पासपोर्ट के लिए अब अपने ही जिले में इंटरव्यू
उप्र से योजना की शुरुआत, फिर राजस्थान में लागू होगी
नई दिल्ली दिल्ली के बाहर रहने वाले लोग जो पासपोर्ट लेना चाहते हैं, उन्हें अब इसके लिए रीजनल पासपोर्ट ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी। आवेदन के बाद उन्हें अपने ही जिले या अधिकतम पड़ोस के जिले में पासपोर्ट के इंटरव्यू की व्यवस्था होगी। इसी के आधार पर उन्हें पासपोर्ट दिया जाएगा। योजना का नाम होगा 'पासपोर्ट आपके द्वार'। इसकी शुरुआत उप्र के फर्रुखाबाद से 14-15 दिसंबर को हो रही है। अगले चरण में राजस्थान सहित मध्यप्रदेश, झारखंड-बिहार, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में योजना पर अमल होगा। इसके बाद देश के अन्य हिस्सों में भी इसे लागू किया जाएगा। खास बात यह है कि इस सुविधा के लिए आवेदकों से कोई फीस नहीं वसूली जाएगी।
मौजूदा प्रक्रिया
फिलहाल पासपोर्ट हासिल करने या इसे रिन्यू कराने के लिए ऑनलाइन फार्म भरना होता है। इसके बाद आवेदक को अपने सभी दस्तावेज लेकर इंटरव्यू के लिए रीजनल पासपोर्ट ऑफिस जाना होता है। राज्यों में पासपोर्ट के रीजनल ऑफिस राजधानी या कुछ चुनिंदा शहरों में ही होते हैं।
------
नई प्रक्रिया:
'पासपोर्ट आपके द्वार' योजना के तहत विदेश मंत्रालय पासपोर्ट मेला आयोजित करेगा। इसमें आवेदक की फोटो खींचने से लेकर उंगलियों के निशान लेने तक की मशीन होगी। आवेदकों को जिले में पासपोर्ट अधिकारियों के आने का समय बता दिया जाएगा। सभी औपचारिकताएं मेले में ही पूरी की जाएगी। इसके बाद उनके पासपोर्ट डाक से भेज दिए जाएंगे।
--------
अगला चरण पासपोर्ट सेवा वैन
विदेश मंत्रालय पासपोर्ट सेवा वैन योजना की भी तैयारी कर रहा है। इसके विशेष वैन तैयार की जा रही है। इसमें सभी जरूरी मशीन होंगी। पासपोर्ट अधिकारी इन गाडिय़ों में बैठकर विभिन्न जिलों में जाएंगे। दस्तावेज सत्यापन के साथ अन्य प्रक्रिया को पूरी करेंगे। फिर पासपोर्ट मेला लगाने की जरूरत खत्म हो जाएगी।
------
नई प्रक्रिया:
'पासपोर्ट आपके द्वार' योजना के तहत विदेश मंत्रालय पासपोर्ट मेला आयोजित करेगा। इसमें आवेदक की फोटो खींचने से लेकर उंगलियों के निशान लेने तक की मशीन होगी। आवेदकों को जिले में पासपोर्ट अधिकारियों के आने का समय बता दिया जाएगा। सभी औपचारिकताएं मेले में ही पूरी की जाएगी। इसके बाद उनके पासपोर्ट डाक से भेज दिए जाएंगे।
--------
अगला चरण पासपोर्ट सेवा वैन
विदेश मंत्रालय पासपोर्ट सेवा वैन योजना की भी तैयारी कर रहा है। इसके विशेष वैन तैयार की जा रही है। इसमें सभी जरूरी मशीन होंगी। पासपोर्ट अधिकारी इन गाडिय़ों में बैठकर विभिन्न जिलों में जाएंगे। दस्तावेज सत्यापन के साथ अन्य प्रक्रिया को पूरी करेंगे। फिर पासपोर्ट मेला लगाने की जरूरत खत्म हो जाएगी।
Gays are like a minority groups in India. So they must be declared as Minority Group and a Gay each must be appointed as a Chairman of Minority Commission and Human Right Commission.
जवाब देंहटाएं