गुरुवार, 12 दिसंबर 2013

वसुंधरा अकेले ही कल लेंगी शपथ

जयपुर। भाजपा विधायक दल के नेता वसुंधरा राजे शुक्रवार को अकेले शपथ लेंगी। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी सीएम ही शपथ ले रहे हैं। ऎसे में यहां भी इसी तर्ज पर चलने का निर्णय किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह विधानसभा के मुख्य द्वार पर होगा। जनपथ पर जनता इस शपथ ग्रहण समारोह को देख सकेगी। सूत्रों के मुताबिक पहले चर्चा थी कि 4-5 विधायक राजे के साथ शपथ लेंगे, लेकिन हाईकमान ने यह निर्णय किया है कि तीनों राज्यों में फिलहाल विधायक दल के नेता ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। मंत्रिमण्डल गठन जनवरी में होने की संभावना है।

विस गठन की अधिसूचना

चुनाव आयोग के प्रधान सचिव शंगारा राम ने बुधवार को राज्य में 14 वीं विधानसभा के गठन की अधिसूचना जारी की। इसके साथ विधानसभा चुनाव कार्य संपन्न हो गया और आचार संहिता हट गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अशोक जैन ने बताया, अधिसूचना प्रकाशन 11 दिसंबर, 2013 के राजस्थान राज-पत्र के विशेषांक में कर दिया गया है।

अभी तो यह ही तय हुआ है कि तीनों राज्यों में विधायक दल का नेता ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। कोई विधायक को मंत्री पद की शपथ नहीं दिलाई जा रही है। कप्तान सिंह, प्रदेश प्रभारी, भाजपा

पासपोर्ट के लिए अब अपने ही जिले में इंटरव्यू


पासपोर्ट के लिए अब अपने ही जिले में इंटरव्यू

उप्र से योजना की शुरुआत, फिर राजस्थान में लागू होगी


नई दिल्ली दिल्ली के बाहर रहने वाले लोग जो पासपोर्ट लेना चाहते हैं, उन्हें अब इसके लिए रीजनल पासपोर्ट ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी। आवेदन के बाद उन्हें अपने ही जिले या अधिकतम पड़ोस के जिले में पासपोर्ट के इंटरव्यू की व्यवस्था होगी। इसी के आधार पर उन्हें पासपोर्ट दिया जाएगा। योजना का नाम होगा 'पासपोर्ट आपके द्वार'। इसकी शुरुआत उप्र के फर्रुखाबाद से 14-15 दिसंबर को हो रही है। अगले चरण में राजस्थान सहित मध्यप्रदेश, झारखंड-बिहार, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में योजना पर अमल होगा। इसके बाद देश के अन्य हिस्सों में भी इसे लागू किया जाएगा। खास बात यह है कि इस सुविधा के लिए आवेदकों से कोई फीस नहीं वसूली जाएगी।


मौजूदा प्रक्रिया

फिलहाल पासपोर्ट हासिल करने या इसे रिन्यू कराने के लिए ऑनलाइन फार्म भरना होता है। इसके बाद आवेदक को अपने सभी दस्तावेज लेकर इंटरव्यू के लिए रीजनल पासपोर्ट ऑफिस जाना होता है। राज्यों में पासपोर्ट के रीजनल ऑफिस राजधानी या कुछ चुनिंदा शहरों में ही होते हैं।

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नई प्रक्रिया:

'पासपोर्ट आपके द्वार' योजना के तहत विदेश मंत्रालय पासपोर्ट मेला आयोजित करेगा। इसमें आवेदक की फोटो खींचने से लेकर उंगलियों के निशान लेने तक की मशीन होगी। आवेदकों को जिले में पासपोर्ट अधिकारियों के आने का समय बता दिया जाएगा। सभी औपचारिकताएं मेले में ही पूरी की जाएगी। इसके बाद उनके पासपोर्ट डाक से भेज दिए जाएंगे।

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अगला चरण पासपोर्ट सेवा वैन

विदेश मंत्रालय पासपोर्ट सेवा वैन योजना की भी तैयारी कर रहा है। इसके विशेष वैन तैयार की जा रही है। इसमें सभी जरूरी मशीन होंगी। पासपोर्ट अधिकारी इन गाडिय़ों में बैठकर विभिन्न जिलों में जाएंगे। दस्तावेज सत्यापन के साथ अन्य प्रक्रिया को पूरी करेंगे। फिर पासपोर्ट मेला लगाने की जरूरत खत्म हो जाएगी।






बीजेपी के हर्षवर्धन को उपराज्यपाल का बुलावा

नई दिल्ली। दिल्ली में त्रिशंकु विधानसभा आने के बाद नई सरकार के गठन को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच उपराज्यपाल नजीब जंग ने भाजपा विधायक दल के नेता डॉ. हर्षवर्धन को गुरूवार को मुलाकात के लिए बुलाया है। परंपरा को देखते हुए उपराज्यपाल सबसे बडे दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। हर्षवर्धन देर शाम उपराज्यपाल से मुलाकात करेंगे।
चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा के नतीजों को मंगलवार को ही अधिसूचित कर दिया है। इसके बाद अब सभी की निगाहें राजनिवास की तरफ लगी हैं। भाजपा के मना करने पर उपराज्यपाल दूसरे बड़े दल आप को आमंत्रित कर सकते हैं। सत्तर सदस्यीय विधानसभा में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने से सरकार का गठन कैसे हो इसे लेकर कोई भी स्पष्ट तस्वीर उभर कर सामने नहीं आ आ पा रही है। वर्तमान में जो हालात हैं उनसे ऎसा लग रहा है कि दिल्ली में नई सरकार का गठन बहुत मुश्किल है। मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 17 दिसम्बर तक है। ऎसे में यदि सरकार नहीं बनती है तो राष्ट्रपति शासन लागू करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। ऎसी स्थिति में दिल्ली विधानसभा के चुनाव अगले वर्ष अप्रेल-मई में होने वाले आम चुनाव के साथ होने की संभावना बन रही है।

भाजपा 31 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। एक सीट भाजपा की सहयोगी अकाली दल को मिली है। इस प्रकार भाजपा के पास 32 विधायक हैं जो बहुमत से चार कदम दूर है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिलीहैं। कांग्रेस के पास आठ सीटें हंै जबकि एक सीट जनता दल यू और एक पर निर्दलीय विजयी हुआ है।

भाजपा और आप दोनों ही सरकार बनाने से किनारा कर रही हैं। भाजपा के समक्ष मजबूरी यह है कि वह 36 का आंकड़ा जुटा पाने में सफल नहीं हो पा रही। कांग्रेस आप को बिना शर्त समर्थन देने को तैयार दिख रही है लेकिन यह नई पार्टी अपनी चुनाव पूर्व घोषणा के अनुरूप कांग्रेस और भाजपा किसी से भी समर्थन लेने को तैयार नहीं है और कह रही है कि वह सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।

भाजपा सबसे बडी पार्टी के रूप में तो उभरी है, लेकिन वह बार बार कह रही है कि उसके पास बहुमत नहीं है और वह विपक्ष में बैठने के लिए तैयार है। भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों की मंगलवार को हुई बैठक में इस बात के संकेत दिए गए कि फिर से चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए।

दिल्ली के हालात पर राष्ट्रपति ने मांगी रिपोर्ट

दिल्ली विधानसभा चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिलने के बाद किसी भी दल द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किए जाने की स्थिति के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को उपराज्यपाल नजीब जंग से सरकार बनने के हालात पर रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों ने बताया कि इस बारे में राष्ट्रपति ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा है।

संघ की इच्छा सरकार बनाए भाजपा

मध्यप्रदेेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा के प्रदर्शन से गदगद संघ दिल्ली में भी भाजपा की सरकार बनने की हसरत रखता है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि संघ के रणनीतिकार चाहते है कि भाजपा दिल्ली में भी सरकार बनाने की कोशिश करे। संघ का आकलन है कि फिर से चुनाव में जाने पर आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिल सकता है। मंगलवार देर रात पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के घर हुई वरिष्ठ नेताओं की बैठक में संगठन महामंत्री रामलाल ने संघ की इच्छा से राजनाथ और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंन्द्र मोदी को अवगत कराया।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि संघ के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि उपराज्यपाल का न्योता आने पर भाजपा को सरकार बनाने के लिए आगे आना चाहिए। भले ही भाजपा बहुमत सिद्ध न कर पाए, परंतु जनता के बीच सरकार बनाने की ईमानदार कोशिश का संदेश जरूर जाना चाहिए। संघ के रणनीतिकारों का यह भी मानना है कि आम आदमी पार्टी का पूरा फोकस फिलहाल दिल्ली तक सीमित है जबकि भाजपा को लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपना फोकस पूरे देश में रखना होगा, ऎसी स्थिति में फिर दिल्ली में चुनाव की स्थिति आती है तो भाजपा के वरिष्ठ नेता लोकसभा की तैयारी छोड़ दिल्ली विधानसभा चुनावो में उलझकर रह जाएंगे।

बुधवार, 11 दिसंबर 2013

अगले साल कमर्चारियों को 60 छुटि्टयां

बीकानेर। अगले साल यानी वर्ष 2014 में सरकारी कर्मचारियों को 365 दिन में से साठ अवकाश मिलेंगे। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने वष्ाü 2014 का कलेण्डर जारी कर दिया है।
राजकीय कार्यालयों में वर्ष 2014 में 29 राजपत्रित अवकाश और 21 ऎच्छिक अवकाश धोषित किए गए हैं। पूर्व के वषोंü की तरह सप्ताह में पांच कार्य दिवस होंगे।

प्रत्येक शनिवार और रविवार को कार्यालयों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग को शिविरा पंचांग में भी अवकाश को लेकर संशोधन नहीं करना होगा, क्योंकि राज्य के कलेण्डर व शिविरा पंचांग में घोçष्ात अवकाश एक ही है।

चंद्रप्रकाश देवल को बिहारी पुरस्कार

नई दिल्ली। राजस्थान के प्रसिद्ध कवि चंद्रप्रकाश देवल को 23वें बिहारी पुरस्कार के लिए चुना गया है। के. के. बिडला फाउंडेशन द्वारा राजस्थान के लेखकों को हर साल दिया जाने वाला यह पुरस्कार देवल को उनके कविता संग्रह "हिरना मौन साध वन चरणा" पुस्तक के लिए दिया जाएगा। पुरस्कार में उन्हें एक लाख रूपए, एक प्रशस्ति पत्र तथा एक प्रतीक चिह्न दिया जाएगा।
प्रसिद्ध कवि नंद किशोर आचार्य की अध्यक्षता में गठित चयन समिति ने देवल का चयन किया। पदमश्री तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित देवल ने दोस्तोयवस्की तथा बैकेट की रचनाओं का भी अनुवाद किया है।

बस में करतूत, महिला रोते-रोते बेहाल

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक लॉ-फ्लोर बस में दो युवकों ऎसी शर्मनाक हरकत कर डाली की लेडी कंडक्टर का रोते-रोते बुरा हाल हो गया। लेकिन स्थिति को बस में मौजूद लोगों ने संभाल लिया और आरोपी युवकों को सबक सीखने के लिए अपनी राह की फिक्र छोड़ बस सीधे पुलिस स्टेशन पहुंचा दी। पुलिस ने कंडक्टर की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की तब राहगीरों ने अपना सफर फिर से शुरू किया।
लेडी कंडक्टर के साथ अभद्रता का यह मामला शहर के संजय सर्किल थाना क्षेत्र का है। यहां सवारियों से खचाखच भरी निवारू से गलतागेट जाने वाली एक बस में लेडी कंडक्टर के साथ छेड़छाड़ व अभद्रता के मामले में दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

बस रोकने को लेकर की बहस
अनुसंधान अधिकारी एसआई रोहिताश्व ने बताया कि रूट संख्या 10 की निवारू से गलतागेट की लो-फ्लोर बस में 19 वष्ाीüया युवती कंडक्टर के पद पर कार्य करती है। पीडिता का आरोप है कि प्रदीप व राजेश कुमार पिछले कई दिनों से उसे परेशान कर रहे थे। जिस कारण सोमवार को पीडिता ने बस नहीं रूकने दी। मंगलवार को वह बस में चढ़ गए और सीधे कंडक्टर का हाथ पकड़ के कहने लगे कि "कल बस क्यों नहीं रोकी"।


आरोपियों के साथ सीधे थाने पहुंची बस
पावर हाउस रोड के पास आरोपियों ने जैसे ही यह अभद्रता की सवारियों ने उन्हें पकड़ लिया और उतरने नहीं दिया। बस को सीधे संजय सर्किल थाने लाया गया और आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया।


बस का समय पूछने के बहाने

पीडिता ने पुलिस को बताया कि करीब दस दिन पहले से आरोपी निवारू रोड से बस में बैठते थे। वह किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट में जाते थे। कंडक्टर के अनुसार आरोपियों ने अपने कोचिंग के लिए समय पर पहुंच सके इसके लिए बस का नियत समय जानने के लिए अपना मोबाइल नंबर मांगा था,लेकिन नंबर मिलने के बाद उसे परेशान करने लगे। जिससे तंग आकर उसने उनके लिए बस नहीं रूकने दी। दूसरे दिन आरोपी चढ़ गए और अभद्रता पर उतारू हो गए।

समलैंगिक संबंध गैरकानूनी: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़े फैसले में समलैंगिक यौन संबंधों को गैरकानूनी करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें समलैंगिक संबंधों को लेकर हरी झंडी दिखाई गई थी।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सरकार इस कानून में बदलाव कर सकती है और इसके लिए उसे अटॉर्नी जनरल से राय लेनी चाहिए।

दिल्ली हाईकोर्ट ने आपसी सहमति से वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटाने का आदेश दिया था।

स्वामी रामदेव और कुछ धार्मिक व गैर सरकारी संगठनों ने दिल्ली हाईकोर्ट के 2009 के फैसले को यह कहते हुए चुनौती दी है कि हाईकोर्ट का यह फैसला देश की संस्कृति के लिए खतरनाक साबित होगा।

याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि भारत की संस्कृति पाश्चात्य देशों से अलग है और इस तरह के आदेश देश की सांस्कृतिक नींव हिला सकते हैं। उनकी यह भी दलील है कि समलैंगिक संबंधों को कानूनी मान्यता नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि ये प्रकृति के खिलाफ है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने जुलाई 2009 में आपसी सहमति से वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने फैसले में कहा था कि संविधान की धारा 377 के जिस प्रावधान के तहत समलैंगिक संबंधों को जुर्म बताया गया है, वह मानवाधिकारों का उल्लंघनकरता है।

निर्वस्त्र होकर किया यहां विरोध प्रदर्शन

स्टॉकहोम। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में नोबेल पुरस्कार समारोह शुरू होने से कुछ मिनटों पहले चीन के असंतुष्ट कार्यकर्ता लियू जियाओबो की कैद की तरफ ध्यान आकृष्ट करने के लिए चार लोगों ने निर्वस्त्र होकर विरोध प्रदर्शन किया। इन लोगों ने पुलिस की घेराबंदी को पार करने की कोशिश की।
स्वीडिश टीवी चैनल एसवीटी की खबर के अनुसार विरोध प्रदर्शन मंगलवार को कांसर्ट हॉल में किया गया। तीन साल पहले चीनी लेखक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। स्टॉकहोम पुलिस ने कहा, चार लोगों को कांसर्ट हॉल के आसपास के प्रतिबंधित इलाके में घुसने से रोका गया।

पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि चारों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि उन्होंने उनकी राष्ट्रीयता के बारे में नहीं बताया। कम्युनिस्ट शासित चीन में राजनीतिक सुधार की मांग को लेकर चार्टर 08 नाम के घोषणापत्र का सह लेखन करने के लिए 2009 में लियू को 11 साल के कैद की सजा सुनाई गई थी।

लियू को इसके अगले साल यानि 2010 में ओस्लो में नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में भी शामिल नहीं होने दिया गया। इस साल की शुरूआत में 140 नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने चीन को एक पत्र लिखकर लियू को रिहा करने के लिए कहा था। पत्र में 130 से अधिक देशों के 4,00,000 लोगों ने हस्ताक्षर किए थे।

भाजपा प्रत्याशी की हार पर लगाई फांसी

/दौसा। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भले ही रिकॉर्ड जीत हासिल हुई हो लेकिन एक भाजपा प्रत्याशी की हार इतनी बड़ी हार साबित हुई जो कई लोगों की जिंदगीभर का सकूल छीन ले गई।
मामला दौसा की सिकराय विधानसभा क्षेत्र का है जहां पूर्व विधायक और भाजपा उम्मीदवार नंदलाल बंसीवाल की हार के बाद उसके समर्थक कैलाश उर्फ कालूराम खंडेला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

जानकारी के अनुसार मृतक कैलाश पूर्व विधायक की हार के सदमे में था और पिछले दो-तीन दिन से वोट नहीं देने पर लोगों को कोसता रहा था।

आखिर मंगलवार शाम को वह यह हार पचा नहीं पाया और फंदे से झूल गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर राजकीय अस्पताल में रखवा दिया, बुधवार सुबह उसका पोस्टमार्टम करवाया गया।

नतीजों के बाद से तनाव में चल रहा था
पुलिस ने बताया कि सिकराय विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व विधायक नंदलाल बंसीवाल इस बार चुनाव हार गए। इसके कारण आलुदा निवासी कैलाश उर्फ कालूराम खंडेला कई दिनों से परेशान चल रहा था।

लोगों को कहता फिरा, वोट नहीं दिया
गांव की गली-गली, ढाणी-ढाणी घूमकर के वह लोगों को कहता कि तुमने वोट नहीं दिया, इसलिए वह हार गया। लोगों ने उसे समझाया भी लेकिन वह इस सदमे से बाहर नहीं निकल पाया।

समझाने पर भी नहीं समझा
सरपंच जुगल मीणा ने बताया कि कैलाश कई दिनों से तनाव में था, लोगों ने उसे समझाने का प्रयास किया था। वह पूर्व विधायक की हार को लेकर लोगों को कोसता था।

सड़क दुर्घटना में 11 जातरूओं की मौत, नौ घायल

जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर जिले के बालेसर कस्बे के पास रात में एक ट्रक एवं क्रुजर की आमने सामने की भिडंत में गुजरात से बाबा रामदेव के दर्शन के लिए जा रहे 11 जातरूओं की मौत हो गई तथा नौ लोग घायल हो गए।सड़क दुर्घटना में 11 जातरूओं की मौत, नौ घायल
पुलिस के अनुसार टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि सात लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई जबकि चार ने यहां मथुरादास माथुर अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया तथा नौ लोग अभी यहां भर्ती है।

मृतकों में आठ महिला एवं दो बच्चे शामिल है। सूत्रों ने बताया कि गुजरात में पंचमहल जिले के वेजलपुरा गांव सेलोग क्रुजर में सवार होकर रामदेवरा जा रहे थे कि सामने से आ रहे ट्रक से बालेसर के पास भिंड़त हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस ने सभी को यहां अस्पताल पहुंचाया।

नंदन निलेकणि होंगे कांग्रेस के पीएम पद के उम्मीदवार!

नंदन निलेकणि होंगे कांग्रेस के पीएम पद के उम्मीदवार!

नंदन निलेकणि होंगे कांग्रेस के पीएम पद के उम्मीदवार!
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में मिली करारी हार से कांग्रेस में गहन मंथन जारी है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जहां पार्टी के पुनर्गठन की बात कही तो पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी उचित समय पर अपना पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करेगी। गत रविवार को आए चुनाव परिणामों के बाद सोनिया ने यह बात कही। हालांकि वे इस सवाल को टाल गई कि पीएम पद के उम्मीदवार राहुल गांधी ही होंगे।


दरअसल कांग्रेस पर दबाव है कि भाजपा की तरह वह भी अपना पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करे। भाजपा ने गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया है। अब सवाल यह उठता है कि अगर राहुल इनकार कर देते हैं तो फिर कौन होगा वह शख्स जिसे कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करेगी। इसको लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है। जो नाम अभी तक सामने आते रहे हैं वे हैं - वित्त मंत्री पी चिदंबरम, रक्षा मंत्री एके एंटोनी, व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे। एक और नाम सामने आ रहा है जिसे वाइल्ड कार्ड एंट्री समझा जा रहा है।


कए अंग्रेजी अखबार की मानें तो कांग्रेस के गलियारों में चर्चा है कि आधार योजना (यूडीएआई) के चेयरमैन नंदन निलेकणि को कांग्रेस अपना चेहरा बना सकती है। अखबार के अनुसार हालांकि जब निलेकणि से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे कहा कोरी बकवास बताया।


ये वो बातें हैं जो निलेकणि की उम्मीदवारी को वाजिब ठहराती हैं -

- वे राजनीतिज्ञ नहीं टेक्नोक्रेट हैं।
- उनकी छवि अच्छी है।
- बिजनस जगत के लोग उन्हें जानते हैं।
- इन्फोसिस के संस्थापक निलेकणि धनाडय हैं और उन्होंने इसे अच्छाई के कामों में खर्च किया है।
- यूनीक आइडेंटिटी अथॉरिटी के चेयरमैन के तौर उन्हें सरकार में चार साल से ज्यादा का अनुभव हो गया है। उन्होंने राजनीतिक रूप से मुश्किल योजना में सभी राज्यों और पार्टियों के साथ काम किया है।
- उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि अच्छी है।
- सोनिया और राहुल गांधी से उनके रिश्ते अच्छे हैं।
- 58 साल की उम्र में उन्हें तुलनात्मक रूप से नौजवान कहा जाएगा।
- वे आईआईटी से आते हैं जो आधुनिकता और प्रतिभा का प्रतीक है।
- आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल की तरह वे युवाओं को आकर्षित कर सकते हैं।

मार्च-अप्रैल में हो सकते हैं लोकसभा चुनाव

नई दिल्ली। 15वीं लोकसभा की अंतिम बैठक अगले वर्ष जनवरी में होगी। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के लिए मार्च या अप्रैल का समय तय किया जा सकता है। मार्च-अप्रैल में हो सकते हैं लोकसभा चुनाव
सूत्रों का कहना है कि सरकार वोट ऑन अकाउंट अगले महीने करवाने की तैयारी कर रही है। जनवरी 13 से 17 के बीच वोट ऑन अकाउंट पास किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि ऎसा मार्च या अप्रैल में आम चुनाव करवाने के चलते किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि 2004 और 2009 के आम चुनाव भी क्रमश: अप्रैल और मई माह के बीच करवाए गए थे।

वहीं, सरकार का शीतकालीन सत्र को छोटा करने की मंशा नहीं है। हालांकि अब तक के सत्र को देखते हुए लगता है कि इस सत्र में कोई खास फैसले होने की उम्मीद नहीं है। लोकसभा का अंतिम सत्र भी परम्परागत फरवरी माह से पहले ही किए जाने की संभावना है। इससे साफ हो जाता है कि जनवरी के बाद कभी भी चुनाव करवाए जा सकते हैं।

...तो पत्थर मार कर ले लेते महिला की जान

कुंडूज। अफगानिस्तान में पर पुरूष के साथ संबंध रखने के आरोप में तालिबान द्वारा पत्थर मारकर मौत की सजा प्राप्त एक महिला को पुलिस ने समय पर पहुंचकर बचा लिया।
कुंडूज प्रांत के पुलिस प्रवक्ता सैयद सरवर हुसैनी ने बताया कि दस्ते आर्ची जिले के एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी का किसी और पुरूष के साथ संबंध है। इसके बाद तालिबान ने उस महिला को पत्थर मार मार कर मौत के घाट उतारने की सजा सुनाई थी।

तालिबानी आतंकवादी महिला को मारने के लिए पत्थरों की व्यवस्था कर रहे थे कि तभी पुलिस ने एन मौके पर पहुंच कर महिला को मुक्त करा लिया। पुलिस को यह सूचना महिला के किसी रिश्तेदार ने दी थी।

महिला का पति खुद भी तालिबानी गुट से जुड़ा हुआ है और शुक्रवार को उसने महिला को आतंकवादियों के हवाले कर दिया था। इसके बाद से यह महिला आतंकवादियों के गढ़ में कैद थी।

पत्नी-प्रेयसी के बीच उलझे विधायक जी



लखनऊ। दारुलशफा स्थित बी-99 आवास से मंगलवार शाम तीखी कहासुनी व महिला के चिल्लाने की आवाजें बाहर आई तो आसपड़ोस के लोगों को कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा हुआ। इसके बाद एक विधायक के आवास में मचे कोहराम की सूचना बाहर आने में ज्यादा वक्त न लगा। मीडियाकर्मियों व पुलिस को इसकी भनक लग गई। दिल्ली तक से फोन की घंटियां बजने लगीं। बताया गया कि एएसपी को इसकी सूचना पूर्वाचल के एक सांसद ने फोन से दी।

कुछ देर बाद ही सीओ हजरतगंज दिनेश यादव, इंस्पेक्टर अशोक वर्मा, एसओ महिला थाना शिवा शुक्ला व पुलिस बल विधायक के आवास पर पहुंच गया। मीडियाकर्मी भी आ गए। तब मामला सामने आया कि विधायक जी के घर में मौजूद उनकी महिला मित्र से परिजनों का विवाद हुआ है। पुलिस विधायक व युवती को कोतवाली ले आई, जहां करीब दो घंटे तक सीओ हजरतगंज के कमरे में वार्ता चली और दोनों पक्षों के बीच सुलह हो गई। एएसपी पूर्वी राजेश कुमार ने कमरे से बाहर आकर बताया कि युवती ने पुलिस को लिखकर दिया है कि वह कोई कार्रवाई नहीं चाहती।

बस्ती के रुधौली से कांग्रेस विधायक संजय प्रताप जायसवाल दारुलशफा में रहते हैं। बताया गया कि पूर्वाचल निवासी युवती यहां अलीगंज क्षेत्र में एक हॉस्टल में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। युवती की करीब डेढ़ वर्ष से विधायक से मित्रता है। दोनों के बीच फोन से बातचीत के जरिए मेल-मुलाकात बढ़ी थी। युवती विधायक के दारुलशफा स्थित आवास आई थी, जहां विधायक के भाई व अन्य परिजन भी आ गए। युवती को देखकर विधायक के परिजन भड़क गए और उनके बीच विवाद शुरू हो गया। युवती से हाथापाई के बाद विवाद बढ़ता चला गया।

दूसरी ओर, विधायक का कहना है कि युवती से मित्रता के बारे में उनकी पत्नी, परिजन व युवती के घरवालों को पता है। विवाद शुरू होने पर उन्हें कमरे में बंद कर दिया गया था, जिसके बाद बात बिगड़ती चली गई। विधायक ने यह भी कहा कि विवाद बढ़ने पर उन्होंने अपना सिर किसी चीज से लड़ा लिया था। यही वजह थी कि विधायक ने सिर पर रुमाल बांध रखा था।

परिवारिक विवाद था, निपट गया

सीओ आफिस में पुलिस अधिकारी पहले करीब एक घंटे तक युवती से पूछताछ करते रहे। बाद में विधायक को भी भीतर बुला लिया गया। कुछ देर बाद कमरे से बाहर आए विधायक ने कहा कि यह उनका पारिवारिक विवाद था, जो निपट गया।

चोल राजवंश, भारत का वो राजवंश जिनके राजाओं को "सूर्य पुत्र" कहा जाता है



चोल राजवंश, भारत का वो राजवंश जिनके राजाओं को "सूर्य पुत्र" कहा जाता है। इस राजवंश ने अपने शुरूआती दौर से ही इतिहास के जानकारों और उसमें रूचि रखने वालों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। अतः भारत में ये राजवंश हमेशा से ही अपने यश, वैभव, बल और सेना के चलते इतिहासकारों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा है। इस राजवंश के बारे में एक बड़ी ही प्रसिद्ध कहावत मशहूर है, कहा जाता है कि जहां कावेरी नदी की धार मुड़ती थी ये राजवंश वहां तक फैला था। एक मजबूत नौसेना का स्वामी ये राजवंश एक ज़माने में दक्षिण भारत का सबसे शक्तिशाली राजवंश रहा है। इस राजवंश के शासनकाल की अवधि 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच की थी। 9वीं से 13 वीं शताब्दी के शुरूआती दौर को देखें तो पता चलता है कि अपने सांस्कृतिक, आर्थिक और सैन्य मोर्चों की बदौलत चोल साम्राज्य दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया का सुपर पावर था और उस समय किसी भी राजवंश या साम्राज्य में इतनी हिम्मत नहीं थि की वो इनका डट के मुकाबला कर सकें।सभी चोल राजाओं में सबसे प्रसिद्ध राजराजा चोल हैं और उनके बेटे राजेंद्र चोल हैं इन दोनों राजाओं के बारें में ये प्रसिद्ध था कि हर उगते सूरज के साथ इनके राज्य का विस्तार हुआ है। जिन्होंने प्रारम्भिक कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने के बाद क़रीब दो शताब्दियों न केवल एक मजबूत प्रशासन की नीव रखी बल्कि, निर्माण, कला और साहित्य को भी बहुत प्रोत्साहन दिया। अगर तमिल साहित्य को देखें तो मिलता है की संगम कवियों ने चोल शासकों और उनकी शासन व्यवस्था का बहुत अधिक मात्रा में प्रचार प्रसार किया है और पूरा का पूरा तमिल साहित्य चोल राजवंशों की गाथाओं से भरा पड़ा है। अगर बात इस राजवंश की कला के क्षेत्र में की गयी उपलब्धियों पर हो तो पता चलता है कि इन्होने कला और निर्माण को उसके सर्वोत्तम रूप में प्रसारित और प्रचारित किया। स्लाइड्स के माध्यम से देखिये क्यों ख़ास थी चोल राजवंश की कला शैली।






ऐरावतेश्वर मंदिर, दरासुरम ऐरावतेश्वर मंदिर दरासुरम का एक मुख्य आकर्षण है और भक्त यहाँ वर्ष भर आते हैं। पुराणों के अनुसार देवताओं के राजा इंद्र के सफ़ेद हाथी ऐरावत ने यहाँ भगवान शिव की पूजा की थी। दुर्वासा ऋषि द्वारा दिए गए श्राप से मुक्त होने के लिए ऐरावत ने भगवान शिव की आराधना की। हिंदुओं में मृत्यु के देवता माने जाने वाले भगवान् यम ने भी इस मंदिर में भगवान शिव की आराधना की थी। इस मंदिर में भगवान शिव की ऐरावतेश्वर के रूप में पूजा की जाती है। यह मंदिर प्रारंभिक द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर में पत्थरों पर सुंदर नक्काशी की गई है।






थिलाई नटराजर मंदिर, चिदंबरम थिलाई नटराजर मंदिर चिदंबरम का प्रमुख आकर्षण है। यह शैवों के लिए पूजा के सबसे महत्वपूर्ण केन्द्रों में से एक है और यह देश भर के यात्रियों को आकर्षित करता है। कई संतों ने इसकी प्रशंसा में गीत गाएं हैं। इसका निर्माण लगभग 2 सदी पहले किया गया था और तब से इस ने वास्तुकला, नृत्य और तमिलनाडु के अन्य कला रूपों को प्रभावित किया है। आज जिस रुप में यह मंदिर खड़ा है इसे विभिन्न समय पर विभिन्न राजवंशों ने पुनर्निर्मित किया था और उनके शैलीगत प्रभावों को मंदिर की वास्तुकला में देखा जा सकता है। इस मंदिर ने कई राजवंशों को बनते और नाश होते देखा है और इन में से हर एक ने इस पर अपनी छाप छोड़ी है। यहां भगवान शिव को थिलाई कोथन के रुप में पूजा जाता है और यहां स्थापित मुख्य मूर्ति नटराज या "ब्रह्मांडीय नर्तकी" की है।






ब्रहदीश्वर मंदिर, तंजावुर ब्रहदीश्वर मंदिर तमिल वास्तुकला में चोलों द्वारा की गई अद्भुत प्रगति का एक प्रमुख नमूना है। हिंदू देवता शिव को समर्पित मंदिर, भारत का सबसे बड़ा मंदिर होने के साथ-साथ, भारतीय शिल्प कौशल के आधारस्तम्भों में से एक है। मंदिर की भव्यता व बड़े पैमाने पर इसकी स्थापत्य दीप्ति व शांति से प्रेरित होकर इसे 'महानतम चोल मंदिर' के रूप में यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। इसे राजराजा चोल द्वारा बनाया गया था। वास्तुकला की द्रविड़ शैली में निर्मित, ब्रहदीश्वर मंदिर में नंदी बैल की प्रतिमा है, तथा यह हिंदुओं के बीच बड़ा पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसे एक ही चट्टान के टुकड़े से बनाया गया है तथा माना जाता है कि इसका वजन लगभग 25 टन है।

श्वेतरान्येशवरार मंदिर, तिरूवेनकाडु श्वेतरान्येशवरार मंदिर, नागापट्टिनाम जिले में तिरवेंकाडु में स्थित है। यह तमिलनाडु में स्थित नौ नवग्रह मंदिरों में से चौथा नवग्रह मंदिर है। इस मंदिर में बुद्ध ग्रह( बुध) स्थित है। भगवान शिव इस मंदिर के अधिष्ठात्री देवता हैं तथा यहां उनकी श्वेतरानेश्वरार के रूप में पूजा की जाती है। देवी पार्वती की यहां ब्रहविधानायकी के रूप में पूजा होती है। मंदिर में बुद्ध का पवित्र गर्भग्रह है, जो नौ नवग्रहों में से एक हैं तथा लोगों को सम्पदा व बुद्धि प्रदान करता है। श्वेतरानेश्वरार नाम दो शब्दों श्वेतरानयम तथा ईश्वरार से मिलकर बना है, और श्वेतरानयम दो शब्दों- श्वेतम तथा अरण्यम से मिलकर बना है। मंदिर के द्वार पर नंदी की एक मूर्ति भी इस मंदिर की खासियत है। उनके शरीर पर घाव के 9 निशान हैं तथा इस देवी मंदिर के द्वार पर ही स्थापित किया गया है। इसका मुख भगवान शंकर के मंदिर की ओर है तथा कान देवी की तरफ उन्मुख हैं, जो यह दर्शाते हैं कि नंदी दिव्य जोड़े शिव व पार्वती से आज्ञा लेने को तत्पर हैं।

आदि कुम्बेस्वर मन्दिर कुंभकोणम का कुम्बेस्वर मन्दिर भगवान शिव को समर्पित है और महामहाम का वार्षिक उत्सव इसी मन्दिर में मनाया जाता है। मन्दिर कम से कम 1300 साल पुराना है। मन्दिर 7वीं शताब्दी से अस्तित्व में है जब शहर पर चोलों का शासन था। मन्दिर का उल्लेख 7वीं शताब्दी में तमिलनाडु के सन्त कवि द्वारा रचित साईवनायानार के श्लोकों में मिलता है। 15वीं से 17वीं शताब्दी के बीच नायक शासकों द्वारा इस मन्दिर में बहुत काम किया गया और इसका विस्तार भी किया गया। आज, यह शहर का सबसे बड़ा शिव मन्दिर है जिसमें कि एक 125 फीट ऊँचा नौ मन्जिला विशाल खम्भा राजागुपुरम् प्रवेशद्वार पर स्थित है। मन्दिर परिसर के अन्दर ही तीन विशाल सकेन्द्रीय परिसर हैं।



जम्‍बूलिंगेश्‍वर मंदिर,श्रीरंगम जम्‍बूलिंगेश्‍वर मंदिर श्रीरंगम के पास तिरुवनैकवल में स्थित है साथ ही ये मंदिर चोल वंश के राजाओं द्वारा कराये गए निर्माण का एक बेहतरीन नमूना है । इस मंदिर की दीवारों पर शिलालेख बने हुए है जो स्‍पष्‍ट रूप से बयां करते है कि वह चोल वंश के है। यह मंदिर लगभग 1800 साल पुराना है लेकिन आज भी इस मंदिर की स्थिति काफी बेहतर है। जम्‍बूकेश्‍वरा गर्भगृह के नीचे पानी का एक स्‍त्रोत भी खोजा गया है। समय के साथ - साथ, जल का यह स्‍त्रोत खाली हो गया, इसे भरने का काफी प्रयास किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव के लिए इसी स्‍थान पर तपस्‍या की थी। इस स्‍थान पर देवी पार्वती ने अखिलेश्‍वरी देवी का रूप धारण किया था और जंगल में तपस्‍या शुरू कर दी थी।




त्‍यागराजस्‍वामी मंदिर, तिरूवरूर त्‍यागराजस्‍वामी मंदिर, तमिलनाडू के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इसे लगभग एक सौ साल पहले चोल वंश के द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर का परिसर 33 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इस क्षेत्र में कई छोटे - छोटे मंदिर बने हुए है। इस मंदिर का मुख्‍य भाग, दो हिस्‍सों में विभाजित है, एक भाग में भगवान शिव के वाल्मिकीनाथर स्‍वरूप की पूजा की जाती है। जबकि दूसरे भाग में त्‍यागराजर की पूजा की जाती है। यह दोनों ही भाग, दर्शनार्थियों के लिए हमेशा खुले रहते है। दोनों ही भागों में भगवान शिव के रूपों की आराधना होती है। वाल्मिकीनाथर श्राइन में पुतुरू को शिवलिंग के स्‍थान पर रखा गया है। इस मंदिर में यहां गाएं जाने भजन काफी लोकप्रिय होते है। जिन्‍हे 7 वीं सदी के सेवा नयाम्‍मर्स द्वारा बनाया गया था।