मुंबई। यदि आप हर साल वाहन बीमा कराने के काम को मुश्किल समझते हैं तो निश्चिंत हो जाइए अब एक बार में ही तीन से पांच साल का बीमा करा सकते हैं ।
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल इसकी योजना बना रही है। काउंसिल तीन से पांच वर्ष तक का वाहन बीमा करेगी। इसके पीछे मकसद बड़ी संख्या उन वाहनों को बीमा के दायरे में लाना है जो इससे बाहर हैं।
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के महासचिव आर चंद्रशेखरन ने चौथे वार्षिक फिनटेलीकट बैठक को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
चंद्रशेखरन ने कहा कि तीन साल की वाहन बीमा पॉलिसी लेना वाहन मालिक के लिए स्वैच्छिक होगा।
उन्होंने कहा कि इससे वाहन मालिक को हर साल बीमा कराने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। फिलहाल इस नीति के तहत प्राइसिंग प्रणाली पर काम किया जा रहा है क्योंकि ऎसी पॉलिसियों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की राशि का निर्धारण बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है।
उन्होंने कहा कि बीमाकर्ता थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस पोर्टफोलियों में नुकसान में हैं। इसलिए दीर्घकालिक अवधि की बीमा पॉलिसियों पर किसी प्रकार की रियायत की उम्मीद नहीं है।
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल इसकी योजना बना रही है। काउंसिल तीन से पांच वर्ष तक का वाहन बीमा करेगी। इसके पीछे मकसद बड़ी संख्या उन वाहनों को बीमा के दायरे में लाना है जो इससे बाहर हैं।
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के महासचिव आर चंद्रशेखरन ने चौथे वार्षिक फिनटेलीकट बैठक को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
चंद्रशेखरन ने कहा कि तीन साल की वाहन बीमा पॉलिसी लेना वाहन मालिक के लिए स्वैच्छिक होगा।
उन्होंने कहा कि इससे वाहन मालिक को हर साल बीमा कराने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। फिलहाल इस नीति के तहत प्राइसिंग प्रणाली पर काम किया जा रहा है क्योंकि ऎसी पॉलिसियों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की राशि का निर्धारण बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है।
उन्होंने कहा कि बीमाकर्ता थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस पोर्टफोलियों में नुकसान में हैं। इसलिए दीर्घकालिक अवधि की बीमा पॉलिसियों पर किसी प्रकार की रियायत की उम्मीद नहीं है।