक डिटेक्टर्स का सहारा लिया जाता है. चूंकि पनडुब्बी में ज्यादा मात्रा में धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है, लिहाजा इनके आसपास चुंबकीय क्षेत्र में गड़बड़ी होने के आधार पर ये डिटेक्टर्स इसका पता लगाते हैं.



इन्हें भी जानें



लेजर का अर्थ



लेजर (एलएएसइआर) का फुल फार्म होता है- लाइट एंप्लीफिकेशन बाइ स्टिमुलेटेड इमिशन ऑफ रेडिएशन यानी विकिरण के उत्सर्जन द्वारा प्रेरित प्रकाश का प्रवर्धन. स्टिमुलेटेड इमिशन मूल रूप से एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कुछ सेमीकंडक्टर मटेरियल द्वारा चरणबद्ध तरीके से फोटोन्स या एनर्जी पैकेट्स का उत्पादन होता है.



इस प्रक्रिया के आखिर में ये फोटोन्स या एनर्जी पैकेट्स संगत बीम के रूप में तब्दील हो जाते हैं, जिन्हें लेजर कहा जाता है. इसी संगत बीम, जिसे हम लेजर कह सकते हैं, की फ्रिक्वेंसी और वेवलेंथ के आधार पर यह तय होता है कि वह एक निश्चित दायरे में दृश्य होगा या अदृश्य यानी नंगी आखों से उसे महसूस किया जा सकेगा या नहीं.



अदृश्य लेजर वाल



हॉलीवुड की कई फिल्मों में आपने देखा होगा कि किसी बैंक, घर या म्यूजियम में चोरी की घटना को पकड़ने के लिए अनेक सुरक्षा तंत्र लगे होते हैं. विकसित देशों में अदृश्य लेजर दीवार से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं. जैसा कि हम जानते हैं सामान्य प्रकाश को नंगी आंखों से पहचाना जा सकता है, लेकिन इन्फ्रा-रेड और अल्ट्रावायलेट किरणों को नंगी आंखों से नहीं पहचाना जा सकता. इसलिए बैंकों या म्यूजियम में किसी चीज को चोरी होने से बचाने के लिए उसके आसपास अदृश्य लेजर की दीवार तैयार करने के लिए इन्फ्रा-रेड किरणों का इस्तेमाल किया जाता है.



लाइट स्कैन सिक्योरिटी सिस्टम



लाइट स्कैन सिक्योरिटी सिस्टम किसी खास दायरे में सर्विलांस और नियंत्रण के लिए एक एक्टिव इंफ्रारेड लेजर साेलुशन है. यूनिक लेजर राडार टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से निर्दिष्ट इलाके में किसी भी घुसपैठ को चाहे वह स्थिर हो या मोशन अवस्था में हो, उसे डिटेक्ट किया जा सकता है.



इतना ही नहीं, इसके जरिये रीयल-टाइम में यानी महज एक सेकेंड के भीतर ही घुसपैठ या किसी अवांछित गतिविधि को ट्रैक करते हुए उसे आइडेंटिफाइ किया जा सकता है. किसी खतरे की दशा में इससे जुड़े सभी सुरक्षा उपकरण, जैसे- लाइट्स, कैमरा, पीटीजेड डिवाइस, विजिबल और ऑडिबल अलार्म्स स्वत: सक्रिय हो जाते हैं, जिससे सुरक्षाकर्मी त्वरित कार्यवाई में सक्षम होते हैं.

इस सिस्टम में एक्टिव इंफ्रारेड स्कैनर सेंसर लगे होते हैं, जो रणनीतिक रूप से सर्विलांस के अधिकतम दायरे में नजर रखते हैं. इससे कवर्ड इलाका पूरी तरह से सुरक्षित होता है और यदि कोई व्यक्ति इस दायरे में अवांछित गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश करता है, तो उसका पकड़ा जाना अवश्यंभावी है.

- कन्हैया झा

बुधवार, 25 मई 2016

पाक नौसेना के 5 अफसरों को मौत की सजा, ISIS से थे संबंध

पाक नौसेना के 5 अफसरों को मौत की सजा, ISIS से थे संबंध


इस्लामाबाद। आतंकवादी संगठन आईएस से संबंध रखने और अमरीकी जहाजों पर हमला करने की साजिश रचने के जुर्म में पाक नेवी के पांच अधिकारियों को सजा-ए-मौत की सुनाई गई है।

पाक नौसेना के 5 अफसरों को मौत की सजा, ISIS से थे संबंध





सब-लेफ्टीनेंट हमाद अहमद और चार अन्य अधिकारियों को एक नेवी कोर्ट ने दोषी पाया है। ये लोग 6 सितंबर 2014 को कराची के नेवल डॉकयार्ड पर हुए हमले के आरोपी थे।







पाक मीडिया के मुताबिक, जांच में पता चला कि आईएस आतंकी एक पाकिस्तानी युद्धपोत का अपहरण करके उससे अमरीकी जहाजों पर हमला करने की साजिश रच रहे थे। इस साजिश में नौसेना के ये पांच अफसर भी शामिल थे।







रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावरों ने अमरीकी नौसेना के री यूल जहाज पर हमले के इरादे से युद्धपोत पीएनएस जुल्फिकार को हाइजैक करने की साजिश रची थी। हमले के दौरान सुरक्षा कर्मियों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था और चार को गिर तार कर लिया था।

बाड़मेर,गु्रप फोर पीपुल्स ने परिंडें और प्याऊ लगाई प्यासे को पानी पिलाना पुनित कार्य



बाड़मेर,गु्रप फोर पीपुल्स ने परिंडें और प्याऊ लगाई प्यासे को पानी पिलाना पुनित कार्य
बाड़मेर, 25 मई। सामाजिक नवाचार और नवाचार के प्रतीक गु्रप फोर पीपुल्स बाड़मेर द्वारा बाड़मेर शहर में गांधी चौक में गर्मी के मौसम को देखते हुए पांचवी प्याऊ की स्थापना की गई। वहीं शहर के विभिन्न स्थानां पर पक्षियां के लिए परिंडें लगाए।

गु्रप संयोजक चंदनसिंह भाटी ने बताया कि भामाशाह मांगीलाल महाजन के सौजन्य से स्व.रमेश कुमार की स्मृति में स्थानीय गांधीचौक में पेंशनर समाज के भवन के आगे पानी की प्याऊ का समाजसेवी और भाजपा के महामंत्री कैलाश कोटड़िया एवं देवेन्द्रसिंह परिहार ने राहगीरां को पानी पिलाकर विधिवत उदघाटन किया। इस दौरान कोटड़िया ने कहा कि गर्मी के मौसम में राहगीरां के लिए पानी पिलाने की सेवा करना सबसे बड़ा पुनित कार्य है। उन्हांने कहा कि बाड़मेर में बीस से अधिक स्थाई प्याऊ संचालित होती थी, जो आज बंद पड़ी है। इन बंद पड़ी पानी की प्याऊ का संचालन का जिम्मा गु्रप को अपने हाथ में लेना चाहिए। देवेन्द्रसिंह परिहार ने कहा कि गु्रप की निस्वार्थ सेवा की भावना सराहनीय है। इस अवसर पर अध्यक्ष अक्षयदान बारहठ, इन्द्र प्रकाश पुरोहित, मदन बारूपाल, संजय शर्मा, रमेशसिंह इंदा, अर्जुनसिंह मेराजा, शिव सेना अध्यक्ष बसंत खत्री, समाजसेवी मांगीलाल महाजन, बाबू भाई शेख, ओमप्रकाश द्विवेदी, नरपतसिंह राजपुरोहित, भगवान आकोड़ा, साहिद हुसैन, पंकज व्यास, जसवंतराम, हितेश सोनी, श्रवणसिंह चौहान भी उपस्थित रहे। गु्रप की ओर से शहर के विभिन्न स्थानां पर पक्षियां के लिए परिंडें भी लगाए गए।

अजमेर।10 जून तक आएगा आएएस का रिजल्ट, राजस्थान को मिलेंगे नए अफसर

अजमेर।10 जून तक आएगा आएएस का रिजल्ट, राजस्थान को मिलेंगे नए अफसर

राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती 2013 की मुख्य परीक्षा का परिणाम दस जून तक आएगा। राजस्थान लोक सेवा आयोग अपने इतिहास में अब तक के सबसे कम समय में परीक्षा समाप्ति से आठ सप्ताह की अवधि में आरएएस मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी कर रिकार्ड बनाने की तैयारी में है।

आरएएस मुख्य परीक्षा 2013 का आयोजन 9 से 12 अप्रेल तक प्रदेश के सभी सात संभाग मुख्यालयों के 90 परीक्षा केन्द्रों पर हुआ था। पहली बार नए पैटर्न पर आयोजित की गई आरएएस मुख्य परीक्षा में 30 हजार 308 में से 24 हजार 274 (80.08 प्रतिशत) अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। स्केलिंग व्यवस्था समाप्त होने के कारण सभी अभ्यर्थियों को समान रूप से प्रश्न पत्र दिया गया। आयोग में अब तक आरएएस मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने में सात से आठ महीने का समय लगता रहा है। आयोग प्रशासन ने पहली बार परिणाम आठ सप्ताह में जारी करना तय किया है।






आरएएस मुख्य परीक्षा 12 अप्रेल तक आयोजित हुई थी। आयोग प्रशासन 12 अप्रेल से आठ सप्ताह की अवधि दस जून तक परिणाम जारी करेगा। अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका की जांच का काम लगभग अंतिम चरण में हैं। परिणाम जारी करने के एक-दो महीने में साक्षात्कार शुरू किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि आरएएस प्री 2013 का परिणाम भी आयोग ने मात्र 29 दिन में जारी किया था।

जानिए पुष्यामृत योग, पुष्य नक्षत्र का महत्त्व, लाभ और प्रभाव :--

जानिए पुष्यामृत योग, पुष्य नक्षत्र का महत्त्व, लाभ और प्रभाव :--

पंडित विशाल दयानन्द शास्त्री

भारतीय ज्योतिष और संस्कृति में संतुष्टि एवम् पुष्टिप्रदायक पुष्य नक्षत्र का वारों में श्रेष्ट बृहस्पतिवार (गुरुवार ) से योग होने पर यह अति दुर्लभ " गुरुपुष्यामृत योग' कहलाता है ।' सर्वसिद्धिकरः पुष्यः । '

इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है ।।

शुभ, मांगलिक कर्मों के संपादनार्थ गुरुपुष्यामृत योग वरदान सिद्ध होता है । व्यापारिक कार्यों के लिए तो यह विशेष लाभदायी माना गया है । इस योग में किया गया जप , ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं ।।

पंचांग के अंग में नक्षत्र का स्थान द्वितीय स्थान पर है। सर्वाधिक गति से गमन करने वाले चंद्रमा की स्थिति के स्थान को इंगित करते हैं जो कि मन व धन के अधिष्ठाता हैं। हर नक्षत्र में इनकी उपस्थिति विभिन्ना प्रकार के कार्यों की प्रकृति व क्षेत्र को निर्धारण करती है। इनके अनुसार किए गए कार्यों में सफलता की मात्रा अधिकतम होने के कारण उन्हें मुहूर्त के नाम से जाना जाता है।




मुहूर्त का ज्योतिष शास्त्र में स्थान एवं जनसामान्य में इसकी महत्ता विशिष्ट है। कार्तिक अमावस्या के पूर्व आने वाले पुष्य नक्षत्र को शुभतम माना गया है। जब यह नक्षत्र सोमवार, गुरुवार या रविवार को आता है, तो एक विशेष वार नक्षत्र योग निर्मित होता है। जिसका संधिकाल में सभी प्रकार का शुभफल सुनिश्चित हो जाता है। गुरुवार को इस नक्षत्र के पड़ने से गुरु पुष्य नामक योग का सृजन होता है। यह क्षण वर्ष में कभी-कभी आता है।। ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र माने गए हैं। इनमें 8 वे स्थान पर पुष्य नक्षत्र आता है। यह बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। हमारे शास्त्रों के अनुसार चूँकि यह नक्षत्र स्थायी होता है और इसीलिए इस नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु स्थायी तौर पर सुख समृद्धि देती है।

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**** जानिए की क्या हैं पुष्य नक्षत्र और इसका महत्त्व----




पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रो का राजा भी कहते है । माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र की साक्षी से किये गये कार्य सर्वथा सफल होते हैं।पुष्य नक्षत्र का स्वामी गुरु हैं।

ऋग्वेद में पुष्य नक्षत्र को मंगल कर्ता, वृद्धि कर्ता और सुख समृद्धि दाता कहा गया है।

लेकिन यह भी ध्यान दें कि पुष्य नक्षत्र भी अशुभ योगों से ग्रसित तथा अभिशापित होता है। शुक्रवार को पुष्य नक्षत्र में किया गया कार्य सर्वथा असफल ही नहीं, उत्पातकारी भी होता है। अतः पुष्य नक्षत्र में शुक्रवार के दिन को तो सर्वथा त्याग ही दें। बुधवार को भी पुष्य नक्षत्र नपुंसक होता है। अतः इसमें किया गया कार्य भी असफलता देता है।लेकिन पुष्य नक्षत्र शुक्र तथा बुध के अतिरिक्त सामान्यतया श्रेष्ठ होता है। रवि तथा गुरु पुष्य योग सर्वार्थ सिद्धिकारक माना गया है।

एक बात का और विशेष ध्यान दें कि विवाह में पुष्य नक्षत्र सर्वथा वर्जित तथा अभिशापित है। अतः पुष्य नक्षत्र में विवाह कभी भी नहीं करना चाहिए।

इस नए वर्ष में भूमि, भवन, वाहन व ज्वेलरी आदि की खरीद फरोख्त व अन्य शुभ, महत्वपूर्ण कार्यो के लिए श्रेष्ठ माना जाने वाला पुष्य नक्षत्र बारह होंगे जो कुल 25 दिन रहेंगे क्योंकि इनमें प्रत्येक कि अवधि डेढ़ से दो दिन तक रहेगी। इसके अतिरिक्त इस पूरे वर्ष में 96 दिन सर्वार्थ सिद्धि योग व 26 दिन अमृत सिद्धि योग रहेंगे, जिनमें भी कोई भी शुभ कार्य किए जा सकेंगे।

पुष्यामृत योग में "हत्था जोड़ी"(एक विशेष पेड़ की जड़ जो सभी पूजा की दुकान में मिलती है) को "चाँदी की डिबिया में सिंदूर डालकर" अपनी तिजोरी में स्थापित करें । ऐसा करने से घर में धन की कमी नहीं रहती है । ध्यान रहे कि इसे नित्य धुप अगरबत्ती दिखाते रहे और हर पुष्य नक्षत्र में इस पर सिंदूर चढ़ाते रहे ।

पुष्य नक्षत्र में "शंख पुष्पी की जड़ को "चांदी की डिब्बी में भरकर उसे घर के धन स्थान / तिजोरी में रख देने से उस घर में धन की कभी कोई भी कमी नहीं रहती है ।

इसके अलावा बरगद के पत्ते को भी पुष्य नक्षत्र में लाकर उस पर हल्दी से स्वस्तिक4 बनाकर उसे चांदी की डिब्बी में घर में रखें तो भी बहुत ही शुभ रहेगा । -------------------------------------------------------------------------------




**** आइये इनको भी जाने---




सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, गुरुपुष्यामृत और रविपुष्यामृत योग----




शुभ मुहूर्तों में स्वर्ण आभूषण, कीमती वस्त्र आदि खरीदना, पहनना, वाहन खरीदना, यात्रा आरम्भ करना, मुकद्दमा दायर करना, ग्रह शान्त्यर्थ रत्न धारण करना, किसी परीक्षा प्रतियोगिता या नौकरी के लिए आवेदन-पत्र भरना आदि शुभ मुहूर्त जानने के किए अब आपको पूछने के लिए किसी ज्योतिषी के पास बार-बार जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी । **** सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, गुरुपुष्यामृत और रविपुष्यामृत योग वारों का विषेश नक्षत्रों से सम्पर्क होने से ये योग बनते हैं । जैसे कि इन योगों के नामों से स्पष्ट है, इन योगों के समय में कोई भी शु्भ कार्य आरम्भ किया जाय तो वह निर्विघ्न रूप से पूर्ण होगा ऐसा हमारे पूर्वाचार्यों ने कहा है ।

यात्रा, गृह प्रवेश, नूतन कार्यारम्भ आदि सभी कार्यों के लिए या अन्य किसी अपरिहार्य कारणवश यदि व्यतिपात, वैधृति, गुरु-शुक्रास्त, अधिक मास एवं वेध आदि का विचार सम्भव न हो तो सर्वार्थसिद्धि आदि योगों का आश्रय लेना चाहिये ।

**** अमृतसिद्धि योग---

अमृतसिद्धि योग रवि को हस्त, सोम को मृगशिर, मंगल को अश्विनी, बुध को अनुराधा, गुरु को पुष्य नक्षत्र का सम्बन्ध होने पर रविपुष्यामृत-गुरुपुष्यामृत नामक योग बन जाता है जो कि अत्यन्त शुभ माना गया है ।

**** रवियोग योग---

रवियोग भी इन्हीं योगों की भाँति सभी कार्यों के लिए हैं . शास्त्रों में कथन है कि जिस तरह हिमालय का हिम सूर्य के उगले पर गल जाता है और सैकड़ों हाथियों के समूहों को अकेला सिंह भगा देता है उसी तरह से रवियोग भी सभी अशुभ योगों को भगा देता है, अर्थात् इस योग में सभी कार्य निर्विघन रूप से पूर्ण होंगे ।

**** त्रिपुष्कर और द्विपुष्कर योग---

त्रिपुष्कर और द्विपुष्कर योग विषेश बहुमूल्य वस्तुओं की खरीददारी करने के लिए हैं . इन योगों में खरीदी गई वस्तु नाम अनुसार भविष्य में दिगुनी व तिगुनी हो जाती है । अतः इन योगों में बहुमूल्य वस्तु खरीदनी चाहिये । इन योगों के रहते कोई वस्तु बेचनी नहीं चाहिये क्योंकि भविष्य में वस्तु दुगुनी या तिगुनी बेचनी पड़ सकती है । धन या अन्य सम्पत्ति के संचय के लिए ये योग अद्वितीय माने गए हैं । इन योगों के रहते कोई वस्तु गुम हो जाये तो भविष्य में दुगुना या तिगुना नुकसान हो सकता है, अतः इस दिन सावधान रहना चाहिए । इस दिन मुकद्दमा दायर नहीं करना चाहिए और दवा भी नहीं खरीदनी चाहिए ।।।




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**** गुरु ग्रह की तरह गुण----

पुष्य नक्षत्र के सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र होने के पीछे कारण यह है कि इसकी प्रकृति ब्रह्मांड के सबसे बड़े ग्रह गुरु जैसी है और इसका स्वामी ब्रह्मांड का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह शनि है। शास्त्रों में 'गुरु' को पद-प्रतिष्ठा, सफलता और ऐश्वर्य का कारक माना गया है और 'शनि' को वर्चस्व, न्याय और श्रम का कारक माना गया है, इसीलिए पुष्य नक्षत्र की उपस्थिति में महत्वपूर्ण कार्य करने को शुभ माना जाता है।

**** पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि----

पुष्य नक्षत्र को अमरेज्य कहा गया है, यह कर्क राशि का नक्षत्र है और इसकी प्रकृति गुण प्रधान है और इसका स्वामी शनि है। यह कर्क राशि में तीन डिग्री और 20 कला से लेकर 16 डिग्री व 40 कला तक इसका वर्चस्व होता है।




***** सोना-चांदी की खरीदी को महत्व---

चूंकि स्वर्ण (सोना) धातु को गुरु प्रधान माना गया है और रजत (चांदी) को चन्द्र प्रधान कहा जाता है, इसलिए पुष्य नक्षत्र में इन दोनों धातुओं की खरीदी को महत्व दिया जाता है। ----------------------------------------------------------------------------




**** इस वर्ष 2016 में पुष्य योग के दिनांक व समय :--




किसी भी नए कार्य की शुरुआत अथवा शादी-ब्याह में सोने-चांदी की खरीदी के लिए अति शुभ माने जाने वाला पुष्य नक्षत्र आने वाले साल 2016 में प्रत्येक माह पड़ेगा और इसका प्रभाव एक दिन शुरू होकर दूसरे दिन तक रहेगा। अगस्त माह में दो मर्तबा यानी माह के शुरुआत और माह के आखिरी दिनों में भी पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

प्रत्येक माह में जहां पुष्य नक्षत्र का प्रभाव दो दिनों तक रहेगा वहीं अगस्त में चार दिनों तक पुष्य नक्षत्र का प्रभाव पड़ेगा। इस तरह नए साल में कुल 26 दिनों तक पुष्य नक्षत्र का प्रभाव रहेगा जिसके चलते इस बार लोगों को नए कार्यों की शुरुआत करने, सोना-चांदी, जमीन, मकान, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि वस्तुएं खरीदने, गृह प्रवेश आदि करने के लिए ज्यादा शुभ मुहूर्त मिलेंगे।




ज्योतिषी पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार 27 नक्षत्रों में सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र पुष्य नक्षत्र को माना जाता है, इसमें भी खासकर रवि पुष्य नक्षत्र अथवा गुरु पुष्य नक्षत्र को सर्वश्रेष्ठ कहा गया है।




अमूमन 27 दिनों से 30 दिनों में नक्षत्रों में परिवर्तन होता है यानी लगभग एक माह में एक बार पुष्य नक्षत्र पड़ता है।

साल 2016 में प्रत्येक माह पुष्य नक्षत्र पड़ेगा जिसका प्रभाव 24 घंटों तक रहेगा यानी यदि शुक्रवार की शाम पुष्य नक्षत्र शुरू होता है तो वह शनिवार की शाम तक रहेगा। इस तरह देखा जाए तो नए साल में प्रति माह दो दिन अर्थात साल में 24 दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा। चूंकि अगस्त की 1 तारीख व 29 तारीख को भी पुष्य नक्षत्र है इसलिए इस साल 2016 में कुल 26 दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग है।।




****जून 2016 - 8 जून सुबह 11.14 से 9 जून को 11.12 तक।

जुलाई 2016-- - 5 जुलाई शाम 6.57 से 6 जुलाई को शाम 6.52 तक।

अगस्त 2016-- 1 अगस्त 2016 रात 11.51 से 2 अगस्त को रात 1.40 तक।

29 अगस्त 2016 सुबह 10.39 से 30 अगस्त को सुबह 10.21 तक।

सितंबर 2016--- 25 सितंबर शाम 6.25 से 25 सितंबर को शाम 6.25 तक।

अक्टूबर 2016 - 22 अक्टूबर रात 11.22 से 23 अक्टूबर को रात 12.20 तक।

नवंबर 2016 - 19 नवंबर सुबह 10.12 से 20 नवंबर को सुबह 9.38 तक।

दिसंबर 2016-- - 16 दिसंबर शाम 6.20 से 17 दिसंबर को शाम 5.40 तक।

बाड़मेर आशा सहयोगिनी व एएनएम घर-घर बतायेगी लू-तापघात से बचाव के उपचार

बाड़मेर आशा सहयोगिनी व एएनएम घर-घर बतायेगी लू-तापघात से बचाव के उपचार

बाड़मेर, 25 मई। गर्मी के मौसम में लगातार तापमान में बढ़ोतरी के साथ लू व तापघात से बचाने के लिये घर-घर पम्पलेट वितरित किये जायेंगे। तापघात से प्रभावित मरीजों के उपचार में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी चिकित्सा अधिकारियों विशेष सर्तकता बरतने के निर्देश दिये है। लू व तापघात के मरीजों को ग्रामीण क्षेत्र में ओआरएस के पैकेट उपलब्ध करवाने के लिये एएनएम व नर्सिंगकर्मियों को निर्देश दिये।

सीएमएचओ डॉ. सुनील कुमार सिंह बिष्ट ने बताया कि लू-तापघात से बचाव व आमजन को जागरूक करने के लेकर जिले के सभी ब्लॉक में प्रचार-प्रसार के लिये माइकिंग करवाई जायेगी। उन्होंने बताया कि आशा सहयोगिनी, एएनएम समुदाय स्तर तक लू-तापघात से बचाव के बारे में घर-घर तक जानकारी पहुंचायेगी। लू-तापघात से बचाव के लिये आशा सहयोगिनी पम्पलेट का भी वितरण करेगी। सीएमएचओ ने बताया कि लू-तापघात से बचाव के लिये तरल पदार्थ तथा नींबू की शिकंजी, छाछ, लस्सी, राबड़ी व पानी का सेवन करें। धूप में निकलते समय छाते, मुंह और सिर को कपड़े से ढकना चाहिये। लू-तापघात से बचने के लिये भूखे पेट अधिक देर तक धूप में नहीं रहना चाहिये।




टीकाकरण के लक्ष्य समय पर पूरे करने के निर्देश




बाड़मेर, 25 मई। जिले में मिशन इन्द्रधनुष टीकाकरण अभियान के लक्ष्य समय पर पूरे करने तथा नियमित टीकाकरण अभियान में भी लक्ष्य पूरे करने के लिये बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति की बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जिले के सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिंह बिष्ट ने चिकित्सा अधिकारियों को नियमित मोबाइल आधारित निरीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि मोबाइल आधारित निरीक्षण अभियान की मॉनिटरिंग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से किया जा रहा है।

बैठक में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सरकारी व निजी अस्पताल में लाभार्थी को मिलने वाले निशुल्क उपचार की जानकारी देने के लिये निर्देश दिये। इसके अलावा सुरक्षित मातृत्व दिवस, प्रसुति नियोजन दिवस एवं आयरन सुक्रोज की समीक्षा, जननी सुरक्षा योजना के तहत ओजस से प्रसूता को भुगतान, ई-उपकरण, पीसीटीएस सॉफ्टवेयर व 104 व 108 एम्बुलेंस सेवाओं की समीक्षा की गई। बैठक में आरसीचओ डॉ. पंकज खुराना जिले के सभी ब्लॉक के ब्लॅाक सीएमएचओ, जिला कार्यक्रम प्रबधंक श्री सचिन भार्गव, जिला नोडल अधिकारी श्री अनिल कुमार स्वामी, आईडीएसपी के डॉ. मुकेश गर्ग मौजूद थे।




भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में अब तक सौ करोड़ के बीमा क्लेम बुक

बाड़मेर, 25 मई। प्रदेश में करीब छह माह पहले शुरू हुई भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में अब तक करीब सौ करोड़ से अधिक की राशि के बीमा क्लेम बुक हो चुके है। स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री नवीन जैन ने बताया कि प्रदेश में 13 दिसम्बर 2015 से भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ किया गया था। बीएसबीवाई में सरकारी व संबद्व निजी चिकित्सा संस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम व राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों को निशुल्क उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा हैं। साधारण बीमारी पर 30 हजार तथा गंभीर बीमारी पर भर्ती होने वाले मरीजों को तीन लाख रूपये तक का उपचार उपलब्ध है।

बाड़मेर, कौशल रोजगार एवं उद्यमिता शिविर आज

    बाड़मेर, कौशल रोजगार एवं उद्यमिता शिविर आज

बाड़मेर, 25 मई। कौशल रोजगार एवं उद्यमिता शिविर का आयोजन 26 मई को प्रातः 10.30 बजे जिला मुख्यालय पर नेहरू युवा केन्द्र परिसर में किया जाएगा।
जिला रोजगार अधिकारी भवानी प्रताप चारण ने बताया कि शिविर में रोजगार कार्यालय द्वारा अक्षत बेरोजगार भत्ता योजना 12, व्यवसायिक मार्गदर्शन एवं विभिन्न स्वनियोजन योजनाओं की जानकारी दी जाकर आवेदन पत्र भरवाए जाएगें। साथ ही सरकार द्वारा आयोजित स्वरोजगार संबंधी जानकारी, आवेदन पत्र भरवाकर आशार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा।
उन्होने बताया कि शिविर में निजी क्षेत्र के संस्थान आई.एस.एस. एस.डी.बी तथा सिक्युरिटी सर्विसेज प्रा.लि. अहमदाबाद द्वारा सिक्युरिटी हेतु आशार्थियों का चयन एवं पेनल बनाया जाएगा। इच्छुक आशार्थी अपने मूल प्रमाण पत्रों के साथ सभी दस्तावेजों की फोटो कॉपी एवं पासपोर्ट साईज के दो फोटो के साथ शिविर में उपस्थित होकर शिविर का लाभ उठा सकते है।

जैसलमेर राजस्व लोक अदालत -2016 के अन्तर्गत गुरुवार को बाहला, चैक और शुक्रवार के रामा में लगेगे राजस्व षिविर



जैसलमेर राजस्व लोक अदालत -2016 के अन्तर्गत

गुरुवार को बाहला, चैक और शुक्रवार के रामा में लगेगे राजस्व षिविर
जैसलमेर , 25 मई/राज्य सरकार के निर्देषानुसार सीमवर्ती जैसलमेर जिले में राजस्व मामलों के त्वरित गति से निस्तारण को लेकर आयोजित किए जा रहे राजस्व लोक अदालत-2016 राजस्व षिविर आयोजन कार्यक्रमों की कड़ी में गुरुवार 26 मई को जैसलमेर उपखण्ड क्षेत्र के ग्रामपंचायत मुख्यालय बाहला जिसमें ताड़ाना पंचायत शामिल हैं और इसी दिन गुरुवार को पोकरण उपखण्ड क्षेत्र के ग्रामपंचायत मुख्यालय चैक जिसमें चैक, मोगरड़ी व सनावड़ा पंचायतें सम्मिलित हैं, में राजस्व षिविर का अयोजन किया जाएगा।

अतिरिक्त जिला कलक्टर भागीरथ शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि निर्धारित किए गए षिविर कार्यक्रम के अनुसार इसी प्रकार 27 मई, शुक्रवार को उपखण्ड क्षेत्र फतेहगढ़ के ग्रामपंचायत मुख्यालय रामा जिसमें रामा पंचायत शामिल हैं में राजस्व षिविर लगाया जाएगा।

उन्होंने ग्रामीणजनों से विषेष आग्रह किया हैं कि वे नियत तिथि को इन षिविर स्थलों पर अधिकाधिक संख्या में पहुंच कर अपने बकाया राजस्व मामलों का षिविर के मौके पर ही निस्तारण करावें तथा षिविर का पूरा-पूरा लाभ उठाएं।

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सांकड़ा और चेलक मे आयोजित ’’ न्याय आपके द्वार ’’

षिविर में 11 बंटवारें के प्रकरण व 115 नामांतकरण खोले गये


जैसलमेर , 25 मई/ग्रामपंचायत चेलक और सांकड़ा में आयोजित राजस्व लोक अदालत - न्याय आपके द्वार षिविर ग्रामीणों के लिए लाभदायी रहा है। अतिरिक्त जिला कलक्टर भागीरथ शर्मा ने बताया कि इन षिविरो के माध्यम से 115 नामान्तरण खोले जाकर दर्ज किये गये वहीं आपसी सहमति से 11 बंटवारा के प्रकरणों का निस्तारण लोगो को राहत प्रदान की गई।

अतिरिक्त जिला कलक्टर शर्मा ने बताया कि ग्रामपंचायत चेलक में आयोजित षिविर के दौरान 14 नामांतकरण खोले गये तथा खाता विभाजन के 6, निस्तारित किया गए। वहीं 9 अन्य कार्य निपटाए जाने के साथ ही 17 राजस्व नकले लोगो को प्रदान की गई।

उन्होंने बताया कि ग्रामपंचायत सांकड़ा में आयोजित षिविर में उपखंड अधिकारी द्वारा 03 खाता दुरुस्ती के प्रकरण निपटाए गये वहीं खाता विभाजन के 5 मामले निस्तारित किये गये। तहसीलदार द्वारा षिविर के दौरान 101 नामान्तकरण खोले गये वहीं गैर खातेदारी से खातदारी के 1 और 40 राजस्व नकले लोगो को प्रदान की गई।

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जिले के समस्याग्रस्त क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति व्यवस्थित बनाये रखनें के निर्देश जालोर जिला परिषद की सामान्य बैठक सम्पन्न



जिले के समस्याग्रस्त क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति व्यवस्थित बनाये रखनें के निर्देश

जालोर जिला परिषद की सामान्य बैठक सम्पन्न


जालोर 25 मई - जिला प्रमुख वन्नेसिंह गोहिल की अध्यक्षता में जालोर जिला परिषद की सामान्य बैठक सम्पन्न हुई जिसमें विशेषरूप से ग्रीष्मकाल में जिले के समस्याग्रस्त क्षेत्रों में पीने के पानी की आपूर्ति को व्यवस्थित रूप से बनाये जाने पर जोर दिया गया वही पंचायती राज संस्थाओं द्वारा संचालित विभिन्न कार्यो पर विस्तार से चर्चा के साथ ही महात्मा गंाधी नरेगा योजना की पूरक वार्षिक योजना वर्ष 2016-17 का भी अनुमोदन किया गया।

जिला परिषद के सभा कक्ष में बुधवार को आयोजित परिषद की सामान्य बैठक में क्षेत्राीय सांसद देवजी पटेल, रानीवाडा विधायक नारायणसिंह देवल, भीनमाल विधायक पूराराम चैधरी, जिला कलेक्टर अनिल गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीना सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थें। परिषद की सामान्य बैठक में सर्वप्रथम गत सामान्य बैठक की कार्यवाही का अनुमोदन करने के बाद जलदाय विभाग से सम्बन्धित कार्यो पर चर्चा के दौरान संासद देवजी पटेल ने कहा कि ग्रीष्मकाल के दौरान जलदाय विभाग द्वारा पानी की आपूर्ति के दौरान सम्बन्धित क्षेत्रों में विधुत कटौति की जाये ताकि बूस्टर का प्रयोग करने वालों में कमी आने के साथ ही टेल पर बैठे उपभोक्ता को भी पानी मिले जिसके लिए जलदाय विभाग विधुत विभाग को तिथि व समयवार की पूर्व सूचना दिया जाना सुनिश्चित करें । उन्होनें कहा कि जिले में भीनमाल व सांचैर क्षेत्रा में गत वर्ष जुलाई व अगस्त माह में हुई अतिवृष्टि को ध्यान में रखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में इस वर्ष बाढ बचाव के कार्य करवाये जाने के लिए एमजी नरेगा में प्रस्ताव लिये जाये जिस पर सदन ने एमजी नरेगा के तहत कार्य करवायें जाने का प्रस्ताव लिया गया।

बैठक में जिला प्रमुख वन्नेसिंह गोहिल ने कहा कि ग्रीष्मकाल को दृष्टिगत रखते हुए जलदाय विभाग एवं विधुत विभाग के अधिकारी आपस में टीम भावना से कार्य करते हुए समस्याग्रस्त क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति बनाये रखे वही विधुत विभाग भी प्राथमिकता से जलदाय विभाग के जल स्त्रोतों को बिना किसी रूकावट के विधुत आपूर्ति करें तथा जहां ज्यादा आवश्यकता है उनके लिए अलग से विधुत लाईन लगाने के लिए आवश्यक कार्यवाही भी करें।

बैठक में जिला कलेक्टर अनिल गुप्ता ने समीक्षा के दौरान जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्राम पंचायत द्वारा जल से सम्बन्धित चाहे गये अनापत्ति प्रमाण पत्रा आगामी तीन दिनों में दिये जाने सुनिश्चित करें साथ ही भविष्य में जब भी अनापत्ति मांगे उन्हें तत्काल उपलब्ध करवाई जायें। उन्होनें बैठक में कहा कि नर्मदा नहर परियोजना से सम्बन्धित सभी प्रोजेक्टरों की उनके स्तर से माॅनिटरिंग की जा रही है तथा भविष्य में जनप्रतिनिधियों के साथ इनकी अलग से बैठक आयोजित की जाकर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। उन्होनें बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने विभाग द्वारा किए जाने वाले कार्यो में पूर्ण रूप से पारदर्शिता बनाये रखें तथा अपने क्षेत्रा के जनप्रतिनिधियों को भी किए जाने वाले कार्यो की जानकारी देते रहें।

जिला परिषद की सामान्य बैठक में रानीवाडा विधायक नारायणसिंह देवल ने अपना खेत अपना काम के तहत राज्य सरकार द्वारा जारी नवीन आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि कार्य के लिए मात्रा मूल खातेदार की सहमति से ही वह अपने खेत में कार्य करवा सकता है जिसकी पालना सुनिश्चित की जाये वही भीनमाल विधायक पूराराम चैधरी ने नर्मदा नहर से जुडी परियोजनाओं में गति लाने की आवश्यकता जताई जबकि सांचैर विधायक सुखराम विश्नोई ने कन्टीजेन्सी प्लान से जुडी जानकारियों सम्बन्धित क्षेत्रा के प्रतिनिधि को देने सहित क्षेत्रा में पानी की समस्याओं की जानकारी दी।

जिला परिषद की सामान्य बैठक का संचालन करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चैधरी ने कहा कि विकास अधिकारी ग्राम विकास के कार्यो को उचित प्राथमिकता दे तथा अपने अधीनस्थ कार्मिकों को भी इस कार्य के लिए पाबन्द रखें। उन्होने महात्मा गांधी नरेगा योजना की पूरक वार्षिक योजना वर्ष 2016-17 का अनुमोदन करने के लिए प्रस्ताव रखा जिसे सहर्ष स्वीकार किया गया। वही जिला परिषद द्वारा संचालित एवं क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं यथा चैदहवाॅं वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग,किसान सेवा केन्द्र, आंगनवाडी केन्द्र निर्माण, यूरोपियन यूनियन राज्य सहभागिता कार्यक्रम, स्वच्छ भारत मिशन, इन्दिरा आवास योजना, गुरू गोलवलकर जन सहभागिता विकास योजना एवं मुख्य मंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान आदि पर विचार विमर्श किया गया वही जिला आयोजना समिति द्वारा संचालित वर्ष 2016-17 की जिला वाषिक कार्य योजना के तहत आपणी योजना आपणों विकास पर भी चर्चा की गई।

बैठक में प्रबोधकों के खिलाफ की गई कार्यवाही का सदस्यों ने विरोध किया जिस पर विस्तृत विचार के उपरान्त सदन द्वारा प्रबोधकों के खिलाफ की गई कार्यवाही को ड्रोप किए जाने का प्रस्ताव भी लिया गया।

बैठक में भीनमाल प्रधान धूकाराम पुरोहित, रानीवाडा प्रधान रमिला, सायला प्रधान जब्बरसिंह, साचैर प्रधान टाबाराम, चितलवाना प्रधान हनुमानप्रसाद भादु, जिला परिषद सदस्य मंगलसिंह, खेमराज देसाई, मेघराज, भूपेन्द्रसिंह, प्रदीपसिंह, सीता देवी, माधोसिंह, दिनेश कुमार, श्रीमती रमिला ने भी अपने-अपने क्षेत्रों की जनसमस्याओं की जानकारी से अवगत करवाया।

इस अवसर पर जालोर प्रधान सुश्री संतोष, जसवन्तपुरा प्रधान सुश्री पिंकी कुमारी, जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियन्ता बी.एल. सुथार, डिस्कांम के एम.एल.मेधवाल एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता एन.के. माथुर, जिला परिषद की सदस्य पानी देवी, किरण कंवर, भाग्यवन्ती, हीरादेवी व इन्द्रदेवी सहित विभिन्न सदस्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी आदि उपस्थित थें।

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गैर सरकारी विद्यालयों द्वारा सुधार प्रक्रिया के लिए आवेदन की तिथि बढी
जालोर 25 मई - शिक्षा विभाग द्वारा गैर सरकारी विद्यालयों की मान्यता व क्रमोन्नति की आॅनलाईन प्रक्रिया में सुधार के लिए आवेदन की तिथि को 30 मई तक बढाया गया हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) प्रभदुान राव ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के निर्देशानुसार गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के लिए शैक्षणिक सत्रा 2016 में मान्यता, क्रमोन्नति, अतिरिक्त संकाय, विषय प्रारम्भ करने, भवन परिवर्तन, वर्ग परिवर्तन व अतिरिक्त माध्यम के लिए आॅनलाईन आवेदन की अन्तिम तिथि को 10 मई से बढाकर 30 मई तक किया गया हैं।

उन्होंने बताया कि जो आवेदक त्राुटि सुधार पोर्टल पर आवेदन करना चाहते हैं वे 30 मई तक आवेदन कर आवेदन पत्रा की परिशोधित हार्ड काॅपी जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) कार्यालय में अन्तिम तिथि 3 जून तक जमा करवा सकेंगे।

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