नसरूल्लागंज।शादी को दो दिन बचे थे और दूल्हे ने किसी को पीट दिया। कार्रवाई हुई, तो उसे भेज दिया गया जेल। बड़ा सवाल उपजा कि अब शादी कैसे हो? मामला कोर्ट पहुंचा, तो अदालत ने आदेश दिया कि जेल में ही मंडप सजे और वहीं सात फेरे हों। हुआ भी वही।
मामला सीहोर जिले के नसरूल्लागंज स्थित उप जेल का है। यहां मंगलवार को बाकायदा मंडप सजाकर बुदनी के गुवाडिया गांव के रहने वाले डालचंद्र के बेटे गौरीशंकर का रीति-रिवाज के साथ विवाह हुआ। बाराती और घाराती सब यहीं जुटे। बाराती बने जेलर संतोष गौर, जिन्होंने दूल्हा-दुल्हन की पांव पखराई भी की।
ऎसे बिगड़े हालात और सज गया मंडप
दरअसल, गौरीशंकर की शादी पनागर जिला नरसिंहपुर निवासी हल्कीप्रसाद कीर की बेटी सोना से तय हुई थी, पर गौरीशंकर ने पड़ोसी प्रभुदास बैरागी संग लड़ाई लड़ ली। पुलिस ने गौरीशंकर और उसके पिता पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर दोनों को उप जेल भेज दिया।
चूंकि शादी के आमंत्रण पत्र वितरित हो चुके थे और दोनों परिवारों की प्रतिष्ठा दांव पर थी। गौरीशंकर के परिजनों ने प्रथम सत्र न्यायाधीश अरूण कुमार की अदालत में अर्जी लगाई। इस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्घारित तारीख को जेल में उसकी शादी कराने के निर्देश दिए थे। विवाह में वकील, गौरीशंकर के पड़ोसी और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए।
मैं भी रहूंगी जेल में
शादी में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब दुल्हन सोना ने जेल प्रबंधन से ये कह दिया कि वो भी जेल में ही रहेगी। उसे इजाजत दी जाए, बाद में परिजनों के समझाने पर वो मानी।
मामला सीहोर जिले के नसरूल्लागंज स्थित उप जेल का है। यहां मंगलवार को बाकायदा मंडप सजाकर बुदनी के गुवाडिया गांव के रहने वाले डालचंद्र के बेटे गौरीशंकर का रीति-रिवाज के साथ विवाह हुआ। बाराती और घाराती सब यहीं जुटे। बाराती बने जेलर संतोष गौर, जिन्होंने दूल्हा-दुल्हन की पांव पखराई भी की।
ऎसे बिगड़े हालात और सज गया मंडप
दरअसल, गौरीशंकर की शादी पनागर जिला नरसिंहपुर निवासी हल्कीप्रसाद कीर की बेटी सोना से तय हुई थी, पर गौरीशंकर ने पड़ोसी प्रभुदास बैरागी संग लड़ाई लड़ ली। पुलिस ने गौरीशंकर और उसके पिता पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर दोनों को उप जेल भेज दिया।
चूंकि शादी के आमंत्रण पत्र वितरित हो चुके थे और दोनों परिवारों की प्रतिष्ठा दांव पर थी। गौरीशंकर के परिजनों ने प्रथम सत्र न्यायाधीश अरूण कुमार की अदालत में अर्जी लगाई। इस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्घारित तारीख को जेल में उसकी शादी कराने के निर्देश दिए थे। विवाह में वकील, गौरीशंकर के पड़ोसी और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए।
मैं भी रहूंगी जेल में
शादी में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब दुल्हन सोना ने जेल प्रबंधन से ये कह दिया कि वो भी जेल में ही रहेगी। उसे इजाजत दी जाए, बाद में परिजनों के समझाने पर वो मानी।