कोटा.चार साल का हो जाएगा बीएड
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की चली तो पूरे देश में बीएड की पढ़ाई अजमेर स्थित रीजनल सेंटर ऑफ एज्युकेशन की तर्ज पर कराई जाएगी। एनसीटीई के पूर्व चेयरमैन प्रो. सिद्दीकी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने बीएड-एमएड की शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पढ़ाई का समय दो साल से बढ़ाकर चार साल करने की सिफारिश की है।
अध्यापक प्रशिक्षण की चुनौतियां और समस्याएं जानने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 12 अक्टूबर 2015 को सिद्दीकी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति ने बीएड-एमएड का प्रशिक्षण देने वाले देश भर के तमाम शिक्षकों की राय जानने के बाद 11 अप्रेल 2016 को सरकार को अपनी सिफारिशें सौंप दी है।
वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (वीएमओयू) की शिक्षा विद्यापीठ के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अखिलेश कुमार ने बताया कि सिद्दीकी कमेटी ने सरकार से प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया बदलने के साथ ही बीएड-एमएड की शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पठन-पाठन का तरीका भी बदलने का सुझाव दिया है।
इसके लिए कमेटी ने एनसीईआरटी द्वारा अजमेर में चलाए जा रहे रीजनल सेंटर ऑफ एज्युकेशन को उदाहरण के तौर पर पेश करते हुए सुझाव दिया है कि यहां की तरह ही देश भर में बीएड पाठ्यक्रम दो साल से बढ़ाकर चार साल का कर दिया जाए।
यह दिया है तर्क
इसके पीछे समिति ने तर्क दिया है कि किसी भी शिक्षक के लिए उसका प्रशिक्षण नींव की तरह काम करता है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता बेहतर होगी तो शिक्षकों की नींव भी मजबूत होगी। जिसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि बढ़ाना जरूरी है। हालांकि समिति ने इसे एक साथ लागू करने के बजाय हर साल एक-एक साल बढ़ाने का सुझाव दिया है।
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